Monday, June 9, 2025
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अंकिता भंडारी हत्याकांड में अधूरा है फैसला, सबूतों को ध्वस्त करने वालों पर नहीं हुई कोई भी कार्यवाही : गरिमा

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नई दिल्ली, एआईसीसी हैडक्वाटर इंदिरा भवन से उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार कोर्ट के आए फैसले को अधूरा न्याय बताया ।
महिला अपराध पर सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता को महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा और उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दशौनी ने संयुक्त रूप से संबोधित किया। अलका लांबा ने बिहार समेत पूरे देश के महिला अपराधों के एनसीआरबी की रिपोर्ट के आधार पर आंकड़े राष्ट्रीय मीडिया के साथ साझा किए,महिला अपराध के श्रेत्र में नंबर एक के पायदान पर राजस्थान, दूसरे पर उत्तर प्रदेश और तीसरे पर मध्य प्रदेश है, तीनों ही राज्यों में डबल इंजन की सरकारें हैं।
प्रेस वार्ता में मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कहा की कोटद्वार की कोर्ट के द्वारा सुनाया गया फैसले का स्वागत है, फैसले का पूरा सम्मान है क्योंकि न्यायालय के फैसले साक्ष्य और सबूतों के आधार पर होते हैं और जो तथ्य 2 साल 9 महीने में कोटद्वार कोर्ट के सामने प्रस्तुत किए गए उन तथ्यों के आधार पर कोर्ट का फैसला संतोषजनक है। परंतु उन सबूतों और साक्ष्यों का क्या जो हत्याकांड होते ही शुरुआत में ही नष्ट कर दिए गए। गरिमा ने प्रेस वार्ता में बताया की पौड़ी जिले के छोटे से गांव डोभ श्रीकोट की रहने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी आंखों में सपने सजाए उत्तराखंड के शहर ऋषिकेश पहुंचती है जहां उसे वनांतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी मिलती है। वनांतरा रिसॉर्ट का मालिक भाजपा का दिग्गज नेता और पूर्व में राज्यमंत्री रहा विनोद आर्य है, जिसने आयुर्वेदिक दवा खाने की फैक्ट्री खोलने के नाम पर निशंक सरकार में भूमि लीज पर ली और दवा खाना खोलने के बजाय उसमें अवैध रूप से रिसोर्ट का निर्माण कर दिया। रिसोर्ट का काम उसका छोटा बेटा पुलकित आर्य देखा करता था ।
17 सितंबर 2022 को अंकिता ने अपने दोस्त को व्हाट्सएप पर लिखा कि यह रिजॉर्ट बहुत ही गंदी जगह है और यहां देह व्यापार कराया जाता है ।उसने लिखा कि मुझ पर भी किसी तथा कथित वीआईपी को एक्स्ट्रा सर्विस देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है और ₹10000 की पेशकश भी की जा रही है परंतु मैं इन लोगों के आगे झुकूंगी नहीं और 18 सितंबर 2022 को रहस्यमय तरीके से अंकिता भंडारी लापता हो जाती है। 19 सितंबर को अंकिता के पिता पटवारी के पास गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने जाते हैं लेकिन पटवारी रिपोर्ट दर्ज नहीं करता।
20 सितंबर को मामला रेवेन्यू पुलिस के पास आता है, 22 सितंबर को रेवेन्यू पुलिस से मामला रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर होता है। 23 सितंबर को मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और उसके दोस्त सहआरोपी अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को गिरफ्तार कर लिया जाता है।
24 सितंबर को चीला नहर से अंकिता का शव बरामद होता है, लेकिन 24 तारीख से पहले ही 23 की रात को यमकेश्वर की स्थानीय विधायक रेनू बिष्ट वनांतरा रिजॉर्ट का वह हिस्सा जिसमें अंकिता रह रही थी उसे ध्वस्त कर देती है और एक वीडियो जारी करके कहती है कि यह आदेश उसको उसके संवेदनशील मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिए हैं और उस वीडियो में वह धामी जी का धन्यवाद भी ज्ञापित करती दिखाई पड़ रही है। दसौनी ने कहा कि एक आम आदमी के लिए क्राइम स्पॉट या क्राइम सीन के साथ छेड़छाड़ करना जघन्य अपराध है लेकिन क्या उत्तराखंड के मुख्यमंत्री जिन्होंने अगले दिन 24 सितंबर को सुबह 9:00 बजे स्वयं के अधिकृत हैंडल से ट्वीट करके राज्य वासियों को यह जानकारी दी कि उन्होंने वनांतरा रिसॉर्ट जो कि अवैध रूप से निर्मित था उसका ध्वस्तिकरण करवा दिया है।
गरिमा ने सवाल किया कि क्या सीएम धामी और उनकी विधायक कानून से ऊपर है? दसौनी ने यह भी कहा कि वीआईपी को बचाने के लिए भाजपा ने साम दाम दंड भेद सब इस्तेमाल किया।
17 दिन के भीतर पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में वहां दो बार आगज़नी हो गई, अंकिता भंडारी का बिस्तर जिसे वह सोने के लिए इस्तेमाल करती थी वह स्विमिंग पूल में पड़ा हुआ मिला, अंकिता भंडारी के पोस्टमार्टम के दौरान एक भी महिला डॉक्टर को पांच डॉक्टरों की टीम में शामिल नहीं किया गया ,गरिमा ने कहा कि पहले दिन से लगातार अंकिता भंडारी हत्याकांड को कमजोर करने का प्रयास किया गया। जनता के भारी दबाव और अंकिता के माता-पिता के आत्मदाह की धमकी के बावजूद राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की कोशिश तक नहीं की और ना ही मामले को फास्ट ट्रैक में चलने का आवेदन किया। गरिमा ने बताया कि इस दौरान अंकिता के पिता ने मुख्यमंत्री को कई पत्र लिखे। किसी पत्र में सरकारी वकील पर केस को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए दूसरा वकील देने का निवेदन था, तो किसी पत्र में सीबीआई जांच न करने की सूरत में आत्महत्या करने की धमकी, तो किसी पत्र में अंकिता के पिता ने तथाकथित वीआईपी के सत्तारूढ़ दल से तार जुड़े होने की आशंका व्यक्त की।
और तो और अंकिता के पिता ने तो उत्तराखंड भाजपा के बड़े नेता का नाम लिखकर यह कहा कि पूरी आशंका है कि वीआईपी आपके ही दल का सफेद पोष है। गरिमा ने प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा के झूठ की पोल खोली की कोटद्वार कोर्ट में अभी हत्याकांड मामले में फैसला आया भी नहीं था की प्रचार की भूखी भाजपा ने पुष्कर सिंह धामी को फैसले का श्रेय देते हुए पोस्टर रिलीज करने शुरू कर दिए। दसौनी ने प्रेस वार्ता के दौरान धाकड़ धामी पेज से जारी पोस्टर दिखाते हुए कहा कि इस पोस्टर को उत्तराखंड भाजपा के तमाम पदाधिकारी सोशल मीडिया पर प्रचारित प्रसारित कर रहे हैं और इस फैसले का श्रेय धामी को दे रहे हैं ।परंतु इस पोस्ट में लिखी हुई बातें निखालीस कोरा झूठ हैं। पोस्ट का पहला बिंदु कहता है कि 24 घंटे के अंदर आरोपियों को हिरासत में लिया गया जबकि यह सत्य नहीं है। अंकिता भंडारी हत्याकांड में 6 दिन बाद आरोपियों को हिरासत में लिया गया उसके अलावा पोस्ट में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने अंकिता भंडारी के माता-पिता को तीन बार सरकारी वकील बदल कर दिए जो की पूर्णतया असत्य है ।मात्र एक बार वकील बदला गया जिसमें जितेंद्र रावत की जगह पर अवनीश नेगी सरकारी वकील के रूप में दिए गए।
वहीं एक और बिंदु कहता है कि राज्य के मुखिया ने अंकिता भंडारी के पिता और भाई की सरकारी नौकरी लगाई। गरिमा दसौनी ने प्रेस वार्ता के दौरान अंकिता के पिता का वह वीडियो दिखाया और सुनाया जिसमें पोस्टर रिलीज होने के मात्र 6 घंटे के भीतर पिता ने ही इन खबरों को खारिज कर दिया और उल्टा प्रदेश के मुख्यमंत्री से पूछा कि आपने मेरी नौकरी किस विभाग में लगाई है बताइए?? दसौनी ने प्रेस वार्ता के दौरान यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट का वीडियो भी चलाया जिसमें रेणु बिष्ट बुलडोजर से रिजॉर्ट को ध्वस्त करने के बाद इसकी जानकारी प्रदेशवासियों को दे रही है और मुख्यमंत्री का धन्यवाद कर रही है ।गरिमा ने कहा की दोषी पाए जाने के बाद जिस तरह से अभियुक्त हवा में हाथ लहराकर और मुस्कुरा कर मीडिया और जनता को मुंह चिढ़ा रहे हैं वह बेशर्मी की पराकाष्ठा है। दसोनी ने कहा कि मामले का हाईकोर्ट में जाना लाजमी है क्योंकि अंकिता के माता-पिता इस फैसले से संतुष्ट नहीं है और ना ही उत्तराखंड की जनता इस फैसले से संतुष्ट है। सभी को अभियुक्तों के लिए फांसी की अपेक्षा थी और जिस तरह से सबूतों को मिटाया गया है उन आरोपियों के ऊपर भी कोई कार्यवाही नहीं सुनिश्चित हो पाई है। इसलिए भी एक बार पुनः कांग्रेस पार्टी अपनी मांग दोहराती है कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी बहुत जरूरी है तभी जांच का दायरा व्यापक हो पाएगा और दूध का दूध और पानी का पानी हो पाएगा ।
दसौनी ने प्रेस वार्ता के दौरान हाल फिलहाल में उत्तराखंड में हुए महिला अपराधों की जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा के बड़े-बड़े पदाधिकारी महिला एवं नाबालिगौ के साथ दुष्कर्म में संलिप्त पाए जा रहे हैं ,इसलिए भाजपा का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा झूठा और कोरी बकवास है। आज यदि जरूरत है तो भाजपा से बेटियां बचाने की जरूरत है।

बायोमेडिकल प्लांट के विरोध में ग्रामीणों के धरने को कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर का समर्थन

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दून घाटी एक्ट 1989 कमजोर करने से यहां के 15 लाख निवासियों का जीवन प्रभावित होगा : अभिनव थापर

देहरादून, उत्तराखंड पर्यावरण विभाग के मुख्यालय, कोडारना नरेन्द्रनगर , जो दून घाटी 1989 का भाग है, के ग्रामवासियों की अवैध बायोमेडिक्ल प्लांट के विरोध में धरने को समर्थन दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर ने कहा दून घाटी के प्राविधान जिसमें माइनिंग और बायोमेडिक्ल पूरी तरह से प्रतिबंधित है उसमें सरकार ने यह प्लांट कैसे लग दिया ? दून घाटी एक्ट 1989 को कमजोर करने में सरकार निरन्तर कार्य कर रही गया जिससे दून घाटी में 15 लाख लोगों के जीवन पर खतरा मंडराने लगेगा। सरकार को इस बायोमेडिकल प्लांट पर तत्काल रोक लगानी चाहिए और जाँच में पाए गए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करनी चाहिये।
कोडारना ग्राम वासी राधा थपलियाल ने कहा कि झूठी रिपोर्ट बनाकर सिर्फ गांव से 300 मीटर की दूरी पर यह प्लांट लगाया गया। ग्राम प्रधान की 2019 की अनापत्ति भी फर्जी प्रतीत होती है, इस विषय की हम सभी ग्रामवासि तत्काल जांज की माँग करते हैं।
गौरांदेवी भवन में आयोजित धरने में कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर, कोडारना के पूर्व प्रधान भगवान सिंह नेगी, ग्रामवासी करतार नेगी, राधा थपलियाल, बैसाखी देवी, अनिता देवी, उमा देवी, मुन्नी देवी व अन्य ग्रामवासियों व मातृ शक्ति ने दून घाटी में इस जनविरोधी माँग का विरोध किया।

वरिष्ठ पत्रकार विकास धूलिया का निधन, पत्रकारिता जगत में शोक की लहर

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देहरादून, वरिष्ठ पत्रकार और उत्तरांचल प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष विकास धूलिया का आकस्मिक निधन हो गया है, वर्तमान में दैनिक जागरण के स्टेट ब्यूरो चीफ विकास धूलिया के निधन से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं व तमाम पत्रकारों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री धूलिया का निधन न केवल पत्रकारिता जगत के लिए बल्कि समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें तथा शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहने की शक्ति दें।

विकास धूलिया को एक निष्पक्ष, निडर और समर्पित पत्रकार के रूप में जाना जाता था। उन्होंने उत्तराखंड की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक हलचलों पर वर्षों तक बेबाक रिपोर्टिंग की। उत्तरांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने पत्रकार हितों की मजबूती से पैरवी की और पत्रकारों की आवाज को बुलंद किया।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने किया उत्तरकाशी जनपद के मोरी विकासखंड स्थित गैंचवांण गांव में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का शुभारंभ

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 – मोरी विकासखंड के गैंचवांण गांव में पहली बार पहुंचे कोई मंत्री ग्रामीणों ने कृषि मंत्री जोशी का गर्मजोशी से किया भव्य स्वागत।
उत्तरकाशी(आरएनएस)। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने रविवार को उत्तरकाशी जनपद के मोरी विकासखंड स्थित गैंचवांण गांव में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का शुभारंभ किया। मोरी विकासखंड के गैंचवांण गांव में पहली बार है जब कोई मंत्री इस गांव में पहुँचे हैं। ग्रामीणों ने कृषि मंत्री जोशी का गर्मजोशी से स्वागत किया।
कार्यक्रम के दौरान मंत्री जोशी ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया, जिनमें कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य और अन्य विभागों ने किसानों को लाभान्वित करने वाली योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर मंत्री ने एप्पल मिशन योजना के अंतर्गत लाभान्वित किसानों को चेक वितरण भी किया। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी जैसे पर्वतीय क्षेत्रों में सेब उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं और राज्य सरकार इसे प्राथमिकता के आधार पर विकसित कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की समस्याओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने जिस पहली फाइल पर हस्ताक्षर किए, वह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से संबंधित थी। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि किसान सरकार की नीति निर्माण की केंद्रबिंदु में हैं। उन्होंने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान की शुरुआत उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा गुनियाल गांव से की गई थी। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए पूरे देश में दो हजार वैज्ञानिक दलों का गठन किया गया है, जो अगले 15 दिनों तक किसानों से सीधा संवाद करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में यह अभियान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां पंतनगर विश्वविद्यालय, भरसार विश्वविद्यालय और विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा जैसे प्रतिष्ठित कृषि संस्थान स्थित हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर पर प्रत्येक जनपद में तीन टीमों का गठन किया गया है, जो प्रतिदिन तीन कार्यक्रम आयोजित करेंगी। इन कार्यक्रमों के माध्यम से प्रतिदिन कम से कम 600 किसानों से संवाद स्थापित किया जाएगा। मंत्री जोशी ने इसे एक सराहनीय पहल बताते हुए कहा कि इससे किसानों को वैज्ञानिकों और संबंधित संस्थाओं से प्रत्यक्ष संपर्क का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस पहल से किसान नवीनतम कृषि तकनीकों का उपयोग कर अपनी उपज और कृषि क्षेत्रफल में वृद्धि कर सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों के हित में कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दे रही है और इस दिशा में युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर विधायक दुर्गेश्वर लाल, जिलाध्यक्ष नागेंद्र चौहान, पूर्व विधायक माल चन्द, ब्लॉक प्रमुख बचन सिंह पंवार, मंडल अध्यक्ष प्रेम सिंह चौहान, मंडल अध्यक्ष राजीव कुंवर, प्रधान अनिता देवी, सीडीओ एस.एल सेमवाल, निदेशक बागवानी मिशन महेंद्र पाल, निदेशक कृषि परमाराम सहित कई लोग उपस्थित रहे।

प्रोफेसर डॉ. नरेश चौधरी को उत्तराखण्ड सरकार की ओर से आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने सम्मानित किया

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हरिद्वार । प्राकृतिक, मानवजनित एवं जैविक आपदाओं में समर्पित उत्कृष्ठ कार्यों के लिए प्रोफेसर डॉ. नरेश चौधरी को उत्तराखण्ड सरकार की ओर से आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने सम्मानित किया। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के ऋषिकुल आयुर्वेद महाविद्यालय के शरीर रचना विभागाध्यक्ष/ उत्तराखण्ड रेडक्रास चेयरमेन डॉ. नरेश चौधरी को प्राकृतिक, मानव जनित एवं जैविक आपदाओं में चुनौती पूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए किये गये समर्पित उत्कृष्ठ कार्यों के लिए उत्तराखण्ड सरकार की ओर से आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
बताते चलें कि डॉ. नरेश चौधरी ने अपने मूल दायित्वों के साथ-साथ जन समाज में भी समर्पित समाज सेवा में अपनी उल्लेखनीय पहचान बनायी है जिसका जीता जागता उदाहरण सितम्बर 2010 में आयी बाढ़ एवं जून 2013 के केदारनाथ दैवीय आपदाओं में डॉ. नरेश चौधरी द्वारा जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी का अतिरिक्त दायित्व अवैतनिक स्वैच्छिक रूप से निर्वहन करते हुए आपदा प्रभावितों की समर्पित सराहनीय सेवा की जिसके लिए डॉ. नरेश चौधरी को उत्तराखण्ड के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा भी विशेष रूप से सम्मानित किया। मानव जनित आपदाओं में 1986 कुंभ मेला में भगदड में घायलों को जिला चिकित्सालय में शीघ्र पहुंचवाना एवं समुचित उपचार में सराहनीय सहयोग भी ऋषिकुल के छात्र रहते हुए रहा। अर्द्धकुंभ मेला 1992 में बहादराबाद के नजदीक आतंकवादियों द्वारा बस में 13 यात्रियों को मौत के घाट उतारना रहा जिसमें डॉ. नरेश चौधरी द्वारा जिला चिकित्सालय पहुंचकर घायलों के घरों में सूचना देते हुए उनको घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की गयी। 1996 में सोमवती आमावशय में गऊघाट पुल के पास हुई भगदड़ के दौरान घटना में सबसे पहले मौके पर पहुंचकर प्रभावितों को जिला चिकित्सालय पहुंचाना एवं समुचित उपचार के बाद मृतकों एवं घायलों को गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने में सहयोग। 2004 अद्धकुंभ मेले में हुई घटना के दौरान कर्प्यू क्षेत्र का मजिस्ट्रेट का दायित्व का निवर्हन करते हुए प्रभावित क्षेत्र में शांति बहाल करने में अहम भूमिका का निर्वहन किया। 2010 की कुंभ में हुई बिरलाघाट पर घटित घटना में भी सबसे पहले मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल पहुंचाने तथा समुचित उपचार की व्यवस्था में सहयोग उल्लेखनीय है। 2021 में कोविड-19 जैसी भयानक जैविक आपदा के प्रथम लहर से कोविड-19 समाप्ति तक वैक्सीनेशन में लगभग 20 लाख पात्र लाभार्थियों को वैक्सीन लगाने का विश्व रिकार्ड भी डॉ. नरेश चौधरी का अतुलनीय समाज सेवा का उदाहरण है। जिसके लिए डॉ. नरेश चौधरी को प्रधानमंत्री, उत्तराखण्ड के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, नीति आयोग, केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल, स्वास्थ्य मंत्री, अन्य वरिष्ठ मंत्रियों, जन प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी सामाजिक संस्थाओं, उच्च अधिकारियों द्वारा भी सम्मानित किया गया। डॉ. नरेश चौधरी ने आपदा विभाग उत्तराखण्ड द्वारा सम्मानित होने पर कहा कि इस प्रकार से समय-समय पर सम्मानित होने से मुझे और अधिक कर्मठता एवं समर्पित होकर चुनौती पूर्ण कार्य करने की प्रेरणास्रोत ऊर्जा प्राप्त होती है जो मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि एवं पूंजी है जिसको मैं प्राप्त करने के लिए हमेशा तत्पर रहता हूं और मेरे शुभचिंतक मुझे बधाईयां देकर मेरा हौसला और ऊर्जा बढ़ाते रहते हैं।

फर्जी डिग्रीधारी चिकित्सक पर कार्रवाई करे सरकार-आशु मलिक

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हरिद्वार,। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक एवं गुरुकुल कांगड़ी विश्व विद्यालय के छात्र आशु मलिक ने फर्जी डिग्री के आधार पर चिकित्सक बन अस्पतालों में काम कर रहे झोलाछाप चिकित्सों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान एबीवीपी के जिला संयोजक आशु मलिक ने आरोप लगाया झोलाझाप डाक्टर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। आशु मलिक ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एवं सरकार को फर्जी डिग्री के आधार पर चिकित्सा सेवा में लगे लोगों की उच्च स्तरीय जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गंभीर विषय यह है कि कुछ चिकित्सालय फर्जी डिग्री प्राप्त करने वाले झोलाछाप चिकित्सकों से अस्पताल में सेवाएं भी ले रहे हैं। ऐसे अस्पतालों पर भी स्वास्थ्य विभाग को कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए। जानकारी करने पर अस्पताल प्रबंधन ऐसे चिकित्सकों को प्रशिक्षु बताते हैं। जबकि प्रशिक्षण सरकारी अस्पतालों में कराया जाता है। स्वास्थ्य विभाग को फर्जी डिग्री प्राप्त कर अपने आप को चिकित्सक बताने वाले लोगों के खिलाफ वृहद स्तर पर अभियान चलाकर ऐसे चिकित्सकों का सत्यापन करना चाहिए। आशु मलिक ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभिन्न अस्पतालों में इस तरह के फर्जी डिग्री हासिल करने वाले चिकित्सकों की तैनाती की शिकायतें आ रही है। अवगत कराने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग चुप्पी साधे हुए हैं। शायद विभाग बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद फर्जी डिग्री लेने वालों के खिलाफ शहर भर में जागरूकता अभियान चलाएगी। फर्जी चिकित्सकों पर कार्रवाई नहीं हुई तो संगठन आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेगा। स्वास्थ्य विभाग को फर्जी चिकित्सकों पर तुरंत अंकुश लगाना चाहिए। प्रेसवार्ता के दौरान अजय कुमार, परितोष वत्स, रोहित देशवाल, हिमांशु चौहान, शिवम सैनी, पारस तोमर, विजय, वंश चौहान आदि विवि के छात्र भी मौजूद रहे।

सूबे के नर्सिंग कॉलेजों को मिले 26 नर्सिंग ट्यूटर

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-चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने कहा कालेजों में मजबूत होगी शैक्षणिक व्यवस्था

देहरादून, सूबे के चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय नर्सिंग कॉलेजों को 26 नर्सिंग ट्यूटर्स मिल गये हैं। राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से चयनित इन नर्सिंग ट्यूटर्स को प्रदेश के विभिन्न नर्सिंग कालेजों में प्रथम तैनाती दे दी गई है। इन ट्यूटर्स की तैनाती से नर्सिंग कालेजों में शैक्षणिक गतिविधियों में तेजी आयेगी साथ ही नर्सिंग छात्र-छात्राओं को बेहरत प्रशिक्षण भी मिल सकेगा।
उत्तराखंड सरकार चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सुधार करने में जुटी है। राज्य सरकार द्वारा मेडिकल कालेजों के साथ-साथ नर्सिंग कालेजों में सुविधाएं जुटा रही है, साथ ही मेडिकल फैकल्टी की भी नियुक्ति कर रही है। ताकि मेडिकल शिक्षण संस्थानों में छात्र छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व प्रशिक्षण मिल सके। इसी कड़ी में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा नर्सिंग ट्यूटर के पदों पर चयनित 26 अभ्यर्थियों को प्रदेशभर के 8 राजकीय नर्सिंग कॉलेजों में प्रथम तैनाती दे दी है। जिनमें राजकीय नर्सिंग कॉलेज अल्मोड़ा, बाजपुर, चमोली, चम्पावत, देहरादून, हल्द्वानी, पिथौरागढ़ और टिहरी शामिल है। चयन बोर्ड द्वारा नर्सिंग ट्यूटर पड़ पर चयनित किरन को नर्सिंग कालेज अल्मोड़ा में प्रथम तैनाती दी है। इसी प्रकार स्वेता, सुरभी नेगी, राहुल राणा, ज्योति भनारी, अनुज कुमार और सुधांशु पटेल को बाजपुर, अंकित तिवारी और अभिषेक नेगी को चमोली, सौरभ कुमार, दिव्या चौहान, धीरेंद्र सिंह पंवार, रोहित सिंह, सुरिचा, मोहम्मद शहजाद, मानसी चौहान और नरेंद्र दत्त रतूड़ी को चम्पावत, एकता उपाध्याय, मानसी दबोला, अंजली डिमरी, संदीप सिंह नेगी, दिग्विजयसिंह कठैत और प्रशांत रावत को देहरादून, हेमलता को हल्द्वानी, रश्मि कन्याल को पिथौरागढ़ और जयदीप सिंह गुसाईं को राजकीय नर्सिंग कालेज टिहरी में पहली तैनाती दी गई है।
विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि इन ट्यूटर्स की नियुक्ति से नर्सिंग कालेजों में शिक्षकों की कमी दूर होगी साथ ही कालेजों में शैक्षणिक गतिविधियों में तेजी आयेगी। इसके अलावा नर्सिंग छात्र-छात्राओं को बेहतर चिकित्सकीय प्रशिक्षण भी मिल सकेगा।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने सभी नवनियुक्त ट्यूटरों को बधाई देते हुए आशा जताई कि वे अपनी सेवा और समर्पण से राज्य की नर्सिंग शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार राज्य में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए हर स्तर पर आवश्यक कदम उठा रही है।

“राज्य सरकार प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को लगातार बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी संकल्प के तहत राज्य के विभिन्न राजकीय नर्सिंग कॉलेजों में 26 नवनियुक्त नर्सिंग ट्यूटरों को प्रथम तैनाती दे दी है। इन ट्यूटरों की नियुक्ति से न केवल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी दूर होगी, बल्कि शैक्षणिक गतिविधियां भी तेज होंगी।
-डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड

आम आदमी पार्टी राज्य आंदोलनकारियों की संकल्पना के उत्तराखंड़ निर्माण के लिये है प्रतिबद्ध : महेन्द्र यादव

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देहरादून, आम आदमी पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी महेन्द्र यादव ने कार्यकारी अध्यक्ष एस एस कलेर व पार्टी कार्यकर्ताओ के साथ पर्वतीय गाँधी इंद्रमणि बडोनी व भारत रत्न संविधान रचियता डाॅ• भीमराव साहेब अम्बेडकर जी की देहरादून स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उत्तराखंड़ नवनिर्माण का संकल्प लिया।
इस अवसर पर प्रदेश प्रभारी श्री महेंद्र यादव जी ने कहा आम आदमी पार्टी देवभूमि उत्तराखंड को राज्य आंदोलनकारियों की संकल्पना के उत्तराखंड निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा प्रत्येक कार्यकर्ता उत्तराखंड के नागरिकों के मूलभूत अधिकारों के लिऐ समर्पित होकर संघर्ष करने को तैयार है।
हम बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर जी के समरसता व सामाजिक न्याय के सिद्धांत को आत्मसात कर राज्य के प्रत्येक नागरिक के अधिकार दिलाने के लिऐ लडने को तैयार है, जिस भावना के साथ राज्य आंदोलनकारियों ने पृथक राज्य उत्तराखंड के लिऐ बलिदान व त्याग किया था। आज भी प्रदेश मे जनता को उन विचारों पर किसी भी प्रकार की सरकारी जवाबदेही सुनिश्चित नही हुई।
हम उत्तराखंड को देश के आदर्श के राज्य के रूप मे स्थापित कर यहाँ के युवाओ को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार देने का काम करेगें।
पार्टी उत्तराखंड मे आगामी सभी चुनाव को पूर्ण ताकत से लडेगी। इस अवसर पर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एस एस कलेर, उपाध्यक्ष विशाल चौधरी, हिमांशु पुंडीर, रविन्द्र सिंह आनन्द, सचिन थपलियाल, मुकुल बिडला, तारादत्त डंगवाल, राजीव तोमर आदि आप कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

दून में ई-वेस्ट मैनेजमेंट के लिए प्रेरणादायक विचारों के साथ इको इनोवेट 2025 का समापन

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देहरादून, ईकोग्रुप सोसाइटी और ग्राफिक एरा के प्रबंधन अध्ययन विभाग ने उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम देहरादून के सहयोग से आयोजित इको-इनोवेट 2025 ई-वेस्ट मैनेजमेंट आइडियाथॉन के फाइनल और पुरस्कार समारोह का गुरुवार को सफलतापूर्वक समापन हो गया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि नगर आयुक्त श्रीमती नमामि बंसल ने प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन पारिस्थितिकी तंत्र की नींव के रूप में स्रोत पर पृथक्करण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। आशीष गर्ग ने बढ़ती ई-कचरा चुनौती से निपटने के लिए युवाओं के नेतृत्व वाले नवाचार और क्रॉस-सेक्टर सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उप नगर आयुक्त गौरव भसीन ने ई कचरे के बढ़ते खतरों से जनता को जागरूक करने में जनसहभागिता पर जोर दिया।
देहरादून क्षेत्र के उच्च शिक्षा संस्थानों से आईडियाथॉन में प्रस्तुत 162 प्रविष्टियों में से, छह फाइनलिस्ट टीमों ने अभिनव समाधान प्रस्तुत किए और उन्हें प्रमाण पत्र के साथ कुल ₹18,000 का नकद पुरस्कार दिया गया ।

* संयुक्त प्रथम पुरस्कार : अक्षत सकलानी (सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल) लिथियम बैटरी रीसाइक्लिंग प्लांट और अग्रिम सिंघल (बीबीए, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी) बायो-सर्किट

* संयुक्त द्वितीय पुरस्कार: मानसी कुशवाह और सिद्धि तिवारी (सनराइज एकेडमी) – ई-वेस्ट मैनेजमेंट पर लघु वीडियो और शौर्य शर्मा (बीबीए एआई और डीएस, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी) – ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग प्लांट

* संयुक्त तृतीय पुरस्कार : चिन्मय मित्तल, तन्वी, हिमांशु, रोशनी (बीबीए, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी) – स्मार्ट खेती और अवनी शर्मा और आर्यन (बी.कॉम) ई-वेस्ट मैनेजमेंट के लिए अभिनव दृष्टिकोण

इस कार्यक्रम में ई-कचरा संग्रह अभियान (22 फरवरी – 9 मई 2025) में योगदान देने वाले शीर्ष पांच छात्रों को भी सम्मानित किया गया, जिन्हें ₹10,000 के नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस अभियान में 325 किलोग्राम ई-कचरा सफलतापूर्वक एकत्र किया गया और पर्यावरण के अनुकूल निपटान के लिए एटेरो रीसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड को भेज दिया गया।

शीर्ष ई-कचरा योगदानकर्ताओं में शामिल हैं :
आकांक्षा अग्रवाल (एमबीए II ए), उत्कर्ष जैन (बीबीए II जी), मानशी डोबरियाल (एमबीए II डी), श्रुति शर्मा (एमबीए II ई) और शिवम कुमार सिंह (एमबीए II ए)
कार्यक्रम में रजिस्ट्रार प्रो. (डॉ.) नरेश कुमार शर्मा, नीरज मौर्य (साइनोटेक), अरविंद यादव और यूकेपीसीबी के अधिकारी सुभाष पंवार (यूकेपीसीबी), निहारिका डिमरी, रचना नौटियाल, तरंगिनी रावत, करीना मलिक आदि उपस्थित रहे।
वहीं प्रबंधन अध्ययन विभाग से उपस्थित प्रमुख अधिकारियों में डॉ. नवनीत रावत, डॉ. नीरज शर्मा (संयोजक), डॉ. नागेंद्र शर्मा, कैप्टन राजश्री थापा, सोनाली दानिया, प्रहलाद अधिकारी और डॉ. गिरीश लखेड़ा के साथ-साथ इकोग्रुप सोसाइटी के सचिव ए.के. मेहता और मनीष जैन शामिल थे।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन, समूह फोटो और नेटवर्किंग लंच के साथ हुआ, जिसमें बाहरी अतिथि, जूरी सदस्य, फाइनलिस्ट और स्वयंसेवक शामिल हुए।
प्रबंधन अध्ययन विभाग से उपस्थित प्रमुख अधिकारियों में डॉ. नवनीत रावत, डॉ. नीरज शर्मा (संयोजक), डॉ. नागेंद्र शर्मा, कैप्टन राजश्री थापा, सोनाली दानिया, प्रहलाद अधिकारी और डॉ. गिरीश लखेड़ा के साथ-साथ इकोग्रुप सोसाइटी के सचिव ए.के. मेहता और मनीष जैन शामिल थे।

अंकिता भंडारी हत्याकांड में भाजपा वीवीआईपी और बुलडोजर की कार्यवाही पर खामोश क्यों- सूर्यकांत धस्माना

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देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ने अंकिता भंडारी मामले में पौड़ी सत्र न्यायालय के आए फैसले के बाद उस पर आई सरकार व भाजपा की प्रतिक्रिया पर हमला बोलते हुए भाजपा व सरकार पर इस जघन्य अपराध के पीछे के सबसे बड़े कारण वीवीआईपी को “अतिरिक्त सेवा” देने का दबाव मृतका अंकिता का स्वयं का आरोप पर कांग्रेस ने हमला बोलते हुए सरकार व भाजपा से सवाल किए हैं। आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि अंकिता भंडारी की हत्या का सबसे बड़ा कारण उसका अपनी अस्मिता के साथ सौदा ना करना बना जिसका जिक्र उसने अपने मित्र के साथ व्हाट्स ऐप चैट में किया था। श्री धस्माना ने कहा कि हत्या का दोषी मुख्य अभियुक्त किस वीवीआईपी के लिए एक्स्ट्रा सर्विस देने के लिए अंकिता पर दबाव बना रहा था जिसके कारण सारा विवाद और फिर अंकिता की हत्या की गई इसका खुलासा नहीं हुआ और इसी कारण ना उस वीवीआईपी को कहीं खोजा गया ना ही उसे अभियुक्त बनाया गया और इसीलिए उसे सजा भी नहीं हुई लेकिन सबसे बड़े अफसोस की बात यह है कि सरकार व भाजपा के किसी भी नेता या प्रवक्ता ने इस वीवीआईपी का जिक्र अपनी प्रतिक्रिया में नहीं किया जबकि मृतका अंकिता भंडारी के माता पिता समेत पूरा राज्य का जनमानस आज इस घटना पर न्यायालय के निर्णय आने के बाद भी इस वीवीआईपी के बारे में बात कर रहा है और उसे सज़ा देने की मांग कर रहा है। श्री धस्माना ने कहा कि इसी से जुड़े दूसरे अहम पहलू पर भी भाजपा खामोश है कि वनंतरा रिसॉर्ट पर बुलडोजर की कार्यवाही किसके कहने पर हुई जिससे सुबूत मिटाने के प्रयास हुए। श्री धस्माना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अंकिता भंडारी मामले में माननीय न्यायालय के फैसले से इस हद तक सहमत है कि अंकिता भंडारी की हत्या हुई और उसके साक्ष्य मिटाने के प्रयास किए गए किंतु विवेचना व ट्रायल में वीवीआईपी का जिक्र ना होना और उस पर कोई न्यायिक टिप्पणी ना होना अंकिता भंडारी को अधूरा न्याय मानती है इसलिए अभियोजन को इस मुद्दे को लेकर एक बार पुनः पुनर्विवेचना की कोशिश करनी चाहिए जिससे ये कथित वीवीआईपी का नाम उजागर हो और उसे भी सज़ा मिले।