Monday, June 9, 2025
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आरएलजी सिस्टम्स इंडिया और पॉलिसी टाइम्स चैंबर ऑफ कॉमर्स ने ‘सस्टेनेबल ट्रांसफॉर्मेशन’ के लिए ईएसजी शिखर सम्मेलन 2024 का आयोजन किया

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नई दिल्ली,  – आरएलजी सिस्टम्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पॉलिसी टाइम्स चैंबर ऑफ कॉमर्स के सहयोग से आयोजित ईएसजी शिखर सम्मेलन 24 जुलाई 2024 को सिल्वर ओक हॉल, इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ईएसजी (एनवायर्नमेंटल, सोशल, गवर्नेंस) ढांचे के अभिसरण और कार्यान्वयन को संबोधित करना था, और इसमें नीति निर्माताओं, स्थिरता अधिकारियों, सीएसआर प्रमुखों, रिसाइकिलर्स, आपूर्ति श्रृंखला प्रमुखों, प्रौद्योगिकी नेताओं, वित्त नेताओं, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं सहित 150 से अधिक प्रतिष्ठित प्रतिभागियों ने भाग लिया। उद्योग विशेषज्ञों ने ईएसजी ढांचे, बीआरएस रिपोर्टिंग, जोखिम प्रबंधन, ईएसजी के माध्यम से व्यापार विकास और पर्यावरणीय प्रभाव आकलन सहित महत्वपूर्ण ईएसजी मुद्दों और रुझानों पर चर्चा की।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री सुजीत कुमार बाजपेयी ने शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया और सतत विकास को आगे बढ़ाने में ईएसजी अभिसरण के महत्व पर जोर दिया।
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के पूर्व वरिष्ठ निदेशक डॉ. संदीप चटर्जी, रीकोनॉमी ग्रुप में कम्प्लाई डिविजन के सीईओ श्री पैट्रिक विडेमैन और वैलपैक के नीति प्रमुख श्री जॉर्ज एटकिंसन ने ‘ग्लोबल लर्निंग्स’ साझा की और ईएसजी अभिसरण के महत्व पर जोर दिया।
‘सस्टेनेबल लिविंग’ के लिए ‘पंचामृत लक्ष्यों’ की पृष्ठभूमि में संकल्पित यह शिखर सम्मेलन पॉलिसी टाइम्स चैंबर ऑफ कॉमर्स और आरएलजी सिस्टम्स इंडिया लिमिटेड द्वारा 2024 के लिए आयोजित ‘सस्टेनेबिलिटी सीरीज’ का चौथा आयोजन है। मई 2021 से शीर्ष 1000 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए ‘पंचामृत लक्ष्यों’और सेबी की बीआरएस रिपोर्टिंग ने आगे विचार-विमर्श के लिए मंच तैयार किया था, शिखर सम्मेलन का उद्देश्य रूपरेखा कार्यान्वयन के संबंध में विभिन्न हितधारकों के बीच अभिसरण के दायरे पर संवाद और अंतर्दृष्टि के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना था। चर्चाओं में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि अकेले सर्कुलरिटी आने वाले दशकों में $624 बिलियन बचा सकती है, जबकि ईएसजी निवेश $40 ट्रिलियन वैश्विक विकास अवसर प्रस्तुत करते हैं।
मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय की वस्त्र आयुक्त श्रीमती रूप राशि ने कहा कि भारत में 165 बिलियन डॉलर का विशाल कपड़ा उद्योग है, जिसके 2030 तक 300 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है। वस्त्र उद्योग में टिकाऊ प्रथाओं में भारत के प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्होंने श्रोताओं को बताया कि भारत दुनिया का केवल 8.5% कपड़ा अपशिष्ट पैदा करता है, जबकि दुनिया की 17% आबादी यहीं रहती है, जो भारत की जिम्मेदार औद्योगिक प्रथाओं का स्पष्ट उदाहरण है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि खपत को रोकने की अवधारणा के बजाय जिम्मेदार कपड़ा उत्पादन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
इस अवसर पर रेकोनॉमी ग्रुप के सीईओ-कम्प्लाई डिविजन, श्री पैट्रिक विडेमैन ने कहा, “आज, पर्यावरण, सामाजिक और शासन संबंधी विचार केवल अनुपालन आवश्यकताओं से कहीं अधिक हैं, ये व्यवसाय की सफलता के लिए रणनीतिक अनिवार्यताएं हैं। ईएसजी समिट 2024 ने स्थिरता के क्षेत्र में मूल्यवान संवाद और कार्यवाही के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है। मुझे विश्वास है कि ईएसजी समिट 2024 जैसे आयोजन और उद्योग जगत के नेताओं, नीति निर्माताओं और अन्य हितधारकों के सामूहिक प्रयास एक स्थायी भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेंगे”। उन्होंने आगे कहा, “हम रेकोनॉमी और आरएलजी में पिछले सौ वर्षों से वैश्विक स्तर पर आपूर्ति श्रृंखलाओं को पेशेवर बनाने वाली एक रैखिक अर्थव्यवस्था पर दक्षता के साथ आगे बढ़ रहे हैं, और अब हम उस अवधारणा को एक सरक्युलर सेटअप में फिर से पेश करने जा रहे हैं”।

 

आरएलजी सिस्टम्स इंडिया की एमडी सुश्री राधिका कालिया ने एक स्थायी भविष्य की उम्मीद जताते हुए कहा, “ईएसजी समिट 2024 के माध्यम से सस्टेनेबल ट्रांसफॉर्मेशन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा बनकर मुझे गर्व की अनुभूति हो रही है। यह कार्यक्रम हमारे संचालन के मूल में और उससे परे पर्यावरण, सामाजिक और शासन सिद्धांतों को शामिल करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। आज यहां उद्योग जगत के नेताओं, नीति निर्माताओं और स्थिरता अधिवक्ताओं की सम्मानित सभा ने मेरे भीतर यह मजबूत उम्मीद जगाई है कि एक समुदाय के रूप में हम वास्तव में एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रहे हैं जो संवाद, अंतर्दृष्टि और कार्यवाही को प्रोत्साहित करता है। इस तरह के सहयोगी प्रयास हमारी आपूर्ति श्रृंखलाओं को फिर से परिभाषित करेंगे, सर्कुलर अर्थव्यवस्था सिद्धांतों का लाभ प्रदान करेंगे और ईएसजी निवेश की क्षमता को अनलॉक करेंगे। मुझे विश्वास है कि सतत निष्ठापूर्ण प्रयास और इरादे के माध्यम से, हम भारत और दुनिया के लिए एक सस्टेनेबल भविष्य बनाने के अपने लक्ष्य को साकार करेंगे।”

वैलपैक के नीति प्रमुख श्री जॉर्ज एटकिंसन ने कहा, “ईएसजी शिखर सम्मेलन 2024 अनुस्मारक है कि हम अपनी स्थिरता प्रतिबद्धताओं को मूर्त कार्यों में बदलें। यद्यपि हम ईएसजी निवेशों में महत्वपूर्ण अवसर देखते हैं, तथापि यह आवश्यक है कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्थिर भविष्य बनाने के लिए इस क्षमता का दोहन करें। ईएसजी ढांचे के अभिसरण पर चर्चा ने हमारी आर्थिक आकांक्षाओं को पर्यावरणीय प्रबंधन के साथ संरेखित करने और यह सुनिश्चित करने के महत्व पर महत्वपूर्ण प्रकाश डाला है कि हमारी प्रगति टिकाऊ और समावेशी हो। ईपीआर के सफल कार्यान्वयन के लिए कई देशों में जिन मुख्य प्रयासों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए उनमें नीति की निरंतरता और उपभोक्ताओं के साथ संचार शामिल है। मजबूत प्रवर्तन अत्यंत आवश्यक है”।

अधिवक्ता विकेश नेगी को दून पुलिस ने किया जिलाबदर, भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाई थी आवाज

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-ढोल-नगाडों के साथ मुनादी करते हुए जनपद की सीमा से बाहर जनपद टिहरी की सीमा में छोड़ा गया।

-जिलाधिकारी देहरादून के आदेश पर छह माह के लिये किया गया जिले की सीमा से बाहर।

-आरटीआई तथा वकालत की आड में जमीनों पर अवैध कब्जा तथा धोखाधडी जैसे अपराधों में लिप्त रहने का है आरोप।

-बलवा करने, जान से मारने की धमकी, भूमि पर अवैध कब्जा तथा जमीनी धोखाधडी के अपराधों के कई अभियोग हैं पंजीकृत ।

-निर्धारित अवधी तक जनपद की सीमा में प्रवेश न करने की दी स्पष्ट हिदायत।

देहरादून, उत्तराखंड़ पुलिस ने ढोल नगाडों के साथ गुण्डा एक्ट में अधिवक्ता विकेश नेगी को किया जिलाबदर, कई मामलों में नेगी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आरटीआई के माध्यम आवाज उठाई थी, वहीं पुलिस के मुताबिक जमीनों पर अवैध कब्जा, धोखाधडी तथा अन्य आपराधिक गतिविधियों में लिप्त अभियुक्त विकेश नेगी के विरूद्ध दून पुलिस द्वारा गुण्डा एक्ट के तहत कार्यवाही की गई।
एसएसपी देहरादून द्वारा सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्रों में आदतन अपराधियों के विरूद्ध गुण्डा तथा गैंगस्टर एक्ट के तहत प्रभावी कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये है।
जिसके क्रम में थाना नेहरू कालोनी पुलिस द्वारा अभियुक्त विकेश नेगी पुत्र सोबत सिंह निवासी: 350 वीर चन्द्र सिंह गढवाली मार्ग, धर्मपुर देहरादून, जो कि एक आदतन तथा शातिर किस्म का अपराधी है, जिसके विरूद्ध बलवा, जान से मारने की धमकी, अवैध रूप से भूमि पर कब्जा तथा धोखाधडी से सम्बन्धित कई अभियोग पंजीकृत हैं, जिसके सम्बन्ध में अभियुक्त के विरूद्ध पुलिस द्वारा गुण्डा एक्ट के तहत रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी देहरादून को प्रेषित की गई थी। जिलाधिकारी देहरादून द्वारा उक्त रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए अभियुक्त के विरूद्ध पंजीकृत अभियोगो के आधार पर अभियुक्त विकेश नेगी को 06 माह के लिये जिला बदर किये जाने के आदेश दिये गये। जिसके अनुपालन में आज दिनांक: 25-07-24 को थाना नेहरू कालोनी पुलिस द्वारा अभियुक्त विकेश नेगी को ढोल-नगाडों के साथ मुनादी करते हुए जनपद की सीमा से बाहर जनपद टिहरी की सीमा में छोड़ा गया साथ ही छह माह की निर्धारित अवधि तक जनपद की सीमा में प्रवेश न करने की सख्त हिदायत दी गई।

विवरण अभियुक्त :-विकेश नेगी पुत्र सोबत सिंह निवासी: 350 वीर चन्द्र सिंह गढवाली मार्ग, धर्मपुर देहरादून

आपराधिक इतिहास :

मु0अ0सं0: 18/22 धारा: 447, 353, 186, 504, 506, भादवि थाना नेहरू कालोनी, देहरादून 2- मु0अ0सं0: 173/22 धारा: 147, 504, 506, 427 भादवि थाना नेहरू कालोनी देहरादून 3- मु0अ0सं0: 211/22 धारा: 147, 504, 506, 427 भादवि थाना नेहरू कालोनी देहरादून 4- मु0अ0सं0: 78/24 धारा: 420, 406, 120 बी भादवि थाना डोईवाला देहरादून 5- मु0अ0सं0: 139/24 धारा: 420, 467, 468, 471, 504, 506, 120 बी भादवि थाना रायपुर देहरादून ।

फर्जी आईएएस युवक कारनामा : पहले रहा किराएदार, फिर 22 लाख की चपत लगाकर हुआ फरार

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देहरादून, जनपद के कोतवाली पटेल नगर क्षेत्र के अंर्तगत एक युवक फर्जी आईएएस बनकर किराए पर रहा और दंपति के लाखों रुपए लेकर कर चंपत हो गया। इतना ही नहीं रुपए के साथ घर में रखे लाखों रुपए के गहने भी चोरी करके फरार हो गया। पीड़ित की तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ कोतवाली पटेल नगर में मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

कारोबारी ग्रांट निवासी संतोष शर्मा ने एसएसपी को शिकायत दी है कि उनके पड़ोस में उनकी मौसी का परिवार रहता है। 20 अगस्त 2023 को मौसी की लड़की अपने एक दोस्त हिमांशु जुयाल निवासी गाजियाबाद को किराए पर रहने के लिए अपने साथ लेकर आई थी। लड़की ने उसका परिचय आईएएस अधिकारी के रूप में दिया। लड़की ने बताया कि हिमांशु वर्तमान में स्टडी लीव पर चल रहा है।
हिमांशु ने बताया कि वह पीएचडी कर रहा है। उसकी नियुक्ति एफसीआई बलरामपुर में है। साथ ही उसने अपना आई कार्ड भी एलबीएस अकादमी मसूरी का दिखाया था। इस पर संतोष शर्मा को हिमांशु पर विश्वास हो गया। मौसी की लड़की के कहने पर उसे अपने यहां किराए पर रख लिया। एक दिन हिमांशु ने कहा कि ताऊ बीरेन्द्र जुयाल अखिल भारतीय बागवानी में निदेशक हैं और उनसे वह कोई भी बड़ा काम आसानी से करवा सकता है। पीड़ित की एफसीआई में नौकरी लगवा सकता है।
हिमांशु को रहते हुए करीब 06 महीने हो गए और एक दिन हिमांशु ने कहा कि गाजियाबाद में उसका मकान बन रहा है, इसके लिए मदद चाहिए। पीड़ित ने विश्वास में आकर हिमांशु को 6 लाख 23 हजार रुपए दे दिए। इसके बाद वह अपने घर गाजियाबाद चला गया। जब वह वहां से नहीं वापस आया तो पीड़ित ने संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह हर बार टालमटोल करने लगा। पीड़ित में अपनी पत्नी से पूछा तो पता चला कि वह साढ़े आठ लाख रुपए उनकी पत्नी से भी ले गया है।
इसके बाद उन्होंने अपने घर में देखा तो पता चला कि उनकी पत्नी के सात लाख रुपए के गहने भी गायब हैं। इतना ही नहीं हिमांशु ने सवा लाख रुपए का फोन भी पीड़ित के नाम से खरीदा, जिसकी वह किस्त अदा कर रहे हैं। आरोप है कि अब वो पैसे वापसी के नाम पर टालमटोल कर रहा है। कोतवाली पटेल नगर प्रभारी कमल सिंह ने बताया है कि पीड़ित संतोष शर्मा की तहरीर के आधार पर आरोपी हिमांशु जुयाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। साथ ही पुलिस द्वारा आरोपी की तलाश की जा रही है।

माँ दक्षिणकाली देवरा यात्रा की तैयारियाँ जोरो पर, फहली गाँव से शुरु होगी 18 दिवसीय भब्य यात्रा

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रुद्रप्रयाग- केदारघाटी के फहली गाँव की अधिष्ठात्री देवी माँ दक्षिण काली एँव बजरंगबली की देवरा यात्रा की तैयारियाँ जोरों पर चल रही है। 7 अगस्त से शुरू होने वाली इस देवरा यात्रा को लेकर ग्रामीण उत्साहित है। 18 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा छैत्र के विभिन्न गाँवों से होकर केदारनाथ एँव बद्रीनाथ सहित कई धार्मिक स्थलों का भ्रमण करेगी।
माँ दक्षिण काली सेवा समिति के अध्यक्ष धीरेन्द्र शुक्ला व महामंत्री जगदीश शुक्ला ने बताया कि छैत्र की खुशहाली एँव सुख समृद्धि का कामना के लिये फहली गाँव की कुलदेवी दक्षिणकाली एँव हनुमान जी की देवरा यात्रा 18 दिनो तक चलेगी। 7 अगस्त को पूजा अर्चना के बाद 8 अगस्त को माता देवरा यात्रा शुरू होगी इस दौरान देवरा यात्रा विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से होते हुये गौरीकुण्ड, केदारनाथ धाम , कालीमठ होते हुये बद्रीनाथ धाम को प्रस्थान करेगी। बद्रीनाथ धाम में पूजा अर्चना के बाद धाम में भ्रमण करेगी, इस दौरान माता यात्रा मार्ग में विभिन्न गाँवो से गुजरेगी व भक्तों को दर्शन देगी। 23 अगस्त को माता की डोली वापस फहली गाँव अपने मूल स्थान पहुँचेगी।
दक्षिण काली सेवा समिति के कोषाध्यक्ष एँव पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख विष्णुकान्त शुक्ला ने बताया कि 24 अगस्त को हवन यज्ञ के बाद पूर्णाहुति होगी। उन्होने सभी भक्तजनों व सनातन धर्मावलम्बियों से अधिक से अधिक संख्या में माता के दर्शनों को पहुँच कर माता का आशीर्वाद एँव प्रसाद ग्रहण करने का आग्रह किया।

उत्तरांचल पंजाबी महासभा तथा काॅलेज परिवार के संयुक्त तत्वाधान में किया गया पौधारोपण

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महोदव की सच्ची आराधना है प्रकृति संरक्षण : श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी

हरिद्वार(कुलभूषण )एस.एम.जे.एन. पी.जी. काॅलेज में आज उत्तरांचल पंजाबी महासभा तथा काॅलेज परिवार के संयुक्त तत्वाधान में महाविद्यालय परिसर में नीम, बिल्वपत्र, गुलमोहर, कनेर, जामुन अमरूद व अन्य औषधीय आदि के पौधों कोे रोपित कर पौधारोपण कार्यक्रम चलाया गया। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण को स्वच्छ बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों में अपना योगदान देने का भी संकल्प लिया गया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज ने कहा सावन मास भगवान भोलेनाथ की भक्ति करने का पावन मास है तथा
प्रकृति का संरक्षण ही भगवान शिव की सच्ची आराधना है। हमारी सनातन संस्कृति पंचतत्व से बनी है जिसकी हम पूजा करते हैं। प्रकृति ने हमें जो सनातन संस्कृति दी है उसे संजो कर रखना हम सभी का दायित्व है। हमें मानव जाति को बचाना है तो प्रकृति का बचाव आवश्यक है। इसलिए पौधारोपण आवश्यक है इसके लिए उन्होंने उत्तराचंल पजांबी महासभा की प्रशंसा की।
उत्तरांचल पंजाबी महासभा के अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने कहा कि वृक्ष अनेक प्रकार के जीव-जन्तुओं का निवास स्थान, वातावरण में प्राण वायु आक्सीजन की मात्रा सन्तुलित करने, मानव जीवन को विभिन्न संसाधनों से परिपूर्ण करने तथा मिट्टी एवं स्थल का अपरदन रोकने जैसी गतिविधियों के लिए वृ़क्ष के अतिरिक्त हमारा कोई दूसरा साथी नहीं हो सकता। उन्होंने उपस्थित जनों से पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका का बढ़-चढ़कर निर्वहन करने का आह्वान किया।
जगदीश लाल पाहवा, वरिष्ठ समाज सेवी ने अपने सम्बोधन में कहा कि पर्यावरण का संरक्षण उत्तराखण्ड की संस्कृति है। पौधारोपण द्वारा ही जल संरक्षण एवं संवर्धन किया जा सकता है। उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व कर्मचारियों से कम से कम एक पौधा रोपित करने का आह्वान किया।
प्रसिद्ध समाज सेवी सुनील अरोड़ा ने कहा कि हमें वृक्षों के महत्व को समझना होगा। ऋषि-मुनियों ने भी वृक्षों को सूर्य, चन्द्रमा, गंगा की तरह पवित्र मानकर इसकी पूजा करने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि एक वृक्ष जितनी आक्सीजन अपने पूरे जीवन में देता है वह कई व्यक्तियों को जीवन दे सकता है। अतः वृक्ष लगाना व उनका संरक्षण करना बहुत आवश्यक है।
काॅलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने उत्तरांचल पंजाबी महासभा (रजि.) के समाजहित व जनहित के निर्णय पौधारोपण का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हमें अनेक प्रकार के वृक्ष और जड़ीबूटियाँ दी हैं, जो हमें प्राण वायु के रूप में आक्सीजन देते हैं। प्रकृति के रूप में वृक्ष हमारा पालन-पोषण व स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं परन्तु विकास की अंधी दौड़ में हम अनायास ही वृक्षों पर कुल्हाड़ी चलाकर अपने जीवन पर ही प्रहार कर रहे हैं। प्राचार्य ने आह्वान किया कि विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाकर चलना आवश्यक है तथा वृक्ष रहेंगे तो मानव जीवन रहेगा।
इस अवसर पर राम अरोड़ा, प्रदीप कालरा, प्रमेन्द्र गिल पूर्व पार्षद , हरजीत सिंह, नीलू खन्ना, हिमांशु चोपड़ा, राजकुमार अरोड़ा, संदीप कपूर, मीनाक्षी राय तनेजा, राजू ओबराय, कामनी सड़ाना, रक्षित वालिया, हिमानी, महाविद्यालय के डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी, प्रो. जगदीश चन्द्र आर्य, डाॅ. मोना शर्मा, वैभव बत्रा, डाॅ. विजय शर्मा, आदि सहित, काॅलेज के छात्र-छात्रा पूनम कण्डारी, इशा गोयल, स्वेता पंवार, कार्तिक कुमार, आकाश कुमार, आकाश, अंकुर कश्यप, अनुपम तथा रोबिन आदि ने पौधारोपण में सहयोग किया।
इस अवसर पर पौधारोपण में सहयोग करने पर छात्र छात्राओं को प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष की ओर से मिष्ठान एवं चाकलेट आदि का वितरण किया।

कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव का शेयरों की खरीद-बिक्री पर क्या होगा असर?

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मुंबई । आम बजट 2024 में कैपिटल गेन पर टैक्स में कई अहम बदलाव किए गए हैं। इसका असर सीधे तौर पर निवेशकों को होने वाले मुनाफे पर पड़ेगा। बजट में दिए गए प्रस्ताव के अनुसार, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है, जो कि पहले 15 प्रतिशत था। यानी अब कोई भी निवेशक 12 महीने से पहले किसी भी लिस्टेड
बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया है। अब निवेशकों को 12 महीने से ज्यादा समय तक होल्ड किए गए शेयरों को बेचने पर हुए मुनाफे पर 12.5 प्रतिशत टैक्स देना होगा। सरकार ने टैक्स में मामूली इजाफा करने के साथ निवेशकों को राहत भी दी है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में मिलने वाली टैक्स छूट को अब बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दिया गया है, जो कि पहले 1 लाख रुपये थी।
फ्यूचर और ऑप्शन पर लगने वाली सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) को बढ़ाकर 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत कर दिया गया है। डेरिवेटिव सेगमेंट में ऑप्शन को सेल पर विक्रेता की ओर से 0.0625 प्रतिशत एसटीटी अदा किया जाएगा। वहीं, इस पर 0.125 प्रतिशत एसटीटी ऑप्शन खरीदार की ओर से दिया जाएगा। फाइनेंस बिल के मुताबिक, नई दरें एक अक्टूबर से लागू होंगी। वहीं, स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है, जो पहले 50,000 रुपये थी।

मलिन बस्तियों के चिन्हीकरण की रिपोर्ट 15 दिनों में शासन को भेजेंगे सभी जिलाधिकारी : मुख्य सचिव

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्य सचिव   राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को मलिन बस्तियों का चिन्हीकरण कर 15 दिन में रिपोर्ट शासन को प्रेषित करने की डेडलाइन दी है। इसके साथ सीएस ने  जिलाधिकारियों से नगर निगमों के तहत कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों की आवासीय व्यवस्था की रिपोर्ट भी तलब की है। मुख्य सचिव ने निर्माण स्थलों पर कार्य करने वाले प्रवासी श्रमिकों की आवासीय व्यवस्था की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
सचिवालय में शहरी विकास की राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक में मुख्य सचिव   राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को ‘‘स्लम फ्री उत्तराखण्ड’’ विजन के साथ कार्य करने की नसीहत दी है। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आगामी 15 दिनों से पहले जनपदों में अवस्थित मलिन बस्तियों के श्रेणीवार चिन्हांकन कर उनकी सूची शासन को प्राथमिकता के आधार पर भेज दी जाए। इसके बाद राज्य में अवस्थित मलिन बस्तियों में निवासरत परिवारों के जीवन स्तर में सुधार, मलिन बस्तियों के विनियमितीकरण, पुनरूद्धार पुनर्वास की कार्ययोजना पर कार्य किया जाएगा। मुख्य सचिव ने मलिन बस्तियों के सुधार हेतु विभिन्न राज्यों के मॉडल पर किए गए अध्ययन की अद्यतन प्रगति रिपोर्ट भी तलब की।
मुख्य सचिव   राधा रतूड़ी ने विशेषरूप से जनपद टिहरी, रूद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी उधमसिंहनगर और चम्पावत के जिलाधिकारियों से और समय न लेते हुए यथाशीघ्र  मलिन बस्तियों की वांछित सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं, जिससे एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करते हुए प्रभावितों को प्रधानमंत्री आवास योजना या राज्य में प्रचलित अन्य उपयोगी एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करते हुए मलिन बस्तियों के निवासियों का पुनर्वासन एवं पुनर्व्यस्थापन किया जा सके।
बैठक में प्रमुख सचिव  रमेश कुमार सुधांशु, सचिव  आर मीनाक्षी सुन्दरम,  नितेश कुमार झा सहित अन्य अधिकारी एवं वर्चुअल माध्यम से आयुक्त गढ़वाल और कुमाऊ व सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

 

पर्यावरण सूचकांक अभियान में शामिल सदस्यों ने डा. जोशी के साथ साझा किए यात्रा के अपने अनुभव

देहरादून, पर्यावरण सूचकांक समाज और सरकार के सामने रखने और सरकार से उसे लागू कराने की पैरवी के मुख्य सूत्रधार पद्मभूषण डा. अनिल प्रकाश जोशी को इस ऐतिहासिक सफलता के लिए जीईपी अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं ने शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया और मिठाई बांटी। जीईपी को लेकर वर्ष 2012 में पद्मभूषण डा. अनिल जोशी के नेतृत्व में न्यू जलपाईगुड़ी पश्चिम बंगाल से देहरादून तक सात राज्यों में 45 दिन तक की गई यात्रा में शामिल द्वारिका प्रसाद सेमवाल, पत्रकार रेनू सकलानी, जाड़ी संस्थान के अध्यक्ष सतेन्द्र पंवार, रंजना कुकरेती, विनोद खाती, दया राम नोटियाल ने डा. जोशी को बधाई दी। साथ ही यात्रा के दौरान के अनुभव भी सांझा किए।
यात्रा में शामिल रहे गढ़भोज, बीज बम एवं कल के लिए जल अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि जब  पर्यावरण का एक और सूचक पर्यावरण सूचकांक (GEP) का  विचार डा. अनिल प्रकाश जोशी जी ने सरकार और समाज के सामने रखा गया, तब जीईपी शब्द और विचार एक दम नया था, न ही किसी सरकारी या गैर सरकारी लोगों को इस बारे में पता था। यात्रा के दौरान जब इस मुद्दे को जनता के सामने रखा गया तो लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया। समझा की विकास सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि पर्यावरण का भी होना चाहिए और इसका हिसाब किताब भी होना चाहिए। इसके समर्थन में आगे आए यात्रा को सपोर्ट किया। मेरा सौभाग्य है कि मैंने भी इस ऐतिहासिक कार्य में गिलहरी योगदान दिया, इसके लिए मैं हमेशा अपने गुरु डा. जोशी का आभारी रहूंगा।
दुनिया में पहली बार जीईपी के विचार को मान्यता के इस ऐतिहासिक अवसर को हम मिलकर आने वाले समय में बड़े उत्सव के रूप में मनाएंगे। जीईपी के लिए किए गए संघर्ष और उसकी सफलता को उत्सव के रूप में मनाने के लिए छह अप्रैल को जीईपी दिवस के रूप में जाड़ी संस्थान अन्य संगठनों के साथ मिलकर मनाएगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह को पत्र भेजा गया है। जीईपी के सूत्रधार डा. अनिल प्रकाश जोशी से भी बात की गई है। शुरुआती दौर की बातचीत उत्तराखंड के साथ हिमाचल के साथियों के साथ की जा चुकी है। इस ऐतिहासिक कार्य के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को भी बहुत बहुत धन्यवाद।
यात्रा में शामिल रही पत्रकार रेनू सकलानी ने कहा की यह पल हमारे लिए गौरव का है। जीईपी को लेकर की गई यात्रा ने मेरे जीवन को नई दिशा दी और पर्यावरण के प्रति नई समझ विकसित की। मुझे इस महान ऐतिहासिक कार्य का हिस्सा बनाने के लिए मैं डा. अनिल जोशी का आभारी रहूंगी। इस मौके पर डा. अनिल जोशी ने कहा कि आपका ध्येय अगर पवित्र है तो अपने काम को करते रहें। आज लोगों को जीईपी को समझने की जरूरत है।
इस अवसर पर पत्रकार रेनू सकलानी, विकास पंत आदि मौजूद रहे।

मेडिकल कॉलेज के डीप फ्रीजर में रखे शवों से आने लगी दुर्गंध, शिनाख्त करने आए लोगों ने किया हंगामा

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हल्द्वानी, मेडिकल कॉलेज में लापरवाही से पोस्टमार्टम हाउस के डीप फ्रीजर में रखे शवों से दुर्गंध आने लगी है। मामला तब खुला जब शिनाख्त के लिए पहुंचे मृतकों के परिजनों को जब दुर्गंध आई और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया था। बमुश्किल उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया गया।
जिसके बाद मामला मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी तक पहुंचा। वहीं सुशीला तिवारी हॉस्पिटल के वित्त नियंत्रक सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि जांच के बाद जो व्यक्ति दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाती उन्हें सुरक्षित रखने के लिए पोस्टमार्टम हाउस के डीप फ्रीजर में रखा जाता है। 72 घंटे बाद भी यदि शिनाख्त नहीं होती तो शव का पोस्टमार्टम कराया जाता है। इधर, बरसात के सीजन में लगातार कई घंटे बिजली गुल रहती है। बावजूद इसके पोस्टमार्टम हाउस के जनरेटर का उपयोग नहीं किया जा रहा, जिससे डीप फ्रीजर में रखे शवों से दुर्गंध आने लगी। शव की शिनाख्त के लिए पहुंचे तो शवों से उठ रही तेज दुर्गंध से परेशान हो गए। जिसके बाद उन्होंने पोस्टमार्टम हाउस में हंगामा शुरू कर दिया। वहां चिकित्सकों व स्टाफ के लोगों ने बमुश्किल उन्हें समझा बुझाकर शांत कराया।
वहीं मामले में फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के ऑफिस इंचार्ज प्रताप सिंह बोरा ने जनरेटर चलाने वाले कर्मचारी को फोन किया। बोरा ने बताया कि कर्मचारी ने पहले तो डीजल नहीं होने का बहाना बनाया, फिर वह अभ्रदता में उतर आया.।इसके बाद प्राचार्य से शिकायत की गई, तब जाकर जनरेटर चलाया गया। इधर अब इस मामले को लेकर प्रशासन द्वारा पड़ताल की गई तो कड़ी-फटकार लगाई गई है और नियमित रूप से जनरेटर चलाने को कहा गया है। सुशीला तिवारी हॉस्पिटल के वित्त नियंत्रक सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि मामला गंभीर है और जो भी व्यक्ति इसमें दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जमीनी विवाद मामले में मारे गये बीर बहादुर थापा के शव का नहीं हुआ अंतिम संस्कार

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-बीर बहादुर थापा की पत्नी ने बिना अभियुक्तों की गिरफ्तारी के अस्पताल से पार्थिव शरीर लेने से किया मना

-बीर बहादुर थापा की पत्नी ने सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी की मांग

-गौरव सैनानी एसोसिएशन उत्तराखंड ने की सरकार से जांच की मांग

देहरादून, जनपद के चंद्रबनी चोयला क्षेत्र में कल सुबह 5 बजे से जमीनी विवाद में मुजफ्फरनगर के कुछ अभियुक्तों द्वारा जानलेवा हमले में मारे गए बीर बहादुर थापा का पार्थिव शरीर अभी तक भी वेडमेड अस्पताल में ही है और परिवार पार्थिव शरीर को नहीं लेना चाहता है, जिससे पुलिस का घर पर आज बुधवार को पूरे दिन जमावड़ा लगा रहा और लगातार परिवार को मनाने की कोशिश नाकाम रही।
परिवार और बीर बहादुर की पत्नी राधा थापा का कहना है कि जब हमने अक्टूबर 2023 से पटेल नगर थाने में इन अभियुक्तों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर रखी है और मेरे पति ने पहले भी बार बार अपने परिवार की जान का खतरा बताया था और जमीन का मामला भी कोर्ट में लम्बित है जिस पर यथास्थिति बनाए रखने को कहा गया लेकिन मुजफ्फरनगर के कुछ बदमाश समय-समय पर जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं और हमारे साथ मारपीट कर रहे हैं लेकिन पुलिस ने कभी भी हमारे परिवार का साथ नहीं दिया और अभियुक्तों को पनाह दी, यहां तक कि हमारे पास में किसी मकान मालिक ने उन्हें रहने को मकान देकर अपराधियों को संरक्षण दिया, लेकिन पुलिस ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की।
राधा थापा ने साफ शब्दों में कहा कल थाना पटेल नगर ने एक तरफा कहानी बनाकर आज के समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर है कि एस आई टी द्वारा जांच हो गई है और जमीन अभियुक्त पक्ष की सही पायी गई है जो कि आज तक तक कोई एस आई टी की टीम हमारे पास आई और न कोई जांच हुई पता नहीं कहां कैसे जांच हुई हम इसके खिलाफ रिपोर्ट करेंगे। परिवार व समर्थकों ने स्थानीय पार्षद व विधायक के कल से न पहुंचने पर विरोध प्रदर्शन किया बाद में फोन करने पर पार्षद आये और विरोध का सामना करना पड़ा हालांकि बाद में विधायक भी मौके पर पहुंचे और यथासंभव मदद का वादा किया और अभियुक्तों को पकड़ने के लिए पुलिस प्रशासन को बताया।आज पूरे दिन बीर बहादुर के घर पर पूर्व सैनिकों व क्षेत्रीय जनता का जमावड़ा लगा रहा कई सामाजिक संगठन यहां पर पहुंचे।
परिवार ने विधायक व पुलिस प्रशासन को निकट भविष्य में अभियुक्तों से परिवार पर खतरे की आशंका जताई है और प्रशासन से मदद मांगी है।
राधा थापा ने कहा है कि मेरे पति को बुरी तरह मारा गया और उनकी जान चली गई मेरे बच्चे अनाथ हो गए। मैं अपने पति की लाश तब तक अस्पताल से नहीं लूंगी जब तक सभी अपराधी गिरफ्तार न हो जिसके कारण आज भी बीर बहादुर थापा का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया ।
शासन प्रशासन कितना संज्ञान लेता है इसकी खबर कल ही पता लगेगी। अभी भी घर पर लोगों का जमावड़ा लगा है। मामले पर शासन प्रशासन द्वारा समय पर संज्ञान न लेने से मामला काफी बढ़ रहा है लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है।

उत्तराखंड पेंशनर्स समन्वय समिति ने की अपर मुख्य सचिव से मुलाकात

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देहरादून, कम्यूटेड पेंशन वसूली की अवधि 15 से घटाकर 10.8 साल किए जाने की मांग को लेकर उत्तराखंड पैशनर्स समन्वय समिति के मुख्य संयोजक सुमन सिंह वल्दिया तथा सदस्य सुशील त्यागी ने बुधवार को सचिवालय में अपर मुख्य सचिव आनन्दवर्धन से मुलाकात की। समिति द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय में ब्याज दरे 12% से घटकर 8% होने के बावजूद भी अभी तक कम्युटेड पैंशन की वसूली 12% ब्याज के साथ हो रही है। शिष्टमंड़ल ने यह भी स्पष्ट किया कि कम्युटेड राशि पर अधिकतम ब्याज दर यदि 8% भी आंकलित की जाए तो राशिकृत धनराशि की कटौती 10.8 वर्ष पूरी हो जाती है। इसलिए उत्तराखंड में काॅम्यूटेशन पॉलिसी में संशोधन औचित्य पूर्ण है।
उन्होंने कहा पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा भी इस संबंध में अंतरिम आदेश जारी किए गए हैं तथा पांचवें छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार केरल, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान, गुजरात आदि राज्यों की सरकारों ने भी कटौती की अवधि पहले से कम कर दी है।
अपर मुख्य सचिव ने शिष्टमण्डल को मांगों के संबंध में सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।