Sunday, June 15, 2025
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भारतीय संविधान फिल्म के चौथे एपिसोड का प्रदर्शन, नाटक ‘उपलब्धियां’ का हुआ शानदार मंचन

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देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से भारतीय संविधान और संवैधानिक मूल्यों पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शुक्रवार को अगस्त क्रान्ति दिवस के मौके पर राज्यसभा टीवी पर दस साल पहले प्रसारित किए गए भारतीय संविधान के कुल दस एपिसोड की श्रंखला के चौथे एपिसोड का सभागार में उपस्थित लोगों के मध्य प्रदर्शन किया गया।
ज्ञातव्य है कि इस संविधान धारावाहिक का निर्देशन सुपरिचित फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल द्वारा किया गया है। आज का यह कार्यक्रम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और हमारा संविधान आजदी से पहले व बाद में जनगीतों के माध्यम से जन शिक्षण पर आधारित था।
इस कार्यक्रम में लेखक व जनकवि डॉ. अतुल शर्मा ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,संविधान और जनगीतों के माध्यम से जन शिक्षण पर अपनी बात रखते हुए कहा कि जब गीत को लोक अपना ले और किसी विशेष प्रयोजनों में उसका प्रयोग करे तो वह जन गीत हो जाता है। ऐसा हर आन्दोलन में हुआ है। स्वतंत्रता संग्राम में सैकड़ों जनगीतों ने जनता को उद्वेलित किया था। रामप्रसाद बिस्मिल के लिखे गीत को गाते हुए क्रांतिकारी फांसी के फन्दे पर झूल गये ’सर फरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना, बाज़ुए कातिल में है’।
बंकिमचन्द्र चंद्र चटर्जी का लिखा गीत वंदेमातरम तो स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक व ही बन गया था। इन गीतों ने लोगों का लोक शिक्षण करने के साथ ही उनमें जोश भी भरा। सन् 1942 का अंग्रेजों भारत छोडो़ आन्दोलन की शुरुआत नौ अगस्त को हुई। जिसपर महान स्वतंत्रता सेनानी एवं राष्ट्रीय कवि श्रीराम शर्मा प्रेम ने 1942 में एक ऐतिहासिक गीत लिखा ’लाठियां चली गोलियां चली, गोले बरसे बंम बरस पड़े, गोदी के छोटे लाल बन गये आफत के परकाले थे’ बहुत से स्वाधीनता सेनानियों सहित कवि प्रेम ने जेलों में कविताएं लिखी।
आज़ादी के बाद विषमता, समानता शोषण आदि के लिए आन्दोलन हुए। इनमें बहुत से जनगीतों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जनकवि शैलेन्द्र का लिखा जन गीत ’हर जो धर्म जुल्म की टक्कर से हड़ताल हमारा नारा है।’ साहिर लुधियानवी ने लिखा’ वो सुबह कभी तो आयेगी’। उत्तराखण्ड के गौर्दा सहित कैफी आज़मी, सफदर हाशमी, माहेश्वर बृज मोहन के साथ बहुत से लोगों के जनगीतों ने लोक शिक्षण किया। शलभ श्रीराम सिंह का चर्चित गीत कालजयी है’ नफस नफस कदम कदम बस एक फिक्र दम ब दम। सैकड़ाें जनकवि लोक शिक्षण में आगे आये। इनमें बल्ली सिंह चीमा, गिर्दा, ज़हूर आलम दुष्यंत कुमार, कदम गोंडवी , घनश्याम सैैलानी आदि के साथ बड़ी संख्या मे अहिंदी भाषी कवियो ने जन गीतों से लोक शिक्षण किया है’।
जनकवि डॉ. अतुल शर्मा ने आगे कहा कि संविधान मे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है। उत्तराखंड मे चिपका आन्दोलन कुली बेगा, नशा नही रोजगार दो उत्तराखंड आन्दोलन नदी बचाओ आन्दोलन मे जनगीतों ने लोक शिक्षण ही नही किया दिशा भी दी और जन आन्दोलनों को गति भी प्रदान की। इस तरह कहा जा सकता है कि जन गीत आज़ादी से पहले और बाद में हर जगह मुखर रहे हैं।
जन संवाद समिति के प्रमुख सतीश धौलाखंडी ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आगे भी संविधान पर आधारित हर माह दो एपिसोड इसी तरह सिलसिले वार प्रस्तुत किये जायेंगे जो युवाओं व सामान्य जनों के लिए निसंदेह महत्वपूर्ण साबित होगा।
कार्यक्रम के अंत में आजादी व संवैधानिक मूल्यों पर जागरूकता लाने हेतु नाटक-‘उपलब्धियाँ’ का कलाकारों ने शानदार मंचन भी किया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी आज जिस तरह समाज में समता,समानता, गरीबी के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, व नागरिक सुविधाओं की आजादी की मांग समाज में बरकरार बनी हुई है उसी सामाजिक समस्या पर यह नाटक केन्द्रित रहा।
नाटक के कलाकारों में – धीरज रावत, अनिता नौटियाल, गायत्री, विनीता, गरिमा, अमित, इफ्तियार अली, गौरव का महत्वपूर्ण अभिनय रहा। नाटक का निर्देशन सतीश धौलाखंडी ने किया। सतीश धौलाखंडी ने बताया कि 1992 में सहारनपुर की एक कार्यशाला में सामूहिक रूप से तैयार यह नाटक त्रिपुरारि शर्मा जी के निर्देशन में किया गया था।
कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम का संचालन इप्टा के उत्तराखण्ड अध्यक्ष डॉ. वी. के. डोभाल ने किया। इस अवसर पर प्रदीप कुकरेती, दर्द गढ़वाली, राकेश अग्रवाल, दयानंद अरोड़ा,शोभा शर्मा, कमलेश खंतवाल, विजय कुमार भट्ट,सुंदर बिष्ट, हिमांशु आहूजा, मनोज कुमार,हर्षमनी भट्ट,अवतार सिंह सहित शहर के अनेक रंगकर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक ,पत्रकार, साहित्यकार सहित दून पुस्तकालय के अधिसंख्य युवा पाठक उपस्थित रहे।

 

उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन के भवन का शिलान्यास, प्रदेश एवं मंडल कार्यकारिणी का भी हुआ गठन

देहरादून, उत्तराखंड़ जल संस्थान कर्मचारी संगठन के भवन का शिलान्यास मुख्य महाप्रबंधक महोदय इं. श्रीमती नीलिमा गर्ग के द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाप्रबंधक मुख्यालय डीके सिंह, अधिशासी अभियंता आशीष भट्ट, सहायक अभियंता हिमांशु नौटियाल, कनिष्ठ अभियंता साने आलम मौजूद रहे। कर्मचारी गण द्वारा मुख्य महाप्रबंधक का आभार व्यक्त किया गया।
तत्पश्चात संगठन की एक आम सभा की बैठक आयोजित की गई जिसमें कर्मचारियों की लंबित मांगों के संबंध में विस्तृत रूप से विचार विमर्श किया गया।
इस दौरान पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश एवं मंडल की कार्यकारिणी का गठन किया गया जिसमें चुनाव अधिकारी कोमल सिंह चौहान, सहायक लेखा अधिकारी विनोद सिंह, सहायक लेखाकार संदीप मैखूरी द्वारा प्रदेश एवं मंडल के चुनाव अधिकारी के रूप में चुनाव संपन्न कराए गए, जिसमें प्रदेश कार्यकारिणी में निम्न पदाधिकारी निर्विरोध रूप से निर्वाचित हुए।
संयोजक पद हेतु रमेश बिंजोला, प्रदेश अध्यक्ष संजय जोशी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रामचंद्र सेमवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष संदीप मल्होत्रा, प्रदेश उपाध्यक्ष महेश राम, प्रदेश महामंत्री श्याम सिंह नेगी, प्रदेश कोषाध्यक्ष लाल सिंह रौतेला, संयुक्त मंत्री सतीश पारछा, शिव मोहन संगठन मंत्री, शिवप्रसाद शर्मा व गणेश सिंह प्रचार मंत्री, श्रीमती शाकुंभरी रावत, प्रेम सिंह नेगी मीडिया प्रभारी, जीवनंद भट्ट कार्यालय सचिव, डीपी बद्री और बलवंत सिंह निर्विरोध रूप से निर्वाचित घोषित किये गये हैं। साथ-साथ गढ़वाल मण्डल अध्यक्ष पद हेतु प्रवीण सैनी, उपाध्यक्ष रमेश चंद शर्मा, सम्पूर्ण सिंह गुसाई महामंत्री, शिशुपाल सिंह रावत कोषाध्यक्ष, चतर सिंह चौहान संयुक्त मंत्री, दीवान सिंह चौहान और भूपेंद्र सिंह संगठन मंत्री, जितेंद्र राजभर, राजकुमार अग्रवाल कार्यालय सचिव, धन सिंह चौहान, भुवनेश्वर सिंह सैनी प्रचार मंत्री, कांता देवी, सरिता नेगी, मीडिया प्रभारी प्रेम सिंह रावत निर्विरोध निर्वाचित घोषित हुए हैं।
निर्वाचन सभा में हरिद्वार, रूड़की, विकासनगर, कालसी चकराता पुरोला नैनीताल रामनगर काशीपुर उधमसिंह नगर, पिथौरागढ, चम्पावत, खटीमा, लालकुँआ, मसूरी, कोटद्वार, जलकल देहरादून, सहसपुर, डोईवाला, रानीपोखरी, ऋषिकेश, चमोली आदि शाखाओं से भारी संख्या में कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।

 

उत्तराखण्ड़ राज्य आंदोलनकारी मंच ने सशक्त भू-कानून, मूल निवास एवं लोकायुक्त कानून लागू करने को लेकर दिया धरना

देहरादून, उत्तराखण्ड़ राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा अगस्त क्रांति दिवस के साथ ही गैरसैण के लिये बलिदान देने वाले बाबा उत्तराखण्ड़ी के बलिदान दिवस पर राज्य में सशक्त भू-कानून, मूल निवास एवं लोकायुक्त कानून लागू कराने की मांग को लेकर दीनदयाल पार्क में धरना दिया । धरने का संचालन पूरण सिंह लिंगवाल व अध्यक्षता मोर्चे की अध्यक्षा सुलोचना भट्ट द्वारा की गईं।
इस मौके पर उत्तरांचल बैंक कर्मचारी एसोशियन के अध्यक्ष जगमोहन मेहन्दीरत्ता एवं उत्तराखण्ड़ क्रांति दल आंदोलनकारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष युद्धवीर सिंह चौहान ने कहा कि जिन उद्देश्यों को लेकर हमने राज्य गठन की लड़ाई लड़ी वह आज की वर्तमान परिस्थियों को देखकर दु:ख होता हैं, सशक्त भू-कानून, मूल निवास, स्थाई राजधानी, लोकायुक्त और रोजगार नीति जैसी कई कमियां मौजूद हैं जिससे आज पहाड़ी जनमानस अपने का असहज महसूस कर रहा है। वहीं देवभूमि युवा संगठन के अध्यक्ष आशीष नौटियाल व दून डॉयलाग के संयोजक अभिनव थापर ने सरकार से पुनः अपील की हैं कि वह शीघ्र प्रदेश व राष्ट्र हित में सशक्त भू-कानून , मूल निवास व लोकायुक्त को लागू करें अन्यथा बड़ा आन्दोलन खड़ा होगा।
मसूरी के आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष देवी गोदियाल के साथ ही महेन्द्र रावत (बब्बी) ने कहा कि जब सरकार ने भू कानून को लागू कराने हेतु कमेटी बना दी गईं तो वह आज तक लागू क्यों नहीं हुआ, लगातार जिस प्रकार प्रदेश में नित नये नये भूमि घोटाले व कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहें और हमारे हकूकों पर डाका डाला जा रहा हैं।
प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने इस धरने के माध्यम से सरकार से पुरजोर मांग करते हुये कहा यदि राज्य स्थापना दिवस तक सशक्त भू-कानून, मूल निवास एवं लोकायुक्त कानून लागू नहीं हुआ तो पूरे प्रदेश में जनजागरण के साथ बड़ा आन्दोलन खड़ा किया जायेगा और मजबूती से इस व्यवस्था को लागू कराया जायेगा।
राज्य आंदोलनकारी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की अध्यक्ष सुलोचना भट्ट एवं देवेश्वरी ने जोर देकर कहा कि अब राज्य बनने के 24 वर्ष बाद भी हमें सशक्त भू कानून , स्थाई राजधानी व लोकायुक्त तक नहीं बना पाये। सरकार सभी नेताओं की संपत्तियों का ब्यौरा लेखा जोखा सबके सामने रखें ताकि प्रदेश वासियों को पता चलें।
महिलाओं ने सभी प्रदेश वासियों से भविष्य में प्रदेश हित में सड़कों पर आने को तैयार रहें।
आपको याद दिलाते चलें कि गत वर्ष क्रांति दिवस पर उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा इसी मांग को लेकर भारी जनसमूह के साथ सीएम आवास कूच किया था। लेकिन मुख्यमन्त्री ने कमेटी गठित होने की बात कह कर जल्द लागू कराने की घोषणा की थी , लेकिन वह आज भी लागू नहीं हुआ।

धरने में यह रहे मौजूद :

इस अवसर पर केशव उनियाल, जगमोहन सिंह नेगी, प्रांजल नोडीयाल , हरीश पन्त, महेन्द्र रावत (बब्बी) लुशुन टोडरिया, संजय बलूनी, पूरण जुयाल , आशीष नौटियाल, पुष्कर बहुगुणा, विजय बलूनी, सुमन बडोनी , धर्मपाल सिंह रावत, गौरव खंडूड़ी, आशीष बिष्ट, विनोद असवाल, सुरेश नेगी, बीर सिंह रावत, आमोद पैन्युली , बलबीर सिंह नेगी, सुशील चमोली, जयदीप सकलानी, सुशील चमोली, परमानंद बलोदी, युगपाल सिंह असवाल, प्रमोद काला, चंद्रमोहन सिंह नेगी, नवीन राणा, पकंज उनियाल, सुशील विरमानी, प्रभात डण्डरियाल, मोहन सिंह रावत , श्रीपति भण्डारी , हरजिंदर सिंह, ललित श्रीवास्तव, ब्रजेश चन्द्र, सुलोचना भट्ट, द्वारिका बिष्ट, राधा तिवारी, गीता नेगी, देवेश्वरी गुसांई, पुष्पा रावत, रामेश्वरी नेगी, तारा पाण्डे़, लक्ष्मी बिष्ट, उषा कोठारी, रामेश्वरी रावत, सरिता जुयाल, मधु थपलियाल, यशोदा रावत, रेवती बिष्ट, सावित्री बड़थ्वाल, दर्शनी खत्री, कुसुम घिल्डियाल, गुड्डी देवी, कुसुम पटवाल, कुन्ती देवी, गुड्डी नेगी, शान्ति कैन्तुरा, पार्वती रावत , सुलोचना मेंगवाल, उषा कोठरी, निधि भट्ट , संगीता सेमवाल, सुबोधिनि भट्ट आदि मौजूद रहे।

सरकार तैयारी में जुटी, अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में होंगे नगर निकाय चुनाव

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देहरादून, लोकसभा चुनाव के बाद अब राज्य में नगर निकायों के चुनाव की तैयारियां जोर शोर से चल रही है, वैसे तो निकायों के चुनाव को लेकर चल रही सरकार की कवायद के अनुसार अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में हो सकते हैं। वहीं कई वार्डो के परसीमन और ओबीसी आरक्षण से लेकर 15 सितंबर से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भेज दिया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ सरकार ने निकाय चुनाव से पहले अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ को नगर निगम बनाने की कवायद भी तेज कर दी है। गौरतलब हो कि प्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों का कार्यकाल बीते साल दो दिसंबर को पूरा हो गया था और छह माह के लिए निकाय प्रशासकों के हवाले हो गए थे।अब इस अवधि में चुनाव न होने के चलते सरकार ने तीन माह के लिए अवधि बढ़ा दी थी। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश आने के बाद सरकार अंतिम टाइमलाइन तय कर राज्य में अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में निकाय चुनाव की तैयारी जुट गयी। इससे पहले 15 सितंबर तक ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए नियमावली आदि का काम पूरा होगा।
निकायों का परिसीमन, वोटर लिस्ट का काम भी तब तक पूरा करने की समय सीमा रखी गई है। उधर, सचिव शहरी विकास नितेश झा ने बताया, निर्धारित समय सीमा में निकाय चुनाव कराने के लिए तैयारी तेज कर दी गई हैं। सरकार की पूरी तैयारी है कि दीपावली से पहले ही सभी निकायों में नए बोर्ड गठन टवकी प्रक्रिया पूरी हो जाए। शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए कि नगर निगम देहरादून के 54 वार्डों का परिसीमन 15 दिन के भीतर सुधार कर शासन को भेजा जाए। इस समय सीमा में ओबीसी आरक्षण व वोटर लिस्ट का काम भी पूरा करना है, ताकि निकाय चुनाव में कोई अड़चन पेश न आए।
इधर सरकार ने नगर पालिका अल्मोड़ा और नगर पालिका पिथौरागढ़ को नगर निगम बनाने के लिए शासन स्तर से जिलाधिकारी को पत्र भेज दिया गया है। डीएम की ओर से इन निकायों को निगम बनाने के लिए सीमांकन संबंधी पूरी प्रस्ताव शासन को भेजा जाना है। माना जा रहा कि चुनाव से पहले ही सरकार इन्हें निगम बनाएगी। उधर, नगर पालिका रामनगर और नगर पालिका कर्णप्रयाग के परिसीमन में भी कुछ बदलाव होंगे, कुछ क्षेत्र जोड़े जाएंगे या कुछ हटाए जाएंगे। दो नगर निगम बनने के बाद राज्य में 11 नगर निगम (देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार, श्रीनगर, हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर, पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा) हो जाएंगे। नगर पालिका की संख्या 41 और नगर पंचायतों की संख्या 50 होगी। सरकार ने पिछले दिनों ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए एक्ट में संशोधन को मंजूरी दी थी। अब इस संशोधन को लागू करने के लिए नियमावली लागू करने की तैयारी है। नियमावली का प्रस्ताव आगामी कैबिनेट में लाया जाएगा, ताकि निर्धारित समय सीमा में ओबीसी आरक्षण लागू हो सके। वहीं राज्य के राजनैतिक दलों ने भी नगर निकायों के चुनाव को लेकर अपनी सरगर्मी तेज कर दी और स्थानीय स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने की दिशा में लगातार क्रियाशील हैं |

मैक्स जी नाले में बही, महिला की मौत छह घायल, दो लापता

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चम्पावत, राज्य में चल रही भारी बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं, भारी बारिश के बीच टनकपुर—पूर्णागिरी मार्ग पर स्थित किरोड़ा नाले में आज सुबह एक भीषण हादसा हुआ है। यहां एक मैक्स जीप नाले में बह गयी जिसमें नौ लोग सवार थें। घटना की सूचना मिलने पर प्रशासन व बचाव दल मौके पर पहुंचा और बचाव व राहत कार्य शुरू किया।
जानकारी के अनुसार बचाव दल के लगातार प्रयासों के बाद सात लोगों को नाले से निकाल लिया गया। जिनमें से एक महिला की मौत हो गयी है जबकि अन्य को उप जिला चिकित्सालय टनकपुर पहुचाया गया है। जबकि दो लोग अभी भी लापता बताये जा रहे है। बताया जा रहा है कि जीप सवार सभी लोग जनपद उधमसिंहनगर के ग्राम पकड़िया के रहने वाले है। बचाव दल अभी भी लापता लोगों की तलाश कर रहा है।
उप जिलाधिकारी आकाश जोशी ने बताया कि घटना स्थल पर बचाव व राहत कार्य जारी है। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि मृतक महिला का नाम बलविंदर कौर है जबकि सोना कौर और मंगल सिंह लापता है। घायलों के नाम पवनदीप कौर निवासी खटीमा, अमनदीप कौर, सीमा व चालक उमेश बताये जा रहे है।

अगस्त क्रांति की 82वीं वर्षगांठ पर स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी कल्याण समिति ने आयोजित की गोष्ठी

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देहरादून, देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियो के आदर्शो के अनुरूप राष्ट्र की संप्रभुता,एकता और अखंडता की रक्षा करना हमारा संवैधानिक कर्तव्य है। यह उद्गार अगस्त क्रांति की 82वीं वर्षगांठ पर स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी कल्याण समिति द्वारा आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने व्यक्त किये, उज्जवल रेस्टोरेंट में आयोजित विचार गोष्ठी में शामिल वक्ताओं ने कहा कि पारस्परिक सौहार्द,भाईचारे की भावना को सुदृढ बनाने में स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को अपनी नैतिक जिम्मदारी उठानी चाहिए। व्यवस्थाओं में आमजन की भावनाओ के अनुरूप अब भारत छोड़ो आंदोलन की तर्ज पर भ्रष्टाचार देश छोड़ो आंदोलन का भी आगाज सेनानियो के वंशजों को करना होगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वरिष्ठ आंदोलनकारी, स्वतंत्रता सेनानी वंशज, पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी बुलन्द लेखनी के जरिए लगातार आवाज उठाने वाले वयोवृद्ध विरेन्द्र कुमार पैन्यूली को शाल उड़ाकर सम्मानित भी किया गया। वक्ताओं ने कहा प्राकृतिक पर्यावरण जिसमें जल जंगल जमीन व वन्यजीव शामिल है यदि उत्तराखंड़ में पर्यावरण प्रेमी इसके संरक्षण के लिए अपनी आवाज उठा रहे हैं तो यह उनके संवैधानिक कर्तव्य ही है।
वक्ताओं ने कट्टरवादी आतंकियों द्वारा बांग्लादेश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा तोड़े जाने तथा भारतीय नागरिकों के विरुद्ध किए जा रहे अमानवीय दुष्कृत्यों की भर्त्सना की और प्रधानमंत्री मोदी से मांग की कि निर्वासित राष्ट्रपति शेख हसीना को उनकी इच्छाओं के अनुरूप भारत में ही स्थाई आश्रय प्रदान किया जाए, कार्यक्रम के अन्त में देश की आजादी के लिए शहीद हुए योद्धाओं को दो मिनट मौन रखकर श्रद्धासुमन अर्पित किये।
इस अवसर पर सचिन शास्त्री, उषा कोठारी, जगमोहन मैंहदीरत्ता, आर. एस. कैंथुरा, डा.एसके गोविल, कल्पना बहुगुणा, मुनिराम सकलानी, सत्यप्रकाश कोठारी, ब्रिगेडियर केजी बहल, सुशील त्यागी, अवधेश शर्मा, बिशमभर नाथ बजाज, सत्यप्रकाश चौहान, जीएस जस्सल, सत्यप्रकाश डिमरी,मुकेश नारायण शर्मा, आशा टम्टा, मीना जोशी, रामचन्द्र जोशी, सुभाष मिश्रा, बिन्नी उनियाल, योगेश फरासी, शीला नेगी, बबीता असवाल, आशा नौटियाल, मानवेंद्र सोलंकी, नेत्रपाल सिहं, दिनेश भण्डारी आदि शामिल थे।

नशे के विरोध में राज्यव्यापी आंदोलन चलाने की तैयारी

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‘नशा विरोधी जन अभियान के बैनर तले 11 अगस्त को देहरादून में जन जागरण मार्च के साथ होगी आंदोलन की शुरुआत’

देहरादून, राज्य में नशे शराब के साथ ही साथ तेज़ी से ड्रग्स के बढ़ते जा रहे चलन से , लोगों के घर परिवारों में बिगड़ते माहौल और युवा पीढ़ी और बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित विचारशील एवं संघर्ष शील महिलाओं की पहल पर, महिलाओं और जनसंगठनों ने एक जुट होकर , प्रदेश स्तर पर नशे के खिलाफ व्यापक जन जागरण का अभियान चलाने का फैसला किया है।
‘नशा विरोधी जन अभियान’ के बैनर तले इस अभियान की शुरुआत 11 अगस्त को देहरादून से की जा रही है। इस दिन सुबह 7 बजे एफआरआई गेट से पहला जन जागरण मार्च निकाला जाएगा। बाद में इस तरह के मार्च पूरे देहरादून और राज्य केअन्य हिस्सों में आयोजित किये जाएंगे। जिसके बाद बाद प्रदेश की युवा पीढ़ी को नशे के प्रकोप से बचाने के लिये सर्व सम्मति से प्रभावी जरूरी कदम उठाए जाएंगे I यह सब नशा विरोधी जन अभियान के बैनर तले होगा।
नशा विरोधी जन अभियान के लिए हर ज़िले व प्रदेश मे एक संयोजक मंडल बनाया जाएगा I इसके लिए अभी गठित अभियान टीम द्वारा राज्य आंदोलनकारी और प्राथमिक शिक्षक संघ की पूर्व अध्यक्ष ऊषा भट्ट और स्वतंत्र पत्रकार व एक्टिविस्ट त्रिलोचन भट्ट को यह जिम्मेदारी दी गई है, जो सभी सक्रिय व्यक्तियों व संघठनो की सम्मति से यह गठित करेंगे I
अभियान को लेकर उक्त दोनों की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि उत्तराखंड में पहले शराब का ही प्रचलन था, लेकिन अब तरह-तरह के नशे और ड्रग्स देहरादून से लेकर राज्य के सुदूर पर्वतीय गांवों तक पहुंच गये हैं। इससे युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है और कई परिवार तबाह हो चुके हैं। पुलिस विभाग कभी-कभी नशे के खिलाफ अभियान चलाता है, लेकिन इस मामले में जिस संवेदनशीलता का जरूरत है, उसका अभाव सरकारी अभियानों में साफ नजर आता है।
बयान में कहा गया है कि सरकार की अपनी सीमाएं होती हैं। ऐसे में केवल सरकार को दोष देना ठीक नहीं है। आम लोगों को भी इसमें भागीदारी निभानी होगी। नशा विरोधी अभियान के तहत नशे के खिलाफ आम नागरिकों की भागीदारी के लिए उन्हें जागरूक किया जाएगा और सरकार से सतत संबाद भी बनाया जाएगा। करीब एक दर्जन संगठनों ने इस अभियान में शामिल होने की स्वीकृति दे दी है। आने वाले दिनों में इस मामले में सहमति रखने वाले राज्य के अन्य संगठनों और व्यक्तियों को भी आंदोलन में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि नशे के बढ़ते चलन से सबसे ज्यादा प्रभावित महिलाएं होती हैं। ऐसे में इस अभियान से ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं। यह संतोषजनक है कि देहरादून की विचारवान महिलाओं ने बड़ी संख्या में इस आंदोलन में शामिल होने की बात कही है। बयान में अपील की गई है कि जो लोग नशे के खिलाफ इस मुहिम में शामिल होना चाहते हैं, वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में 11 अगस्त और उसके बाद कुछ-कुछ दिनों के अंतराल में देहरादून और राज्य के अन्य हिस्सों में आयोजित किये जाने वाले मार्च में शामिल हों, ताकि अभियान को मजबूती प्रदान करने की दिशा में प्रभावी रणनीति बनाई जा सके।

केदारनाथ आपदा : यात्रियों के लिए हनुमान बने रेस्क्यू दल के जवान

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बी प्लान के तहत पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरी बचाव टीम

15 जगह नदी में समा गया था पैदल मार्ग, खतरनाक पगडंडियों के सहारे पहुंचे यात्रियों तक
केदारनाथ में वर्ष 2013 के जलप्रलय की याद हुई ताजा

ऊपर से मलबे के साथ पत्थरों की बरसात और नीचे मंदाकिनी नदी का रौद्र रूप। यह था 31 जुलाई की रात केदारघाटी में आई आपदा के बाद का दृश्य। मंदाकिनी ग्यारह साल बाद पहली बार ऐसे रौद्र रूप में दिखी। सूचना पर एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची तो आपदा के खौफनाक दृश्य देख एक बार बचाव टीम के कदम भी ठहर गए। हाईवे, पैदल मार्ग, पुल सब कुछ तबाह होने से दूसरी ओर हजारों यात्री और स्थानीय लोग अपनी जान बचाने को पत्थरों की आड़ का सहारा लिए हुए थे।

इन लोगों तक पहुंचना अत्यंत मुश्किल था लेकिन एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ और उत्तराखंड पुलिस के जवान अपनी जान को जोखिम में डालकर सभी लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू के लिए कूद पड़े। एसडीआरएफ की आठ टीमें मौके पर मुस्तैद हो गई। सोनप्रयाग से आगे हाईवे का 150 मीटर हिस्सा नदी में समाने से दूसरी ओर पहुंचना बेहद मुश्किल था। अगले दिन सुबह ड्रोन से देखने पर नदी किनारे का रास्ता सुरक्षित दिखा तो वहां किसी तरह रस्सी बांधने का इंतजाम किया गया। फिर जवानों ने खतरों से खेलते हुए पंद्रह हजार से ज्यादा यात्रियों को सुरक्षित निकाला। थोड़ी सी भी चूक जान पर भारी पड़ सकती थी, लेकिन रेस्क्यू टीम ने सावधानी बरतते हुए एक-एक व्यक्ति को सुरक्षित निकाला।

यात्रा मार्ग में जगह जगह पर फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालना बेहद ही चुनौतीपुर्ण कार्य था। 16 किमी का पैदल मार्ग करीब 29 स्थानों पर भूस्खलन होने से क्षतिग्रस्त हो गया था। 15 जगहों पर तो रास्ते का नामोनिशान ही मिट गया था। संचार नेटवर्क पूरी तरह ध्वस्त होने से किसी भी यात्री और अन्य लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा था। जवानों ने किसी प्रकार खतरनाक पगडंडियों के सहारे चीड़बासा पहुंचकर वहां तहस नहस हेलीपैड को हेलीकॉप्टर के उतरने लायक बनाया। फिर हेलीकॉप्टर से यहां फंसे सभी यात्रियों और लोगों को सकुशल रेस्क्यू किया गया।

सीएम धामी का कुशल आपदा प्रबंधन आया काम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल और मजबूत आपदा प्रबंधन के चलते प्रदेश सरकार इस मुश्किल चुनौती से पार पाने में कामयाब रही। मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने वर्ष 2013 की आपदा में रह गई कमियों से सबक लेते हुए यात्रा शुरू होने से पहले ही आपदा ने निपटने की पूरी तैयारी की थी। इसके लिए प्लान बी बनाया गया था। यही नहीं रेस्क्यू अभियान की निगरानी की कमान अपने हाथों में लेने के साथ मुख्यमंत्री धामी दो बार ग्राउंड जीरो पर भी पहुंचे। इस प्रकार 15 हजार से अधिक यात्रियों और स्थानीय नागरिकों को सकुशल निकाला गया।

भयावह था वह मंजर
अतिवृष्टि की सूचना पर लिंचोली से जब एसडीआरएफ की टीम भीमबली की ओर रवाना हुई तो आगे का मंजर बहुत भयावह था। मूसलाधार बारिश के बीच भीमबली के पास अचानक बादल फटने से जवानों के कदम ठिठक गए। बारिश के साथ छाया अंधेरा और मंदाकिनी का उफान डरा रहा था। लेकिन रेस्क्यू टीम जान की परवाह न करते हुए मोर्चे की ओर बढ़ गई।

पशुधन की भी चिंता
प्रदेश सरकार को पशुधन की भी पूरी चिंता है। केदारनाथ आपदा के चलते यात्रा मार्ग में अभी भी सैकड़ों घोड़े खच्चर फंसे हुए हैं। सरकार ने इनके लिए हेलिकॉप्टर से छह टन चारा भिजवाया है। साथ ही उनके उपचार के लिए आवश्यक दवाओं की व्यवस्था भी गई है। पशुपालन विभाग के अधिकारियों को घोड़ा खच्चर मालिकों से संपर्क करने का निर्देश दिया गया है।

यात्रियों के लिए थी खाने-पीने की पुख्ता व्यवस्था
केदारनाथ यात्रा मार्ग ध्वस्त होने से केदार धाम और अन्य स्थानों में फंसे यात्रियों के लिए जिला प्रशासन, गढ़वाल मंडल विकास निगम और मंदिर समिति की ओर से खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई थी। यात्रा मार्ग में फंसे सभी लोगों तक फूड पैकेट पहुंचाए गए। कुछ संस्थाओं ने भंडारे की व्यवस्था की।

फंसे यात्रियों के लिए हेलिकॉप्टर ने एक दिन में भरी 40 उड़ान
केदारघाटी आपदा में फंसे लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए निजी हेली सेवाओं के अलावा वायुसेना की मदद ली गई। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद निजी कंपनी के हेलिकॉप्टर ने एक दिन में 40 उड़ान भरकर आपदा में फंसे लोगों को एयरलिफ्ट किया। सात दिन तक चले रेस्क्यू में 3300 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया। निजी कम्पनियों के छह हेलिकॉप्टर के अलावा वायुसेना के चिनूक और एमआई-17 विमान से भी यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया।

तिरंगा यात्रा निकालकर केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचायेगें कार्यकर्ता :आशा नौटियाल

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रुद्रप्रयाग- भाजपा महिला मोर्चा पूरे प्रदेश में तिरंगा यात्रा निकालने जा रही है , इस दौरान कार्यकर्ता केन्द्र व राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जन जन तक पहुँचायेगी। जानकारी देते हुए भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल ने कहा कि भाजपा महिला मोर्चा के सभी पदाधिकारी एँव महिला कार्यकर्ता विधानसभा स्तर पर तिरंगा पदयात्रा निकालेंगे।
उन्होने बताया कि 11 से 13 अगस्त तक आयोजित होने वाली तिरंगा यात्रा के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ,वीर सैनिकों को भाजपा महिला मोर्चा के पदाधिकारी सम्मानित करेंगे। शौर्य स्थल के साथ जगह-जगह स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा । स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व वीर सैनिकों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण भी किया जाएगा। तिरंगा यात्रा में अधिक से अधिक बच्चों की सहभागिता को भी सुनिश्चित किया जाएगा। मंडल स्तर पर पार्टी में इस तरह से तैयारी की है जिससे लोगों को तिरंगा झंडा उपलब्ध कराया जा सके।
14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस पर कैंडल मार्च का भी आयोजन किया जाएगा उनका कहना है कि प्रदेश भर में भाजपा महिला मोर्चा के पदाधिकारी कार्यकर्ता कैंडल मार्च निकालेंगे कैंडल मार्च पूरी तरह से साइलेंट मार्च होगा। बैनर पोस्टर के साथ सभी पदाधिकारी कार्यकर्ता विभाजन विभीषिका दिवस के कार्यक्रम में शामिल होंगे भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि चार-पांच अगस्त को सभी पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के साथ में बैठक का आयोजन किया जा चुका है। सभी पदाधिकारी कार्यकर्ता मंडल स्तर पर टोली बनाकर यात्रा को सफल बनाएंगे।
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मीडिया प्रभारी नेहा शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम को कार्यकर्ता सोशल मीडिया में रील बनाकर अपलोड करेंगे इस दौरान प्रदेश स्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के अनुभव का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में शेयर करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के विकास के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार की जन उपयोगी योजनाओं का लाभ महिलाओं को मिल रहा है देश प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड लगातार विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है।

सोनप्रयाग व गौरीकुंड के बीच ध्वस्त हुये डेढ सौ मीटर रोड पर पैदल यात्रियों एवं घोड़े-खच्चरों की आवाजाही हुई शुरू

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रुद्रप्रयाग- 31 जुलाई को केदार घाटी में आई आपदा से यात्रा पड़ावों पर यात्रा मार्ग कई स्थानों पर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। जिलाधिकारी के निर्देशन में निर्माण एवं मरम्मत कार्य संबंधित विभागों द्वारा त्वरित गति से किए जा रहे हैं ताकि पैदल यात्रा मार्ग को जल्द से जल्द तीर्थ यात्रियों के लिए आवाजाही हेतु सुचारू किया जा सके। इसी क्रम में सोनप्रयाग व गौरीकुंड के बीच ध्वस्त हुये सडक मार्ग पर पैदल यात्रियों व घोडे खच्चरों की आवाजाही शुरू करने में सफलता मिली है।
अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग निर्भय सिंह ने अवगत कराया है कि सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग का 150 मीटर हिस्सा पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था जिसमें आवाजाही पूर्णतः बंद थी उसमें आज पैदल यात्रियों एवं घोड़े-खच्चरों के लिए खोल दिया गया है जिससे कि सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड के बीच फंसे घोड़े-खच्चरों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग का निर्माण कार्य जारी है तथा पोकलैंड मशीन के द्वारा 75 मीटर सड़क की कटिंग कर ली गई है।
अधिशासी अभियंता डीडीएमए विनय झिंक्वाण ने अवगत कराया है कि यात्रा मार्ग में जो भी क्षतिग्रस्त स्थान हैं उन स्थानों पर मजदूरों द्वारा कार्य त्वरित गति से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जा रहा है कि यात्रा मार्ग को जल्द से जल्द यात्रियों की आवाजाही हेतु ठीक किया जा सके।
अधिशासी अभियंता जल संस्थान अनीश पिल्लई ने अवगत कराया है कि यात्रा मार्ग के विभिन्न पड़ावों पर जो पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं उन स्थानों पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी गई है।

कांग्रेस द्वारा किये गये यज्ञ स्थल को भाजपा कार्यकर्ताओ ने गंगाजल से धोया

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हरिद्वार ( कुलभूषण)    कनखल मंडल के चौक बाजार में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा हरिद्वार कॉरिडोर को लेकर जो झूठ और भ्रम फैलाकर जो भाजपा का बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया गया उसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी कनखल मंडल के कार्यकर्ताओं और व्यापार मंडल ने एकत्रित होकर भाजपा के कनखल मंडल अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट के नेतृत्व में गंगाजल से उस स्थान को पवित्र करने का और धोने का काम किया!और वैदिक ब्राह्मणों द्वारा मंत्रोचारण भी किया गया
इस अवसर पर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष विकास तिवारी ने कहा कि कांग्रेस झूठ बोलकर हरिद्वार की जनता को धोखे में रखने का काम कर रही है और अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन को वापस पाने का प्रयास कर रही है जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा आज कांग्रेस इस स्तर तक गिर चुकी है कि अपने राजनीतिक लाभ के लिए कॉरिडोर की तोड़ फोड़ के नाम पर हरिद्वार वासियों के अंदर भय और झूठ का माहौल बना रही है जो ठीक नही है
कनखल व्यापार मंडल अध्यक्ष विक्की शर्मा ने कहा कि अभी हरिद्वार कॉरिडोर को लेकर कोई अधिकृत जानकारी किसी भी व्यापार मंडल के पास नहीं है किसी भी प्रकार के व्यापारियों को कोई नोटिस या अधिसूचना जारी नहीं हुई है फिर भी कांग्रेस नगर निगम चुनाव का लाभ लेने के लिए झूठ की राजनीति कर रही है और हरिद्वार के व्यापारियों को बरगलाने का प्रयास कर रही है जिसे व्यापारी बर्दाश्त नहीं करेगा उन्होंने कहा कि हरिद्वार विधायक मदन कौशिक जी ने सभी व्यापारिक संगठनों को आश्वस्त किया है की व्यापारिक हितो के साथ किसी को भी खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा
इस अवसर पर भाजपा मंडल अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि कांग्रेस जिस प्रकार भय और झूठ का माहौल कनखल के अन्दर बना रही है उसको बिल्कुल कामयाब नही होने दिया जाएगा कांग्रेस अपने निजी हित के लिए इस प्रकार का भ्रम फैला रही है जिसे हर तरीके से बेनकाब किया जाएगा और कांग्रेस के चरित्र को जनता के सामने रखा जाएगा
इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि राजकुमार अरोड़ा जी मंडल महामंत्री अनिमेष शर्मा जी कपिल वालयान जी सर्वेश प्रजापति जी धीर सिंह जी अजय राजपूत जी प्रशान्त सैनी जी राधे कृष्ण जी नितिन शुक्ला जी समेत अन्य लोग मौजूद रहे

नवनियुक्त कुलपति का शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने किया स्वागत

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हरिद्वार( कुलभूषण)  गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहासए संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सभागार कक्ष में शिक्षक संघ एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन के संयुक्त तत्वावधान में नवनियुक्त कुलपति प्रो0 हेमलता के एवं निर्वतमान कुलपति प्रो0 अम्बुज कुमार शर्मा का सम्मान एवं स्वागत समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर नवनियुक्त कुलपति प्रो0 हेमलता केण् ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द के दूरदर्शी आदर्शों में गहराई से गुरुकुल कांगड़ी निहत संस्थान है। इसकी विशारदए ज्ञान चरित्रनिर्माण का एक प्रतीक जीवन और समाज को बदलने के लिए शिक्षा की सशक्तिकरण का एक प्रमाण है। उन्होंने समारोह में आह्वान करते हुए कहा कि कर्मचारियों को विश्वविद्यालय के उत्थान को पूरा करने के लिए एकजुट रहना चाहिए। विश्वविद्यालय की उत्कृष्टता अभूतपूर्ण ऊंचाई तक ले जाना हमारा पुनीत कर्तव्य है। हमें परम्परा और मूल्यों की समृद्धि विरासत में मिली हैए और इसमें नवीनता और प्रकृति के धागे बुनना हमारा पवित्र कर्तव्य है।
निवर्तमान कुलपति प्रो0 अम्बुज कुमार शर्मा ने कहा कि गुरुकुल में लम्बे अर्से तक काम करने के पश्चात् यह पता चला कि यह विश्वविद्यालय संस्कार और संस्कृति से परिपूर्ण है। इसलिए यह संस्थान अनूठा है। संघर्षों के दौर में भी कर्मचारियों ने इस संस्थान को बचाने के लिए संघर्ष करना जारी रखा है। प्रत्येक कर्मचारी और शिक्षक के अन्दर विश्वविद्यालय की आत्मा उनके अन्दर बसती है। जिस कुलपति ने विश्वविद्यालय में सकारात्मक पक्ष मजबूत किया है उस पक्ष को विश्वविद्यालय ने नामचीन अवश्य बनाया है।
विश्वविद्यालय के वित्ताधिकारी प्रो0 देवेन्द्र कुमार गुप्ता ने विश्वविद्यालय के कुलपति को यह विश्वास दिलाया कि विश्वविद्यालय में पूरी पारदर्शिता के साथ वित्तीय एवं प्रशासनिक कार्य में सहयोग किया जाएगा।
कार्यक्रम को      आन्तरिक गुणवत्ता एवं आश्वासन प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो0 विवेक कुमार गुप्ता प्रो0 वी0के0 सिंह प्रो0 ब्रह्मदेव प्रो0 नमिता जोशी प्रो0 एल0पी0 पुरोहित प्रकाश तिवारी ने भी सम्बोध्धित किया।
समारोह के संचालक एवं प्राच्य विद्या संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो0 प्रभात कुमार ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द ने एक ऐसे विश्वविद्यालय की कल्पना की है जो न केवल अकादमिक खोज का केन्द्र है बल्कि चरित्र विकास का केन्द्र भी है। इस विश्वविद्यालय में ज्ञान को मूल्यों के साथ सहजता से एकीकृत किया जाता है। जहां छात्रों को समग्र व्यक्तियों के रूप में पल्लवित किया जाता है। शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रजनीश भारद्वाज ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय शिक्षा का एक मन्दिर है जहां पर आर्य समाज की पद्धति से छात्रों के अन्दर संस्कार गढ़े जाते हैं। संस्था को आगे बढ़ाने के लिए आलोचनाओं से बचना चाहिए। शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन के महामंत्री नरेन्द्र मलिक ने कहा कि विश्वविद्यालय में जब भी कोई संकट आया है। उस संकट का सामना कर्मचारियों ने सीने में गोली खाकर भी किया है। जब.जब विश्वविद्यालय पर संकट के बादल घिरे है। उनका सामना विश्वविद्यालय के शिक्षक व कर्मचारियों ने आपसी सौहार्द के साथ मिलकर किया है। डा0 दीपा गुप्ता एवं डा0 निशान्त ने दोनों कुलपतियों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर डा0 राकेश कुमार जैन डा0 राजकुमार भाटिया डा0 अरूण कुमार डा0 मनोज कुमार डा0 सुरेखा राणा डा0 बिन्दु अरोड़ा डा0 उधम सिंहए डा0 अनिल धीमानए डा0 चिरंजीव बनर्जी डा0 सुनीता रानीए डा0 मंजुषा कौशिकए डा0 कृष्ण कुमारए मंजीत डा0 रोशन लाल डा0 पंकज कौशिक रमेशचन्द्र उमाशंकर डा0 मनीला डा0 रीतु अरोड़ा अंकित शर्मा विजय प्रताप सिंह अरविन्द कुमार शर्मा आदि उपस्थित रहे।
फोटो  न0 1 कुलपति का स्वागत करते निवर्तमान कुलपति शिक्षक व  कर्मचारी