नई दिल्ली, आज साल 2021 के लिए रिजर्व बैंक की तरफ से तीसरी मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा की गई। भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने अहम ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। बता दें कि यह लगातार छठा मौका है जब बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकार रखा है। वहीं रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। बैंक रेट 4.25 फीसदी पर बरकार है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, वित्त वर्ष 21 के लिए रियल जीडीपी -7.3 फीसदी पर रहेगा। उन्होंने कहा, अच्छे मॉनसून से इकोनॉमी में रिवाइवल संभव है। ग्रोथ वापस लाने के लिए पॉलिसी सपोर्ट बेहद अहम है। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष यानी 2021-22 के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान घटा दिया है। RBI के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में ग्रोथ रेट 9.5 फीसदी रहेगा। पहले रिजर्व बैंक ने 10.50 फीसदी का अनुमान जताया था। गवर्नर दास ने कहा कि जबतक कोविड का असर खत्म नहीं होता तब तक अकोमडेटिव नजरिया ही बरकरार रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्लोबल ट्रेंड सुधरने से एक्सपोर्ट में सुधार होगा।
RBI की मौद्रिक नीति पर प्रमुख अपडेट्स –
– आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह चार फीसदी पर बरकरार है। एमपीसी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है। यानी ग्राहकों को ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिली है।
– मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट भी 4.25 फीसदी पर है।
– ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने को लेकर गवर्नर ने कहा कि लगातार बढ़ती महंगाई की वजह से रिजर्व बैंक के एमपीसी ने पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है।
– इस बार मौद्रिक नीति समीक्षा का फोकस आर्थिक ग्रोथ पर है।
– दास ने आगे कहा कि रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है।
– इसके साथ ही बैंक रेट में भी कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है। यह 4.25 फीसदी पर है।
– इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक रुख को ‘उदार’ बनाए रखा है।
– कोरोना वायरस महामारी, पीएमआई डाटा, महामारी के दौरान कंपनियों के काम करने के तरीके और सामान्य मानसून की उम्मीद जैसे सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में देश की वास्तविक जीडीपी में 9.5 फीसदी की तेजी का अनुमान लगाया है। पिछली बैठक में जीडीपी में 10.5 फीसदी की तेजी का अनुमान लगाया गया था।
– इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 18.5 फीसदी होगी, दूसरी तिमाही में 7.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 7.2 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.6 फीसदी।
– मुद्रास्फीति पर दास ने कहा कि, वित्त वर्ष 2021-2022 में सीपीआई 5.1 फीसदी रह सकती है। पिछली बैठक में भी 5.1 फीसदी का ही अनुमान लगाया गया था।
– पहली तिमाही में महंगाई दर 5.20 फीसदी रह सकती है, दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.7 और चौथी तिमाही में यह 5.3 फीसदी हो सकती है।
– कमजोर मांग से प्राइस प्रेशर का दबाव है। महंगे क्रूड और लॉजिस्टिक्स कॉस्ट में उछाल से प्राइस प्रेशर की स्थिति बनी है। ऐसे माहौल में हर तरह से पॉलिसी सपोर्ट जरूरी है।
– आरबीआई का ध्यान तरलता का समान रूप से वितरण करना है। उन्होंने कहा कि हमें अर्थव्यवस्था को दोबारा से वृद्धि के रास्ते पर ले जाने के लिए सक्रिय रुख अख्तियार करने की जरूरत है।
– अप्रैल और मई, 2021 में शहरी मांग मासिक आधार पर नरमी को दिखाते हैं। वैश्विक कारोबार में एक बार फिर से तेजी का रुख देखने को मिल रहा है। शक्तिकांत दास ने कहा कि राजकोषीय प्रोत्साहन और टीकाकरण से अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी। वैश्विक ट्रेंड सुधरने से निर्यात बढ़ेगा।
– टूरिज्म एवं हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को कोरोना वायरस महामारी से उबारने के लिए रिजर्व बैंक के गवर्नर ने एलान किया कि बैंकों के माध्यम से इन सेक्टर को राहत दी जाएगी।
– शुक्रवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा का एलान करते हुए दास ने कहा कि 15000 करोड़ रुपये की नकदी की व्यवस्था बैंकों को जाएगी। इससे बैंक होटल, टूर ऑपरेटर, रेस्टोरेंट, प्राइवेस बस ऑपरेटर आदि को किफायती लोन दे सकेंगे।
– रिजर्व बैंक ने सरकारी सिक्योरिटीज खरीदने का फैसला किया है। 17 जून को आरबीआई 40,000 करोड़ रुपये का Gsec खरीदेगा। दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के बीच केंद्रीय बैंक 1.20 लाख करोड़ रुपये की सरकारी सिक्योरिटीज खरीदेगा।
– आरबीआई विदेशी मुद्रा विनियम बाजार में सक्रियता से हिस्सा ले रहा है। फॉरेक्स रिजर्व 598 अरब डॉलर पर पहुंच गए हैं। हमारा फॉरेक्स रिजर्व 600 अरब डॉलर होने के करीब है।
– एक अगस्त से नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH) हर दिन उपलब्ध होगा। वर्तमान में यह सेवा बैंकों के सभी कार्य दिवसों को उपलब्ध रहती है।
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