देहरादून, लेखपाल संघ के आह्वान पर प्रदेशभर के पटवारी और लेखपाल तीन दिवसीय हड़ताल पर बैठ गए हैं। मंगलवार से शुरू हुई इस हड़ताल का असर जिला व तहसील स्तर पर राजस्व से जुड़े कार्यों पर साफ़ दिखाई दे रहा है। पटवारियों की हड़ताल के चलते भूमि अभिलेखों का सत्यापन, वरासत, नामांतरण, भू-नक्शा व खतौनी अद्यतन जैसे अहम कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं। लेखपाल संघ का कहना है कि वे पुरानी लंबित मांगों को लेकर बार-बार सरकार से संवाद कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। यदि जल्द वार्ता न हुई तो आंदोलन को और तेज़ किया जाएगा। इस हड़ताल से राजस्व विभाग के दैनिक कार्यों पर सीधा असर पड़ा है, जिससे आम नागरिकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तराखंड़ लेखपाल संघ के आह्वान पर प्रदेशभर के पटवारी और लेखपाल तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल से राजस्व विभाग के महत्वपूर्ण कार्य ठप हो गए हैं और आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल का मुख्य कारण सरकार द्वारा दिए गए खतौनी अद्यतन के निर्देश हैं, जिसे लेकर लेखपालों में भारी नाराजगी है।
लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष देवेश घिल्डियाल का कहना हैं कि सरकार ने लेखपालों को तत्काल प्रभाव से वह खतौनी तैयार करने का आदेश दिया है, जिसमें सामान्य रूप से तीन से चार साल का समय लगता है। उन्होंने कहा कि यह कार्य बिना किसी अतिरिक्त तकनीकी सहयोग, स्टाफ या संसाधनों के असंभव है। लेखपालों का कहना है कि वे राजस्व प्रबंधन में तकनीकी सुधारों के पक्ष में हैं, लेकिन बिना तैयारी और संसाधन के इस तरह का दबाव जमीनी स्तर पर कार्य को असंभव बना देता है। लेखपाल संघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द ठोस वार्ता नहीं की, तो हड़ताल को अनिश्चितकालीन रूप दिया जा सकता है।
संघ का आरोप है कि न तो उन्हें तकनीकी स्टाफ मुहैया कराया गया है, न ही आवश्यक सॉफ्टवेयर या डाटा इंट्री की पर्याप्त सुविधा। ऐसे में बिना किसी तैयारी के इतने बड़े पैमाने पर खतौनी तैयार करना न केवल असंभव है, बल्कि लेखपालों पर अनुचित दबाव भी है। घिल्डियाल ने कहा कि जब तक शासन उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करता वो अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
प्रदेशभर के पटवारी तीन दिवसीय हड़ताल पर, राजस्व कार्य हुआ ठप
पुलिस मुख्यालय पहुंचा किन्नरों के नेक वसूली का मामला, पुलिस महानिदेशक को दिया ज्ञापन
“संयुक्त नागरिक संगठन की पहल पर सामाजिक संगठनों ने रखी मांग, किन्नर समाज के लिये जारी हो एसओपी”
देहरादून, राज्य में किन्नर समाज द्वारा पारिवारिक मांगलिककार्यों, त्योहारों, आवास निर्माण आदि पर जन मानस से जो नेक मांगा जाता हैं उसमें नागरिकों को बददुआओं का डर दिखाकर बधाई के रूप में ज्यादा नेक राशि देने हेतु दबाव बनाया जाता है, जिसको लेकर सामाजिक संगठनों ने अधिकतम राशि नियत करने हेतु एसओपी जारी किए जाने की मांग की, मंगलवार को सयुंक्त नागरिक संगठन की पहल पर कई सामाजिक संस्थाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था धीरेन्द्र गुंजाल से मिलकर अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरुगेशन को सम्बोधित ज्ञापन वार्ता के उपरान्त प्रेषित किया गया।
दूनवासियों ने बताया किन्नर समाज विवाह, पुत्रजन्म, आवास निर्माण, तीजत्यौहार आदि पर किसी भी आवास स्वामी/ किराएदार के यहां जाकर इनको आतंकित कर असभ्य व्यवहार करते हुए बद्दुआओं का डर दिखाकर जबरन मुंह मांगी राशि वसूलते हैं। जबकि इन अपराधों के लिए कानून बने हुए हैं। प्रतिनिधिमंडल की मांग थी की विभाग द्वारा एसओपी जारी की जाय। इसमें किन्नरों द्वारा निजी निवास के बाहर /आवास स्वामी/किराएदार महिला-पुरुष / वरिष्ठ नागरिकों की शांति भंग करने पर पुलिस सहायता 105 तथा सीएम हेल्पलाइन 1905 आदि पर इनके अभद्र व्यवहार की वीडियो रिकॉर्डिंग सहित शिकायत तत्काल दर्ज की जाय।
पुलिस विभाग तुरंत शिकायतकर्ता तक पहुंच कर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करे।एसओपी में शासन द्वारा किन्नरों के लिए दान स्वरूप दी जाने वाली राशी अधिकतम सीमा निर्धारित करने की मांग भी की गई है। वहीं किन्नरों द्वारा कपडे, राशन, गोल्ड या चांदी की मांग आदि पर रोक न लगाने पर भी रोष जताया गया।
ज्ञापन में दानदाता द्वारा विवाह संस्कार उपरांत दी जाने वाली प्रस्तावित नेक की राशी 1001/-रुपया, आवास निर्माण हेतु 1501/-पुत्र जन्म पर 2100/- रुपया। त्योहारों पर्व आदि पर दानदाता द्वारा दी जाने वाली प्रस्तावित राशी 101/-रूपया निश्चित करने की भी मांग प्रतिनिधिमंडल ने की है। इस बारे में अपर पुलिस महानिदेशक वी मुरुगेशन के साथ वार्ता कर आवश्यक कदम उठाए जाने की कार्यवाही की संभावना बलवती हो गई है। दूसरी ओर इसी विषय को लेकर जिलाधिकारी को भी ज्ञापन दिया गया है। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट कार्रवाही करेंगे।
प्रतिनिधिमंडल में व्यापार मंडल के सुनील बांगा, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी कल्याण समिति के एस. पी. डिमरी, मुकेश नारायण शर्मा, उत्तराखंड पेंशनर्स समन्वय समिति के गिरीश भट्ट, राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदीप कुकरेती, संयुक्त नागरिक संगठन के. सी. एस. नेगी, सुशील त्यागी, अवधेश शर्मा, रोड सेफ्टी के उमेश्वर सिंह रावत, पेंशनर्स संगठन के ठाकुर शेरसिंह आदि थे।
बीएमएस का प्रदेश युवा कार्यकर्ता सम्मेलन को सफल बनाने के लिए हुआ बैठक का आयोजित
देहरादून, अगले माह 22 जून को हरिद्वार में होने वाले विशाल युवा सम्मेलन की तैयारी हेतु एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें भारतीय मजदूर संघ की जिला एवं राज्य कर्मचारी महासंघ उत्तराखण्ड सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ की जनपद देहरादून के पदाधिकारियों ने भाग लिया,
बैठक भारतीय मजदूर संघ के प्रांतीय कार्यालय कांवली रोड पर आहूत की गयी, जिसकी अध्यक्षता सुमित सिंघल प्रदेश महामन्त्री भामस तथा संचालन सन्दीप कुमार जिलामंत्री एव विपिन चन्द्र बडोनी राज्य कर्मचारी महासंघ उत्तराखण्ड जिला देहरादून ने सयुक्त रूप से किया । प्रदेश महामन्त्री भारतीय मजदूर संघ सुमित सिंघल ने बताया कि इस विशाल युवा सम्मेलन में प्रदेश के मुख्यमन्त्री मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करेंगे
भारतीय मजदूर संघ एव राज्यकर्मचारी महासंघ उत्तराखण्ड की सयुंक्त बैठक में मुख्य वक्ता प्रदेश सयोजक राज्य कर्मचारी महासंघ एव प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय मजदूर संघ उत्तराखण्ड श्री अजय कान्त शर्मा ने बताया कि प्रदेश युवा कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए जनपद देहरादून से अधिक से अधिक कर्मचारी और साथीगण कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया जाएगा बैठक को राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ के अखिल भारतीय मंत्री एव प्रभारी प्रदेश उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारी महासंघ उत्तराखण्ड ने कहा कि हमारा संगठन राष्ट्रवाद की भावना एव राष्ट्र हित , विभाग हित एव कर्मचारी हित के साथ कार्य करते हुए अखिल भारतीय संगठन है जो की सम्पूर्ण देश के 18 राज्यों एव में संघठन कार्य कर रहा है तथा सभी कर्मचारियों को तन मन धन से 22 जून के कार्यक्रम को सफल बनाना है ,
राज्य कर्मचारी महासंघ उत्तराखण्ड की प्रदेश कार्यकारी अध्यक्षा श्रीमती मीणा रावत ने बैठक में समीक्षा करते हुए जनपद देहरादून के समस्त पदधिकारियो एव कार्यकारिणी को किस प्रकार से 22जून के युवा कार्यकर्ता सम्मेलन को सफल बनाने में महिलाओ और कर्मचारियों की भागीदारी के लिए अति आवश्यक निर्देश प्रदान किये तथा महिलाओं की भागीदारी ज्यादा से ज्यादा रखने पर जोर दिया ।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश महामन्त्री भारतीय मजदूर संघ सुमित सिंघल बैठक में सभी को अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश युवा कार्यकर्ता सम्मेलन भारतीय मजदूर संघ के 70वे वर्ष के उपलक्ष में आयोजित किया जा रहा है ।
बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमति मीना रावत जिला अध्यक्ष विपिन बडोनी जिला मन्त्री सन्दीप वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील मेहता, प्रवीण ममगांई, सुनील बिष्ट, मार्गदर्शक गोविन्द बिष्ट विस्तारक सन्दीप मण्डल सयोजक धमान्दा सहित अन्य सभी यूनियन के समस्त पदाधिकारी उपस्थित रहे ।
एक ही परिवार के सात लोगों ने की आत्महत्या, गाड़ी में बैठकर खाया जहर,
चंड़ीगढ़ (पंचकूला), हरियाणा में पंचकूला के सेक्टर 27 में सोमवार देर रात एक ही परिवार के सात लोगों ने आत्महत्या की घटना से हड़कंप मच गया, घटना का पता लगते ही स्थानीय थाना पुलिस समेत डीसीपी हिमाद्री कौशिक भी तुरंत मौके पर पहुंची, बेसुध पड़े सभी सात लोगों को तुरंत सेक्टर 26 स्थित ओजस अस्पताल ले जाया गया, जहां सभी को मृत घोषित किया गया, जबकि एक की मौत सेक्टर 6 सिविल अस्पताल में हुई l
पुलिस जांच में अभी यह साफ नहीं हो पाया कि आखिर इस परिवार ने ऐसा खौफनाक कदम क्यों उठाया, इस पुलिस ने सभी मृतकों की पहचान कर ली है, मृतकों में प्रवीण मित्तल, उनके पिता देशराज मित्तल, मां और पत्नी समेत तीन बच्चों (दो बेटियां और एक बेटा) के रूप में हुई है, जांच में पता लगा कि परिवार मूल रूप से उत्तराखंड का रहने वाला है और पिछले काफी समय से पंचकूला में किराए के मकान में रह रहा था l
पुलिस के अनुसार परिवार के करीबी लोगों से बातचीत में पता लगा कि प्रवीण मित्तल के परिवार पर भारी कर्ज था, कुछ ही समय पहले प्रवीण मित्तल के परिवार ने देहरादून में टूर एंड ट्रेवल्स का बिजनेस शुरू किया था, लेकिन इस कारोबार में उन्हें बड़ा घाटा हुआ. इसके अलावा आमदनी के सभी साधन भी खत्म हो चुके थे, कारोबार में लगातार घाटे कारण तनाव और परेशानी के झेलने के चलते परिवार ने यह कदम उठाया l
वहीं बताया जा रहा है कि जहर निगलने के बाद परिवार के 7 लोग घर के बाहर गाड़ी में बैठे थे, फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है कि सभी जहर खाने के बाद घर के बाहर खड़ी गाड़ी में आकर बैठे थे ? या फिर किसी अन्य जगह से लौटने के बाद घर के अंदर ना जाकर गाड़ी में बैठे-बैठे ही जहर निगल लिया. फिलहाल इस तथ्य की पुष्टि के लिए पुलिस जांच में जुटी है l
पुलिस के मुताबिक घटना का प सोमवार की देर रात करीब 11 बजे की है, पुलिस को डायल 112 पर फोन आया, सूचनाकर्ता व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि बाहर खड़ी गाड़ी में कुछ लोग बैठे हैं, जो बुरी तरह तड़प रहे हैं. इस सूचना पर पुलिस ईआरवी गाड़ी मौके पर पहुंची तो पुलिसकर्मियों ने गाड़ी में 7 लोग बैठे दिखे, जिनकी हालत काफी खराब थी, सभी को तुरंत सेक्टर 26 स्थित ओजस अस्पताल ले जाया गया l इसके कुछ ही देर बाद घर से एक अन्य व्यक्ति तड़पते हुए बाहर निकला, पुलिसकर्मी उसे भी उपचार के लिए तुरंत अस्पताल ले गए लेकिन इलाज के दौरान सभी 7 लोगों की मौत हो गई l
वाहन से दो पेज का सुसाइड नोट बरामद :
पुलिस ने अब वाहन से दो पेज का सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें परिवार के कठोर कदम के पीछे का कारण बताया गया है। नोट में परिवार के मुखिया ने लिखा है कि वे यह कदम इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि वे कर्ज के कारण दिवालिया हो गए हैं। उन्होंने यह भी लिखा कि जो कुछ भी हुआ वह उनकी गलती थी और सभी से आग्रह किया कि वो उनके ससुर को परेशान न करें। व्यक्ति ने कहा कि सभी अंतिम संस्कार और अनुष्ठान उनके ममेरे भाई (मामा के बेटे) करेंगे। मरने वालों में वह परिवार के मुखिया, उनकी पत्नी, उनके तीन बच्चे और उनके बुजुर्ग माता-पिता शामिल हैं। परिवार पंचकूला में किराए के मकान में रह रहा था।
सोमवार को परिवार पंचकूला में बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री के आध्यात्मिक कार्यक्रम में शामिल होने गया था। हालांकि, घटना के बाद घर लौटने के बजाय, उन्होंने अपनी हुंडई ऑरा कार शहर के सेक्टर 27 इलाके में खड़ी कर दी और पूरे परिवार ने जहर खा ली। जब राहगीरों की नजर कार पर पड़ी तो ड्राइवर सीट पर बैठा व्यक्ति होश में दिखा जबकि बाकी लोग बेसुध थे। उस व्यक्ति ने लोगों से कहा कि उनका परिवार भारी कर्ज में डूबा हुआ है, जिसके कारण उन्होंने यह भयावह कदम उठाया है। लोगों ने उसे कांपते हुए और गंभीर अवस्था में पाया, जिसके बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। परिवार के सभी सात सदस्यों को पंचकूला के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। इनमें से छह को मृत घोषित कर दिया गया जबकि परिवार का मुखिया की सांसें चल रही थीं। उन्हें दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया लेकिन बाद में उसने भी दम तोड़ दिया।
“तू झूम, ये तूने क्या किया….’’ सूफी गीत 30 मई को होगा लॉन्च
देहरादून। भजन गायिकी में अपनी अटूट पहचान कायम कर चुके उत्तराखंड के 26 वर्षीय युवा गायक अमन कांबोज सूफी गायिकी की दुनिया में भी एक नई पारी की शुरूआत करने जा रहे हैं।
रिवरस्टोन कोटेज देहरादून में शुक्रवार 30 मई को संगीत प्रेमियों के साथ अमन अपनी मधुर आवाज में ‘‘तू झूम, ये तूने क्या किया….’’ सूफी गीत की प्रस्तुति देकर एक नए सफर का आगाज करेंगे। गीत के लांचिंग अवसर पर जानीमानी हस्तियों के अलावा यूट्यूबर एवं बिग बॉस फ्रेम अरमान मलिक एवं निर्माता पंकज रावत (श्रीजा ग्लोबल) भी मौजूद रहेंगे।
इस लॉन्च के साथ, अमन कंबोज का लक्ष्य सूफी संगीत की शक्तिशाली और काव्यात्मक शैली के माध्यम से व्यापक दर्शकों से जुड़ना है, साथ ही आध्यात्मिक सार में निहित रहना है जिसने हमेशा उनकी कला को परिभाषित किया है।
‘‘तू झूम, ये तूने क्या किया….’’ सूफी गीत के निर्माता पंकज रावत (श्रीजा ग्लोबल) व शिवा कौशल (एनकोर क्रिएटिव) के मालिक ने बताया कि 30 मई को उनकी नयी म्यूजिक कंपनी ‘‘श्रीजा म्यूजिक’’ का भी अनावरण किया जायेगा। इस म्यूजिक कंपनी के माध्यम से संगीत प्रेमियो के लिए अमन काम्बोज द्वारा गाये गये सभी गीतों की जानकारी मिलेगी और प्रतिमाह एक नये गीत को प्रस्तुत किया जायेगा।
‘‘तू झूम, ये तूने क्या किया….’’ सूफी गीत के लॉन्च की शाम संगीत प्रेमियों के लिए एक आकर्षक शाम होने का वादा करता है, क्योंकि युवा कलाकार अमन की मधुर आवाज़ और दिल को छू लेने वाला प्रदर्शन श्रोताओं को उनके कलात्मक करियर के एक नए अध्याय से परिचित कराएगा।
https://drive.google.com/file/d/1xIJqy9qUJzHjAVL4UjB9TcVgoWtxxG_u/view?usp=sharing
चुनाव आयोग की पहल पर उत्तराखण्ड के 70 बीएलओ का दिल्ली में प्रशिक्षण जारी
– उत्तराखण्ड सहित चार राज्यों के चुनाव अधिकारियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
– तीन जिला निर्वाचन अधिकारियों, सहित 12 ईआरओ को भी दिया जा रहा प्रशिक्षण
देहरादून(आरएनएस)। भारत निर्वाचन आयोग की पहल पर बूथ स्तर के चुनाव अधिकारियों के प्रशिक्षण के क्रम में उत्तराखण्ड के तीन जिला निर्वाचन अधिकारी, 12 ईआरओ और 70 बीएओ/बीएलओ सुपरवाइजर का दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एव निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ हो गया है। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी 353 प्रतिभागियों को संबोधित किया। उत्तराखण्ड के साथ हिमाचल, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के फील्ड लेवल के चुनाव अधिकारियों का प्रशिक्षण चल रहा है। पिछले दो माह में आयोग द्वारा नई दिल्ली में 3,350 से अधिक बीएलओ स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है।
उत्तराखण्ड से जिला निर्वाचन अधिकारी ऊधमसिंह नगर, जिला निर्वाचन अधिकारी चम्पावत एवं जिला निर्वाचन अधिकारी बागेश्वर इस प्रशिक्षण में प्रतिभाग कर रहे हैं। इसके अलावा जनपद उत्तरकाशी,टिहरी,चमोली,पौड़ी,उत्
अपने उद्घाटन भाषण में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि चुनाव लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, निर्वाचक पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम, 1961 और समय-समय पर ईसीआई द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार सख्ती से आयोजित किए जाएं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभागी आरपी अधिनियम 1950 की धारा 24 (ए) के तहत डीएम/जिला कलेक्टर/कार्यकारी मजिस्ट्रेट और धारा 24 (बी) के तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के पास प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के खिलाफ प्रथम और द्वितीय अपील के प्रावधानों से खुद को परिचित करेंगे। उन्होंने बीएलओ और बीएलओ सुपरवाइजर को अपने संवाद के दौरान मतदाताओं को इन प्रावधानों से अवगत कराने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
यह याद किया जा सकता है कि 6-10 जनवरी 2025 तक विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम संशोधन (एसएसआर) अभ्यास पूरा होने के बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश से कोई अपील दायर नहीं की गई थी।
उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण प्रतिभागियों की व्यावहारिक समझ को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, विशेष रूप से मतदाता पंजीकरण, फॉर्म हैंडलिंग और चुनावी प्रक्रियाओं के क्षेत्र-स्तरीय कार्यान्वयन के क्षेत्रों में प्रतिभागियों को आईटी उपकरणों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण भी मिलेगा। अधिकारियों को मॉक पोल सहित ईवीएम और वीवीपैट का तकनीकी प्रदर्शन और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
पूर्व-राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविन्द कनखल के हरिहर आश्रम पहुंचे
हरिद्वार (कुलभूषण) भारत की आद्यपीठ तथा श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की गुरुगद्दी श्री हरिहर आश्रम, कनखल, हरिद्वार में आज प्रातः भारतीय गणराज्य के पूर्व-राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का सपरिवार शुभागमन हुआ। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी सविता कोविन्द एवं सुपुत्री स्वाती कोविन्द भी पहुची।
इस विशेष आध्यात्मिक प्रवास में महामहिम ने आश्रम के परमाध्यक्ष श्रीमत्परमहंस परिव्राजकाचार्य श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ अनन्तश्रीविभूषित जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज के सान्निध्य में सिद्धिप्रदाता रुद्राक्षवृक्ष, भगवान मृत्युञ्जय महादेव एवं भगवान पारदेश्वर के सानिध्य में लोक-कल्याण की प्रार्थना की।
महामहिम को जूनापीठ की सनातन परम्परा, पंचदेव उपासना एवं देशव्यापी पारमार्थिक कार्यों की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज द्वारा संचालित सेवा-प्रकल्पों की सराहना की और भारतीय संस्कृति, मूल्यों एवं सनातन धर्म के संरक्षण हेतु हो रहे प्रयासों को अत्यंत प्रेरणास्पद बताया।
ज्ञातव्य है कि श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा भगवत्पाद आद्य शंकराचार्य द्वारा स्थापित अखाड़ा परम्परा की आद्यपीठ है, जो कालगणना और संख्या की दृष्टि से भारत का सबसे प्राचीन और विराट संन्यासियों का समर्थ संगठन माना जाता है। कनखल स्थित श्री हरिहर आश्रम से लाखों नागा-संन्यासी दीक्षित होकर देशभर में लोकोपकारी कार्यों में संलग्न हैं। हरिहर आश्रम वेदान्त, धर्म, योग और सेवा के विविध पहलुओं पर आधारित शिक्षा और अनुष्ठान का एक जीवन्त केन्द्र है।
आचार्यपीठ से संचालित हजारों आश्रम, शैक्षणिक संस्थान, चिकित्सालय तथा सेवा-प्रकल्प देशभर में सनातन धर्म की जीवनता को अक्षुण्ण बनाए हुए हैं। प्रस्थानत्रयी (उपनिषद्, ब्रह्मसूत्र एवं भगवद्गीता) का अध्ययन, अध्यापन तथा साधकों के लिए वैदिक शिक्षण निरंतर चलायमान है।
जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज का जीवन-ध्येय सनातन वैदिक धर्म का विश्वव्यापी प्रचार प्रसार, संन्यास परम्परा का संवर्धन, साधनहीन बंधु-भगिनियों की सेवा और सर्वत्र पारमार्थिक प्रवृत्तियों का विस्तार है।
गोल्डन कार्ड सुविधा न मिलने पर पेंशनर्स नाराज
देहरादून, अस्पतालों में इलाज के लिए गोल्डन कार्ड की सुविधा न मिलने पर सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर्स संगठन उत्तराखंड ने नाराजगी जताई है।
संगठन के सचिव लाभ सिंह डोगरा ने बताया कि संगठन की बालावाला इकाई की बैठक में कहा गया कि पेशनर्स की पेंशन से पैसा काटा जा रहा है, लेकिन राज्य प्राधिकरण की लापरवाही के कारण पेंशनर्स की इसका लाभ नहीं मिल पर पा रहा है। हालांकि ग्राफिक एरा, महंत इंदरेश और हिमालयन हॉस्पिटल में गोल्डन कार्ड की सुविधा जारी रखे जाने पर प्राधिकरण का आभार भी व्यक्त किया गया।
बैठक में कहा कि भारत के अन्य राज्यों की भांति कम्यूनिट पेंशन की व्यवस्था की जाए और पेंशनर्स को इसका सीधा लाभ दिया जाए। बैठक में चिकित्सा सुविधा न मिलने के मामले में लगातार बातचीत और कार्यवाही किये जाने के लिए संगठन का चिकित्सा प्रकोष्ठ गठित करने का भी फैसला किया गया। बैठक में ऑपरेशन सिन्दूर और पहलगाम हमले में मारे गये सैनिकों और नागरिकों को श्रद्धांजलि भी दी गई।
डॉ. उमेश चमोला की बालोपयोगी लोक कथाओं के संग्रह का लोकार्पण
देहरादून, सोमवार को दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र देहरादून के तत्वावधान में डॉ. उमेश चमोला की पुस्तक ‘उत्तराखंड की एक सौ बालोपयोगी लोककथाएँ ‘ का लोकार्पण केंद्र के सभागार में सम्पन्न हुआ । पुस्तक लोकार्पण के बाद इस पर चर्चा की गई ।
लोकार्पण और चर्चा कार्यक्रम में मुकेश नौटियाल, डॉ. नन्द किशोर हटवाल, बीना बेंजवाल, रमाकांत बेंजवाल और राकेश जुगरान ने भाग लिया । वक्ताओं ने डॉ. उमेश चमोला को बधाई देते हुए कहा कि उनका प्रयास नई पीढ़ी को लोक संस्कृति से जोड़ने की दृष्टि से सफल होगा। उन्होंने कहा जहाँ लोक कथाएँ हमें किसी समाज का आइना दिखाती हैं वहीं यह लोक के समाज शास्त्र को समझने की दृष्टि से भी उपयोगी होती हैं।
कथाकार मुकेश नौटियाल ने कहा कि लोक कथाएँ हमारे समाज की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत करती है। यह अन्य कहानियों के लेखन के लिए आधार का भी कार्य करती है। पुस्तक के लेखक डॉ. उमेश चमोला ने कहा कि उन्होने अब तक 23 पुस्तकें लिखी हैं जिनमे से लोक कथाओं की उनकी यह चौथी पुस्तक है। उन्होंने कहा कि इन पुस्तकों के माध्यम से उन्होंने 300 से अधिक लोक कथाओं को प्रकाशित किया है। उनका प्रयास लोक कथाओं के माध्यम से नई पीढ़ी को लोक संस्कृति से जोड़ना है।
डॉ. नन्द किशोर हटवाल ने कहा कि वर्तमान दूर संचार तकनीकी के दौर में लोक कथाओं का संकलन करना आवश्यक हो गया है। आज लोक कथाओं को सुनने और सुनाने की परम्परा समाप्त होती जा रही है। इसलिए प्रिंट माध्यम से इनका संकलन कर इनका संरक्षण करना महत्वपूर्ण है। भाषाविद रमाकांत बेंजवाल ने कहा कि लोक कथाएँ हमारी संस्कृति, रीतिरिवाज और परम्पराओं की वाहक होती हैं। लोक में प्रचलित आभूषण, क़ृषि, वस्त्र आदि से सम्बंधित कई शब्द लोक कथाओं में व्यक्त होते हैं। लोक कथाओं के लुप्त होने पर इन शब्दों के लुप्त होने का भी खतरा है।
शिक्षाविद और साहित्यकार राकेश जुगरान ने कहा कि कहानियां प्राचीन काल से ही बच्चों का प्रिय विषय रही हैं। यह बच्चों के मानसिक विकास की दृष्टि से भी उपयोगी होती हैं। इसलिए डॉ. चमोला का यह प्रयास बच्चों के हित में है।
साहित्यकार बीना बेंजवाल ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि लोक कथाएँ लोक संस्कृति की अनोखी धरोहर होती हैं। इसलिए लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए आज की परिस्थितियों के अनुरूप लोक कथाओं को संकलित किए जाने पर जोर दिया जाना चाहिए।
केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने प्रारम्भ में स्वागत करते हुए कहा कि दून पुस्तकालय और शोध केंद्र का उद्देश्य इस तरह क़े कार्यक्रमों क़े माध्यम से आम पाठकों में पठन-पाठन में अभिरूचि पैदा करना है, काव्यांश प्रकाशन के प्रबोध उनियाल ने कहा कि श्रेष्ठ पुस्तकों के प्रकाशन के माध्यम से उनका प्रकाशन पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि डॉ. चमोला की पुस्तक के माध्यम से बच्चों को अपनी संस्कृति को जानने का अवसर प्राप्त होगा।
इस अवसर पर वरिष्ठ रंगकर्मी श्रीश डोभाल, शूरवीर सिंह रावत,ओम प्रकाश जमलोकी, प्रदीप डबराल, भारती मिश्रा,आलोक कुमार सरीन, सुरेन्द्र सजवान,शैलेन्द्र नौटियाल, सत्यानंद बडोनी, कुलभूषण नैथानी, राकेश कुमार,सुंदर सिंह बिष्ट, हरिओम पाली, अरविन्द प्रकृति प्रेमी, देवेंद्र कुमार कांडपाल, डॉ. वी क़े डोभाल, सोमेश्वर पांडे, शशि भूषण बडोनी, प्रेमी साहिल सहित पाठकगण, लेखक, साहित्यकार व अन्य लोग उपस्थित थे।
मामूली विवाद में बच्चे को थप्पड़ मारने से भड़का तनाव, पथराव में दो घायल, क्षेत्र में पैरा मिलिट्री तैनात
हल्द्वानी, जनपद के वनभूलपुरा क्षेत्र में रविवार की देर रात गांधीनगर इलाके में एक मामूली विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। एक नशे में धुत युवक द्वारा सड़क पर खेल रहे बच्चे को थप्पड़ मारने की घटना ने दो समुदायों के बीच तनाव को जन्म दिया, जो जल्द ही मारपीट और पथराव में बदल गया। इस घटना में दो लोग घायल हो गए। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज कर स्थिति को नियंत्रित किया और एक बड़ी घटना को टाल दिया। फिलहाल, क्षेत्र में हालात सामान्य हैं, लेकिन एहतियातन पैरामिलिट्री फोर्स तैनात कर दी गई है।
पुलिस के अनुसार, घटना रात करीब 9:30 बजे शुरू हुई, जब लाइन नंबर आठ का एक युवक नशे की हालत में गांधीनगर पहुंचा। उसने सड़क पर खेल रहे एक बच्चे को थप्पड़ मार दिया। रोते हुए बच्चे ने अपने परिजनों को घटना की जानकारी दी, जिससे गुस्साए परिजनों ने युवक को पकड़कर उसकी पिटाई शुरू कर दी। देखते ही देखते विवाद बढ़ गया, और दोनों समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए। कुछ ही देर में मारपीट और पथराव शुरू हो गया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। पथराव में दो लोगों को चोटें आईं, और तनावपूर्ण माहौल बन गया।
सूचना मिलते ही वनभूलपुरा थाने के एसओ नीरज भाकुनी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। शहर के अन्य थानों से अतिरिक्त पुलिस बल तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बवाल में शामिल चार से पांच लोगों को हिरासत में लिया। क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है, और खुफिया विभाग को भविष्य में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अलर्ट कर दिया गया है।
एसओ नीरज भाकुनी ने बताया कि पूरे घटनाक्रम की जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि युवक नशे की हालत में था, और उसकी हरकत ने विवाद को भड़काया। दोषियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा), 323 (मारपीट), और 504 (अपमानजनक उकसाव) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
यह घटना हल्द्वानी में सामाजिक तनाव का कारण बन गई है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई और क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने की मांग की है। प्रशासन ने स्थिति को पूरी तरह नियंत्रण में बताया है।