देहरादून, एम्स ऋषिकेश में नियुक्ति में अनियमितता मामले में देहरादून के सामाजिक संगठनों ने आक्रोश जताया। संगठनों ने जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की इसके साथ ही स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने की मांग की।
गढ़वाल सभा, उत्तराखंड महिला मंच, कर्मचारी संगठन के सदस्यों और क्षेत्रवासियों ने अजबपुर स्थित सरस्वती विहार चौक पर प्रदर्शन किया। गढ़वाल सभा के महासचिव गजेंद्र भंडारी ने कहा कि एम्स ऋषिकेश में नर्सिंग संवर्ग के पदों पर एक ही राज्य के 600 युवाओं को नियुक्ति देने का मामला सामने आया है। अन्य राज्यों से इस तरह नियुक्ति हो रही, जबकि स्थानीय युवा बेरोजगार सड़क पर घूम रहे हैं।
उत्तराखंड महिला मंच की जिला संयोजक निर्मला बिष्ट ने कहा कि राज्य निर्माण के दौरान यहां के युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध करवाने का सपना देखा गया था, लेकिन जिस तरह से गुपचुप और गलत तरीके से नियुक्ति की जा रही है, इससे उत्तराखंड का युवा निराश है। यदि इस मामले में शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। प्रदर्शन करने वालों में अखिल गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना, कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष पंचम सिंह बिष्ट, क्षेत्र समिति के उपाध्यक्ष बीएस चौहान, आशीष गुसाईं, सतेंद्र उनियाल, विनोद चौहान, मानवेंद्र बर्त्वाल, दीपक काला, राम सिंह सजवाण, विजय गुप्ता आदि मौजूद रहे।
एम्स नियुक्ति की केन्द्र सरकार से की जांच की मांग
राज्य आंदोलनकारियों ने एम्स ऋषिकेश में नियुक्ति का विरोध करते हुए केंद्र सरकार से जांच की मांग की है। उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी और जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने बयान जारी कर कहा कि एम्स प्रबंधन की मनमानी को लेकर पूर्व में भी आंदोलनकारियों ने प्रदर्शन और तत्कालीन निदेशक का घेराव किया था। महासचिव रामलाल खंडूड़ी ने कहा कि स्थानीय को रोजगार देने के बजाय अन्य राज्यों से गार्ड से लेकर नर्स आदि पदों पर नियुक्ति की गई। केंद्र सरकार को इस मामले में शीघ्र जांच करनी चाहिए।
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