हरिद्वार (कुलभूषण) युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित ‘मेरी माटी-मेरा देश’ कार्यक्रम के अन्तर्गत महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना छात्रा इकाई की स्वयंसेवियों ने प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा के निर्देशन में पौधारोपण किया एवं पौधो पर ट्री गार्ड लगाकर पौधों में जीवित दर वृद्धि करने का प्रयास किया। ‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम के अन्तर्गत पर्यावरण संरक्षण विषय पर पोस्टर/चार्ट प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने छात्रा स्वयंसेवियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पौधारोपित करके ही हमारा कर्तव्य पूरा नहीं हो जाता, बल्कि रोपित किये पौधों में जीवित दर बढ़ाने हेतु बनाये गये पौधों की देखभाल करना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लगाये गये पौधों एवं जीवित पौधों के मध्य अन्तर कम करके ही प्राकृतिक सम्वर्धन एवं संरक्षण सम्भव है। प्रो. बत्रा ने कहा कि बढ़ते पर्यावरणीय असन्तुलन को सन्तुलित करने हेतु पौधारोपण आवश्यक है।
इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण विषय पर पोस्टर/चार्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें कु. तमन्ना सैनी ने प्रथम, गरिमा राजपूत ने द्वितीय तथा मुस्कान ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। मुख्य अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी, प्रो. जे.सी. आर्य, अध्यक्ष समाजशास्त्र विभाग तथा रा.से.यो. की कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. सुषमा नयाल द्वारा विजयी छात्राओं को पुरस्कृत किया तथा उनका मनोबल बढ़ाते हुए प्राकृतिक संवर्धन हेतु विद्यार्थी के रूप में स्वयंसेविकाओं की भूमिका के महत्व भी बताया।
प्रतियोगिता में निर्णायक मण्डल की भूमिका का निवर्हन रा.से.यो. की कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. सुषमा नयाल, श्रीमती रूचिता सक्सेना, डाॅ. सुगन्धा वर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर डाॅ. मन मोहन गुप्ता, प्रो. तेजवीर सिंह तोमर, डाॅ. नलिनी जैन सहित छात्रा दीपांशु बेदी, सिद्धी अग्रवाल, मुस्कान सिंह, मीनाक्षी सैनी, रौनक मौर्य, खुशबू भारद्वाज आदि उपस्थित रहें।
‘मेरी माटी-मेरा देश’ कार्यक्रम के अन्तर्गत रासेयो ने किया पौधारोपण
‘आजादी का अमृत-महोत्सव’ : स्वतंत्रता आन्दोलन के आदर्शों पर चलकर होगा राष्ट्र का उन्नयन : श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी
हरिद्वार(कुलभूषण),आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत अगस्त क्रान्ति के शुभ अवसर पर महाविद्यालय में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों का सम्मान समारोह कार्यक्रम ‘आजादी के मतवाले’ का आयोजन माँ सरस्वती वन्दना व द्वीप प्रज्जवलित हरिद्वार नागरिक मंच के सतीश जैन, प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा, महंत अनिल गिरी, पं अधीर कौशिक एवं डॉ संजय माहेश्वरी ने किया।
इस अवसर पर काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज ने अपने संदेश दिया स्वतंत्रता आन्दोलन के आदर्शों पर चलकर ही होगा राष्ट्र का कल्याण सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने आह्वान किया कि स्वतंत्रता समानता और बन्धुत्व के मूल्यों को समाज में समाहित कर ही भारत एक उन्नत राष्ट्र बन सकता है। श्री महन्त ने इस अवसर पर अगस्त क्रान्ति के कार्यक्रम को महाविद्यालय में आयोजित करने हेतु महाविद्यालय परिवार को साधुवाद दिया। विशिष्ट अतिथि सतीश कुमार जैन, संस्थापक हरिद्वार नागरिक मंच ने अपने सम्बोधन में कहा कि 09 अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन की शुरूआत हुई थी और आज आवश्यकता इस बात की है कि हम एक राष्ट्र के तौर पर भारत छोड़ो आन्दोलन के मूल्यों और सरोकारों को आधुनिक समाज में आत्मसात करें। उन्होंने इस अवसर पर भारत छोड़ो आन्दोलन भारत के विभिन्न सामाजिक समूहों विशेषकर भारत के राजनीतिक नेतृत्व जैसे महात्मा गांधी, पं. जवाहर लाल नेहरू तथा सरदार बल्लभ भाई पटेल के योगदान का स्मरण किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि महाविद्यालय परिवार युवा छात्र-छात्राओं को स्वतंत्रता आन्दोलन के महत्व को बताने हेतु कृत संकल्प है जिससे युवा पीढ़ी यह जान सके कि स्वतंत्रता कितने संघर्षों के बाद इस देश को मिली है और इसके साथ-साथ वह राष्ट्र जीवन के महत्वपूर्ण अवयव, राष्ट्रीय एकता के महत्व को समझ सके।
कार्यक्रम का सफल संचालन अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने किया। इस अवसर पर डाॅ. मन मोहन गुप्ता, डाॅ. तेजवीर सिंह तोमर, डाॅ. जगदीश चन्द्र आर्य, डाॅ. विजय शर्मा, डाॅ. मनोज कुमार सोही, डाॅ. शिव कुमार चैहान, वैभव बत्रा, श्रीमति रूचिता सक्सेना, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, दीपिका आनन्द, आंकाक्षा पाण्डेय, मोहन चन्द पाण्डेय, संजीत कुमार आदि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सैनानी श्री मन्सा राम डंडरियाल, स्व. मा. करतार सिंह, स्व. डोलीराम, स्व. किशन लाल, स्व. भवानी गिरी, स्व. सागर सिंह राणा, स्व. वैद्य दिनेश चन्द, स्व. हवेली राम, स्व. महन्त सोम गिरि, स्व. आनन्द कुमार उर्फ मोहन दास, स्व. ठाकुर खेम सिंह, स्व. ओमप्रकाश, श्रीमती विजय लक्ष्मी,श्रीमती प्रतिभा रोहेला, के उत्तराधिकारियों को सम्मानित किया गया । उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों में विजय भण्डारी, विनोद डंडरियाल, श्रीमती सरोजनी जोशी, सुरेन्द्र सैनी, रविन्द्र भट्ट, उमाशंकर वशिष्ठ तथा हरिद्वार विकास समिति के संदीप कुमार, मोहित गर्ग, मोहित गौड़, राघव मित्तल, गौरव भाटिया, ईशान्त शर्मा, कुश बुद्धिराजा, जसबीर सिंह, सौरभ भारद्वाज, राॅबिन प्रधान, जतिन सौढ़ी, रवि बाबू शर्मा, सौरभ शर्मा, बालकिशन कोरी, अधीर कौशिक, महंतअनिल गिरी राजेश शर्मा, संदीप रावत, आदि को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर काॅलेज के पूर्व छात्र मेहताब आलम छात्र-छात्राओं कामनी, कामाक्षा, आंचल, आरती, गौरव बंसल, अंशिका, रिया, द्वारा लधु नाटिका के माध्यम से 1857 की क्रान्ति व जलियावाला बाग हत्याकांड को प्रस्तुत किया गया। मनीषा व अपराजिता द्वारा कविता, अनन्या भटनागर, ईशिका, मेहताब आलम, आरती असवाल, चारू तथा मनीषा द्वारा देशभक्ति गीत प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रमों के माध्यम से गुलामी की तस्वीर से आज़ादी की तस्वीर दिखाई गयी।
विश्वविद्यालयों में अनिवार्य रूप से लागू हो शैक्षिक कैलेंडरः डॉ. धन सिंह रावत
देहरादून,उच्च शिक्षा में शैक्षिक कैलेंडर प्रभावी रूप से लागू करने के लिये सभी राजकीय विश्वविद्यालयों को स्पष्ट निर्देश दे दिये गये हैं। इससे उच्च शिक्षा की तमाम शैक्षिक गतिविधियां समय पर पूरी हो सकेंगी। विश्वविद्यालय प्रशासन को समय पर परीक्षाओं का आयोजन कर तत्परता से परीक्षा परिणाम घोषित करने को कहा गया है। इसके अलावा बैकलॉग खत्म कर विभिन्न परीक्षाओं के लंबित परीक्षा परिणाम को भी शीघ्र जारी करने के निर्देश दिये गये हैं। भविष्य में शैक्षणिक सत्र में एकरूपता लाने के लिये विश्वविद्यालयों को एक सप्ताह के भीतर वार्षिक प्लान तैयार कर शासन को अवगत कराने को कहा गया है। साथ ही विश्वविद्यालयों में लम्बे समय से रिक्त चल रहे शैक्षणिक एवं शिक्षणेत्तर पदों को आवश्यकतानुसार प्रतिनियुक्ति अथवा सेवा स्थानांतरण के आधार पर भरने के निर्देश शासन व विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों को दिये गये हैं।
बैकलॉग खत्म कर लम्बित परीक्षाफल शीघ्र जारी करने के निर्देश
विश्वविद्यालयों को एक सप्ताह के अंदर तैयार करना होगा वार्षिक प्लान
कहा, लम्बे समय से रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति/सेवा स्थानांतरण से भरें
सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित सभाकक्ष में राजकीय विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने शैक्षिक कैलेंडर को प्रभावी तरीके से लागू न कर पाने पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि विश्वविद्यालयों में एनईपी एवं यूजीसी की गाइडलाइन के अनुरूप शैक्षिक कैलेंडर सख्ती से लागू करने के लिये विश्वविद्यालय प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि शैक्षिक कैलेंडर प्रभावी रूप से लागू न होने से विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में तमाम शैक्षिक एवं अन्य गतिविधियां प्रभावित हो जाती है जिसका खामियाजा सीधे तौर पर छात्र-छात्राओं को उठाना पड़ता है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा परीक्षाओं का आयोजन तथा परीक्षा परिणाम समय पर जारी ने करने पर विभागीय मंत्री ने दो टूक कहा कि भविष्य में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव एवं परीक्षा नियंत्रक को परीक्षाओं के आयोजन एवं परीक्षाफल नियत समय पर घोषित करने के लिये केन्द्रीय मूल्यांकन व्यवस्था लागू करने को कहा। साथ ही परीक्षा आयोजन एवं परीक्षा मूल्यांकन की मॉनिटिरिंग करने एवं बैकलाग को खत्म कर लंबित रिजल्ट को शीघ्र जारी करने के निर्देश दिये। डॉ. रावत ने बताया कि विश्वविद्यालयों में लम्बे समय से कई महत्पपूर्ण पद रिक्त चल रहे जिस कारण विश्वविद्यालयों का कामकाज प्रभावित हो रहा है। उन्होंने शासन एवं विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों को सीधी भर्ती होने तक रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति अथवा सेवा स्थानांतरण के आधार पर भरने के निर्देश दिये। इसके लिये उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को एक माह के भीतर कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय अपने यहां संचालित पाठ्यक्रमों एवं छात्र संख्या को ध्यान में रखते हुये शैक्षणिक गतिविधियों को समय पर पूरा करने के लिये एक सप्ताह के भीतर वार्षिक प्लान तैयार कर शासन को भी अवगत करायें। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि विश्वविद्यालयों के अंतर्गत शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन व क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लेटलतीफी के लिये संबंधित कुलपति, कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक को जिम्मेदार माना जायेगा।
बैठक में सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, अपर सचिव प्रशांत आर्य, कुलपति मुक्त विवि प्रो. ओ.पी.एस. नेगी, कुलपति श्रीदेव सुमन विवि प्रो. एन.के. जोशी, कुलपति कुमाऊं विवि प्रो. डी.एस. रावत, कुलपति दून विवि प्रो. सुरेखा डंगवाल, कुलपति एस.एस.जे. विवि अल्मोड़ा प्रो. जे.एस. बिष्ट, कुलपति संस्कृत विवि प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री, रूसा सलाहकार प्रो. एम.एस.एम. रावत, प्रो. के.डी. पुरोहित, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. ए.एस. उनियाल सहित विश्वविद्यालयों के कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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उच्च शिक्षण संस्थानों में 14 अगस्त तक ही होंगे प्रवेशः शैलेश बगोली
उच्च शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि वर्तमान शैक्षिक सत्र के लिये उच्च शिक्षण संस्थानों में 14 अगस्त तक ही छात्र-छात्राओं से प्रवेश हेतु आवेदन लिये जायेंगे। इसे उपरांत प्रवेश हेतु कोई समय सीमा नही बढ़ाई जायेगी। उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि सभी एफिलिएटिंग यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों को अपने-अपने संबद्ध शिक्षण संस्थानों के प्राचार्यों एवं निदेशकों के साथ ऑनलाइन बैठक कर प्रवेश प्रक्रिया के लिये निर्धारित समय सीमा का सख्ताई से पालन कराने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में पहली बार स्नातक स्तर पर प्रवेश हेतु समर्थ पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की गई। जिसके अंतर्गत अभी तक 84 हजार 513 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश हेतु अपना पंजीकरण कराया। इसके साथ ही ऑनलाइन पंजीकरण से छूटे छात्र-छात्राओं को 14 अगस्त तक ऑफलाइन पंजीकरण का मौका दिया गया ताकि प्रवेश से वंचित छात्र-छात्राएं अपने निकटतम महाविद्यालयों में सीधा अपना पंजीकरण करा सकेंगे, इससे उनका साल बर्बाद होने से बचाया जा सके।
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समर्थ पोर्टल पर 10 से 12 अगस्त तक ऑनलाइन भी हो सकेंगे पंजीकरण
विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक में विभागीय मंत्री डॉ रावत ने अधिकारियों को ऑनलाइन मोड़ में भी छात्र-छात्राओं को प्रवेश पंजीकरण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि समर्थ पोर्टल पर पूर्व में ऑनलाईन प्रवेश पंजीकरण न करवा पाने वाले विद्यार्थियों के लिए ऑफलाईन पंजीकरण की सुविधा 14 अगस्त 2023 तक निर्धारित की गई। ऐसे छात्र जो किसी कारण शिक्षण संस्थानों तक पहुंचने में असमर्थ हैं वह ऑनलाइन पंजीकरण भी कर सकते हैं इसके लिए एक बार पुनः 10 अगस्त से 12 अगस्त 2023 तक पूर्व की भांति समर्थ पोर्टल पर ऑनलाईन पंजीकरण की सुविधा शुरू कर दी गई है। शासन स्तर से इस सम्बंध में सभी विश्वविद्यालयों को आदेश जारी कर दिए गये हैं।
‘चल पहाड़ी हल्ला बोल’ के नारे के साथ विभिन्न संगठनों ने किया सीएम आवास कूच, सशक्त भू कानून और धारा 371 को लागू करने की रखी मांग
“पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच नोकझोंक, प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग पर ही धरने पर बैठे”
(एल मोहन लखेड़ा)
देहरादून, उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून और मूल निवास की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों ने आज बुधवार नौ अगस्त को सीएम आवास कूच किया। इनकी मांग थी कि प्रदेश में सशक्त भू कानून, मूल निवास 1950 और धारा 371 को लागू किया जाए। परेड मैदान से निकाले गए जुलूस को पुलिस ने विजय कॉलोनी से पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच नोकझोंक भी देखने को मिली।
प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग पर ही धरने पर बैठे।
चल पहाड़ी हल्ला बोल, उत्तराखंड़ मांगे भू कानून आदि नारों के साथ राज्य के विभिन्न जनपदों से आये प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उत्तराखंड राज्य बनने के 23 साल बाद भी आज राज्य के मूल निवासियों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। उल्टा राज्य के मूल निवासियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जल जंगल और जमीन जो हमारी मुख्य पूंजी है उसपर एक साजिश के तहत बाहरी तत्व सरकारी संरक्षण में कब्जा कर रहे है। सरकारी सेवाओं में बाहरी लोगों को धनबल के चलते नियुक्तियां भी मिल रही हैं और यहां का मूल निवासी बेरोजगार हो रहा है। सरकार हमारी बातों पर ध्यान नहीं दे रही है |
राज्य में सशक्त भू कानून लागू किए जाने की पैरवी करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पूरे हिमालयी राज्यों में वहां के मूल निवासियों के लिए विशेष कानून है, लेकिन उत्तराखंड में सरकार ने इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं की है। उत्तराखंड के मूल निवासियों के अधिकार सुरक्षित रहें और उस राज्य के शहीदों के सम्मान के अनुरूप यह राज्य बन पाए, इसलिए प्रदेश में भू कानून, मूल निवास 1950 और धारा 371 का कानून लाना जरूरी हो गया है।
उत्तराखण्ड़ चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संगठन और उत्तराखण्ड़ राज्य आंदोलनकारी मंच के बैनर तले आयोजित मुख्यमंत्री आवास कूच में उत्तराखंड़ क्रांति दल, आम आदमी पार्टी और प्रदेश के विभिन्न संगठनों के नेताओं का कहना था कि प्रदेश में इतने ज्वलंत मुद्दे जन्म ले चुके हैं, उनकी गिनती नहीं हो सकती, लेकिन धामी सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए अलग-अलग तरीके अपना कर प्रदेश की जनता को भ्रमित कर रही है। नेताओं का कहना था कि भू कानून एक ऐसा गंभीर मुद्दा है कि इसमें प्रदेश की जनता अपने अधिकारों की लड़ाई को लड़ने के लिए मजबूर हो गई है। उत्तराखंड बनाने को लेकर प्रदेश की जनता ने अपना सर्वोच्च बलिदान देकर उत्तराखंड को जन्म दिया। अब एक बार फिर भू कानून जैसे संजिदा विषय पर जनता एक साथ सड़कों पर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी। भाजपा प्रदेश सरकार गूंगी और बहरी हो चुकी है। प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना था कि बहन अंकिता भंडारी के हत्या में शामिल वीआईपी का नाम आज तक उजागर नहीं हुआ है | वहीं बेरोजगार संघ के बाबी पंवार ने कहा कि प्रदेश भर्ती परीक्षाओं के घपले जगजाहिर जिसके चलते युवाओं को मजबूर होकर पलायन करना पड़ता है सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है, बस अलग-अलग हथकंडे अपना कर सरकार अपनी नाकामी छुपाने की भरपूर प्रयास में रहती है।
मानसून सत्र में आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी :
उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने आज मुख्यमंत्री आवास कूच के दौरान आयोजित सभा में कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण को लेकर सरकार लगातार टालमटोल कर रही है। उन्होंने ऐलान किया कि यदि मानसून सत्र में मुख्यमंत्री ने इस वायदे को पूरा नहीं किया तो वह मुख्यमंत्री आवास पर आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे।
उत्तराखण्ड़ चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संगठन के केन्द्रीय संरक्षक एवं वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी जितेन्द्र चौहान ने
भू कानून और मूल निवास के सवालों को उत्तराखंड की अस्मिता का सवाल बताते हुए उन्होंने कहा कि यह कानून उत्तराखंड को बचाने को जरूरी है। इस अवसर पर उत्तराखण्ड़ राज्य आंदोलनकारी मंच ने मुख्यमंत्री 15 सूत्री ज्ञापन भी प्रेषित किया |
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी शक्तियों और विभिन्न संगठनों की ओर से आयोजित इस प्रदर्शन में जगमोहन सिंह, देवी प्रसाद व्यास, जितेन्द्र चौहान जित्ती, अवतार सिंह बिष्ट, अंजना उनियाल वालिया, जबर सिंह पावेल, मोहन खत्री, जोतसिंह बिष्ट, मुन्नी खंडूरी, प्रदीप कुकरेती, मोहन सिंह रावत, दीपू सकलानी अनिल जोशी, नरेश चंद्र भट्ट, पीसी थपलियाल, उर्मिला शर्मा, शिवप्रसाद सेमवाल, बाबी पंवार, फुटबाल कोच जितेन्द्र रावत, सतेन्द्र भंडारी विशंभर बौठियाल, प्रमिला रावत आदि के साथ उक्रांद और आप के साथ विभिन्न राजनैतिक दलों और संगठनों के सैंकड़ों कार्यकर्ता और राज्य के बेरोजगार युवा एवं मातृ शक्ति भी शामिल रहे ।
जिला प्रशासन आपदाग्रस्त क्षेत्रों में निरंतर रूप से नजर बनाए हुए हैं : जिलाधिकारी
पौड़ी (यमकेश्वर), जनपद में अतिवृष्टि होने से बिते मंगलवार देर रात यमकेश्वर विकासखंड के अंतर्गत कांडी गांव में चार गौशालाएं ढह गई। जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान स्वयं आपदाग्रस्त क्षेत्रों में जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर व क्षेत्र में हुए नुकशान का भी जायजा ले रहे हैं।
विकासखंड यमकेश्वर के कांड़ी गांव में बारिश होने से गौशाला ढह गई, जिसमें गाय, बकरी व मुर्गियों की मलबे में दबकर मृत्यु को गई। जिलाधिकारी ने आपदाग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने पीड़ित परिवारों को हर सम्भव मदद दिये जाने का आश्वासन दिया। उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिये कि गौशाला के अंदर मलबे से दबकर हुई गाय, बकरी व मुर्गियों की मृत्यु का मुआवजा पीड़ित परिवारों को समय पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन आपदा प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर नजर बनाए हुए हैं।
वहीं जिलाधिकारी ने यमकेश्वर के अंतर्गत दमराड़ा गांव स्थित झूलते विद्युत तारों व मोटर मार्ग का निरीक्षण किया। उन्होंने विद्युत विभाग को निर्देश दिये कि तत्काल झूलते तारों को ठीक करना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने सड़क मार्ग में पानी की निकासी न होने पर लोनिवि के अधिकारी को जल्द पानी की निकासी के लिए नाली बनाने के निर्देश दिये।
निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी यमकेश्वर आकाश जोशी, नायब तहसीलदार किशोर रौतेला, राजस्व उपनिरीक्षक नरेंद्र सिंह, अमित तोमर सहित अन्य उपस्थित थे।
भीषण सड़क दुर्घटना : खाई में गिरी कार, पूर्व ग्राम प्रधान सहित चार की मौत
पौड़ी, उत्तराखण्ड़ के कोटद्वार में लैंसडौन तहसील के गुमखाल-सारी मोटरमार्ग के खराब स्थित के कारण बीते मंगलवार की रात को चार लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी।
दुर्घटना लैंसडौन तहसील के गुमखाल-सारी मोटरमार्ग पर हुई, जहां बीती रात 8 बजे देवडाली निवासी चार लोग अपने गांव गुमखाल से देवडाली के लिए आल्टो कार से निकले, मगर गुमखाल से 200 मीटर की दूरी पर सड़क की घटिया स्थित के कारण उनकी कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। कार के गिरने की सूचना मिलने पर आसपस लोग ओर पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा, काफी मशक्कत के बाद एसडीआरएफ की टीम द्वारा चार शवों को गहरी खाई से निकाला गया। वहीं मृतकों की पहचान देवडाली निवासी चंद्र मोहन बिष्ट, दिनेश बिष्ट, अतुल बिष्ट ओर चुना बिष्ट के रूप में हुई है।
जबकि इस मार्ग के ख़राब स्थित को लेकर ग्रामीणों ने शासन प्रशासन को बार शिकायत की, मगर आज तक शासन प्रशासन के कानों तक जूं तक नही रेगी।
दो माह पूर्व में ग्राम सारी में सरकार जनता द्वारा में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के विशेष सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम से इस मार्ग को लेकर शिकायत की मगर किसी ने जरा भी इन ग्रामीणों की नही सुनी ओर आज नतीजा यह है कि चार परिवारों के लोगो को अपनी जान गवानी पड़ी।
अब बड़ा सवाल है आखिर शासन प्रशासन और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को नई सड़क खोदने में क्या दिलचस्पी है, क्यों वर्षो पुरानी सड़को को ठीक नही किया जा रहा है। आखिर कब तक ग्रामीणो की जिंदगी से खेला जायेगा ।
राज्य आंदोलनकारी संदीप उनियाल का निधन, पहाड़ी से पत्थर गिरने और अत्यधिक कोहरे के कारण हुई दुर्घटना
उत्तरकाशी, राज्य आंदोलनकारी एवं रेनुका समिति के अध्यक्ष एवं आपदा प्रबंधन जन मंच के महासचिव, प्रदेश काया कल्प के सदस्य सामाजिक सरोकारों के प्रमुख स्तंभ सामाजिक कार्यकर्ता श्री संदीप उनियाल उत्तरकाशी से देहरादून आते हुये मंगलवार की सायं पहाड़ी से अचानक आए पत्थर और अत्यधिक घने कोहरे के कारण वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो गया जिसमें संदीप उनियाल की मौके पर ही मौत हो गई। वे अपने पीछे पत्नी व एक पुत्र छोड़ गए, पुत्र पंजाब से कृषि से बीटेक की पढ़ाई कर रहा है।
विगत तीन दशकों से संदीप उनियाल देहरादून, टिहरी व जनपद उत्तरकाशी के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका संवर्धन, नशा मुक्ति, आपदा प्रबंधन एवं न्यूनीकरण पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयासरत रहे। 2012, 13 की प्राकृतिक आपदा के दौरान संदीप उनियाल के द्वारा दिल खोल कर मदद कि गई, बाज़ार और गांव से राशन मांग मांग कर आधे रास्ते में फंसे यात्रियों भोजन की व्यवस्था की, तीर्थ यात्रियों को उत्तरकाशी से देहरादून पहुंचाने में जिला प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया।
परम्परागत फसलों को बाज़ार दिलाने के लिए उनके द्वारा बेहतरीन प्रयास किया गया। कोविड़ 19 के दौरान संदीप उनियाल उत्तरकाशी के सीमांत किसानों के लिए देवदूत साबित हुए। उनके द्वारा मातली में रेणुका जूनियर हाई स्कूल की स्थापना की गई।
लंबे समय तक साथ कार्य करने वाले द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने बताया कि संदीप उनियाल जी सामाजिक कार्य के लिए दिन रात तैयार रहते थे। कोवीड 19 के दौरान किसानों कि खड़ी नगदी फसलों के बाजारीकरण के लिए वे खुद पलादार तो कभी ड्राईवर बन जाते थे। क्योंकि तब 1 या 2 लोगों की परमिशन ही मिल पाती थी। जीवन भर आपदा प्रभावितों के लिए कार्य करने वाले संदीप उनियाल आज खुद ही आपदा की भेंट चढ़ गए। उनके जाने से उत्तरकाशी ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण उत्तराखंड को छती हुई है। हम लोग लगभग ढाई दशक से मिल कर कई मुद्दों पर साथ मिल कर कार्य कर रहे थे वे हमेशा खुद पीछे रह कर अपने साथियों को आगे रखते थे। जितना भी हो सकता था वे करते थे।
संदीप उनियाल की मृत्यु पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ,कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, अपर सचिव प्रशांत आर्य, जिलाधिकारी उत्तरकाशी अभिषेक रूहेला, मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित, गोपाल थपलियाल, जगमोहन, नागेन्द्र दत्त सहित कई गणमान्य व्यक्ति यो ने दुख व्यक्त किया |
नई पहल- पुलिस अधीक्षक ने की जनसंवाद कार्यक्रम की शुरुआत
रुद्रप्रयाग- आम जनता की बात पुलिस तक पहुंचे व जन समस्याओं का तत्काल निराकरण करने के उदेश्य से पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने जनपद रुद्रप्रयाग में नई पहल शुरू की है। अब पुलिस जनता की समस्याओं को सुनने के लिए जनता के बीच पहुंचकर जनता के साथ संवाद करेगी। इस जनसंवाद कार्यक्रम को थाना दिवस के रूप में मनाया जायेगा।
आज पुलिस अधीक्षक, रुद्रप्रयाग डॉ0 विशाखा अशोक भदाणे की अध्यक्षता में कुछ माह पहले नवसृजित रिपोर्टिंग पुलिस चौकी दुर्गाधार क्षेत्र के लोगों के साथ थाना दिवस के अवसर पर जनसंवाद किया गया।
जनसंवाद कार्यक्रम के अवसर पर सम्बन्धित स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग का स्वागत किया गया। महिला मंगल दल एवं प्राथमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने स्वागत गान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। तत्पश्चात जनप्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त कर पुलिस की इस पहल का स्वागत किया गया। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि उनके क्षेत्र में स्वयं पुलिस अधीक्षक ने आकर उनकी समस्याओं को जानने एवं सुनने का प्रयास किया है। इस बीच उपस्थित जनसमुदाय से प्राप्त सुझावों पर यथोचित कार्यवाही किये जाने हेतु अधीनस्थ चौकी प्रभारी को आवश्यक निर्देश दिये गये। इस अवसर पर वक्ताओं के स्तर से पुलिस द्वारा किये जा रहे आवश्यक सहयोग, किसी भी सूचना पर तुरन्त प्रतिक्रिया देते हुए तत्परता से पुलिस के पहुंचने, निरन्तर जन-जागरुकता करने व इस क्षेत्र के कुछ असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर रोक लगने सम्बन्धी कार्यों के साथ ही इस क्षेत्र के सनबैण्ड एवं मौणधार में शराबियों के आतंक से निजात दिलाने हेतु गश्त किये जाने, दूरस्थ ग्रामों में भी पुलिस की पहुंच होने, टैक्सी स्टैण्ड पर वाहन को लगवाये जाने, एवं इस क्षेत्र में प्रसूति अस्पताल होने व समय-समय पर ऐसे जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किये जाने विषयक सुझाव प्राप्त हुए। सभी लोगों के सुझाव एवं समस्याओं को सुनने के उपरान्त प्रभारी निरीक्षक कोतवाली रुद्रप्रयाग ने अपने सम्बोधन में कहा कि यहॉं पर पुलिस चौकी खुले लगभग 06 माह का समय हो चला है, ऐसे में यहॉं की जनता का पुलिस के प्रति सकारात्मक रवैया निकट भविष्य में पुलिस को और अधिक ऊर्जा के साथ कार्य करने का अवसर देगा। जो कुछ भी कमियॉं पुलिस के स्तर से रह गयी होंगी, उनको धीरे-धीरे सही करने का प्रयास किया जायेगा।
पुलिस उपाधीक्षक रुद्रप्रयाग ने अपने सम्बोधन में कहा कि पुलिस भी आपके ही बीच से है, हमारा ध्येय पीड़ित केन्द्रित पुलिसिंग पर है। पुलिस अधीक्षक, रुद्रप्रयाग महोदया के निर्देशन में यहॉं पर तैनात चौकी प्रभारी सहित जनपद के हरेक क्षेत्र में आम जनमानस की सहायता करने के साथ ही पुलिस के स्तर से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। हम लोग संविधान के दायरे में रहकर नियमों एवं कानून का पालन कर रहे हैं। आप लोग अपनी किसी भी प्रकार की समस्या को डायल 112 के माध्यम से भी बता सकते हैं, साथ ही उत्तराखण्ड पुलिस ऐप के माध्यम से भी अपनी समस्या रख सकते हैं। पुलिस आपकी सूचनाओं के आधार पर ही कार्य करती है, अतः आप अपनी किसी भी प्रकार की समस्या हमें अवश्य बतायें।
पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने उपस्थित समस्त मातृ शक्ति, जनप्रतिनिधिगण, एवं स्थानीय निवासियों का पुलिस द्वारा आयोजित किये कार्यक्रम में उपस्थिति का आभार प्रकट किया गया। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि वे स्वयं यहां की जनता के बीच आकर जनसंवाद करना चाहती थीं, और इसका आज अवसर प्राप्त हुआ है। आज प्राप्त सुझावों एवं समस्याओं को उनके द्वारा नोट कर लिया गया है, पुलिस विभाग से सम्बन्धित समस्याओं पर अधीनस्थों के माध्यम से आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करायी जायेगी व अन्य विभागों से सम्बन्धित सुझावों व समस्याओं को सम्बन्धित विभागों से साझा किया जायेगा। यहॉं पर पुलिस चौकी की स्थापना होने से लोगों में वास्तविक रूप से खुशी हुई है, जैसा कि लोगों ने अपने सम्बोधन में स्वयं ही बताया कि अब असामाजिक तत्व स्वयं ही दूर हो गये हैं, जबकि पुलिस के स्तर से उनको हटाने के लिए बल प्रयोग भी नहीं करना पड़ा। उनके द्वारा आश्वस्त किया गया कि पुलिस लोगों की सहायता के लिए है, असामाजिक तत्वों पर पुलिस के स्तर से कठोर कार्यवाही की जायेगी, पुलिस के प्रति लोगों में विश्वास बढ़े, ऐसा कार्य करेंगे। उत्तराखण्ड पुलिस का ध्येय वाक्य “मित्रता सेवा सुरक्षा सेवा है”, हमारा पूरा प्रयास है कि हम आप लोगों के साथ इसी भावना के साथ कार्य करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने बताया कि लोगों के सुझाव के समय यह बात आयी थी कि पुलिस ने सत्यापन पर बहुत अच्छा कार्य किया है, उनके द्वारा बताया गया कि सत्यापन होने से चाहे कोई भी हो उसे भी यह जानकारी रहती है कि उसका रिकार्ड पुलिस के पास है, वह भी अपराध करने से पहले सोचता है, ऐसे में स्थानीय लोगों को भी उनके घरों या प्रतिष्ठानों में रह रहे बाहरी लोगों के सत्यापन के लिए स्वयं से भी आगे आना चाहिए। आज की नई पीढ़ी को नियंत्रित रखे जाने की आवश्यकता है, कहीं बच्चों के बर्ताव में कोई परिवर्तन तो नहीं आ रहा है, नशाखोरी या नशे के विक्रय या नशे का सेवन करने वाले लोगों की सूचना पुलिस को देने हेतु बताया। हमारे प्रदेश की ड्रग्स फ्री देवभूमि बनाने में रुद्रप्रयाग पुलिस निरन्तर कार्य कर रही है। इसी प्रकार से पुलिस के स्तर से अवैध शराब तस्करी के विरुद्ध भी प्रभावी कार्यवाही की गयी है। लोगों से अपील की गयी कि वे ऐसे लोगों के सम्बन्ध में पुलिस को सूचना अवश्य दें। मोबाइल फोन जहॉं एक ओर उपयोगी है वहीं इसके कई नुकसान भी हैं, आर्थिक धोखाधड़ी की सम्भावनाओं को रोकने के लिए अपनी जानकारी किसी से साझा न करें, ओटीपी या आधार का नम्बर किसी से साझा न करें। आपको किसी भी प्रकार की कॉल आने पर तुरन्त उस पर विश्वास न करें, बल्कि उसे वैरिफाई अवश्य करें। युवा पीढ़ी को भी सोशल मीडिया में होने वाले फ्रॉड से बचने की आवश्यकता है। प्रलोभन वाली कॉल्स से स्वयं एवं अपने परिवार को बचायें। यहाँ पर हमारी पुलिस चौकी है किसी भी समस्या के समाधान हेतु उनके पास जरूर जायें। पुलिस के स्तर से आपकी यथासम्भव मदद की जायेगी। पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने उपस्थित सभी महानुभावों, जनप्रतिनिधियों, मातृशक्ति एवं जनमानस का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सुनीता बर्त्वाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य बोरा श्रीमती सुलेखा देवी, सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती दुर्गा देवी, सामाजिक कार्यकर्ता श्री गम्भीर बिष्ट, व्यापार संघ अध्यक्ष श्री योगम्बर कुनियाल, सामाजिक कार्यकर्ता श्री प्रहलाद गुसाईं, ग्राम प्रधान सन श्री विकास नौटियाल, ग्राम प्रधान मयकोटी श्री अमित प्रदाली, उप प्रधान ग्राम बोरा श्री हरीश गुसाईं, श्री मानेन्द्र कुमार, सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मातृशक्ति, स्थानीय जनमानस, स्कूली छात्र-छात्रायें व पुलिस विभाग रुद्रप्रयाग से पुलिस उपाधीक्षक रुद्रप्रयाग प्रबोध कुमार घिल्डियाल, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली रुद्रप्रयाग जयपाल सिंह नेगी, चौकी प्रभारी दुर्गाधार योगेश कुमार, प्रभारी आशुलिपिक/सोशल मीडिया सैल नरेन्द्र सिंह व चौकी दुर्गाधार का पुलिस स्टाफ उपस्थित रहा।
बैगुल नदी में बाढ़ से टूटा बंधा, दर्जनों घरों में घुसा बाढ़ का पानी
प्रशासन ने शुरू किया रेस्क्यू अभियान, दर्जनों लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया
सितारगंज। पहाड़ी क्षेत्र सितारगंज के आसपास लगातार मूसलाधार बारिश के चलते बेगूल नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि हो गई। बाढ़ से बमनपुरी गांव के निकट बनाया गया बंधा टूट गया। इसके अलावा एक अन्य बंधा क्षतिग्रस्त हो गया। बंधे क्षतिग्रस्त होने से निकटवर्ती बमनपरी में करीब आधे दर्जन लोगों के घरों में पानी घुस गया। बाढ़ आने की सूचना पर प्रशासन सक्रिय हो गया और प्रभावित गांव वमनपुरी में रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। प्रभावित घरों के लोगों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इधर बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों ने प्रशासन के प्रति आक्रोश जताते हुए कहा कि सिंचाई विभाग को को बार -बार बाढ़ को लेकर चेताया गया। उसके बाद सिंचाई विभाग में ग्रामीणों की कोई सुध नहीं ली। ग्रामीणों का कहना था कि अगर समय से बांध की मरम्मत की गई होती तो वह टूटता नहीं।
इधर लगातार मूसलाधार बरसात के चलते बैगुल का जलस्तर बढ़ने से रत्नफार्म झाड़ी गांव के 7,8 व 9 नंबर के कई घरों में पानी घुस गया। सूचना पर पहुचा जिला प्रशासन व एनडीआरफ की टीम ने 100 से अधिक लोगो को निकालने के लिए रेस्क्यू किया। प्रशासन ने रेस्क्यू किये लोगो को अन्य स्थानों में ठहराकर की खाने-पीने की व्यवस्था कराई गई। अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह ने कहा रेस्क्यू अभियान जारी है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। हालांकि पानी कम होने की वजह से कुछ लोग घरों से नहीं आ रहे हैं। उनसे आग्रह किया जा रहा है कि वह सुरक्षित स्थान पर चले जाएं। नहीं तो प्रशासन को सख्ती करनी पड़ेगी। इस मौके पर उपजिलाधिकारी खटीमा रविन्द्र बिष्ठ,तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी, सप्लाई इंस्पेक्टर के0के0 बिष्ठ,राजस्व निरीक्षक सरदार सुरजीत सिंह,दीपक कुमार,रामअवतार, स्वास्थ्य विभाग से डॉ चित्रा पांडेय,डॉ इरफान,ब्लाक प्रमुख पलविंदर सिंह,वरिष्ठ भाजपा नेता सरदार सुखदेव सिंह! इधर युवा भाजपा नेता व टीम मुस्कराया इंडिया के अध्यक्ष दयानंद तिवारी ने अपनी टीम के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर लोगों से मुलाकात की। साथ में उनका हालचाल जाना। उन्होंने लोगों को मदद का आश्वासन दिया साथ राहत सामग्री भी वितरित की टीम में पूर्व छात्र नेता अजय कठायत, परवेश पटौदी जीनू, मोहित बिष्ठ,अमित भंडारी,राजू नगदली, अंकुर शाह,भुवन नेगी आदि लोग शामिल रहे!
17 वर्षो बाद हो रहे नन्दा देवी डाली कौथिग (पात-बीडा) की तैयारियों में जुटे ग्रामीण
(देवेन्द्र चमोली)
“क्वीली, गांव में प्रसिद्ध नन्दा राज जात की तर्ज पर 12 वर्षो बाद होने वाला यह धार्मिक आयोजन कतिपय कारणों से इस बार 17 वर्षो बाद 17 अगस्त से 25अगस्त तक आयोजित होने जा रहा है। 9 दिवसीय इस पर्व का मुख्य आकृर्षण 24 को डाली कौथीग रहेगा। जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद है“
रूद्रप्रयाग- न्याय पंचायत चोपडा के ग्राम क्वीली, कुरझण में होने वाले आराध्य देवी नंदा पात बीडा (डाली कौथीग) की तैयारियां जोरों पर चल रही है। आयोजन समिति द्वारा 15 अगस्त से होने वाले 9 दिवसीय इस भब्य धार्मिक आयोजन के घोषिय कार्यक्रम के अनुसार तैयारियां की जा रही है।
इस बार यह धार्मिक अनुष्ठान 17 साल के अंतराल बाद होने जा रहा है। लम्बे अंतराल के बाद होने के कारण इस बार कौथीग में हजारों की संख्या में धियांणियों सहित श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने की सम्भावना है।
बता दें कि जनपद की न्याय पंचायत चोपडा के क्वीली, कुरझण, बड़कोटी, पाली जैखण्डा, सणगू, टेमना के पुरोहित वंशजो द्वारा अपनी आराध्य देवी मां नंदा पात बीडा डाली कौथीग का आयोजन किया जाता है। जिसमें समस्त क्षेत्र के श्रद्धालु बढ़ चढ़कर भागीदारी करते हैं। क्वीली कुरझण एवं बड़कोटी गांव के ग्रामीणों द्वारा इस वर्ष यह आयोजन 17 अगस्त 2023 से आरम्भ होकर 25 अगस्त 2023 तक होगा। इस महोत्सव का मुख्य आकर्षण डाली कौथीग (पाती ) 24 अगस्त 2023 को आयोजित होगी। महादेव पुरोहित, मोतीराम पुरोहित सहित आयोजन की तैयारियों मे जुटे सुभाष पुरोहित ने बताया कि इस 9 दिवसीय महोत्सव में 17 अगस्त भाद्रपद संकान्ति से देवी का पूजन आरम्भ एवं हरियाली रोपण व देवी के जागर गायन प्रारम्भ होंगे। 21 अगस्त को पंचमी तिथि में बीड़ा (बीज रोपण) और 22 अगस्त भाद्रपद 6 प्रविष्टे षष्टी तिथि को बीड़ा जल यात्रा आयोजित होगी।
इसी क्रम में 23 अगस्त भाद्रपद सप्तमी तिथि को विस्तृत देवी पूजन के साथ नंदा डाली को क्वीली गाँव के नंदा चौक में लाया जाएगा। 24 अगस्त अष्टमी तिथि को डाली का श्रृंगार, हवन, पूजन, पांडव पूजन, फल पुष्प एवं प्रसाद वितरण एवं डाली विसर्जन के साथ मां नन्दा की विदाई होगी। 25 अगस्त को नवमी तिथि में बीड़ा एवं हरियाली का वितरण होगा।