Wednesday, November 27, 2024
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हरिद्वार में आर्द्रभूमि की स्थिति दयनीय

हरिद्वार  (कुलभूषण ) गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) के अन्र्तराष्ट्रीय पक्षी वैज्ञानिक प्रो0 दिनेश भट्ट की टीम ने पक्षी सर्वेक्षण के दौरान आद्रभूमि का भी संर्वेक्षण किया और पाया कि हरिद्वार के अधिकांश दलदली जमीन व पोखरों पर मानवीय अतिक्रमण हो चुका है, दलदली जमीनों को मलवा डालकर पाट दिया गया है या कूड़ा डालने की जगह बना दी गयी हैं।
धार्मिक नगरी में इस अधार्मिक कार्य का सबसे ताजा उदाहरण पाॅश कालोनी गोविन्द पुरी से गंगा-नहर से सटा सैकड़ो साल पुराना वैट लैण्ड यानी दलदली जमीन जो हजारों वर्ग फुट में फैली थी, अब सिकुड़ कर कुछ ही वर्ग फुट रह गयी है।
गोविन्द नगर घाट जाने हेतु इसी वैटलैण्ड को पाट कर रास्ता बना दिया गया है, जबकि नियमानुसार पुल बनना चाहिये था, सरकारी विभागों द्वारा ही ‘‘सींवेज पम्पिंग स्टेशन’’ भी इसी वैटलैण्ड पर ही बना दिया गया है। लोगों ने अपने घर का रिपेयरिंग का मलवा व सड़क के ठेकेदार ने सड़क का मलवा भी यही डाल दिया है। कालोनी वालांे ने सड़क चैडी कर कार पार्किग बना दी, बाकि काम अनियमित अवैद्य बस्तियों ने पूरा कर दिया।
गोविन्द पुरी का वैटलैण्ड जो कभी अतिवर्षा व बरसात मे ब्लौटिग पेपर की तरह पानी सोखता था, अब समाप्ति के कगार पर है और कालोनी बरसात में जलमग्न रहती है। भारत सरकार के वैटलैण्ड (कन्जरवेशन एवं मनैजमैंट) रुल्स 2017 के अनुसार वैटलैण्ड में कोई भी निर्माण, सोलिड वेस्ट का डम्पिंग अतिक्रमण इकोलोजीकल परिवर्तन इत्यादि प्रतिबन्धित है और पर्यावरण प्रोटेकशन एक्ट, 1986 के प्रावधान के अनुसार प्रतिबन्धित है। कनखल की लाटोवाली कालोनी भी वैटलैण्ड में ही बसी है। धार्मिक व एतिहासिक सतीकुन्ड जिसमें जकाना पक्षी व जलमुर्गी का वास था व जहां कमल-दल खिले रहते थे, आज परिवर्तित स्थिति में है। अतः सरकार व जनता दोनों को आद्रभूमि के संरक्षण में योगदान देना चाहिये। सर्वविदित है कि आद्रभूमि (वैट लैण्ड, दलदली भूमि तालाब, पोखर, झील आदि हमारे जीवन में पर्यावरण, आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं। इनके महत्व एवं उपयोगिता को देखते हुए, ‘जैव-विविधता का स्वर्ग’ एवं ‘बायोलाॅजिकल सुपर मार्केट’ भी कहा जाता है। परन्तु दुःख का विषय है कि विगत कुछ दशकों से हमारी महत्वपूर्ण आद्रभूमि गहरे संकट में है । सर्वेक्षण कार्य में शोधार्थी आशीष कुमार रेखा पारूल एवं डॉ विनय सेठी (संस्कृत विश्वविद्यालय)ने भाग लिया।

 

रक्तदान शिविर का आयोजन

हरिद्वार ( कुलभूषण) महिन्द्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड सिडकुल में गवर्मेन्ट ब्लड बैंक के सहयोग से ब्लड केम्प लगाया गया । जिसमें महिन्द्रा कम्पनी के कर्मचारियों ने बढ़ चढ़ कर इस अच्छे कार्य के लिये ब्लड दान किया । 126 यूनिट ब्लड महिन्द्रा कर्मचारियों द्वारा दिया गया ।
इस अवसर पर प्लांट हेड सत्यवीर सिंह ए ई आर एडमिन हेड विमल सिंहए मैनुफैक्चरिंग हेड राजेश मक्करए प्लांट इंजीनियरिंग हेड सुशील शर्मा व सीएसआर प्रबंधक अजय वर्मा व डॉक्टर टीम ने केम्प की शुरुआत की
इस अवसर पर जगमोहन सिंह धर्मेंद्र रावत प्रमोद दुबे नेत्रपाल रवि अमित संदीप मनदीप जयदीप सतीश तिवारी आदि शामिल थे ।May be an image of 3 people and people standing
डॉ अनुपम चतुर्वेदी और रक्तकोष प्रभारी डॉ रविन्द्र चौहान ने कहा कि रक्तकोष में कोरोना के कारण रक्त की कमी हो रही थी महेंद्रा एन्ड महेंद्रा ने रक्तदान शिविर लगाकर रक्त की कमी से जूझ रहे रोगियों को जीवन दान देने का कार्य किया है इसके लिए रक्तकोष के अधिकारी कर्मचारी आभार व्यक्त करते हैं
रक्तकोष से डॉ अनुपम चतुर्वेदी महावीर चौहान राखी जितवान अकलीम हरीश दिनेश लखेडा नवीन रैना नैयर के एम जोसेफ कीर्ति आस्था आदि ने सहयोग किया।

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