रुद्रप्रयाग। जिलाधिकारी मनुज गोयल ने केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वरोजगार परक योजनाओं को लेकर अफसरों की बैठक ली। उन्होंने अफसरों को निर्देश देते हुए कि योजनाओं के लिए प्राप्त आवेदन पत्रों को शीर्ष प्राथमिकता से स्वीकृत करते हुए बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराएं। जिला कार्यालय सभागार में जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति (डीएलआरसी) की बैठक में जिलाधिकारी द्वारा केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वरोजगार की योजना मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, एनआरएलएम, एनयूएलएम, बीर चंद्र सिंह गढ़वाली आदि योजनाओं की समीक्षा करते हुए पाया कि विभिन्न विभागों द्वारा स्वरोजगार योजना के लिए उपलब्ध कराए गए आवेदन पत्रों में से बैंकों द्वारा अधिकतर आवेदन पत्रों को निरस्त किया गया है,
जिसमें मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के विभिन्न बैंकों को प्रेषित किए गए आवेदन पत्र 838 में से 282 आवेदन पत्रों को स्वीकृत किए गए हैं। 132 आवेदन पत्र निरस्त किए गए हैं तथा 152 बैंक द्वारा संबंधित विभाग को वापिस किए गए हैं तथा 272 आवेदन पत्र लंबित हैं। इसी तरह प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 264 आवेदन पत्र बैंकों को प्रेषित किए गए हैं जिसमें 125 स्वीकृत किए गए हैं तथा 117 निरस्त किए गए हैं शेष 22 आवेदन पत्र लंबित हैं। इसी तरह एनआरएलएम के तहत 474 आवेदनों में 306 स्वीकृत किए गए हैं 152 आवेदन पत्र निरस्त किए गए हैं तथा 16 आवेदन पत्र लंबित हैं जिस पर जिलाधिकारी द्वारा संबंधित बैंकों द्वारा विभिन्न विभागों द्वारा प्रेषित किए गए।
आवेदन पत्रों के निरस्त एवं लंबित होने की जानकारी मांगने पर बैंकों द्वारा कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया। डीएम द्वारा गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए सभी विभागीय अधिकारियों एवं बैंक प्रबंधकों को हिदायत दी है कि सभी अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए स्वरोजगार परक योजनाओं के जो भी आवेदन पत्र उपलब्ध कराए जाते हैं उन पर अनावश्यक आपत्ति न लगाएं। शीर्ष प्राथमिकता से स्वीकृत करना सुनिश्चित करें ताकि सरकार की मंशा के अनुरूप बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर मिल सकें। डीएम ने बैंक प्रबंधकों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि प्राप्त आवेदन पत्रों पर जो भी कार्यवाही की गई है एवं किन कारणों से आवेदन पत्रों पर आपत्ति एवं लंबित किए गए हैं इसके संबंध में पूर्ण जानकारी बैठक के माध्यम से बताएं। साथ ही वह अफसर या कर्मचारी बैठक में न आए। ऐसे बैंकों से सरकारी योजनाओं का लेन-देन नहीं किया जाएगा।
बैंकों के खाते उन बैंकों से दूसरे बैंकों को हस्तातंरित किए जाएंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन बैंकों का सीडी रेस्यू 20 प्रतिशत से कम है वह इसमें सुधार लाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें। बैठक में लीड बैंक अधिकारी धन सिंह डुंगरियाल ने ऋण को लेकर विस्तृत जानकारी दी। बैठक में सीडीओ नरेश कुमार, लीड बैंक अधिकारी धन सिंह डुंगरियाल, जिला परियोजना सहायक निदेशक रमेश चंद्र, महाप्रबंधक उद्योग एचसी हटवाल, जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनीता अरोड़ा सहित संबंधित बैंकों के शाखा प्रबंधक एवं प्रतिनिध मौजूद थे।
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