भारतीय रिजर्व बैंक ने 110साल पुराने कोऑपरेटिव बैंक को बंद कर दिया है. पिछले महीने रिजर्व बैंक ने कई कमियों को देखते हुए इस बैंक को बंद करने का आदेश दिया था. जो आज से प्रभाव में आ गया है. सवाल ये है कि इसके बंद होने के बाद अब उपभोक्ताओं की जमा राशि से लेकर दूसरे अमाउंट का क्या होगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने को नोटिस जारी किया था. इस बैंक को लेकर जारी किया गया नोटिस आज से प्रभाव में आ गया है. जिसके बाद आज से बैंक के कैश का कैरी बिजनेस बंद हो गया है.
आखिर क्यों बंद किया गया बैंक
रिजर्व बैंक ने इसे बंद करने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि बैंक के पास न तो पर्याप्त कैपिटल था और आगे की कमाई का भी कोई प्लान नहीं था. बैंक ने 1949 के कई बैंक रेग्युलेशन को लेकर जवाब भी दाखिल नहीं किया था, जिसमें सेक्शन11(1) और सेक्शन22 (3) शामिल है. इसके अलावा बैंक सेक्शन22(3) (a), 22 (3) (b), 22(3)(c), 22(3) (d) और22(3)(e) का भी जवाब नहीं दे पाया. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रुपी कोऑपरेटिव बैंक को आज से बिजनेस करने से मना कर दिया है, जिसके बाद आज से वो न तो पैसों का लेन-देन कर पाएगा और न ही दूसरा काम कर पाएगा. बैंक अभी मौजूदा समय में अपने देनदारों के पूरे पैसे देने की क्षमता में नहीं है.
जिनके पैसे जमा है उनका क्या होगा
सबसे बड़ा सवाल उन उपभोक्ताओं का है जिनके पैसे इसमें जमा है. आखिर उनके पैसे का क्या होगा. बैंक की ओर से सबमिट किये गए डेटा के अनुसार वो अपने 99 प्रतिशत से ज्यादा उपभोक्ताओं के जमा पैसे को वापस कर सकता है. इसके लिए उसके पास जो तरीका है वो है. डिपॉजिट और इंट्रेस्ट क्रेडिट गारंटी से पैसे जमा कर सकता है. 18 मई 2022 के बाद डीआईसीजीसी टोटल इंस्योर्ड डिपोजिट से ₹700.44 करोड़ रूपये दे चुका है.
कई अन्य कोऑपरेटिव बैंको को आरबीआई ने जारी किया नोटिस
पिछले महीने अगस्त में आरबीआई कई बैंकों को नोटिस जारी करने के बाद उन पर पेनल्टी तक लगा चुका है ये बैंक बैंकिंग सिस्टम का पालन नहीं कर रहे थे,इनके खिलाफ कई शिकायतें भी मिली थी, जिसके बाद बैंक को ये कदम उठाना पड़ा.
Recent Comments