Monday, June 9, 2025
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श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार, वेदपाठ-पूजा अर्चना कर किये दर्शन

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चमोली, वाॕलीबुड फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार आज रविवार को अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे। श्री बदरीनाथ मंदिर में भगवान बदरीविशाल के दर्शन कर वेदपाठ-पूजा अर्चना करते हुए उन्होंने सबके लिए सुख समृद्धि की कामना की। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने फिल्म अभिनेता का स्वागत करते हुए भगवान बदरीविशाल का प्रसाद, अंगवस्त्र एवं तुलसी माला भेंट की। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने मंदिर में दर्शन के पश्चात सिंह द्वार पर तीर्थयात्रियों का अभिवादन भी किया। यात्रा व्यवस्थाओं की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड आकर वह अविभूत हुए है। इस दौरान यात्रा मजिस्ट्रेट युक्ता मिश्रा, प्रभारी अधिकारी अनिल ध्यानी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, थाना प्रभारी केसी भट्ट, ईओ सुनील पुरोहित आदि मौजूद रहे।

जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप के सदस्यों ने किया ऑणी गांव का भ्रमण, उत्तराखंड की पारंपरिक शैली में किया गया प्रतिनिधियों का स्वागत

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ॠषिकेश, उत्तराखंड में दूसरी जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप मीटिंग के नरेंद्र नगर टिहरी में समापन के पश्चात रविवार को 20 सदस्य देशों के 20 प्रतिनिधियों ने ऑणी गांव का भ्रमण किया |
ओणी गांव में विदेशी प्रतिनिधियों का स्वागत उत्तराखंड की पारंपरिक शैली में किया गया | ओंणी गांव आगमन पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं एवं वाद्य यंत्र के कलाकारों द्वारा आत्मीयता से डेलीगेट्स का टीका लगाकर, तुलसी की माला पहनाकर तथा ढोल, दमाऊ, माशकबाज, रणसिंघा की प्रस्तुति देकर जोरदार स्वागत किया गया।

औणी गांव में विदेशी प्रतिनिधियों ने गांव की आंगनबाड़ी केन्द्र, नरेंद्र नगर फॉरेस्ट डिविजन शिवपुरी रेंज द्वारा स्थापित इंटरप्रिटेशन सेंटर, पंचायत भवन, बर्तन बैंक, ग्रामीण बचत बैंक शासकीय प्राथमिक विद्यालय, दुग्ध उत्पादन केंद्र, पॉलीहाउस तथा मिलेट सेंटर का भ्रमण किया |

इस दौरान विदेशी मेहमान उत्तराखंड की लोक संस्कृति, ग्रामीण परिवेश, जीवन शैली, पारंपरिक लोक कला, जैविक खेती आदि से भी रूबरू हुए।

विदेशी प्रतिनिधियों ने आणी गांव के पंचायत भवन में ग्राम सभा की बैठक में भाग लिया तथा केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण विकास हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त की | विदेशी प्रतिनिधियों ने आंगनबाड़ी केंद्र में छोटे बच्चों एवम गर्भवती महिलाओं के लिए संचालित गतिविधियों को देखा तथा विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त की |
विदेशी प्रतिनिधियों ने नरेंद्र नगर डिवीजन के शिवपुरी रेंज द्वारा स्थापित इंटरप्रिटेशन सेंटर में वन विभाग तथा ग्रामीणों की बैठक में भाग लिया | बैठक में वन अधिकारी आणी गांव के ग्रामीणों को वन अधिकार अधिनियम 2006 की जानकारी दे रहे थे तथा उनकी समस्याएं सुन रहे थे | यहां पर विदेशियों ने पौधारोपण भी किया | विदेशी प्रतिनिधियों ने गांव में स्थापित बर्तन बैंक का भी निरीक्षण किया | इस बर्तन बैंक का उपयोग ग्रामीण बड़े निजी एवं सार्वजनिक आयोजनों में सहभागिता के आधार पर करते हैं | विदेशी प्रतिनिधियों ने औणी गांव के ग्रामीण बचत केंद्र का भी भ्रमण किया तथा केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा ग्रामीणों के लिए संचालित विभिन्न ऋण एवं बचत योजनाओं की जानकारी ली | गांव के प्राथमिक विद्यालय में विदेशी प्रतिनिधियों ने स्कूली बच्चों से मुलाकात की तथा माध्यहन भोजन की व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की | विदेशी प्रतिनिधियों ने गांव में स्थापित मिलेट सेंटर में उत्तराखंड के स्थानीय अनाजों, गोट फार्मिंग, मत्स्य पालन तथा पारंपरिक चक्की आदि का अवलोकन किया | भ्रमण के बाद गांव मे ही विदेशी प्रतिनिधियों ने भोजन किया तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का अवलोकन किया | विदेशी प्रतिनिधियों को राज्य का स्थानीय भोजन परोसा गया |
सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत बांसुरी वादक तिलक विश्वास तथा तबला मास्टर संतोष कुमार द्वारा किया गया। इसके साथ ही सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा गढ़ वंदना, थाड्या, चोफला, संतूर वादन की प्रस्तुति दी गई।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार, एसएसपी नवनीत भुल्लर, सीडीओ मनीष कुमार. जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवान, ब्लॉक प्रमुख नरेंद्रनगर राजेंद्र भंडारी, एडीएम के.के. मिश्र, डी डी ओ सुनील कुमार, एसडीएम देवेंद्र नेगी सहित नोडल अधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री मोदी ने सेंगोल को किया साष्टांग प्रणाम, अधीनम संतों की मौजूदगी में दिया सम्मान

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नई दिल्ली, वैदिक विधि विधान के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया और देश को इसे समर्पित किया। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के अधीनम संतों द्वारा सौंपा गया सेंगोल भी नए संसद भवन में स्थापित किया। ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप स्थापित किया है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पारंपरिक परिधान में द्वार संख्या-एक से संसद भवन परिसर में प्रवेश किया।

 

वहीं जब सेंगोल को संसद भवन में स्थापना करने के लिए लेकए आया गया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा कदम उठाया जिससे सत्ता और संस्कृति का संगम होता हुआ नए संसद भवन में दिखा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेंगोल को साष्टांग प्रणाम किया और हाथ में पवित्र राजदंड लेकर वहां उपस्थित तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के पुजारियों का आशीर्वाद लिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनका स्वागत किया। इसके बाद मोदी और बिरला ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। बता दें कि नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रमिकों का सम्मान भी किया जिन्होंने इस ऐतिहासिक इमारत के निर्माण में अपना अहम योगदान दिया है।

 

ऐसा है नया संसद भवन :

टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा निर्मित नए संसद भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल, सांसदों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान होगा। त्रिकोणीय आकार की चार मंजिला इमारत 64,500 वर्ग मीटर में फैली है। इस इमारत के तीन मुख्य द्वार ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार हैं। इसमें विशिष्ट जन, सांसदों और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार होंगे। नए भवन के लिए उपयोग की गई सामग्री देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई है। इमारत में इस्तेमाल सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से मंगाई गई थी, जबकि लाल और सफेद बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से खरीदा गया था।

 

राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले और हुमायूं के मकबरे के लिए बलुआ पत्थर भी सरमथुरा से प्राप्त किया गया था। केसरिया हरे पत्थर को उदयपुर से, लाल ग्रेनाइट को अजमेर के पास लाखा से और सफेद संगमरमर को राजस्थान के अंबाजी से खरीदा गया है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘एक तरह से पूरा देश लोकतंत्र के मंदिर के निर्माण के लिए एक साथ आया, जो एक प्रकार से ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की सच्ची भावना को दर्शाता है।’’ लोकसभा और राज्यसभा के कक्षों में फॉल्स सीलिंग के लिए स्टील का ढांचा केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव से मंगाया गया है जबकि नई इमारत का फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया था। इमारत में पत्थर की जाली का काम किया गया है, जिसमें राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा का योगदान है।

 

अशोक स्तंभ के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगाई गई थी जबकि लोकसभा और राज्यसभा कक्षों की विशाल दीवारों और संसद भवन के बाहरी हिस्से में लगे अशोक चक्र को मध्य प्रदेश के इंदौर से खरीदा गया था। नए संसद भवन में निर्माण गतिविधियों के लिए कंक्रीट मिश्रण बनाने के लिए हरियाणा के चरखी दादरी से ‘एम-सैंड’ यानी निर्मित रेत का उपयोग किया गया। एम-सैंड को पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है क्योंकि यह बड़े कठोर पत्थरों या ग्रेनाइट को कुचलकर निर्मित होता है, न कि नदी के तल में निकर्षण द्वारा। निर्माण में इस्तेमाल ‘फ्लाई ऐश’ ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगाई गई थीं, जबकि पीतल के काम और पूर्वनिर्मित खाइयां गुजरात के अहमदाबाद से थीं। ‘फ्लाई ऐश’ एक बारीक पाउडर है जो तापीय बिजली संयंत्रों में कोयले के जलने से उप-उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है। इसमें भारी धातु होते हैं और साथ ही पीएम 2.5 और ब्लैक कार्बन भी होते हैं।

 

कुल 1280 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था

नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्य और राज्यसभा कक्ष में 300 सदस्य आराम से बैठ सकते हैं। दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होने पर कुल 1,280 सदस्यों को लोकसभा कक्ष में समायोजित किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। पुराना संसद भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था। पुरानी इमारत को वर्तमान आवश्यकताओं के लिए अपर्याप्त पाया गया था। लोकसभा और राज्यसभा ने प्रस्ताव पारित कर सरकार से संसद के लिए एक नया भवन बनाने का आग्रह किया था। पुरानी इमारत ने स्वतंत्र भारत की पहली संसद के रूप में कार्य किया और यह संविधान को अपनाने की गवाह भी बनी। मूल रूप से ‘इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल’ में स्थित इस संसद भवन को ‘काउंसिल हाउस’ कहा जाता था। संसद भवन में 1956 में अधिक जगह की आवश्यकता को देखते हुए दो मंजिलों को जोड़ा गया था। वर्ष 2006 में, भारत की समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत के 2,500 वर्षों को प्रदर्शित करने के लिए संसद संग्रहालय का निर्माण किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान भवन को कभी भी द्विसदनीय विधायिका को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया था और इसमें बैठने की व्यवस्था भी तंग थी। केंद्रीय कक्ष में केवल 440 लोगों के बैठने की क्षमता है और दोनों सदनों की संयुक्त बैठकों के दौरान अधिक जगह की आवश्यकता महसूस की गई थी।

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पटवारी-लेखपाल भर्ती से 90 अभ्यर्थियों को किया बाहर, रोल नंबर आयोग की वेबसाइट पर जारी

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देहरादून, अपने दस्तावेज नहीं दिखाने वाले 90 अभ्यर्थियों को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पटवारी-लेखपाल भर्ती से बाहर कर दिया है। इन सभी अभ्यर्थियों के रोल नंबरों की सूची आयोग ने अपनी वेबसाइट पर जारी की है। आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों को अभिलेख सत्यापन के लिए 24 अप्रैल से चार मई के बीच बुलाया गया था। इनमें से 85 अभ्यर्थी ऐसे है, जो निर्धारित तिथियों पर अपने अभिलेख लेकर नहीं पहुंचे। इस वजह से उनके अभिलेखों का सत्यापन नहीं हो पाया। लिहाजा, आयोग ने इन सभी का अभ्यर्थन निरस्त कर दिया। परीक्षा में पास होकर भी नौकरी से वंचित हो गए हैं।

इसी प्रकार पांच अभ्यर्थी ऐसे थे, जिन्होंने दिव्यांग कोटे में अपना दावा पेश किया था। इन सभी को अभिलेख सत्यापन में बुलाया गया तो विज्ञापन की शर्तों के हिसाब से दिव्यांगता का प्रमाणपत्र नहीं दिखा पाए।इस वजह से इन पांचों को भी पटवारी-लेखपाल भर्ती से बाहर कर दिया गया है। आयोग सचिव के मुताबिक, जिन अभ्यर्थियों के नाम इसमें शामिल हैं, वह आयोग की वेबसाइट पर अपना रोल नंबर देख सकते हैं। इनमें से किसी को भी अब भर्ती में आगे शामिल होने का अवसर नहीं मिलेगा। राज्य लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-जे प्री परीक्षा में श्रेणीवार न्यूनतम अंकों की अर्हता की जो सूचना पूर्व में जारी की थी, उसमें ओबीसी संग ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग श्रेणी भी प्रकाशित हो गई थी। आयोग ने इसे अलग कर दिया है।

अब परीक्षा पास करने के लिए सामान्य श्रेणी को 35 प्रतिशत, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 35 प्रतिशत, ओबीसी को 30 प्रतिशत, एससी-एसटी को 25 प्रतिशत अंक लाने अनिवार्य होंगे। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में अभिलेख सत्यापन का आखिरी मौका देते हुए एक सूची जारी की है। संशोधित कटऑफ के साथ शॉर्टलिस्ट हुए अभ्यर्थियों को सात जून तक अभिलेखों का सत्यापन कराना होगा। इसके बाद किसी भी अभ्यर्थी के किसी भी प्रमाणपत्र पर विचार नहीं किया जाएगा। सूची, नोटिफिकेशन, नियम, निर्देश आयोग की वेबसाइट पर मुहैया करा दिए गए हैं। किसी को डाक या अन्य माध्यम से कोई सूचना नहीं भेजी जाएगी।

दिव्यांगजन शिविर में 78 लोगों ने उठाया लाभ दो दिवसीय दिव्यांगजन शिविर का पुलिस महानिदेशक ने किया शुभारंभ

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देहरादून, 27 मई । उद्धार, नागपुर, महाराष्ट्र की एक सामाजिक संस्था, उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति व उत्तरांचल प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में प्रेस क्लब में दो दिवसीय निःशुल्क दिव्यांगजन हेतु कृत्रिम अंग फिटमेंट एवं वितरण शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रेस क्लब सदस्यों ने ही नहीं बल्कि दूर-दराज इलाकों से पहुंचे दिव्यांगजन ने स्वास्थ्य जांच का लाभ उठाया व मौके पर ही कृतिम अंग भी प्राप्त किए। शिविर का शुभांरभ बतौर मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, उद्धार सामाजिक संस्था की अध्यक्ष कुसुम अग्रवाल, सस्था के सचिव कुंज बिहारी लाल व प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा ने दीप प्रज्जवलित कर किया। शिविर में 78 लोगों की जांच की और कृत्रिम अंग प्रदान किए गए। यह शिविर 28 मई को भी चलेगा।

शनिवार को प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने शिविर के उद्घाटन से पूर्व पूरे शिविर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के विभिन्न भागों से आए हुए दिव्यांगजनों से वार्ता कर संस्था के कार्याे की सराहना की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि उद्धार संस्था की तकनीशियन टीम जो कि स्वयं दिव्यांग होने के बावजूद दिव्यांग लोगों की सहायता कर रही है, ये अपने आप में बहुत बड़ा काम है। उन्होंने कहा कि इससे शारीरिक तौर पर कमजोर लोगांे को फायदा होगा। उन्होंने उद्धार संस्था नागपुर कोे इस प्रयास के लिए बधाई दी।
उद्धार नागपुर महाराष्ट्र समाजिक संस्था के सचिव कुंज बिहारी लाल ने कहा कि लगातार 34 सालों से संस्था दिव्यांगजन के स्वास्थ्य जांच से लेकर उनके लिए कृत्रिम अंग निःशुल्क मुहैया कराने का कार्य कर रही हैं। अब तक वे अलग-अलग राज्यों में 3200 से अधिक दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग प्रदान कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि संस्था का उद्देश्य दिव्यांग लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है। कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति के अपर परियोजना निदेशक डॉ. अजय नगरकर ने सरकार की योजनाओं की जानकारी दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा व संचालन संयुक्त मंत्री मीना नेगी ने किया। इस अवसर पर संस्था के सदस्य संजय राजगड़िया, रूचिका राजगड़िया, अक्षय राजगड़िया, अंकिता राजगड़िया, श्रृति कृष्णा, प्रद्धुमन कृष्णा, देवांशी राजगड़िया रूंगटा व महावीर विकलांग समिति के तकनीकि टीम के लीडर डॉ. देवकी नंदन व उनकी टीम डॉ दीन दयाल, तुफान सिंह, रामप्रसाद, राजेंद्र, चंदन सिंह, जगदीश, स्वास्थ्य विभाग के प्रचार प्रसार अनिल सती के साथ ही उत्तरांचल प्रेस क्लब महामंत्री विकास गुसाईं, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रश्मि खत्री, कनिष्ठ उपाध्यक्ष दरवान सिंह, संयुक्त मंत्री राजीव थपलियाल, कोषाध्यक्ष मनीष चंद्र भट्ट, सम्प्रेक्षक मनोज सिंह जयाडा, कार्यकारिणी सदस्य प्रवीन बहुगुणा, मंगेश कुमार, मो. फहीम तन्हा, पदेन सदस्य जितेंद्र अंथवाल आदि उपस्थित थे।

 

राजधानी में दो साल बाद फिर सक्रिय हुआ ठक-ठक गैंग, कारों को रुकवाकर करते है चोरी

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देहरादून, राजधानी में कारों से मोबाइल और कीमती सामान उड़ाने वाला ठक-ठक गैंग फिर सक्रिय हो गया है। गैंग के सदस्यों ने रिस्पना और धर्मपुर चौक के ट्रैफिक सिग्नल के पास दो कारों को रुकवाकर अंदर से मोबाइल उड़ा लिए। पुलिस ने दोनों मामलों में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपियों की तलाश की जा रही है। मामले में पत्रकार अतुल चौहान ने शिकायत की है। चौहान का कहना है कि वह बृहस्पतिवार शाम को कारगी चौक से रिस्पना की ओर जा रहे थे। इसी बीच सिग्नल पर रेड लाइट हुई तो उन्होंने कार रोक दी। वहां पर जाम लगा था। एक व्यक्ति पैसेंजर साइड की तरफ आया और शीशा पीटने लगा।

उन्होंने शीशा नीचे किया तो इसी बीच ड्राइवर साइड की तरफ का शीशा भी एक अन्य व्यक्ति खटखटाने लगा। उसके हाथ में पैसों की गड्डी थी। उन्हें लगा कि शायद उनकी कार से किसी को टक्कर लग गई है। उन्होंने इस तरफ का शीशा भी नीचे कर दिया और सारा ध्यान इसी व्यक्ति पर चला गया। तभी दूसरी तरफ खड़े व्यक्ति ने उन्हें जाने के लिए कह दिया। उन्होंने कुछ देर बाद देखा कि कार की आगे की सीट पर रखा उनका आईफोन गायब था। उन्होंने नेहरू कॉलोनी पुलिस को शिकायत की। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल करने लगी। तहरीर देने थाने पहुंचे तो वहां एक व्यक्ति पहले से ही इस तरह की शिकायत लिए बैठा था।

नेहरू कॉलोनी थाने में विशेष नौटियाल निवासी रिंग रोड ने शिकायत की है। उन्होंने बताया कि वह बृहस्पतिवार शाम को कार से धर्मपुर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान वह धर्मपुर चौक स्थित ट्रैफिक सिग्नल पर रुके। यहां एक व्यक्ति उनकी कार के पास आया और चिपककर झुकने लगा। नौटियाल का ध्यान इस व्यक्ति पर गया। उन्होंने सोचा कि शायद उनकी गाड़ी से इस व्यक्ति को चोट लग गई है। इसी बीच दूसरी तरफ के शीशे पर एक व्यक्ति ठक-ठक करने लगा। झुककर खड़े हुए व्यक्ति ने कुछ ही देर में कहा कि जाओ। जिस तरफ से ठक-ठक की आवाज आई वह शीशा खुला हुआ था। सात मिनट बाद नौटियाल घर पहुंचे तो देखा कि कार की आगे की सीट पर रखा मोबाइल गायब था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

राजधानी में ठक-ठक गैंग दो साल बाद सक्रिय हुआ है। इससे पहले 2021 में गैंग के सदस्यों ने एक के बाद एक कई घटनाओं को अंजाम दिया था। सहारनपुर रोड, कारगी चौक, प्रिंस चौक ऐसे कई ट्रैफिक सिग्नल थे, जहां पर इस तरह की वारदात हुईं। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने ठक-ठक गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था। फिर शहर में इस तरह की घटनाएं देखने को नहीं मिली थीं। लेकिन, अब आशंका जताई जा रही है कि यह गैंग कुछ और वारदातों को अंजाम दे सकता है।
यह गैंग भीड़भाड़ वाली जगह या ट्रैफिक सिग्नल पर इस तरह की वारदात करता है। जाम लगने पर भी गैंग के सदस्य कार के आसपास सक्रिय रहते हैं। कई बार एक तो कभी-कभी दो या तीन लोग इसमें शामिल होते हैं। वह गाड़ी के साथ चलते हुए यह देख लेते हैं कि मोबाइल या कीमती सामान डेश बोर्ड और सीट पर रखा है। इसके बाद गाड़ी रुकवाते हैं और कार का शीशा ठक-ठक करते हैं। गैंग का एक सदस्य कहता है कि पीछे उन्होंने किसी को टक्कर मार दी है। कार चालक उसकी बातों में उलझ जाता है। इसी बीच दूसरा सदस्य डेश बोर्ड या सीट से मोबाइल व कीमती सामान उड़ा लेता है।

विश्व सिजोफ्रेनिया दिवस : छात्र-छात्राओं ने पोस्टर बनाकर मानसिक स्वास्थ्य से जुडे़ विभिन्न विषयों को किया रेखांकित

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श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में विश्व सिजोफ्रेनिया दिवस मनाया गया

देहरादून, श्री महंत इन्दिरेश अस्प्ताल के मनोरोग विभाग की ओर से शनिवार को विश्व सिज़ोफ्रेेनिया दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मेडिकल छात्र-छात्राओं ने पोस्टर बनाकर मानसिक स्वास्थ्य से जुडे़ विभिन्न विषयों को रेखांकित किया व जनजागरूकता की अलख जगाई। सेलीब्रेटिंग दि पाॅवर ऑफ कम्यूनिटी काइंडनेस थीम पर आयोजित प्रतियोगिता में 35 मेडिकल छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। उत्कृष्ट पोस्टर बनाने वाले नर्सिंग की छात्रा प्रिया, झिलमिल एवम् आकांक्षा को एसजीआरआर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज के प्राचार्य डाॅ आर.के वर्मा ने पुरस्कृत किया। शनिवार को श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में विश्व सिज़ोफ्रेेनिया दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज के प्राचार्य डाॅ आर. के. वर्मा व मनोरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ शोभिग गर्ग ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओ ने अलग अलग कार्यक्रम प्रस्तुत गए।

काबिलेगौर है कि दुनियाभर में सिज़ोफ्रेेनिया बीमारी के मरीज़ बढ़ रहे हैं। इस बीमारी के प्रभाव की वजह से मरीज़ अपने आप में बडबड़ाना, सोचने समझने व व्यवहार के तरीके में बदलाव आ जाता है। मरीज़ में शक करने की प्रवृति बढ़ जाती है व अपने आप में बड़बडाता रहता है व तरह तरह के भ्रम करने लगता है। विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि सिज़ोफ्रेेनिया का उपचार सम्भव है। मरीज़ के परिवारजनों का दायित्व है कि वे कुशल मनोचिकित्सक से राय लेकर मरीज़ का उपचार करवा सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान मानसिक रोगियों को भी इस मुहिम में जोड़ा गया। मनोरोग विशेषज्ञों ने विभिन्न माॅडल्स व जानकारियों क माध्यम से मानसिक रोगों व उनके उपचार के प्रति जागरूक किया।

प्राचार्य डाॅ आर.के वर्मा ने छात्र-छात्राओं का प्रोत्साहन किया व मानसिक रोगों के आधुनिक उपचार के बारे में महत्वपूर्णं जानकारियां सांझा की। डाॅ शोभित गर्ग ने कहा कि देश दुनिया में मानसिक रोगों के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं। मानसिक मरीजों व उनके परिवार के सदस्यों को मानसिक बीमारी के लक्षण और उसकी रोकथाम के उपयों के बारे में सजग रहना चाहिए। उन्होनंे मानसिक रोगों से बचाव व रोकथाम के महत्वपूर्णं टिप्स दिए। उन्होनंे कहा कि आम दिनचर्या में थोड़ा परिवर्तन लाकर मानसिक रोगों के चक्र को तोड़ा जा सकता है।

इस अवसर पर आयोजित पोस्ट प्रतियोगिता में डाॅ रोबिना मक्कड़, डाॅ डोरछम ख्राइम, डाॅ निधि जैन श्रीमती रेचल प्रसाद ने जज की भूमिका निभाई।

नेशनल पदक विजेता हीरा दास्पा तथा अभिनव पांगती का हुआ स्वागत एवं अभिनंदन, बाजार में निकला स्वागत जुलूस

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नागरिक अभिनंदन में शाल ओढ़ाकर, प्रतीक चिन्ह देकर किया सम्मानित, जोहार क्लब मुनस्यारी ने किया आयोजन

मुनस्यारी, आस्ट्रेलिया के पार्थ में आयोजित विश्व स्तरीय ट्रांसप्लांट एथलेटिक्स भाला फेंक/ बैडमिंटन में पदक विजेता हीरा सिंह दास्पा तथा अभिनव पांगती का आज हिमनगरी में जोरदार स्वागत किया गया। फूलमालाओं से लाद कर दोनों विजेताओं का स्वागत एवं अभिनन्दन यात्रा के साथ नागरिक अभिनंदन किया गया। अपनी जन्मभूमि में दोनों को एक साथ यहां पाकर यहां का जनमानस गदगद दिखाई दिया।
जोहार क्लब मुनस्यारी द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में आस्ट्रेलिया में इंटर नेशनल पदक विजेताओं का पदक लेकर पहली बार अपनी मातृभूमि पहुंचने पर भारी संख्या में जमा होकर स्थानीय लोगों ने अभिनंदन किया।
अपनी किड़नी गंवाने के बाद ग्राम पंचायत कवाधार निवासी हीरा सिंह दासपा ने अपनी बहिन सुश्री आशा तथा ग्राम पंचायत दरकोट हाल डीडीहाट निवासी अभिनव पांगती ने अपनी बहिन सुश्री दीक्षा धर्मसत्तू द्वारा दान दी गई किड़नी से जीवन की दूसरी पारी शुरू की। दोनो ने हौंसला बनाते हुए अपने मन पसन्द खेलों का अभ्यास नहीं छोड़ा।
वर्ष 2023 में हीरा सिंह दास्पा तथा अभिनव पांगती ने आस्ट्रेलिया के पार्थ में आयोजित विश्व स्तरीय ट्रांसप्लांट गेम्स में भाग लिया।
अभिनव पांगती को बैडमिंटन में रजत पदक तथा भाला फेंक में कांस्य तथा हीरा सिंह दास्पा को भाला फेंक में स्वर्ण पदक विजेता का खिताब मिला।
पदक विजेता बनकर पहली बार अपनी मातृभूमि एवं पितृभूमि पहुंचे अभिनव पांगती तथा हीरा सिंह दास्पा का हिमनगरी में नागरिक अभिनंदन किया गया। जोहार क्लब मुनस्यारी के पदाधिकारियों ने विकास खंड सभागार में आयोजित समारोह में जोहारी टोपी तथा शाल ओढ़ाकर दोनों का स्वागत किया। दोनों को प्रतीक चिन्ह देकर उनका मान सम्मान किया।
ग्राम पंचायत दरकोट की ग्राम प्रधान सावित्री पांगती तथा महिला मंगल दल की अध्यक्ष जानकी धर्मसक्तू ने हीरा तथा अभिनव को अपने गांव की तरफ़ से शाल ओढ़ाकर तथा फूल माला पहनाकर सम्मानित किया।
ट्रांसप्लांट गेम्स के इंटर नेशनल पदक विजेता हीरा सिंह दास्पा ने कहा कि एक किड़नी फैल हो जाने के बाद वे निराश जरुर हुए, लेकिन उन्होंने कभी भी हौंसला नहीं खोया। उन्होंने कहा कि लगन एवं मेहनत से हम हर मुकाम को छू सकते है।
एक नहीं दो पदक विजेता अभिनव पांगती ने कहा कि एक जन्म उन्हें उनकी माता ने तथा दूसरा जन्म बहिन ने किडनी ट्रांसप्लांट करके दिया। उन्होंने कहा कि वे देश के लिए खेल रहे है। उन्होंने कहा कि 2025 में होने वाली विश्व स्तरीय ट्रांसप्लांट गेम्स की वे दोनों आज से ही तैयारी कर रहे है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि हमारी नयी पीढ़ी इन सफ़ल पदक विजेता युवाओं से प्रेरणा लेकर अपने जीवन क्षेत्र में सपने देखकर उसे अनुशासित मेहनत से सपनों को सच करके दिखाएंगे।
विकास खंड के सभागार में आयोजित अभिनंदन समारोह में राजकीय बालिका इंटर कालेज नमजला, राजकीय इंटर कालेज मुनस्यारी, विवेकानंद विद्या मंदिर इंटर कालेज मुनस्यारी के विद्यार्थियों ने दोनों पदक विजेताओं से सफलता तथा अपने भीतर चल रहे ज्वलंत समस्याओं का के निदान से जुड़े दर्जनों जिज्ञासाओं को सवाल पूछकर शांत किया। जोहार क्लब के मैदान से लेकर सभागार तक वाद्ययंत्र को बजाते हुए स्वागत जुलूस निकाला गया।
समारोह का संचालन जोहार क्लब के अध्यक्ष केदार सिंह मर्तोलिया ने किया।
इस अवसर पर हीरा के पिता राजेंद्र सिंह दास्पा, अभिनव के पिता सेवानिवृत्त खंड शिक्षा अधिकारी दुष्यंत सिंह पांगती, हीरा की बहिन आशा पांगती, समाजिक कार्यकर्ती तारा पांगती, व्यापार संघ अध्यक्ष राजेंद्र सिंह पांगती, राइका के प्रधानाचार्य अनिल राजपूत, राबाइका नमजला की प्रधानाचार्या सुश्री नीमा आर्या, विवेकानंद विद्या मंदिर इंटर कालेज के प्रधानाचार्य नवीन शर्मा, जोहार क्लब के गोर्कण सिंह मर्तोलिया, गौरव पांगती, रवि बृजवाल, जीतू ज्येष्ठा, कवीन्द्र बृजवाल, महेश रावत, दीपू बृजवाल आदि मौजूद रहे।

नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 8वीं बैठक : राज्य की लगभग 19,000 करोड़ रूपये की 11 वाह्य सहायतित परियोजनाओं पर सैद्धान्तिक सहमति : मुख्यमंत्री

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देहरादून/ नई दिल्ली, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 8वीं बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विकास में मार्गदर्शन और सहयोग के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए राज्य से संबधित विभिन्न विषयों को रखा।

ग्रीन बोनस : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लगभग 70 प्रतिशत क्षेत्र में वनों, बुग्यालों, ग्लेशियरों का संरक्षण करके हम सम्पूर्ण राष्ट्र को महत्वपूर्ण पर्यावरणीय सेवायें उपलब्ध करा रहे हैं। आईआईएफएम, भोपाल के एक अध्ययन के अनुसार उत्तराखण्ड के वनों से प्राप्त होने वाली इन सेवाओं का न्यूनतम मौद्रिक मूल्य 95,000 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष है। भविष्य में राज्यों के मध्य संसाधनों के आवंटन में इन वन एवं पारिस्थितिकी सेवाओं के मानक को बढ़ाने का उन्होंने अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक यह प्रणाली अस्तित्व में नही आती तब तक उत्तराखण्ड राज्य को ग्रीन बोनस प्रदान किया जाये |
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्यतः विभिन्न केन्द्र पोषित योजनाओं में स्थिर जनसंख्या के मानक का उपयोग किया जाता है। महत्वपूर्ण तीर्थ स्थानों विशेष तौर पर चारधाम तथा कांवड़ यात्रा मे उत्तराखण्ड में बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों का वर्ष भर आवागमन होता है, जो राज्य की जनसंख्या का पांच से छह गुना है। तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों को समस्त आधारभूत सुविधायें जैसे- पार्किंग, यातायात, पेयजल, स्वच्छता, आवास, परिवहन, जन सुरक्षा इत्यादि राज्य के सीमित संसाधनों से ही करनी होती है। उन्होंने वित्तीय संसाधनों के आवंटन एवं नीति निर्माण में इस महत्वपूर्ण तथ्य को सम्मिलित किये जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की लगभग 19,000 करोड़ रूपये की 11 वाह्य सहायतित परियोजनायें पाइप लाइन में हैं। इन परियोजना प्रस्तावों पर नीति आयोग,डी.ई.ए, सम्बन्धित केन्द्रीय मंत्रालयों से संस्तुति तथा फण्डिंग ऐजेन्सियों से सैद्धान्तिक सहमति प्राप्त हो चुकी है। राज्य के वित्तीय संसाधन बहुत सीमित हैं जिस कारण ई.ए.पी तथा सी.एस.एस पर ही हमारी निर्भरता है। वित्त मंत्रालय के आदेश के अनुसार उत्तराखण्ड एवं हिमाचल प्रदेश हेतु इसमें ceiling लगायी गयी है। इन परियोजनाओं पर कटौती किये जाने से राज्य में अवस्थापना सुविधाओं के सृजन तथा आजीविका के अवसर बाधित हो जायेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री जी से इसका समुचित समाधान करवाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने राज्य में 25 मेगावाट से कम लघु एवं सूक्ष्म जल विद्युत परियोजनाओं की ही उत्पादन क्षमता लगभग 3500 मेगावाट है। इसमें से मात्र 200 मेगावाट का ही दोहन हो रहा है। उन्होंने अनुरोध किया कि 25 मेगावाट से कम क्षमता की परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन का अधिकार राज्य सरकार को प्रदान किया जाए। इस निर्णय से लगभग 3000 मेगावाट तक विद्युत क्षमता का उपयोग शीघ्र करके विकसित भारत@2047 के विजन के अन्तर्गत स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन करते हुए नेट जीरो के लक्ष्यों को हासिल करने में भी सहयोग दे पायेंगे।

नदी जोड़ो परियोजना :
मुख्यमंत्री ने कहा कि महत्वाकांक्षी नदी जोड़ो योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा कुछ हिमनद नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। ऐसी अति महत्वपूर्ण ‘‘नदी-जोड़ो परियोजना’’ के क्रियान्वयन हेतु अत्यधिक धनराशि की आवश्यकता है, इसके लिये मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से विशेष वित्तीय सहायता एवं तकनीकी सहयोग का अनुरोध किया।

केन्द्र पोषित योजनाओं में लचीलापन
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र पोषित अधिकांश योजनाएं वन साइज फिट ऑल के अधार पर बनती हैं। जो राज्यों की अपनी विशिष्ट परिस्थितियां एवं आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं होती है, परन्तु राष्ट्रीय कृषि विकास योजना जैसी योजनायें भी हैं जिसकी गाइडलाईन में पर्याप्त लचीलापन है। इसके कारण राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार कार्य करने की स्वायत्ता रहती है। स्वायत्ता की यही प्रक्रिया अन्य केन्द्र पोषित योजनाओं के लिये भी अपनायी जानी चाहिये ताकि उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्य केन्द्र पोषित योजनाओं का अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकें।

औद्योगिक प्रोत्साहन नीति
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लागू औद्योगिक प्रोत्साहन नीति वर्ष 2017 के अन्तर्गत प्राप्त प्रोत्साहन वर्ष 2022 में समाप्त हो चुके हैं, जबकि जम्मू कश्मीर तथा पूर्वोत्तर राज्यों हेतु इसी प्रकार की अन्य औद्योगिक नीति वर्तमान में भी चल रही है। पर्वतीय राज्य होने के कारण हमारी समस्यायें भी उन्हीं राज्यों की तरह ही हैं। उन्होंने औद्योगिक प्रोत्साहन नीति को उत्तराखण्ड राज्य में भी आगामी 05 वर्षो के लिये विस्तारित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की कड़ी में उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य- सशक्त उत्तराखण्ड@25 की अवधारणा के आधार पर तेज गति से कार्य प्रारम्भ कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नीति आयोग, भारत सरकार की तर्ज पर राज्य में स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखण्ड (सेतु) का गठन किया है। गुजरात के जी.आई.डी.बी की तर्ज पर अवस्थापना सुविधाओं के सृजन हेतु उत्तराखण्ड निवेश और अवस्थापना विकास बोर्ड का गठन किया गया है ताकि घरेलू एवं अन्तर्राष्ट्रीय निवेशकों को राज्य में आकर्षित किया जा सके। जल संरक्षण को बढ़ावा देने, बाढ़ नियन्त्रण में सहायक और सभी विकास कार्यो में इकोनॉमी तथा इकोलॉजी का सन्तुलन सुनिश्चित करने के लिये ‘स्प्रिंग एंड रिवर रिजूवनेशन अथॉरिटी बनायी जा रही है। इससे स्थानीय स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा जल आधारित रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। नगरीय मल्टी मॉडल परिवहन सुविधा के लिये यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटयन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यू.एम.टी.ए) का गठन किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पी0एम0 गतिशक्ति में गुजरात के बाद उत्तराखण्ड दूसरा राज्य है, जिसके द्वारा अधिकतम कार्य पूर्ण किया गया है। प्रधानमंत्री जी के मार्ग दर्शन में बद्री-केदार धाम के पुननिर्माण का संकल्प शीघ्र साकार होने जा रहा है। इसके लिये राज्य की ओर से मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुमांऊ क्षेत्र में स्कन्द पुराण में उल्लिखित प्रमुख पौराणिक मंदिर तथा गुरूद्वारा को एक सर्किट के रूप में जोड़ने के लिये मानसखण्ड मंदिर माला मिशन प्रारम्भ की गयी है। इस परियोजना से स्थानीय स्तर पर लगभग 50,000 परिवारों को प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से रोजगार मिलने का अनुमान है। प्रथम चरण में 16 मंदिरों का अवस्थापना विकास किया जा रहा है। पहली बार जागेश्वर मंदिर पर आधारित गणतंत्र दिवस की झांकी को पहला स्थान मिला।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में ‘‘मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस’’ की अवधारणा के अन्तर्गत आई.टी का अधिक से अधिक उपयोग किया जा रहा है। अपणि सरकार पोर्टल पर लगभग 70 प्रतिशत सेवायें ऑनलाईन उपलब्ध है। ‘अपणों स्कूल अपणों प्रमाण’ के अन्तर्गत विद्यालय में ही छात्र-छात्राओं को सभी प्रमाण पत्र निर्गत किये जा रहे हैं। रोजगार के सृजन की दृष्टि से 18000 पॉली हाउस एक साथ स्वीकृत किये गये जबकि विगत वर्षों में लगभग 500 पॉली हाउस प्रतिवर्ष स्वीकृत होते थे। आगामी दो वर्षो में प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से लगभग एक लाख से अधिक रोजगार का सृजन होगा। पर्यटन नीति 2023 के अन्तर्गत लगभग 40 हजार करोड़ रूपये का निवेश सम्भावित है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार सृजन होगा। विदेशों में रोजगार के आकर्षक अवसर उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना लायी गयी है। पर्यटक स्थलों पर सुगमतापूर्वक आवागमन के लिये 58 हैलीपोर्ट तथा हैलीपैड निर्मित किये गये हैं एवं 29 हैलीपोर्ट तथा हैलीपैड निर्माणाधीन है। स्थानीय स्तर पर विभिन्न प्रकार के ड्रोन के निर्माण तथा दूरस्थ क्षेत्रों में आवश्यकीय सेवाओं, विकास कार्यो की निगरानी के लिये ‘ड्रोन यूसेज एंड प्रमोशन पॉलिसी’लायी जा रही है। सात जनपदों के 250 कृषकों को वर्तमान में ड्रोन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य में महिलाओं को अधिक सशक्त बनाने के लिये 2025 तक 1.25 लाख लखपति दीदी का लक्ष्य रखा गया है एवं 33,158 परिवारों को लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया है।

उत्तराखंड में दूसरी जी-20 एंटी-करप्शन वर्किंग ग्रुप मीटिंग का हुआ समापन

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‘जी-20 बैठक 25 से 27 मई 2023 को टिहरी के नरेंद्रनगर में हुई थी आरम्भ’

‘तीन दिन तक चली बैठक के दौरान 20 सदस्य देशों, 10 आमंत्रित देशों और नौ अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 90 से अधिक प्रतिनिधियों ने लिया भाग’

‘एंटी-करप्शन वर्किंग ग्रुप मीटिंग की तीसरी बैठक आगामी 9 से 11 अगस्त 2023 को कोलकाता में होगी आयोजित’

देहरादून/ॠषिकेश, जी-20 एंटी-करप्शन वर्किंग ग्रुप की दूसरी बैठक, जिसका उद्घाटन 25 मई को रक्षा और पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने किया था, आज ऋषिकेश (टिहरी) में संपन्न हुई।
बैठक में 20 सदस्य देशों, 10 आमंत्रित देशों और यूएनओडीसी , ओईसीडी , एगमॉन्ट ग्रुप , इंटरपोल और आईएमएफ सहित 9 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 90 प्रतिनिधियों की व्यापक भागीदारी थी। मीटिंग की अध्यक्षता श्री राहुल सिंह, अतिरिक्त सचिव, भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और अध्यक्ष जी20 एंटी-करप्शन वर्किंग ग्रुप मीटिंग ने की। बैठक की सह-अध्यक्षता इटली के टास्क फोर्स के प्रमुख, जी20 एंटी-करप्शन वर्किंग ग्रुप मीटिंग के सह-अध्यक्ष श्री जियोवन्नी टार्टाग्लिया पोलसिनी और इटली के ही पूर्णाधिकारी मंत्री, विदेश और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्री श्री फैब्रिज़ियो मारसेली ने की।
पिछले तीन दिनों में, एसेट रिकवरी, भगोड़े आर्थिक अपराधियों, सूचना साझा करने के लिए सहयोग के औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों, भ्रष्टाचार से निपटने के लिए संस्थागत ढांचे और आपसी कानूनी सहायता से संबंधित कई प्रमुख विषयों और क्षेत्रों पर गहन और उत्पादक विचार-विमर्श हुआ है। प्रतिनिधियों ने बैठक में भ्रष्टाचार को रोकने और उससे मुकाबला करने के लिए तीन उच्च स्तरीय सिद्धांतों पर सहमति व्यक्त की। ये सिद्धांत हैं; जिम्मेदार सार्वजनिक निकायों और प्राधिकरणों की अखंडता और प्रभावशीलता को बढ़ावा देना, भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए कानून प्रवर्तन संबंधी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सूचना साझाकरण को मजबूत करना और भ्रष्टाचार से संबंधित संपत्ति वसूली तंत्र को मजबूत करना। एसीडब्ल्यूजी के पहले दिन, ‘लिंग और भ्रष्टाचार’ पर एक साइड इवेंट भी आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में माननीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री भारत सरकार श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने मुख्य भाषण दिया। इस आयोजन के दौरान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भ्रष्टाचार के लैंगिक पहलुओं पर विचार-विमर्श किया, जिस तरह से महिला सशक्तिकरण आंतरिक रूप से भ्रष्टाचार विरोधी पहलुओं से जुड़ा हुआ है और लैंगिक संवेदनशील शासन और नीति निर्माण की आवश्यकता है।
प्रतिनिधियों को ऋषिकेश में प्रवास के दौरान भारत की समृद्ध संस्कृति, विरासत और व्यंजनों के स्वाद लेने का भी अवसर प्राप्त हुआ।

भारत एंटी-करप्शन वर्किंग ग्रुप मीटिंग की तीसरी बैठक के लिए 9-11 अगस्त को फिर से कोलकाता में प्रतिनिधियों की मेजबानी करने के लिए उत्सुक है। भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय लड़ाई को मजबूत करने के जी20 एजेंडे को और गति प्रदान करने के लिए भारत अब तक की पहली व्यक्तिगत भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक की मेजबानी भी करेगा।