हरिद्वार 23 फरवरी (कुल भूषण ) भगवान के नाम का स्मरण करने मात्र से ही मनुष्य समस्त पाप कर्मों से छूटकर मोक्ष को प्राप्त कर लेता है। जन्म और मृत्यु पर भगवान का ही अधिकार है लेकिन संसारी कर्मों में लीन होने क कारण मनुष्य भगवान को ही भूल जाता है। इसके चलते उसे नाना प्रकार के दुखों को भोगना पड़ता है ।
उक्त विचार भागवत कथाचार्य सुशील कुमार पाठक ने सिडकुल के नेहरू कॉलोनी में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के अवसर पर व्यक्त किए । कथा व्यास सुशील कुमार पाठक ने कहा कि मनुष्य के जीवन में आने वाले कष्ट भगवान की परीक्षा है जिस पर उत्तीर्ण होने पर ही ईश्वर से मिलन संभव है।
कथा में सुमित अनुराग पाठक अनुज बाजपेई एवं आयोजन समिति के सदस्य पवन सिंह अमन सिंह नीरा सिंह अनिरुद्ध तिवारी वरुण शुक्ला रेनू शुक्ला अश्वनी शुक्ला शिवम शुक्ला जुगल किशोर मिश्रा मनीष मिश्रा सहित अन्य कॉलोनी के लोग मौजूद रहे।
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