देहरादून, रायपुर ब्लाक के अन्तर्गत स्थित बड़ासी पुल का पुस्ता तकनीकी खामियों और गड़बड़ी के कारण टूटा है। राष्ट्रीय राजमार्ग के चीफ इंजीनियर ने शुक्रवार को प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है। दूसरी ओर प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी आरके सुंधाशु ने कहा कि उन्होंने अभी रिपोर्ट देखी नहीं है। रिपोर्ट में जो भी तथ्य हैं, उनके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
तीन दिन पूर्व बड़ासी पुल की एप्रोच रोड का पुस्ता टूटकर गिर गया था। इसके बाद पुल पर आवाजाही रोक दी गई। मौके पर पहुंची एनएच की टीम ने शुक्रवार को दूसरे दिन भी मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। बाद में चीफ इंजीनियर शरद कुमार बिरला ने प्रमुख सचिव आरके सुधांशु को रिपोर्ट सौंप दी, सूत्रों के अनुसार, उन्होंने अपनी रिपोर्ट में निर्माण की खामियों की ओर इशारा किया है। उन्होंने साफ किया है कि पुल की एप्रोच रोड का निर्माण ठीक से नहीं किया गया, जिसके कारण वाहनों का दबाव बढ़ने से पुस्ता टूट गया। जबकि पुल की एप्रोच रोड का निर्माण इस तरह से किया जाता है कि वो भारी वाहनों का दबाव भी झेल सके। उन्होंने निर्माण से जुड़े अधिकारियों की भूमिका को लेकर अपनी रिपोर्ट दी है।
लच्छीवाला फ्लाईओवर में आई दरार, यूकेडी ने किया प्रदर्शन
डोईवाला के लच्छीवाला फ्लाईओवर के कुछ हिस्से में दरार आने पर उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने लच्छीवाला फ्लाईओवर पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इस प्रकरण की जांच कराने और दोषियों को दंडित के लिए एसडीएम लक्ष्मीराज चौहान के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि यह फ्लाईओवर जगह-जगह से टूट गया है, इसकी रिटेनिंग वॉल भी काफी जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है। मंगलवार की रात को डोईवाला विधानसभा के बड़ासी मोटरपुल भी क्षतिग्रस्त हो गया था, इसको लेकर भी यूकेडी ने दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की थी।
दो दिन बाद ही लच्छीवाला फ्लाईओवर के एक हिस्से में दरार आने से नेशनल हाईवे बनाने वाली कंपनियों पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। उत्तराखंड क्रांति दल के जिला अध्यक्ष केंद्रपाल सिंह तोपवाल ने भी कार्रवाई की मांग की। यूकेडी के युवा नगर अध्यक्ष अंकित घिल्डियाल ने कहा कि यदि दो दिन के अंदर इस मामले में जांच नहीं होती है तो यूकेडी जोरदार आंदोलन करेगी।
प्रदर्शन करने वालों में धर्मवीर सिंह गुसाईं, अवतार सिंह बिष्ट, सीमा रावत, प्रशांत भट्ट, सार्थक सेमवाल, संदीप गुसाईं, विवेक रौथाण आदि थे।
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