Tuesday, November 19, 2024
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हिमाचल में राजनीतिक उठापटक जारी : सीएम सुक्खू का बड़ा बयान, न मुझसे इस्तीफा मांगा गया न मैंने दिया

शिमला, लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और इस बीच हिमाचल की राजनीति में एकबार फिर हलचल मच गयी, इस बीच हिमाचल में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने आज कहा कि न ही उनसे इस्तीफा मांगा गया है और न ही मैंने इस्तीफा दिया है और भाजपा इस्तीफे को लेकर अफवाह फैला रही है। सीएम सुक्खू ने कहा कि योद्धा हूं, योद्धा की तरह लड़ूंगा और कांग्रेस सरकार पांच साल चलेगी। वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि हमारे तीन ऑब्जर्वर हिमाचल प्रदेश में हैं।

एक-एक विधायक से बात की जाएगी, जब तक वो अपनी रिपोर्ट नहीं देते, किसी भी तरह का कोई फैसला नहीं लिया जाएगा। ऑब्जर्वर की रिपोर्ट आते ही अगर कठोर फैसले की भी जरूरत पड़ेगी तो वो लिया जाएगा। इससे पहले सुक्खू सरकार के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा कि जनता के प्रति मेरी जवाबदेही है। कहा कि एक साल के घटनाक्रम में विधायकों की अनदेखी हुई। आवाज दबाई गई। शिलान्यास मामले में मेरे विभाग के अफसरों को नोटिस दिए गए। वह वीरभद्र सिंह के कदमों पर चल रहे हैं।

 

विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से दिया इस्तीफाHimachal Politics: विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा, रोते हुए  सीएम सुक्खू पर लगाए ये आरोप - Himachal Politics Vikramaditya Singh resigns  from the post of minister in ...

शिमला, हिमाचल में सियासी हलचल के बीच बड़ी खबर आयी है, सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट से इस्तीफा देने का ऐलान किया। हालांकि विक्रमादित्य ने पार्टी हाईकमान पर भरोसा जताया है कि वह उनकी बातों को सुनेगी।
विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सीएम की कार्यप्रणाली से कई विधायक नाराज थे और अब हालात सही नहीं थे। वर्तमान परिस्थिति में इस सरकार में बने रहना मेरे लिए ठीक नहीं है इसलिए मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं। आनेवाले समय में आगे के कदम पर विचार करूंगा |
उन्होंने सीधा मुख्यमंत्री सुक्खू के कार्यप्रणाली पर हमला बोला और कहा कि मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझे एक मंत्री के तौर पर अपमानित करने का काम किया गया है, जिस तरह के संदेश विभाग में भेजे जाते हैं, हमें कमजोर करने की कोशिश की गई। सरकार सभी के सामूहिक प्रयास से बनी थी। मैं किसी भी दबाव में नहीं आने वाला हूं। विक्रमादित्य सिंह ने कहा,’विधायकों के साथ कहीं न कहीं अनदेखी हुई है, विधायकों की आवाज दबाने की कोशिश की गई है जिसके कारण हम आज इस कगार पर खड़े हैं। लगातार इन विषयों को पार्टी नेतृत्व के समक्ष भी उठाया गया है, लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया गया।

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