देहरादून, सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित कार्यालय में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने सभी राजकीय महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को बेहत्तर सुविधा उपलब्ध कराने के तहत 14 मूलभूत सुविधाओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हाल ही में विभाग द्वारा सभी महाविद्यालयों में 4जी इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने के लिए छात्र हित में छात्र निधि से धनराशि खर्च करने का निर्णय लिया गया। इस योजना के तहत सभी राजकीय महाविद्यालयों में दो माह के भीतर इंटरनेट सेवा उपलब्ध करा दी जायेगी।
डाॅ. रावत ने बताया कि प्रत्येक महाविद्यालयों में छात्र निधि का लाखों रुपये जमा है जिसे छात्र हित में संबंधित महाविद्यालय में ही मूलभूत सुविधाओं पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि कतिपय छात्र संगठनों द्वारा इस निर्णय पर कुछ समाचार पत्रों में गलत बयानबाजी की जा रही है जो कि उचित नहीं है। जबकि शासन द्वारा नई नियमावली तैयार की जा रही है जिसमे छात्र निधि की धनराशि स्वीकृत करने का अधिकार रूपये 02 लाख तक संबंधित काॅलेज के प्रधानाचार्यों व 05 लाख तक निदेशक उच्च शिक्षा को दिया हुआ है।
यदि 05 लाख से अधिक धनराशि छात्र निधि से खर्च करने की आवश्यकता पड़ती है तो उसकी स्वीकृति शासन द्वारा दी जाती है। विभागीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि उक्त छात्र निधि केवल महाविद्यालयों में चिन्हित 14 मूलभूत सुविधाओं पुस्तकालय, इंटरनेट, फर्नीचर, स्मार्ट क्लास, प्रयोगशाला उपकरण, पेयजल, विद्युतीकरण, खेल सामाग्री, ई-पुस्कालय आदि पर ही खर्च किया जाता है।
बैठक में श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों एवं छात्र संख्या के साथ ही राज्य सेक्टर और रूसा के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान कार्यदायी संस्था को निर्देश दिये कि अधूरे पड़े कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाय। साथ ही उन्होंने पबौं, माजरा महादेव, थलीसैंण व ऊफरैंखाल महाविद्यालयों के प्राचार्यों को अपने महाविद्यालयों में छात्र संख्या बढ़ाने व छात्रों को उपरोक्त 14 मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। विभागीय मंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सरकार वचनबद्ध है।
समीक्षा के दौरान प्राधानाचार्यो ने महाविद्यालयों की मान्यता में आ रही दिक्कतों एवं परीक्षा परिणाम समय पर घोषित न होने को लेकर शिकायत दर्ज की। जिस पर विभागीय मंत्री ने श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. पी.पी. ध्यानी को तत्काल उक्त समस्याओं के निराकरण के बावत कार्यवाही करने के निर्देश दिये। कुलपति ने बताया कि मान्यता संबंधी की पत्रावलियां राजभवन स्तर पर लम्बित है।
बैठक में कुलपति श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय डाॅ. पी.पी. ध्यानी, निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. कुमकुम रौतेला, संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा एम.एम. सेमवाल, कुलसचिव श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय सुधीर बुडाकोटी, उप निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. ए.एस. उनियाल, नोडल अधिकारी रूसा डाॅ. रचना नौटियाल, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय माजरा महादेव डाॅ. के.सी. दुतपुड़ी, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय पाबौं डाॅ. आर.के. उभान, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय उफरोंखाल डाॅ. रेणु रानी बंसल, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय थलीसैंण डाॅ. लवली रानी राजवंशी सहित उच्च शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
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