Monday, May 19, 2025
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रिस्पना बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर; इन्टिग्रेटेड कार्यवाही लिए कलैक्ट्रेट में कॉमन वर्किंग एरिया तैयार

सर्वे, फ्लाइओवर निर्माण, पुर्नवास, मुआवजा वितरण में जिला प्रशासन रहेगा फ्रन्टलाईन पर : डीएम

देहरादून, जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार में देहरादून शहर की प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना की समीक्षा बैठक करते हुए विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देेश दिए। इस दौरान कार्यदायी संस्था निर्माण निगम लोनिवि द्वारा परियोजना की प्रजेंन्टेशन के माध्यम से प्रस्तुति दी गई। डीएम के निर्देश पर रिस्पना व बिन्दाल एलिवेटेड कॉरिडोर की इन्टिग्रेटेड कार्यवाही हेतु आपदा कार्यालय में कॉमन वर्किंग एरिया तैयार कर लिया गया है जिसमें सभी विभागों के परियोजना से सम्बन्धित अधिकारी एवं कार्मिक एक साथ समन्वय से कार्य सम्पादित कर कर रहे है।
वहीं प्रशासन रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड; परियोजना पर युद्धस्तर पर आगे बढ रहा है। जिला प्रशासन पीडब्लूडी सहायतार्थ खड़ा होकर प्रभावितों के हित, जमीन, परिवारों का किया जाएगा संरक्षण के पूर्ण सहयोगरत है। डीएम अपनी राजधानी को जाम से निजात दिलाने का संभाव्य जरियाः मा0 मुख्यमंत्री के प्रताप से जिला प्रशासन करवाएगा स्थापित कराने के प्रतिबद्ध है जिसके लिए कलेक्टेªट में एक ही छत के नीचे एसडीएम व परियोजना के समस्त नोडल अधिकारी व कार्मिक कार्य कर रहे हैं। डीएम के निर्देश पर रिस्पना बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर; इन्टिग्रेटेड कार्यवाही को कलैक्टेªट में कॉमन वर्किंग एरिया तैयार किया गया है। जिला प्रशासन एलिवेटेड कॉरिडोर के सर्वे, फ्लाइओव निर्माण, पुर्नवास, मुआवजा, वितरण में फ्रन्टलाईन की भूमिका में कार्य कर रहा है। आर0ओ0डब्लू0/सीमांकन कार्यवाही गतिमान; भूमि अधिग्रहण कार्यवाही तेज है। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को आपसी समन्वय से कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित परिवारों के विस्थापन, मुआवजे आदि समुचित कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। नगर निगम एंव एमडीडीए के अधिकारियों को भूमि का विस्तृत भूमि विवरण प्रस्तुत करने को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड कारिडोर परियोजना व्यापक जनहित तथा मा0 मुख्यमंत्री जी प्राथमिकता का प्राजेक्ट है तथा इसकी मॉनिटिरिंग की जा रही है। डीएम का इस प्राजेक्ट पर विशेष फोकस है, उन्होंने अधिकारियों को आपसी समन्वय से इस प्राजेक्ट को धरातल पर उतारने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने राजस्व, एमडीडीए, नगर निगम, यूपीसीएल आदि सम्बन्धित विभागों के नामित अधिकारी एवं कार्मिक जो एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना के अन्तर्गत कार्य कर रहे हैं वे सभी अधिकारी/कार्मिक आपदा कार्यालय में कॉमन वर्किंग एरिया तैयार किय गया है। फील्ड में अधिकारियों को सैक्टर, जोनवार आंविटत करतेे हुए फील्ड सम्बन्धी कार्यों मौका मुआवना अन्य फील्ड सम्बन्धी कार्यवाही गतिमान है। बिन्दाल एलीवेटेड कॉरिडोर पर लगभग 7.00 हेक्टेयर में मौके पर नदी प्रदर्शित हो रही है, लेकिन राजस्व विभाग द्वारा भूमि की श्रेणी नदी/नॉन जेड ए को निजी व्यक्तियों के स्वामित्व में दर्शाया गया है, जिस पर डीएम ने प्रकरण को शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिए। डीएम ने वन विभाग के अधिकारियों को बिन्दाल एवं रिस्पना ऐलिवेटेड कोरिडोर में प्रभावित वन भूमि हस्तान्तरण प्रकिया में सहयोग, प्रभावित वृक्षों के पातन, ट्रांसप्लांट इत्यादि कार्यवाही को समन्वय के निर्देश दिए।
बैठक में जानकारी देते हुए बताया गया कि बिन्दाल कॉरिडोर मंे वन भूमि हस्तान्तरण हेतु 4.00 है0 एवं रिस्पना कॉरिडोर हेतु 4.20 हेक्टेयर सी0ए0 लैण्ड पर डीएम ने कार्यवाही के निर्देश राजस्व विभाग के अधिकारियों दिए। बिन्दाल कॉरिडोर में चुक्खूवाला, डोभालवाला एवं विजयपुर हाथीबड़कला क्षेत्र में प्रभावित संरेखण नदी में 2295 मी0 लम्बाई में सेना की भूमि से गुजरता है। कुल प्रभावित क्षेत्रफल 4.90 है0 में से पियर हेतु प्रभावित क्षेत्रफल 0.51 है0 आता है। सेना की भूमि के हस्तान्तरण हेतु संयुक्त निरीक्षण एवं प्रस्ताव के परीक्षण हेतु प्रस्ताव रक्षा संपदा कार्यालय में प्रस्तुत किया गया है। दोनों कॉरिडोरों में मौके पर आर0ओ0डब्लू0/सीमांकन करने की कार्यवाही गतिमान। इन्टीग्रेटेड कार्यवाही हेतु आपदा कार्यालय में कॉमन वर्किंग एरिया तैयार कर दिया गया है। रिस्पना एलिवेटेड रोड के लिए प्रभावित कुल भूमि का क्षेत्रफल 44.8216 हेक्टेयर, जिसमें सरकारी भूमि 42.648 हेक्टेयर, निजी भूमि 2.1736 हेक्टेयर है। प्रभावित कुल स्थायी संरचनाएँ 771 प्रभावित कुल अस्थायी संरचनाएँ 349 कुल प्रभावित संरचनाएँ 1120 हैं। वहीं बिन्दाल एलिवेटेड रोड के लिए प्रभावित कुल भूमि का क्षेत्रफल 43.9151 हेक्टेयर, सरकारी भूमि 25.7968 हेक्टेयर, निजी भूमि 18.1183 हेक्टेयर, वन भूमि 1.96 हेक्टेयर, आवश्यक सी0ए0 लैण्ड 4.00 हेक्टेयर, रक्षा सम्पदा भूमि 4.93 हेक्टेयर, पियर फाउंडेशन हेतु भूमि 0.42 हेक्टेयर तथा प्रभावित स्थायी संरचनायें 934, अस्थायी संरचनायें 560, कुल प्रभावित संरचनायें 1494 है।
बैठक में बताया गया कि आई०आई०टी० रुड़की द्वारा हाइड्रोलॉजिकल मॉडल स्टडी सम्पादित है, समस्त यूटिलिटी, सेवा के विभागों के साथ संयुक्त निरीक्षण कर सेवाओं के शिफ्टिंग के आगणन प्राप्त हो गए हैं। राजस्व विभाग द्वारा भू अधिग्रहण की कार्यवाही गतिमान है। धारा 4 प्रकाशित कर दिया गया हैं तथा धरातल पर एस०आई०ए० का कार्य गतिमान। रिस्पना कॉरिडोर में 9 कि०मी० की लम्बाई तथा बिन्दाल कॉरिडोर में 10 कि0मी लम्बाई में एस0आई0ए0 सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। बिन्दाल कॉरिडोर मंे वन भूमि हस्तान्तरण हेतु 4.00 है0 एवं रिस्पना कॉरिडोर हेतु 4.20 हेक्टेयर सी0ए0 लैण्ड पर जिलाधिकारी ने त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए। बिन्दाल कॉरिडोर में चुक्खूवाला, डोभालवाला एवं विजयपुर हाथीबड़कला क्षेत्र में प्रभावित संरेखण नदी में 2295 मी0 लम्बाई में सेना की भूमि से गुजरता है। कुल प्रभावित क्षेत्रफल 4.90 है0 में से पियर हेतु प्रभावित क्षेत्रफल 0.51 है0 आता है। सेना की भूमि के हस्तान्तरण हेतु संयुक्त निरीक्षण एवं प्रस्ताव के परीक्षण हेतु प्रस्ताव रक्षा संपदा कार्यालय में प्रस्तुत किया गया है। दोनों कॉरिडोरों में मौके पर आर0ओ0डब्लू0/सीमांकन करने की कार्यवाही गतिमान है।
बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के.के मिश्रा, अपर नगर आयुक्त हेमंत कुमार, उप जिलाधिकारी सदर हरिगिरि, एसएलओ स्मृता परमार, उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी, अधीक्षण अभियंता मुकेश परमार, अधि.अभि लोनिवि जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी, यूपीसीएल, एमडीडीए आदि सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

 

नफरत के खिलाफ मशालें जलाये रखने का आह्वान

“बचा सको तो बचा लो उत्तराखंड अभियान के तहत गांधी पार्क में नुक्कड़ सभा और शांति मार्च”

(एल मोहन लखेड़ा)

देहरादून, उत्तराखंड इंसानियत मंच के बैनर तले सोमवार शाम को गांधी पार्क में नुक्कड़ सभा और गांधी पार्क से घंटाघर तक शांति मार्च का आयोजन किया। इस मौके पर नफरत के खिलाफ मशालें जलाये रखने का आह्वान किया गया और शांति और सद्भाव चाहने वाले लोगों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की गई।
नुक्कड़ सभा में सीपीआई नेता समर भंडारी ने कहा कि आज पूरे उत्तराखंड को इस तरह के अभियान की जरूरत है। जिस तरह से सरकार की शह पर पूरे राज्य में साम्प्रदायिक नफरत को हवा दी जा रही है, उससे निपटने के लिए हम सभी को एकजुट होने की जरूरत है। एडवोकेट रजिया बेग ने इस अभियान को पूरी तरह से समर्थन देने की बात कही और कहा कि उत्तराखंड राज्य में भाईचारे को बिगाड़ने के हर प्रयास का मजबूती के साथ मुकाबला किया जाएगा।
सीटू के लेखराज ने कहा कि इस तरह की वैमनस्यता से कुछ लोग राजनीतिक लाभ उठाते हैं, लेकिन आम नागरिकों और खासकर मजदूरों को इसका शिकार होना पड़ता है। उन्हों आम नागरिकों का आह्वाल किया कि वे नफरतियों के झांसे में न आयें। नफरत से न सिर्फ विकास अवरुद्ध होता है, बल्कि आम नागरिकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उत्तराखंड क्रांति दल के लताफत हुसैन ने कहा कि उत्तराखंड ने हमेशा सामाजिक सद्भाव की मिसाल कायम की है। इस राज्य में नफरतियों के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे।
एसएफआई के हिमांशु चौहान ने कहा कि सरकारी कॉलेजों में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। स्कूलों में न अध्यापक हैं और न प्रिंसिपल। यदि ललित मोहन सती जैसा कोई अध्यापक मंत्री से शिकायत करता है तो उन्हें नोटिस भेज दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि इन्हीं सब कमियों पर पर्दा डालने के लिए हिन्दू मुसलमान और पहाड़ मैदान का विवाद पैदा किया जा रहा है। सभा का संचालन करते हुए उत्तराखंड इंसानियत मंच के त्रिलोचन भट्ट ने कहा कि आज उत्तराखंड की सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण है। ग्लोबल वार्मिंग से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में हिमालय भी शामिल है। यही स्थिति रही तो आने वाले समय में हिमालय के ग्लेशियर पिघल जाएंगे और गंगा-यमुना जैसी नदियों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, ऐसा वैज्ञानिकों कहना है। इस स्थिति में इस राज्य के एक-एक व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण की लड़ाई लड़नी चाहिए थी, लेकिन लोगों को हिन्दू-मुसलमान में उलझा दिया गया है।
जन नाट्यकर्मी सतीश धौलाखंडी ने ‘मशालें लेकर चलना कि जब तक रात बाकी है, संभल कर हद कदम रखना कि जब तक रात बाकी है’ जनगीत गाकर संघर्ष की मशाल जलाये रखने का आह्वान किया। इसके बाद गांधी पार्क से घंटाघर तक शांति मार्च निकाला गया। इस दौरान हम संविधान बचाने आये हैं, आओ हमारे साथ चलो और नफरत फैलाना नहंी चलेगा जैसे नारे लगाये गये और बचा सको तो बचा ले उत्तराखंड को अभियान के पर्चे बांटे गये।
इस मौके पर डॉ. रवि चोपड़ा, कमला पंत, उमा भट्ट, नन्द नन्दन पांडे, राघवेन्द्र, तुषार रावत, निर्मला बिष्ट, वीके डोभाल, राजेन्द्र पुरोहित, अनंत आकाश, हेमलता नेगी, सुरेन्द्र सिहं सजवाण, स्वाति नेगी, शीशपाल राजा, यशवीर आर्य, परमिन्दर सिंह, जगदीश कुकरेती सहित कई लोग मौजूद थे।

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