Saturday, November 23, 2024
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आरती की हत्या का सवाल : क्या शैलेंद्र की मौत के साथ दफन हो गया, पुलिस हर एंगल पर कर रही जांच

देहरादून, आजकल की भौतिक वादी जिन्दगी में हर कोई अपने सपनों को पंख लगाने की भागदौड़ में लगा है, वहीं इस भागदौड़ में कई युवा जी तोड़ मेहनत में कर अपनी मंजिल पा रहे हैं वहीं कई ऐसे युवा हैं रास्ते से भटक कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर देते हैं, ऐसी ही एक घटना दून में घटित हुयी जिसने सभी को अचंभित कर दिया, यह ऐसी घटना थी कि जिस उम्र में युवा अपना कॅरियर बनाने की होड़ में लगे रहते हैं, वहीं शैलेंद्र भट्ट नामक युवा ने ऐसी घटना को अंजाम दे डाला, जिसे सुनकर ही दिल दहल उठता है। मूलरूप से टिहरी निवासी शैलेंद्र भट्ट ने ना सिर्फ दरोगा की बेटी आरती डबराल का बेरहमी से गला काटा, बल्कि उसके बाद खुद भी ऋषिकेश क्षेत्र की चीला नहर में कूदकर जान दे दी। जबतक शैलेंद्र भट्ट का शव बरामद नहीं हो पाया था तो पुलिस उसके कहीं भाग जाने के कयास भी लगा रही थी। शैलेंद्र के विरुद्ध आरती की हत्या का मुकदमा दर्ज करने के साथ ही पुलिस एक तरफ चीला में उसके शव की तलाश कर रही थी, तो दूसरी तरफ अन्य विकल्पों पर भी आगे बढ़ रही थी। आरती की हत्या को लेकर जो सवाल दोनों के परिजनों से लेकर आमजन के मन में कौंध रहे थे, उनके जवाब तलाशने के लिए पुलिस भी निरंतर प्रयास में लगी रही। लेकिन शुक्रवार को चीला नहर से शैलेंद्र भट्ट का शव बरामद कर लिए जाने के बाद हत्या के असल कारणों और शैलेंद्र के हैवान बनने और उसके बाद खुद की जान लेने जैसे सवाल भी हमेशा के लिए गुम हो गए हैं।
दूसरी तरफ दून पुलिस के दरोगा शिव प्रसाद डबराल की बेटी आरती की शैलेंद्र के जन्मदिन के बहाने हुई मुलाकात एक की जघन्य हत्या और दूसरे की आत्महत्या की वजह बन जाएगी। दरअसल, हत्या और आत्महत्या की इस दुःखद कहानी की शुरुआत सोमवार 06 मई 2024 की सुबह तब हुई, जब हरिद्वार राजमार्ग पर छिद्दरवाला स्थित तीन पानी पुल के पास 26 वर्षीय आरती डबराल का खून से सना हुआ शव मिला। आरती का बेरहमी से गला काटा गया था, सिर्फ गर्दन का आखिरी हिस्सा ही शरीर से चिपका हुआ था।

आरती की हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए दून पुलिस आगे बढ़ी तो पता चला कि 20 बीघा (आइडीपीएल) ऋषिकेश निवासी आरती डबराल रविवार 05 मई को शाम करीब 06 बजे अपने मित्र शैलेंद्र भट्ट के जन्मदिन की पार्टी के लिए घर से निकली थी। पुलिस ने जांच की दिशा जन्मदिन की तरफ मोड़ी तो पता चला कि उसी दिन मूल रूप से भद्रास्यूं पुजारगांव टिहरी गढ़वाल निवासी शैलेंद्र भट्ट (26 वर्ष) अपने हाल निवास बसंत कॉलोनी श्यामपुर से शाम 5 बजे निकला था। यहां शैलेंद्र की बहन का घर है और वह पिछले 07-08 साल से यहीं रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था।

चीला नहर से शैलेंद्र भट्ट का शव बरामद करने के बाद अग्रिम कार्रवाई के लिए ले जाते एसडीआरएफ के जवान।
पुलिस की जांच तब फिर से ठिठक गई, जब पता चला कि शैलेंद्र भी 5 मई की शाम से घर नहीं लौटा है। जिस पर उसकी बहन ने ऋषिकेश कोतवाली में शैलेंद्र की गुमशुदगी की सूचना दर्ज कराई है। जांच में सामने आया कि शैलेंद्र आखिरी समय तक अपने दोस्त मनीष के साथ था। मनीष ने पुलिस को बताया कि उसका दोस्त चीला नहर में कूदने की बात कह रहा था। संभवतः वह नहर में कूद गया है। पुलिस ने तत्काल एसडीआरएफ के गोताखोरों को शैलेंद्र का शव बरमाद करने के लिए चीला नहर में उतारा।
जब अगले दिन भी शव नहीं मिल पाया तो पुलिस आरती की हत्या और शैलेंद्र की स्थिति को लेकर अलग-अलग एंगल से जांच में जुट गई। शैलेंद्र के विरुद्ध आरती की हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। साथ ही चीला नहर में भी निरंतर अभियान जारी रखा गया। इस दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि जो चाकू आरती के शव के पास से बरामद किया गया था, उसे शैलेंद्र ने हत्या से 02 दिन पहले पीजी कॉलेज के पास की दुकान से खरीदा था। तब वह इस चाकू से जन्मदिन के दिन मुर्गा काटने की बात कह रहा था।
वहीं शुक्रवार को चीला नहर से एसडीआरएफ ने शैलेंद्र भट्ट का शव बरामद किया तो कहानी का एक पहलू साफ हो गया। पर अब उन सवालों के जवाब नहीं मिल पाएंगे, जो आरती की हत्या की वजह बने। रायवाला के थानाध्यक्ष जितेंद्र चौधरी के मुताबिक यह अपनी तरह का विरला मामला है, जिसमें आरोपी ने बिना ठोस कारण के हत्या को अंजाम दिया है। आरती और शैलेंद्र के बीच इतना गंभीर कुछ भी नहीं पाया गया, जो हत्या जैसे जघन्य अपराध करने को विवश कर दे।

शैलेंद्र ने आरती के मोबाइल में देखा अमन का नम्बर :

पुलिस की जांच में एक बात यह भी सामने आई है कि शैलेंद्र ने आरती के मोबाइल में किसी अमन का नम्बर देखा था। उसने इस बात पर एक दफा गुस्सा भी किया था। यह बात पुलिस को शैलेंद्र के दोस्त मनीष ने बताई। उसने यह भी बताया कि शैलेंद्र प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल न होने को लेकर परेशान रहता था। वह आरती को लेकर गंभीर था और चिंतित भी। उसे लगता था कि उसकी असफलता कहीं आरती को दूर न कर दे। शैलेंद्र ने मनीष से यह भी कहा था कि उसे किसी को मारना है। वह किसे मारने की बात कहता था और आरती की हत्या क्यों कर दी, इस कहानी के असल पहलू से शायद ही अब पर्दा उठ पाए। लेकिन अभी पुलिस हर एंगल से जांच का दायरा बढ़ा रही है |

शैलेन्द्र बैग के साथ नहर में कूदा था :

वहीं पुलिस के मुताबिक शैलेंद्र जब चीला नहर में कूदा था, तब उसके पास एक बैग भी था। चीला नहर से शैलेंद्र का शव तो बरामद कर लिया गया है, लेकिन अभी तक बैग नहीं मिल पाया है। पुलिस उसी बैग की तलाश में जुटी है, पुलिस मानती है कि बैग में कुछ ऐसा मिल जाए, जो आरती की मौत की वजह को लेकर कुछ तस्वीर साफ कर सके। हो सकता है कि बैग में शैलेंद्र और आरती के बीच के संबंध को लेकर कुछ और जानकारी मिल सके। लेकिन अभी इस संबंध में दोनों की मौत के बाद गुत्थी अभी उलझी है पुलिस जांच में जुटी है और देर सवेर तस्वीर साफ हो जायेगी |

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