मसूरी, वित्तीय वर्ष 2024-25 31 मार्च को समाप्त होने में सिर्फ पांच दिन शेष बचे हैं ऐसे राज्य सरकार के कई विभाग बकाया देनदारी वसूली का अभियान चलाकर ज्यादा से ज्यादा वसूली पर जोर दे रहे हैं, इस क्रम में नगर पालिका मसूरी ने भी बकाया देनदारों के खिलाफ वसूली अभियान चला रखा है और बकाया भुगतान वालों पर नोटिस और सील जैसी कार्रवाही की जा रही है ताकि अधिक से अधिक धनराशि वसूल की जा सके l इसी अभियान के तहत आज बुधवार को बकाया भुगतान को लेकर नगर पालिका द्वारा कुंज भवन स्थित विद्युत विभाग के सब स्टेशन को सील किया गया, बताते चले कि इस विद्युत सब स्टेशन पर 2 लाख 5 हजार बकाया है, जबकि विद्युत विभाग मसूरी पर कुल 24 करोड रुपए की बकाया देनदारी है, नगर पालिका मसूरी के अधिशासी अधिकारी संजीव सिंह मारवाह ने बताया कि विद्युत विभाग को 15 दिन का समय दिया गया है, उन्होंने कहा कि लम्बे समय से इस देनदारी के लिये नगर पालिका कई बार पत्र भी भेज चुकी है, मारवाह का कहना कि इस के बकाया देनदारों को भी नोटिस जारी किये गये हैं l वहीं दो विभागों आपसी खींचतान के कारण माल रोड में विद्युत आपूर्ति ठप्प होने से लोग परेशान हैं, लोगों का कहना है कि दोनों विभागों का यह आपसी मामला है लेकिन परेशान आमजन हो रहे हैं l
उत्तराखंड की बेटियों की बुलंद आवाज़: शक्ति वंदन महिला संभाषण प्रतियोगिता का जिला स्तर पर भव्य आयोजन
देहरादून। सखा क्लब और श्री गुरु राम राय महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई द्वारा जिला स्तर पर आयोजित शक्ति वंदन महिला संभाषण प्रतियोगिता का आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। उत्तराखंड की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित इस प्रतियोगिता का उद्देश्य प्रदेश की उपलब्धियों, संभावनाओं और चुनौतियों पर युवतियों के दृष्टिकोण को मंच प्रदान करना था।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल रहीं। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी मनोज ध्यानी, उत्तराखंड आंगनबाड़ी संगठन की अध्यक्ष रेखा नेगी, आंदोलनकारी आशा नौटियाल, तारा पांडे और अखिल भारतीय समानता मंच के विनोद नौटियाल ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।
प्रतियोगिता में देहरादून जिले के विभिन्न कॉलेजों की छात्राओं ने भाग लिया और अपने विचार प्रस्तुत किए। हिमानी (D.A.V. College) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिन्हें ₹1100 और ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। द्वितीय स्थान पर सुप्रिया नौटियाल (SGRR PG College) रहीं, जिन्हें ₹700 और ट्रॉफी प्रदान की गई। तृतीय स्थान साक्षी (SGRR PG College) ने प्राप्त किया, जिनका सम्मान ₹500 की धनराशि और ट्रॉफी के साथ किया गया। सांत्वना पुरस्कार साक्षी रस्तोगी (SGRR PG College) को प्रदान किया गया।
एडवोकेट रितु गुजराल, NSS कार्यक्रम अधिकारी अनीता मनोरी ध्यानी और कंप्यूटर शिक्षक बिलाल अहमद ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई। कार्यक्रम का संचालन श्री गुरु राम राय महाविद्यालय के प्राचार्य मेजर प्रदीप सिंह, NSS कार्यक्रम अधिकारी आनंद सिंह राणा और कार्यक्रम अध्यक्ष सौम्या गौड़ के नेतृत्व में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के समापन पर सखा क्लब ने घोषणा की कि सखा क्लब के महिला विभाग को अब ‘सखा शक्ति वंदन’ के नाम से जाना जाएगा। इसके अंतर्गत भविष्य में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और आयोजनों की पहल की जाएगी। साथ ही, हर वर्ष 25 मार्च को शक्ति वंदन महिला संभाषण प्रतियोगिता आयोजित करने का निर्णय लिया गया, जिससे महिलाओं को अपनी आवाज़ बुलंद करने का मंच मिलता रहेगा।
कार्यक्रम की सफलता में श्री गुरु राम राय महाविद्यालय प्रशासन, NSS टीम और सखा क्लब के सदस्यों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
राज्यपाल की अध्यक्षता में राज्य बाल कल्याण परिषद, उत्तराखण्ड की 16वीं आम सभा की बैठक हुई सम्पन्न
देहरादून(आरएनएस)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की अध्यक्षता में मंगलवार को राजभवन में राज्य बाल कल्याण परिषद, उत्तराखण्ड की 16वीं आम सभा की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में राज्यपाल ने बाल कल्याण परिषद को आज की आवश्यकता के अनुरूप नई योजनाओं को शामिल करने की बात कही। उन्होंने कहा कि परिषद को अपने वित्तीय आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ना होगा।
राज्यपाल ने परिषद को आर्थिक स्तर पर मजबूत बनाए जाने एवं आधुनिक तकनीक के प्रयोग के साथ नई योजनाओं को शामिल किए जाने हेतु सचिव रविनाथ रामन एवं चंद्रेश कुमार यादव को बैठक कर शीघ्र रोडमैप तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य बाल कल्याण परिषद को आर्थिक रूप से मजबूत करने, नई योजनाओं को शामिल करने और परिषद के उद्देश्यों की सही मायने में पूर्ति किए जाने हेतु अभिनव कार्ययोजना तैयार किए जाने की नितान्त आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि बाल कल्याण परिषद को बच्चों के कल्याण और उनके सर्वांगीण विकास के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सहायक की भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि हमें अपने संसाधनों और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना होगा। इसके अभाव में कोई भी बच्चा अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण से वंचित नहीं रहना चाहिए।
राज्यपाल ने बच्चों को आत्मनिर्भर, सशक्त और कुशल बनाए जाने के लिए बाल कल्याण परिषद द्वारा नयी सोच और नए विचारों को अपनाए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमें बच्चों की प्रतिभा को पहचानते हुए, उन्हें कुशल जनशक्ति तैयार करने पर अधिक ध्यान देना होगा। राज्यपाल ने कहा कि आज का समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स का है। हमें बाल कल्याण के लिए ऐसी योजनाएं तैयार करनी होंगी, जिससे ये बच्चे आधुनिकतम तकनीकों को सीख कर स्वयं का, राज्य का और देश का कल्याण कर सकें। उन्होंने कहा कि समय की आवश्यकता के अनुरूप योजनाओं को तैयार कर प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक इसकी पहुंच बढ़ाई जाए।
राज्यपाल ने कहा कि बाल कल्याण परिषद में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा की बाल कल्याण एक ऐसा विषय है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति सहयोग हेतु तत्पर है। परिषद को आमजन तक अपनी पहुंच बढ़ानी होगी। बाल कल्याण के लिए जनमानस से संपर्क साधते हुए सदस्यों की संख्या में अपेक्षित वृद्धि करनी होगी। इस अवसर पर राज्यपाल ने परिषद में उत्कृष्ट योगदान दे रहे सदस्यों की सराहना भी की।
बैठक में राज्यपाल ने बाल कल्याण परिषद के वर्ष 2024-25 के अनुमानित आय एवं व्यय का अनुमोदन करने के साथ ही अन्य बिंदुओं पर अपनी सहमति दी। महासचिव पुष्पा मानस ने आम सभा की 15वीं बैठक में पारित प्रस्तावों की पुष्टि व अनुमोदन प्राप्त किया और विगत वर्ष में किए गए क्रियाकलापों और गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया।
बैठक में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव चन्द्रेश कुमार यादव, वित्त नियंत्रक राज्यपाल डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव, उत्तराखण्ड राज्य बाल कल्याण परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश बाबला, उपाध्यक्ष मधु बेरी, कोषाध्यक्ष डॉ. आशा श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव कमलेश्वर प्रसाद भट्ट, रेडक्रॉस के कोषाध्यक्ष मोहन खत्री सहित परिषद के विभिन्न पदाधिकारी, सदस्य व जिला कार्यकारिणी के सदस्य भी उपस्थित थे।
चार धाम यात्राः सब कुछ अनुकूल, हर स्तर पर तैयारी तेज
– पीएम के ग्रैंड प्रमोशन और बढ़ी हुई यात्रा अवधि से हर कोई उत्साहित
– पिछले वर्ष की तुलना में इस बार दस दिन पहले शुरू हो रही यात्रा
– पीएम नरेंद्र मोदी के मुखवा-हर्षिल दौरे से बना है जबरदस्त माहौल
देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड की चार धाम यात्रा के लिए हर स्तर पर तैयारी तेज हो गई है और उत्साह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखवा और हर्षिल आने के बाद से यात्रा के पक्ष में जबरदस्त माहौल बना है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार चार धाम यात्रा दस दिन पहले शुरू हो रही है। यानी कि इस बार यात्रा के लिए ज्यादा दिन उपलब्ध होंगे। यात्रियों के स्तर पर पंजीकरण के लिए दिखाए जा रहे उत्साह को देखते हुए सरकार ने भीड़ प्रबंधन को भी ध्यान में रखते हुए तैयारी शुरू कर दी है।
ग्रैंड प्रमोशन, देवभूमि है लोगों की पहली पसंद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मां गंगा के शीतकालीन गद्दी स्थल मुखवा और पर्यटन स्थल हर्षिल के दौरे से यात्रा के लिए अच्छा माहौल तैयार हुआ है। प्रधानमंत्री छह मार्च को उत्तराखंड आए थे। ऐसा पहली बार हुआ, जब कि चार धाम यात्रा शुरू होने से कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री का उत्तराखंड आना हुआ। भले ही औपचारिक कार्यक्रम शीतकालीन यात्रा को लेकर था, लेकिन प्रधानमंत्री ने चार धाम यात्रा की भी भरपूर ब्रांडिंग की। देश को यह तक बतलाया कि पिछले दस वर्षों में चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कितना बड़ा अंतर आ गया है।
30 अप्रैल से यात्रा, इस बार ज्यादा दिन चलेगी
वर्ष 2024 में चार धाम यात्रा का शुभारंभ दस मई को हुआ था। इस बार उसकी शुरुआत 30 अप्रैल से हो रही है। वर्ष 2023 में यात्रा 22 अप्रैल को शुरू हो गई थी और रिकॉर्ड 56,18497 यात्री उत्तराखंड पहुंचे थे। वर्ष 2024 में कम दिन मिलने और प्राकृतिक आपदा की घटनाओं के बावजूद यात्री संख्या के आंकड़े ने सबको चौंका दिया था। इस वर्ष यात्रा में कुल 48,04215 यात्री उत्तराखंड पहुंचे थे।
चार धाम यात्रा, कब कहां के कपाट खुलेंगे
30अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री
02मई को केदारनाथ धाम
04मई को बद्रीनाथ धाम
सरकार चारधाम यात्रा की तैयारी में जुटी हुई है। उत्तराखंड की यात्रा व्यवस्था ने देश दुनिया के श्रद्धालुओं को आकर्षित किया है और उनका भरोसा बढ़ा है। प्रधानमंत्री जी ने चारधाम यात्रा का भरपूर प्रमोशन किया है। हम यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए संकल्पबद्ध हैं। – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
भिकियासैंण में संचालित अवैध मदरसे पर कार्रवाई, प्रशासन ने किया सील
अल्मोड़ा(आरएनएस)। प्रदेश में अवैध मदरसे व अतिक्रमण पर कार्रवाई जारी है। मंगलवार को प्रशासन ने भिकियासैंण में संचालित अवैध मदरसे को सील कर दिया है। इससे अवैध मदरसा संचालकों में हड़कंप मचा है। प्रशासन की टीम और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने पंजीकरण न कराने वाले मदरसे के खिलाफ कार्रवाई की। विगत दिनों हिन्दूवादी संगठनों व भाजपा कार्यकर्ताओं ने सीएम धामी को अवैध मदरसों व अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई की मांग की थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि प्रदेश में अवैध मदरसों, मजार और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। अवैध रूप से बड़े पैमाने पर मदरसों का संचालन गंभीर विषय है। जिसकी जांच के लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। वहीं उत्तराखंड सरकार अवैध मदरसों पर सख्त कार्रवाई के बाद अब उनकी फंडिंग की गहन जांच करने जा रही है। जिसकी रिपोर्ट अधिकारी सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपेंगे। बीते एक माह से प्रदेश में अवैध मदरसों के खिलाफ व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। अब तक पूरे प्रदेश में 136 मदरसों को कागजात पूरे न होने पर सील किया जा चुका है जबकि, रिपोर्ट के अनुसार पूरे प्रदेश में 500 से अधिक अवैध मदरसे संचालित हो रहे हैं। वहीं मंगलवार को प्रशासन ने भिकियासैंण में संचालित अवैध मदरसे को सील कर दिया। उपजिलाधिकारी भिकियासैंण सीमा विश्वकर्मा ने बताया कि भिकियासैंण स्थित मदरसा दारुल उलूम, फैजाने मुस्तफा को राजस्व विभाग, पुलिस पूर्वभाग एवं शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम द्वारा सील किया गया। उन्होंने बताया कि उक्त मदरसा, मदरसा बोर्ड उत्तराखंड में पंजीकृत नहीं होने के कारण तथा अवैध रूप से संचालित होने के कारण सील किया गया है। इस कार्रवाई के दौरान उप जिलाधिकारी सीमा विश्वकर्मा तहसीलदार रवि साह, थाना प्रभारी भतरोजखान सुशील कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी रवि मेहता, नायब तहसीलदार दीवान गिरी, एलआईयू से गणेश देवली, कानूनगो भिकियासैन हरिकिशन, कानूनगो मनीला जितेंद्र दत्त थपलियाल, राजस्व उपनिरीक्षक संजय कुमार और विजय कुमार आदि उपस्थित रहे।
दालों में आत्मनिर्भर बन रहा भारत, एनडीए सरकार में आयात के मुकाबले तेजी से बढ़ रहा निर्यात
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर विजन के तहत भारत दालों में तेजी से आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है। बीते 10 वर्षों में देश में दालों का निर्यात, आयात की अपेक्षा तेजी से बढ़ा है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत का दालों का निर्यात वित्त वर्ष 25 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में 4,437 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पूरे वित्त वर्ष 15 में यह 1,218 करोड़ रुपये था। इस तरह, बीते 10 वर्षों में भारत का दाल निर्यात 264.29 प्रतिशत बढ़ा है।
दूसरी तरफ, इस दौरान आयात में 86.45 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। देश में वित्त वर्ष 25 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में 31,814 करोड़ रुपये की दालों का आयात किया गया है। वहीं, वित्त वर्ष 15 में यह आंकड़ा 17,063 करोड़ रुपये था।
वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के शासनकाल के 10 वर्षों में दालों के निर्यात में 187.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी और आयात में 457.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ था।
वित्त वर्ष 14 में भारत ने 1,749 करोड़ रुपये की दालों का निर्यात किया था। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 05 में 608 करोड़ रुपये था।
यूपीए के शासन में वित्त वर्ष 14 में भारत ने 11,037 करोड़ रुपये की दालों का आयात किया था। वहीं, वित्त वर्ष 05 में यह आंकड़ा 1,981 करोड़ रुपये पर था।
भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है। दालों के किसानों को एनडीए सरकार 93,544 करोड़ रुपये की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान कर चुकी है, जबकि यूपीए सरकार ने अपने शासनकाल में दालों के किसानों को केवल 1,936 करोड़ रुपये की एमएसपी का भुगतान किया था।
केंद्र सरकार दालों में आत्मनिर्भरता को लेकर लगातार काम कर रही है।
केंद्र सरकार द्वारा बजट 2025-26 में ऐलान किया गया था कि देश में दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से 2028-29 तक चार साल के लिए तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की 100 प्रतिशत खरीद की जाएगी।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तुअर (अरहर), मसूर और उड़द की खरीद को क्रमश: 13.22 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी), 9.40 एलएमटी और 1.35 एलएमटी की सीमा तक मंजूरी दी है।
अजय कांत बने राज्य कर्मचारी संघ उत्तराखंड के संयोजक
देहरादून, राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ संबंध भारतीय मजदूर संघ के द्वारा अजयकांत शर्मा राज्य कर्मचारी संघ उत्तराखंड का संयोजक नियुक्त किया गया, उनकी नियुक्ति पर अखिल भारतीय अध्यक्ष विपन डोगरा, अखिल भारतीय महामंत्री विष्णु वर्मा एवं समस्त केंद्रीय नेतृत्व ने अजयकांत शर्मा उत्तराखंड राज्य संघ का संयोजक बनने पर आभार व्यक्त किया, राज्य कर्मचारी संघ उत्तराखंड के प्रधान प्रभारी धर्मेंद्र धवलहार ने इस अवसर पर कहा कि अजयकांत की नियुक्ति से कर्मचारियों ने खुशी व्यक्त करते हुए श्रमिकों की समस्याओं के सार्थक समाधान के प्रति आशान्वित हैं l
उत्तराखंड को टीबी उन्मूलन में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय पुरुस्कार से किया सम्मानित
– माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी एवं माननीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत जी के मार्गदर्शन में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम का सफल संचालन: स्वाति एस. भदौरिया
नई दिल्ली/देहरादून, उत्तराखंड को विश्व क्षय रोग (टीबी) दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में टीबी उन्मूलन के अंतर्गत “टीबी मुक्त पंचायत पहल” में समुदाय-आधारित प्रयासों के माध्यम से टीबी उन्मूलन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए यह सम्मान दिया गया।
यह प्रतिष्ठित पुरस्कार केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री, श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), उत्तराखंड की मिशन निदेशक, स्वाति एस. भदौरिया को प्रदान किया गया। यह सम्मान उत्तराखंड सरकार की जमीनी स्तर पर टीबी उन्मूलन हेतु समर्पित प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित इस उच्चस्तरीय कार्यक्रम में स्वास्थ्य सचिव, महानिदेशक भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), विभिन्न राज्यों के मिशन निदेशक एनएचएम, केंद्रीय टीबी प्रभाग के अधिकारी, विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी एवं टीबी उन्मूलन से जुड़े विभिन्न राज्यों के प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।
राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का हुआ सम्मान
उत्तराखंड की इस उपलब्धि से राज्य के स्वास्थ्य विभाग और जमीनी स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल बढ़ा है। यह पहल भविष्य में टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
स्वाति एस. भदौरिया, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने कहा कि, माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी एवं माननीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत जी के मार्गदर्शन में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम का सफल संचालन किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है।
मिशन निदेशक ने इस सम्मान पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह उपलब्धि राज्य सरकार, स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय प्रशासन, आशा कार्यकर्ताओं, पंचायती राज संस्थाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और समुदाय के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि “टीबी मुक्त पंचायत पहल” के अंतर्गत जमीनी स्तर पर व्यापक जागरूकता, त्वरित पहचान, बेहतर उपचार और समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। राज्य में टी.बी. उन्मूलन हेतु प्रभावी ट्रैकिंग सिस्टम और मल्टी-सेक्टोरल एप्रोच को अपनाया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड में टीबी उन्मूलन को एक जन आंदोलन के रूप में अपनाया गया है, जहां ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाया गया है ताकि वे अपने स्तर पर टीबी के मामलों की निगरानी और नियंत्रण कर सकें। “निक्षय मित्र योजना” के माध्यम से निजी संगठनों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जोड़ा गया, जिससे मरीजों को पोषण और सामाजिक समर्थन मिला।
युवाओं को शहीदों के योगदान से प्रेरणा लेनी चाहिए : सौरभ बहुगुणा
देहरादून, श्रीदुर्गा वाहिनी सोशल वेलफेयर सोसाइटी एवं उत्तराखंड न्यूज कैमरा एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित ‘शहीदों को नमन’ कार्यक्रम में देश की रक्षा में शहीद जवानों के परिवार जन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं राज्य आंदोलन में शहीद हुए आंदोलनकारियो के परिजन, राज्य आंदोलनकारी, कवि लोकगायक तथा समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को मुख्य अतिथि सौरभ बहुगुणा नगर महापौर सौरभ थपलियाल ने संबोधित किया। कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा शहीदों के योगदान को हमेशा याद किया जायेगा। युवा पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा प्रदेश के विकास और सदभाव को उत्तराखंडियत की बात होनी चाहिए । नगर महापौर सौरभ थपलियाल ने कहा कि शहीदों की चिताओं में लगेंगे हर वर्ष मेले वतन पर मरने वालों का बाकी यही निशा होगा इसी वजह से आज हम उन्हें नमन कर रहे हैं।
कार्यक्रम में अमर शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के पिता एस एस बिष्ट, शहीद दीपक नैनवाल के माता पिता शहीद अनुसूया प्रसाद की पत्नी चित्र देवी, स्वतंत्रता सेनानी श्रीराम शर्मा के सुपुत्र जन कवि अतुल शर्मा, स्वतंत्रता सेनानी मथुरा सिंह चौहान के सुपुत्र एस पी चौहान, स्वतंत्रता सेनानी चैत सिंह की पोती देवेंद्र कौर, स्वतंत्रता सेनानी पीतांबर दत्त पंत के पुत्र अवधेश पंत राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान, वीरेंद्र पोखरियाल, जगमोहन नेगी, विपुल नौटियाल, महेश जोशी, संगीता, महिला सशक्तिकरण एवं स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही प्यारी पहाड़न प्रीति मंदवाल, डा. बृजमोहन शर्मा, सतीश शर्मा, प्रेम सिंह दानू एवं राकेश पंत, राखी ठाकुर, नंदा देवी आदि को सम्मानित किया गया।
देहरादून के जाने माने गायक एलेक्जैंडर एवं संध्या मुखर्जी सरस्वती संगीत विद्यालय के कलाकारों की टीम एवं लोक गायिका सोनिया आनंद ने देश भक्ति के गीतो से समा बांध दी।
कार्यक्रम में अशोक वर्मा, गौरव कुमार, संजय शर्मा, प्रदीप जोशी, चंद्रवीर गायत्री, जगमोहन मेंदीरत्ता, आशीष ध्यानी, तिलक राज, मोहन खत्री, ओम प्रकाश सती, पार्षद रॉबिन त्यागी, मोहम्मद सदन, अरुण सजवान, सुनील सजवान, सुरेन्द्र सजवान, देवेंद्र शर्मा, आनंद त्यागी, प्रवेश त्यागी, राजेश प्रसाद, गगन दीप, आनंद बहुगुणा, उषा रानी, दिव्या प्रसाद, अनिल उनियाल, ललित थपलियाल, विश्व रंजन आदि उपस्थित थे।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एचपीसी में विभिन्न प्रस्तावों पर अनुमोदन दिया
देहरादून(आरएनएस)। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एडीबी द्वारा सहायता प्राप्त टिहरी झील प्रोजेक्ट पर सत्त, समावेशी एवं जलवायु अनुकूल विकास पर्यटन विकास से सम्बन्धित एचपीसी (उच्चाधिकार प्राप्त समिति ) की अध्यक्षता करते हुए नई टिहरी में 54.05 करोड़ रू0 की डीपीआर लागत वाले सीवर नेटवर्क के साथ 5 नए एमएलडी एसटीपी तथा 37.11 करोड़ रूपए के सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट तथा वेस्ट मेनेजमेंट सेन्टर, 1.46 करोड़ की डीपीआर लागत वाले महादेव मंदिर व 2.33 करोड़ की डीपीआर लागत वाले प्रवेश द्वारों के निर्माण प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किया।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एचपीसी की बैठक में मदन नेगी रोपवे सब-प्रोजेक्ट के लिए ब्रिडकुल को नोडल एजेंसी नियुक्त करने के प्रस्ताव पर भी अनुमति प्रदान की। इसके साथ ही सीएस ने प्रोजक्ट कार्मिकों के लिए टीए/डीए भत्तों सहित महिला कार्मिकों के लिए चाइल्ड केयर लीव पर भी अनुमोदन प्रदान किया। मुख्य सचिव ने उत्तराखण्ड जल संस्थान द्वारा ग्रामीण जलापूर्ति हेतु सेंटेज चार्ज के आग्रह को वित्त विभाग में भेजने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव सचिन कुर्वे, अपर सचिव विनीत कुमार, अभिषेक रूहेला, ललित मोहन रयाल सहित वित्त, पर्यटन तथा जिलाधिकारी टिहरी उपस्थित थे।