‘‘वन यूनिवर्सिटी-वन रिसर्च’’ :
– “उत्तराखण्ड के कृषकों की आर्थिकी और आजीविका को बढ़ाने के लिए सेब, अखरोट और शहद के अधिक उत्पादन हेतु उन्नत प्रौद्योगिकियों का अनुसंधान और प्रसार” विषय पर वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय कर रहा है व्यापक शोध
देहरादून(आरएनएस)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के समक्ष बुधवार को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार के कुलपति प्रो. परविंदर कौशल ने ‘‘वन यूनिवर्सिटी-वन रिसर्च’’ के अंतर्गत किए जा रहे शोध की प्रगति पर प्रस्तुतीकरण दिया।
प्रो. कौशल ने अवगत कराया कि विश्वविद्यालय द्वारा “उत्तराखण्ड के कृषकों की आर्थिकी और आजीविका को बढ़ाने के लिए सेब, अखरोट और शहद के अधिक उत्पादन हेतु उन्नत प्रौद्योगिकियों का अनुसंधान और प्रसार” विषय पर व्यापक शोध किया जा रहा है। इस शोध का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ना, उत्पादन क्षमता में वृद्धि करना और राज्य की बागवानी एवं कृषि को नए आयाम देना है। उन्होंने अब तक हुई शोध प्रगति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया और इसी क्रम में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर आधारित एक कॉफी टेबल बुक और लघु फिल्म भी प्रदर्शित की, जिसे राज्यपाल ने सराहा।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड की जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियां सेब, अखरोट और शहद उत्पादन के लिए अनुकूल हैं। यदि उन्नत तकनीकों का प्रभावी उपयोग किया जाए, तो किसानों की पैदावार में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है, जिससे उनकी आर्थिक समृद्धि और आजीविका के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को इस शोध के व्यावहारिक क्रियान्वयन और गहन अनुसंधान को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह शोध प्रदेश के किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है, साथ ही नीति निर्धारण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस अवसर पर अपर सचिव राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. अनमोल वशिष्ट आदि उपस्थित रहे।
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