Saturday, May 3, 2025
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चारधाम यात्रा के दौरान खाद्य सुरक्षा पर धामी सरकार सख्त

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  –  स्वच्छ और सुरक्षित खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए धामी सरकार ने शुरू किया विशेष अभियान
देहरादून। धामी सरकार ने आगामी चारधाम यात्रा, हेमकुंड साहिब यात्रा और पर्यटन सीजन के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए व्यापक अभियान शुरू किया है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त डा० आर० राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देश पर यात्रियों और आम जनता को स्वच्छ, सुरक्षित और गुणवत्ता युक्त खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए खाद्य पदार्थों की सघन जांच, मिलावट पर सख्ती और स्वच्छता अभियान को तेज कर दिया गया है। इसको लेकर अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है।

खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती और सख्त जांच
राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा और पर्यटन स्थलों पर खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की है। हरिद्वार, नैनीताल, देहरादून, टिहरी, ऊधमसिंह नगर जैसे जिलों में स्थायी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती की गई है। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ जैसे जिलों में अन्य जिलों से अतिरिक्त अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। यात्रा मार्गों और प्रमुख तीर्थस्थलों के होटल, ढाबों, रेस्टोरेंट, मिठाई विक्रेताओं और खाद्य विक्रेताओं की नियमित जांच होगी। फूड सेफ्टी टीमों को हाईवे और यात्रा मार्गों पर मोबाइल टेस्टिंग लैब के माध्यम से तैनात किया जाएगा। आयुक्त डा० आर० राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि “यात्रियों को किसी भी हाल में अस्वच्छ और मिलावटी खाद्य पदार्थ नहीं परोसे जाने देंगे। खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।”

मिलावट पर कड़ी कार्रवाई और गुणवत्ता की सख्त जांच
दुग्ध उत्पाद, मसाले, तेल, आटा, मैदा, मिठाई, शीतल पेय और पैक्ड फूड जैसे उत्पादों की प्रयोगशाला जांच होगी। मिलावट पाए जाने पर FSSAI एक्ट 2006 के तहत कानूनी कार्रवाई होगी।बिना लाइसेंस और पंजीकरण के खाद्य व्यापार करने वालों पर सीधी कार्रवाई होगी। खाद्य कारोबारियों को स्वच्छता और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं।
आयुक्त ने कहा, “हमारी प्राथमिकता यात्रियों और श्रद्धालुओं को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराना है। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

ग्रीन यात्रा और पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा
पर्यटन और चारधाम यात्रा के दौरान पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं।Single-use plastic (एकल उपयोग वाली प्लास्टिक) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। यात्रा मार्गों पर गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन अनिवार्य किए जाएंगे। होटल, ढाबों और रेस्टोरेंट में कचरा प्रबंधन के कड़े नियम लागू होंगे। RUCO (Re-Purpose of Used Cooking Oil) अभियान के तहत उपयोग किए गए खाद्य तेल को पुनर्चक्रित किया जाएगा।

जागरूकता अभियान और सख्त दिशा-निर्देश
यात्रियों को FSSAI लाइसेंस प्राप्त प्रतिष्ठानों से ही खाद्य पदार्थ खरीदने की अपील की गई है। अस्वच्छ या संदिग्ध खाद्य पदार्थ की शिकायत हेल्पलाइन नंबर 18001804246 पर की जा सकती है। खाद्य कारोबारियों को स्वच्छता मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। मिलावटी और खराब गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आयुक्त डा० आर० राजेश कुमार ने सभी यात्रियों और स्थानीय निवासियों से अपील करते हुए कहा, “सुरक्षित और स्वच्छ खाद्य पदार्थों का ही सेवन करें। किसी भी संदिग्ध खाद्य पदार्थ की जानकारी तत्काल हेल्पलाइन पर दें ताकि कार्रवाई की जा सके।”

सख्त नियमों के तहत कार्रवाई
बिना लाइसेंस के खाद्य व्यापार करने वालों पर चालान और प्रतिष्ठान सील किए जाएंगे। मिलावटी या खराब गुणवत्ता वाला भोजन बेचने पर FSSAI एक्ट 2006 के तहत कड़ी सजा दी जाएगी। अस्वच्छ वातावरण में खाद्य निर्माण और बिक्री करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।

सरकार की अपील–सुरक्षित यात्रा, स्वच्छ यात्रा
राज्य सरकार और खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने  सभी श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्थानीय निवासियों से स्वस्थ, स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थों के सेवन की अपील की है। आयुक्त डा० आर० राजेश कुमार ने कहा, “हमारी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है कि चारधाम यात्रा और पर्यटन सीजन के दौरान किसी भी यात्री को खाद्य सुरक्षा संबंधी कोई असुविधा न हो। आम जनता की सतर्कता और सहयोग से ही हम इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।”

बेरहम पत्नि की खौफनाक वारदात, पति के टुकड़े कर ड्रम में भर दिया सीमेंट

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मेरठ, यूपी के मेरठ जिले के थाना ब्रह्मपुरी क्षेत्र में दिल दहलाने वाली घटना हुई है, मर्जेन्ट नेवी में कार्यरत अमेरिका से लौटे युवक का शव एक ड्रम में मिला है, यही नहीं शव रखने के बाद ड्रम को सीमेंट डालकर पैक कर दिया गया था, सूचना मिलने पर मंगलवार को मौके पर पहुंची पुलिस को शव को ड्रम से निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी, मूल रूप से ब्रह्मपुरी के इंद्रानगर सेकेंड के रहने सौरभ का आए दिन किसी न किसी बात पर अपने परिजनों से विवाद रहता था l जिसके बाद परिवार वालों ने बेदखल कर दिया था. पिछले तीन साल से सौरभ और उसकी पत्नी मुस्कान इंद्रानगर कॉलोनी में किराए पर रह रहे थे, सौरभ अमेरिका में पानी के जहाज पर काम करता था और वर्तमान में वह लंदन में था, लगभग एक माह पूर्व ही सौरभ छुट्टियां लेकर अपनी पत्नी मुस्कान का जन्मदिन मनाने इंडिया आया था l

पति के टुकड़े कर ड्रम में भर दिया सीमेंट :

सौरभ का भाई राहुल बीते कई दिन से अपने भाई का नंबर मिलाकर बात करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसकी बात नहीं हो पा रही थी, जिसकी वजह से वह बेहद परेशान था. राहुल अपने भाई के बारे में जानकारी करने बीते मंगलवार को किराए के घर पर पहुंचा. लेकिन किराए पर लिए घर पर कोई नहीं मिला, जिस पर उसने भाभी को कॉल कर भाई के बारे में पूछा. इस पर भाई ने कहा कि वह तो मायके में आई हुई है, उसे कोई जानकारी नहीं है. राहुल को अपने भाई की और भी ज्यादा चिंता सताने लगी. राहुल किराए के मकान के पास में ही था तभी अचानक उसकी भाभी किसी युवक के साथ वहां पहुंच गई l
इसके बाद देवर ने भाभी से पुनः अपने भाई के बारे में जानकारी की, जिस पर वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई l इस पर राहुल ने भाभी को अन्य युवक के साथ देखकर कुछ अजीब सा लगा, और राहुल ने अपनी भाभी मुस्कान से उसके साथ आए युवक के रिश्ते के बारे में पूछने की कोशिश की, जिस पर वह चुप्पी साध गई, इसके बाद राहुल ने दोनों को पकड़ लिया और उनसे अपने भाई के बारे में पता करने लगा. मुस्कान कुछ देर तक तो अपने पति के कहीं गायब होने की बात कहकर गुमराह करती रही. लेकिन बाद में घर में से आ रही बदबू की वजह से राहुल के होश उड़ गये. एक बड़े ड्रम में भाई के शव को होने का अंदेशा जताया. ड्रम को लोहे का बड़ा सा ढक्क्न लगाकर सीमेंट डालकर पूरी तरह से पैक किया हुआ था, इसके बार राहुल ने शोर मचा दिया, जिससे आसपास के लोग भी वहां एकत्र हो गये और मुस्कान और उसके साथ आए युवक को दबोच लिया l
इसी बीच पुलिस को भी सूचना दे दी गई, पुलिस ने सौरभ की पत्नी मुस्कान और उसके साथी से जब सख्ती से पूछताछ की तो पूरे रहस्य से पर्दा उठ गया. पूछताछ में मुस्कान ने सौरभ की हत्या के बाद उसे ड्रम में बंद करने की बात कबूल की है, पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया है. जबकि ड्रम से शव निकालने के लिए पुलिस काफी कोशिश करनी पड़ी. एक घंटे से अधिक समय तक काफी मशक्कत के बाद शव को ड्रम से निकाला जा सका l एसपी सिटी ने बताया कि ड्रम में सीमेंट जमा हुआ था, ऐसे में पुलिस को शव को निकालने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ा, पुलिस ने ड्रिल मशीन से ड्रम को तोड़कर शव को बाहर निकाला l अब तक यही बात सामने आई है कि अवैध संबंधों में बाधक बनने पर पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या को अंजाम दिया है, मुस्कान ने पड़ोसियों से बताया था कि वह पति के साथ टूर पर जा रही है l
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि देर शाम को पुलिस को इंदिरापुरम में हत्या की सूचना मिली थी, सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल और पूछताछ की तो पता चला कि मर्चेंट नेवी में कार्यरत सौरभ राजपूत 4 मार्च को अपने घर आए थे l इसके बाद से लापता था, शक के आधार पर सौरभ की पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल से पूछताछ की तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल लिया l पूछताछ के दौरान बताया कि साहिल ने 4 मार्च को ही चाकू से गोदकर सौरभ की हत्या कर दी थी l हत्या करने के बाद शव के टुकड़े कर एक ड्रम में भर कर सीमेंट से पैक कर दिया था. शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, इसके साथ मुस्कान और साहिल को गिरफ्तार कर लिया गया है. परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है l

पुस्तक अनुदान की आय सीमा बढ़ाने के पीछे है बड़ा खेल

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-उत्तराखंड भाषा संस्थान से जुड़े जुगाड़ुओं की नींद उड़ी

-साहित्य गौरव पुरस्कार में कथित गड़बड़झाले पर तीखी प्रतिक्रिया से बौखलाहट

(लक्ष्मी प्रसाद बडोनी)

देहरादून, उत्तराखंड भाषा संस्थान की ओर से वितरित साहित्य गौरव पुरस्कार में कथित गड़बड़झाले से संबंधित खबरों पर तमाम साहित्यकारों की तीखी प्रतिक्रिया आने के बाद संस्थान से जुड़े जुगाड़ुओं की नींद उड़ गई है। पहली बार सोशल मीडिया में तमाम ऐसी खबरें आ रही हैं, जिनसे इन जुगाड़ु किस्म के व्यक्तियों के हित प्रभावित हो सकते हैं।
दरअसल, उत्तराखंड भाषा संस्थान न केवल पुस्तकों के लिए अनुदान देता है, बल्कि खुद अपनी किताबें भी प्रकाशकों से छपवाता है। यही नहीं, तमाम प्रकाशकों के जरिए किताबें मंगवाता है, जिनमें संबंधित लोगों का मोटा कमीशन बंधा होता है। हाल ही में उत्कृष्ट पुस्तक योजना के अंतर्गत पात्रता के लिए आय सीमा बढ़ाना भी एक ‘बड़े खेल’ का हिस्सा है। अब ऐसे लोग भी किताबें प्रकाशित करा सकेंगे, जो थोक के भाव लिखते हैं, लेकिन वार्षिक आमदनी अधिक होने के कारण अनुदान पाने से वंचित रह जाते थे। आय सीमा बढ़ने से अब तीन साल के अंतराल में वह अनुदान लेकर आसानी से अपनी और रिश्तेदारों की किताबें छपवा सकेंगे। इसका फायदा सीधे प्रकाशकों को भी होगा। इनमें कई प्रकाशन संस्थान बाहरी राज्यों से भी हैं।
उत्कृष्ट पुस्तक अनुदान योजना में पात्रता की आय सीमा बढ़ाने को लेकर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं, जिससे कई लोग तिलमिला गए हैं। बता दें कि अनुदान के लिए पात्र व्यक्ति की आय सीमा पहले पांच लाख रुपए सालाना होती थी, जिसे अब बढ़ा दिया गया है। वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम साहिल का तो साफ कहना है कि पुस्तक के लिए अनुदान उसी व्यक्ति को दिया जाना चाहिए, जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपनी किताब प्रकाशित कराने में सक्षम न हो। आय सीमा बढ़ाने की बजाय इस बजट से साहित्य की अच्छी किताबें खरीदी जाएं और ऐसी लाइब्रेरी बनाई जाए, जहां बच्चे और युवक पढ़ सकें। इस बजट से बच्चों के लिए कार्यशाला आयोजित की जाएं, जहां उनमें साहित्य के प्रति समझ पैदा हो।

वीर गोर्खा कल्याण समाज का ट्रेड फेयर 21 मार्च से 26 मार्च तक देहरादून में चलेगा

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देहरादून। देहरादून के रेंजर मैदान में वीर गोर्खा कल्याण समाज द्वारा 21 मार्च से एक भव्य ट्रेड फेयर का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले का उद्घाटन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा। आयोजन में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स और इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की भी सहभागिता होगी।
इस ट्रेड फेयर का मुख्य उद्देश्य भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना और सांस्कृतिक साझेदारी को बढ़ावा देना है। उत्तराखंड और नेपाल की भौगोलिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक समानताओं को ध्यान में रखते हुए इस मेले का आयोजन किया जाता है। जानिए इस मेले में क्या होगा खास? आपको इस फेयर में सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलेगी, मेले में नेपाल और उत्तराखंड की पारंपरिक वेशभूषा, खान-पान और हस्तशिल्प के स्टॉल लगाए जाएंगे। इसके साथ–साथ नेपाल और उत्तराखंड के उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए व्यापारिक स्टॉल होंगे, जिससे दोनों देशों के व्यापारियों को नए अवसर मिलेंगे। नेपाली और उत्तराखंडी व्यंजनों का आनंद लेने के लिए अलग-अलग फूड स्टॉल भी लगाए जाएंगे। पारंपरिक नृत्य, संगीत और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां मेले का मुख्य आकर्षण होंगी। यह मेला उत्तराखंड और नेपाल के पर्यटकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण मंच बनेगा। इस अवसर पर बोलते हुए मेले के आयोजक अध्यक्ष पीतांबर जोशी ने बताया कि यह आयोजन भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक संबंधों को और अधिक मजबूत करने का एक प्रयास है। इससे स्थानीय व्यापारियों, हस्तशिल्प कलाकारों और किसानों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और व्यापार बढ़ाने का मौका मिलेगा।
यह मेला रेंजर मैदान, देहरादून 21 मार्च से प्रारंभ होगा। इस मेले के माध्यम से आपको नेपाल और उत्तराखंड की संस्कृति को करीब से देखने और समझने का मौका मिलेगा। साथ ही आप सभी स्थानीय और नेपाली उत्पादों की खरीदारी भी कर सकते हैं और पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद भी ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद भी आप उठा सकेंगे। यह मेला व्यापार, संस्कृति और पर्यटन का एक बेहतरीन संगम होगा, जो दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाएगा।

22 मार्च को राजधानी दून में होगा अन्तर्राष्ट्रीय मैरिन टाइम कांफ्रेंस ‘आरोहण’

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देहरादून। उत्तराखंड में देश-विदेश के समुद्री क्षेत्र में बेहतर नेटवर्किंग से विकास, निवेश और रोजगार सृजन के अवसरों की सम्भावनाओं को लेकर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की मेरिन टाइम कांफ्रेंस ‘आरोहण’ 22 मार्च को राजधानी दून में होगी। इस अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की कांफ्रेंस में देश-विदेश के नामचीन शिप मालिक, ट्रेडर्स, माइनर्स और नीति-नियंता, आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की तकनीक की इस क्षेत्र में बढ़ती सम्भवनाओं पर भी विचर मथन करेंगे। चार सत्र में आयोजित इस अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का शुभारंभ डा० आर मीनाक्षी सुन्दरम (IAS) प्रमुख सचिव उर्जा उत्तराखण्ड शासन करेंगे।

कांफ्रेंस के मुख्य आयोजक और INTEGRATED MARITIME EXCHANGE (IME) के सह-संस्थापक कैप्टन कुनाल उनियाल एवं विकास गड्डू ने आज प्रेस वार्ता में बताया कि यह अन्तर्राष्ट्रीय मैरिन टाइम कांफ्रेंस इस क्षेत्र में राज्य के लिए नई सम्भावनाएँ तलाशने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहली बार हो रहे इस अन्तराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में शिप ओनर्स, ट्रेडर्स, माइनर्स और वैश्विक समुद्री अर्थव्यवस्था की प्रमुख हस्तियों और संस्थानों को उत्तराखंड के केंद्र में लाएगी। सम्मेलन यह उजागर करेगा कि हमारे पहाड़ी राज्य के लिए समुद्री क्षेत्रों से गहरे संबंधों का उपयोग कैसे विकास, निवेश और रोजगार सृजन के लिए किया जा सकता है। कांफ्रेंस के प्रयोजक ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी और अमेरिका की प्रसिद्ध शिपिंग संस्था शिपफिनेक्स हैं।

इसके अलावा, कई प्रमुख शिपिंग कंपनियों के सीईओ और एमडी, विदेशों में कार्यरत हैं, जो उत्तराखंड से विशेष रूप से पहाडी समुदाय से आते हैं। उनकी उपस्थिति और सफलता इस बात का प्रमाण होगा कि यह राज्य कितनी प्रतिभा और संभावनाओं से भरा हुआ है। आरोहण का उद्देश्य इस क्षेत्र के उद्यमियों और उत्तराखंड के युवाओं के बीच सेतु का निर्माण करना है जिससे मॅटरशिप, रोजगार और उद्यमशीलता के नए द्वार खुल सकें। कांफ्रेंस के मध्य कैप्टन कुनाल उनियाल की स्वलिखित पुस्तकों का विमोचन भी होगा।

कैप्टन कुनाल उनियाल ने बताया कि उत्तराखंड, एआई और डिजिटल परिवर्तन में तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिससे राज्य के पास एआई-आधारित समुद्री समाधानों का केंद्र बनने का एक अनूठा अवसर है। वाणिज्यिक शिपिंग में अत्याधुनिक तकनीकों के कार्यान्वयन से न केवल राजस्व उत्पन्न होगा बल्कि उत्तराखंड को समुद्री तकनीकी नवाचार में एक अग्रणी राज्य के रूप में भी स्थापित करेगा।

 

 

कृषि में आधुनिक तकनीक के साथ परंपरागत खेती का बढ़ावा दिया जाए

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कृषि और उद्यान के क्षेत्र में आर्थिकी बढ़ाने के लिए नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाए।*

 

*किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए वैल्यूचैन सिस्टम को मजबूत बनाया जाए।*

 

*सचिवालय में कृषि, उद्यान और सहकारिता विभाग की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश।*

 

राज्य में कृषकों की आय बढ़ाने के लिए ज्ञान-विज्ञान के साथ परंपरागत खेती को बढ़ावा दिया जाए। जिन क्षेत्रों में किसान अच्छा कार्य कर रहे हैं, उन्हें उसी क्षेत्र में और बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। विभागों द्वारा जो भी कार्य किये जा रहे हैं, उनका परिणाम धरातल पर दिखे। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए विभागों द्वारा जिन योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, उनकी भौतिक स्थिति, वित्तीय प्रगति, आउटकम और आउटपुट के आधार पर कार्य किये जाएं, ताकि बजट का भी सही तरीके से उपयोग हो और लोगों की आजीविका भी बढ़े। ये निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में कृषि, उद्यान और सहकारिता विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा के दौरान दिये।

 

कृषि और उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कृषि और उद्यान के क्षेत्र में आर्थिकी बढ़ाने के लिए नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाए। क्लस्टर आधारित खेती को बढ़ावा दिया जाए। मिलेट को राज्य में और बढ़ावा दिया जाए। पॉलीहाउस के निर्माण में तेजी लाई जाए। एरोमा, एप्पल मिशन, कीवी मिशन के साथ ही उत्तराखण्ड के पारंपरिक उत्पादों और फलों के उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में कार्य किये जाएं। नाशपती, प्लम, माल्टा, नारंगी, आड़ू के उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। जिन फसलों को जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, उनको बढ़ावा दिया जाए और औषधीय पादपों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कृषकों को जागरूक किया जाए।

 

सहकारिता विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये सहकारिता के क्षेत्र में लोगों को उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए वैल्यूचैन सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। राज्य में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को बढ़ाने के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में प्रयास किये जाएं। आगामी 05 साल में प्रदेश की सभी ग्राम सभाओं को पैक्स से जोड़ा जाए। सहकारी समितियों को में व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ाने के साथ ही विपणन के लिए सुदृढ़ व्यवस्थाएं की जाएं।

 

बैठक में जानकारी दी गई कि किसानों की सुविधा के लिए ई-रूपी की व्यवस्था की जा रही है। यह सुविधा अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में शुरू की जायेगी। इससे किसानों को त्वरित, सुरक्षित और पारदर्शी भुगतान की सुविधा मिलेगी, जिससे कृषि क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन आयेगा। सगंध फसलों डेमस्क रोज, तिमरू, दालचीनी, लेमनग्रास और मिंट को राज्य में तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। उच्च मूल्य वाली सगंध फसलों के क्षेत्रफल और उत्पादकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। आईटीबीपी और सेना ताजे पदार्थों की बिक्री की व्यवस्था की गई है, इससे किसानों को निश्चित बाजार मिलेगा और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा भी मिलेगा।

 

बैठक में कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री दिलीप जावलकर,श्री एस.एन पाण्डेय, श्री विनय शंकर पाण्डेय, श्री रणवीर सिंह चौहान, अपर सचिव श्रीमती सोनिका, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीपीपीजीजी श्री मनोज पंत और संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मेरा हर पल राज्य के विकास के लिए है समर्पित – मुख्यमंत्री

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 सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने पर 23 मार्च को प्रदेश में मनाया जायेगा सेवा दिवस     – 
    – राज्य के प्राकृतिक जल स्रोतों के संवर्द्धन के लिए मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश।
देहरादून।  मुख्यमंत्री ने वर्तमान सरकार के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में दिल्ली से वर्चुअल बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि 22 से 25 मार्च तक प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। इन आयोजनों में जनता के जुड़ाव के लिए भी प्रभावी पहल की जाए। 23 मार्च को सेवा दिवस के रूप में मनाया जाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के तीन साल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विकासखण्ड स्तर तक बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन किया जाए। स्वास्थ्य शिविर लगाये जाएं। जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य से संबंधित उपकरण उपलब्ध कराने के साथ ही सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जाए। जन सरारेकारों से जुड़े कार्यों में जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि वे अभी दिल्ली प्रवास पर हैं, लेकिन उनका मन हर पल राज्य के विकास के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि सरकार के तीन साल के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों में समाज के हर वर्ग  और क्षेत्र के लोगों को जोड़ा जाए। विभिन्न क्षेत्रों में सरानीय कार्य करने वालों की सफलताओं की कहानियां आम लोगों तक पहुंचाई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तीन साल के कालखण्ड में राज्य की जनभावनाओं के अनुरूप विकास के कई प्रतिमान स्थापित किये गये हैं। कई ऐसे निर्णय लिये गये हैं, जो राज्यहित के लिए नितान्त जरूरी हैं। समान नागरिक संहिता, सख्त नकल विरोधी जैसे ऐतिहासिक कानून लागू किये गये, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर राज्य को अलग पहचान मिली है। राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए पहली बार राज्य का बजट 01 लाख करोड़ के पार पहुंचा है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के प्राकृतिक जल स्रोतों के संवर्द्धन के साथ ही चाल-खाल, कुओं, गाड-गदेरों के पुनर्जीवीकरण के लिए जमीनी स्तर पर प्रयास किये जाएं। आगामी ग्रीष्म काल के दृष्टिगत प्रदेशभर में पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये।
बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, प्रमुख सचिव एल.फैनई, आर.मीनाक्षी सुदंरम, डीजीपी दीपम सेठ, सचिवगण, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, वर्चुअल माध्यम से उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन विनय रोहिला, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, आर.सी अजय मिश्रा एवं सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

सचिवालय-विधानसभा में नौकरी का झांसा दे ठगने का आरोपी गिरफ्तार

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देहरादून(आरएनएस)।  सचिवालय-विधानसभा में नौकरी का झांसा दे युवाओं से लाखों रुपये की ठगी में शामिल नटवरलाल को आखिर नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ सरकारी विभागों में नौकरी का झांसा दे ठगी में राज्य के अलग-अलग थानों में कुल छह केस दर्ज हैं। आरोपी इस तरह ठगी के मामलों में पूर्व में गिरफ्तार हुई आयुर्वेदिक विभाग की प्रधान सहायक रविकांता का साथी है। नेहरू कॉलोनी थानाध्यक्ष संजीत कुमार ने बताया कि 24 मार्च 2023 को विधानसभा सुरक्षा के निरीक्षक राम दत्त ने केस दर्ज कराया। कहा कि सोनल भट्ट नाम की महिला विधानसभा में रक्षक पद पर नियुक्ति का फर्जी पत्र लेकर पहुंची। पुलिस ने जांच की तो पता लगा कि उसे विनय भट्ट और रविकांता शर्मा ने मिलकर सरकारी नौकरी का झांसा दिया। छह लाख रुपये लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। इनमें ढाई लाख रुपये विनय भट्ट के बैंक खाते में और साढ़े तीन लाख रुपये रविकांता के बैंक खाते में आए। आरोपी रविकांता को पिछले महीने गिरफ्तार कर जेला भेजा गया। फरार विनय भट्ट उम्र 36 वर्ष पुत्र गिरीश चंद्र भट्ट निवासी साईं बाबा एंक्लेव, पटेलनगर को मंगलवार रात उसके घर के पास से गिरफ्तार किया गया। एसओ संजीत कुमार ने बताया कि विनय भट्ट के सचिवालय और विधानसभा में नौकरी का झांसा देकर ठगी को लेकर देहरादून शहर कोतवाली में तीन, नेहरू कॉलोनी थाने में, चमोली और कोटद्वार में एक-एक मुकदमा दर्ज है।

सीएम हेल्पलाइन 1905 में समय पर समस्याओं का निवारण न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए : मुख्यमंत्री

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  –   जन समस्याओं का त्वरित समाधान करना हमारी जिम्मेदारी है   :  मुख्यमंत्री
देहरादून(आरएनएस)।  सीएम हेल्पलाइन 1905 में समय पर समस्याओं का निवारण न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। जिन अधिकारियों के स्तर पर अधिक शिकायतें लंबित हैं, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए और लापरवाही बरते जाने की स्थिति में सख्त कार्रवाई भी की जाए। सभी विभागाध्यक्ष यह सुनिश्चित करें कि कार्मिकों की सेवानिवृत्ति के बाद एक माह के अन्दर उनके सभी देयकों का भुगतान हो जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री ने बुधवार को नई दिल्ली से सीएम हेल्पलाइन 1905 की वर्चुअल समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जन मानस की है। जन समस्याओं का त्वरित समाधान करना हमारी जिम्मेदारी है। राजस्व विभाग, वन विभाग और शिक्षा विभाग में जन शिकायतों के समाधान में हो रही लेट लतीफी पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि अधिक समय तक लंबित प्रकरणों के मामले में संबंधित अधिकारियों का स्पष्टीकरण लिया जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये है कि राजस्व विभाग से संबंधित सभी मामलों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। जिन क्षेत्रों में अधिक शिकायते प्राप्त हो रही हैं, उसका कारण जानने के साथ ही उचित समाधान के लिए आगे की योजना बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। उन्होंने कहा कि सभी सुनिश्चित करें कि जिन समस्याओं का समाधान जिस स्तर पर हो सकता है, वहीं समाधान किया जाए। अनावश्यक रूप से शिकायत उच्च स्तर पर आने पर उन अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाए, जो अपने स्तर पर समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों का त्वरित निस्तारण करने वाले अधिकारियों को सम्मानित भी किया जाए। पेयजल से संबंधित अधिक शिकायतें प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल की समस्याओं के समाधान के लिए प्रभावी प्रयास किये जाएं। आगामी ग्रीष्मकाल के दृष्टिगत भी प्रदेश में पेयजल की सुचारू आपूर्ति के लिए पूरी व्यवस्था की जाए। 180 दिन से अधिक समय से लंबित मामलों पर विशेष अभियान चलाकर उनका निस्तारण करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को दिए हैं।
सीएम हेल्पलाइन पर मुख्यमंत्री ने सुनी जन समस्याएं
मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन पर 05 लोगों की समस्याएं सुनी और उनका यथाशीघ्र समाधान करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
उत्तरकाशी की लक्ष्मी देवी ने कहा कि उनके पिता शिक्षा विभाग में कार्यरत थे पिता की मृत्यु के पश्चात् उनकी माता को पेंशन मिलती है। वे पूर्णत अपनी माता पर आश्रित है, शासनादेश अनुसार प्रार्थिनी ने पारिवारिक पेंशन हेतु नॉमिनी बनाये जाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को सभी औपचारिकता पूर्ण कर अपर निदेशक पौड़ी को कार्यवाही हेतु प्रेषित किया, उनके स्तर पर प्रकरण लंबित है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को तीन दिन के अन्दर लक्ष्मी देवी की समस्या का समाधान करने के निर्देश दिये हैं।
रुद्रप्रयाग के जगदम्बा प्रसाद नौटियाल ने कहा उनके द्वारा मेडिकल के बिल के लिए आवेदन किया गया था पर शिक्षा विभाग के द्वारा उन्हें पूर्ण रूप से भुगतान नहीं किया गया। विभाग को इसकी सूचना दिये जाने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिये कि इस प्रकरण का शीघ्र परीक्षण कर समाधान किया जाए और जिम्मेदार अधिकारी को कारण बताओ नोटिस दिया जाए।
नैनीताल के बहादुर सिंह बिष्ट ने बताया कि 31 दिसंबर 2023 को सहायक विकास अधिकारी के पद से उद्यान विभाग से रिटायर्ड होने के बाद अभी तक उन्हें 10 प्रतिशत जीपीएफ का पैसा नहीं मिल पाया है।  मुख्यमंत्री ने उद्यान और वित्त विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि बहादुर सिंह बिष्ट के जीपीएफ की अवशेष धनराशि शीघ्र उनको दी जाए। उन्होंने कहा कि कार्मिकों को समय पर उनके अधिकार की धनराशि मिले, यह संबंधित विभागों का कर्तव्य है।
बागेश्वर के जगदीश कार्की ने कहा कि वर्ष 2019 में उनके द्वारा प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना के अंतर्गत टेंट हाउस के लिए लोन लिया था, लेकिन उद्योग विभाग द्वारा अभी तक सब्सिडी नहीं दी गई है। बैंक द्वारा लगातार किस्ते काटी जा रही है, जिस वजह से समस्या हो रही है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी बागेश्वर को एक सप्ताह में जगदीश कार्की को सब्सिडी दिलवाने के निर्देश दिये हैं।
देहरादून के विराट ने कहा कि भू माफिया द्वारा अवैध खनन एवं पेड़ों का कटान किया जा रहा है, जिससे प्रकृति को बहुत नुक्सान हो रहा है, एवं अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। भूमाफियाओं द्वारा उनको धमकी भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने वन विभाग को इस प्रकरण पर शीघ्र कार्यवाही करने और एसएसपी देहरादून को धमकी देने वालों पर कारवाई करने के निर्देश दिये हैं।
बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, प्रमुख सचिव एल.फैनई, आर.मीनाक्षी सुदंरम, डीजीपी दीपम सेठ, सचिवगण, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, वर्चुअल माध्यम से उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन विनय रोहिला, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, आर.सी अजय मिश्रा एवं सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

चिरमिरी टॉप चकराता में आयोजित नव गठित वन पंचायतों महाधिवेशन का वन मंत्री ने किया विधिवत शुभारंभ

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-वन मंत्री ने जिलाधिकारी की अभिनव पहल को सराहा, साथ ही अन्य जिलों को भी इस पहल से प्रेरणा लेने को कहा

देहरादून, मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशों पर वन पंचायतों के सुदृढीकरण एवं वनाग्नि आपदा सुरक्षा और रोकथाम को लेकर बुधवार को जिला प्रशासन द्वारा चिरमिरी टॉप चकराता में नव गठित वन पंचायतों के साथ महाधिवेशन आयोजित किया गया। सम्मेलन में मा0 कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस दौरान चकराता विधायक श्री प्रीतम सिंह भी मौजूद रहे। सम्मेलन में वन पंचायतों के अधिकार एवं दायित्वों पर गहनता से मंथन और प्रशिक्षण दिया गया और वनाग्नि रोकथाम एवं ”जंगल से जनकल्याण” का सामूहिक संकल्प लिया गया। महाधिवेशन में कैबिनेट मंत्री ने जिला प्रशासन को ओर से आपदा मद से वन पंचायतों को सशक्त बनाने हेतु प्रत्येक वन पंचायतों को 15-15 हजार की धनराशि के चैक वितरित भी किए।
मुख्य अतिथि/कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड राज्य में जंगल हमारी आर्थिक का प्रमुख स्रोत है। वनों की सुरक्षा न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरी मानवता के लिए जरूरी है। जंगलों को वनाग्नि से बचाने के लिए जन सहभागिता आवश्यक है। इसके लिए हमने ग्राम स्तर, जिला तथा शासन स्तर पर कमेटी गठित कर वन पंचायतों को सशक्त बनाने का काम किया है। कहा कि जो लोग वनो की आग बुझाने का काम करेंगे, उनको 51 हजार, 75 हजार से लेकर 01 लाख तक पुरस्कार देने का प्राविधान किया है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि वन क्षेत्रों में ईको टूरिस्ट और हर्बल प्लांटेशन से जडी बूटी उत्पादन से लोगों को जोडकर रोजगार देने का काम किया जा रहा है। क्षेत्रीय विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को संतुलित करने के लिए वनों को संरक्षित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने क्षेत्र की विभिन्न समस्याओ पर वन मंत्री से निस्तारण की मांग की।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि वनाग्नि सुरक्षा को लेकर देहरादून जिले में 200 वन पंचायतों को सक्रिय करवाया गया है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम में स्थानीय लोग फस्ट रिस्पोंडर की भूमिका निभाते है। लोकल एवं स्थानीय होने के चलते उन्हें अपने आसपास के भौगोलिक क्षेत्र के बारे में सबसे अधिक और सटीक जानकारी रहती है। उनकी मदद से हम अपने वन और पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते है। जिलाधिकारी ने कहा कि वन पंचायतों को जागरूक करना, प्रशिक्षण और वित्तीय संशाधन उपलब्ध कराके उन्हें सशक्त बनाना जिला प्रशासन का दायित्व है। मा0 मुख्यमंत्री ने भी वनाग्नि रोकथाम के लिए हर संभव उपाय करने के निर्देश दिए है। इसी दिशा में वन पंचायतों को सक्रिय करते हुए चिरमिरी में वन पंचायतों का महाधिवेशन आयोजित किया गया है। जिसमें प्रत्येक वन पंचायत को आपदा मद से 15-15 हजार की धनराशि आवंटित की गई है।
जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी जिले में पहली बार इस प्रकार की पहल की गई है, ताकि वन पंचायत से जुड़े लोग अपने स्तर से फायर वॉचर रख सके। अपने वन क्षेत्रों में फायर लाइन काट सके और वनाग्नि की घटनाओं को न्यून कर सके। जिलाधिकारी ने कहा कि आवश्यकता पडने पर वन पंचायतों को दूसरी किस्त में इससे भी अधिक धनराशि आवंटित की जा सकती है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने कहा कि वन पंचायत का कॉन्सेप्ट केवल हमारे ही प्रदेश में है इस परिपेक्ष में वन पंचायत का महाधिवेशन किया गया है जिला प्रशासन वन पंचायतों को सुदृढ़ करने को सहयोग करता रहेगा।
महाधिवेशन में एफआरआई के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी वीके धवन, रेंज आफिसर्स शिव प्रसाद गैरोला एवं वन विभाग के अधिकारियों ने वनाग्नि की बडती घटनाओं की रोकथाम एवं उसके प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षण दिया।
वन पंचायत सरपंचों ने वन और पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर अपने-अपने विचार रखे। इस दौरान जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा और इससे जुड़े रहने का संकल्प लिया। महाधिवेशन में वन पंचायतों के अधिकार एवं दायित्वों पर भी विस्तार से मंथन किया गया और वन पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए सुझाव भी लिए गए।
वन पंचायत नाडा के सरपंच हरीश, काण्डोई के आनंद सिंह, सावरा के जयपाल सिंह, सैंज के माही राणा, डेरियो के केशर सिंह, लखवाड के प्रताप सिंह, कोदी भौदी के ह्रदय सिंह, अतलेऊ के जय सिंह, फनार के हयान सिंह और रायगी के सरपंच तिलक सिंह को फायर किट प्रदान की गई।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले वन पंचायत सरपंच संतराम, चैतराम, रामलाल सेमवाल, मदन सिंह, रघुवीर सिंह, अजीत सिंह, नवीन तोमर, केशर सिंह चौहान, अतर सिंह चौहान, और सरपंच अनिता शामिल है। कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह,डीएफओ अभिमन्यु सिंह, एसडीएम योगेश मेहर, एसडीएम गौरव चटवाल आदि सहित वन पंचायतों के सरपंच, सदस्य और बडी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे।