देहरादून, महाकुंभ प्रयागराज से एसडीआरएफ के 112 कार्मिकों की टीम के उत्तराखण्ड वापस आने पर मुख्यमंत्री आवास में अभिनन्दन कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि एसडीआरएफ टीम ने महाकुंभ में अपनी दक्षता का बेहतरीन प्रदर्शन कर उत्तराखण्ड का मान बढ़ाया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने एसडीआरएफ की टीम को पुरस्कार स्वरूप ₹5 लाख का चेक भी सौंपा।
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ प्रयागराज में बेहतर सेवाएं देने पर एसडीआरएफ की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ये अनुभव हरिद्वार के 2027 कुंभ में काम आयेंगे। इससे कुंभ को भव्य रूप से आयोजित करने में मदद भी मिलेगी। इस महाकुंभ से हमारे जवानों का आत्मविश्वास बढ़ा है तथा भविष्य में हम भीड़ का कुशल प्रबंधन करने में सफल होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म के महासंगम की चुनौती को संभालना चुनौतीपूर्ण कार्य था। बेहतर व्यवस्थाओं और प्रबंधन से उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखण्ड सरकार का सर ऊंचा हुआ है। यही अनुभव 2027 के कुंभ में मददगार साबित होंगे। हमारा प्रयास है कि वाहनों के लिए सुनियोजित पार्किंग व्यवस्था हो जिसके लिए सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों और आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। इन चुनौतियों से पार पाने के लिए एसडीआरएफ द्वारा सराहनीय कार्य किए गए हैं। श्रेष्ठ आपदा प्रबंधन में एसडीआरएफ की अहम भूमिका रही है। आपदा प्रबंधन के लिए क्विक रिस्पॉन्स और अत्याधुनिक उपकरणों से राज्य में आपदा के प्रभाव को कम करने में काफी मदद मिली है।
इस दौरान कार्यक्रम में उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति विनय रोहिला, सचिव गृह शैलेश बगौली, डीजीपी दीपम सेठ, एडीजी अमित सिन्हा, वी. मुरुगेशन, ए. पी अंशुमान, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, आईजी एसडीआरएफ श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, कमांडेंट एसडीआरएफ अर्पण यदुवंशी एवं एसडीआरएफ के अधिकारी और जवान उपस्थित रहे।
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