हैदराबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में हैदराबाद को भाग्यनगर कहा। पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने हैदराबाद में एक भारत का नारा दिया था।
पीएम मोदी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समापन के मौके पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होने कहा कि हम सिर्फ पार्टी के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए काम करते हैं, जो गलतियां दूसरे दलों ने की वो आप नहीं करिए। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि हैदराबाद भाग्यनगर है जो हम सभी के लिए एक अहमियत रखता है। अखंड भारत की नींव सरदार पटेल ने रखी थी और अब इसे आगे ले जाने की जिम्मेदारी भाजपा की है।
हैदराबाद कन्वेंशन सेंटर में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन के बाद बीजेपी नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि प्राचीन काल से ही मां भाग्यलक्ष्मी की भूमि को भाग्यनगर कहा जाता रहा है। भाग्यनगर की किस्मत बदलने वाली है, सुधरने वाली है। तेलंगाना बीजेपी को बुला रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश में वर्षों में भाजपा के तेजी से विस्तार का उल्लेख किया। उन्होंने तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, केरल जैसे राज्यों में सभी पार्टी कार्यकर्ताओं के साहस की बहुत गर्व से सराहना की। पीएम मोदी ने विभिन्न दलों के बारे में बात की जो अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं और हमें न तो उन पर हंसना चाहिए और न ही उनका मजाक उड़ाना चाहिए। इसके बजाय हमें उनसे सीखना चाहिए और ऐसे कृत्यों को करने से बचना चाहिए जो उन्होंने किए हैं।
प्रसाद ने कहा कि मोदी जी ने कहा कि आज जब हम तेलंगाना में है तो भाजपा बहुत जगह आगे बढ़ी है। भाजपा को उसके काम, उसकी गवर्नेंस और ईमानदारी के कारण जनता का बहुत आशीर्वाद मिलता है। लेकिन बहुत से ऐसे प्रदेश हैं, जहां अभी भी संघर्ष जारी हैं। कार्यकर्ता वहां बिना सत्ता की परवाह करते हुए संघर्ष और बलिदान करते हैं। इस दिशा में उन्होंने केरल, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल की बात की। उन्होंने कहा कि हमारी सोच लोकतांत्रिक है। तभी सरदार पटेल कांग्रेस के नेता थे, लेकिन उनकी विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी हमने बनवाई। हमारी सोच लोकतांत्रिक है, इसीलिए जब हमने प्रधानमंत्री म्यूजियम बनाया तो देश के सारे प्रधानमंत्रियों को हमने उसमें स्थान दिया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने दो बातें बहुत रोचक कही। पहली – हमारा उद्देश्य P2 से G2 का होना चाहिए अर्थात pro people, pro active governance (जनता सापेक्ष, सुशासन सापेक्ष) हमारी पूरी कार्य पद्धति होनी चाहिए। प्रधानमंत्री जी ने दूसरी बात कही कि हमारी सोच होनी चाहिए तुष्टिकरण से तृप्तिकरण और ये जब हम करेंगे तभी हमारे जो लक्ष्य हैं एक भारत श्रेष्ठ भारत और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास पूरे हो पाएंगे।
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