देहरादून, आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत गांधी पार्क पर “मेरी माटी मेरा देश” अभियान में मुख्य अतिथि प्रेम चंद अग्रवाल, मंत्री शहरी विकास उत्तराखंड सरकार ने अपनी उपस्थिति से गौरवान्वित किया गया | मेयर देहरादून श्री सुनील उनियाल गामा जी की अध्यक्षता में कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
मुख्य अतिथि द्वारा सर्वप्रथम झण्डा रोहण, राष्ट्रगान के उपरांत शिला फालकम का उद्घाटन किया गया, साथ ही इस अवसर पर पवित्र मिट्टी व दीयों को हाथ में लेकर सभी को पंच प्रण शपथ दिलाई गई । इसके बाद कार्यक्रम मे आए हुए सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं उनके परिजनों को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
कैबिनेट मंत्री नेअपने संबोधन में कहा कि 15 अगस्त1947 भारतीय इतिहास का सर्वाधिक भाग्यशाली और महत्वपूर्ण दिन था, जब हमारे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सब कुछ न्योछावर कर भारत देश के लिए आजादी हासिल की। आज हम उनकी महान सेनानियों की याद में एवं उनके सम्मान में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। भारत को आजाद हुए 77 साल हो गए हैं और हम सभी 140 करोड़ देशवासी हमारे सेनानियों के इस बलिदान को कभी भूल नहीं सकते। मिट्टी को नमन, वीरों का वंदन, मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम के अंतर्गत हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजनों को सम्मानित करने का अवसर आज प्राप्त हुआ है |
महापौर श्री सुनील उनियाल गामा ने कहा गया कि आजादी के लिए जिन्होंने अपना योगदान दिया, बलिदान दिया, त्याग किया है, तपस्या की है, उन सभी का आज के कार्यक्रम में आदरपूर्वक में नमन करता हूं | स्वतंत्रता के आंदोलन में हमारी नारी शक्ति, देश की युवा शक्ति, देश के किसान ,गांव के लोग, हमारे सिपाही ,ऐसे अनेकजनों ने अपना योगदान दिया है, गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल कर, हमारा देश पंच प्रण को समर्पित होकर एक नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है, मेयर गामा ने सभी को अपनी सेल्फी merimaatimeradesh.Gov.in पर अपलोड करने की अपील की।
आज के इस कार्यक्रम में नगर आयुक्त श्री मनुज गोयल जी, सहायक निदेशक शहरी विकास श्री विनोद जी, नगर निगम ब्रांड एम्बेसडर, पार्षद गण, अपर नगर आयुक्त श्री जगदीश लाल जी, उप नगर आयुक्त श्री रोहिताश शर्मा जी , स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आदि मौजूद रही।
संयुक्त किसान मोर्चे का 16वें दिन धरना जारी : कॉरपोरेट घरानों का दबाव इतना ज्यादा है कि किसानों पर दमनकारी नीतियों अपना रही सरकार : ताजेंद्र सिंह
देहरादून (डोईवाला), संयुक्त किसान मोर्चे का टाउनशिप योजना के खिलाफ 16 दिन से लगातार चल रहे धरने पर किसानों ने सरकार द्वारा किसानों पर लगाए गये मुकदमों को लेकर अपना गुस्सा दिखाया। किसान बोले कि ये सरकार कि बोखलाहट हैं, सरकार की किसान विरोधी टाउनशिप योजना और शुगर मिल को बेचे जाने के खिलाफ किसानों ने आज 16वें दिन शांतिपूर्ण तरीके से चल धरने पर सरकार को जम कर कोसा।
किसानों को सम्बोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चे के संयोजक ताजेंद्र सिंह ने कहा की आज किसानों की बद किस्मती है की सत्ता में बैठे लोग किसान विरोधी तो है ही साथ साथ कॉरपोरेट घरानों का दबाव इतना ज्यादा है कि किसानों पर दमनकारी नीतियों अपना रहे हैं यही कारण है कि किसानों के खिलाफ लगातार फैसले लिये जा रहे है और अगर किसान इस लोकतान्त्रिक देश में अपनी आवाज उठाना चाहता है तो उन पर दमनकारी नीतियां अपना कर झूठे मुकदमे किये जा रहे हैं। सरकार कि इस दमनकारी नीतियों से पता चलता है कि सरकार कितनी बोखलाहट में है।
किसान यूनियन जिला अध्यक्ष ने कहा कि सरकार कितना भी जुल्म किसानों पर कर ले लेकिन इस लोकतान्त्रिक देश में किसानों कि आवाज को नहीं दबा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों कि एक मात्र आजीविका का स्रोत डोईवाला गन्ना मिल को बेचकर पूंजीपतियों के हवाले करना चाहती है जो सरासर किसानों के साथ धोखा है।
किसान सभा मंडल अध्यक्ष बलबीर सिंह, उपाध्यक्ष ज़ाहिद अंजुम ने राज्य सरकार को एक दमनकारी सरकार बताते हुए कहा कि किसानों पर झूठे मुकदमें कराकर उनकी आवाज को नहीं दबाया जा सकता और किसान विरोधी नीतियों से लडता रहेगा चाहे सरकार कितने भी मुकदमे क्यों न कर लें। उमेद वोरा ने धरने का संचालन करते हुए कहा कि सरकार किसानों क़ो लगातार दबाने पर लगी है और झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा अगर सरकार कि नीयत अगर इतनी ही साफ है कि कोई योजना डोईवाला में नहीं प्रस्तावित है तो भाषण बाजी से क्यों जवाब दे रही है क्या किसान जो कि अन्नदाता कहलाता है उसकी संतुष्टि के लिये सरकार की तरफ से लिखित आश्वासन क्यों नहीं देती। क्षेत्र के किसानों को अपनी खेती बाड़ी छोड़कर आंदोलन, धरने पर बैठने के लिये क्यों मजबूर किया जा रहा है जबकि वह सरकार से कोई अतिरिक्त सहायता नहीं मांग रहा है | बल्कि सिर्फ अपनी जमीन की सुरक्षा की गारंटी मांग रहा है।
गन्ना सोसाइटी के चेयरमैन मनोज नौटियाल ने सरकार की बोखलाहट पर कहा कि सरकार लोकतान्त्रिक ढांचे को बिल्कुल तहस नहस करना चाहती है और उसी बौखलाहट का नतीजा है कि किसानों द्वारा सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी दिखाते हुए जो पुतला फूंका गया है उसमें 12 किसानों पर नामजद और बाकी अन्य के खिलाफ मुकदमें दर्ज करके आवाज को दबाने का काम कर रही है। लेकिन शायद उनको ये अहसास नहीं है कि ये वहीं किसान है जो आम नागरिक कि थाली में खाना पहुँचाते है तो सरकार को भी बाहर पहुंचा सकते है। उन्होंने कहा कि जहां जहां भी भाजपा की सरकार है वहीं किसानों, मजदूरों, अल्पसंख्यकों और दलित समाज का उत्पीड़न किया जा रहा है और उनकी यही नीति उनको सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी।
धरने को सागर मनवाल, अनिल प्रधान, गुरदीप सिंह, बलबीर सिंह, इंद्रजीत सिंह, रणवीर चौहान,मोहित उनियालइंदरजीत सिंह,, पूनम संदाल, करतार नेगी, एडवोकेट तुसार, एडवोकेट शाकिर हुसैन,महेश लोधी, सुभम कम्बोज, फुरकान अहमद कुरैशी,अनूप कुमार, अजीत सिंह प्रिंस आदि ने भी सम्बोधित करते हुए किसानों पर लगाए गये मुकदमों की कड़े शब्दों मे निंदा की और किसानों के होंसले क़ो बुलंद करते हुए सरकार की नीतियों का खुलकर मुकाबला करने की अपील की।
धरने में कृष्ण कुमार, हरबंश सिंह, रंजीत सिंह, रणजीत सिंह,सरजीत सिंह,सावन राठौर, नितिन गोला, प्रेम सिंह, खालिद, असलम, नरेंद्र सिंह, अवतार सिंह,अजीत सिंह, मोहन सिंह,सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।
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