Tuesday, January 28, 2025
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फिलिप्स एजुकेशन के सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स ने उत्तराखण्ड में अडवान्स्ड मैनुफैक्चरिंग के ग्रेजुएट्स को किया सम्मानित

हरिद्वार का यह आधुनिक प्रशिक्षण केन्द्र प्रेसीज़न मैनुफैक्चरिंग में कौशल के अंतराल को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है

100 से अधिक ग्रेजुएट्स को जानी-मानी कंपनियों में अच्छी नौकरियां मिलीं

देहरादून,  फिलिप्स एजुकेशन ने उत्तराखण्ड सरकार के साथ साझेदारी में अडवान्स्ड मैनुफैक्चरिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स (सीओई) से अपने छात्रों के नए बैच की ग्रेजुएशन का जश्न मनाया। हरिद्वार के विशिष्ट आईटीआई में स्थित यह आधुनिक युनिट ग्रेजुएट्स को उद्योग जगत की ज़रूरतों के अनुसार अत्याधुनिक कौशल प्रदान करती है और उन्हें प्रीमियम मैनुफैक्चरिंग कंपनियों में अच्छे वेतन की नौकरियां हासिल करने में सक्षम बनाती है।May be an image of 2 people, dais and text

फिलिप्स मशीन टूल्स (फिलिप्स कॉर्पोरेशन, यूएसए के भाग) के डिविज़न फिलिप्स एजुकेशन ने सीओई के पाठ्यक्रम के डिज़ाइन एवं डिलीवरी में सक्रिय भूमिका निभाई है, जो आधुनिक उपकरणों जैसे सीएनसी मशीनों (एचएएएस ऑटोमेशन से), कोलाबोरेटिव रोबोट्स (युनिवर्सल रोबोट्स से) और 3 डी प्रिंटर्स (मार्कफोर्ज्ड से) के साथ व्यवहारिक एवं वास्तविक दुनिया के ऐप्लीकेशन्स पर ध्यान केन्द्रित करता है।

आईटीआई ग्रेजुएट्स में कौशल की खामियों को दूर करने के लिए अडवान्स्ड मैनुफैक्चरिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स (सीओई) की स्थापना सितम्बर 2023 में की गई। इन ग्रेजुएट्स के पास बुनियादी व्यवसायिक कौशल होता है, लेकिन इन्हें आधुनिक तकनीकों के ज्ञान की ज़रूरत होती है। फिलिप्स एजुकेशन अपने सीओई के माध्यम से उन्हें अडवान्स्ड मशीनिंग, ऑटोमेशन, 3 डी प्रिंटिंग और रोबोटिक्स में व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह प्रशिक्षण छात्रों को आधुनिक मैनुफैक्चरिंग में सफलता हासिल करने के लिए तैयार करता है।

इस प्रोग्राम ने ज़बरदस्त सफलता हासिल की है, 100 से अधिक ग्रेजुएट्स को जानी-मानी कंपनियों जैसे हीरो, वीबीएन और ज्योति सीएनसी में नौकरियां मिली हैं। इन ग्रेजुएट्स का शुरूआती वेतन आईटीआई ग्रेजुएट्स के आम वेतन की तुलना में दोगुना होता है। जल्द ही तीन नए सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स (सीओई) स्थापित किए जाएंगे- इनमें से दो की स्थापना सहसपुर में और एक की स्थापना बज़पुर में होगी। यह विकास कार्य आधुनिक कौशल विकास के साथ उत्तराखण्ड के युवाओं को सशक्त बनाने की प्रोग्राम की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

ग्रेजुएशन सेरेमनी के दौरान फिलिप्स ग्लोबल एजुकेशन के प्रेज़ीडेन्ट रक्षित केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह प्रोगाम छात्रों को उद्योग जगत की ज़रूरतों के अनुसार कौशल प्रदान करता है, और उन्हें अच्छी नौकरी के लिए तैयार करता है। इन छात्रों को बदलावकारी अवसरों के साथ सशक्त बनाने और भारत के मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में योगदान के लिए उत्तराखण्ड सरकार के साथ साझेदारी करते हुए हमें बेहद गर्व का अनुभव हो रहा है।’May be an image of 6 people and text

कौशल विकास एवं रोज़गार मंत्री, सौरभ बहुगुना ने प्रोग्राम सफलता की सराहना करते हुए कहा, ‘‘उत्तराखण्ड सरकार युवाओं को रोज़गार के अवसरों के साथ जोड़ने के लिए निरंतर काम कर रही है। हरिद्वार में यह आधुनिक मैनुफैक्चरिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स उत्तराखण्ड के युवाओं को उद्योग-उन्मुख कौशल के साथ सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह के प्रयास कौशल की खामियों को दूर कर तथा उच्च गुणवत्ता की नौकरियों के अवसर उपलब्ध कराकर राज्य की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस प्रशिक्षण एवं प्रोग्राम के कारण, ग्रेजुएट्स को अच्छे वेतन के साथ नौकरी शुरू करने का मौका मिला है, इन्हें आम आईटीआई ग्रेजुएट्स की तुलना में दोगुना वेतन मिल रहा है। ये प्रयास राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और ओद्यौगिक विकास को बढ़ावा देने में कारगर होंगे।’’

उत्तराखण्ड सरकार ने उत्तराखण्ड कौशल विकास मिशन के माध्यम से 13 ज़िलों के युवाओं को कौशल प्रदान कर बेरोज़गारी को हल करने का लक्ष्य रखा है।

विशिष्ट आईटीआई युनिट 1800 वर्गफीट में फैली है, जहां एडिटिव एवं सब्सट्रेटिव मैनुफैक्चरिंग तथा सीएडी/सीएएम के लिए विशेष क्लासरूम एवं लैब्स की सुविधाएं हैं। सीओई आईटीआई ग्रेजुएट्स के लिए ‘फिनिशिंग स्कूल’ की तरह काम करता है और उन्हें बिना कोई शुल्क लिए तीन माह का गहन प्रशिक्षण देता है। फिलिप्स एजुकेशन द्वारा पावर्ड इस प्रोग्राम के लिए फंडिंग पूरी तरह से सरकार और वर्ल्ड बैंक द्वारा दी गई है।

अडवान्स्ड मैनुफैक्चरिंग सीओई चार बैचों को सफलतापूर्वक ग्रेजुएट के रूप में प्रशिक्षित कर चुका है और इस समारोह के दौरान पांचवे एवं छठे बैच का ग्रेजुएशन पूरा हुआ है। यह पहल मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में कौशल की खामियों को दूर करने, रोज़गार को बढ़ावा देने तथा इनोवेशन को प्रोत्साहित करने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी की बदलावकारी क्षमता को दर्शाती है।

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