Sunday, June 8, 2025
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केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दो टूक, एक देश में नहीं चलेंगे दो विधान, दो प्रधान और दो निशान

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जम्मू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय राज्य मंत्री (पीएमओ) डॉ. जितेंद्र सिंह, वरिष्ठ नागरिक, पुलिस और अर्धसैनिक अधिकारियों सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने जम्मू हवाई अड्डे पर गृह मंत्री का स्वागत किया। अमित शाह ने सबसे पहले शहर के भाजपा मुख्यालय में जाकर आरएसएस विचारक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि दी। भगवती नगर जेडीए मैदान में बीजेपी की जनसभा में केंद्र सरकार की उपलब्धियां बताते हुए शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक नागरिक को 5 लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में नया कश्मीर बन रहा है। उन्होंने कहा कि आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का ‘बलिदान दिवस’ है। पूरा देश जानता है कि उन्हीं की वजह से बंगाल आज भारत के साथ है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 का विरोध किया। उन्होंने कहा था कि “एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे।”

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, “कांग्रेस 12 लाख करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार में शामिल थी। जबकि, मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के एक भी मामले का आरोप नहीं लगाया जा सकता।” बता दें कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी 1948 में जम्मू-कश्मीर में लागू परमिट कानूनों की अवहेलना करने वाले पहले भारतीय नेता थे, जब उन्हें ‘एक विधान, एक प्रधान, एक निशान’ आंदोलन के लिए गिरफ्तार किया गया था। 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 निरस्त होने से पहले जम्मू-कश्मीर का अपना संविधान और झंडा था। शाह शुक्रवार को जम्मू के भगवती नगर इलाके में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे। वह अपने जम्मू दौरे के दौरान कई विकासात्मक परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और कुछ की आधारशिला भी रखेंगे। उनकी जम्मू शहर के बाहरी इलाके में स्थित श्री तिरूपति बालाजी मंदिर जाने की संभावना है। बता दें कि अमित शाह श्रीनगर के लिए उड़ान भरेंगे, जहां वह वितस्ता उत्सव में भाग लेंगे और एक जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। वहीं, शनिवार को वह श्रीनगर के ऐतिहासिक सिटी सेंटर लाल चौक से सटे प्रताप पार्क में ‘बलिदान स्तंभ’ की नींव रखेंगे।

 

राज्यों के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट

देहरादून, उत्तराखंड में भयंकर गर्मी से अभी राहत मिलने वाली है और इस हफ्ते मौसम का मिजाज बिगड़ा रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने 23 से 26 जून तक राज्य के जनपदों में भारी बारिश की चेतावनी जारी करते हुए ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी किया है। इस दौरान विशेष एहतियात बरतने की सलाह भी दी है। राज्य के 6 जनपदों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार 23 जून को राज्य के उत्तरकाशी, देहरादून, टिहरी, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा उधम सिंह नगर, पौड़ी, चंपावत, बागेश्वर और हरिद्वार जिले में भी कहीं-कहीं गरज चमक के साथ तेज बारिश की संभावना है जिसको लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। स्थानों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार झोकेंदार हवाएं चलने की भी मौसम विभाग ने संभावना जताई है। मौसम विज्ञान केंद्र ने राज्य में 24 जून से 26 जून तक 72 घंटे भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।

रेड अलर्ट के मुताबिक राज्य के जनपदों में कहीं-कहीं गरज चमक के साथ बिजली चमकने, बहुत तीव्र से अत्यधिक तीव्र बौछार और 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। इसके अलावा राज्य के जनपदों में 3 दिन कहीं कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना भी जताई है। वहीं, शुक्रवार की सुबह उत्तर भारत में बारिश हुई, जिससे भीषण गर्मी से राहत मिली। पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में बारिश हुई जिससे भीषण गर्मी से राहत मिली और तापमान में भी कुछ डिग्री की गिरावट आई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, पंजाब में जुलाई के पहले हफ्ते में मानसून आने की संभावना है। आईएमडी ने अपेक्षित प्रभाव और अनुशंसित कार्रवाई के साथ उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में भारी वर्षा की चेतावनी भी जारी की। आईएमडी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मौसम अपडेट वीडियो पोस्ट किया।

पहाड़ के छोटे से गांव पसालत की रहने वाली दादी मां प्रभा देवी पर्यावरण प्रहरी की बनी मिसाल, संवाद कार्यक्रम में हुई सम्मानित

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देहरादून, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के गुप्तकाशी के निकट के छोटे से गांव पसालत की रहने वाली दादी मां प्रभा देवी पर्यावरण प्रहरी की वह मिसाल हैं, जिन्हें अभी तक वह सम्मान नहीं मिल पाया, जिसकी वह हकदार हैं। सादा और संतत्व जीवन जीने वाली प्रभा देवी ने एक बंजर भूमि को हरे-भरे जंगल में तब्दील कर दिया है। उन्हें अपना जन्मदिन या जन्म का साल याद नहीं है, लेकिन वह अपने जंगल के हर पेड़-पौधे को अच्छी तरह पहचानती हैं। उम्र के 82 बसंत पार चुकीं प्रभा देवी सेमवाल मंच पर सम्मान लेने पहुंचीं तो उनकी आंखें डबडबा गईं। बहुत कुछ कहना चाहती थीं, लेकिन शब्द जैसे गले में अटक गए। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनकी इन भावनाओं के ज्वार-भाटे को गले लगाकर शांत किया। तालियों की गड़गड़ाहट ने प्रभा के काम और उनके संतत्व को तब तक सम्मान दिया, जब तक वह मंच पर रहीं।

पिछले 50 सालों से वह जंगलों को सहेजने में जुटी हैं। दशकों की मेहनत के बाद आज उनके पास अपना खुद का जंगल है। प्रभा देवी के जंगल में इमारती लकड़ी से लेकर रीठा, बांझ, बुरांस और दालचीनी के पेड़ हैं। प्रभा देवी के तीन बेटे और तीन बेटियां परिवार के साथ अलग-अलग स्थानों पर रहते हैं। वह मां को अपने साथ ले जाना चाहते हैं, लेकिन प्रभा अपने उन बच्चों (पेड़-पौधों) को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है, जिन्हें उन्होंने खुद के बच्चों की तरह पाला है। अमर उजाला ने अपने संवाद कार्यक्रम में प्रभा देवी के इस काम के लिए उन्हें सम्मानित किया।

पूरे कार्यक्रम के दौरान प्रभा देवी किसी बच्चे की तरह संकुचाई सी बैठी रहीं। जब उन्हें मंच पर सम्मान लेने के लिए आमंत्रित किया गया, वह भावुक हो गईं। बहुत आदर से उन्होंने मंच का प्रणाम किया और अपने बोली-भाषा में तालियों की गड़गड़ाहट के साथ हॉल में उपस्थित हर अतिथि का इस्तकबाल किया। यह एक बेहद भावुक क्षण था, जिसने हर किसी का दिल जीत लिया ।

परम्परागत भोजन ‘गढ़ भोज’ को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए द्वारिका को मिला सम्मान

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देहरादून, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विगत दो दशक से अधिक समय से उत्तराखण्ड के परम्परागत भोजन को ‘गढ़ भोज’ के नाम से देश भर में प्रचारित प्रसारित कर थाली व आर्थिकी का जरिया बनाने के कार्य के लिए द्वारिका प्रसाद सेमवाल को मुख्यमंत्री आवास में एक कार्यक्रम में प्रशस्ति पत्र एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य बनने के साथ ही द्वारिका प्रसाद सेमवाल उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन की अगुवाई करने वाले नारे कोदा झगोंरा खायेंगे उत्तराखण्ड बनायेंगे को साकार करने के काम में लग गए थे। आज उत्तराखण्ड का भोजन की चर्चा चारों तरफ है। किसी भी काम के लिए अगर मन बना लिया जाये तो संसाधन खुद ही जुट जाते हैं। श्री सेमवाल के द्वारा भोजन को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए चलाए गया ‘गढ़ भोज अभियान’ एक भगीरथ प्रयास है। इनके द्वारा अनेकों नवाचारी काम किए जा रहे है बीज बम अभियान आज देश का अभियान बन चुका है वहीं जल संरक्षण के लिए चलाए जा रहे ‘कल के लिए जल अभियान’ ने जल संरक्षण को एक नई दिशा दी है। वर्तमान समय में पानी को बचाना भी चुनौती पूर्ण काम है पानी बचाने को लेकर किए जा रहे कार्य के लिए आप आने वाले समय में राज्य के ब्रांड एंबेसडर है।

मुख्यमंत्री जी ने अभियानों के लिए हर संभव सहयोग देने की बात कही साथ द्वारिका प्रसाद सेमवाल के कार्यों पर केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर एवं पर्वतीय शोध केंद्र द्वारा लिखी पत्रिका ‘गढ़ भोज अभियान एवं कल के लिए जल अभियान’ का विमोचन किया।
गढ़ भोज अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने सम्मान के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया । वर्ष 2000 से शुरू किया गढ़ भोज अभियान ने कई उतार चढाव देखे लेकिन निरन्तर प्रयास से आज अपने मुकाम पर पहुंचा। सरकार को गढ़ भोज को मिड डे मील योजना में शामिल करने के लिए आभार। गढ़ भोज को आर्थिकी से जोड़ने के लिएसात सुझावों वका पत्र भी सौंपा, जिसमें देहरादून सहित पूरे राज्य में गड़भोज परोसने के लिए मुख्य चौराहों पर स्थान आरक्षित किए जाए जहां पर पहाड़ के नौजवान स्थानीय भोजन बन के बेच सके।
सरकारी कार्यक्रम में आवश्यक रूप से गढ़ भोज परोसा जाए आदि की मांग की गई।

कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. मोहन सिंह रावत गांव वासी, प्रो जे पी पचोरी, डॉ. अरविंद दरमोड़ा, चैतराम सेमवाल, प्रो. यतीश वशिष्ठ, एस पी चमोली रिटायर्ड डीआईजी, विकास पंत, गंगा बहुगुणा, संदीप रौथान, प्रेम पंचोली, उद्योगपति एचडी शर्मा, आदि मौजूद रहे।

केंद्रीय विद्यालय संगठन की 52वीं संभागीय खेल-कूद प्रतियोगिता का रंगारंग उद्घाटन संपन्न

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देहरादून, केंद्रीय विद्यालय संगठन की 52 वी क्षेत्रीय खेलकूद प्रतियोगिता का आज उत्तराखंड के विभिन्न केंद्रीय विद्यालयों में शुभारंभ हुआ !
तीन दिन तकचलने वाली इस खेलकूद प्रतियोगिता में विभिन्न केंद्रीय विद्यालय के लगभग 2000 प्रतिभागी भाग ले रहे है ! क्षेत्रीय खेलकूद प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर खिलाड़ियों को आशीर्वाद देते हुए खेलभावना के साथ इस प्रतियोगिता में भाग लेने का उन्होंने आह्वान उपायुक्त डॉ सुकृति रेवानी ने किया ! उन्होंने कहा इन खेलों के माध्यम से बच्चों के स्वास्थ्य का विकास होता है एवं उन्हें जीत हार के साथ संघर्ष करने की प्रेणा मिलती है !
बीरपुर में आयोजित उद्दघाटन समारोह की शुरुआत स्वागत नृत्य के साथ हुई ,तत्पश्चात विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती बसंती खम्पा द्वारा सभी अतिथियों एवं बाहर से आए छात्रों का स्वागत किया , क्षेत्रीय प्रतियोगिता की संक्षिप्त रूपरेखा श्री डी. एम. लखेड़ा द्वारा रखी गई ! मुख्य अतिथि मनीष मैठाणी अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाडी, ने सभी खिलाड़ियों को अपने आशीर्वचन दिये और खेलों में बुलंदियों को प्राप्त करने के गुरुमंत्र खिलाड़ियों को दिए !उन्होंने बच्चों को कहा निरन्तर अनुशाषित खेल प्रशिक्षण के माध्यम से आप खेलों में अच्छा प्रदर्शन कर सकते है ! उन्होंने कहा जहाँ जीत हमें आगे बढ़ाती है वहीं हार सीखने के अवसर प्रदान करती है !
बीरपुर में आज खेले गये फुटबॉल के मुकाबलो में केंद्रीय विद्यालय बीरपुर और रायवाला के बीच मुकाबला ड्रा रहा दोनों ही टीमों की ओर से हसीन एवं अशरफ ने गोल किये , दूसरे मुकाबले में अपेरकैम्प ने आईएमए को आयुष रावत के गोल को बदौलत हराकर पूरे अंक प्राप्त किये , तीसरे लीग मुकाबले में आईएमए ने अपनी हार से सबक लेते हुए रायवाला को चार शून्य से पराजित किया , आईएमए की ओर से आदित्य सिंह ने दो एवं कृष्णा यादव व आदित्य नेगी ने एक एक गोल मारा !
प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर विद्यालय की प्राचार्या बसंती खम्पा, खेल प्रभारी डी एम लखेड़ा , नबील अहमद , प्रमोद कुमार , मुख्य अध्यापिका आरती उनियाल, गूँजन श्रीवास्तव , विनय कुमार, कादिर राना , सीमा श्रीवास्तव, वंदना धस्माना आदि शिक्षक साथी उपस्थित थे !

पिन रिसेट करने का झांसा दे ट्रांसफर कर लिए 91 हजार

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देहरादून। क्रेडिट कार्ड पिन रिसेट करने का झांसा देकर साइबर ठगों ने एक व्यक्ति को 91 हजार रुपये का चूना लगा दिया। साइबर ठगी को लेकर नोकमातोगबा निवासी शंकर टॉवर, ओएनजीसी नॉर्थ कॉलोनी, कौलागढ़ ने तहरीर दी। कहा कि बीते 28 मई को अपने परिवार संग दिल्ली से दिमापुर के लिए हवाई यात्रा के लिए गए। दिल्ली एयरपोर्ट पर लाउंड पर पीड़ित ने हाल में लिया क्रेडिट कार्ड एक्सेस करने की कोशिश की। इस दौरान पिन सही न होने के चलते एक्सेस नहीं हो पाया। पीड़ित को अगले दिन एक कॉल आया। कॉल पर लड़की ने बात की। उसने आईसीआईसीआई बैंक केडिट कार्ड विभाग से जुड़ा बताया। पीड़ित का कार्ड भी इसी बैंक का था। उसने मदद का झांसा देकर पीड़ित से ओटीपी पूछा। इसके बाद कार्ड से 91,674 रुपये ट्रांसफर कर लिए। इंस्पेक्टर कैंट सम्पूर्णानंद गैरोला ने बताया कि तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

शिक्षक को निलंबित किया

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पौड़ी। थलीसैंण ब्लाक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक को उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करना भारी पड़ गया है। जिला शिक्षाधिकारी प्रारंभिक शिक्षा ने बार-बार विभागीय नियमों की अवहेलना करने व छात्र हितों की अनदेखी करने के आरोप में शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है। शिक्षक को उपशिक्षाधिकारी थलीसैंण के कार्यालय में संबंद्ध किया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी थलीसैंण विवेक पंवार ने बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय जखोला के शिक्षक संजय कुमार को स्कूल में अध्यनरत छात्र-छात्राओं के अधिगम के लिए प्रयास न करने, बिना अनुमति के स्कूल से गायब रहने व बाद में अनुपस्थित अवधि का मेडिकल प्रस्तुत करने, बिना अनुमति के स्कूल में कार्यभार ग्रहण करने, चेतावनी के बाबजूद भी एफएलएन प्रशिक्षण में अभ्रदता करने, उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने, आरटीई अधिनियम 2009 का उल्लंघन करने, कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन करने के आरोप में निलंबित करते हुए उप शिक्षाधिकारी थलीसैंण कार्यालय में संबंद्ध कर दिया गया है।

देवप्रयाग स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में वेद शास्त्र अनुसंधान का सीएम धामी ने किया वर्चुअल शुभारम्भ

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देवप्रयाग (टिहरी), मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय से वर्चुअल माध्यम से देवप्रयाग स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में स्वामी करपात्री जी महाराज के स्मृति में वेद शास्त्र अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह देवभूमि के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि है कि संस्कृत के क्षेत्र में श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर बहुत कम समय में बड़ा नाम बन गया है। यह परिसर केंद्र सरकार की उत्तराखण्ड को बड़ी सौगात है। देव वाणी संस्कृत के प्रचार और प्रसार के लिए ऐसे विश्व विद्यालय महत्वपूर्ण हैं। आशा है क़ि यहां अध्ययन करने वाले छात्र स्वामी करपात्री जी महाराज की तरह ही दृढ़संकल्पी, एवं त्यागी बनेंगे । युवाओं को स्वामी करपात्री जी महाराज से त्याग, संकल्पबद्धता और धर्म रक्षा की प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि हम चाहते हैं कि प्राचीन ज्ञान के क्षेत्र में प्रसिद्ध उत्तराखण्ड की आध्यात्मिक भूमि अपने वैभव को पुनः प्राप्त करे और हमारी संस्कृति और संस्कृत का प्रचार प्रसार हो। इसके लिए यह विश्वविद्यालय उत्तराखंड ही नहीं वरन देश की महत्त्वपूर्ण धरोहर है। पहले उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों के बच्चों को संस्कृत की उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए वाराणसी, जयपुर, केरल, हरिद्वार इत्यादि जैसे शहरों में जाना पड़ता था, इससे उनका समय और धन बहुत व्यय होता था। इस परिसर के खुलने से यह समस्या हमेशा के लिए दूर हो गयी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का इस परिसर पर विशेष फोकस है। प्रधानमंत्री कार्यालय लगातार इस परिसर के निर्माण और विकास कार्यों की निगरानी करता है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के संस्कृत और उत्तराखंड के प्रति प्रेम का सबसे बड़ा उदाहरण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि संस्कृत के माध्यम से रोजगार भी मिले। उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही वेदभूमि भी है। भारत ने विश्वभर में वेदों का ज्ञान दिया, इसी कारण हम विश्वगुरु कहलाये। वेद हमारी पहचान हैं। इस पहचान को हम तभी कायम रख पाएंगे जब संस्कृत का प्रचार और प्रसार पूरे भारत वर्ष में होगा। हम उत्तराखंड की शिक्षा में संस्कृत का समावेश करना चाहते हैं। संस्कृत का संरक्षण और प्रचार-प्रसार तभी हो सकता है, जब उसे रोजगार से जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि हम संस्कृत को जानेंगे तो अपनी संस्कृति को भी जान पाएंगे और अपनी संस्कृति को प्रेम करने तथा अपनाने वाला व्यक्ति ही जीवन में प्रगति कर पाता है। सरकार उत्तराखंड की संस्कृति के साथ साथ देववाणी संस्कृति के प्रचार और प्रसार के लिए “विकल्प रहित संकल्प“ के साथ निरंतर कार्य करती रहेगी।

इस अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर विधायक श्री विनोद कंडारी, स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी , युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह , केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वाराखेड़ी , परिसर के निदेशक डा. पीवीबी सुब्रह्मण्यम एव अन्य गणमान्य उपस्थित थे

 

जागरुकता से होगा समय पर इलाज : महिलाओं में बढ़ रही मूत्र रोग संबन्धी समस्याएं

ॠषिकेश, महिलाओं में मूत्र रोग से संबंधी विभिन्न समस्याओं पर जन जागरूकता लाने के उद्देश्य से एम्स में कार्यशाला का आयोजन किया गया। यूरोलाॅजी विभाग तथा टेलिमेडिसिन सोसाईटी ऑफ इंडिया उत्तराखंड स्टेट चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में महिलाओं ने मूत्र रोग से संबंधित विभिन्न समस्याओं पर खुलकर चर्चा की और यूरीन संबन्धी समस्याओं से बचने के लिए समय पर इलाज शुरू करने की सलाह दी।

इस कार्यक्रम में मोटिवेटर के तौर पर अधिकांशतः वह महिलाएं शामिल थीं, जिन्हें पूर्व में मूत्र रोग से संबन्धित विभिन्न समस्याएं रही हैं और इलाज कराने के बाद अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। कार्यक्रम के पहले सत्र में मूत्र रोगों के प्रति महिलाओं का दृष्टिकोण, बीमारी के प्रति जागरूकता और उसके इलाज के बारे में विस्तार से समझाया गया। दूसरे सत्र में इलाज के बाद स्वस्थ हो चुकी महिलाओं द्वारा मूत्र रोग से ग्रसित अन्य महिलाओं को बीमारी के लक्षणों को पहचानने और ऐसी महिलाओं को सही समय पर इलाज करने को लेकर प्रेरित किया गया। काशीपुर की परमिन्दर कौर, बिजनौर के धर्मपुरा गांव की सुमन देवी, बिजनौर की ही सरिता देवी, सहारनपुर की प्रियंका, रूद्रपुर की डाॅ. पूजा जौहरी, नेशनल चिल्ड्रन एजुकेशन गुमानीवाला, ऋषिकेश की प्रधानाचार्य गीता त्रिपाठी, मुजफ्फरनगर की पुष्पा देवी और बिजनौर की लक्ष्मी देवी आदि महिलाओं ने पेशाब से संबंधी अपनी समस्याओं और इलाज के बाद मिले स्वास्थ्य लाभ के बारे में विस्तारपूर्वक अपने अनुभव साझा किए। इन महिलाओं ने बताया कि पेशाब से संबन्धित किसी भी समस्या का पता चलने पर समय रहते इलाज करा लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि यूरोलाॅजिस्ट डाॅक्टर से बीमारी से संबन्धित बात करते समय किसी भी प्रकार की झिझक नहीं करें और यूरीन संबन्धी सभी बीमारियों का एम्स ऋषिकेश में इलाज संभव है। उनका कहना था कि इस प्रकार के मामलों में पहले एक्सरसाईज और फिर आवश्यकता पड़ने पर दवा या सर्जरी की तकनीक अपनाई जाती है।

तीसरे सत्र में ओपन हाउस के माध्यम से उल्लिखित विषय पर खुली चर्चा की गई। यूरोलाॅजी विभाग की एसआर डाॅ. सुरभि अग्रवाल ने प्रोजेक्टर द्वारा महिलाओं को यूरीन संबन्धी विभिन्न बीमारियों और उनके इलाज के बारे में बताया। इस दौरान महिलाओं ने यूरोलाॅजी विभाग के चिकित्सा विशेषज्ञों केे सम्मुख अपनी समस्याओं को रखा और सवाल-जबाव के माध्यम से आवश्यक जानकारी प्राप्त की।

इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए संस्थान की कार्यकारी निदेशक और टेलिमेडिसिन सोसाईटी ऑफ इन्डिया, उत्तराखण्ड चैप्टर की अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने कहा कि बीमारियों को छिपाने से बीमारी जटिल होने लगती है और विलम्ब होने पर इलाज में कठिनाई पैदा होती है। समय पर इलाज शुरू नहीं करने पर इसका असर मरीज के स्वास्थ्य पर पड़़ता है। इसलिए जरूरी है कि यूरीन से संबंधी बीमारियों के प्रति प्रत्येक महिला जागरूक रहे। उन्होंने कहा कि यह दौर जागरूकता का दौर है और प्रत्येक महिला को झिझक त्यागकर यूरोलाॅजिस्ट से यूरीन संबन्धी अपनी परेशानी साझा करनी चाहिए। प्रोफेसर (डाॅ. ) मीनू सिंह ने कहा कि महिलाओं को चाहिए कि वह अपने यूरोलाॅजिस्ट के सम्मुख बीमारी के बावत खुलकर बात करें और समाज की अन्य महिलाओं को भी इस मामले में जागरूक करें।

कार्यक्रम को प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक और जेरेटिक विभाग की हेड प्रो. मीनाक्षी धर, टीएसआई के राष्ट्रीय सचिव मूर्थि रेमिला और आयोजन समिति के अध्यक्ष व एम्स के यूरोलाॅजिस्ट प्रो. ए.के. मंडल आदि ने भी संबोधित किया। राष्ट्रीय हेल्थ मिशन के सहयोग से डिजिटिल व ऑनलाइन माध्यम सहित कार्यक्रम में 150 से अधिक महिलाओं ने प्रतिभाग किया।

आयोजन सचिव और एम्स यूरोलाॅजी विभागाध्यक्ष डाॅ. अंकुर मित्तल ने बताया कि महिलाओं में यूरीन संबन्धी एक ही बीमारी के कई स्वरूप हो सकते हैं। लेकिन बीमारी के स्वरूप के अनुसार प्रत्येक मरीज के लिए इलाज व सर्जरी के तरीके अलग-अलग होते हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं को चाहिए कि वह यूरीन संबन्धी किसी भी प्रकार की समस्या के लिए प्रत्येक मंगलवार को फीमेल पेल्विक मेडिसिन क्लीनिक एम्स के यूरोलाॅजी विभाग की ओपीडी में संपर्क करें। कार्यक्रम के दौरान रियल हीरो के रूप में यूरीन संबन्धी समस्याओं और उनके निदान के बारे में अपने अनुभव साझा करने वाली 8 महिलाओं को संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह द्वारा सम्मानित भी किया गया।

कार्यक्रम में यूरोलाॅजी विभाग के डाॅ.विकास पंवार, डाॅ. पीयूष गुप्ता सहित विभाग के एस.आर. व जे.आर. के अलावा विभिन्न क्षेत्रों से पहुंची महिलाएं भी शामिल थीं।

महिलाओं की यूरीन संबंधी प्रमुख समस्याएं :

एम्स के यूरोलाॅजिस्ट डाॅ. अंकुर मित्तल ने बताया कि खांसी करते समय या उठते -बैठते समय पेशाब का निकल जाना (एसयूआई), पेशाब में बार-बार संक्रमण होना (रिक्रेंट यूटीआई), बच्चेदानी के रास्ते शरीर का बाहर आना (वाॅल्ट प्रोलेप्स), पेशाब को नियंत्रित नहीं कर पाना और बार-बार पेशाब करने जाना (ओवर एक्टिव ब्लेडर) तथा प्रत्येक समय बच्चेदानी के रास्ते पेशाब का निकलते रहना (वीवीएफ) जैसी समस्याएं महिलाओं की यूरीन संबन्धी प्रमुख समस्याएं हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी बीमारियों का एम्स के यूरोलाॅजी विभाग में आधुनिक मेडिकल तकनीक आधारित बेहतर इलाज संभव है।

 

देवदूत बनकर आए रमेश अरोड़ा बचाई बच्चे की जान

ॠषिकेश, जी 20 समिट के कारण त्रिवेणी घाट पर निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं जिस कारण से दत्तात्रेय घाट पर गंगा बंद कर रखी है तथा गंगा स्नान करने आने वाले लोगों को दत्तात्रेय घाट पर ही स्नान करना पड़ रहा है जहां गंगा नदी गहरी तथा बेग के साथ बहती है जिस कारण से स्नानार्थियों को पता नहीं चल पाता कि गहराई कितनी है।
आज दत्तात्रेय घाट पर बाहर से आए हुए परिवार का बच्चा गंगा की तेज धार में फस कर बहने लगा तथा मदद के लिए अपने परिजनों से अग्राह्य करने लगा बच्चे के पिता ने प्रयास किया लेकिन तेज जलधारा में उनकी हिम्मत जवाब दे गई ऐसे में देवदूत बनकर आए सोमेश्वर महादेव एवं मां गंगा मैया के अनन्य भक्त श्री रमेश अरोड़ा जो प्रतिदिन की भांति मां गंगा मैया की आराधना कर रहे थे बच्चे की मदद आवाज सुनाई उनको सुनाई दी तो उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना गंगा में छलांग लगा दी तथा बच्चे को सकुशल उनके परिजनों को सौंप दिया।
रमेश अरोड़ा के इस अदम्य साहस की तारीफ हर किसी ने की।

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने अपने विधानसभा क्षेत्र को सड़क, होम-स्टे सहित करोड़ों की योजनाओं की दी सौगात

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पौखडा (पौडी), चौबट्टाखाल विधायक और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने अपने विधानसभा क्षेत्र भ्रमण के दौरान 468.35 लाख की धनराशि की अनेक योजनाओं की सौगात दी।

चौबट्टाखाल विधायक और प्रदेश के मंत्री सतपाल महाराज ने गुरुवार को अपने विधानसभा क्षेत्र भ्रमण के दौरान विकासखण्ड पोखड़ा को राज्य योजना के अंतर्गत 261.88, लाख की धनराशि की जूनीसेर-बांसई मोटर मार्ग के डामरीकरण और सतपुली में 199.47 लाख की धनराशि से बने होम स्टे, फिशरीज सेंटर और विकासखण्ड एकेश्वर के अंतर्गत चयनित ग्राम पंचायतों मासौ मुसेटा, पबोली, सासौं, पुसोली, मुड़ियाप, डियूल्ड, अंसारी थापला, बग्याली, कुलासू, ईडा, रणस्वा, पांथर, बडेथ और इसौटी के ग्राम प्रधानों को कुल 70 लाख की लागत के कंप्यूटर का वितरण किया।

सतपाल महाराज ने कहा कि 1 वर्ष के अंतराल में क्षेत्र में 78 करोड़ 90 लाख की लागत से 67 किलोमीटर मोटर मार्ग का निर्माण किया गया है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सिंचाई विभाग के द्वारा बाढ़ सुरक्षा और अन्य कार्यों हेतु 19 करोड़ 81 लाख रुपए से भी अधिक की स्वीकृति दी गई। विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2022-23 में 58 पंचायत घरों की स्वीकृति दी गई। पर्यटन विभाग के अन्तर्गत पर्यटन आवास गृहों हेतु 10 करोड़ 47 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई।
उन्होने बताया कि पम्पिंग पेयजल योजनाओं के निर्माण के लिए 01 अरब 60 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये। ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 674 महिला स्वयं सहायता समूहों को 66 लाख 30 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई। क्षेत्र के विकास के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं अन्य कई प्रकार की पर कार्य चल रहा है।

क्षेत्रीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री श्री महाराज ने भ्रमण के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 121 स्यूंसी-बीरोंखाल के बीच निर्माणाधीन कार्यों, कुण्जखाल में बरसुण्ड पम्पिंग पेयजल योजना की प्रगति की जानकारी लेने के साथ-साथ सतपुली नगर में निर्माणाधीन बहुमंजिला शॉपिग कॉम्पलैक्स एवं कार पार्किग का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कोटा महादेव मंदिर में आयोजित महोत्सव के समापन समारोह में भी प्रतिभाग किया।

लोकार्पण के साथ-साथ कोटा महादेव महोत्सव के समापन के दौरान प्रेम सिंह रावत, पुष्कर जोशी, विवेक सजवाण, भाजपा मंडल अध्यक्ष ओमपाल, मुकेश पोखरियाल, ध्यान पाल गुसाईं, प्रेम सिंह नेगी, यशपाल गोरला, बलवंत सिंह, दर्शन सिंह रिगोड़ा, राजेंद्र सिंह, सत्येंद्र ढौडियाल और यशवंत सिंह आदि उपस्थित थे।

 

धर्मस्व मंत्री बोले आस्था के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं, जांच के बाद होगी कार्यवाही

चारधाम तीर्थों को विवाद में डालना ठीक नहीं : महाराज

देहरादून, प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह की दीवारों पर सोने की प्लेट को लेकर उठे विवाद को देखते हुए सचिव धर्मस्व को उच्च स्तरीय जांच के आदेश देने के साथ ही इस मामले को अनावश्यक तूल देकर चारधाम के तीर्थों को विवाद में न डालने की बात कही है।

केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह की दीवारों पर सोने की प्लेट को लेकर उठे विवाद को देखते हुए पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने धर्मस्व सचिव हरीश चंद्र सेमवाल को मामले की
उच्च स्तरीय जांच के आदेश देने के साथ-साथ कहा है कि केदारनाथ धाम की धार्मिक आस्था, पवित्रता और महत्ता के साथ खिलवाड़ करने वाले को किसी भी सूरत में बक्सा नहीं जाएगा और शीघ्र ही सच्चाई सबके सामने आएगी, जो कुछ भी भी जांच में आएगा उसके आधार पर ही आगे कार्रवाई की जाएगी।

श्री महाराज ने कहा कि प्रथम दृष्टिया आरोपों को सही नहीं कहा जा सकता। क्योंकि जिस श्रद्धालु ने केदारनाथ मंदिर में सोना और तांबा दान किया है, उसी ने वहाँ पूरा काम भी कराया है। इसलिए किसी प्रकार के गबन या भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं है। चूंकि अफवाहें फैलाई जा रही हैं और कुछ लोग सुव्यवस्थित व निर्बाध गति से चल रही चारधाम यात्रा को बदनाम कर बाधित करना चाहते हैं जबकि विपक्ष भी इस मामले को अनावश्यक तूल देने का प्रयास कर राजनीतिक रोटियां सेंक रहा है। इसलिए मैंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं ताकि सच सामने लाया जाए और दोषियों को सजा दी जा सके |

दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में तीन दिवसीय माउंटेन फिल्म फेस्टिवल का आयोजन

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देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में दिनांक 23-25 जून तक अपराह्न 2ः30 से 6ः30 बजे तक तीन दिवसीय माउंटेन फिल्म फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है। दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र और डॉ. द्विजेन सेन मेमोरियल कला केंद्र व सिनेमामार्ग फिल्म क्लब देहरादून की ओर से यह फेस्टिवल संयुक्त रुप से आयोजित किया जा रहा है।
उत्तराखंड में फीचर फिल्मों को दिखाने का यह अपनी तरह का पहला फेस्टिवल है। इस फेस्टिवल में भारत और बाहर के देशों के पर्वतीय परिवेश पर बनी फीचर फिल्मों, वृत्तचित्रों और एनिमेशन शॉर्ट्स को प्रदर्शित किया जायेगा। फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित की जाने वाली सभी फिल्मों का प्रवेश निशुल्क रखा गया है।

प्रथम दिवस में फिल्म निर्देशक यूसुफ सईद द्वारा उत्सव में दर्शकों का स्वागत और परिचय उसके पश्चात अपराह्न 2.30 बजे फिल्म ‘दायें या या बायें‘, निर्देशक बेला नेगी, जो रमेश मजीला के जीवन के बारे में एक नाटक फिल्म है। वह दूरदराज के एक पहाड़ी गांव में स्कूली शिक्षक है। उसने एक लक्जरी कार जीती होती है जो उसे एक अप्रत्याशित यात्रा पर ले जाती है। शाम 5ः00 बजे ‘केसर सागा‘, निर्देशक, इफ्फत फातिमा, केसर सागा दरअसल लद्दाख के हिमालयी क्षेत्र में केसर नाम से प्राचीन तिब्बती कहानी कहने की एक परंपरा के बारे में है।
द्वितीय दिवस में ‘पिन्टी का साबुन‘, निर्देशक, प्रमोद पाठक, पिंटी का साबुन इसी नाम के उपन्यास पर आधारित, उत्तराखंड के एक गाँव में रहने वाले एक 12 साल के लापरवाह लड़के ललित की कहानी है, जिसने कभी साबुन नहीं देखा। वहीं अपराह्न 3ः50 बजे ‘सम थिंग‘,निर्देशक, ऐलेना वाॅल्फ (जर्मनी), यह एक एनिमेटेड लघु फिल्म है जो तीन विशाल बड़े पहाड़ों के बारे में है जहां तेल, सोना और आग, और एक छोटा सा पहाड़ है। इसके पश्चात अपराह्न 4ः15 ‘स्प्रिंग,समर. फाॅल, विन्टर एण्ड स्प्रिंग‘, निर्देशक, किम की-डुक (दक्षिण कोरिया), यह फिल्म एक लड़के के बारे में है जो एक बौद्ध भिक्षु द्वारा एकान्त जगह में तैरते मंदिर में पली-बढ़ा है, जहां साल मौसम की तरह व्यतीत होते हैं,।

तृतीय दिवस याने 25 जून को अपराह्न 2ः30 ‘बिट्टू‘, निर्देशक, करिश्मा देव दुबे, यह दो लड़कियों के बीच घनिष्ठ मित्रता के बारे में एक ऑस्कर शॉर्ट-लिस्टेड फिल्म है अपराह्न 2ः50 बजे ‘किनाबुही‘, निर्देशक, डैनी कुक (फिलीपींस), फिलिपिनो नारियल किसानों पर आधारित एक फिल्म है जो औद्योगिक कृषि से शोषित जीवन जीने के लिए संघर्ष कर रही है तथा टाइफून हैयान जैसी आपदाओं से अपंग सी हो गई है, अपराह्न 3ः10 ‘एन आॅब्जेक्ट एट रेस्ट,‘ निर्देशक सेठ बॉयडेन (यूएसए), एक एनिमेटेड लघु फिल्म जो अपने सबसे बड़े विरोधी मानव सभ्यता का का सामना कर रही है। वहीं 3.30 बजे ‘हो गई है पीर पर्वत सी‘, निर्देशक, सुब्रत कुमार साहू, सतलुज नदी घाटी में जलविद्युत विकास योजना के प्रभावों पर एक सशक्त वृत्तचित्र फिल्म, जिसमें हिमालय में भारी आपदा के दृश्य शामिल हैं। इसके साथ ही फिल्म निर्देशकों के साथ सवाल-जवाब भी होगा | अन्त में फिल्म प्रशंसा पाठ्यक्रम के प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र का वितरण भी किया जायेगा।

खास खबर : एचएनबी गढ़वाल विवि ने डीएवी, डीबीएस समेत 10 महाविद्यालयों से तोड़ा नाता, अधर में छात्रों का भविष्य

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देहरादून, ग्रेजुएशन-पीजी में नए अकादमिक सत्र के दाखिलों की तैयारियों के बीच हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने अपने 10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों को इसी सत्र से असंबद्ध (डिएफिलिएट) कर दिया है। विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में ये निर्णय हुआ, जिसकी सूचना केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और राज्य सरकार को भेज दी गई है। पुराने छात्र अभी विवि का हिस्सा बने रहेंगे। लंबे समय से इन अशासकीय डिग्री कॉलेजों को गढ़वाल विवि से असंबद्ध करने की कवायद चल रही थी। पिछले दिनों राज्य सरकार ने ये कहते हुए वेतन देने से इन्कार कर दिया था कि केंद्रीय विवि के कॉलेजों को वह अनुदान क्यों दें ? मामले ने तूल पकड़ा। इस बीच हाईकोर्ट में भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने याचिका भी दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को निर्णय लेने को कहा था। दोनों ने इस मसले पर बातचीत की और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एक पत्र गढ़वाल विवि को भेजकर पूछा था कि इन कॉलेजों को कब से असंबद्ध कर सकते हैं। नए सत्र के दाखिले सिर पर हैं। कॉलेजों को पता ही नहीं है कि वह किस विश्वविद्यालय के लिए दाखिले करेंगे। इस मसले पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एक पत्र गढ़वाल विवि को भेजकर पूछा था कि इन कॉलेजों को कब से असंबद्ध कर सकते हैं। मामले में कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल की अध्यक्षता में हुई परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया, जिसके मिनट्स विवि ने जारी किए हैं।

प्रथम सेमेस्टर के दाखिले गढ़वाल विवि में मान्य नहीं होंगे :

सत्र 2023-24 से ही सभी 10 कॉलेज विवि से असंबद्ध होंगे। इन कॉलेजों को विवि ने एक जुलाई 2012 से 30 जून 2023 तक संबद्धता दी हुई थी। इसकी जानकारी राज्य व केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को पत्र से भेज दी गई है, ताकि वह अपने स्तर से आगे की कार्रवाई कर सकें | कार्यकारी परिषद ने ये भी निर्णय लिया कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपने सभी संबद्ध और असंबद्ध कॉलेजों की सूचना वेबसाइट पर जारी करेगा। इन 10 कॉलेजों में जो छात्र पहले से पढ़ रहे हैं, वे विश्वविद्यालय से ही परीक्षाएं देकर डिग्री लेंगे। प्रथम सेमेस्टर के दाखिले गढ़वाल विवि में मान्य नहीं होंगे।

असंबद्ध होने वाले कॉलेज :

1. डीएवी पीजी कॉलेज, देहरादून

2. डीबीएस पीजी कॉलेज, देहरादून

3. एसजीआरआर पीजी कॉलेज, देहरादून

4. एमकेपी पीजी कॉलेज, देहरादून

5. डीडब्ल्यूटी कॉलेज, देहरादून

6. एमपीजी पीजी कॉलेज, मसूरी

7. महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज, सतीकुंड, कनखल, हरिद्वार

8. चिन्मय डिग्री कॉलेज, बीएचईएल, रानीपुर, हरिद्वार

9. बीएसएम कॉलेज, रुड़की, हरिद्वार

10. राठ महाविद्यालय, पैठाणी, पौड़ी

भ्रम की स्थिति तुरंत दूर करें : डा. अग्रवाल

ऑल इंडिया अन एडेड विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने कहा कि गढ़वाल विवि ने 10 एडेड कॉलेजों को वर्तमान सत्र 2023- 24 से असंबद्ध करने का प्रस्ताव पास करना समझ से परे है। अगर कॉलेजों को असंबद्ध करना ही था तो इसके लिए उपयुक्त समय होना चाहिए था। अब जबकि इन कॉलेजों में प्रवेश के लिए छात्रों ने सीयूईटी परीक्षा दे दी है, प्रवेश का इंतजार कर रहे हैं, ऐसे में इस उनके भविष्य से खिलवाड़ नहीं कर सकते। अगर ये कॉलेज श्रीदेव सुमन विवि से संबद्धता लेंगे तो समर्थ पोर्टल की अंतिम तिथि 24 होने की वजह से यहां भी छात्र वंचित रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विवि के एक्ट में ये प्रावधान है कि सभी कॉलेजों की संबद्धता यथावत रहेगी। सत्र शुरू होने के इस समय में असंबद्धता पर गढ़वाल विवि, राज्य सरकार, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को तुरंत स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।