ऋषिकेश, नगर निगम महापौर अनिता ममगांई ने प्रमुख वन संरक्षक से मुलाकात की।।प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी से हुई मुलाकात में प्रोजेक्ट में तेजी लाने के लिए मेयर ने रीलिज हुई दस लाख की राशि से तत्काल डी पी आर तैयार करने की बात कही,
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धामिर्क एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में वर्षों से लटके हुए संजय झील के निर्माण कार्य को लेकर निगम प्रशासन एक बार फिर दौड़-धूप करता दिख रहा है। महापौर स्वंय इस प्रोजेक्ट को पूर्ण कराने के लिए जुटी हुई हैं। मेयर ने बताया कि पिछले कई वर्षों से संजय झील का मामला सिर्फ फाइलों तक ही सिमटा हुआ है।
संजय झील उनके चुनावी घोषणा पत्र के 17वें बिंदु में शामिल रहा है। नगर निगम की कमान संभालने के बाद उनका संकल्प था कि संजय झील का बेहद खूबसूरती के साथ निर्माण कराकर इसे पर्यटन के रूप में विकसित किया जाए।इसको लेकर उनके द्वारा हर आवश्यक कार्रवाई की गई।पिछले वर्ष दस जुलाई को उन्होंने नमामि गंगे के अधिकारियों द्वारा संजय झील का उद्गम स्थल का निरीक्षण भी किया था। 31 दिसंबर वर्ष 2020 में जिला गंगा सुरक्षा समिति की बैठक में रंभा झील के प्रोजेक्ट को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए थे।इसके अलावा पिछले वर्ष 1 जून को प्रमुख वन संरक्षण जयराज को जीपीआर तैयार करने को लेकर नगर निगम की ओर से पत्र प्रेषित किया गया था ।
साथ ही अपर वन संरक्षक परियोजना निदेशक नमामि गंगे को भी 1 जून को रंभा झील को लेकर तमाम आवश्यक सुझाव दिए गये थे।महापौर ने बताया प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर संजय झील के क्षेत्र को योग, ध्यान और आध्यात्म के रूप में विकसित कराया कराया जाना है। जहां देश-विदेश के पर्यटक बेहद शांत वातावरण में योग के साथ मेडिटेशन भी कर सकेंगे।मेयर ने जानकारी दी कि वन विभाग सिंचाई विभाग एवं नमामि गंगे के अधिकारियों के साथ लगातार नगर निगम प्रशासन कागजी कार्रवाई में लगा हुआ है।
इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के जरिए शहर में पर्यटन को बढ़ावा देना नगर निगम की मंशा रही है साथ ही प्रोजेक्ट पूर्ण कर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी निगम सृजित करेगा। महापौर ने बताया कि प्रमुख वन संरक्षक से हुई मुलाकात के दौरान उन्हें कहा गया कि इस प्रोजेक्ट में यदि किसी तरीके का कोई तकनीकी पेंच भी आ रहा है तो वह उसकी जानकारी उन्हें दें इस विषय पर केंद्रीय केंद्रीय स्तर पर भी बात करेंगी।
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