Sunday, April 27, 2025
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पीएमश्री के.वि.भा.सै.अका. में 54 वीं संभागीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन

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देहरादून, पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय भारतीय सैन्य अकादमी में 23 से 25 अप्रैल तक तीन दिवसीय 54वीं संभागीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन अत्यंत सरल एवं सादगीपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। यह आयोजन राष्ट्रीय शोक एवं संवेदना की छाया में, पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, पूर्ण मर्यादा एवं अनुशासन के साथ सम्पन्न किया गया। पीएम श्री के. वि.भा.सै.अका. में योग, रस्सीकूद (बालिका वर्ग अंडर 14, 17, 19) ,फुटबॉल (बालिका वर्ग U 14,17) की संभागीय प्रतियोगिता का आयोजन का किया जा रहा है।
कार्यक्रम का शुभारंभ नगर निगम देहरादून के माननीय महापौर श्री सौरभ थपलियाल जी द्वारा संभागीय ध्वजारोहण करके किया गया एवं श्रीमती सविता कपूर जी ने शांति के प्रतीक गुब्बारे आकाश में छोड़कर प्रतियोगिता का औपचारिक उद्घाटन किया गया।
इस अवसर पर कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए गए। सम्पूर्ण समारोह संवेदनशीलता, गंभीरता और शांति के वातावरण में सम्पन्न हुआ। आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। प्राचार्य माम चन्द ने मंचासीन एवं आमंत्रित मुख्य अतिथि महापौर सौरभ थपलियाल, विशिष्ट अतिथि विधायक सविता कपूर, प्रोफेसर कंचन जोशी (डीन, योगिक साइंस एंड नेचुरोपैथी), अन्य निरीक्षकों का पर्यावरणीय चेतना को ध्यान में रखते हुए ,हरित पादप के साथ आत्मीय स्वागत किया। उन्होंने आयोजन में उपस्थित समस्त गणमान्य अतिथियों, प्रतिभागियों एवं अनुरक्षकों का शब्दों की गरिमा और भावों की गर्मजोशी के द्वारा स्वागत करते हुए अपने संबोधन में कहा –
“योग अब केवल आत्मानुशासन की विधा नहीं, अपितु आने वाले वर्षों में यह ओलंपिक पदकों की सूची में भारत का नाम रोशन करेगा।”
मुख्य अतिथि महोदय ने विद्यालय परिसर की समस्त व्यवस्थाओं, प्रतियोगिता की पारदर्शिता एवं आयोजन की गरिमा की अत्यधिक प्रशंसा करते हुए विद्यालय प्रशासन को सहृदय साधुवाद प्रेषित किया। उन्होंने योग क्रियाओं का प्रदर्शन कर रहीं बालिकाओं के आत्मविश्वास एवं अद्भुद प्रस्तुति की खुले मंच से मुक्तकंठ प्रशंसा की।
सहायक आयुक्त के. वि. स.देहरादून संभाग श्री सुरजीत सिंह एवं श्री ललित मोहन बिष्ट जी के द्वारा विद्यालय का औचक एवं बड़ी सूक्ष्मता से निरीक्षण किया गया।उन्होंने प्रतियोगिता से संबंधी सभी व्यवस्थाओं को जांच की एवं अति प्रशंसा भी की।
प्रथम दिन में आयोजित प्रतियोगिताओं में अंडर 14 में 48 बालिकाओं ने प्रतिभाग किया।अंडर 19 में कुल 6 बालिकाओं ने योग मुद्राएँ प्रस्तुत की । इनका परिणाम रिपोर्ट लिखने तक घोषित नहीं हुआ।
समारोह का सुनियोजित मंच संचालन विद्यालय की दक्ष शिक्षिकाओं श्रीमती अर्चना सिंह डांगी एवं श्रीमती पी. दिव्या द्वारा अत्यंत शालीनता, और भाषिक माधुर्य के साथ किया गया।

चिन्हीकरण के लम्बित मामलों को राज्य आंदोलनकारियों ने सौंपा ज्ञापन

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देहरादून, पूर्व घोषित कार्यक्रमानुसार चिन्हीकरण के लम्बित मामलों को लेकर सभी राज्य आंदोलनकारी प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी के नेतृत्व में शहीद स्मारक से एकत्र होकर जिलाधिकारी कार्यालय की ओर गये।
पहलगाम की घटना के चलते उग्र प्रदर्शन के बजाय शान्ति से पूरा शिष्टमण्डल जिलाधिकारी से मिलने गया उपजिलाधिकारी हरिगिरि आर्य औऱ उत्तराखण्ड़ राज्य आंदोलनकारी मंच के शिष्टमण्डल से मिले और ज्ञापन को स्वीकार किया।
प्रदेश अध्यक्ष द्वारा उप जिलाधिकारी को चिन्हीकरण के पुराने मामलों से अवगत कराया कि वर्ष 2021 से प्राप्त प्रार्थना पत्रों का चिन्हीकरण कमेटी द्वारा चयन सूची का आज तक निस्तारण नहीं हुआ। फरवरी माह में जिलाधिकारी द्वारा आंदोलनकारी संगठनों के साथ बैठक आहूत की गई थी लेकिन उसका भी आज तक शासन से कोई परिणाम नहीं निकला।
उपजिलाधिकारी द्वारा शिष्टमण्डल को आश्वासन दिया कि ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमन्त्री कार्यालय कों प्रेषित किया जायेगा साथ शीघ्र जिलाधिकारी से शीघ्र वार्ता हेतु अवगत कराएंगे।
ज्ञापन देने में मुख्यतः जगमोहन सिंह नेगी, प्रदीप कुकरेती, चन्द्रकिरण राणा, पूरण सिंह लिंगवाल, सुरेश नेगी, मोहन खत्री, सुशील चमोली, बुद्धिराम रतूड़ी, हरी सिंह मेहर, अनुराग भट्ट, पुष्पलता सिलमाणा, राधा तिवारी, सुलोचना भट्ट, तारा पाण्डे, संगीता रावत, अरुणा थपलियाल, सुभागा फर्स्वाण, प्रभात डण्डरियाल, शान्ति शर्मा, आशा नौटियाल, रोशनी देवी, सरोजनी नौटियाल , देवेस्वरी रावत, पुष्पा रावत, विरेन्द्र सिंह, सुशीला चमोली , राजेश्वरी रावत , मीरा गुसांई, यशोदा रावत, सुनीता बहुगुणा, कल्पेस्वरी राणा, सुरेन्द्र नेगी, शिला जखमोला, राजेश्वरी देवी आदि मौजूद रहे ।

तीन दिवसीय तृतीय दिव्यांग सेवा महाकुंभ का 10 मई से होगा आयोजन

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देहरादून, प्रथम श्वास फाउंडेशन, दून सिटीजंस कौन्सिल एवं श्री पृथ्वी नाथ महादेव मंदिर सेवा दल द्वारा तृतीय दिव्यांग सेवा महाकुंभ का आयोजन 10,11,12 मई को दून इंटरनेशनल स्कूल डालनवाला में किया जा रहा है l यह जानकारी स्थानीय प्रेस क्लब में अनामिका जिंदल ने दी, पत्रकारों से रूबरू होते हुए अनामिका ने बताया कि अभी तक लगभग 585 पंजीकरण हो चुके हैं और अभी पंजीकरण जारी है, इस शिविर में क्रत्रिम हाथ व पैर मौके पर लगाए जाएंगे, जो बच्चे सुन नहीं सकते और पांच साल से छोटे हैं उनका कोक्लियर इंप्लांट, मोतियाबिन्द का ऑपरेशन निशुल्क होगा, 60 साल से ऊपर बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों का वितरण, व्हीलचेयर, ट्राई साइकिल, कानों की मशीन इत्यादि का वितरण उपलब्धता रहने तक होगा l
दिव्यांगों व आम जनता के लिए 11 मई को एक निःशुल्क स्वास्थ्य चिकित्सा शिविर का भी आयोजन होगा, जिसमें सभी रोगों के विशेषज्ञ सिनर्जी हॉस्पिटल से व अन्य डॉक्टर होंगे l शिविर में विकलांगों के आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, विकलांगता सर्टिफिकेट , यूडीआईडी कार्ड ,रेलवे पास भी बनाए जाएंगे l 3 दिन के शिविर में सभी के लिए खाने की व्यवस्था भी की जाएगी जो लोग बाहर से आ रहे हैं उसके रहने का इंतजाम भी संस्था द्वारा ही कराया जाएगा, प्रथम श्वास फाउंडेशन की अध्यक्षा ने बताया कि यह संस्था का पहला दिव्यांग शिविर नहीं है इससे पूर्व भी वे दो शिविर करवा चुकी है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पैरालंपियन खिलाड़ियों के लिए एक सम्मान समारोह का आयोजन भी किया जा रहा है जिसमें प्रदेश भर से लगभग 40 से 50 खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाएगा। जिससे उनका उत्साहवर्धन होगा l
इस शिविर में सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाओं का लाभ हमारे दिव्यांगजन उठा सकेंगे l ALMCO, NIVH, DDRC, VRC,समाज कल्याण, सभी शिविर में होंगे l दिव्यांगों को रोजगार देने के लिए बाहर से कंपनियां आ रही हैं, जो उनकी योग्यता अनुसार उनको रोजगार उपलब्ध कराएगी l इसके अलावा देहरादून की कंपनियां भी होंगी जो उन्हें रोजगार उपलब्ध कराएगी l
इस मौके पर डॉ. डीएस मान, अनामिका जिंदल, संजय गर्ग,यजोगिंदर पुंडीर ,सुनील अग्रवाल, प्रदीप गर्ग , संजय मित्तल , डॉ. मुकुल शर्मा , डॉक्टर शैलेंद्र कौशिक, गणेश बाबू , प्रसिद्ध कथावाचक सुभाष जोशी, भक्ति कपूर ,मंजू हरनाल नवीन सिंघल , उषा नागर, शशि सिंगल, विनीत गुप्ता मंजू , के एम अग्रवाल ,तृप्ति मित्तल, नवीन गुप्ता, कान्हा गर्ग, रविंद्र रस्तोगी, रानी भोला, सुमन ,आदि लोग मौजूद रहे।

पंजीकरण के लिये निम्न नम्बर पर सम्पर्क करें :
7534840064 अनामिका जिंदल, 9897904633 तृप्ति मित्तल, 7055201525 प्रदीप गर्ग,807701116 संजय गर्ग।

पर्यटकों पर हमला करने वाले तीन आतंकवादियों के स्कैच हुए जारी

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दिल्ली/देहरादून। जम्मू कश्मीर में बीते मंगलवार को बड़ा आतंकी हमला हुआ। आतंकी हमले में 27 पर्यटकों की मौत हो गई। जबकि 17 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जिनका अब भी इलाज चल रहा है। कश्मीर के पहलगाम शहर के पास ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में पर्यटक घूम रहे थे। लेकिन अचानक ही खूबसूरत वादियां गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठी।
चश्मदीदों ने बताया कि आंतकियों ने उनसे नाम और धर्म पूछा और फिर गोली मार दी। कई लोगों को कलमा पढ़ने को भी कहा गया वो नहीं पढ़ पाए तो उन्हें मार दिया। हमले की जिम्मेदारी लश्कर से जुड़े आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। आतंकियों ने पहलगाम में जिस तरह की बर्बरता दिखाई है उससे पूरा देश गुस्से में है। साल 2019 में पुलवामा हमले के बाद ये घाटी में हुआ सबसे बड़ा हमला है।
बताया जा रहा है पहलगाम हमले को सात आंतकवादियों ने अंजाम दिया। ये हमला पूरी तरह से प्लान किया गया था। जिसका मकसद घाटी में अशांति फैलाना था। हमलावर आतंकवादियों में से तीन के स्कैच भी जारी कर दिए गए हैं। आतंकियों ने पहलगाम में जिस तरह की बर्बरता दिखाई है उससे पूरा देश गुस्से में है। वर्ष 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे यह बड़ा हमला है।

विश्वविद्यालय अनुसंधान के प्रमुख केंद्र : प्रो. शास्त्री

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(कुलभूषण) ‌उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में 21वाँ स्थापना दिवस समारोह अत्यंत हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री एवं कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने दीप प्रज्वलन एवं वैदिक मंगलाचरण के साथ किया।
इस अवसर पर शिक्षकों एवं छात्रों को संबोधित करते हुए कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के पूर्व स्वरूप से लेकर आज तक के स्वरूप का विवरण देते हुए बताया कि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय उन्नति के पथ पर अग्रसर है। आज संसाधनों, इंफ्रास्ट्रक्चर एवं पठन-पाठन की दृष्टि तथा फैकल्टी की क्वालिटी की दृष्टि से हमारा विश्वविद्यालय एक महत्वपूर्ण स्वरूप धारण कर चुका है। कहा कि विश्वविद्यालय में अधिकारी आते हैं और जाते रहते हैं अधिकारी बदलते रहते हैं किंतु विश्वविद्यालय का स्वरूप एक परिमार्जित और परिशोधित रूप से समाज के उद्देश्यों और आदर्शों को प्रस्तुत करता हुआ नई पीढ़ी के दिशा निर्देशन का कार्य करता रहता है। कार्यक्रम के अध्यक्ष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों तथा छात्रों की सराहना करते हुए कहा कि कि हमारे विश्वविद्यालय द्वारा जो प्रोजेक्ट कार्य किए जा रहे हैं वे अत्यंत महत्वपूर्ण एवं भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित हैं। विश्वविद्यालय द्वारा संचालित प्रोजेक्ट को राजभवन द्वारा भी सराहा गया है । उन्होंने नए प्रोजेक्ट पर कार्य करने के लिए शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का कार्य समाज को समुचित मार्ग दिखाना है। संस्कृत विश्वविद्यालय होने के नाते भारतीय ज्ञान परंपरा एवं संस्कृत के विभिन्न अप्रकाशित ग्रंथों पर अनुसंधान करके भारतीय समाज को विकसित करने में विश्वविद्यालय अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि वस्तुत: विश्वविद्यालय अनुसंधान के केंद्र होते हैं। इसीलिए उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में 6 शोधपीठों की स्थापना की गई है। प्रत्येक शोधपीठ विविध महापुरुषों के व्यक्तित्व पर आधारित है जिससे उनके द्वारा प्रदर्शित मार्ग पर चलकर गहन शोध को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने छात्रों का आह्वान करके कहा कि छात्र पुस्तकालय में बैठकर उच्च अध्ययन की आदत डालें जिससे उन्हें शास्त्रीय ज्ञान के साथ ही समसामयिक ज्ञान प्राप्त होगा।
इससे पूर्व शिक्षाशास्त्र विभाग के छात्रों ने कुलगीत तथा स्वागत गीत प्रस्तुत किया। योगाचार्य की छात्रा रिया ने शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया।
अतिथियों का स्वागत डा. विंदुमती द्विवेदी ने किया।
कार्यक्रम का संचालन संयोजक डॉ. सुमन प्रसाद भट्ट ने किया।
इस अवसर पर शिक्षाशास्त्र विभाग के प्रो० मोहन चंद्र बलोदी , व्याकरण विभाग से डॉ० दामोदर परगाईं , साहित्य विभाग से डॉ० प्रतिभा शुक्ला डॉ० हरीश तिवारी एवं डॉ० कंचन तिवारी , इतिहास विभाग के डॉ० अजय परमार, सुशील चमोली, मीनाक्षी सिंह रावत, डा. प्रकाश पंत उपस्थित रहे।

 

 

वैश्य समाज ने किया वैश्य बंधु महासभा का गठन
डा.विशाल गर्ग बने महासभा के मुख्य संयोजक

हरिद्वार, 22 अप्रैल। वैश्य समाज को संगठित कर एक मंच पर लाने के उद्देश्य से वैश्य बंधु महासभा का गठन किया गया है। मध्य हरिद्वार स्थित होटल में वरिष्ठ समाजसेवी डा.विशाल गर्ग द्वारा आयोजित बैठक में वैश्य बंधु महासभा के गठन का निर्णय लिया गया। डा.विशाल गर्ग महासभा के मुख्य संयोजक, नीरज गुप्ता मित्तल, डा.हर्षवर्धन, नीरज गुप्ता, कमल बृजवासी, प्रदीप मेहता, सुनील अग्रवाल गुड्डू, विपिन गुप्ता संयोजक नियुक्त किए गए हैं। बैठक की अध्यक्षता नरेश मेहता ने की।
बैठक को संबोधित करते हुए डा.विशाल गर्ग ने कहा कि वैश्य समाज के हितों के संरक्षण संवर्धन एवं एकता के लिए संगठन की घोषणा की गई है। संपूर्ण समाज के लोग संगठन में सक्रिय रूप से काम करेंगे और वैश्य समाज के सुख-दुख में साथ देंगे। विभिन्न इकाइयों के प्रतिनिधियों की भागीदारी संगठन में होगी। संगठन के माध्यम से वैश्य समाज में चेतना जागृत करने का काम किया जाएगा। समस्त वैश्य समाज एक मंच पर आकर ही अपने संघर्षों की लड़ाई लड़ सकेगा। डा.विशाल गर्ग ने कहा कि वैश्य समाज के लोग शीर्ष पदों पर अपनी सेवाएं प्रदान कर देश सेवा में अग्रिम भूमिका निभा रहे हैं। वैश्य बंधु महासभा प्रदेश एवं देश में वैश्य समाज के लोगों की राजनीतिक भागीदारी भी सुनिश्चित करेगी। बैठक का संचालन करते हुए नीरज गुप्ता ने कहा कि वैश्य समाज के उत्थान के लिए मिलजुल कर प्रयास किए जाएंगे। समाज के प्रति संगठन के लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। एकता अखंडता से ही संगठन मजबूत होते हैं। किसी भी सूरत में वैश्य समाज के लोगों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संगठन के सभी पदाधिकारी एवं सदस्य वैश्य समाज के हितों के संरक्षण में योगदान करेंगे। बैठक में रामबाबू बंसल, संजय आर्य, श्याम गोयल, अजय मित्तल, आशीष मेहता, नरेंद्र अग्रवाल, आदित्य बंसल, शिवम बंधु गुप्ता, हितेश अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, ललित गोयल, आशीष जैन, अवनीश गोयल, दीपक बंसल, सौरभ गोयल, संजय गुप्ता सहित कई लोग शामिल रहे।

प्रियंका ने एस एम जे एन पीजी कॉलेज के साथ अपनी यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव साझा किया

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(कुलभूषण) एस एम जे एन पीजी कॉलेज हरिद्वार में आज प्रियंका चड्ढा को परिवीक्षण अधिकारी के रूप में चयनित होने पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एस के बत्रा ने विदाई समारोह प्राचार्य कक्ष में आयोजित किया। इस अवसर पर संपूर्ण महाविद्यालय परिवार उपस्थित था।
प्राचार्य ने अपने संबोधन में सुश्री प्रियंका के व्यवसायिक कौशल की भूरी भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यद्यपि महाविद्यालय परिवार प्रियंका के जाने से रिक्त महसूस कर रहा है,लेकिन उन्हें सुश्री प्रियंका के चयन से प्रसन्नता भी है।
इस अवसर प्रियंका ने एस एम जे एन पीजी कॉलेज के साथ अपनी यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव साझा किए। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय परिवार और विशेष कर प्राचार्य जी का आशीर्वाद न केवल मेरे लिए अमूल्य पूंजी है।
कार्यक्रम का सफल संचालन डीन स्टूडेंट वेल्फेयर डॉ संजय कुमार महेश्वरी ने किया। उन्होंने कहा कि प्रियंका हमेशा से छात्र छात्राओं में लोकप्रिय रही है, और हमें आशा ही नहीं विश्वास है कि वे अपने नए कार्यस्थल पर आप अपनी कार्यकुशलता की छाप छोड़ेंगे।
राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष विनय थपलियाल ने कहा कि वे प्रियंका को उनके सुनहरे भविष्य हेतु अग्रिम शुभकामनाएं प्रेषित की और कहा की एक लोक सेवक के रूप में सुश्री प्रियंक का आचरण उच्च कोटि का और अनुकरणीय रहेगा ऐसा उन्हें विश्वास है। इस अवसर पर प्रो जे सी आर्या, डॉ नलिनी जैन श्री यादवेंद्र, आदि उपस्थित थे।

हडको ने उत्तराखंड परिवहन निगम को 100 बसों के लिये जारी किये 34.90 करोड़

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देहरादून, हडको ने उत्तराखंड़ के लिये 100 बसों हेतु ऋण की किश्त जारी की है यह धनराशि उत्तराखंड परिवहन निगम को 34.90 करोड़ की है। गौरतलब हो कि हडको द्वारा मार्च माह में उत्तराखंड परिवहन निगम को 100 बस के क्रय हेतु ऋण स्वीकृत किया गया था ।
हडको क्षेत्रीय प्रमुख संजय भार्गव द्वारा अवगत कराया गया, यह ऋण परिवहन निगम को जारी कर दिया गया है । यह ऋण परिवहन निगम द्वारा हाल ही में 130 बसे टाटा मोटर्स से क्रय की है इनके भुगतान हेतु किया जाएगा।
इससे पूर्व हड़को द्वारा मसूरी देहरादून की आडत बाजार योजना में भी 70 करोड़ का स्वीकृत पत्र जारी किया।

विश्व पृथ्वी दिवस पर डॉ. विक्रांत तिवारी ने युवाओं और कंपनियों से किया प्रकृति संरक्षण में भागीदारी का आह्वान

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नैनीताल, विश्व पृथ्वी दिवस 2025 के अवसर पर aadivasi.org के संस्थापक और पर्यावरणविद डॉ. विक्रांत तिवारी ने नैनीताल जिले के हरिनगर वन पंचायत में आयोजित सामुदायिक कार्यक्रम में जल और वन संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण संदेश दिया।
डॉ. तिवारी, जो पिछले कई वर्षों से उत्तराखंड सहित देश के विभिन्न राज्यों में वृक्षारोपण और जल संरक्षण जैसे कार्यों में सक्रिय हैं, अब तक लाखों पेड़ लगा चुके हैं और नैनीताल जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में 2000 से अधिक जल संरचनाएं (चाल-खाल) बनवा चुके हैं। इन प्रयासों से न केवल सूखते जलस्रोतों को पुनर्जीवन मिला है, बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी बल मिला है।
इस बार उन्होंने 1100 चाल-खाल के निर्माण का लक्ष्य रखा है, जिसकी शुरुआत आज पहले जलस्रोत के निर्माण से की गई। यह कार्य न केवल जल संरक्षण का माध्यम बनेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए सतत आजीविका का साधन भी सिद्ध होगा।
डॉ. तिवारी ने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने भविष्य की ज़िम्मेदारी स्वयं लें और प्रकृति संरक्षण के माध्यम से स्थायी आजीविका के नए मॉडल खड़े करें। उन्होंने कहा, “हमारे पास समय कम है, लेकिन यदि हम सब मिलकर संकल्प लें, तो हम धरती को बचा सकते हैं और साथ ही रोजगार भी पैदा कर सकते हैं।”
उन्होंने कॉर्पोरेट जगत से भी अपील की कि वे अपने CSR फंड को पर्यावरण संरक्षण जैसे कार्यों में लगाएं। “प्रकृति नहीं बचेगी तो व्यापार भी नहीं बचेगा। हमें पर्यावरण को केवल एक दान का विषय नहीं, बल्कि दीर्घकालिक निवेश के रूप में देखना होगा,” उन्होंने कहा।

इस पूरी परियोजना को आदिवासी वेलफेयर फाउंडेशन स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वित करेगा। संस्था का उद्देश्य न केवल पारिस्थितिकीय संतुलन स्थापित करना है, बल्कि ग्रामीणों को प्रशिक्षण और आय के अवसर प्रदान करना भी है, जिससे वे अपने पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी सशक्त बन सकें।

कार्यक्रम में स्थानीय ग्राम पंचायत की सरपंच गीता देवी, पूर्व ग्राम प्रधान विजयेंद्र लाल, वर्तमान प्रधान ललित मोहन, राकेश कुमार, जसुली देवी, कमला देवी, रेखा देवी, चंदन जी और अन्य ग्रामीण जन प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

डॉ. तिवारी ने अंत में कहा, “जल है तो जंगल है, जंगल है तो जीवन है। हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करना होगा।”

यह परियोजना डॉ. तिवारी के नेतृत्व में पंचायत हरिनगर, स्थानीय समुदाय और आदिवासी वेलफेयर फाउंडेशन के सहयोग से संचालित की जा रही है, जो एक प्रेरक उदाहरण है कि कैसे समाज और प्रकृति साथ मिलकर एक नया भविष्य गढ़ सकते हैं।

हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान ने किया ‘जल पूजन’ कार्यक्रम का शुभारंभ

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देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), जल संकट की चुनौती के समाधान के लिए हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान (जाड़ी) वर्ष 2025 को जल वर्ष के रूप में मना रहा है।
जल वर्ष 2025 के अंतर्गत पृथ्वी दिवस के अवसर पर संस्थान द्वारा नदी, तालाब, कुएं, नौलों, धारों पनियारो को पूजने उन्हें सम्मान देने के लिए पूजन कार्यक्रम की शुरुआत एमकेपी महाविद्यालय देहरादून से की गई। शुभारंभ के अवसर पर जल स्रोत की पूजा, आरती, भजन के साथ छात्र छात्राओं के द्वारा गीत गाए गये। जलस्रोत के पास ही सारे कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस अवसर पर कल के लिए जल अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि पानी का पूजन एवं सम्मान हमारी संस्कृति में था, पिछले कुछ दशकों में इसमें कमी आई है जिसके कारण आज प्रकृति समाज से रूठ गई है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में क्लाइमेट चेंज कहा जा रहा है, आधुनिकता के फेर में लोग अपनी पंपराओं से दूर होते गए जिसके कारण पानी भी दूर जाता रहा, जिसके परिणाम हमारे सामने है।
नई पीढ़ी अपनी पंपराओं को जाने जलस्रोतों को सम्मान दे जिस तरह अपने घर में स्थित पूजा घर एवं मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरिजाघर का सम्मान करते है ठीक उसी तरह जलस्रोतों, नदी, तालाब, नोलो, झरनों का भी सम्मान करे इस उद्वेश्य से जल पूजन कार्यक्रम का शुरू किया गया।
इस अवसर पर पर्वतीय विकास शोध के नोडल अधिकारी डॉ अरविंद दरमोड़ा ने कहा कि जल संकट के समाधान के लिए द्वारिका प्रसाद सेमवाल के द्वारा किए गए कार्यों का संज्ञान प्रधान मंत्री ने भी किया, उनके द्वारा विद्यालयों को जलस्रोतो को गोद लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, वह काफी लोकप्रिय हो रहा है।
महाविद्यालय में कार्यक्रम की आयोजक हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अलका मोहन ने बताया कि जीवन के अस्तित्व को बचाने के लिए जल स्रोतों का संरक्षण महत्वपूर्ण है, जल नहीं तो कल नहीं ये एक नारा नहीं बल्कि एक चेतावनी है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ सरिता कुमार ने अतिथियों का बुके देकर सम्मान किया। उन्होंने महाविद्यालय की संस्थापिका महादेवी जी के पुण्यतिथि पर तालाब बनाने की बात कही।
इस अवसर पर प्रो यतीश वशिष्ठ, भारती आनंद, विकास पंत, प्रज्वल उनियाल, डॉ पुनीत सैनी, अंजना, कुसुम, राशि, दीपा, शीना, काजल, प्रतिभा, शीबा, मोनिका, रंजना मधुर दरमोड़ा शामिल रहे।

टौंस नदी जल पूजन कार्यक्रम :

हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी एवं डीडी कॉलेज निम्बुवाला के द्वारा कॉलेज के एनएसएस अधिकारी श्री मयंक बंगारी के नेतृत्व में छात्रों के द्वारा टपकेश्वर के नजदीक टौंस नदी की सफाई के साथ टौंस नदी की पूजा की गयी, जल पूजन के उद्देश्य पर कल के लिए जल अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि जल पूजन यानी अपनी संस्कृति, परंपरा की ओर वापसी का माध्यम है, जो दर्जा घर में पूजा स्थान का होता, मंदिर, तीर्थों का होता है वही जल का होना चाहिए। हमारी संस्कृति परंपरा और धर्म शास्त्रों में जल को विष्णु कहा गया है, देश के कही हिस्सों में आज भी नव विवाहित दुल्हन अपनी ससुराल में धारा पूजन से करती है, छोटी पूजा से भागवत महापुराण की शुरुआत जल पूजन से होती है तो फिर आज जल स्रोत, नदी, तालाब गंदगी ढोने के वाहक क्यों बना दिए गए। नई पीढ़ी ही बदलाव ला सकती है नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति परंपरा से जोड़ने के लिए जल पूजन कार्यक्रम शुरू किया गया।
डीडी कॉलेज और जाड़ी संस्थान मिलकर टौंस नदी को पुनर्जीवित करने उसके जल स्तर को बढ़ाने के लिए कार्य करेगा।
डीडी कॉलेज के एनएसएस अधिकारी मयंक बंगारी ने कहा कि जल पूजन कार्यक्रम के माध्यम से नदी तालाब और जलस्रोतों के सम्मान के लिए ये अनोखी पहल है। पृथ्वी पर मानव के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए सभी को प्रकृति प्रदत संसाधनों का सदुपयोग एवं सम्मान करना चाहिए। आने वाले समय में जल पूजन कार्यक्रम निरंतर आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर डॉ. अरविंद दरमोड़ा, विकास पंत, भारती आनंद, प्रज्वल उनियाल, पायल, सालनी, दिव्यांशु, नितिन राणा सही कॉलेज के तीन दर्जन से अधिक बच्चे मौजूद रहे।

प्राइवेट स्कूलों की मनमानियों पर अंकुश लगाने को लेकर संयुक्त नागरिक संगठन ने सीएम को भेजा ज्ञापन

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देहरादून, संयुक्त नागरिक संगठन की अपील पर सभी सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उत्तराखंड में प्राइवेट स्कूलों की मनमानियों पर अंकुश लगाने हेतु सामूहिक भावनाओं के अनुरूप ‘उत्तराखंड़ स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम 2025’ का प्रारूप बनाकर इसे लागू करने हेतु सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों/जागरूक दून वासियों के हस्ताक्षर उपरांत सामूहिक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित किया। जिसकी प्रतिलिपि राज्यपाल एवं मुख्य सचिव को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की गयी।
मंगलवार को जिला मुख्यालय में सयुंक्त नागरिक संगठन द्वारा प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर बिन्दुवार समस्याएं जिलाधिकारी को बताई साथ ही उस परिपेक्ष में सुझाव भी दिये। संस्था कें प्रतिनिधियों द्वारा जिलाधिकारी द्वारा जनहित में किये गये कार्यो हेतु धन्यवाद प्रेषित किया औऱ उनकी भूरी भूरी प्रशंसा की, तत्पश्चात सिविल सर्विस डे के उपलक्ष में एवं उनके किये कार्यो के लिये शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया, जिस पर जिलाधिकारी द्वारा सभी का आभार प्रकट किया और लगातार जनता के सुलभ कार्यो के प्रति अभियान जारी रखने का आश्वासन दिया।

यह लोग रहे मौजूद :
इस अवसर पर मुख्यतः सुशील त्यागी , पदम सिंह थापा, नरेशचंद्र कुलाश्री, जी एस जस्सल , प्रदीप कुकरेती, एलआर कोठियाल, पंकज उनियाल, मुकेश नारायण शर्मा, चौधरी ओमवीर सिंह, बी. पी. ममगांई , शक्ति प्रसाद डिमरी , दिनेश भंडारी , शान्ति प्रसाद नौटियाल , ठाकुर शेर सिंह, डा॰ मुकुल शर्मा , दिनेश गोदियाल , संजय गर्ग , प्रभात डण्डरियाल , प्रकाश नागिया , विजय पाहवा , दिनेश उनियाल आदि मौजूद रहे।

संयुक्त नागरिक संगठन के द्वारा प्रस्तावित “उत्तराखंड स्व- वित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम 2025 का प्रारूप निम्लिखित है :
-उत्तराखंड स्व-वित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम-2025” तत्काल लागू किया जाय।
-उत्तराखंड़ के सभी जनपदों में जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में अधिकार संपन्न ‘जिला शुल्क नियामक समिति’(डिस्ट्रिक्ट फीस रेगुलेटरी कमेटी) का गठन किया जाए।
-जिला शुल्क नियामक समिति के अनुमोदन के बगैर स्कूलों को फीस, ड्रेस या यूनिफॉर्म में किसी भी तरह का बदलाव करने पर रोक लगाने का प्राविधान भी शामिल किया जाय।
-स्कूल-पब्लिशर्स व रिटेलर्स से संबंधित सभी गतिविधियां को नियंत्रित करने हेतु प्राविधान शामिल किए जाए।
-अधिनियम के प्राविधानों में प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश शुल्क में तीन वर्षों में अधिकतम 10% प्रतिशत वृद्धि सुनिश्चित की जाय।
-राज्य के सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए प्रत्येक कक्षा की फीस निर्धारित करते हुए इसमें एकरूपता सुनिश्चित की जाय।
-आईसीएसई बोर्ड से संबंध स्कूलों में भी प्रदेश के भीतर एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य की जाएं। यदि इसमें केंद्रीय स्तर से कोई अड़चन है, तो केंद्र सरकार के स्तर पर भी प्रयास के लिए राज्य स्तर से आग्रह किया जाए।
-उत्तराखंड में प्राइवेट पब्लिशर्स की पुस्तकें पूरी तरह प्रतिबंधित की जाएं। यदि ये लगाई भी जाती हैं तो सरकार राज्य के भीतर इनके पृष्ठों और प्रिंटिंग क्वालिटी के अनुसार इनका अधिकतम विक्रय मूल्य निर्धारित/नियंत्रित करे। पब्लिशर्स को उसी अधिकतम मूल्य के भीतर पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए विवश किया जाए।
-प्रदेश में किसी भी स्कूल के संचालन के लिए मान्यता/एनओसी संबंधी प्रावधानों को कठोर बनाने के साथ ही इनका अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए डीएम और मुख्य शिक्षाधिकारी को व्यापक अधिकार दिए जाएं।
-स्कूलों में सुविधाओं में बढ़ोतरी, अवसंरचना विस्तार, नवीन शाखा की स्थापना, शैक्षिक प्रयोजनों के विकास आदि के साथ ही सभी तरह के शुल्क संग्रह की प्रक्रिया खुली,पारदर्शी व उत्तरदाई बनाई जाए, जिसकी रसीद अभिभावक को हर हाल में उपलब्ध कराई जाने की बाध्यता हो।
-मासिक ट्यूशन फीस में ही परिवहन, बोर्डिंग, मेस या डाइनिंग (उपयोगानुसार), शैक्षिक दौरे या अन्य समान क्रियाकलाप का शुल्क भी शामिल हो। वह भी सिर्फ उसी अभिभावक से लिया जाए, जिसका छात्र उक्त सेवाओं/सुविधाओं का उपभोग कर रहा हो।
-स्कूल छोड़ते समय बच्चे के अभिभावक को एडमिशन के वक्त जमा कराई गई सिक्योरिटी की पूरी राशि और टीoसीo जारी करने की बाध्यता स्कूल प्रबंधन के लिए की जाए। टीoसीo के लिए किसी भी तरह का अतिरिक्त शुल्क/भुगतान लेने पर तत्काल रोक लगे। टीoसीo बच्चे को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाए।
-राज्य स्तर पर फीस एक्ट व स्कूलों से संबंधित अन्य नियमों-विनियमों के अनुपालन और निजी स्कूलों पर नियंत्रण के लिए उच्चस्तरीय अधिकारसंपन्न स्वतंत्र ‘स्कूल नियामक आयोग’ का गठन किया जाए।
-अधिनियम के प्राविधानों/नियामक समिति के आदेशों/अभिवावकों की शिकायतो की जांच में पाए गए दोषी प्राइवेट स्कूलों के विरुद्ध 5 लाख रुपए आर्थिक दंड लगाने/स्कूलों को जारी एनoओoसीo को निरस्त करने/स्कूलों को सीज कराने के प्राविधान भी अधिनियम में शामिल किए जाए।