पिथौरागढ़, । जिला योजना के प्रस्ताव मंगाने के मामले में कुमांऊ मण्डल के 115 जिला पंचायत सदस्यो के साथ भेदभाव किया जा रहा है। बीते साल की तरह इस बार भी किसी भी सदस्य को प्रस्ताव देने के लिए पत्र जारी नहीं किया गया। पहले चरण में जिलाधिकारियों से इसकी शिकायत होगी, न माने तो फिर आंदोलन किया जायेगा।
पिथौरागढ़ के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज कुमांऊ मण्डल के जिपं सदस्यों की वर्चुअल बैठक आयोजित की। जिसमें कुमांऊ के 6 जिलों के जिपं सदस्यों ने भाग लिया।
सदस्यों ने कहा कि जब विधान सभा के उप चुनाव हो सकते है तो फिर डीपीसी के चुनाव क्यों नहीं हो सकते है। सरकार पर पंचायतों को कमजोर करने का आरोप भी लगाया।
कुमांऊ मण्डल के जिपं सदस्यों ने कहा कि बीते साल की तरह इस बार भी एक भी सदस्य को पत्र लिखकर जिला योजना का प्रस्ताव मांगा नहीं गया।
डीपीसी के गठन तक जिलाधिकारियों को समिति का अध्यक्ष नामित किया गया है। निर्वाचित जिपं सदस्यों से जिला योजना के प्रस्ताव मांगे जाने चाहिए थे, लेकिन अफसरशाही ने अपनी चला दी। सरकारी विभागों से प्रस्ताव मंगाकर जिला योजना के लिए योजनाएं तय की गई है। अभी फाइनल नहीं किया गया है।
जिपं सदस्यों ने कहा कि जिलाधिकारी पुनः जिपं सदस्यों से प्रस्ताव मंगाकर कार्ययोजना तैयार करे।
ऐसा नहीं किया गया तो जिपं सदस्य आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे। इसके लिए पहले जिलाधिकारियों को नोटिस देने का निर्णय लिया गया है।
आज की बैठक में जिपं सदस्य मर्तोलिया ने कहा कि अभी हम फिजिकल बैठक नहीं कर पा रहे है, इसलिए जिलाधिकारियों को वस्तुस्थिति समझते हुए प्रक्रिया को रोकते हुए रोकखर समाधान का रास्ता निकालना चाहिए।
बैठक में नैनीताल से नरेन्द्र सिंह चौहान, अल्मोडा से सुरेन्द्र सिंह मेहरा, चम्पावत से सुरेन्द्र कुमार, पिथौरागढ़ से अंजू लुंठी, पल्लवी मेहता, गंगोत्री दत्ताल आदि ने अपने विचार रखते हुए सुझाव दिए।
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