Wednesday, April 30, 2025
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कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास को अंतिम विदाई देने के लिए बागेश्वर में उमड़ी लोगों की भीड़, सीएम धामी समेत कई नेता पहुंचे बागेश्वर

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देहरादून, उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास अंतिम विदाई देने के लिए बागेश्वर में लोगों की भीड़ उमड़ी। पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी समेत तमाम नेता उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बागेश्वर पहुंच गए हैं। चंदन राम दास के निधन पर प्रदेश में तीन दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया गया है। धामी मंत्रिमंडल को चंदन राम दास की कमी हमेशा खलती रहेगी। सीधे, सरल और अपने मजाकियां अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले चंदन राम दास अपने कैबिनेट के सहयोगियों में काफी पसंद किए जाते थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का उनसे खास लगाव था। कई नए विधायकों और राजनेताओं के लिए वह राजनीति की एक प्रयोगशाला थे।
जानकारों का मानना है कि वर्ष 2007 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद उन्होंने 2012, 2017 और 2022 का चुनाव अपनी सियासी पकड़, कुशल चुनाव प्रबंधन और सीधे और सादगी भरे व्यक्तित्व के कारण जीता था। मंत्रिमंडल के अन्य साथी भी उनके लंबे राजनीतिक अनुभव से प्रभावित होकर उनसे मशविरा और मार्गदर्शन प्राप्त करते थे। दास के बाद उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, इस पर लोगों की नजर टिक गई है। सबसे पहले नंबर दास की पत्नी पार्वती दास का हो सकता है। भाजपा दिवंगत नेताओं की पत्नियों को महत्व देती रही है।

इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भाजपा के कद्दावर नेता प्रकाश पंत का है। उनके निधन पर उनकी पत्नी चंद्रा पंत को भाजपा ने टिकट दिया था। इस लिहाज से देखा जाए तो स्व. चंदन राम दास की पत्नी पार्वती दास उनकी उत्तराधिकारी हो सकती हैं। बहुत कुछ उनकी (पार्वती दास) इच्छा पर भी निर्भर रहेगा। बहरहाल दास का उत्तराधिकारी दास के ही परिवार से आने की संभावना जताई जा रही है। दास के पुत्र गौरव दास भी पिता की विरासत संभाल सकते हैं।

श्री गुरु राम राय यूनिवर्सिटी एवं श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की ओर से ऋषिकेश में कैंसर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया

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कैंसर से डरना नहीं लड़ना है : वित मंत्री अग्रवाल

कैंसर जागरूकता शिविर के माध्यम से आमजन को कैंसर के घातक परिणाम उपचार बचाव एवम जानकारियों से कराया अवगत

देहरादून, श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को कैंसर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कैंसर सर्जरी विभाग के विशेषज्ञों ने शिविर में कैंसर के बारे में विस्तृत जानकारी दी। शिविर का उद्देश्य भारत में कैंसर की बढ़ती घटनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना और रोगियों को मुफ्त परामर्श और कैंसर जांच प्रदान करना था। कैबिनेट मंत्री उत्तरखण्ड सरकार प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि कैंसर से डरना नहीं लडना है। जनजागरूकता फैलाकर इस मुहिम को और आगे बढाया जा सकता है। इसमें समाज के हर आयु हर वर्ग की सहभागिता जरूरी है।

बुधवार को धनवंत्री भवन ऋषिकेश में कैंसर जागरूता शिविर का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवम् वित्त मंत्री उत्तराखण्ड सरकार प्रेमचंद अग्रवाल, कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथ डाॅ अजय कुमार खण्डूड़ी, कुलसचिव श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय, विजय नौटियाल, अधिकृत हस्ताक्षर प्रबन्धक, श्री दरबार साहिब व डाॅ पंकज कुमार गर्ग, विभागाध्यक्ष कैंसर सर्जरी विभाग श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने संयुक्त रूप से किया। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कैंसर सर्जरी विभाग की ओर से किए जा रहे कार्यों की सरहाना की। उन्होंने श्रीमहंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज का आभार व्यक्त करते हुए उनके द्वारा स्वास्थ्य, चिकित्सा व शिक्षा के क्षेत्र में चलाई जा रही मुहिम की सराहना की। कैबिनेट मंत्री ने आश्वासन दिया कि अनिवार्य कैंसर अधिसूचना के लिए वह स्वास्थ्य मत्री से बात करेंगे ताकि कैंसर के सही आंकड़ों का पता लगाया जा सके।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यलाय के कुलसचिव डाॅ अजय कुमार खण्डूड.ी ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के आशीर्वचन प्रस्तुत किए।

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ डॉ पंकज गर्ग ने भारत में कैंसर के बारे में कुछ चैंकाने वाले आंकड़े साझा किए। उन्होंने बताया कि भारत में हर साल लगभग 14-15 लाख नए कैंसर के मामले दर्ज किए जाते हैं। हालाँकि, भारत में डेटा की कम रिपोर्टिंग के कारण वास्तविक संख्या बहुत अधिक हो सकती है। उन्होंने कैंसर नियंत्रण के लिए तीन आयामी दृष्टिकोण – जोखिम में कमी, शीघ्र निदान और कैंसर उपचार के बुनियादी ढांचे में सुधार पर जोर दिया।

डॉ. गर्ग ने अपनी टीम (डॉ. अजीत तिवारी और डॉ. रचित आहूजा) के साथ मरीजों को मुफ्त परामर्श दिया और कैंसर की जांच की। मरीजों को कैंसर की रोकथाम, शुरुआती पहचान और उपचार के बारे में बहुमूल्य जानकारी दी गई। शिविर को स्थानीय समुदाय से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, सैकड़ों लोग परामर्श और स्क्रीनिंग के लिए आए। डॉ. गर्ग ने बताया कि श्री महंत अस्पताल उत्तराखंड के लोगों को सस्ती कीमतों पर अत्याधुनिक गुणवत्ता वाली कैंसर उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे बताया कि अस्पताल आयुष्मान और गोल्डन कार्ड लाभार्थियों को कैशलेस कैंसर उपचार की सुविधा प्रदान करता है।

कार्यक्रम में कैंसर सर्जन डाॅ अजीत तिवारी, डाॅ पल्लवी कौल, डाॅ रचित आहुजा व डाॅ राहुल कुमार ने भी कैंसर से जुडी महत्वपूर्णं जानकारियां दीं। विजय नौटियाल ने धन्यवाद ज्ञापन पड़ा। मंच संलान सिमरन अग्रवाल ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में पीआरो जितेन्द्र यादव , मानवेन्द्र सिंह, भूपेन्द्र रतूडी, भास्कर मैंदाला आदि का विशेष सहयोग रहा। इस अवसर पर एसजीआरआर पब्लिक स्कूल हरिद्वार, ऋषिकेश, शाखा व भानियावाला शाखा के शिक्षक, छात्र-छात्राएं व स्टाफ भी मौजूद थे।

चारधाम यात्रा : स्वास्थ्य विभाग की अनूठी पहल, यात्रियों की सुविधा के लिए 9 भाषाओं में जारी हुई यात्रा की एसओपी

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देहरादून, भगवान ब्रदीविशाल के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का विधिवत् श्रीगणेश शुरू गया है जबकि यमुनोत्री, गंगोत्री और बाबा केदारधाम के कपाट पहले ही खुल चुके हैं। चारधाम यात्रा का विधिवत् आगाज होते ही उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग चारधाम यात्रा को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार लगातार चारोंधामों की स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े अधिकारियों से अपडेट लेने के साथ जरूरी निर्देश दे रहे हैं।

चारधाम यात्रियों की सुविधा को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने पहली बार 9 भाषाओं में यात्रा की नई एसओपी जारी की है। मातृ भाषा हिन्दी के साथ ही तमिल, उडिया, कन्नड, मराठी, बंगाली, पंजाबी, गुजराती और अंग्रेजी में यह एसओपी आज जारी की गई है।

एसओपी जारी करते हुए मीडिया से बात करते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा कि हिन्दी सहित कुल 9 भाषाओं में एसओपी जारी की गई है। लोकल लैंग्वेज में एसओपी जारी होने से यात्रियों को सुविधा होगी। चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्री पूरी एसओपी का अध्यन करने के साथ पूरी तैयारी के साथ यात्रा में आयेंगे। स्वास्थ्य सचिव ने यात्रियों से अपील करते हुए कहा कि पूरी तैयारी के साथ यात्रा पर आयें। यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें। सुगम और सुरक्षित यात्रा के लिए अपने शरीर को यात्रा के वातावरण के अनूकूल बनायें। जब आपका शरीर वातावरण के अनूकूल हो जाये तो फिर यात्रा करना शुरू करें। स्वास्थ्य संबधी किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर नजदीकी चिकित्सा इकाई से संपर्क करें।

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा चारधाम यात्रा में समस्त तीर्थ स्थल उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं, जिनकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मी० से भी अधिक है उन स्थानों में यात्रीगण अत्यधिक ठण्ड, कम आर्द्रता, अत्यधिक अल्ट्रा वॉइलेट रेडिएशन, कम हवा का दबाव और कम ऑक्सीजन की मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं। अतः सभी तीर्थ यात्रियों के सुगम एवं सुरक्षित यात्रा हेतु निम्न दिशा निर्देश निर्गत किये जा रहे हैं।

यात्रा से पूर्व :
1- योजना बनाना, तैयारी करना, पैक करना:- रोकथाम पर ध्यान देने से आप अपनी यात्रा के दौरान सुरक्षित रह सकते हैं। कृपया अपनी यात्रा से पहले चिकित्सा और ट्रेक की तैयारी सुनिश्चित करें। उच्च ऊंचाई बीमारी का कारण बन सकती है इसके लिए योजना बनाना, तैयारी करना और पैक करना महत्वपूर्ण है।

योजना बनाना :
1- अपनी यात्रा की योजना कम से कम 7 दिनों के लिए बनाएं, वातावरण के अनुरूप अनुकूलन के लिए समय दें अनेक ब्रेक की योजना बनाएं ट्रैक के हर एक घंटे बाद या ऑटोमोबाइल चढ़ाई के हर 2 घंटे बाद, 5-10 मिनट का ब्रेक लें ।

तैयारी करना :
1-रोजाना 5-10 मिनट के लिए श्वास व्यायाम का अभ्यास करें
2-रोजाना 20-30 मिनट टहलें
3-यदि यात्री की आयु 55 वर्ष है या वह हृदय रोग, अस्थमा, उच्च रक्तचाप, या मधुमेह से 4-ग्रस्त है,तो यात्रा के लिए फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य जांच करवाएं

सामान पैक करना :

1- गर्म कपड़े ऊनी स्वेटर, धर्मल, पफर जैकेट, दस्ताने मोजे ऽ बारिश से बचाव के यंत्र रेनकोट, छाता
2- स्वास्थ्य जांच उपकरण पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर पहले से मौजूद स्थितियों (हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह) वाले यात्रियों के लिए-
3- सभी जरूरी दवा, परीक्षण उपकरणों और अपने घर के चिकित्सक का संपर्क नंबर ले जाएं ।

ध्यान दें…!
1- कृपया अपनी यात्रा से पहले मौसम रिपोर्ट की जांच करें, और सुनिश्चित करें कि आपके पास ठंडे तापमान में प्रबंधन करने के लिए पर्याप्त गर्म कपड़े हैं।
2- अगर आपके डॉक्टर यात्रा न करने की सलाह देते हैं, तो कृपया यात्रा न करें

यात्रा के दौरान क्या ध्यान रखना है :
1-स्वस्थ सतर्क सफल यात्रा अपनी सुविधा के लिए यात्रा मार्ग के साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा रखे गए संचार को देखें, और सभी दिशा निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें।
2-यात्रियों की सेवा के लिए नियोजित निकटतम चिकित्सा इकाई के मानचित्र का संदर्भ लें।
-चिकित्सा राहत केंद्र
-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जिला अस्पताल

1-उत्तराखंड चिकित्सा इकाई की पहचान करने के लिए इमारतों पर स्पष्ट नाम बोर्ड देखें।
2- यदि आप या आपके परिवार के किसी भी सदस्य को नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी महसूस हो रहा है, तो कृपया तुरंत निकटतम चिकित्सा इकाई पर पहुंचें त्वरित जांच आपके जीवन को बचा सकती।

आपको चिकित्सा इकाई से कब संपर्क करना है :

1-सीने में दर्द की शिकायत
2-सांस की तकलीफ (बात करने में कठिनाई)
3-लगातार खांसी चक्कर आना/भटकाव (चलने में कठिनाई)
4-उल्टी
5-बर्फीली/ठंडी त्वचा
6-शरीर के एक तरफ कमजोरी / सुन्नता
7-उच्च ऊंचाई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। एक मिनट की सावधानी आपका जीवन बचा सकती है।

इन यात्रियों का रखा जाये विशेष ध्यान :
1- 55 वर्ष से अधिक आयु वाले यात्री
2- गर्भवती महिलाएं
3- हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, और मधुमेह के इतिहास वाले यात्री
4- अधिक मोटापे से ग्रस्त (30 बी.एम.आई) यात्री

यात्रियों को सलाह :
1- यात्रा के दौरान शराब, कैफीनयुक्त ड्रिंक्स, नींद की गोलियां और मजबूत/ शक्तिशाली दर्द निवारक दवाओं का सेवन न करें, धूम्रपान से भी बचें।
2- यात्रा के दौरान कम से कम 2 लीटर तरल पदार्थ पीएं और भरपूर पौष्टिक आहार लें

राज्य लोक सेवा आयोग के प्रस्ताव को शासन ने वापस लौटाया, अब उत्तराखंड में पुराने पैटर्न पर ही होगी पीसीएस परीक्षा

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हरिद्वार, राज्य लोक सेवा आयोग ने पिछले दिनों एक प्रस्ताव पास किया था कि चूंकि युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा के लिए अलग और उत्तराखंड पीसीएस के लिए अलग तैयारी करनी पड़ती है। इसलिए युवाओं के हित में पीसीएस परीक्षा में यूपीएससी का सिविल सेवा परीक्षा पैटर्न लागू कर दिया जाए।

उत्तराखंड में पीसीएस परीक्षा का पैटर्न नहीं बदलेगा :

शासन ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के यूपीएससी पैटर्न लागू करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। आगामी पीसीएस परीक्षा पुराने पैटर्न से ही होगी। बुधवार को शासन ने इस संबंध में आयोग को पत्र भेजकर स्थिति स्पष्ट कर दी।

राज्य लोक सेवा आयोग ने पिछले दिनों एक प्रस्ताव पास किया था कि चूंकि युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा के लिए अलग और उत्तराखंड पीसीएस के लिए अलग तैयारी करनी पड़ती है। कई राज्यों में राज्य व केंद्रीय सेवा की परीक्षाओं के पैटर्न एक समान हैं।

आयोग ने भी यह प्रस्ताव शासन को भेजा था कि राज्य के युवाओं के हित में पीसीएस परीक्षा में यूपीएससी का सिविल सेवा परीक्षा पैटर्न लागू कर दिया जाए। इस प्रस्ताव को लेकर प्रदेशभर से मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं थीं। कई लोगों का ये कहना था कि अगर राज्य में भी केंद्र का यूपीएससी पैटर्न लागू कर देंगे तो राज्य के युवाओं के लिए पीसीएस की राह मुश्किल हो जाएगी।

यह भी मांग उठी थी कि अगर यूपीएससी पैटर्न लागू करें तो इसमें उत्तराखंड से जुड़े प्रश्न पत्र अलग रखे जाएं। पीसीएस परीक्षा पैटर्न को लेकर आयोग और शासन के अधिकारियों के बीच कई दौर की बैठक भी हुई। अब शासन ने तय किया है कि फिलहाल पुराना पैटर्न ही लागू रहेगा। आगामी पीसीएस परीक्षा उसी पैटर्न पर होगी। इसमें किसी तरह का बदलाव स्वीकार नहीं किया गया है। अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने इस संबंध में सचिव उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को शासनादेश भेज दिया है।

 

महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद ब्रजभूषण का जनवादी संगठनों ने जलाया पुतला

देहरादून, जनवादी संगठन SFI, CITU, AIKS, AIDWA ने महिला पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाई। जिन्हें बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष ब्रिज भूषण सिंह द्वारा यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है।यभारत के शीर्ष पहलवानो ने ब्रिज भूषण सिंह के गलत व्यवहार और उनके नेतृत्व में पहलवानों के साथ द्वन्द्व और मानसिक शोषण के खिलाफ विरोध करते हुए प्रदर्शन किया है। हाल ही में पहलवानो ने सरकार के इस मामले पर कार्रवाई न करने की आपराधिक गैरहाज़िरी की विरोध करते हुए भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष ब्रिज भूषण सिंह का पुतला न्यू इन्द्रमार्केट के गेट पर पुतला जलाया गया। CITU देहरादून जिला सचिव लेखराज ने बताया की हम साहसिक पहलवानों के पूर्ण समर्थन करता है जो एक शक्तिशाली और प्रभावशाली यौन उत्पीड़क के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में SFI, CITU, AIKS, AIDWA की एक टीम ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मिलकर समर्थन प्रदान किया है। उन्होंने बताया की हम केंद्र सरकार की इस मुद्दे पर की गई कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं और ब्रिज भूषण सिंह के तत्काल इस्तीफे की मांग करते हैं।

SFI उत्तराखंड राज्य सचिव हिमांशु चौहान ने बताया की सेक्सुअल उत्पीड़न और पहलवानों के द्वारा उनके साथ बर्ताव की गंभीर आरोपों के कारण व सरकार द्वारा कोई भी ठोस कार्यवाही नही की गई तो SFI छात्रों को लामबंद कर अनेको संगठनों के साथ प्रदर्शन करेगी।

एड्वा की राज्य सचिव दमयंती नेगी ने बताया की आज के दिन जनवादी संगठनों के द्वारा पुरे देश में प्रदर्शन प्रदर्शन किया जा रहा है।

अखिल भारतीय किसान सभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र पुरोहित ने बताया कोई भी वर्ग नहीं बचा है जो भाजपा सरकार से नीतियों से आहात नहीं है। उन्होंने बताया की हम लगातार खिलाडियों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर खड़ा है।

इस अवसर पर SFI प्रदेश अध्यक्ष नितिन मलेठा, डीएवी छात्रसंघ उपाध्यक्ष सोनाली नेगी, प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेन्द्र परमार, सीटू के राम सिंह भंडारी, रविन्द्र नोडियल, बी एस पयाल, विनोद, नरेन्द्र पूर्व डीएवी छात्रसंघ उपाध्यक्ष अभिषेक भंडारी, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता त्रिलोचन भट्ट, जनवादी महिला समिति से अंजली पुरोहित, अनीता, मधु आदि लोग मौजूद रहे |

ब्रैकिंग : विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले, 25 कुंतल फूलों से सजा बदरी विशाल का दरबार

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चमोली (जोशीमठ), बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के बीच भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले आज बृहस्पतिवार प्रात: 7 बजकर 10 मिनट पर कपाट खुलने के इस पावन मौके पर अखंड ज्योति के दर्शन करने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु धाम पहुंचे तो यात्रा पड़ावों पर चहल-पहल भी शुरू हो गई है, 25 कुंतल फूलों से सजा बदरी विशाल का धाम, कपाट खुलने के दौरान धाम में करीब 20 हजार तीर्थयात्री पहुंचे। उत्साह और उल्लास का माहौल के साथ यात्रा पड़ावों पर जगह-जगह तीर्थयात्रियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया धाम में अब तक श्रद्धालुओं के करीब 400 वाहन पहुंच गए हैं। बदरीनाथ के साथ ही धाम में स्थित प्राचीन मठ-मंदिरों को भी गेंदे के फूलों से सजाया गया है। कपाटोद्घाटन के लिए टिहरी राजा के प्रतिनिधि के रूप में माधव प्रसाद नौटियाल के साथ बदरी केदार मंदिर समिति के सदस्यगण और प्रशासिक अधिकारी भी धाम में मौजूद रहे,
इसके साथ देश के प्रथम गांव माणा में भी ग्रामीणों की चहल-पहल होने लगी है। बुधवार को बदरीनाथ धाम पहुंंचे अधिकांश श्रद्धालु माणा गांव पहुंचे। लगातार बदलते मौसम के कारण इस बार यात्रियों को भगवान बदरीविशाल के दर्शनों के साथ साथ नजदीक से बर्फ देखने का भी मौका मिलेगा।
इस बार बदरीनाथ हाईवे पर कंचन गंगा और रड़ांग बैंड में हिमखंड पिघल गए हैं। यहां अलकनंदा के किनारे कुछ जगहों पर ही बर्फ जमी है। बदरीनाथ धाम के आंतरिक मार्गों पर अभी भी बर्फ है, जिसे नगर पंचायत बदरीनाथ के पर्यावरण मित्रों की ओर से साफ किया जा रहा है।

 

चारधाम के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था : अबतक करीब 19 लाख तीर्थयात्रियों ने कराया पंजीकरण

Uttarakhand, Chardham And Hemkund Sahib Yatra Can Do Registration Online As Well As Offline | Char Dham Yatra: चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए बड़ी संख्या में हो रहे हैं रजिस्ट्रेशन,

रुद्रप्रयाग, विश्व की सुप्रसिद्ध चारधाम यात्रा का हर्षोल्लास के साथ आगाज हो गया है, श्रद्धालुओं का धामों के दर्शन के लिये राज्य सरकार ने आॕनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की है, मिली जानकारी के मुताबिक अब तक चारधाम के लिए करीब 19 लाख तीर्थयात्रियों ने ऑनलाइन पंजीकरण कर दिया है। इस बार यात्रा वर्ष 2022 का रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद है। इसी माह 22 अप्रैल को गंगोत्री, यमुनोत्री, 25 अप्रैल को केदारनाथ के कपाट खुल गए हैं और आज 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुल भी खुल गये। वहीं 20 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुलेंगे। अब तक चारधाम के लिए करीब 19 लाख तीर्थयात्रियों ने ऑनलाइन पंजीकरण कर दिया है। जबकि पिछले वर्ष 2022 में करीब 46 लाख श्रद्धालुओं ने यात्रा की है। इस बार शासन प्रशासन की ओर से यह बाध्यता समाप्त कर दी गई है। जिसके चलते चारधाम जाने वाले तीर्थ यात्री अपने मोबाइल से ऑनलाइन पंजीकरण कर चारधाम के लिए रवाना हो रहे हैं।
यात्रा प्रशासन अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि चारधाम के लिए अभी तक 19 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अपना पंजीकरण कर दिया है। यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की संख्या में दिन प्रतिदिन बढोतरी हो रही है। ऐसी ही भीड़ रही तो इस बार यात्रा पिछले वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ेगी, जबकि पिछले वर्ष 2022 में यमुनोत्री 485688,
गंगोत्री 624516, केदारनाथ 1563275, बदरीनाथ 1763549 और हेमकुंड साहिब 190364 श्रद्धालु चारधाम देवयात्रा के भागीदार बने थे |

 

चारधाम यात्रा : केदारनाथ धाम के सुलभ दर्शन को पर्यटन विभाग ने शुरू किया टोकन सिस्टम, लगाये गये चार काउंटर

Kedarnath Yatra 2023:तीर्थयात्रियों को ऐसे होंगे गर्भगृह से बाबा केदार के दर्शन, पढ़ें जरूरी जानकारी - Chardham Yatra 2023: Pilgrims Will Now Have Darshan From Garbh Grah By Slot System ...

देहरादून, विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा शुरू हो गयी, राज्य सरकार ने केदारनाथ धाम में भीड़ प्रबंधन और यात्रियों को सुलभ दर्शन कराने के लिए टोकन सिस्टम शुरू कर दिया गया है। धाम में चार काउंटर लगाए गए हैं। प्रत्येक काउंटर पर दो-दो कर्मचारी तैनात हैं। यहां से यात्रियों को एक-एक घंटे के स्लॉट में टोकन दिए जा रहे हैं। बुधवार को शुरू हुई व्यवस्था से एक-एक घंटे में लगभग 1200 यात्रियों को दर्शन कराए जा रहे हैं। वहीं मिली जानकारी के मुताबिक शाम चार बजे तक टोकन से 9000 से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। मंगलवार को सुबह पांच बजे से ही पर्यटन विभाग ने टोकन वितरण शुरू कर दिया था। पर्यटन विभाग की इस व्यवस्था से यात्रियों को आसानी हो रही है। इससे लंबी लाइन भी नहीं लग रही है। जिला पर्यटन व साहसिक खेल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि टोकन सिस्टम की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। राज्य सरकार का इस बार चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों सुगम और सुव्यवस्थित व्यवस्था देने के लिये कृत संकल्पित है |

 

चारधाम यात्रा के दौरान दो तीर्थयात्रियों की मौत, दोनों यात्रियों को पड़ा था दिल का दौरा

रुद्रप्रयाग, चारधाम यात्रा के आगाज के साथ ही धामों में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लग गयी, इस दौरान केदारनाथ में बुधवार को दो तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। केदारनाथ दर्शन को आंध्र प्रदेश से आए एक बुजुर्ग यात्री की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सीएमओ डाॅ. हरीश चंद्र सिंह मार्तोलिया ने बताया कि 70 वर्षीय राजा मौली दर्शन के लिए केदारनाथ आए थे। सुबह 8 बजे मंदिर से कुछ दूर उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई। अन्य लोगों ने पुलिस के सहयोग से उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं, यात्रा के पांचवे दिन यमुनोत्री धाम में मध्य प्रदेश के एक यात्री की हृदय गति रुकने से मौत हो गई है। मृतक यात्री के साथियों और पुलिस के जवानों ने शव को जानकीचट्टी अस्पताल पहुंचाया। जानकारी के अनुसार 67 वर्षीय काशीनाथ जोशी बुधवार शाम को यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए पहुंचे। धाम के दर्शन के दौरान काशीनाथ बेहोश हो गए और हृदय गति रुकने से मौके पर ही दम तोड़ दिया।

नक्सलियों के किए आईईडी ब्लास्ट में 11 जवान शहीद

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जगदलपुर,।  बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले में बुधवार को फिर नक्सलियों ने जवानों से भरे वाहन को विस्फोटक से उड़ा दिया। इस हमले में डीआरजी के 11 जवान शहीद हो गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सलियों की इस करतूत की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि नक्सलियों को बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें उनके किए की सजा जरूर मिलेगी। वहीं बस्तर प्रवास पर आए छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने घटना पर दुख जताते हुए शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी है।
बुधवार को दंतेवाड़ा जिले के जंगलों में नक्सलियों के लोकेशन की सूचना मिलने के बाद डीआरजी के 11 जवान घने जंगलों में सर्चिंग पर निकले हुए थे। रास्ते में नक्सलियों ने आईईडी प्लांट कर रखा था, जिसे जवान भांप नहीं पाए और आईईडी वाले पाइंट से गुजरने के दौरान उनका वाहन चपेट में आ गया। विस्फोट के लिए भारी मात्रा में बारूद का इस्तेमाल किया गया था। विस्फोट इतना जबरदस्त रहा कि वाहन के परखच्चे उड़ गए और वाहन पर सवार ड्राइवर समेत सभी 11 जवान शहीद हो गए। सूचना मिलते ही जिला एवं संभाग मुख्यालय से अतिरिक्त फोर्स घटना स्थल की ओर रवाना कर दिए गए हैं। जंगलों में हमलावर नक्सलियों की खोजबीन शुरू कर दी गई है। इस भीषण नक्सली वारदात की खबर मिलने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि नक्सलियों को उनकी इस कायराना करतूत की सजा हर हाल में दी जाएगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को फोन कर उनसे घटना का ब्यौरा लिया और उन्हें भरोसा दिलाया कि नक्सलियों से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी।  उधर बस्तर प्रवास के सिलसिले में जगदलपुर आए भारतीय जनता पार्टी के छ्ग प्रभारी ओम माथुर ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने इस घटना को राज्य सरकार की नाकामी करार दिया है। उन्होंने कहा कि छ्ग में नक्सली टॉरगेट किलिंग कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्री चन्दन रामदास के निधन को बताया प्रदेश के लिये अपूरणीय क्षति

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट मंत्री श्री चंदन रामदास के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा मंत्रिमंडल में हमारे वरिष्ठ साथी श्री चंदन रामदास जी का निधन पूरे प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है। स्व. चन्दन रामदास ने समाज में गरीबों, शोषितों, पिछड़ों के लिए और आम आदमी की भलाई के लिए संपूर्ण जीवन कार्य किया तथा हमेशा समाज के अंतिम छोर में खड़े लोगों की आवाज को उठाने और समाधान की ओर ले जाने का कार्य किया। उनका सरल, सहज एवं मृदुभाषी व्यक्तित्व था।

मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा को सभी प्रदेशवासियों की ओर से श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिजनों एवं शुभचिंतकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।

मुख्यमंत्री गुरूवार को स्व. चंदन रामदास की अंत्येष्टी में शामिल होने बागेश्वर जायेंगे तथा स्व. चन्दन रामदास को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ उनके शोकाकुल परिजनों से भेंट कर उन्हें सांत्वना प्रदान करेंगे।

 

 

कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास का निधन, तीन दिनों का राजकीय शोक

देहरादून। उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास की तबियत अचानक बिगड़ने के बाद उनका निधन हो गया है। बागेश्वर से विधायक चंदन रामदास क्षेत्र का दौरा कर रहे थे, जब उनकी तबियत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। प्रदेश सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। ज‍बकि बुधवार को दोपहर बाद सभी सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहा।
कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास की तबीयत क्षेत्र का दौरा करने के दौरान अचानक बिगड़ गई। उन्हें तत्काल बागेश्वर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें आई.सी.यू.में रखा। इलाज के दौरान मंत्री ने दम तोड़ दिया। जिले का दौरा कर रहे प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा भी सूचने के बाद तत्काल अस्पताल पहुंचे।
बताते चलें कि चंदन रामदास का स्वास्थ्य लंबे समय से खराब चल रहा था, उन्हें लंबे समय से अस्पताल में उपचार के बाद चिकित्सकों ने छुट्टी दी थी। आज एक बार फिर से उनकी तबियत खराब हो गई। खबर के फैलते ही प्रदेश और जिले के राजनीती गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य समेत तमाम कैबिनेट मंत्रियों ने कैबिनेट मंत्री चन्दन राम दास के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

 

जन-जन के नेता थे चंदनराम दास जीः डा. धन सिंह रावत

परिवहन मंत्री के अकस्मिक निधन पर डा. रावत ने जताया दुःख

देहरादून,
कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के अकस्मिक निधन पर स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने शोक प्रकट करते हुये इसे अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि चंदन राम दास जी जन-जन के नेता थे, प्रदेश ने आज एक समर्पित जननेता को खो दिया है। सौम्य व मधुर व्यवहार के धनी चंदन राम दास जी की कमी हमेशा खलती रहेगी। डा. रावत ने उनके निधन को अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक बताते हुये, ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने एवं दुःख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिजनों एवं समर्थकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। डा. रावत ने बताया कि चंदन रामदास जी विगत वर्षों से बीमार चल रहे थे। राज्य सरकार ने उन्हें हरसंभव बेहतर उपचार उपलब्ध कराया लेकिन आज अचानक स्वास्थ्य खराब होने से उनका अकस्मिक निधन हो गया। उन्होंने बताया कि चंदनराम दास जी ने अपना राजनीतिक सफर अस्सी के दशक में बतौर छात्र नेता से शुरू किया, इसके उपरांत वह 1997 में नगर पालिका बागेश्वर में निर्दलीय पालिका अध्यक्ष बने। वह लगातार चार बार विधायक चुने गये। अपने सौम्य व्यवहार के चलते वह आम जनता के चहेते नेता थे।

बाबा केदार के कपाट खुलने के बाद आज तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट भी श्रद्धालुओं के खोल दिए जाएंगे

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देहरादून, केदारनाथ में मौसम साफ है, जिसे देखते हुए आज बुधवार को सुबह आठ बजे तक सोनप्रयाग से 4620 यात्री धाम के लिए हुए रवाना हुए। तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट भी आज पूर्वाह्न 11 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। चोपता से बाबा केदार की डोली धाम के लिए रवाना हो गई है। बता दें, केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को मंगलवार सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। कपाटोद्घाटन के शुभ अवसर पर केदारनाथ मंदिर को 35 क्विंटल फूलों से सजाया गया।

10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु कपाटोद्घाटन की पावन बेला के साक्षी बने। इस दौरान श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। केदारनाथ मंदिर में एक भक्त द्वारा एक सोने का ‘छत्र’ और एक घड़ा मंदिर में स्थापित किया गया है। कपाट खुलने के बाद धाम में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई। रावल भीमाशंकर लिंग व पुजारी शिवलिंग एवं धर्माचार्यों द्वारा पूजा-अर्चना की गई।

वहीं, गायक रूप कुमार राठौर और सुनाली राठौर की भजन प्रस्तुति दी। बता दें कि सुबह पांच बजे से ही कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ-साथ बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान होकर रावल निवास से मंदिर परिसर में पहुंची।

छात्र ने अपनी प्रेमिका को वीडियो कॉल कर उसके सामने लगाई फांसी, मौके पर हुई मौत

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देहरादून, युवती से बातचीत बंद होने से खफा बीटेक के एक छात्र ने उसे वीडियो कॉल लगाई और उसके सामने ही फांसी पर झूल गया। छात्र मूल रूप से बिहार का रहने वाला था और एक युवती से प्यार करता था। कुछ दिन पहले ही युवती ने उसे ब्लॉक कर दिया था। पुलिस ने छात्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शुभम पुत्र रविंद्र प्रताप सिंह निवासी मुजफ्फरपुर बिहार प्रेमनगर क्षेत्र के तुलाज इंस्टीट्यूट से बीटेक प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहा था। वह काफी दिनों से एक युवती से प्यार करता था। लेकिन, कुछ दिन पहले दोनों में बातचीत बंद हो गई।

इस पर युवती ने उसे ब्लॉक कर दिया। इस बात से वह काफी परेशान रहने लगा। शुभम क्षेत्र के एक हॉस्टल में अपने साथी के साथ रहता था। उसका साथी रात में खाना खाने के बाद बाहर घूमने चला गया। इसके बाद शुभम ने अपने स्टेटस पर हाथ की नस काटने की फोटो लगाई और युवती से प्यार करने की बात लिखी। युवती ने तो ब्लॉक किया हुआ था लेकिन यह स्टेटस उसकी दोस्तों ने देख लिया। यह बात उन्होंने इस युवती को बताई तो उसने अनब्लॉक किया और शुभम को फोन लगाया। युवती ने शुभम से इस तरह की हरकत न करने को कहा। युवती ने कहा कि इस तरह से तुम उसे ब्लैकमेल कर रहे हो।

इस बात पर शुभम और भी ज्यादा गुस्सा हो गया। उसने शायद पहले से ही तैयारी की हुई थी। उसने पास में रखी एक रस्सी ली और पंखे से बांधकर फांसी लगा ली। घबराई युवती ने उसके साथी को फोन किया। साथी जब तक पहुंचता तब तक वह फंदे पर लटक गया।
अन्य साथियों ने पुलिस को फोन किया और दरवाजा तोड़कर शुभम के शव को फंदे से उतारकर ग्राफिक ऐरा अस्पताल पहुंचाया। लेकिन, यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। एसओ प्रेमनगर पीडी भट्ट ने बताया कि इस मामले में उसके साथियों से पूछताछ की गई है। शुभम के परिजनों को सूचना दे दी गई है। उसके पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। मामले में जांच की जा रही है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस विभाग की आवाज़ बने छात्र, देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में आयोजित हुआ कार्यक्रम

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वाद विवाद में तूलिका प्रथम, प्रतीक दूसरे और अम्बुज तीसरे स्थान पर रहे

देहरादून, देश में भ्रष्टाचार के उन्मूलन और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण हेतु विजिलेंस विभाग उत्तराखंड के सहयोग से देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने वाद विवाद प्रतियोगिता के ज़रिये भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज़ बुलंद की|
देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर विजिलेंस विभाग उत्तराखंड के पुलिस अधीक्षक धीरेन्द्र गुंज्याल उपस्थित रहे| इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त भारत में पुलिस और समाज के बीच समन्वय पर प्रकाश डाला| उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को जड़ से तभी ख़त्म किया जा सकता है जब समाज का प्रत्येक व्यक्ति जागरूक हो और किसी भी स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज़ उठाये और पुलिस सतर्कता विभाग तक इसकी शिकायत पहुंचाए| पूरे समाज को अपनी ज़िम्मेदारी समझनी होगी तभी भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण किया जा सकता है| भ्रष्टाचार के उन्मूलन में पुलिस सतर्कता विभाग पूर्ण रूप से समाज के हितों के साथ खड़ा है | इस दौरान उन्होंने आम नागरिकों से 1064 नंबर डायल कर भ्रष्टाचार की शिकायत करने की अपील की| कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म एंड लिबरल आर्ट्स की ओर से ‘भ्रष्टाचार मुक्त भारत’ विषय पर एक वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने भारत को विश्व गुरु बनाने में भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण पर ज़ोर दिया और एक स्वस्थ समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने की शपथ ली|इस दौरान गुंज्याल ने वाद-विवाद के प्रतियोगियों को सम्मानित किया| विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रोफ़ेसर डॉ. आरके त्रिपाठी ने कहा कि कार्य प्रणाली के डिजिटलाइज़ होने से भ्रष्टाचार पर काफी हद तक लगाम लगी है| लेकिन इसे जड़ से समाप्त करने के लिए समाज, शासन, प्रशासन सभी को मिलकर कार्य करना होगा| कार्यक्रम में डीन एकेडेमिक्स अफेयर्स डॉ. संदीप शर्मा, मुख्य संपर्क अधिकारी बीके कौल, प्रोफ़ेसर संजीव मायरा, प्रोफ़ेसर दीपा आर्या सहित विभिन्न स्कूल्स के डीन और छात्र उपस्थित थे|