नई दिल्ली ,। केंद्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस बात पर जोर दिया है कि परियोजनाओं के सफल समापन के लिए प्रमाणित प्रौद्योगिकी, आर्थिक व्यवहार्यता, कच्चे माल की उपलब्धता और प्रभावी विपणन बहुत आवश्यक हैं। सीएसआईआर-सीआरआरआई द्वारा गड्ढों की मरम्मत के लिए मोबाइल कोल्ड मिक्सर कम पेवर मशीन और पैच फिल मशीन का उद्घाटन करते हुए गडकरी ने कहा कि सडक़ क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि निर्माण लागत को कम करना है और निर्माण की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। उन्होने कहा कि किसी भी प्रोद्योगिकी का पेटेंट पंजीकरण कराना मामले का अंत नहीं है बल्कि जब तक पेटेंट का व्यावसायीकरण न हो और उसका पूरा उपयोग नहीं हो जाता है, तब तक यह संगठन की जिम्मेदारी है कि वह नियमित रूप से अनुवर्ती कार्रवाई करते हुए इसे अंतिम समापन तक ले जाए।
गडकरी ने कहा कि विभिन्न कारणों से प्रणाली को प्रमाणित प्रौद्योगिकी को अपनाने में कुछ हिचकिचाहट रहती है। उन्होंने कहा कि नई प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों को लागू करने के लिए संचार, समन्वय और सहयोग में पूरे तालमेल की आवश्यकता है। उन्होंने 1997 में नागपुर में सीमेंट-कंक्रीट की सडक़ के निर्माण का डिजाइन तैयार करने के लिए सीएसआईआर को बधाई दी और कहा कि उन सडक़ों में आज तक कोई गड्ढा नहीं देखा गया है। उन्होंने कहा कि सडक़ों के निर्माण में स्टील और सीमेंट के विकल्प का इस्तेमाल करने के बारे में हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सडक़ परिवहन और राजमार्ग क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बढ़ते अनुप्रयोग से भारत की विकास यात्रा में बहुमूल्य योगदान मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सस्ती, टिकाऊ और रिसाइकिल योग्य प्रौद्योगिकियों के उपयोग से भारत के मुख्य मार्गीय नेटवर्क का तेजी से निर्माण हो रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आने वाले दशकों में भारत का उत्थान विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से ही निर्धारित किया जाएगा।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बिटुमेन इमल्शन का उपयोग करते हुए ब्लैक टॉप लेयर निर्माण के लिए ‘मोबाइल कोल्ड मिक्सर कम पेवर के दो उपकरणों के योगदान और गड्ढों की मरम्मत के लिए पैच फिल मशीन का उल्लेख करते हुए कहा कि ये आत्मनिर्भर भारत के सटीक उदाहरण हैं क्योंकि दोनों ही उपकरण पूरी तरह देश में ही बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि ‘कोल्ड मिक्सर’ और ‘पैच फिल मशीन’ भारत के पहाड़ी राज्यों, विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र में सडक़ों और राजमार्गों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
कच्चे माल की उपलब्धता और प्रभावी विपणन बहुत आवश्यक हैं : गडकरी
हरियाणा के 4 जिलों में मास्क पहनना हुआ अनिवार्य, जानिए कौन-से हैं वो जिले ?
दिल्ली के साथ लगते हरियाणा के जिलों में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से चिंतित नजर आ रहा है।
आगामी समय में स्थिति ना बिगड़े, इसे लेकर विभाग द्वारा युद्ध स्तर पर कई तरह के सुधारा किए जा रहे हैं। इस महत्वपूर्ण विषय…
चंडीगढ़(धरणी): दिल्ली के साथ लगते हरियाणा के जिलों में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से चिंतित नजर आ रहा है। आगामी समय में स्थिति ना बिगड़े, इसे लेकर विभाग द्वारा युद्ध स्तर पर कई तरह के सुधारा किए जा रहे हैं। इस महत्वपूर्ण विषय को लेकर स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डॉ वीणा सिंह ने बताया कि स्थिति वैसे तो कंट्रोल में है, लेकिन फरीदाबाद, गुड़गांव, झज्जर और सोनीपत में ज्याद केस सामने आ रहे हैं। बाकि प्रदेश के अधिकतर जिले इस समय पूरी तरह से सुरक्षित हैं। कुल मिलाकर आज हरियाणा में एक्टिव मामलों की संख्या 2400 है। उम्मीद है कि अगले 10 दिनों में स्थिति इससे बेहतर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि हमने तुरंत प्रभाव से टेस्टिंग बढ़ाने के आदेश जारी किए, जिसमें प्रतिदिन होने वाले कोरोनो टेस्ट की संख्या को 3 हजार से बढ़ाकर 12 हजार कर दिया गया है। अगले हफ्ते तक इस संख्या को बढ़ाकर 20 हजार तक पहुंचाने लक्ष्य है।
डॉ वीणा सिंह ने बताया कि हमने फरीदाबाद, गुड़गांव, झज्जर और सोनीपत जिले में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। वैक्सीनेशन का कार्य भी तेजी से युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। लगभग 4 करोड 40 हजार वैक्सीनेशन प्रदेश में लगाई जा चुकी है। वैक्सीनेशन के मामले में हम देश में सबसे अव्वल हैं। 12 से 14 साल के बच्चों को हम साढ़े 4 लाख वैक्सीन लगा चुके हैं। जिसमें पहली डोज 3 लाख 70 हजार और दूसरी डोज 80 हजार को लगाई गई है। 18 साल तक के बच्चों को करीब 7 लाख डोज लगाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में इस समय कोरोना के ज्यादातर मामले बी-2 वेरिएंट से जुडे हुए हैं। पिछले दो-तीन महीनों में डेल्टा के भी ज्यादा केस देखने को नहीं मिल रहे हैं।
स्कूलों के माध्यम से सभी जिलों में कई विभागों की जिम्मेदारियां सुनिश्चित की गई हैं। जैसे पंचायतें, स्कूल, टीचर, एएनएम, आशा वर्कर्स सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। हम लगातार अच्छी स्थिति में जा रहे हैं और आने वाले दिनों में हमें कोरोना के मामलों में गिरावट आने की की पूरी उम्मीद है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में अब तक कुल 4 करोड़ 20 लाख वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर चम्पावत में मुख्यमंत्री के नोडल अधिकारी की नियुक्ति रद्द हो : कांग्रेस
देहरादूनः उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष श्री करन माहरा ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर चम्पावत में नियुक्त किये गये मुख्यमंत्री के नोडल अधिकारी की नियुक्ति निरस्त किये जाने एवं मुख्यमंत्री की सोशल मीडिया साइड से लोकलुभावन घोषणाओं से सम्बन्धित पोस्ट हटवाये जाने की मांग की है। प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष के निर्देश पर वरिष्ठ कांग्रेसजनों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने महामंत्री संगठन विजय सारस्वत के नेतृत्व में मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सौजन्या से मुलाकात कर उन्हें पत्र सौंपा।
उपरोक्त जानकारी देते हुए प्रदेश कंाग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में कंाग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा है कि उत्तराखण्ड राज्य में 55-चम्पावत विधानसभा उपचुनाव की प्रक्रिया गतिमान है तथा विधानसभा उपचुनाव हेतु दिनांक 3 मई, 2022 से आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है। उन्होंने कहा कि आचार संहिता लागू होने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी चम्पावत द्वारा दिनांक 7 मई, 2022 को श्री केदार सिंह बृजवाल, सहायक अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग, उधमसिहनगर को जनपद चम्पावत में मा0 मुख्यमंत्री जी का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो कि चुनाव आचार संहिता का खुला उलंघन है। इसके अतिरिक्त मा0 मुख्यमंत्री द्वारा अपनी सोशल मीडिया साइड पर लगातार जनपद के लिए लोक लुभावन घोषणायें की जा रही हैं, जो कि आदर्श चुनाव आचार संहिता के उलंघन की श्रेणी में आती हैं।
कांग्रेस पार्टी मांग की कि उक्त प्रकरणों का संज्ञान लेते हुए सम्बन्धित अधिकारियों के खिलाफ आदर्श चुनाव आचार संहिता के उलंघन की सक्षम धाराओं में मुकदमा दर्ज किये जांय तथा मुख्यमंत्री की सोशल मीडिया साइड से विज्ञापन से सम्बन्धित पोस्ट हटाई जाय।
प्रतिनिधिमण्डल में प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत के अलावा, महामंत्री राजपाल खरोला, पूर्व मंत्री अजय सिंह, प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी, मोहित उनियाल, कपिल भाटिया, अमरजीत सिंह, विशाल मौर्य आदि शामिल थे।
सरकारी कर्मचारियों को जल्द मिलेगी बड़ी खुशखबरी,प्रमोशन नियमों में हुआ बड़ा बदलाव , जानिए कब
Central Government: केंद्र सरकार एक बार फिर सरकारी कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी देनेवाली है. सरकार एक बार फिर कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ा सकती है. एआईसीपीआई (ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइज इंडेक्स) में लगातार 2 महीने में कमी आने के बाद मार्च 2022 में इसमें 1 फीसदी की वृद्धि हुई है इसलिए सरकार द्वारा डीए बढ़ाए जाने की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं. अब इसे लेकर केंद्र सरकार जुलाई में इसकी समीक्षा करेगी. हालांकि, अभी अप्रैल, मई व जून के एआईसीपीआई आंकड़े आने बाकी हैं. उसके बाद ही ये तय होगा मनीकंट्रोल की वेबसाइट की खबरों के मुताबिक, सरकार जुलाई में 3 फीसदी तक डीए बढ़ा सकती है. गौरतलब है कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए हर साल जनवरी और जुलाई में डीए बढ़ाया जाता है. हालांकि, अगर महंगाई में इजाफा नहीं हुआ हो तो इसे नहीं भी बढ़ाया जाता है.
जनवरी में बढ़ा था केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता
केंद्र सरकार ने इसी साल जनवरी में तीन फीसदी डीए बढ़ाया था. अब अगर एआईसीपीआई में अप्रैल, मई और जून में बढ़त दिखाई देती है तो सरकार फिर से 3 फीसदी डीए बढ़ा सकती है. बता दें कि जनवरी और फरवरी में इस डेटा में हल्की गिरावट दिखी थी लेकिन मार्च में यह फिर बढ़ गया है
वहीं, जनवरी में एआईसीपीआई दिसंबर 2021 से 0.3 फीसदी घटकर 125.1 पर आ गया था. वहीं, जुलाई में फिर इसमें .1 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी. हालांकि, मार्च में इसमें सीधे 1 फीसदी का उछाल भी हुआ है और ये 126 पॉइंट पर पहुंच गया है. फिलहाल डीए 34 फीसदी है और इस बार अगर वृद्धि होती है तो ये 37 फीसदी हो सकता है. इससे 50 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा.
डेढ़ साल तक नहीं बढ़ा था महंगाई भत्ता
केंद्र सरकार ने कोरोना काल के बाद वित्तीय दबाव को कम करने के लिए करीब 1.5 साल तक डीए वृद्धि को रोक दिया था. केंद्र ने जुलाई 2021 में फिर से महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया. इसके बाद अक्टूबर 2021 में दोबारा डीए बढ़ाया गया. जिससे महंगाई भत्ता 31 फीसदी हो गया. बता दें कि कर्मचारियों का महंगाई भत्ता हर साल में दो बार रिवाइज किया जाता है. पहला जनवरी में और दूसरी बार जुलाई में.
पूरी तरह पैसा सुरक्षित रखने के लिए खोलिए यहां खाता, मिलेगा मोटा ब्याज भी
अगर आप आने वाले दिनों में बचत को निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स स्कीम्स (Saving Schemes) आपके लिए बेहतरीन रहने वाली है. इस स्कीम में आपको अच्छा रिटर्न तो मिलता ही है. साथ में, इसमें निवेश किया गया पैसा भी पूरी तरह सुरक्षित रहता है.
अगर बैंक डिफॉल्ट (Bank Default) हो जाता है, तो आपके पांच लाख रुपये की ही राशि वापस दिए जाने का प्रावधान है लेकिन डाकघर (Post Office) में ऐसा नहीं है. यहां कोई भी भारतीय नागरिक सेविंग्स अकाउंट (Savings Account) खोल सकता है. बैंक सेविंग अकाउंट्स के मुकाबले पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट में ब्याज भी ज्यादा मिलता है और बेहतर सुविधाएं भी मिलती हैं.
पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट में जमा पैसे की सेफ्टी की गारंटी भी भारत सरकार की तरफ से ही मिलती है. ये अकाउंट व्यक्तिगत यानी सिंगल, ज्वाइंट (दो लोग), नाबालिग की तरफ से अभिभावक, विकृत मन के इंसान की तरफ से अभिभावक के जरिए खोला जा सकता है. अगर नाबालिग 10 साल या उससे अधिक उम्र का है तो वह अपने नाम से भी खाता खोल सकता है.
पोस्ट ऑफिस बचत खाता केवल 500 रुपये में से खोला जा सकता है. पैसे डिपोजिट करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है. इस खाते में जमा पैसे पर 4 प्रतिशत का सालाना ब्याज मिल रहा है. अकाउंट से कम से कम 50 रुपये निकाल सकते हैं. हालांकि खाते में कम से कम 500 रुपये मिनिमम बैलेंस बनाए रखना जरूरी है.
मिलेंगी ये खास सेवाएं
महीने की 10वीं और आखिरी तारीख के बीच मिनिमम बैलेंस राशि के कम होने पर किसी महीने में कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा. इनकम टैक्स की धारा 80TTA के मुताबिक, सभी बचत बैंक खातों पर साल में 10,000 रुपये तक ब्याज से हुई इनकम पर टैक्स छूट ली जा सकती है.
पोस्ट ऑफिस बचत खाते पर चेक बुक, एटीएम कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग/मोबाइल बैंकिंग, आधार सीडिंग, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधान मंत्री जीवन जीवन ज्योति बीमा योजना का फायदा भी लिया जा सकता है. हालांकि इसके लिए आपको सभी योजनाओं के लिए अप्लाई करना होगा.
पोस्ट ऑफिस की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, जब भी आप यह अकाउंट (Savings Account) पोस्ट ऑफिस में ओपन कराएंगे तो आपको उसी समय नॉमिनी डिटेल्स देनी होती है.
उत्तराखंड में कोरोना के 9 नए केस
देहरादून। उत्तराखंड में 24 घंटे के भीतर कोरोना के 9 नए मरीज मिले हैं। जबकि, 4 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे गए हैं। वहीं, एक्टिव केस की संख्या 119 पहुंच गई है। राहत की बात ये है कि पिछले 24 घंटे में एक भी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई है। प्रदेश में सैंपल पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो 0.53% है। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, एक जनवरी 2022 से लेकर अभीतक प्रदेश में 92,533 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें से 88,902 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 96.08% है। वहीं, इस साल अब तक 275 मरीजों की मौत हुई है।
जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो 24 घंटे में नैनीताल में 4 नए मरीज मिले हैं। जबकि हरिद्वार में 2, देहरादून में 1, पौड़ी गढ़वाल में 1, और उधमसिंह नगर में 1 नया कोरोना संक्रमित मिला है। इसके अलावा बाकी जिलों में कोई नया कोरोना संक्रमित नहीं मिला है। वहीं, प्रदेश में पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग जिले कोरोना मुक्त हो गए हैं।
वैक्सीनेशन: प्रदेश में सोमवार को 21,579 लोगों का कोविड वैक्सीनेशन हुआ है। अभी तक कुल 82,31,055 लोग फुल वैक्सीनेट हो चुके हैं। वहीं, 3 जनवरी से शुरू हुए 15 से 17 साल के बच्चों के टीकाकरण में अभी तक 3,55,288 बच्चों को फुल वैक्सीनेट किया गया है। जबकि 4,99,695 बच्चों को पहली डोज लग चुकी है। वहीं, 12 से 14 वर्ष तक के 2,77,855 बच्चों को पहली डोज व 1,00,109 बच्चों को दोनों डोज लग चुकी है।
श्रमिकों को उनके कार्यस्थल के आसपास ही रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु आयोजित होंगे कैंप : मुख्य सचिव
देहरादून, मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में ई-श्रम पोर्टल की राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित हुई।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ई-श्रम के अन्तर्गत वर्तमान तक असंगठित कामगारों के जनपदवार पंजीकरण के कार्य में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि श्रम कार्ड बनाने हेतु मजदूरों को कॉमन सर्विस सेंटर आने से मजदूरी का नुकसान होता है, इस बात का ख्याल रखते हुए श्रमिकों को उनके कार्यस्थल के आसपास ही रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध कराए जाने हेतु कैंप आयोजित किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण निशुल्क है। सीएससी केंद्रों को इसके लिए भारत सरकार द्वारा भुगतान किया जाता है। उन्होंने अधिकारियों को, श्रमिकों का पोर्टल पर निशुल्क पंजीकरण सुविधा उपलब्ध कराए जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ई-श्रम पोर्टल पर अधिक से अधिक श्रमिकों का पंजीकरण किया जा सके, इसके लिए व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए, साथ ही दुर्गम क्षेत्रों में लगातार कैंप लगाकर श्रमिकों के पंजीकरण सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
ज्ञानतव्य है कि भारत सरकार द्वारा अगस्त 2021 में असंगठित कामगारों का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने हेतु ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया गया है। इसमें 16 से 59 वर्ष की आयु के घरेलू श्रमिक, मनरेगा कामगार, कृषि एवं भूमिधर मजदूर, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, भवन निर्माण श्रमिक, ठेला एवं फेरीवाले, ईंट-भट्टा मजदूर, मछुवारे सहित लघु एवं खुदरा दुकानदार पंजीकरण करवा सकते हैं, इसके साथ ही इसमें ऐसे कामगार जो ईएसआईसी या ईपीएफओ के सदस्य नहीं हैं या जो सरकारी कर्मचारी नहीं हैं, भी पंजीकरण करवा सकते हैं। ई-श्रम पोर्टल www.eshram.gov.in पर जाकर स्वयं या निकटतम सीएससी एवं राज्य सेवा केंद्रों में भी पंजीकरण किया जा सकता है।
इस अवसर पर सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री रविनाथ रमन एवं श्री विनोद कुमार सुमन सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
टीम के अथक प्रयासों से बुझी आग
हरिद्वार (कुलभूषण) फायर स्टेशन मायापुर हरिद्वार में समय 13.43 बजे एमडीटी के माध्यम से BHEL प्रदूषण नियंत्रण रिसर्च केंद्र के पास जंगल में आग लगने की सूचना प्राप्त हुई, सूचना प्राप्त होते ही फायर स्टेशन मायापुर हरिद्वार से एक फायर यूनिट घटनास्थल पहुंची, घटनास्थल पर पहुंचकर देखा कि आग BHEL प्रदूषण नियंत्रण रिसर्च केंद्र के आस-पास जंगल में लगी थी, फायर यूनिट ने तुरंत मोटर फायर इंजन से 3 होज पाईप फैलाकर आग को बुझाना प्रारंभ किया, कुछ समय बाद सीआईएसएफ की एक फायर यूनिट भी मौके पर पहुंची, दोनों फायर यूनिट द्वारा आग को लगातार घेर कर बुझाना जारी रखा, पानी समाप्त होने पर सीआईएसएफ फायर सर्विस के फायर हाइड्रेंट से पानी भरकर लाया गया तथा लगातार आग को बुझाना जारी रखा, मौके पर वन विभाग की टीम भी मौजूद थी, दोनों फायर यूनिटों एवं वन विभाग की टीम के अथक प्रयासों से आग को पूर्ण रूप से बुझाया गया। फायर यूनिट की त्वरित कार्यवाही से न केवल अमूल्य वन संपदा को जलने से बचाया गया अपितु आग से उठ रहे धुएं के कारण खराब हो रही शहर की आबोहवा से भी राहत मिली |
पुलिस भर्ती का बदला शेड्यूल, अब 15 मई को नहीं बल्कि इस दिन होगी परीक्षा
देहरादून, चारधाम यात्रा की वजह से तीन जिलों में पुलिस भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा का शेड्यूल बदल गया है। तीन जिलों में अब 15 मई को शारीरिक दक्षता परीक्षा नहीं होगी। दरअसल, पुलिस विभाग में आरक्षी संवर्ग के 1521 सीधी भर्ती पदों पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से प्रक्रिया चलाई जा रही है।
प्रदेश भर से करीब 2.60 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। चूंकि, चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। इसलिए पुलिस भर्ती की प्रक्रिया चारधाम प्रभावित जिलों में होनी संभव नहीं है |
लिहाजा, पुलिस मुख्यालय ने तय किया है कि उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा 15 मई के बजाय 15 जून से कराई जाए। इसकी सूचना आयोग को भेजते हुए कहा गया है कि इन तीन जिलों के उम्मीदवारों को आयोग इसी हिसाब से प्रवेश पत्र जारी करे।
चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। पुलिस यात्रा की व्यवस्थाओं में लगी हुई है। ऐसे में शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए एक महीने अतिरिक्त समय लिया गया है। इस संबंध में आयोग को पत्र भेज दिया गया।
– एपी अंशुमन, आईजी कार्मिक
उपचुनाव : सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत सीट पर किया नामांकन
चंपावत, भाजपा के तमाम दिग्गजों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नामांकन कराया। यहां चंपावत विधानसभा सीट के लिए 31 मई को उपचुनाव होना है और तीन जून को नतीजा घोषित किया जाएगा, मुख्यमंत्री धामी को सीएम की कुर्सी पर बने रहने के लिए उपचुनाव जीतना जरूरी है। इससे पहले वे खटीमा से विधानसभा चुनाव हार गए थे। सीएम के सामने कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी को मैदान में उतारा है।
जबकि समाजवादी पार्टी ने मनोज भट्ट उर्फ ललित मोहन भट्ट को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ मैदान में उतारा है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनके नाम पर मुहर लगाई।