Sunday, November 24, 2024
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बैंकिंग उद्योग में पहली बार – बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने टैबलेट बैंकिंग के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए तत्काल बचत खाता खोलने की सेवा शुरू की

इससे एसएचजी के लिए बैंकिंग सेवाएं बहुत सरल हो जाएंगी तथा उनके लिए ऋण प्राप्त करना बेहद सुविधाजनक होगा.

 

देहरादून,  बैंकिंग उद्योग में एक नई पहल करते हुए, भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के अग्रणी बैंकों में से एक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा (बैंक) ने आज टैबलेट (बॉब वर्ल्ड – टैबइट) के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों के लिए डिजिटल तरीके से तत्काल बचत खाता खोलने की सेवा के शुभारंभ की घोषणा की है।

बॉब वर्ल्ड – टैबइट के माध्यम से एसएचजी के लिए खाता खोलने की शुरुआत करते हुए, बैंक ने एसएचजी को अपने साथ जोड़ने की प्रक्रिया का डिजिटलीकरण कर दिया है, जिससे तुरंत खाता खोलना संभव होगा तथा स्वयं सहायता समूहों को बैंकिंग का बेहतर एवं अधिक सुविधाजनक अनुभव प्रदान किया जा सकेगा। इस पहल से स्वयं सहायता समूहों को तेजी से क्रेडिट लिंकेज की सुविधा भी मिल सकेगी, जिससे भारत सरकार के मिशन ख्दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को समर्थन मिलेगा और इसके परिणामस्वरूप बैंकिंग की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।

 

बॉब वर्ल्ड- टैबइट के माध्यम से खोले जाने वाले एसएचजी के तत्काल बचत खाते की मुख्य विशेषताएँ

 

– तत्काल खाता खोलने और ग्राहकों को बैंक से जोड़ने के उद्देश्य से एसएचजी के खाता खोलने की पूरी प्रक्रिया का डिजिटलीकरण

– खाता खोलने की प्रक्रिया के दौरान एकीकृत सेवाओं के अनुरोध, जैसे कि व्यक्तिगत चेक बुक, ैडै अलर्ट आदि के लिए पंजीकरण

– ग्राहकों के लिए उपयोगकर्ता के तौर पर बेहतर अनुभव

– आधार इकोसिस्टम पर निर्मित

 

इस मौके पर बैंक ऑफ़ बड़ौदा के मुख्य डिजिटल अधिकारी श्री अखिल हांडा ने कहा कि “बैंक ऑफ़ बड़ौदा अपने ग्राहकों को बेहतर अनुभव प्रदान करने और बैंकिंग सेवाओं को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए नए-नए डिजिटल उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत रहा है। श्बॉब वर्ल्ड- टैबइटश् के माध्यम से एसएचजी के तत्काल बचत खाते खोलने की शुरुआत भी इस दृष्टिकोण पर आधारित है, और सही मायने में यह एसएचजी के लिए बैंकिंग सेवाओं को सरल बनाने की दिशा में पूरी निष्ठा से किया गया एक और प्रयास है, जिससे क्रेडिट लिंकेज को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण ग्राहकों के उत्थान में सहायता मिलेगी । आने वाले दिनों में, हम कुल एसएचजी खातों में से लगभग 75 प्रतिशत खाते डिजिटल तरीके से खोलने की उम्मीद करते हैं।

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