“एक गांव एक उत्पाद पर हुई चर्चा, जिपंस जगत मर्तोलिया की जन संवाद यात्रा की पहल”
मुनस्यारी (पिथौरागढ़), ग्राम पंचायत टांगा में जन संवाद यात्रा के दौरान हुई बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि दस वर्षों से 1100 की आबादी बरसात के चार महीने गांव में कैद हो जाती है। बच्चें स्कूल से वंचित हो जाते है। तय किया गया है कि एक शिष्टमंडल पिथौरागढ़ जाकर जिला अधिकारी रीना जोशी से मिलकर अपना दुखड़ा सुनाएगा।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज अपनी जन संवाद यात्रा के दौरान ग्राम पंचायत टांगा के ग्रामीणों की मन की बात सुनी।
संवाद के दौरान ग्राम प्रधान सुनीता परिहार ने बताया कि सेरागाड़ में पुलिया नहीं होने के कारण टांगा के लोग बरसात के समय अपने गांव में कैदी की तरह जिंदगी बिताने को मजबुर है। उन्होंने बताया कि दुःख, बीमारी के समय यह क़ैद सजा जैसी लगती है। बरसात में ना कोई टांगा आ सकता है और ना ही टांगा से कोई बाहर जा सकता है।
महिला स्वयं सहायता समूह की ग्राम संगठन की अध्यक्ष कमला रथ्याल ने बताया कि बरसात के समय पुल के अभाव में लोदी,दानीबगड तोक के बच्चे स्कूल नहीं जा पाते है। बच्चों के स्कूलिंग के लिए इन तोको से पलायन हो गया है।
सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद सिंह परिहार तथा सुंदर सिंह रथ्याल ने बताया कि 2013 की आपदा के बाद जो गरारी बनी है,उसका रखरखाव नहीं होने से अब वह आर पार जाने लायक नहीं बचा है। क्षतिग्रस्त गरारी से आवागमन मजबूरी में हो रहा है जो कभी जानलेवा भी साबित हो सकता है।
संवाद में तय किया गया है कि जिलाधिकारी के सम्मुख इस समस्या को रखने के बाद भी समाधान नहीं होने पर गांव में ही भूख हड़ताल शुरू की जाएगी।
जिपंस जगत मर्तोलिया ने एक गांव एक उत्पाद पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आजीविका के लिए टांगा में कुछ अभिनव प्रयोग किया जाना है। इसके लिए समुदाय को चर्चा एवं परिचर्चा करने की आदत बनानी चाहिए।
बैठक में ग्राम प्रधान सुनीता परिहार, महिला स्वयं सहायता समूह की ग्राम संगठन की अध्यक्ष कमला रथ्याल, गोविंद सिंह परिहार, सुंदर सिंह रथ्याल, पुष्कर सिंह सुयाल,बिमला कोरंगा, भावना रथ्याल,बिछुली देवी, शांति कोरंगा, लक्ष्मी देवी आदि मौजूद रहे।
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