(आशीष गर्ग)
देहरादून, उत्तराखंड़ की राजधानी दून को स्मार्ट सिटी की ओर ले जाने की कवायद जारी है, इसी कड़ी में जनपद में तबाड़ तोड़ विकास के कार्य जारी है, जैसा कि आपको मालूम है कि देहरादून के सहस्त्रधारा रोड के चौड़ीकरण के लिए पीडब्लूडी करीब 2057 स्वस्थ पेड़ काटने के लिए आगे बढ़ चुका था जिसपर नैनीताल उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। रोक लगाने का एक प्रमुख कारण यह भी है कि 2018 में PWD ने इस रोड को एक स्मार्ट रोड जैसे कि पेड़ बचाने, बिजली की लाइन भूमिगत करने के लिए, पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ बनाने के लिए इत्यादि, बनाने के लिए DPR में शामिल करने के लिए स्वीकृति दे दी थी। लेकिन 2022 में टेंडर अवार्ड करते समय, पूरे रोड की चौड़ाई पर डामरीकरण कर , बिना बिजली की लाइन भूमिगत किए, पेड़ काटने के लिए 77 करोड़ रुपए में यह काम करने के लिए तैयारी शुरू कर दी।
आप सबके सामने कुछ वास्तविकता से जुड़े तथ्य प्रस्तुत हैं।
1. क्या 2057 हरे भरे देहरादून की विरासत , जो इस इलाके को ठंडा, प्रदूषण मुक्त , पक्षियों को निवास और जल संचित करते हैं , इनको बिना सोचे विचारे काटना ठीक है ?
2.क्या ऐसा कुछ नही किया जा सकता कि रोड के चौड़ीकरण के साथ साथ इन पेड़ों को बचाया जा सके ?
3. क्या इस रोड को सीनियर सिटीजन, बच्चों के लिए सर्विस लेन और फुटपाथ इत्यादि से सुविधाजनक बनाकर दुर्घटना रहित रोड नही बनाया जाना चाहिए ?
4. क्या सहस्त्रधारा रोड जो घनी आबादी वाला क्षेत्र है, इसको रिंग रोड बनाना चाहिए ? जबकि रिंग रोड शहर से बाहर से निकाला जाना चाहिए जैसे कि काली मंदिर से डांडा होते हुए किरसली चौक तक ?
5. क्या जाम इत्यादि की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आज से 15/20 साल की दीर्घकालीन योजना नही बनानी चाहिए ?
6.क्या पेड़ काटने से पहले अतिक्रमण और बिजली की लाइन भूमिगत नही की जा सकती जिससे एक लेन की चौड़ाई और प्राप्त की जा सकती है?
7. सहस्त्रधारा रोड पर अभी सीवर लाइन नही डाली गई है। क्या अभी रोड पर 77 करोड़ खर्च करना एक अनावश्यक खर्च नही है और क्या यह ऑडिट के लिए वित्तीय अनिमियतता ( financial irregularity) का विषय नहीं है?
इन्हीं सब तथ्यों को देखते हुए एक आदर्श अर्बन प्लानिंग और स्मार्ट सिटी की दिशा में आगे बढ़ते हुए सहस्त्रधारा रोड के लिए एक इंजीनियरिंग समाधान दिया गया है जिसपर आप सब के बहुमूल्य सुझाव आमंत्रित हैं।
पहली ड्राइंग : रोड की आज की स्थिति
दूसरी ड्राइंग : PWD द्वारा प्रस्तावित रोड कार्य जिसमें हरियाली पूरी तरह से गायब है।
तीसरी ड्राइंग: स्मार्ट रोड जिसमें लगभग सभी पेड़ बचने की संभावना है , बिजली की लाइन अंडरग्राउंड और सर्विस लेन , फुटपाथ इत्यादि की सुविधा के साथ साथ रोड की चौड़ाई एक लेन और आगे बढ़ सकती है।
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