Friday, May 16, 2025
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दून के करीब दो लाख मकानों को मिलेगा आईडी नंबर, होगी डिजिटल पहचान

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देहरादून, उत्तराखण्ड़ राजधानी दून में भवन निर्माण में अत्यधिक इजाफा हुआ है एक तरफ शहर में भीड़ बढ़ी तो दूसरी तरफ मकान निर्माण में भी तेजी आयी, लेकिन अब तक किसी मकान की पहचान उसके मालिक के नाम या कॉलोनी से होती है, लेकिन देहरादून में अब आईडी नंबर से भवन की पहचान होगी। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के अंतर्गत देहरादून में करीब दो लाख मकानों को आईडी नंबर मिलेगा। 2041 तक के लिए पहली बार तैयार किए गए नए डिजिटल मास्टर प्लान में यह व्यवस्था बनाई गई है। एमडीडीए की बोर्ड बैठक में हरी झंडी मिलने के बाद और आपत्तियों पर सुनवाई के बाद मार्च माह तक इस व्यवस्था के लागू होने की संभावना है। जिस तरह किसी व्यक्ति का आधार या पैन कार्ड का नंबर उसके लिए अहम होता है, उसी तरह आईडी नंबर मकान की डिजिटल पहचान होगा। डिजिटल मास्टर प्लान तैयार होने से नगर निगम को सबसे बड़ा फायदा होगा। निगम को एक क्लिक पर भवनों के संबंध में विस्तृत जानकारी मिल जाएगी। भवन के आकार और टैक्स आदि जमा करने को लेकर पूरा ब्यौरा ऑनलाइन प्राप्त हो सकेगा।

वहीं एमडीडीए अवैध निर्माण पर शिकंजा कस सकेगा। यदि कोई नया निर्माण करता है तो डिजिटल मैप से इसका पता चल जाएगा। फिलहाल पूरा डाटा सर्वे करने वाली कंपनी के पोर्टल पर है। जल्द एमडीडीए जीआईएस पोर्टल बनाकर पूरा डाटा अपने पास लेकर डाटाबेस तैयार करेगा। हाल ही डिजिटल मास्टर प्लान को गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अब इसे एमडीडीए की अगली बोर्ड बैठक में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। इसके बाद जनता को भी आपत्ति दर्ज करने और सुझाव देने का मौका मिलेगा। आपत्तियों के निस्तारण के बाद मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा। चीफ टाउन प्लानर शशि मोहन श्रीवास्तव का कहना है कि एमडीडीए के लिए पहली बार जीआईएस मैपिंग पर आधारित डिजिटल मास्टर प्लान तैयार किया गया है। एमडीडीए की आगामी बोर्ड बैठक में इसे प्रस्तुत किया जाएगा। भवनों से संबंधित पूरी जानकारी एक क्लिक पर मिलने से नगर निगम और एमडीडीए को फायदा होगा।

मास्टर प्लान में कमी, खामियाजा भुगत रही जनता :
एमडीडीए के मास्टर प्लान को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। खासतौर से नगर निगम में शामिल नए क्षेत्रों में मास्टर प्लान और धरातल पर एकरूपता नहीं होने के कारण लोगों को नक्शे पास करवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मास्टर प्लान की अपेक्षा मौके पर सड़कों की चौड़ाई कम होने की वजह से भी नक्शे अटक रहे हैं। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि नया मास्टर प्लान लागू होने से जनता की दिक्कतें कम होंगी या नहीं।

प्राधिकरण के लिये बड़ी चुनौती: सूत्रों की मानें तो एक व्यवस्थित शहर बसाने के लिए मानकों के अनुसार रेसीडेंशियल लैंड यूज 40 प्रतिशत होना चाहिए। जबकि देहरादून में पहले ही यह 80 फीसदी हो चुका है। शहर का 85 प्रतिशत हिस्सा पहले ही विकसित हो चुका है। 15 प्रतिशत में अवैध निर्माण हुआ है। ऐसे में मास्टर प्लान को धरातल पर लागू करवाना सरकार और प्राधिकरण के लिए बड़ी चुनौती होगी।

कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य में बूस्टर डोज लगाने के लिए अभियान चलाया जाए- मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य में बूस्टर डोज लगवाने का अभियान चलाया जाए। बूस्टर डोज लगवाने के लिए कल से ही कैम्प लगाना शुरू करें। जनपदों में बूस्टर डोज के लिए कैम्प लगाए जाएं। सभी जनपदों में कंट्रोल रूम सक्रिय किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के जो भी नये मामले आयेंगे, उनकी जीनोम सिक्वेंसिंग भी कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बूस्टर डोज लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए। इसका विभिन्न माध्यमों से व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार भी किया जाए। उन्होंने मुख्य सचिव को कोविड की नियमित समीक्षा करने के निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड बूस्टर डोज की जितनी आवश्यकता है, शीघ्र केन्द्र सरकार को डिमांड भेजी जाए। सभी आवश्यक संसाधनों की पूर्ण उपलब्धता रखी जाए।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बैठक में वर्चुअल प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा की राज्य में कोविड की प्रथम एवं द्वितीय डोज लगभग शत प्रतिशत लोगों को लग चुकी है। बूस्टर डोज के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाएगा।

बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, डीजीपी श्री अशोक कुमार, सचिव श्री रंजीत सिन्हा, डॉ. आर. राजेश कुमार, श्री विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव श्रीमती अमरदीप कौर एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

एक्शन मोड मंत्री रेखा आर्या, लापरवाही पाए जाने पर अधिकारियों को दी चेतावनी

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31 दिसम्बर तक सभी पात्र व्यक्तियों को दे दिए जाएं राशन कार्ड-रेखा आर्या

अधिकारियों को दिए निर्देश अंत्योदय कार्ड धारक तक हर हाल में पहुंचाए गैस सिलेंडर

खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने ली खाद्य विभाग की महत्वपूर्ण विषयों के संबंध में समीक्षा बैठक

देहरादून, विधानसभा स्थित भवन में प्रदेश की खाद्य ,नागरिक आपूर्ति एवम उपभोक्ता मामलों की मंत्री रेखा आर्या ने खाद्य विभाग की महत्वपूर्ण विषयों के संबंध में विभागीय अधिकारियों और सभी जनपदों के जिलापूर्ति अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक ली। बैठक में खाद्य मंत्री ने विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट के बारे में संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली।बैठक में अधिकारियों ने अपात्र को ना पात्र को हां, अंत्योदय परिवारों को मिल रहे तीन गैस सिलेंडर, बायोमेट्रिक व ऑनलाइन माध्यम के जरिये बांटे जा रहे राशन,धान खरीद केंद्रों में धान की आपूर्ति के बारे में विभागीय मंत्री को जानकारी दी।
इस दौरान मंत्री रेखा आर्या ने बात करते हुए कहा कि अधिकारियों को कई विषयों के संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देश दिए गए हैं । जिसमे 31 दिसम्बर 2022 तक सभी जिलापूर्ति अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके जिले मे जिन व्यक्तियों ने अपने राशनकार्ड सरेंडर किये हैं वह सभी अधिकारी इस दिनांक तक पात्र लोगो को राशनकार्ड उपलब्ध करा दें साथ ही इसमें आ रही व्यवहारिक दिक्कतों को जल्द से जल्द दूर कर दें।

इस दौरान खाद्य मंत्री ने बॉयोमेट्रिक व ऑनलाइन माध्यम से दिए जा रहे राशन के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि अधिकतर जिलों की स्थिति संतोषजनक जरूर है ,चूंकि पहाड़ी जनपदों में कुछ स्थान ऐसे हैं जहां पर नेटवर्क की समस्या रहती है वहाँ पर लोगो को राशन से वंचित ना रखा जाए लेकिन मैदानी जिले जहां पर इस प्रकार की कोई दिक्कत नही है वह जिले अपने यहां 100 प्रतिशत ऑनलाइन व बॉयोमेट्रिक के माध्यम से राशन देना सुनिश्चित करें।
वहीं विभाग द्वारा अंत्योदय परिवारों के लिए चलाई जा रही साल में तीन गैस सिलेंडर के बारे में कैबिनेट मंत्री ने सभी जिला पूर्ति अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जितने भी अंत्योदय परिवारों को इस योजना का लाभ मिलना चाहिए वह किन कारणों से गैस रिफिल नही करा रहे रहे इसके बारे मे सभी अधिकारीगण एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराएं ।उन्होंने कहा कि यह सरकार कि एक जनकल्याणकारी योजना है जिसके तहत हम साल के तीन गैस सिलेंडर देते है जो कि चार-चार माह के अंतराल पार दिया जाता है। इसका लाभ अंत्योदय परिवारों को हर हाल में मिलना चाहिए । कोई भी पात्र इस योजना से नही छूटना चाहिए।
धान खरीद के बारे में बताते हुए खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि हमे करीब 9 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य मिला था जिसके सापेक्ष हमने लगभग 96 प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है शेष लक्ष्य को हम दिसम्बर अंत तक पूर्ण कर लेंगे । साथ ही कहा कि किसानों के जरिये कई बार यह बात कही जाती है कि इस बार चूंकि धान की पैदावार ज्यादा हुई है ऐसे में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि उनसे धान लेकर इसकी व्यवस्था बनाई जाए । इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने राशन डीलरों के बारे में कहा कि हमारी कोशिश है कि हम किस प्रकार से उन्हें सुदृढ़ बना सकते है इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट बना कर तैयारी कर ली जाए।
इस अवसर पर सचिव बृजेश कुमार संत ,अपर निदेशक पीएस पांगती ,उपायुक्त गढ़वाल विपिन कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद रहे |

गाडिय़ों की नंबर प्लेट में होगा बड़ा बदलाव, टोल पर नहीं पड़ेगी फास्टटैग की जरूरत

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नई दिल्ली, टोल पर अब फास्टैग की जरूरत नहीं होगी। सरकार लोगों को परेशानियों ने निजात दिलाने के लिए नई टोल संग्रह प्रणाली शुरू करने की योजना बना रही है। सरकार (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर) कैमरा नामक एक नए जीपीएस-आधारित टोल सिस्टम को लागू करने का प्लान बना रही है।

इस नई तकनीक के जरिए गाडिय़ों के नंबर प्लेट को स्कैन किया जाएगा। साथ ही आप जैसे ही टोल प्लाजा क्रॉस करेंगे वैसे ही आपके बैंक खाते से टोल की राशि काट ली जाएगी। इस सिस्टम की जानकारी केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बीते वर्ष संसदीय सत्र के दौरान दिया था। इससे टोल वसूली में हो रही धांधलेबाजी को पर भी रोक लगेगी। जीपीएस के माध्यम से आपके बैंक खाते से ठीक उतने ही पैसे काटे जाएंगे जितनी आप दूरी तय करेंगे। प्रवेश और निकास स्थानों पर सिस्टम द्वारा एएनपीआर कैमरे पासिंग वाहनों की लाइसेंस प्लेट की तस्वीरें क्लिक करने के लिए स्थापित किए जाएंगे।

नंबर प्लेट में होगा बड़ा बदलाव
आपकी गाडिय़ों में लगा नंबर प्लेट सामान्य नहीं होगा बल्कि इसमें जीपीएस सिस्टम होगा। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने नई गाडिय़ों में जीपीएस नंबर प्लेट लगाने का आदेश दे दिया है। वहीं पुरानी गाडिय़ों में पुरानी नंबर प्लेट को हटाकर नई नंबर प्लेट लगाना होगा। इसमें नंबर प्लेट से जीपीएस सिस्टम अटैच होगा। साथ ही एक सॉफ्टवेयर लगाया जाएगा, जिससे टोल प्लाजा पर पहुंचते ही खुद व खुद टोल कट जाएगा।

बड़ी खबर : अंकिता हत्याकांड- सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका को हाईकोर्ट ने किया खारिज

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देहरादून, उत्तराखंड के बहुचर्चित ऋषिकेश के चीला क्षेत्र में वनंतरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की हत्या मामले की सीबीआई जांच को लेकर दायर याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि एसआइटी सही जांच कर रही है, उसकी जांच में संदेह नहीं किया जा सकता, इसलिए इसकी सीबीआई से जांच कराने की आवश्यकता नहींं है।एसआइटी द्वारा किसी वीआइपी को नहीं बचाया जा रहा है, इसलिए याचिका निरस्त की जाती है। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने मामले में सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया था। जिस पर आज बुधवार को निर्णय दे दिया है। कोर्ट ने मृतका के माता पिता को याचिका में पक्षकार बनाते हुए उनसे अपना विस्तृत जवाब पेश करने को कहा था।

कोर्ट ने उनसे पूछा था कि आपको एसआइटी की जांच पर क्यों संदेह हो रहा है। जबकि एसआइटी ने अपना जवाब में बताया था कि अधिकारी से पूछा था कि रिसॉर्ट के कमरे को बुलडोजर से ध्वस्त करने से पहले सारी फोटोग्राफी की गई। मृतका के कमरे से एक बैग के अलावा कुछ नहीं मिला। मृतका की माता सोनी देवी व पिता बीरेंद्र सिंह भंडारी ने अपनी बेटी को न्याय दिलाने व दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने को लेकर याचिका में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें आरोप लगाया था कि एसआइटी इस मामले की जांच में लापरवाही कर रही है, इसलिए सीबीआई से जांच कराई जाए।

कहा था कि सरकार शुरुआत से ही किसी वीआईपी को बचाना चाह रही है। सबूत मिटाने के लिए रिसॉर्ट से लगी फैक्ट्री को भी जला दिया गया, जबकि वहां पर कई सबूत मिल सकते थे।स्थानीय लोगों के मुताबिक फैक्ट्री में खून के धब्बे देखे गए थे। सरकार ने किसी को बचाने के लिए जिलाधिकारी का तक तबादला कर दिया।पौड़ी गढ़वाल निवासी आशुतोष नेगी ने याचिका दायर कर कहा था कि उन पर इस केस को वापस लेने का दवाब डाला जा रहा है। उन पर क्राउड फंडिंग का आरोप भी लगाया जा रहा है।

याचिका में कहा है कि पुलिस व एसआइटी इस मामले के महत्वपूर्ण सबूतों को छुपा रहे हैं। एसआअटी ने पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। जिस दिन उसका शव बरामद हुआ था, उसकी दिन शाम को मृतका का कमरा तोड़ दिया गया, पुलिस ने बिना किसी महिला डॉक्टर की उपस्थिति में उसका मेडिकल कराया गया, जो सर्वोच्च न्यायलय के आदेश के विरुद्ध है।

मेडिकल कराते समय एक महिला का होना आवश्यक था। जिस दिन उसकी हत्या हुई थी, उस दिन अभियुक्त पुलकित उसके कमरे में मौजूद था, वह रो रही थी। यााचिका में यह भी कहा गया था कि मृतका साथ दुराचार हुआ है, जिसे पुलिस नहीं मान रही है। पुलिस इस केस में लीपापोती कर रही है। इसलिए इस केस की जांच सीबीआइ से कराई जाए।उल्लेखनीय है कि 18 सितंबर को वनंतरा रिसॉर्ट से रिसेप्शनिस्ट लापता हो गई थी। स्वजनों ने राजस्व पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की थी। कई दिनों बाद उसका शव नहर से बरामद किया था। इस हत्यकांड में पुलिस ने पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर व अंकित को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल पौड़ी जेल में हैं।

 

प्राधिकरण के विरोध में संघर्ष समिति ने दिया धरना

Almora News:जिला विकास प्राधिकरण के विरोध में दिया धरना, नारेबाजी की -  Protest For No Dda In Almora - Almora News

अल्मोड़ा, जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त करने की मांग को लेकर सर्वदलीय संघर्ष समिति ने आज गांधी पार्क में धरना दिया तथा प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।इस अवसर पर सर्वदलीय संघर्ष समिति के संयोजक पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने कहा कि जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त करने की मांग को लेकर सर्वदलीय संघर्ष समिति के धरने को पांच साल से अधिक का समय हो गया है लेकिन प्रदेश सरकार अभी तक इस मामले में चुप्पी साधे बैठी है।उन्होंने कहा कि पांच वर्ष पूर्व नवम्बर 2017 में प्रदेश सरकार ने अव्यवहारिक तरीके से अल्मोड़ा सहित पूरे पर्वतीय क्षेत्र में प्राधिकरण लागू कर दिया था।जिसके विरोध में नवम्बर 2017 में सर्वदलीय संघर्ष समिति का गठन किया गया था तथा तबसे लगातार समिति जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को समाप्त करने की मांग को लेकर प्रत्येक मंगलवार को समिति धरना देती आ रही है जो बदस्तूर जारी है।उन्होंने कहा कि भाजपा की इस सरकार में जनहित के इतने बड़े मुद्दे की लगातार अनदेखी की जा रही है।जनता के विरोध एवं पांच साल से चल रहे धरने से भी सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही।धरने को सम्बोधित करते हुए समिति के संयोजक पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने कहा कि जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को समाप्त करने के लिए समिति स्थानीय जनता के साथ लगातार पिछले पांच वर्षों से आन्दोलनरत है।इस दौरान जुलूस,धरने,ज्ञापन आदि के माध्यम से लगातार सरकार को चेताने का कार्य किया गया।परन्तु दो दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बयान के बाबजूद प्रदेश सरकार ने इसे स्थगित कर मामले की इतिश्री कर ली।उन्होंने कहा कि सर्वदलीय संघर्ष समिति पीछे हटने वाली नहीं है।प्राधिकरण के विरोध में समिति का धरना लगातार तब तक जारी रहेगा जब तक कि सरकार इसे स्पष्ट आदेश के तहत समाप्त नहीं कर देती।धरने कार्यक्रम में नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी,कांग्रेस नगर अध्यक्ष पूरन सिंह रौतेला, चन्द्र कान्त जोशी,हेम चन्द्र जोशी, ललित मोहन पन्त,नारायण दत्त पाण्डेय, आनन्दी वर्मा,मनीष चन्द्र जोशी, ललित मोहन जोशी, सभासद हेम चन्द्र तिवारी आदि शामिल रहे।

 

 

प्रदेश में जल्द ही लागू की जाएगी रूफ गार्डनिंग प्रोत्साहन योजना

प्रदेशभर में लागू किया जाएगा रूफ गार्डनिंग प्रोजेक्ट, शहरी क्षेत्रों में  सब्जी उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा

देहरादून, शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को घर की छतों पर रूफ गार्डनिंग के जरिए जैविक सब्जी उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार ने रूफ गार्डनिंग के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देहरादून को चुना है। जल्द ही इस योजना को प्रदेश भर में लागू किया जाएगा।

राजपुर रोड स्थित वन मुख्यालय के मंथन सभागार में कृषि एवं उद्यान मंत्री ने विभाग की ओर से रूफ गार्डनिंग पर आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कृषि मंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में रूफ गार्डनिंग की अपार संभावनाएं हैं। इसी तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार रूफ गार्डनिंग योजना को संचालित करने जा रही है। इसको बढ़ावा देने के लिए 25 दिसंबर से दो जनवरी तक प्रदेश में रूफ गार्डनिंग सप्ताह मनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों व पेस्टीसाइड के उपयोग से लोगों को रसायन मुक्त सब्जी नहीं मिल रही है, लेकिन रूफ गार्डनिंग से लोग अपने घर की छतों पर अपनी जरूरत के लिए जैविक तरीके से सब्जी उत्पादन कर सकते हैं। यह स्वास्थ्य के लिहाज से भी लाभकारी होगा। शहरी क्षेत्रों में लगातार कृषि योग्य भूमि कम होती जा रही है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में रूफ गार्डनिंग, पोषक तत्व प्रबंधक, सब्जी उत्पादन की तकनीकी, जैविक उत्पादन की जानकारी दी गई। उद्यान निदेशक डॉ. एचएस बवेजा ने बताया दिल्ली के बाद उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य है, जहां पर रूफ गार्डनिंग योजना को संचालित करने का निर्णय लिया गया।

मुख्य उद्यान अधिकारी देहरादून मीनाक्षी जोशी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया कि रूफ गार्डनिंग में विभिन्न प्रकार के सब्जी उत्पादन के साथ-साथ वर्टिकल गार्डनिंग (उर्ध्व खेती) एवं हाइड्रोपोनिक्स (मिट्टी रहित खेती) का लाभ भी उठाया जा सकता है। इस मौके पर संयुक्त निदेशक उद्यान डॉ. रतन कुमार, महेंद्र सिंह, गणेश बिष्ट, पूनम नौटियाल, मनजीत रावत आदि मौजूद रहे।

 

कार्लिगार्ड पंचायत के घरों से उत्पन्न होने वाले कचरे का प्रबंधन करेगी पर्यावरण सखी

देहरादून, ग्राम पंचायत कार्लिगार्ड के बगड़ा धोरण गांव में घरों का कचरा प्रबंधन हेतु वेस्ट वॉरियर्स संस्था द्वारा पर्यावरण सखी मॉडल का उदघाटन किया गया, इसके अंतर्गत एवं इसका उद्देश्य गांव से निकलने वाले सूखे कचरे को इक्कठा कर धनौला में बन रहे स्वच्छता केंद्र भेजा जाए,ताकि आगे उसको रिसाइकल भी किया जा सके ।इस कार्यक्रम में गांव से ही महिला श्रीमति सीमा देवी पर्यावरण सखी बनकर अब यह कार्य करेगी ।
वेस्ट वॉरियर्स संस्था सहस्त्रधारा में 3 सालो से कार्य करती आ रही हैं, आज इसी कर्म में पंचायत को भी जोड़ा जा रहा हैं,ताकि स्वच्छ पंचायत मॉडल को सफल बनाया जा सके.
संस्था से नवीन कुमार सडाना ने सीमा जी को इस कार्य को करने के लिए बधाई एवम धन्यवाद किया।
जिला पंचायत सदस्य श्री वीर सिंह चौहान जी द्वारा गांव के निवासियों से इस मुहिम से जुड़ने की अपील की गई और पर्यावरण सखी सीमा देवी एवम पंचायत समिति द्वारा घर घर सूखे कचरे के लिए एल आई सी ( एच एफ एल) द्वारा प्रदान किए बैग वितरित किए गए।
इस कार्यक्रम में ग्राम प्रधान श्रीमति सुनीता देवी , उप प्रधान हुकुम सिंह, वार्ड मेम्बर अमित ,राकेश एवम संस्था से पुस्पेंदु ,पूजा,निकिता भट्ट, आदि मौजूद रहे।

देश में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कोई कानून नहीं है, इसलिए देशव्यापी कानून समय कि मांग : नरेश बंसल

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देहरादून, उत्तराखंड़ से राज्य सभा सांसद नरेश बंसल ने आज संसद के उच्च सदन राज्य सभा मे जबरन धर्मांतरण का मुद्दा उठाया ।सासंद बंसल ने कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है और फिलहाल देश में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कोई कानून नहीं है,इसलिए देशव्यापी कानून बनाने के लिए आवश्यकता है।

सांसद नरेश बंसल ने स्पेशल मेनशन मे कहा कि लालच, धोखा या बलपूर्वक किया जाने वाला धर्मांतरण खतरनाक और बहुत ही गंभीर मुद्दा है।सासंद बंसल ने कहा कि इस प्रकार का धर्मांतरण नहीं रोका गया,तो जटिल स्थिति पैदा हो सकती है। बंसल ने कहा कि जबरन धर्मांतरण राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही यह नागरिकों के धर्म और अंतरात्मा की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के लिए खतरा बन सकता है। अगर इन पर रोक नहीं लगाई गई,तो जल्द ही भारत में हिंदू अल्पसंख्यक हो जाएंगे।

सांसद ने कहा कि देश में काला जादू, अंधविश्वास,चमत्कार आदि के जरिये जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं हर हफ्ते सामने आती हैं तथा एक भी जिला ऐसा नहीं है,जो धोखाधड़ी व धमकी से हो रहे धर्मांतरण से मुक्त हो। सांसद राज्य सभा नरेश बंसल ने संसद मे कहा कि धर्म की आजादी हो सकती है,लेकिन जबरन धर्म परिवर्तन की कोई स्वतंत्रता नहीं है।

सासंद बंसल ने सदन का ध्यान आकर्षित किया कि आदिवासी बहुल इलाकों में ऐसे धर्मांतरण बहुतायत में होते हैं तथा उन्हें पता ही नहीं होता कि उनके साथ क्या हो रहा है और ये सब मदद के नाम पर होता है। सांसद राज्य सभा नरेश बंसलने कहा कि मुद्दा किसी एक जगह से जुड़ा नहीं है,बल्कि पूरे देश की समस्या है जिस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। सांसद ने सदन मे कहा कि फिलहाल देश में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कोई कानून नहीं है, लेकिन उत्तराखंड समेत कई राज्यों में इसे लेकर कानून है।भारत के पड़ोसी देशोंपाकिस्तान, नेपाल, म्यांमार, लंका और भूटान में में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून हैं।

सांसद ने कहा कि संसद में 3 बार हुए धर्मांतरण क़ानून पास कराने की कोशिश हो चुकी है तथा 2015 में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष व अभी के माननीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रव्यापी स्तर पर धर्मांतरण निरोधक कानून बनाने पर जोर दिया था।

सासंद राज्य सभा नरेश बंसल ने सरकार से मांग करते हुए इसे एक बेहद गंभीर मामला बताया व बताया कि फिलहाल भारत देश में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कोई कानून नहीं है,इसलिए देशव्यापी कानून बनाने के लिए तुरंत आवश्यकता है।

मौसम विभाग : प्रदेश में 25 दिसंबर से होगा मौसम में बदलाव, ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश-बर्फबारी की संभावना

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देहरादून। उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में 25 दिसंबर से मौसम बदलने जा रहा है। मौसम विभाग ने ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। मौसम विभाग की ओर से बुधवार सुबह जारी पुर्वानुमान के अनुसार, उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में 25 दिसंबर को हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है। खासकर राज्य के 3000 से ऊपर के इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। वहीं मैदानी इलाकों में अगले दो दिन कोहरा छाया रहेगा। मौसम विभाग ने ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले में घने कोहरे को लेकर दो दिन येलो अलर्ट जारी किया है।
मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी का अंदेशा है। तीन सप्ताह बीतने को है लेकिन इसके बाद भी दिसंबर में बारिश नहीं हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं होने की वजह से यह स्थिति बनी है। निदेशक डॉक्टर बिक्रम सिंह के मुताबिक फिलहाल जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों और अफगानिस्तान में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हैं। 25 के बाद पहाड़ी इलाकों खासकर उत्तरकाशी, चमोली में इसके सक्रिय होने और 3500 मीटर तक की ऊंचाई में बर्फबारी के आसार बन रहे हैं।

सावधान..! कोरोना के बीएफ 7 वैरिएंट ने चीन में मचाई तबाही, भारत में भी मिले तीन मरीज

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नई दिल्ली, कोरोना एक बार फिर से दुनिया को डराने के लिए तैयार है। चीन में ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट बीएफ.7 की वजह से रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं। अब गुजरात के वडोदरा में भी बीएफ 7 का एक केस दर्ज किया गया है। एक एनआरआई महिला इस वैरिएंट से संक्रमित है। गुजरात जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र द्वारा भारत में BF.7 के पहले मामले का पता चला। उन्होंने कहा कि अब तक गुजरात से दो मामले सामने आए हैं जबकि ओडिशा से एक मामला सामने आया है |

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में हुई कोविड समीक्षा बैठक में विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि अभी तक कोविड मामलों की संख्या में समग्र वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन मौजूदा और उभरते रूपों पर नज़र रखने के लिए निरंतर निगरानी की आवश्यकता है। यहां आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, चीनी शहर वर्तमान में अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन स्ट्रेन की चपेट में हैं, ज्यादातर बीएफ.7 जो बीजिंग में फैलने वाला मुख्य प्रकार है और उस देश में कोविड संक्रमण के व्यापक उछाल में योगदान दे रहा है। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि चीन में बीएफ.7 की उच्च संप्रेषणीयता को पिछले संक्रमण से चीनी आबादी में प्रतिरक्षा के निम्न स्तर और संभवतः टीकाकरण के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

क्या है कोरोना का नया वेरिएंट :

चीन में कोरोना के नए मामलों के पीछे ओमिक्रॉन BF.7 है, जिसका असल वैज्ञानिक नाम BA.5.2.1.7 है, और यह ओमिक्रॉन BA.5 का सब-वेरिएंट है।

तेज़ी से संक्रमण फैलाने की क्षमता रखता है BF.7
जैसा कि चीन में कोविड की स्थिति से साफ है कि BF.7, वहां तेज़ी से लोगों में संक्रमण को फैला रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ओमिक्रॉन BF.7 लोगों को जल्दी शिकार बनाने की ताकत रखता है, जिसके लक्षण भी संक्रमित होने के बाद जल्दी दिखने लगते हैं, जिससे लोग आसानी से संक्रमित हो जाते हैं। BF.7 से जुड़े लक्षण

खबरों के मुताबिक, BF.7 वेरिएंट श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से को इन्फेक्ट करता है। जिसकी वजह से नीचे बताए गए लक्षण दिखते हैं :
बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, कमजोरी, थकावट

कुछ लोगों को उल्टी और दस्त जैसे पेट से जुड़े लक्षणों का भी अनुभव होता है।

कोरोना के दूसरे वेरिएंट्स के तरह BF.7 भी उन्हीं लोगों को शिकार बनाता है, जिनका इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता है। इंग्लैंड में भी बढ़ रहे हैं कोविड के मामले

चीन में कोरोना वायरस से मच रही तबाही की खबरों के बीच यूके के कई हिस्सों में भी कोविड-19 संक्रमण के बढ़ने के मामले सामने आए हैं। दिसंबर के शुरुआत में मामले 13 लाख तक पहुंच गए थे। हालांकि, ये आंकड़ा अब भी पिछले साल के कहर से कम है। इसी बीच कोरोना वायरस इन्फेक्शन के 10 सबसे आम लक्षणों की लिस्ट में भी बदलाव आए हैं। आइए जानें कि अब कोविड के आम लक्षणों में क्या-क्या शामिल है।

इंग्लैंड में अक्टूबर महीने के अंत में कोविड के मामले बढ़ने लगे थे, जबकि स्कॉटलैंड और वेल्स में भी मामले बढ़ते दिखे थे। इसी दौरान ZOE हेल्थ स्टडी लगातार कोविड के लक्षणों को ट्रेक कर रही थी। ये हैं कोविड-19 के नए आम लक्षण

इस लिस्ट में हाईपोज़मिया को इस बार शामिल किया गया है, जिसका मतलब है, ‘सुगंध को महसूस करने की भावना में बदलाव’। लेटेस्ट डाटा के मुताबिक, यह नया लक्षण अब इस वायरस का 10वां सबसे आम लक्षण है। गले में खराश इस वक्त सबसे ज़्यादा रिपोर्ट किया गया लक्षण है, जिसके बाद नाक बहना, नाक बंद होना, छींक, सूखी खांसी, सिर दर्द, बलगम वाली खांसी, कर्कश आवाज़, मांसपेशियों में दर्द और दर्द इस लिस्ट में शामिल हैं।

ज़ोई के अनुसार, सुगंध का जाना, बुखार और सांस लेने में दिक्कत जैसे पारंपरागत लक्षण अब काफी कम देखे जा रहे हैं। कोविड-19 के लक्षणों की लिस्ट में अनॉस्मिया यानी सुगंध का महसूस न होना 14वें और सांस लेने में दिक्कत 16वें स्थान पर है। कोरोना की शुरुआती लहर में सुगंध का न महसूस होना आम लक्षणों में शामिल था।

कोरोना खतरा फिर : सरकार एक्शन में सरकार, एयरपोर्ट पर विदेश से आने वाले सभी लोगों की होगी रैंडम सैंपलिंग

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नई दिल्ली, कई देशों में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए भारत सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है। आज स्वास्थ्य मंत्रालय की बड़ी बैठक हुई है। उसके बाद एक बड़ा निर्णय भी लिया गया है। सूत्रों का दावा है कि कई देशों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एयरपोर्ट पर विदेश जाने वाले सभी लोगों की रेंडम सेंपलिंग के आदेश दिए हैं। दरअसल, आज ही स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक हुई थी। इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी मौजूद रहे थे। सरकार की ओर से बताया गया कि डॉ मनसुख मंडाविया ने दुनिया भर में बढ़ते मामलों के मद्देनजर COVID-19 स्थिति और निगरानी, ​​नियंत्रण और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों की समीक्षा की।
भारत सरकार ने कहा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे सभी कोविड-19 पॉजीटीव मामलों के नमूने INSACOG प्रयोगशालाओं में भेजें ताकि नए वेरिएंट की ट्रैकिंग की सुविधा मिल सके। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा है कि COVID अभी खत्म नहीं हुआ है। मैंने सभी संबंधितों को सतर्क रहने और निगरानी मजबूत करने का निर्देश दिया है। मैं लोगों से कोविड टीकाकरण लेने का भी आग्रह करता हूं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की कोविड पर बैठक के बाद नीति आयोग के सदस्य-स्वास्थ्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि अगर आप भीड़भाड़ वाली जगह, घर के अंदर या बाहर हैं तो मास्क का इस्तेमाल करें। यह कॉमरेडिटी वाले या अधिक आयु वाले लोगों के लिए और भी महत्वपूर्ण है।

बैठक में स्वास्थ्य विभाग, औषधि विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और आयुष विभाग के सचिवों के अलावा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक राजीव बहल, पॉल और राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा भी शामिल हुए। जापान, अमेरिका, कोरिया गणराज्य, ब्राजील और चीन में मामलों में वृद्धि के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया कि वे कोविड के संक्रमित नमूनों के पूरे जीनोम अनुक्रमण को उभरते स्वरूपों पर नजर रखने के लिए तैयार करें।

आईटीबीपी के साथ पुलिस बल जुटा केदारनाथ धाम की सुरक्षा में

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“आईटीबीपी के 30 जवान केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा मे तैनात , मंदिर समिति ने जताई थी सुरक्षा ब्यवस्था की चिन्ता”

(देवेन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- करोड़ो हिन्दुओं की आस्था के केन्द्र विश्व प्रसिद्ध बाबा केदारनाथ धाम की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अब पुलिस बल के साथ आईटीबीपी भी तैनात कर दी गई है। बद्री केदार मंदिर समिति की पहल पर धाम की सुरक्षा में आईटीबीपी के 30 जवानों को आधुनिक हथियारों के साथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात किया गया है। ये जवान आगामी 30 अप्रैल तक केदारनाथ धाम में मौजूद रहेंगे।
बता दें कि इस वर्ष केदारनाथ धाम में रिकार्ड 16 लाख तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए हैं,इस वर्ष केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को श्रद्धालुओं द्वारा स्वर्ण मंडित किया गया है। जिसे देखते हुये बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेन्द्र अजय ने मुख्य सचिव उत्तराखंड को धाम की सुरक्षा के लिये पत्र लिखा था।
अजयेन्द्र अजय का कहना है कि बदरी-केदार मंदिर समिति मंदिर की सुरक्षा में कोई भी कमी नहीं रखना चाहती है, इसी को देखते हुए मंदिर समिति ने पूर्व में गृह मंत्रालय को भी मंदिर की सुरक्षा को लेकर आईटीबीपी के जवानों को तैनात करने की मांग की थी।
उन्होंने बताया कि मंदिर समिति की ओर से भेजे गये पत्र का संज्ञान लेते हुए गृह मंत्रालय ने मंदिर की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए आईटीबीपी को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है। ये जवान पूरे शीतकाल में मंदिर के तीनों द्वार पर तैनाती के साथ ही केदारपुरी की निगरानी भी करेंगे। आईटीबीपी जवानों के साथ पुलिस बल के 20 जवान भी केदारनाथ धाम में तैनात हैं।
बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि इस वर्ष केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित कराया गया है। सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए कपाट बंद होने से पूर्व प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया था। उन्होंने बताया कि वर्तमान में बद्रीनाथ व केदारनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत कार्य चल रहे हैं और वहां पर भारी संख्या में मजदूर रह रहे हैं। ऐसे में लगातार आवाजाही होने से आईटीबीपी के जवानों को तैनात किया गया है।
पुलिस उपाधीक्षक गुप्तकाशी विमल रावत ने कहा कि केदारनाथ में 30 आईटीबीपी के साथ पुलिस बल मिलकर कार्य कर रहा है। केदारनाथ मंदिर में ये जवान अप्रैल माह तक तैनात रहेंगे साथ ही केदारनाथ स्थित हेलीपैड हमेशा एक्टिव मोड में रहेगा।