Friday, November 22, 2024
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फर्जीवाड़ा कर जमीन हड़पने का मामला : राज्य के पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू सहित आठ पर मुकदमा दर्ज

देहरादून, उत्तराखण्ड़ राज्य बनने के बाद जमीनों के खरीद फरोख्त का धंधा खूब चल रहा है, भू माफिया भी नदी नालों और सरकारी जमीनों को भी बैचने में पीछे नहीं है, लगातार हो रहे फर्जी कब्जों की शिकायत आये समाचार पत्रों सुर्खियां बनी रहती है, बहीं फर्जी व्यक्ति के नाम पर देहरादून के राजपुर क्षेत्र में जमीन पर कब्जा करने और पेड़ों के अवैध कटान करने के मामले में राजपुर थाना पुलिस ने तत्कालीन डीजीपी बीएस सिद्धू और तत्कालीन अपर तहसीलदार शूजाउद्दीन सहित आठ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

शिकायतकर्ता आशुतोष सिंह प्रभागीय वन अधिकारी मसूरी वन प्रभाग ने तहरीर दी है कि तत्कालीन डीजीपी बीएस सिद्धू ने महानिदेशक के पद पर रहते हुए मसूरी रोड स्थित जमीन के (जिसे भारतीय वन अधिनियम के तहत आरक्षित वन घोषित किया गया था) मेरठ के दो अधिवक्ता दीपक शर्मा व स्मिता दीक्षित के कहने पर फर्जी दस्तावेज बनाए। तत्कालीन अपर तहसीलदार सदर के साथ मिलकर जमीन पर कब्जा किया
उन्होंने नकली नाथूराम और कुछ गवाहों को दिखा कर 21 मई 2012 को जमीन अपने नाम रजिस्टर करवा दी। जबकि असली नाथूराम की मृत्यु वन 1983 में हो चुकी थी। बीएस सिद्धू ने तत्कालीन अपर तहसीलदार सदर के साथ मिलकर जमीन पर कब्जा किया।
यही नहीं जमीन पर खड़े 25 पेड़ भी काट दिए और बीएस सिद्धू ने वन अधिकारियों व कुछ कर्मचारियों पर दबाव बनाने के लिए पद का दुरुपयोग करते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया। जांच के बाद पुलिस ने तत्कालीन डीजीपी बीएस सिद्धू, तत्कालीन अपर तहसीलदार शूजाउद्दीन, महेंद्र सिंह, नकली नथुराम, दीपक शर्मा, स्मिता दीक्षित, सुभाष शर्मा और कृष्ण के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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