देहरादून (ऋषिकेश), राज्य में लगातार और रूकरूक हो रही बारिश ने हर जगह बाढ़ सा माहौल होने लगा | पर्वतीय क्षेत्र में पिछले 24 घंटे से हो रही मूसलधार बारिश से सभी नदियां उफान पर हैं। जिससे गंगा का जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान को पा कर गया है। प्रशासन ने गंगा के तटीय इलाकों को खाली करा दिया। त्रिवेणी घाट जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है। पक्के घाट पर करीब एक फीट पानी भर गया। गढ़वाल मंडल के विभिन्न इलाकों में पिछले 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है।
गंगा की सहायक नदियों में उफान आ गया है। जिसका असर गंगा के जल स्तर पर भी पड़ा है। ऋषिकेश में गंगा शनिवार की सुबह चेतावनी रेखा को पार कर गई थी। सुबह करीब नौ बजे गंगा खतरे के निशान को छूने लगी। शाम को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया।
यहां गंगा खतरे के निशान 340.50 मीटर को पार कर बह रही है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से त्रिवेणी घाट के प्लेटफार्म तक करीब एक फीट पानी भर गया। इस दौरान तमाशबीन बड़ी संख्या में यहां पहुंचने लगे। सुरक्षा की दृष्टि से कोतवाली पुलिस ने त्रिवेणी घाट जाने वाले सभी रास्तों को रस्सियों और बल्लियों से बंद कर दिया है। गंगा के तट पर कुंभ मेला के दौरान बनाए गए करीब डेढ़ दर्जन चेंजिंग रूम और स्टील के कूड़ादान बह गए।
गंगा के तटीय क्षेत्र चंद्रेश्वर नगर के निचले इलाकों में पानी नागरिकों के घरों तक पहुंच गया। सड़क पर कमर तक पानी था। त्रिवेणी घाट चौकी प्रभारी उत्तम रमोला के साथ नगर निगम की सफाई निरीक्षक सचिन रावत, अभिषेक मल्होत्रा, डीडी सेमवाल सहित जल पुलिस और आपदा प्रबंधन दल की टीम ने घरों में फंसे नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला |
इस दौरान कई व्यक्तियों के घरों में सामान को नुकसान की सूचना है। पुलिस और नगर निगम की टीम गंगा के तटीय इलाकों में नियमित गश्त करते हुए सभी को गंगा तक पहुंचने से रोकने में लगी रही। उप जिलाधिकारी मनीष कुमार, पुलिस उपाधीक्षक डीसी ढौंडियाल, तहसीलदार डा. अमृता शर्मा, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शिशुपाल सिंह नेगी ने सभी संवेदनशील क्षेत्र का निरंतर भ्रमण कर हालात का जायजा लिया |
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक पूरे दिन गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के नजदीक रहा। हालात को देखते हुए अगले 24 घंटे तक केंद्रीय जल आयोग ने प्रशासन को अलर्ट किया है। गंगा की सहायक नदी चंद्रभागा मैं भी अत्यधिक पानी आने से किनारे पर अवैध रूप बसी झुग्गी झोपडिय़ां खतरे की जद में आ गई | उधर, लक्ष्मण झूला और स्वर्गाश्रम क्षेत्र में भी गंगा उफान पर है। परमार्थ घाट सहित वेद निकेतन, गीता भवन, साधु समाज आदि घाट में पानी भर गया। परमार्थ निकेतन के समीप भगवान शिव की विशालकाय मूर्ति का प्लेटफार्म पानी में डूब चुका था। सिर्फ मूर्ति नजर आ रही थी। मुनिकीरेती क्षेत्र में भी थाना प्रभारी निरीक्षक कमल मोहन भंडारी ने बताया कि नगर पालिका, एसडीआरएफ, जल पुलिस और राजस्व विभाग सहित ङ्क्षसचाई विभाग की टीम गंगा के तटीय इलाकों में आने वाले व्यक्तियों को अलर्ट कर चुकी है।
यहां संभावित खतरे को देखते हुए संवेदनशील क्षेत्र में जल पुलिस और स्थानीय पुलिस की टीम को तैनात किया गया है। उप जिलाधिकारी नरेंद्र नगर युक्ता मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक आरके चमोली, पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी, अधिशासी अधिकारी बद्री प्रसाद भट्ट आदि ने सभी प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया।
राज्य में लगातार हो रही बारिश से गंगा नदी उफान पर है, जिससे रायवाला गांव, हरिपुरकलां व अन्य तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बन रहा है। गौहरीमाफी गांव में गंगा नदी बिरला मंदिर व राजकीय आलू फार्म से सट कर बह रही है। वहीं, सौंग नदी के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हो रही है, हालांकि अभी उफान जैसी स्थिति नहीं है। यदि सौंग नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता है तो इससे गौहरीमाफी, ठाकुरपुर व साहबनगर जैसे नदी के किनारे बसे गांव को खतरा पैदा हो सकता है। उपजिलाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है, फिलहाल खतरे वाली कोई बात नहीं है।
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