जोशीमठ, यहां के माणा गांव के पास शुक्रवार सुबह एबलांच में दबे सड़क निर्माण कार्य के 55 श्रमिकों में से 50 को बाहर निकाल लिया गया है। इनमें से चार लोगों की मौत हो चुकी है। बर्फ के मलबे में अभी पांच श्रमिक फंसे हुए हैं। आज सुबह से दोपहर तक 14 अन्य लोगों को भी बचाया गया है, जिनमें एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। रेस्क्यू आपरेशन अभी जारी है।
आईटीबीपी कमांडेंट विजय कुमार के अनुसार जिन मजदूरों का रेस्क्यू किया गया है उनमें से 2 से 3 मजदूरों को फ्रैक्चर और सिर में चोट आई है। उन्हें भर्ती कराया गया है। आईजी पूरे ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। बाकी बचे मजदूरों को जल्द ढूंढ लिया जाएगा। डीआईजी ग्राउंड पर काम कर रहे हैं इसलिए शाम तक अच्छी खबर आने की उम्मीद है। बचाए गए सभी मजदूर जोशीमठ अस्पताल में भर्ती हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौके से लौटने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि बर्फ में 55 मजदूर फंसे थे, जिनमें से 50 लोगों को निकाल लिया गया है। 5 मजदूर को निकालने की कोशिश जारी है। बर्फबारी बहुत ज्यादा हुई है। जल्द से जल्द नेटवर्क स्थापित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। 200 से ज्यादा जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। सेना, ITBP, एयरफोर्स, बीआरओ, एसडीआरएफ, फायर सर्विस और अन्य लोग रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हैं। सीएम ने कहा कि बीआरओ के मजदूर 8 स्टील कंटेनर में थे। 5 कंटेनरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
वहीं शुक्रवार रात को बर्फ के नीचे से निकाले गए मजदूरों को माणा गांव के पास सेना के कैंप ले जाया गया था, जिनमें 3 की हालत गंभीर थी, उनको इलाज के लिए आर्मी चिकित्सालय ज्योर्तिमठ में भर्ती कराया गया है। सेना और ITBP के जवान बर्फ में दबे बाकी मजदूरों की तलाश में लगातार जुटे हुए हैं। उत्तराखंड सरकार लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। वहीं पीएम मोदी ने भी हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
घटना स्थल से 30 किलोमीटर सड़क पर बर्फ जमी होने की वजह से वहां पहुंचने में रेस्क्यू टीम को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। प्रदेश के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने इस बात को माना कि बचाव काम चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि हिमस्खलन स्थल के पास करीब सात फुट तक बर्फ जमी हुई है। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान में 65 से अधिक कर्मचारी लगे हुए हैं।
माणा हिमस्खल आपदा : 50 निकाले, 4 की मौत, 5 अभी भी दबे हुए
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने उत्तराखंड राजमार्गों पर भूस्खलन शमन के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, देहरादून के साथ परामर्श भूमिका का विस्तार किया
ऋषिकेश, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री आरo केo विश्नोई ने बताया कि ऊर्जा के विभिन्न रूपों से ऊर्जा उत्पादन करने के अलावा, टीएचडीसीआईएल समग्र भारत में ढलान स्थिरीकरण समाधानों के लिए अग्रणी परामर्शी सेवा प्रदाता के रूप में भी उभर रहा है। बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में अपनी भूमिका को सुदृढ करते हुए, टीएचडीसीआईएल ने अतिरिक्त तीन वर्षों के लिए अपनी परामर्श सेवाओं के विस्तार के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच), देहरादून के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। श्री विश्नोई ने कहा कि एमओयू के तहत, टीएचडीसीआईएल भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों का अध्ययन करने और उत्तराखंड में चारधाम मार्ग, कैलाश मानसरोवर मार्ग के एक हिस्से और अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों सहित विकास के तहत खंडों के लिए शमन उपायों की सिफारिश करने के लिए एक सलाहकार के रूप में जारी रहेगा। इस परामर्शी कार्य से लगभग ₹ 40 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा ।
टीएचडीसीआईएल के निदेशक (तकनीकी) श्री भूपेंद्र गुप्ता ने इस बात पर जोर दिया कि संगठन विशिष्ट स्थलीय चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए लचीले और पारंपरिक तरीकों को एकीकृत करते हुए उन्नत भू-तकनीकी समाधान अपना रहा है। यह पहल उत्तराखंड में सड़क के बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और विश्वसनीयता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी।
समझौता ज्ञापन पर टीएचडीसीआईएल के कार्यपालक निदेशक(तकनीकी) श्री संदीप सिंघल एवं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, देहरादून के मुख्य अभियंता एवं आरओ श्री दीपक कुमार शर्मा ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल की ओर से महाप्रबंधक डॉ. नीरज कुमार अग्रवाल और प्रबंधक (परिकल्प एवं अभियांत्रिकी) श्री अमित श्याम गुप्ता के साथ सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, देहरादून की ओर से अधीक्षण अभियंता श्री पूरन सिंह तथा अधिशासी अभियंता श्री सुमित रूपम सौरव भी मौजूद थे।
टीएचडीसीआईएल अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, एनएचएआई पुणे, एनएचएआई शिलांग, उत्त्तराखंड राज्य लोक निर्माण विभाग एवं एनएचआईडीसीएल सहित विभिन्न क्षेत्रों में इसी तरह के परामर्श कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल है। इसके अतिरिक्त, कंपनी श्री माता वैष्णो देवी और श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के लिए महत्वपूर्ण ढलान संरक्षण और रॉकफॉल शमन समाधान प्रदान कर रहा है, जो लचीले एवं नवीनतम उपायों को अपनाते हुए बुनियादी ढांचे को सुरक्षा प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को सुदृढ करता है।
स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स से होगी 1300 चतुर्थ श्रेणी पदों पर भर्ती
देहरादून। स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स से चतुर्थ श्रेणी के खाली 1300 पदों पर भर्ती होगी। स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू किए जाने को अफसरों को निर्देश दिए। यमुना कालोनी सरकारी आवास में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पतालों में लंबे समय से खाली चल रहे चतुर्थ श्रेणी के 1300 पदों पर जल्द भर्ती होगी। इसके लिये विभागीय अधिकारी सभी औपचारिकता पूरी कर आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। इसके अलावा विभाग के विभिन्न संवर्गों में खाली पदों को भरा जाए। देहरादून में 98, हरिद्वार 110, चमोली 190, टिहरी 78, पौड़ी 49, पिथौरागढ़ 137, ऊधमसिंह नगर 76, नैनीताल 356, अल्मोड़ा 30, उत्तरकाशी 46, रुद्रप्रयाग 85, चम्पावत 42 और बागेश्वर में दो पद खाली हैं। कहा कि लंबे समय से चतुर्थ श्रेणी के पद खाली होने से अस्पतालों की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। इसे दुरुस्त करने को चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की भर्ती जरूरी है।
कहा कि 108 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम को न्यूनतम किया जाए। अस्पतालों में कैंटीन संचालन को दुरुस्त कर मरीजों को स्वच्छ, पौष्टिक भोजन सुनिश्चित किया जाए। डॉक्टरों के लिए आवासीय सुविधा मुहैया कराई जाए। इसके अलावा टीबी मुक्त भारत अभियान और एनीमिया मुक्त भारत अभियान को और प्रभावी रूप से चलाने को ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार, मिशन निदेशक एनएचएम स्वाति भदौरिया, अपर स्वास्थ्य आनंद श्रीवास्तव, अनुराधा पाल, प्रभारी स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ सुनीता टम्टा, डॉ अजीत मोहन जौहरी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
छोटे छोटे प्रयासों ऊर्जा संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण : अमित सिन्हा
देहरादून। उत्तराखंड में सक्षम 2024-25 के राज्य स्तरीय समन्वयक(एसएलसी) के रूप में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) द्वारा भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) में शुक्रवार को समापन समारोह आयोजित किया गया। जिसमें तेल विपणन कंपनियों की ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया गया। सक्षम का आयोजन 14 से 28 फरवरी तक पूरे देश में किया गया। जिसके तहत वॉकेथॉन, साइक्लोथॉन, समूह चर्चाएं, एलपीजी पंचायतों सहित कई गतिविधियां की गई। मुख्य अतिथि आईपीएस और विशेष खेल सचिव अमित कुमार सिन्हा ने कहा कि छोटे-छोटे प्रयास भी ऊर्जा संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर सतत आदतों को अपनाने और ऊर्जा खपत के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रोत्साहित किया। विशिष्ट अतिथि कार्यकारी निदेशक आईओसीएल यूपी हेमंत राठौड़ ऊर्जा जागरूकता अभियान, ऊर्जा दक्षता उपाय, स्वच्छ हरित भविष्य की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। आईआईपी निदेशक डॉ. हरेंद्र सिंह बिष्ट ने सतत ऊर्जा समाधान प्राप्त करने में अनुसंधान और नवाचार के महत्व पर जोर दिया। मौके पर तेल संरक्षण, ऊर्जा दक्षता के महत्व को लेकर नुक्कड़ नाटक भी किया गया। अंत में सक्षम 2024-25 पर आयोजित क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में आईआईपी के वरिष्ठ वैज्ञानिक, विभागाध्यक्ष, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और इंडियन ऑयल के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
महाविद्यालय में किया गया कैरम प्रतियोगिता का आयोजन
हरिद्वार(कुलभूषण)महाविद्यालय में आज खेलकूद विभाग द्वारा कैरम प्रतियोगिता (छात्र व छात्रा वर्ग) का आयोजन किया गया। कैरम प्रतियोगिता छात्र वर्ग में तरूण व शशांक तथा कैरम प्रतियोगिता छात्रा वर्ग में मानसी वर्मा व कशिश ठाकुर की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
उक्त जानकारी देते हुए महाविद्यालय के मुख्य खेलकूद अधीक्षक प्रो. तेजवीर सिंह तोमर ने समस्त टीम को अपनी शुभकामनायें करते हुए बताया कि कैरम प्रतियोगिता छात्रा वर्ग में टीम 1 में बी.ए. षष्टम् सेमेस्टर की छात्रा मानसी वर्मा तथा बीकॉम चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा काशिश ठाकुर, टीम 2 में बी.ए. द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा संजना व बी.ए. चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा कोमल ने प्रतिभाग किया। कैरम प्रतियोगिता छात्र वर्ग में टीम 1 में
बीकॉम चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र तरूण व शशांक तथा टीम 2 में बीकॉम. चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र सुमित जोशी व बी.एससी. द्वितीय सेमेस्टर के छात्र अर्जुन ने प्रतिभाग किया।
खेलकूद अधीक्षक विनय थपलियाल ने समस्त प्रतिभागियों व विजयी खिलाड़ियों को अपनी शुभकामनायें प्रेषित करते हुए बताया कि कैरम प्रतियोगिता में छात्र वर्ग में तरूण व शशांक तथा कैरम प्रतियोगिता छात्रा वर्ग में मानसी वर्मा व कशिश ठाकुर की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने समस्त प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनायें प्रेषित करते हुए कहा कि खेलों से हमारे जीवन में अनेक प्रकार के गुणों का विकास होता है।
कैरम प्रतियोगिता के समस्त प्रतिभागियों व विजयी टीम की समस्त़ छात्र-छात्रा
खिलाड़ियों को डा संजय कुमार माहेश्वरी, खेलकूद अधीक्षक डा सुषमा नयाल, खेलकूद प्रशिक्षक कु. रंजीता व मधुर अनेजा, डा लता शर्मा, डा रजनी सिंघल, डा पल्लवी राणा डा विनीता चौहान, डा मोना शर्मा, डा आशा शर्मा, डा पुनीता शर्मा, डा पूर्णिमा सुन्दरियाल, डा विजय शर्मा, कार्यालय अधीक्षक मोहन चन्द्र पाण्डेय आदि ने अपनी शुभकामनायें प्रेषित की।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर मानक क्लब द्वारा कार्यक्रम आयोजित
हरिद्वार(कुलभूषण)एस एम जे एन पी जी कॉलेज हरिद्वार में महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ, विज्ञान संकाय तथा भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्थापित मानक क्लब के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ सी वी रमन की याद में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम का मुख्य विषय ‘विकसित भारत के लिये विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना’ रखा गया । कार्यक्रम सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्रारंभ किया गया । कॉलेज के प्राचार्य प्रो सुनील कुमार बत्रा ने विज्ञान दिवस पर अपनी बात रखते हुये कहा कि विज्ञान के द्वारा ही हम आत्मनिर्भर बन रहे है, हमारे वैज्ञानिक नए आविष्कारों तथा वैज्ञानिक गतिविधियों से संपूर्ण विश्व में भारत की कीर्ति को दूर दूर तक प्रसारित कर रहे है । प्रो बत्रा ने कार्यक्रम के आयोजन हेतु विज्ञान संकाय तथा भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्थापित मानक क्लब के विद्यार्थियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के द्वारा जनसामान्य में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा की प्रवृति प्रबल होती है । उन्होंने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार, गुणवत्ता तथा मानकों का समन्वय आवश्यक हैं। राष्ट्रीय विज्ञान के इस कार्यक्रम में छात्र छात्राओं के द्वारा पोस्टर एवं मॉडल की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसके अतिरिक्त अनेक छात्र छात्राओं ने प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के किरदार को अपनाकर अपनी अपनी प्रस्तुति दी। छात्र कल्याण अधिष्ठाता तथा आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ० संजय माहेश्वरी ने अपने संबोधन में विज्ञान दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानकों को निर्धारित किए बिना उच्च कोटि के वैज्ञानिक शोध संभव नहीं हो सकते। इस अवसर पर मानक क्लब के मेंटर डॉ विजय शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों को गुणवत्ता तथा मानकों के प्रति जागरूक करने से उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन्न करने में सहायता मिलती हैं। इस कार्यक्रम में निर्णायक मण्डल की भूमिका डॉ० सरोज शर्मा , डॉ० मोना शर्मा एवं आंकाक्षा पांडे ने निभाई।
मॉडल प्रतियोगिता में सृजिता, खुशी एवं स्नेहा को प्रथम, विकास, प्रतिमा को संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार तथा अदिति को तृतीय पुरस्कार मिला I जबकि पोस्टर प्रतियोगिता में स्नेहा सिंघल को प्रथम, आकांक्षा पाल को द्वितीय तथा प्रेरणा, जिया, अनु एवं हिमांशी को संयुक्त रूप से तृतीय पुरस्कार मिला । कार्यक्रम में डॉ शिवकुमार चौहान, डॉ लता शर्मा, डॉ आशा शर्मा , डॉ मोना शर्मा , विनित सक्सेना , डॉ सरोज शर्मा , डॉ पूर्णिमा सुंदरियाल, डॉ पद्मावती तनेजा, डॉ पुनीता शर्मा, दीपिका आनंद, डॉ पल्लवी ,डॉ मीनाक्षी ,डॉ रजनी सिंघल ,डॉ रेनु सिंह, डॉ यादवेंद्र सिंह, प्रिंस श्रोत्रिय, डा विजय शर्मा,निष्ठा चौधरी, भव्या , साक्षी गुप्ता ,आकाक्षां पांडे, रिंकल गोयल ,रिचा मनोचा, रचना गोस्वामी, संदीप सकलानी, राजीव कुमार आदि ने सहभाग किया ।
ऑल इण्डिया इन्टर जोनल इन्टर यूनिवर्सिटी हॉकी चैम्पियनशिप मे गुरुकुल कांगडी नेे अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर 5-1 से जीत दर्ज की
हरिद्वार (कुलभूषण) – ऑल इण्डिया इन्टर जोनल इन्टर यूनिवर्सिटी हॉकी चैम्पियनशिप मे गुरुकुल कांगडी नेे अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर 5-1 से जीत दर्ज की। आज दिनांक 28.02.2025 को दोपहर 12ः00 बजे ए0एम0यू0 अलीगढ तथा गुरूकुल कांगडी विश्ववि़द्यालय के बीच वंदना कटारियॉ हॉकी स्टेडियम परिसर मे खेले गये फाईनल मैच मे पहला फिल्ड गोल 12 वे तथा 17 वे मिनट मे गुरूकुल टीम के फाहद ने गोल को स्कोर मे बदलकर 2-0 की बढत बनाई। मैच के 18 वे मिनट अलीगढ को मिले पेनल्टी कॉर्नर को गोल मे बदल कर धनन्जय प्रजापति ने स्कोर 2-1 किया। इसके गुरूकुल को 40 वे, 56वे तथा 59 मे मिनट मे मिले मौको को टीम गोल मे बदल कर अलीगढ से अन्त मे 5-1 से जीत गई। तीसरे स्थान के लिए महात्मा गांधी काशी यूनिवर्सिटी, वाराणसी तथा बैंगलोर सिटी के बीच प्रातः 11ः00 बजे मैच आरम्भ हुआ। जिसमे संघर्षपूर्ण मुकाबले मे बैंगलोर सिटी ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल मे बदलकर 1-0 से जीत दर्ज की। चैम्पियनशिप मे काशी को चौथा स्थान प्राप्त हुआ।
गुरूकुल कांगडी विश्ववि़द्यालय, हरिद्वार द्वारा आयोजित ऑल इण्डिया इन्टर जोनल इन्टर यूनिवर्सिटी हॉकी चैम्पियनशिप के फाईनल अवसर पर मुख्य अतिथि कुलपति प्रो0 हेमलता कृष्णमूर्ति ने कहॉ कि खिलाडी के धैर्य की सबसे बडी परीक्षा खेल मे देखी जाती है। विषम स्थिति मे अन्य सहयोगी खिलाडियों को साथ मे लेकर टीम कैप्टन जिस मनोयोग से खेलता है, वह काबिले तारीफ है। डीन योग एवं शारीरिक शिक्षा संकाय प्रो0 ब्रहमदेव विद्यालंकार ने टीम के ऑल इण्डिया चैम्पियन बनने पर परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से सहयोग देने पर सभी का आभार ज्ञापित किया। उन्होने खिलाडियों के पूरे मैच को देखकर खिलाडियों के पराक्रम की सराहना की।
कुलसचिव प्रो0 सुनील कुमार ने खिलाडियों को चैम्पियनशिप विजेता बनने तथा उनके परिश्रम की सराहना करते हुये बंधाई एवं शुभकामनाएं दी। अतिथियों का स्वागत आयोजन अध्यक्ष डॉ0 अजय मलिक ने किया, कहॉ कि जीत-हार खिलाडी का सबसे बडा उपहार है। जो जीतता है, उसे अगले परिश्रम के साथ तैयार होना पडता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 कपिल मिश्रा तथा डॉ0 धर्मंेन्द्र बालियान द्वारा किया गया। इस अवसर प्रो0 प्रभात कुमार, डॉ0 अजेन्द्र कुमार, यशपाल सिंह राणा, शेखर राणा, आयोजन सचिव दुष्यन्त सिंह राणा, सहसचिव डॉ0 शिवकुमार चौहान, डॉ0 कपिल मिश्रा, डॉ0 अनुज कुमार, डॉ0 प्रणवीर सिंह, गुरूकुल टीम मैनेजर अश्वनी कुमार, मंत्री, आर्य समाज गुरूकुल रमेश चन्द, डॉ0 बिन्दु मलिक, डॉ0 हिमानी शर्मा, अभिमन्यु राणा, सुनील कुमार, सुरेन्द्र सिंह, कुलदीप, राजेन्द्र, शिवा आदि उपस्थित रहे। पारितोषिक वितरण मे बेस्ट गोलकिपर का अवार्ड गुरूकुल के रमनदीप को तथा बेस्ट फारवर्ड का पुरस्कार गुरूकुल के नितिश भारद्वाज को मिला। बेस्ट फुलबैक का पुरस्कार बैंगलोर सिटी के अनन्त को मिला। अलीगढ टीम के आफिशिल अरशद महमूद तथा चिकित्सक प्रो0 गुलाम सरबर हासमी ने आयोजन की प्रशंसा करते हुये इसे यादगार आयोजन बताया। बैंगलोर सिटी के आफिशियलस रामाचन्द्रन ने आयोजन को लाईफ ऑफ प्लेजर तथा यहां खेलने से प्राप्त प्रमाण पत्र जीवन के लिए विशेष महत्व रखेगा।
विजेता टीम के खिलाडियों को व्यक्तिगत गोल्ड तथा चैम्पियन ट्राफी, उपविजेता टीम अलीगढ को ट्राफी तथा सिल्वर मेडल तथा बैंगलोर सिटी के खिलाडियो को कास्ंय पदक प्रदान किये गये। चैम्पियनशिप मे इन्टरनेशलन अम्पायर पंकज त्यागी तथा दीपक चन्द्र जोशी सहित नेशनल अम्पायर एवं टेक्निकल टीम के सदस्य मौ0 जावेद, रूपिन यादव, इमरान, तिबियन खान, खालिद, सौरभ पटवाल, शशिकान्त को भी सम्मानित किया। लाईव स्ट्रिमिंग के लिए ई0यू0एस0आई0 टीम के सदस्यों को भी सम्मानित किया गया। जिला चिकित्सा सुविधा के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं उत्तराखंड प्रशासन के सहयोग के लिए सभी धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
विकसित उत्तराखंड का आधार विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार: धामी
देहरादून। विकसित उत्तराखंड का आधार विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार है। भारतीय सनातन संस्कृति में ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है। हमारे ऋषि-मुनियों ने हजारों वर्ष पूर्व जिन सिद्धांतों की खोज की थी, वे आज वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हो रहे हैं। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर विज्ञान धाम झाझरा में आयोजित कार्यक्रम में नोबेल पुरस्कार विजेता भारत रत्न स्व डॉ सीवी रमन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून देश की पांचवी साइंस सिटी बन रही है। जो उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि साइंस सिटी हमारे राज्य को विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में भी एक ग्लोबल डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। राज्य सरकार द्वारा तकनीक और नवाचार के उपयोग से सरकारी सेवाओं को पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जहां हम आज प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक ओर साइंस और इनोवेशन सेंटर, लैब्स ऑन व्हील्स, जीएसआई डैशबोर्ड, डिजिटल लाइब्रेरी, पेटेंट इनफार्मेशन सेंटर और स्टेम लैब्स के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहे हैं, वहीं, रोबोटिक, ड्रोन, सेमी कंडक्टर और प्री-इनक्यूबेशन लैब की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण नवाचारों को भी बढ़ावा दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक से भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निरंतर नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। देश के महान वैज्ञानिकों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी सेवाओं को ई-गवर्नेंस के अंतर्गत ऑनलाइन पोर्टल द्वारा सरल और सुलभ बनाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूकॉस्ट में राज्य का पहला कम्यूनिटी साइंस रेडियो भी प्रारम्भ होने रहा है जो विज्ञान की महत्वपूर्ण जानकारियां हर घर तक पहुंचाने में सहायक होगा। मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन साइंस सिटी परियोजना के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया और साइंस म्यूजियम का अवलोकन भी किया। सभी जिलों से जुड़े विभिन्न संस्थानों के छात्र छात्राओं व वैज्ञानिकों से भी ऑनलाइन माध्यम से संवाद किया। विधायक सहसपुर सहदेव सिंह पुंडीर ने साइंस सिटी के लिए अतिरिक्त जमीन मुहैय्या कराने की भी बात कही। यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो दुर्गेश पंत ने यूकॉस्ट के कार्यों की जानकारी दी। इस दौरान सचिव विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग नितेश झा, साइंस सिटी के सलाहकार जीएस रौतेला आदि मौजूद थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी : 32 मजदूरों को सुरक्षित बचाया, 25 मजदूर अभी भी फंसे हुए
जोशीमठ (चमोली), उत्तराखंड के बद्रीनाथ क्षेत्र में शुक्रवार को हुए हिमस्खलन के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। 57 में से 32 मजदूरों को रेस्क्यू कर लिया गया है, लेकिन अभी भी 25 मजदूर फंसे हुए हैं। हिमस्खलन ने भारत-तिब्बत बॉर्डर के पास माणा गांव स्थित बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन कैंप को अपनी चपेट में ले लिया था। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि निर्माण कार्य में लगे बीआरओ के मजदूरों की सड़क किनारे बनी झोपड़ियां हिमस्खलन की चपेट में आ गईं। बदरीनाथ से करीब तीन किलोमीटर दूर माणा भारत-तिब्बत सीमा पर बसा आखिरी गांव है जो 3200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। देश के प्रथम गांव माणा के पास भारी बर्फबारी के बीच आज सुबह कुबेर पर्वत से भारी हिमस्खलन हो गया। जिससे बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) के 57 मजदूर इसकी चपेट में आ गए। बताया जा रहा है कि मजदूर वहां कंटेनर में सो रहे थे। इसी दौरान कंटेनर के ऊपर हिमस्खलन हो गया।
जानकारी के अनुसार, शाम पांच बजे तक 32 मजदूरों को सेना और आईटीबीपी के जवानों द्वारा सुरक्षित बचा लिया गया है। जबकि अन्य मजदूरों की ढूंढखोज की जा रही है। हालांकि अभी भारी बर्फबारी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया गया है। बर्फबारी रुकने के बाद फिर से रेस्क्यू शुरू किया जाएगा।
गौरतलब हो कि पिछले दो साल से माणा गांव-माणा पास (50.987 किमी) हाईवे का सुधारीकरण और चौड़ीकरण कार्य चल रहा है। जिसके लिए क्षेत्र में मजदूर रह रहे थे। ये मजदूर दिनभर हाईवे चौड़ीकरण कार्य करने के बाद रात्रि विश्राम के लिए माणा पास एंट्री गेट के पास स्थापित कंटेनर में पहुंच जाते हैं।
पिछले दो दिनों से बर्फबारी होने के कारण मजदूर इन्हीं कंटेनर में रह रहे थे। इनमें पौकलेंड, जेसीबी व अन्य मशीनों के ऑपरेटर भी रह रहे थे। शुक्रवार को सुबह करीब साढ़े छह बजे कुबेर पर्वत से मजदूरों के कंटेनर के ऊपर भारी मात्रा में हिमस्खलन हो गया। जिससे मजदूरों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ मजदूर बदरीनाथ की ओर भाग गए, जबकि कुछ कंटेनर के अंदर ही फंस गए। हिमस्खलन की सूचना मिलने पर माणा गांव में कैंप में रह रहे आईटीबीपी और सेना के जवान मौके पर पहुंचे। उन्होंने बर्फबारी के बीच ही मजदूरों को बचाने का रेस्क्यू शुरू किया।
चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि बदरीनाथ हाईवे पर जमी बर्फ को हटाने के लिए बीआरओ की जेसीबी लगाई गई है। क्षेत्र में लगातार बर्फबारी होने और कोहरा लगने से रेस्क्यू कार्य बाधित हो रहा है। बदरीनाथ हाईवे से पैदल ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आपदा और पुलिस की टीमें माणा गांव के लिए रवाना हो गई हैं।
उत्तराखंड के चमोली में बर्फबारी जारी है। इस कारण राहत और बचाव में काफी परेशानी हो रही है। बचावकर्मियों का कहना है कि घुटनों तक बर्फ जमा हो जा रहा है, जिसके कारण रेस्क्यू में काफी परेशानी हो रही है। खराब मौसम के कारण खासी परेशानी हो रही है। 10 घायल लोगों का आईटीबीपी और सेना के एमआई कमरों में इलाज किया जा रहा है। खराब मौसम की चुनौतियों के बावजूद फंसे हुए बाकी श्रमिकों का पता लगाने और उन्हें निकालने के प्रयास जारी हैं।
*रेस्क्यू में जुटी है एनडीआरएफ की टीम :*
राहत और बचाव के काम में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की चार टीम लगी है। एनडीआरएफ के महानिदेशक पीयूष आनंद ने कहा है कि इन टीम के अलावा, चार अन्य इकाइयों को तैयार रखा गया है। उन्होंने बताया “बचाव अभियान शुरू किया गया है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। ”
*रक्षा मंत्री ने दिया हर संभव मदद का आश्वासन :*
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा है “सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके बर्फ के तले में दबे हुए मजदूरों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने सोशन मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि आज उत्तराखंड के जोशीमठ के माणा क्षेत्र में एक दुर्भाग्यपूर्ण हिमस्खलन हुआ, जिससे बीआरओ का जीआरईएफ शिविर प्रभावित हुआ है। मौजूदा स्थिति के बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की है। प्रशासन प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है।
हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द सभी को सुरक्षित बचा लिया जाए : सीएम
प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बचाव अभियान में आईटीबीपी और अन्य विभागों की मदद ली जा रही है। हमारा आपदा प्रबंधन विभाग और प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द सभी को सुरक्षित बचा लिया जाए। शुक्रवार को घटना की जानकारी लेने के लिए मुख्यमंत्री खुद राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की।
पॉलिसी टाइम्स और आरएलजी सिस्टम्स इंडिया ने किया इंडिया सर्कुलैरिटी कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन
नई दिल्ली, पॉलिसी टाइम्स ने आरएलजी सिस्टम्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और असम, केरल तथा पंजाब के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के सहयोग से द्वितीय इंडिया सर्कुलैरिटी कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन 28 फरवरी को किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व [एक्सटेंडेड प्रोडूसर रिस्पांसिबिलिटी (ईपीआर)] के माध्यम से भारत की मटीरियल सर्क्युलैरिटी यात्रा पर चर्चा को आगे बढ़ाना था। यह सम्मेलन नई दिल्ली स्थित आईआईसी एनेक्से मे आयोजित हुआ, जिसमें उद्योग जगत के प्रमुख नेता, नीति निर्माता और सतत विकास विशेषज्ञ शामिल हुए।
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ‘ सर्कुलैरिटी एक्सीलेंस अवार्ड 2025’ रहा, जिसमें अपशिष्ट प्रबंधन, पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग), और पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद नवाचार में बेहतरीन कार्य कर रहे लीडर्स को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिनमें डॉ. अरूप कुमार मिश्रा (अध्यक्ष, असम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड), इंजी. श्रीकला एस. (अध्यक्ष, केरल राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड), डॉ. जयंती मुरली (अध्यक्ष, तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड), और प्रो. आदर्श पाल विग (अध्यक्ष, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) सहित अन्य प्रमुख व्यक्ति शामिल थे।
इंडिया सर्कुलैरिटी कॉन्क्लेव 2025 के प्रमुख उद्देश्य:
राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत ईपीआर नीति ढांचे की स्थापना, भारत की पुनर्चक्रण क्षमता को बढ़ाना, नवाचार और तकनीक को अपनाना, क्षमता निर्माण और कौशल विकास को प्रोत्साहित करना
भारत हर वर्ष लगभग 1.50 करोड़ टन ई-कचरा और प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करता है, जिससे प्रभावी पुनर्चक्रण और सतत अपशिष्ट प्रबंधन की आवश्यकता अत्यधिक बढ़ गई है। 2050 तक, भारत की सर्क्युलर अर्थव्यवस्था का बाजार मूल्य 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है, जिससे 1 करोड़ नए रोजगार सृजित होंगे। हालांकि, वर्तमान में ईपीआर नीतियां कुल अपशिष्ट का केवल 10-15% कवर करती हैं, जिससे नवाचार और नियामक सुधारों की बड़ी संभावना बनती है।
अधिकांश वक्ताओं द्वारा जिन रणनीतियों पर जोर दिया गया, उनमें सर्क्युलैरिटी के लिए उत्पादों को फिर से डिजाइन करना, उन्नत रीसाइक्लिंग तकनीकों में निवेश, आपूर्ति श्रृंखला सहयोग को मजबूत करना और व्यवहार परिवर्तन लाने के लिए उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाना शामिल था। चर्चा किए गए अन्य प्रमुख विषयों में सर्क्युलर अर्थव्यवस्था की तात्कालिकता, रीसाइक्लिंग उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सहयोग की आवश्यकता, नीति नवाचार को बढ़ावा देना, एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक को बदलने के लिए पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा देना, समुद्री प्रदूषण से निपटने के प्रयासों को बढ़ाना और अनौपचारिक क्षेत्र के लोगों, जैसे कि कूड़ा बीनने वालों को सशक्त बनाने के लिए अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार करना, और समुदाय-आधारित सर्क्युलर प्रथाओं को बढ़ाना शामिल था।
सर्क्युलर अर्थव्यवस्था पहलों के महत्व पर बोलते हुए, आरएलजी सिस्टम्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंध निदेशक, सुश्री राधिका कालिया ने कहा:
“एक मजबूत ईपीआर नीति ढांचा भारत के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। ‘इंडिया सर्क्युलैरिटी कॉन्क्लेव 2025’ जैसे आयोजन इस चर्चा को आगे बढ़ाने और मटीरियल सर्क्युलैरिटी को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत सिफारिशें, कार्य योजनाएं और औद्योगिक साझेदारियों का निर्माण करने में मदद करते हैं। मैं इस महत्वपूर्ण चर्चा का हिस्सा बनने के लिए सभी उद्योग हितधारकों, मीडिया प्रतिनिधियों, और नीति निर्माताओं को धन्यवाद देती हूं। मुझे विश्वास है कि ईमानदारी से किए गए प्रयासों और उद्देश्य की एकनिष्ठता के माध्यम से, हम सस्टेनेबल व्यावसायिक और सामाजिक प्रथाओं के युग की शुरुआत करने में सक्षम होंगे।
चमोली के सीमांत क्षेत्र में ग्लेशियर टूटा : 57 मजदूरों के दबने की सूचना
आईटीबीपी ने 10 मजदूरों को सुरक्षित निकाला, राहत और बचाव कार्य जारी”
देहरादून, गुरुवार दिन से उत्तराखंड़ में लगातार चल रही बारिश से जहां पहाड़ों पर अच्छी खासी बर्फबारी हुई, वहीं चमोली जिले के सीमांत क्षेत्र के माना गांव के पास ग्लेशियर टूटने का समाचार मिला है। जिसमें 57 मजदूरों के दबने की खबर हैं। यह मजदूर सीमा सड़क संगठन के ठेकेदार तहत काम कर रहे थे। जिनमें से 10 मजदूरों को आईटीबीपी द्वारा सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। जबकि शेष 47 मजदूरों की तलाश जारी है, मौसम खराब होने की वजह से राहत और बचाव कार्य में कुछ दिक्कतें भी आ रही हैं। पिछले दो दिनों से उच्च हिमालयी क्षेत्र में लगातार बर्फबारी भी जारी है।
आईजी राजीव स्वरूप ने बताया कि सभी को सुरक्षित निकालने और मार्ग खोलने के प्रयास लगातार जारी हैं। मौके पर एसडीआरएफ एनडीआरएफ समेत तमाम बचाव दल रवाना हो चुके हैं लगातार राहत और बचाव कार्य भी जारी है। चमोली जिले में वर्ष 2021 में भी ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही मची थी और कई लोगों की जान गई थी।
वर्तमान में, राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है, जिसमें स्थानीय प्रशासन, पुलिस, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें शामिल हैं। क्षेत्र में मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, बचाव दल मलबे में फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
सीएम ने घटना पर जताया दु:ख :*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताते हुए मलबे में फंसे लोगों की सुरक्षा के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने बताया कि अब तक 10 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। तीन लोगों को आईटीबीपी व सेना की मदद से सेना अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। अन्य की तलाश जारी है।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि माणा और माणा पास के बीच हिमस्खलन होने से मजदूरों के दबने की सूचना है। एयर फोर्स से मदद मांगी जा रही है। सेना, आईटीबीपी रेस्क्यू में लगी है।
एनडीआरएफ की टीम को भी मूव कर दिया गया है। इस क्षेत्र में संचार सुविधा ठप हो गई है। दूसरी ओर, हनुमान चट्टी से आगे बदरीनाथ हाई वे बर्फबारी ने एनडीआरएफ की टीम का रास्ता रोक दिया। टीम मौके पर नहीं पहुंच पाई है। इस इलाके में तीन दिनों से बर्फवारी हो रही है।
बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, लाल माटी, नंदा घुंघटी, औली, गोरसों के साथ ही नीती और माणा घाटियों में तीन दिन से बर्फबारी हो रही है। जिससे ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फ जमा हो गई है।