Friday, May 2, 2025
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गोल्डन कार्ड योजना पर संकट, ह्णकैशलेस इलाज पर खतरा, अस्पतालों की देनदारी 100 करोड़ के पार

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देहरादून, प्रदेश के कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों के लिए गोल्डन कार्ड से कैशलेस इलाज संकट में आ गया है। अब कर्मचारियों और पेंशनरों के अंशदान से इलाज का खर्च पूरा नहीं हो रहा हैं। बता दे कि कैशलेस इलाज प्रदान करने वाले अस्पतालों की देनदारी 100 करोड़ से अधिक हो गई हैं। अस्पताल अब कैशलेस इलाज देने में असमर्थता जता रहे हैं। अगर जल्द ही समाधान नहीं निकला, तो हजारों सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को मेडिकल सेवाओं में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
अंशदायी योजना होने के कारण प्रदेश सरकार की ओर से कोई बजट नहीं दिया जाता है। वर्ष 2021 में राजकीय कर्मचारियों, पेंशनरों के लिए राज्य स्वास्थ्य योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत कर्मचारियों और पेंशनरों के साथ उनके आश्रितों को गोल्डन कार्ड पर असीमित खर्च पर इलाज की सुविधा है।
इस सुविधा के लिए कर्मचारियों व पेंशनरों के वेतन व पेंशन से हर माह अंशदान लिया जाता है। इससे सालाना 120 करोड़ राशि प्राप्त होती है। जबकि इलाज पर होने वाला सालाना खर्च 300 करोड़ पहुंच गया है। ऐसे में योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों की देनदारी 100 करोड़ तक पहुंच गई है। भुगतान न होने पर सूचीबद्ध अस्पताल इलाज करने से मना कर रहे हैं। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट ने पहले ही इंकार कर दिया है। वहीं, अन्य अस्पतालों की ओर से राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को इलाज न करने का अल्टीमेटम दिया जा रहा है।

 

 

राधा रतूड़ी का मुख्य सचिव पद से 31 मार्च को कार्यकाल पूरा, आनंद बर्द्धन बन सकते हैं नए सीएसजानें कौन होंगे अगले मुख्य सचिव, 31 मार्च को खत्म हो रहा सीएस का सेवाकाल |  Know who will be the next Chief Secretary, CS's tenure is ending on March 31  | Patrika News

देहरादून, उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त हो रहा है। उन्हें इस पद पर दो बार सेवा विस्तार मिल चुका है, लेकिन इस बार वे पुनः कार्यभार संभालने की इच्छुक नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार, उनके बाद राज्य के नए मुख्य सचिव के रूप में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की नियुक्ति की संभावना व्यक्त की जा रही है।
आनंद बर्द्धन 1992 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में उत्तराखंड प्रशासनिक सेवा में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। उनकी वरिष्ठता के चलते उनके मुख्य सचिव बनने की संभावना मजबूत मानी जा रही है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, आनंद बर्द्धन का नाम मुख्य सचिव पद के लिए लगभग तय माना जा रहा है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, जो पहले ही दो बार सेवा विस्तार ले चुकी हैं, अब मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) पद के लिए आवेदन कर चुकी हैं। वर्तमान में सीआईसी चयन की प्रक्रिया जारी है, और संभावना है कि सरकार उनके कार्यकाल समाप्त होने से पहले इस पद पर उनकी नियुक्ति कर सकती है।
आनंद बर्द्धन के बाद दो अन्य वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भी मुख्य सचिव पद की दौड़ में शामिल हैं। इनमें 1997 बैच के IAS आरके सुधांशु और एल फेनई प्रमुख हैं। हालांकि, वरिष्ठता के आधार पर आनंद बर्द्धन का चयन अधिक संभावित माना जा रहा है। वहीं सूत्रों के मुताबिक, आनंद बर्द्धन का नाम केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए भी प्रस्तावित हो चुका है, लेकिन उन्होंने उत्तराखंड में ही सेवाएं जारी रखने की इच्छा जताई है। ऐसे में उनके नए मुख्य सचिव बनने की संभावना प्रबल हो गई है।

पुराण (कविता)

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पुराण (कविता)

पुराणों में सच्चिदानंद का वर्णन,
पुराणों से मिलता दिव्य दर्पण।
पुराणों ने जीवन मार्ग दिखाया,
पुराणों ने माया रहस्य बताया।

पुराणों में अद्वैत का सार समाया,
पुराणों ने ब्रह्म का ज्ञान कराया।
पुराणों से धर्म की ज्योति जलती,
पुराणों से भक्ति की गंगा बहती।

पुराणों में छिपा आत्मा का ज्ञान,
पुराणों ने सिखाया मोक्ष – ध्यान।
पुराणों में शिव का तत्त्व विराजे,
पुराणों से भक्तिभाव जो साजे।

पुराणों में नीति का भंडार मिलता,
पुराणों से जग में सद्भाव खिलता।
पुराणों ने माया के भ्रम को हटाया,
पुराणों से आत्मस्वरूप को पाया।

पुराणों में वेदों का मर्म समाया,
पुराणों ने अद्वैत को सत्य बताया।
पुराणों से जीवन धन्य हो जाता,
पुराणों में ही ब्रह्म मिल जाता।

पुराणों से जग में सद्ज्ञान फैलता,
पुराणों से मानव सन्मार्ग चलता।
पुराणों ने सत्य-असत्य को जाना,
पुराणों से धर्म का दीप है जलता।

पुराणों से जीव ने प्रकाश है पाया,
पुराणों ने हर भ्रम को दूर भगाया।
पुराणों में जीवन का सत्य समाया,
पुराणों ने अद्वैत से ब्रह्म मिलाया।

योगेश गहतोड़ी (ज्योतिषाचार्य)
मोबाईल: 9810092532

तृतीय विनय विण्डलास मेमोरियल ऑल इंडिया क्लब बेसबाल चेपियननशिप का आगाज 28 मार्च से

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देहरादून देश की एक मात्र क्लब बेसबाल विनय विण्डलास मेमोरियल इनामी राशि बेसबाल टूर्नामेंट का आगाज राजधानी में 28 मार्च से होगा! परेड ग्राउंड और पवेलियन मैदान में खेली जानी वाली इस इनामी प्रतियोगिता में देश के सर्वश्रेष्ट दस क्लब भाग लेंगे
दो लाख नगद इनामी वाली इस प्रतियोगिता में भाग ले रही टीमों में ग्रुप ए में नाइन फेमस क्लब चंडीगढ़, मुंबई राकर्ष,इंदौर बेसबाल क्लब, बिलासपुर बेसबाल क्लब और खालसा क्लब पंजाब को रखा गया है जबकि ग्रुप बी में फरीदाबाद बेसबाल कलब, दिल्ली रॉयल क्लब, दून स्ट्राईकर,रोहिनो बेसबाल क्लब आसाम और सिटी हाक हरयाणा को रखा गया है!
आयोजक सचिव सतीश आनंद एव अध्यक्ष उत्तराखंड बेसबाल संघ विमल हरनाल ने बताया की प्रतियोगिता का उदघाटन विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा 28 मार्च को सुबह 10 बजे मुख्य अथिति के रूप में करेंगे, समापन अवसर पर निदेशक खेल एवं युवा कल्याण प्रशांत आर्य विजेता खिलाड़ियों को इनामी राशि व चल वैजयंती प्रदान करेंगे!
लीग कम नाकआउट आधार पर खेले जाने वाली इस प्रतियोगिता के तीसरे संस्करण में दर्शकों को रोमांचक मुकाबले देखने को मिलेंगे, प्रतियोगिता का फाइनल 30 मार्च को दोपहर 2 बजे से पवेलियन मैदान में खेला जायेगा

नगर पालिका ने किया विद्युत सब स्टेशन सील

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मसूरी, वित्तीय वर्ष 2024-25 31 मार्च को समाप्त होने में सिर्फ पांच दिन शेष बचे हैं ऐसे राज्य सरकार के कई विभाग बकाया देनदारी वसूली का अभियान चलाकर ज्यादा से ज्यादा वसूली पर जोर दे रहे हैं, इस क्रम में नगर पालिका मसूरी ने भी बकाया देनदारों के खिलाफ वसूली अभियान चला रखा है और बकाया भुगतान वालों पर नोटिस और सील जैसी कार्रवाही की जा रही है ताकि अधिक से अधिक धनराशि वसूल की जा सके l इसी अभियान के तहत आज बुधवार को बकाया भुगतान को लेकर नगर पालिका द्वारा कुंज भवन स्थित विद्युत विभाग के सब स्टेशन को सील किया गया, बताते चले कि इस विद्युत सब स्टेशन पर 2 लाख 5 हजार बकाया है, जबकि विद्युत विभाग मसूरी पर कुल 24 करोड रुपए की बकाया देनदारी है, नगर पालिका मसूरी के अधिशासी अधिकारी संजीव सिंह मारवाह ने बताया कि विद्युत विभाग को 15 दिन का समय दिया गया है, उन्होंने कहा कि लम्बे समय से इस देनदारी के लिये नगर पालिका कई बार पत्र भी भेज चुकी है, मारवाह का कहना कि इस के बकाया देनदारों को भी नोटिस जारी किये गये हैं l वहीं दो विभागों आपसी खींचतान के कारण माल रोड में विद्युत आपूर्ति ठप्प होने से लोग परेशान हैं, लोगों का कहना है कि दोनों विभागों का यह आपसी मामला है लेकिन परेशान आमजन हो रहे हैं l

उत्तराखंड की बेटियों की बुलंद आवाज़: शक्ति वंदन महिला संभाषण प्रतियोगिता का जिला स्तर पर भव्य आयोजन

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देहरादून। सखा क्लब और श्री गुरु राम राय महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई द्वारा जिला स्तर पर आयोजित शक्ति वंदन महिला संभाषण प्रतियोगिता का आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। उत्तराखंड की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित इस प्रतियोगिता का उद्देश्य प्रदेश की उपलब्धियों, संभावनाओं और चुनौतियों पर युवतियों के दृष्टिकोण को मंच प्रदान करना था।

 

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल रहीं। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी मनोज ध्यानी, उत्तराखंड आंगनबाड़ी संगठन की अध्यक्ष रेखा नेगी, आंदोलनकारी आशा नौटियाल, तारा पांडे और अखिल भारतीय समानता मंच के विनोद नौटियाल ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।

 

प्रतियोगिता में देहरादून जिले के विभिन्न कॉलेजों की छात्राओं ने भाग लिया और अपने विचार प्रस्तुत किए। हिमानी (D.A.V. College) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिन्हें ₹1100 और ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। द्वितीय स्थान पर सुप्रिया नौटियाल (SGRR PG College) रहीं, जिन्हें ₹700 और ट्रॉफी प्रदान की गई। तृतीय स्थान साक्षी (SGRR PG College) ने प्राप्त किया, जिनका सम्मान ₹500 की धनराशि और ट्रॉफी के साथ किया गया। सांत्वना पुरस्कार साक्षी रस्तोगी (SGRR PG College) को प्रदान किया गया।

 

एडवोकेट रितु गुजराल, NSS कार्यक्रम अधिकारी अनीता मनोरी ध्यानी और कंप्यूटर शिक्षक बिलाल अहमद ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई। कार्यक्रम का संचालन श्री गुरु राम राय महाविद्यालय के प्राचार्य मेजर प्रदीप सिंह, NSS कार्यक्रम अधिकारी आनंद सिंह राणा और कार्यक्रम अध्यक्ष सौम्या गौड़ के नेतृत्व में संपन्न हुआ।

 

कार्यक्रम के समापन पर सखा क्लब ने घोषणा की कि सखा क्लब के महिला विभाग को अब ‘सखा शक्ति वंदन’ के नाम से जाना जाएगा। इसके अंतर्गत भविष्य में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और आयोजनों की पहल की जाएगी। साथ ही, हर वर्ष 25 मार्च को शक्ति वंदन महिला संभाषण प्रतियोगिता आयोजित करने का निर्णय लिया गया, जिससे महिलाओं को अपनी आवाज़ बुलंद करने का मंच मिलता रहेगा।

 

कार्यक्रम की सफलता में श्री गुरु राम राय महाविद्यालय प्रशासन, NSS टीम और सखा क्लब के सदस्यों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

राज्यपाल की अध्यक्षता में राज्य बाल कल्याण परिषद, उत्तराखण्ड की 16वीं आम सभा की बैठक हुई सम्पन्न

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देहरादून(आरएनएस)।  राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की अध्यक्षता में मंगलवार को राजभवन में राज्य बाल कल्याण परिषद, उत्तराखण्ड की 16वीं आम सभा की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में राज्यपाल ने बाल कल्याण परिषद को आज की आवश्यकता के अनुरूप नई योजनाओं को शामिल करने की बात कही। उन्होंने कहा कि परिषद को अपने वित्तीय आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ना होगा।
राज्यपाल ने परिषद को आर्थिक स्तर पर मजबूत बनाए जाने एवं आधुनिक तकनीक के प्रयोग के साथ नई योजनाओं को शामिल किए जाने हेतु सचिव रविनाथ रामन एवं चंद्रेश कुमार यादव को बैठक कर शीघ्र रोडमैप तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य बाल कल्याण परिषद को आर्थिक रूप से मजबूत करने, नई योजनाओं को शामिल करने और परिषद के उद्देश्यों की सही मायने में पूर्ति किए जाने हेतु अभिनव कार्ययोजना तैयार किए जाने की नितान्त आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि बाल कल्याण परिषद को बच्चों के कल्याण और उनके सर्वांगीण विकास के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सहायक की भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि हमें अपने संसाधनों और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना होगा। इसके अभाव में कोई भी बच्चा अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण से वंचित नहीं रहना चाहिए।
राज्यपाल ने बच्चों को आत्मनिर्भर, सशक्त और कुशल बनाए जाने के लिए बाल कल्याण परिषद द्वारा नयी सोच और नए विचारों को अपनाए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमें बच्चों की प्रतिभा को पहचानते हुए, उन्हें कुशल जनशक्ति तैयार करने पर अधिक ध्यान देना होगा। राज्यपाल ने कहा कि आज का समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स का है। हमें बाल कल्याण के लिए ऐसी योजनाएं तैयार करनी होंगी, जिससे ये बच्चे आधुनिकतम तकनीकों को सीख कर स्वयं का, राज्य का और देश का कल्याण कर सकें। उन्होंने कहा कि समय की आवश्यकता के अनुरूप योजनाओं को तैयार कर प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक इसकी पहुंच बढ़ाई जाए।
राज्यपाल ने कहा कि बाल कल्याण परिषद में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा की बाल कल्याण एक ऐसा विषय है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति सहयोग हेतु तत्पर है। परिषद को आमजन तक अपनी पहुंच बढ़ानी होगी। बाल कल्याण के लिए जनमानस से संपर्क साधते हुए सदस्यों की संख्या में अपेक्षित वृद्धि करनी होगी। इस अवसर पर राज्यपाल ने परिषद में उत्कृष्ट योगदान दे रहे सदस्यों की सराहना भी की।
बैठक में राज्यपाल ने बाल कल्याण परिषद के वर्ष 2024-25 के अनुमानित आय एवं व्यय का अनुमोदन करने के साथ ही अन्य बिंदुओं पर अपनी सहमति दी। महासचिव  पुष्पा मानस ने आम सभा की 15वीं बैठक में पारित प्रस्तावों की पुष्टि व अनुमोदन प्राप्त किया और विगत वर्ष में किए गए क्रियाकलापों और गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया।
बैठक में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव चन्द्रेश कुमार यादव, वित्त नियंत्रक राज्यपाल डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव, उत्तराखण्ड राज्य बाल कल्याण परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश बाबला, उपाध्यक्ष  मधु बेरी, कोषाध्यक्ष डॉ. आशा श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव कमलेश्वर प्रसाद भट्ट, रेडक्रॉस के कोषाध्यक्ष मोहन खत्री सहित परिषद के विभिन्न पदाधिकारी, सदस्य व जिला कार्यकारिणी के सदस्य भी उपस्थित थे।

चार धाम यात्राः सब कुछ अनुकूल, हर स्तर पर तैयारी तेज

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– पीएम के ग्रैंड प्रमोशन और बढ़ी हुई यात्रा अवधि से हर कोई उत्साहित
– पिछले वर्ष की तुलना में इस बार दस दिन पहले शुरू हो रही यात्रा
– पीएम नरेंद्र मोदी के मुखवा-हर्षिल दौरे से बना है जबरदस्त माहौल
देहरादून(आरएनएस)।  उत्तराखंड की चार धाम यात्रा के लिए हर स्तर पर तैयारी तेज हो गई है और उत्साह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखवा और हर्षिल आने के बाद से यात्रा के पक्ष में जबरदस्त माहौल बना है।  पिछले वर्ष की तुलना में इस बार चार धाम यात्रा दस दिन पहले शुरू हो रही है। यानी कि इस बार यात्रा के लिए ज्यादा दिन उपलब्ध होंगे। यात्रियों के स्तर पर पंजीकरण के लिए दिखाए जा रहे उत्साह को देखते हुए सरकार ने भीड़ प्रबंधन को भी ध्यान में रखते हुए तैयारी शुरू कर दी है।
ग्रैंड प्रमोशन, देवभूमि है लोगों की पहली पसंद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मां गंगा के शीतकालीन गद्दी स्थल मुखवा और पर्यटन स्थल हर्षिल के दौरे से यात्रा के लिए अच्छा माहौल तैयार हुआ है। प्रधानमंत्री छह मार्च को उत्तराखंड आए थे। ऐसा पहली बार हुआ, जब कि चार धाम यात्रा शुरू होने से कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री का उत्तराखंड आना हुआ। भले ही औपचारिक कार्यक्रम शीतकालीन यात्रा को लेकर था, लेकिन प्रधानमंत्री ने चार धाम यात्रा की भी भरपूर ब्रांडिंग की। देश को यह तक बतलाया कि पिछले दस वर्षों में चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कितना बड़ा अंतर आ गया है।
30 अप्रैल से यात्रा, इस बार ज्यादा दिन चलेगी
वर्ष 2024 में चार धाम यात्रा का शुभारंभ दस मई को हुआ था। इस बार उसकी शुरुआत 30 अप्रैल से हो रही है। वर्ष 2023 में यात्रा 22 अप्रैल को शुरू हो गई थी और रिकॉर्ड 56,18497 यात्री उत्तराखंड पहुंचे थे। वर्ष 2024 में कम दिन मिलने और प्राकृतिक आपदा की घटनाओं के बावजूद यात्री संख्या के आंकड़े ने सबको चौंका दिया था। इस वर्ष यात्रा में कुल 48,04215 यात्री उत्तराखंड पहुंचे थे।

चार धाम यात्रा, कब कहां के कपाट खुलेंगे
30अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री
02मई को केदारनाथ धाम
04मई को बद्रीनाथ धाम
सरकार चारधाम यात्रा की तैयारी में  जुटी हुई है। उत्तराखंड की यात्रा व्यवस्था ने देश दुनिया के श्रद्धालुओं को आकर्षित किया है और उनका भरोसा बढ़ा है। प्रधानमंत्री जी ने चारधाम यात्रा का भरपूर प्रमोशन किया है। हम यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए संकल्पबद्ध हैं।     – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

भिकियासैंण में संचालित अवैध मदरसे पर कार्रवाई, प्रशासन ने किया सील

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अल्मोड़ा(आरएनएस)।  प्रदेश में अवैध मदरसे व अतिक्रमण पर कार्रवाई जारी है। मंगलवार को प्रशासन ने भिकियासैंण में संचालित अवैध मदरसे को सील कर दिया है। इससे अवैध मदरसा संचालकों में हड़कंप मचा है। प्रशासन की टीम और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने पंजीकरण न कराने वाले मदरसे के खिलाफ कार्रवाई की। विगत दिनों हिन्दूवादी संगठनों व भाजपा कार्यकर्ताओं ने सीएम धामी को अवैध मदरसों व अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई की मांग की थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि प्रदेश में अवैध मदरसों, मजार और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। अवैध रूप से बड़े पैमाने पर मदरसों का संचालन गंभीर विषय है। जिसकी जांच के लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। वहीं उत्तराखंड सरकार अवैध मदरसों पर सख्त कार्रवाई के बाद अब उनकी फंडिंग की गहन जांच करने जा रही है। जिसकी रिपोर्ट अधिकारी सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपेंगे। बीते एक माह से प्रदेश में अवैध मदरसों के खिलाफ व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। अब तक पूरे प्रदेश में 136 मदरसों को कागजात पूरे न होने पर सील किया जा चुका है जबकि, रिपोर्ट के अनुसार पूरे प्रदेश में 500 से अधिक अवैध मदरसे संचालित हो रहे हैं। वहीं मंगलवार को प्रशासन ने भिकियासैंण में संचालित अवैध मदरसे को सील कर दिया। उपजिलाधिकारी भिकियासैंण सीमा विश्वकर्मा ने बताया कि भिकियासैंण स्थित मदरसा दारुल उलूम, फैजाने मुस्तफा को राजस्व विभाग, पुलिस पूर्वभाग एवं शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम द्वारा सील किया गया। उन्होंने बताया कि उक्त मदरसा, मदरसा बोर्ड उत्तराखंड में पंजीकृत नहीं होने के कारण तथा अवैध रूप से संचालित होने के कारण सील किया गया है। इस कार्रवाई के दौरान उप जिलाधिकारी सीमा विश्वकर्मा तहसीलदार रवि साह, थाना प्रभारी भतरोजखान सुशील कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी रवि मेहता, नायब तहसीलदार दीवान गिरी, एलआईयू से गणेश देवली, कानूनगो भिकियासैन हरिकिशन, कानूनगो मनीला जितेंद्र दत्त थपलियाल, राजस्व उपनिरीक्षक संजय कुमार और विजय कुमार आदि उपस्थित रहे।

दालों में आत्मनिर्भर बन रहा भारत, एनडीए सरकार में आयात के मुकाबले तेजी से बढ़ रहा निर्यात

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर विजन के तहत भारत दालों में तेजी से आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है। बीते 10 वर्षों में देश में दालों का निर्यात, आयात की अपेक्षा तेजी से बढ़ा है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत का दालों का निर्यात वित्त वर्ष 25 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में 4,437 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पूरे वित्त वर्ष 15 में यह 1,218 करोड़ रुपये था। इस तरह, बीते 10 वर्षों में भारत का दाल निर्यात 264.29 प्रतिशत बढ़ा है।
दूसरी तरफ, इस दौरान आयात में 86.45 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। देश में वित्त वर्ष 25 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में 31,814 करोड़ रुपये की दालों का आयात किया गया है। वहीं, वित्त वर्ष 15 में यह आंकड़ा 17,063 करोड़ रुपये था।
वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के शासनकाल के 10 वर्षों में दालों के निर्यात में 187.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी और आयात में 457.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ था।
वित्त वर्ष 14 में भारत ने 1,749 करोड़ रुपये की दालों का निर्यात किया था। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 05 में 608 करोड़ रुपये था।
यूपीए के शासन में वित्त वर्ष 14 में भारत ने 11,037 करोड़ रुपये की दालों का आयात किया था। वहीं, वित्त वर्ष 05 में यह आंकड़ा 1,981 करोड़ रुपये पर था।
भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है। दालों के किसानों को एनडीए सरकार 93,544 करोड़ रुपये की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान कर चुकी है, जबकि यूपीए सरकार ने अपने शासनकाल में दालों के किसानों को केवल 1,936 करोड़ रुपये की एमएसपी का भुगतान किया था।
केंद्र सरकार दालों में आत्मनिर्भरता को लेकर लगातार काम कर रही है।
केंद्र सरकार द्वारा बजट 2025-26 में ऐलान किया गया था कि देश में दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से 2028-29 तक चार साल के लिए तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की 100 प्रतिशत खरीद की जाएगी।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तुअर (अरहर), मसूर और उड़द की खरीद को क्रमश: 13.22 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी), 9.40 एलएमटी और 1.35 एलएमटी की सीमा तक मंजूरी दी है।

अजय कांत बने राज्य कर्मचारी संघ उत्तराखंड के संयोजक

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देहरादून, राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ संबंध भारतीय मजदूर संघ के द्वारा अजयकांत शर्मा राज्य कर्मचारी संघ उत्तराखंड का संयोजक नियुक्त किया गया, उनकी नियुक्ति पर अखिल भारतीय अध्यक्ष विपन डोगरा, अखिल भारतीय महामंत्री विष्णु वर्मा एवं समस्त केंद्रीय नेतृत्व ने अजयकांत शर्मा उत्तराखंड राज्य संघ का संयोजक बनने पर आभार व्यक्त किया, राज्य कर्मचारी संघ उत्तराखंड के प्रधान प्रभारी धर्मेंद्र धवलहार ने इस अवसर पर कहा कि अजयकांत की नियुक्ति से कर्मचारियों ने खुशी व्यक्त करते हुए श्रमिकों की समस्याओं के सार्थक समाधान के प्रति आशान्वित हैं l