हरिद्वार 29 जून ( कुलभूषण ) नगर के जाने माने साहित्यकार दीपषिखा साहित्य मंच के संस्थापक व षिक्षाविद्व के एल दीवान का विगत दिवस 87 वर्श की आयु में निधन हो गया आपका जन्म 1934 को मियावाली जो वर्तमान में पाकिस्तान में है हुआ था आपके पिता रेलवे में कार्यरत थे।
आपने अपनी जीवन की षुरूवात भेल में एक षिक्षक के रूपमें की परन्तु जल्द ही नौकरी छोडकर आपने नगर में 70 के दषक के षुरूवात में अपना पब्लिक स्कूल खोलकर बच्चो को षिक्षा देना षुरू किया इस कार्य में आनी धर्मपत्नी ने भी पूर्ण सहयोग किया उन्होने भी अपनी षिक्षिक की सरकारी नौकरी से त्यागपत्र देकर आपका सहयोग किया।
आपके परिवार में दो पुत्र व दो पुत्री है साहित्य में रूची होने के चलते आपने दीपषिखा साहित्य मंच की स्थापना कर साहित्य के क्षेत्र में सेवा को जारी रखा देष के विभिन्न साहित्य मंचो ने आपकी साहित्य सेवा के लिए दीवान साहब को सम्मानित किया दीवान साहब ने अपने जीवन में कभी अपने सिद्वान्तो से समझौता नही किया वह बिना किसी से सहयोग लिए निरन्तर साहित्य सेवा के क्षेत्र में अपने जीवन के अन्तिम क्षण तक लगे रहे।
हरिद्वार में वह साहित्य सेवा की चलती फिरती मूर्त थे उनके निधन पर उनके मि़त्र पूर्व सभासद नगर पालिका हरिद्वार हरिराम कुमार ने कहा कि दीवान साहब ने सारा जीवन सिद्वान्तो पर चलकर जिया तथा तीन चार साल पहले तक वह छोटे बच्चो को निषुल्क षिक्षा देते रहे अंग्रेजी भाशा व साहित्य में पकड होने के बावजूद उन्होने हिन्दी साहित्य की आजीवन सेवा की उनका जाना हिन्दी साहित्य के लिए कभी न पूरी होने वाली छति है उनके निधन पर पूर्व नगर पालिका अधिकारी वेद प्रकाष षर्मा उमेष षर्मा बृजेन्द्र हर्श अनिरूद्व भाटी सहित विभिन्न गणमान्य लोगो व साहित्यकारो ने अपने श्रद्वासुमन अर्पित किये ।
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