नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, गुजरात, हिमाचल और उत्तर प्रदेश के 8 सहकारी बैंकों पर 12 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है। इन बैंकों पर आरोप है कि इन्होंने पात्र लावारिस जमाराशियों को जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष में स्थानांतरित नहीं किया, धोखाधड़ी की रिपोर्ट देरी से दी और असुरक्षित कर्ज को मंजूरी दी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने नबापल्ली सहकारी बैंक, बारासात, पश्चिम बंगाल पर सबसे अधिक यानी कि 4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले आरबीआई ने चीन की कंपनियों के साथ डेटा साझा करने को लेकर फिनटेक फर्म पेटीएम आरबीआई पर कार्रवाई की और 11 मार्च के एक आदेश में पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए कस्टमर्स जोडऩे को लेकर रोक लगा दी थी।
आरबीआई द्वारा जिन अन्य बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है, उनमें मध्य प्रदेश में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, महाराष्ट्र में अमरावती मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक, मणिपुर में मणिपुर महिला सहकारी बैंक, उत्तर प्रदेश में यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक, हिमाचल के बघाट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और गुजरात में नवनिर्माण सहकारी बैंक शामिल हैं। इन बैंकों पर ज्यादातर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
वहीं सबसे कम जुर्माना महाराष्?ट्र के नासिक स्थित फैज मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक पर लगाया गया है। बैंक पर एक निदेशक के रिश्तेदार को नियमों के विरुद्ध कर्ज देने पर 25,000 रुपये जुर्माना देना होगा। हालांकि, आरबीआई ने कहा कि जुर्माना नियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और यह बैंकों द्वारा अपने संबंधित ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल नहीं खड़ा करता है।
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