नई दिल्ली । दूरस्थ क्षेत्रों तक स्मार्टफोन की पहुंच और सस्ते मोबाइल डेटा के बल पर महानगरों को छोडक़र छोटे शहरों के लोगों को भी ऑनलाइन शापिंग भाने लगा है क्योंकि इन शहरों में भारतीय एक सप्ताह में औसतन दो घंटे 25 मिनट ऑनलाइन शॉपिंग में लगाते हैं और इस दौरान अपनी आय का 16 प्रतिशत हिस्सा व्यय करते हैं।
टेक्नोलॉजी मार्केट रिसर्च और एडवाइजरी फर्म साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) के एक नए उपभोक्ता अध्ययन के अनुसार टियर 2 शहरों और उससे बाद के शहरों में भारतीय एक सप्ताह में औसतन 2 घंटे और 25 मिनट ऑनलाइन शॉपिंग करने में बिताते हैं और इस पर अपनी आय का लगभग 16प्रतिशत खर्च करते हैं। ऑनलाइन शॉपिंग के लिए शीर्ष तीन प्रेरक तत्वों में आकर्षक कीमतें (57 प्रतिशत), सुविधाजनक रिटर्न और एक्सचेंज प्रोसेस (57 प्रतिशत) सहित अनूठे ऑफर (49 प्रतिशत) शामिल हैं। अध्ययन के अनुसार अमेजऩ सबसे ज्यादा (73प्रतिशत) पसंद किया जाने वाला ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, इसके बाद फ्लिपकार्ट (70प्रतिशत), मीशो (30प्रतिशत), जियोमार्ट (20प्रतिशत) और अन्य हैं। अमेज़ॅन के 63प्रतिशत यूजर्स का संतुष्टि स्तर सबसे अधिक है, इसके बाद फ्लिपकार्ट के लिए 52प्रतिशत और रिलायंस डिजिटल के लिए 46प्रतिशत हैं।
सीएमआर के अनुसार ईकॉमर्स द्वारा ऑफर किए जाने वाले विकल्पों, सुविधा और आराम की विस्तृत सीरीज ने आकांक्षी भारत (टियर 2, टियर 3 शहरों और उससे बाद के शहरों) में अधिक ऑनलाइन खरीदारी करने और अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उभरते युवा उपभोक्ताओं को सशक्त बनाया है। अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट जैसी प्रमुख कंपनियां, मीशो और अन्य जैसी विशिष्ट बाजार कंपनियां, और टाटा तथा रिलायंस जैसे समूह इन बाजारों में जमकर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। पिछले छह महीनों में तीन में से दो उपभोक्ताओं ने ऑनलाइन शॉपिंग पर 20,000 रुपये तक खर्च किए हैं। पिछले 6 महीनों में टियर 2 खरीदारों का ऑनलाइन खरीदारी पर औसत खर्च (20,100 रुपये) टियर 1 खरीदारों के ऑनलाइन खर्च (21,700 रुपये) के लगभग बराबर है।
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