Friday, June 20, 2025
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अपनी नई एल्बम को लेकर चर्चाओं में है सौरभ मैठाणी

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मसूरी (दीपक सक्सेना)। उत्तराखंड के गढवाली गीतों को अपनी आवाज के जादू से लोगों से मोहित करने वाले युवा लोक गायक सौरभ मैठाणी अपनी नई एलबम को लेकर खासे चर्चाओं में हैं। एलबम में उनके गाये गीत को खासा पसंद किया जा रहा है। अपने गीतों से लोगों को मंत्र मुक्त कर देने वाले सौरभ मैथाणी इन दिनों अपनी नई एल्बम को लेकर चर्चाओं में है और उनकी नई एल्बम के गीत को लोगों द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है। पहाड़ी गीतों से अपनी पहचान बनाने वाले युवा लोक गायक सौरभ मैठाणी ने पत्रकारों को बताया कि उनकोे जनता का बहुत प्यार मिल रहा है। मैथाणी ने बताया कि उनके गीतों को खूब पसंद किया जा रहा है और वह पहाड़ की संस्कृति और सभ्यता के अनुसार ही गीतों को लोगों तक पहुंचाते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 5 से 10 वर्षों के बीच सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिए पहाड़ी गीत संगीत को युवा भी बहुत पसंद कर रहे हैं और इस दौरान गीतों का स्तर भी बहुत अच्छा हुआ है और लोगों के बीच पहाड़ी कलाकार भी बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा 40 से 45 पहाड़ी गीत गाए गए हैं जिन्हें बहुत पसंद किया गया है। उन्होंने कहा कि उनका नया एल्बम पहाड़ के पलायन पर आधारित है और इसे बहुत पसंद किया जा रहा है। मसूरी एक कार्यक्र्रम में पहुचे सौरभ मैठाणी ने कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति पर आधारित गीत अब बहुत पसंद किए जा रहे हैं। पहले पहाड़ के युवा पहाड़ी गीतों को कम पसंद करते थे लेकिन अब सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से गाये गीतों के प्रति युवाओं का रूझान बढ रहा है जो उत्तराखंड के लिए बहुत ही अच्छी बात है। उन्होंने बताया कि उनके गीत मेरी सपना स्याली, नया गीत पलायन पर आधारित गीत, उचां उचां सेंडिल पैरोलू, भजन तू रदीं उचंा पहाडों मां आदि। उन्होंने कहा कि अगर हमें अपनी संस्कृति बचानी है तो इसके प्रति जागरूक रहना होगा व अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम रखना होगा। इसके लिए अपने गीत सुनने चाहिए चाहे वह किसी भी प्रदेश व क्षेत्र के हो अपनी संस्कृति को बढावा देना चाहिए। अपने खान पान, पहनावा, वाद्ययंत्रों, बीर भडो, मंदिर मठो का पता होना चाहिए। क्यो कि राज्य संस्कृति से ही चलता है। उत्तराखंड के जो गीत होते हैं वह अपनी संस्कृति से ही जुड़े होते हैं चाहे श्रृंगार के गीत हो देवी देवताओं के गीत हो या अन्य गीत हों। उन्हांेने कहा कि अब जो एलबम आ रही है उसमें तकनीकि रूप में बड़ा सुधार हुआ है।

बदरीनाथ-केदारनाथ, गंगोत्री चारों धामों पर सामने आया अपडेट, इस दिन बंद होंगे कपाट

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देहरादून। उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 पर एक बहुत बड़ा अपडेट सामने आया है। दशहरा के अवसर पर बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तारीख और समय का ऐलान हो गया है। केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री धामों के कपाट बंद होने की तारीख भी तय हो गई।
भगवान बद्रीविशाल के कपाट बंद होने की तिथि 18 नवम्बर 2023 को तय की गई है। श्रद्धालुओं के लिए धाम के कपाट दोपहर 3 बजकर 33 मिनट पर बंद कर दिए जाएंगे।
दशहरे के शुभ अवसर पर बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी के सानिध्य में धर्माधिकारी पंडित राधाकृष्ण थपलियाल ने पंचांग अध्ययन कर शुभ मुहूर्त निकालकर तारीख बंद करने का ऐलान किया था। इसके बाद रावल जी और धर्माधिकारी ने इसकी घोषणा की।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। वर्तमान यात्रा काल में अब तक रिकॉर्ड 16 लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर चुके हैं। विदित हो कि चार धाम यात्रा का शुभारंभ होने के साथ ही दिल्ली-एनीसीआर, यूपी, एमपी, राजस्थान, गुजरात आदि राज्यों से भारी मात्रा में तीर्थ यात्री दर्शन करने को उत्तराखंड पहुंचे थे। मानसून सीजन में बारिश की वजह से तीर्थ यात्रियों की संख्या में कमी देखी गई थी। लेकिन, बारिश थमने के बाद एक बार फिर चार धाम यात्रा ने जोरदार रफ्तार पकड़ी।
केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट बंद होने की यह तारीख
चार धाम यात्रा पर केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट बंद होने की तारीख का भी ऐलान हो चुका है। भगवान ‘शिव’ को समर्पित केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज के शुभ अवसर पर 15 नवंबर को बंद किए जाएंगे। जबकि, गंगोत्री धाम के कपाट 14 नवंबर और यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे। भगवाव की पूजा-अर्चना उनके शीतकालीन निवास पर की जाएगी।
चार धाम यात्रा में नया रिकार्ड, 50 लाख पार हुआ यात्रियों का आंकड़ा
चारधाम यात्रा में इस वर्ष यात्रियों की संख्या के सभी रिकार्ड तोड गए। इस वर्ष चारधाम पहुंचने वाले यात्रियों का आंकड़ा 50 लाख पार हो गई है। यात्री संख्या में इजाफे में ऑल वेदर रोड को भी अहम माना जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने 27 दिसंबर 2016 को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑल वेदर रोड की आधारशिला रखी थी। इस वर्ष सरकार का भी यात्रा पर विशेष फोकस रहा।

चार धाम यात्रा के तीन साल:
2021 5.18 लाख (कोविड से बाधित)
2022 46.27 लाख
2023 50.12लाख (16 अक्टूबर तक )

 

दशहरे के दिन सड़क हादसे की खबर, यात्रियों से भरी बोलेरो नदी में गिरी, 6 लोगों की मौत की खबर

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पिथौरागढ़, दशहरे के दिन उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से दर्दनाक हादसे की खबर सामने आ रही है। धारचूला लिपुलेख रोड पर दर्दनाक हादसा हो गया है। बताया जा रहा है यहां यात्रियों से भरा बोलेरो वाहन लखनपुर के पास काली नदी में समा गया है। सूचना पर पुलिस प्रशासन एसडीआरएफ की टीम मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी है। प्रारंभिक सूचना के मुताबिक इस हादसे में 6 लोगों की की आंशका है। वाहन में कितने लोग सवार हैं इसकी जानकारी फिलहाल नहीं मिल पायी है, आपको बता दें कि सभी यात्री आदि कैलाश के दर्शन कर लौट रहे थे। पुलिस एसडीआरएफ टीम मौके पर रेस्क्यू कर रही है । बताया जा रहा है अंधेरा होने के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।

जानकारी के मुताबिक वहां में सवार 6 लोगों का परिचय
1- Sathybrada paraida, 59 yrs.
2- Neelala Pnanol 58yrs.
3- Manish Mishra 48yrs.
4- Pragya 52 yrs.
5- Himanshu Kumar 24 yrs.
6- Birendra Kumar 39 yrs.
मौके पर थाना पांग्ला पुलिस, थाना धारचूला पुलिस व एसडीआरफ मौजूद है। उक्त स्थान पर नेटवर्क नहीं होने के कारण टीम से संपर्क नहीं हो पा रहा है। टीम से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।

One time investment, पैसा डालते ही मिलने लगता है वापस, क्या है LIC की ये स्कीम

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नई दिल्ली. देश की सबसे बड़ी सरकारी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की एक ऐसी स्कीम है रिटायरमेंट के बाद के जीवन के लिए सर्वोत्तम है. इसमें आपको एक बार निवेश करना है और फिर आजीवन आपको पेंशन मिलती रहती है.

इस योजना में आपको 40 की उम्र के बाद से ही पेंशन मिलना शुरू हो जाती है. हम बात कर रहे हैं (LIC Saral Pension Yojana) की. यह एक इमीडिएट एन्यूटी प्लान है.

इस योजना का लाभ सिंगल लाइफ और दूसरा जॉइंट लाइफ 2 तरह से लिया जा सकता है. सिंगल लाइफ में पॉलिसीधारक को ताउम्र पेंशन मिलेगी. उनके निधन के बाद पैसा नॉमिनी को वापस कर दिया जाएगा. दूसरे टाइप में पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद उसके जीवनसाथी को पेंशन का फायदा मिलेगा. इस योजना के लिए न्यूनतम उम्र 40 साल और अधिकतम उम्र 80 साल है.

शुरुआत से ही पेंशन
पॉलिसी लेने के साथ ही इसमें आपको पेंशन मिलना शुरू हो जाती है. इस स्कीम को आप अकेले या पति-पत्नी साथ मिलकर भी ले सकते हैं. इसे आप पॉलिसी शुरू होने के 6 महीने बाद कभी भी सरेंडर कर सकते हैं. इसमें आप न्यूनतम 1000 रुपये की मासिक पेंशन ले सकते हैं. यानी साल की आपको कम-से-कम 12000 रुपये पेंशन मिलेगी. योजना से अधिकतम पेंशन की कोई लिमिट नहीं है. पेंशन आपके द्वारा निवेशित राशि पर निर्भर करती है. आप मासिक, तिमाही, छमाही और वार्षिक पेंशन में से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं.

कितनी मिलेगी पेंशन
यह 2 चीजों पर निर्भर करता है. पहला कि आपकी आयु कितनी है और दूसरा आप एकसाथ कितना पैसा देकर एन्युटी खरीद रहे हैं. उदाहरण के लिए अगर आप 42 साल के हैं और आप 30 लाख रुपये की एन्यूटी खरीदते हैं तो आपको हर महीने 12388 रुपये की पेंशन मिलती रहेगी. इसी तरह उम्र बढ़ने के साथ इतने ही निवेश पर पेंशन घटती जाती है. वहीं, एकमुश्त निवेश की रकम बढ़ने पर आपकी पेंशन बढ़ जाएगी. ध्यान दें कि पॉलिसीधारक जमा रकम पर लोन भी उठा सकता है. हालांकि, इसके लिए 6 महीने का इंतजार करना पड़ता है. इस प्लान को ऑनलाइन खरीदने के लिए आप एलआईसी की आधिकारिक वेबसाइट www.licindia.in पर विजिट कर सकते हैं.

शादी का झांसा देकर किया दुष्कर्म, केस दर्ज

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देहरादून।  तलाकशुदा महिला को शादी का झांसा देकर युवक लंबे समय तक दुष्कर्म करता रहा। आरोप है कि उसने पीड़िता के गहने भी बिकवा दिए और कई हजर रुपये रकम भी ली। शादी का वक्त नजदीक आया तो आरोपी दूरी बनाकर फरार हो गया। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। एसओ नेहरू कॉलोनी लोकेंद्र बहुगुणा ने बताया कि एक महिला ने तहरीर दी। कहा कि उसका संपर्क अरपान गोयल नाम के युवक से हुआ। दोनों में दोस्ती हुई तो आरोपी पीड़िता से शादी करने की बात कहता। उसके बहकावे में आकार पीड़िता ने अपने पति से तलाक लिया और आरोपी के साथ लिवइन में रहने लगी। इस दौरान लगातार आरोपी पीड़िता संग शारीरिक संबंध बनाता रहा। कहा कि आगामी तीन नंवबर को दोनों को शादी आर्य समाज मंदिर में करनी तय थी। इस बीच आरोपी ने शादी से मना कर दिया। पीड़िता का आरोप है कि उसने साथ में रहते हुए पीड़िता के दो लाख रुपये के गहने बिकवा दिए। इसके अलावा भी कई हजार रुपये उससे उधार लिए। आरोप है कि निजी पलो की वीडियो बनाकर उसे वायरल कर बदनाम करने की धमकी भी दी। एसओ नेहरू कॉलोनी लोकेंद्र बहुगुणा ने बताया कि आरोपी अरपाल गोयल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

झारखंड की धार्मिक-आध्यात्मिक राजधानी के रूप में प्रसिद्ध देवघर में क्यों नहीं जलता है रावण …?

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रांची, दशहरे पर पूरे देश में जगह-जगह पर रावण और कुंभकर्ण के विशालकाय पुतले जलाए जा रहे हैं, लेकिन झारखंड के देवघर शहर में ऐसे आयोजन को निषिद्ध माना जाता है। देवघर यानी बाबाधाम, झारखंड की धार्मिक-आध्यात्मिक राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है, जहां रावण के पुतले नहीं जलाए जाने के पीछे एक खास मान्यता है।

देवघर में भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक कामना महादेव स्थापित हैं, जिनकी ख्याति रावणेश्वर महादेव के रूप में भी है। मान्यता है कि लंकाधिपति रावण इस ज्योतिर्लिंग को लंका ले जा रहे थे, लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनी कि इसकी स्थापना देवघर में ही हो गई। ऐसे में इस नगर के लोग रावण के प्रति “कृतज्ञता” का भाव रखते हुए विजयादशमी पर उसके पुतले नहीं जलाते।

देवघर यानी बाबाधाम मंदिर के तीर्थ पुरोहित प्रभाकर शांडिल्य बताते हैं कि ऐसा नहीं है कि इस नगर में रावण को बुराई का प्रतीक नहीं माना जाता, लेकिन हमारी संस्कृति में कृतघ्नता की परंपरा नहीं रही है। अगर किसी शत्रु ने भी जाने-अनजाने हम पर उपकार किया हो तो हम उसकी उस अच्छाई के प्रति आदर भाव रखते हैं। रावण एक महान शिवभक्त था। वह जब कैलाश से बैद्यनाथ के ज्योतिर्लिंग को लेकर आ रहा था तो भगवान विष्णु द्वारा रची गई माया के चलते उसे ज्योतिर्लिंग को देवघर की धरती पर रखना पड़ा और वे यहीं स्थापित हो गए। तब से यह स्थान बाबा नगरी के रूप में विख्यात है। रावण यहां ज्योतिर्लिंग की स्थापना का निमित्त बना, इसलिए यहां उसके पुतले जलाने की परंपरा नहीं है।

प्रभाकर शांडिल्य कहते हैं कि देश-विदेश में रावण का दहन बुराई के प्रतीक के संहार के तौर पर होता है। देवघर के लोग भी इस शाश्वत सत्य को स्वीकार करते हैं, लेकिन इसके बावजूद उसकी शिवभक्ति का हम सम्मान करते हैं। उल्लेखनीय है कि देवघर ज्योतिर्लिंग धाम के साथ-साथ शक्तिपीठ के रूप में भी विख्यात है। मान्यता है कि देवघर में माता सती का हृदय गिरा था। इसलिए यह इकलौता धाम है, जहां शिव और शक्ति की पूजा समान आस्था के साथ होती है(साभार उत्तम हिन्दू न्यूज)।

तवांग में रक्षा मंत्री ने की शस्त्र पूजा, सैनिकों की अटूट प्रतिबद्धता के साथ मनाया दशहरा पर्व

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नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शस्त्र पूजन किया और एक अग्रिम सैन्य स्थल पर सेना के जवानों के साथ दशहरा मनाया। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के साथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की सैन्य तैयारियों की व्यापक समीक्षा की और अटूट प्रतिबद्धता और अद्वितीय साहस के साथ सीमा की रक्षा करने के लिए सैनिकों की सराहना की। बुम-ला और कई अन्य अग्रिम चौकियों का दौरा करने के बाद सैनिकों के साथ बातचीत में सिंह ने कहा कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य के मद्देनजर देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। सिंह ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर सैनिकों के साथ दशहरा ऐसे समय मनाया है जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ स्थानों पर तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है।
रक्षा मंत्री तवांग युद्ध स्मारक भी गए, जहां उन्होंने चीन के साथ 1962 के युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को पुष्पांजलि और श्रद्धांजलि अर्पित की। तवांग बौद्ध धर्म का केंद्र है और महत्वपूर्ण रणनीतिक महत्व वाला प्रमुख क्षेत्र है। भारत पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में सैन्य बुनियादी ढांचे को बढ़ा रहा है। पिछले साल नौ दिसंबर को तवांग सेक्टर के यांग्त्से में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन के माध्यम से देश के सैन्य कौशल को मजबूत करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आप कठिन परिस्थितियों में जिस तरह से सीमा की रक्षा कर रहे हैं, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि देश के लोगों को आप पर गर्व है।’’ रक्षा मंत्री ने कठिन परिस्थितियों में सीमाओं की रक्षा करते हुए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि राष्ट्र और उसके लोग सुरक्षित हैं, सैनिकों के प्रति उनकी ‘दृढ़ भावना, अटूट प्रतिबद्धता और अद्वितीय साहस’ के लिए आभार व्यक्त किया। तवांग में सैनिकों के साथ शस्त्र पूजा (हथियारों की पूजा) करने के बाद, उन्होंने कहा कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। अपने संबोधन में उन्होंने सशस्त्र बलों के बहादुर जवानों की ‘सच्चाई और धर्म’ को विजयदशमी के त्योहार के लोकाचार का जीवंत प्रमाण बताया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों की वीरता और प्रतिबद्धता वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते कद के पीछे मुख्य कारणों में से एक है और यह अब सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है। सिंह ने आर्थिक क्षेत्र में भारत की सफलता को देश की बढ़ती वैश्विक छवि के कारणों में से एक बताया। लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अगर सशस्त्र बलों ने देश की सीमा की प्रभावी ढंग से रक्षा नहीं की होती, तो इसका कद नहीं बढ़ता। इटली के अपने हालिया दौरे का हवाला देते हुए रक्षा मंत्री ने मोंटोन स्मारक की अपनी यात्रा को याद किया जिसे द्वितीय विश्व युद्ध में मोंटोन को आजाद कराने के इतालवी अभियान में लड़ने वाले नायक यासवंत घाडगे और अन्य भारतीय सैनिकों के योगदान का सम्मान करने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि न केवल भारतीय, बल्कि इतालवी लोग भी स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि भारतीय सैनिकों की बहादुरी को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सिंह को एलएसी पर बुनियादी ढांचे के विकास और सैनिकों की परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों की तैनाती के बारे में जानकारी दी गई। सिंह पिछले कई वर्षों से दशहरा के दौरान ‘शस्त्र पूजा’ करते रहे हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में वह जब केंद्रीय गृह मंत्री थे तब भी वह आज के दिन ‘शस्त्र पूजा’ किया करते थे। भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ स्थानों पर तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। भारत कहता रहा है कि चीन के साथ उसके संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होती। सेना ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों सहित करीब 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी पर सैनिकों और हथियारों की तैनाती को काफी बढ़ा दिया है।

युवकों ने चालक और परिचालक के सिर पर रॉड से किया हमला, इस वजह से हुआ था विवाद

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ऋषिकेश, चंडीगढ़ से ऋषिकेश के बीच संचालित होने वाली हरिद्वार डिपो की बस के चालक और परिचालकों के साथ पांच युवकों का विवाद हो गया। विवाद के बढ़ने पर इन युवकों ने चालक परिचालक के सिर पर रोड से हमला कर इन्हें घायल कर दिया और बस के शीशे भी फोड़ दिए गए। घटना को लेकर पुलिस में शिकायत पत्र दिया गया है। दूसरे पक्ष की ओर से भी मारपीट का आरोप लगाया गया है। कोतवाली पुलिस को दिए शिकायत पत्र में परिवहन निगम की बस के परिचालक संदीप कुमार ने बताया कि रविवार की सुबह करीब 3:30 बजे वह बस के साथ ऋषिकेश बस अड्डा पहुंचे थे।
इस बीच हरिद्वार जाने के लिए पांच युवक बस में आए। परिचालक ने इन युवकों को बताया कि वह लंबे सफर से आए हैं। करीब 15 मिनट के बाद बस हरिद्वार जाएगी और वह चाय पीने चले गए। जब वह चाय पीकर बस में पहुंचे तो वहां पहले से बैठे इन पांच युवकों ने यह कहकर विवाद शुरू कर दिया कि तुमने बहुत देर कर दी। विवाद के बीच इन्होंने मारपीट शुरू कर दी। वही पास में रखे रॉड से संदीप के सिर पर वार किया, जिससे वह बेहोश हो गया। चालक सुनील कुमार सेन बचाने के लिए आया तो उसके सिर पर भी रॉड से हमला किया गया।
इन युवकों ने बस के आगे के दोनों शीशे भी क्षतिग्रस्त कर दिए। चालक परिचालक के घायल होने के कारण बस आगे रवाना नहीं हो पाई। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक केआर पांडेय ने बताया कि दूसरे पक्ष की ओर से भी मारपीट का आरोप लगाते हुए शिकायत पत्र दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

विजयदशमी का पर्व हमारे सामाजिक मूल्यों का प्रतिबिंब है-मुख्यमंत्री

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युगों-युगों से भगवान राम, भगवान कृष्ण की गाथाएं हमारे सामाजिक परिवेश में प्रेरणा एवं जागृति का रही है स्रोत

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की सनातन संस्कृति का हुआ पुनर्जागरण

मुख्यमंत्री ने 2025 तक उत्तराखण्ड को ड्रग फ्री देवभूमि बनाने का संकल्प लेने का किया आह्वान

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को परेड ग्राउण्ड में बन्नू बिरादरी दशहरा कमेटी द्वारा आयोजित दशहरा महोत्सव में शामिल हुए। मुख्यमंत्री द्वारा इस अवसर पर भगवान श्री राम एवं हनुमान जी की पूजा अर्चना के तत्पश्चात् रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतलों का दहन किया गया। मुख्यमंत्री ने सभी को विजयदशमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई तथा अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि वर्षों से हम रावण का दहन करते आ रहे है। रावण अधर्म एवं बुराई का प्रतीक था, इसलिये उसे हर वर्ष जलना होता है। उन्होंने कहा कि यह अवसर हमें समाज में जहां भी बुराई नजर आती है उसे दूर करने का भी सन्देश देता है। अच्छा इंसान बनकर ही हम अच्छे समाज व देश के निर्माण में सहभागी बन सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विजयादशमी का यह पर्व हमारे समाज के लिये एक सीख और सामाजिक मूल्यों का प्रतिबिंब है। यह पर्व हमारे सामूहिक शक्ति को प्रदर्शित करने, हमारी सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने, और सामाजिक बुराइयों को दूर करने की दिशा में प्रयास करते रहने की परंपरा को आगे बढ़ाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे त्यौहार, हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़े होने के साथ ही कृषि, नदियों, पहाड़ों और हमारे इतिहास से जुड़े हुए हैं। युगों-युगों से भगवान राम, भगवान कृष्ण की गाथाएं हमारे सामाजिक परिवेश में प्रेरणा एवं जागृति का स्रोत रही हैं। नवरात्रि के शुभ दिनों के बाद आज विजयादशमी के दिन रावण का पुतला दहन हमारी महान परंपरा का ही हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भगवान राम जिस संकल्प को लेकर अयोध्या से निकलते हैं, उसी संकल्प से वे एक बड़ी सामूहिक शक्ति का निर्माण करते हैं और रावण पर उनकी जीत में समाज के हर वर्ग की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण हुआ है। हम सभी जानते है कि प्रभु श्री राम का मंदिर अयोध्या में बनने को है। यह हमारा सौभाग्य है कि सैकड़ों साल के संघर्ष के बाद आज प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में वहां हम भव्य मंदिर बनते हुए देख रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश में भी भगवान राम, लक्ष्मण व माता सीता से जुडे कई स्थान है। हनुमान जी ने प्रदेश के द्रोणगिरी पर्वत से ही संजीवनी लेकर लक्ष्मण जी की जीवन रक्षा की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश का दुनिया में मान व सम्मान बढा है। देश में जी-20 देशों का सफल आयोजन इसका उदाहरण है। इस आयोजन में दुनिया ने नये भारत के सामर्थ्य तथा सांस्कृतिक वैभव को देखा। आज देश के अंदर एवं सीमाओं पर पूर्णतः शान्ति का माहौल है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि इस विजयादशमी पर प्रतिज्ञा लें कि हम 2025 तक, जब हम अपनी राज्य गठन की रजत जयन्ती मनाएंगे, अपने राज्य के लिए कुछ सकारात्मक योगदान देंगे तथा राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों का प्रदेश बनाने का संकल्प लें। हमें प्रदेश में मादक पदार्थों के बढ़ते उपयोग को रोकने एवं वर्ष 2025 तक पूर्ण लक्षित “Drug Free Devbhoomi” बनाने का संकल्प भी लेना होगा।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रेम चंद अग्रवाल, डा.धन सिंह रावत, विधायक श्री खजान दास, श्री बिनोद चमोली, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, अल्प संख्यक आयोग के अध्यक्ष डा. आर. के. जैन, बन्नू बिरादरी समिति के अध्यक्ष श्री सन्तोष नागपाल, प्रेम भाटिया, गगन सेठी सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा बडी संख्या में लोग उपस्थित थे।

समीक्षा बैठक : अधिकारी प्रतिभाग करने से पहले अपना होमवर्क कर बैठक में सम्मिलित हो : सीएम धामी

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अधिकारियों को निर्माणाधीन योजनाओं की जानकारी टिप्स होनी चाहिए : सीएम धामी

नैनीताल, प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि उन्हें अपनी निर्माणाधीन योजनाओं की जानकारी टिप्स में होनी चाहिए। अधिकारी बैठक में प्रतिभाग करने से पहले अपना होमवर्क कर बैठक में सम्मिलित हो, वहीं ड्रग्स फ्री अभियान हेतु पुलिस स्कूल, स्वयं सेवी संस्था, विभिन्न धार्मिक संगठनों के साथ मिलकर जनजागरूकता अभियान चलाकर लोगो को जागरूक करे और नशे की गिरफ्त से दूर कर बीस दिन के भीतर आपदा मानकों के अनुरूप खस्ताहाल सड़कों, जीर्ण शीर्ण विद्यालय और आगनवाड़ी केंद्रों के प्रस्ताव उपलब्ध कराए जाए ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हल्द्वानी शहर के विकास हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 22 सौ करोड योजनाओं पर कार्य प्रारम्भ हो गया है जिसमें 16 सौ करोड़ योजनाओं के सीवरेज और ड्रेनेज टेंडर हो चुका है जल्द ही हल्द्वानी के विकास में प्रधानमंत्री की द्वारा की गई घोषणाओं को अमली जामा पहनाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल क्लब में कुमाऊं मंडल में गतिमान विकास कार्यों एवं सड़कों के गड्ढा मुक्त अभियान के संबंध में अधिकारियों की वीसी के माध्यम से समीक्षा बैठक ली |
समीक्षा बैठक लेते हुए मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि 22 जुलाई को खटीमा में वीसी का माध्यम से कुमाऊं मंडल के अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि आपदा मानकों का अनुपालन करते हुए सड़क निर्माणदाई संस्था प्रस्ताव तैयार कर शासन को उपलब्ध कराए। इसके साथ ही जीर्ण शीर्ण विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों के प्रस्ताव भी उपलब्ध कराए जाए। निर्देशों के बावजूद विभागीय अधिकारियों द्वारा पूरे प्रस्ताव शासन को उपलब्ध नहीं कराए गए है। उन्होंने 20 दिन के भीतर आपदा मानकों का अनुपालन करते हुए अधिकारियों को सड़क, विद्यालय और आगनवाड़ी केंद्रों के प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। तय समय सीमा में प्रस्ताव भेजने के बावजूद यदि किसी खासहाल सड़क, जीर्ण शीर्ण विद्यालय और आगनवाड़ी केंद्र का प्रस्ताव विभागीय अधिकारी ने नहीं भेजा है तो संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने लक्ष्य के सापेक्ष सड़को को गड्ढा मुक्त अभियान की पूर्ति हेतु 30 नवंबर तक पूर्ति करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही बैठक में यह तथ्य भी सामने आया कि लोनिवि द्वारा पूरी सड़क मार्गों की लंबाई की अपेक्षा लगभग मात्र 30 प्रतिशत सड़कों का लक्ष्य ही गड्ढा मुक्त अभियान के लिए तय किया गया है। 30 प्रतिशत लक्ष्य निर्धारित होने से सड़कों की स्थिति ठीक नहीं हो पाएगी। इसके आलावा कुछ ऐसी सड़के भी है जिनमें पैच रिपेयर के स्थान पर डामरीकरण की आवश्यकता है। सीएम ने लोनिवि को प्रथम चरण में कुल सड़क लंबाई की 50 प्रतिशत सड़कों को गड्ढे मुक्त हेतु लक्ष्य निर्धारित कर प्रस्ताव भेजने और जिन सड़कों में डामरीकरण की आवश्यकता है, उनके प्रस्ताव तैयार प्रेषित करने को कहा।
सीएम ने अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि उन्हें अपनी निर्माणाधीन योजनाओं की जानकारी टिप्स में होनी चाहिए। अधिकारी बैठक में प्रतिभाग करने से पहले अपना होमवर्क कर बैठक में सम्मिलित हो।
सीएम ने कहा कि हाल ही में माननीय प्रधानमंत्री के दौरे के बाद मानसखंड और गूंजी को लेकर पर्यटकों और तीर्थयात्रियों द्वारा काफी पूछताछ की जा रही है। निश्चित तौर पर इसका सकारात्मक असर आगमी गर्मियों में देखने को मिलेगा और सैलानियों की संख्या में इजाफा होगा। इसके लिए उन्होंने आयुक्त और डीएम पिथौरागढ़ को तात्कालिक तौर पर पर्यटकों के लिए आवासीय और खान पान की अस्थाई व्यवस्था हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कुमाऊं में गतिमान कार्यों की समीक्षा के लिए आयुक्त को नियमित मॉनिटरिंग जिससे तय समय पर गुणवत्ता युक्त कार्य पूर्ण हो सके। साथ ही नियमित मॉनिटरिंग से यह फायदा होगा कि शासन स्तर पर भी योजनाओं का फॉलो अप होता रहेगा। उन्होने कहा कि नशे के खिलाफ अभियान चलाकर ड्रग्स, चरस आदि की सप्लाई चेन को तोडने का कार्य किया जाए। इसके लिए पुलिस विभाग, आयुर्वेदिक,स्वास्थ्य विभाग , युवक मंगल दलों, महिला मंगल दल और अन्य संस्थाओं से भी सहयोग लेकर लोगों को जागरूक करे। उन्होंने कहा कि जो लोग नशे से विरक्त हो चुके हैं उन्हें चिन्हित कर उनसे भी काउंसलिंग कराई जाए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि नशा छोड़ चुके व्यक्ति पुनः नशे की गिरफ्त में न आ सके।
इस दौरान सड़क, शिक्षा, पेयजल, कृषि, पर्यटन व लोक निर्माण के अंतर्गत चल रहे विकास कार्यों की जानकारी लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को तय समय पर विकास कार्य पूरे करने के निर्देश दिए। बैठक में विधायक नैनीताल सरिता आर्य, राम सिंह कैड़ा, दीवान सिंह बिष्ट, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, मंडी परिषद अध्यक्ष डा अनिल डब्बू, मंडलायुक्त दीपक रावत, आईजी डा योगेंद्र सिंह यादव, जिलाधिकारी नैनीताल वन्दना सिंह, एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा, सीडीओ डा संदीप तिवारी के साथ ही कुमाऊ मंडल के समस्त जिलाधिकारी और एस एस पी वीसी से जुड़े हुए थे।