लखनऊ, उत्तर प्रदेश में दोबारा मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने वाले योगी आदित्यनाथ अब एक्टिव मोड में हैं। रोजगार को लेकर चुनाव के दौरान आलोचनाओं का सामना करने वाले योगी आदित्यनाथ ने अब इसको लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक योगी आदित्यनाथ में सभी सेवा चयन आयोगों/बोर्डों को 100 दिनों के अंदर 10000 से अधिक के युवाओं को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य रखा है। दरअसल, गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के समस्त चयन आयोग/बोर्ड के अध्यक्षों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में नौकरियों को लेकर चर्चा की गई है। योगी सरकार ने साफ तौर पर दावा किया है कि वह प्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरी से जोड़ने और उन्हें रोजगार प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध है।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को सरकारी नौकरी से जोड़ने एवं उन्हें रोज़गार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में यूपी सरकार ने सभी सेवा चयन बोर्डों को आगामी 100 दिनों में 10000 से अधिक प्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान करने हेतु निर्देश दिए हैं। योगी ने यह भी कह दिया है कि एक सत्र से जुड़ी सभी परीक्षाएं उसी सत्र में भी संपन्न कराई जाएंगी। सरकार का दावा है कि पिछले 5 वर्षों के दौरान युवाओं को 4:50 लाख सरकारी नौकरियों से जोड़ा गया है। प्रदेश सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में रोजगार को लेकर कई लक्ष्य रखे हैं। चयन आयोग और बोर्ड को 100 दिवसीय, 6 माह एवं वार्षिक लक्ष्यों को तय करने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव से पहले स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र के बीडीसी सदस्यों और जिला पंचायत सदस्यों को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 25 प्रतिशत सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ‘लोकप्रिय सरकार’ का गठन हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जीत के लिए आप सभी जनप्रतिनिधियों को धन्यवाद करता हूं।’’ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बीडीसी सदस्यों और जिला पंचायत सदस्यों के साथ संवाद स्थापित करते हुए यह बातें कहीं।
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