Monday, June 16, 2025
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बीएस नेगी महिला पॉलीटेक्निक में हर्षोउल्लास से मनाया गया 78वां स्वतंत्रता दिवस

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देहरादून , बीएस नेगी महिला पॉलीटेक्निक, ओएनजीसी कैंपस में स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में गवर्निंग बॉडी के सदस्य श्री हरिशंकर जोशी जी द्वारा ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गयी तथा सामूहिक राष्ट्रीय गान गाया गया।

समारोह में बोलते हुए प्रधानाचार्या श्रीमती नमिता ममगाई ने कहा कि हमें हिन्दुस्तानी होने पर गर्व होना चाहिए। आजादी को पाने में जिन वीरों ने अपने प्राणों की आहूति दी उनका हमेसा स्मरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सबकी ये नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने देश की प्रगति और उत्थान में अपना सकारात्मक योगदान दें। छात्राओं द्वारा “हर घर तिरंगा “कार्यक्रम में भाग लेते हुए सेल्फी ली गई तथा इसे संस्थान की वेबसाइट पर अपलोड किया गया एवं छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर इस कार्यक्रम में भाग लिया।

ओएनजीसी द्वारा अंबेडकर स्टेडियम में आयोजित परेड एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में संस्थान की छात्राओं ने भाग लेते हुए शानदार परेड का प्रर्दशन किया तथा बेस्ट परेड की ट्राफी अपने नाम की।

सोते हुए काटा छोटे भाई ने बड़े भाई का गला, आरोपी ने गढ़ी डाली आत्महत्या की कहानी

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देहरादून, जनपद के कालसी थाना क्षेत्र में हुई हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस मामले में मृतक का छोटा भाई ही हत्यारा पाया गया है। आरोपी ने इस हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की थी।
इसी माह 9 अगस्त की रात को कोतवाली विकासनगर से थानाध्यक्ष कालसी को यह सूचना प्राप्त हुई कि लेहमन अस्पताल हरबर्टपुर में एक व्यक्ति को संदिग्ध परिस्थितियों में लाया गया जहां उसकी मौत हो गई। इस सूचना के आधार पर थानाध्यक्ष कालसी मौके पर पहुंचे। मृतक की पहचान हृदय प्रकाश निवासी भराया धनपोऊ खत लखवाड़ के रूप में की गई। मृतक के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान पाए गए। परिजनों ने दावा किया कि हृदय प्रकाश ने कमरे में कुंडी लगाकर आत्महत्या की।

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि जब मौत संदिग्ध प्रतीत हुई, तो थानाध्यक्ष ने अगले दिन सुबह फॉरेंसिक टीम के साथ भराया का दौरा किया। घटना के बाद कमरे को धोने की जानकारी भी मिली जिससे संदेह हुआ और फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्रित किए। 11 अगस्त को मृतक के पुत्र दिनेश प्रकाश ने पिता की हत्या का मामला दर्ज कराया। परिजनों के बयान से यह सामने आया कि घटना के दिन मृतक के छोटे भाई लूदर प्रकाश घर पर मौजूद थे। मंगलवार को लूदर प्रकाश को पूछताछ के लिए थाना कालसी बुलाया गया। शुरू में उसने इधर-उधर की बातें की लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली।

चापड़ से काटा था बड़े भाई का गला :
पुलिस ने बताया कि लूदर प्रकाश ने स्वीकार किया कि उसने अपने बड़े भाई हृदय प्रकाश की चापड़ से गला काटकर हत्या की। आरोपी की निशानदेही पर वारदात में इस्तेमाल चापड़ को बरामद कर लिया है। हत्या के समय आरोपी ने अपने कपड़े छुपा दिए थे। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी और उसके बड़े भाई के बीच अक्सर छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़े होते रहते थे। 9 अगस्त को भी दोनों भाइयों के बीच किसी बात पर विवाद हुआ जिससे गुस्से में आकर लूदर प्रकाश ने घर में रखी चापड़ से अपने सोते हुए भाई का गला काट दिया। हत्या के बाद आरोपी ने घटना को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सका।

 

निजी अस्पताल की नर्स के साथ दुष्कर्म व हत्या का खुलासा, पुलिस ने आरोपी किया गिरफ्तार

यूएसनगर, उत्तराखंड के यूएसनगर से एक ऐसा क्रूरता भरा मामला सामने आया है। यहां जनपद के रुद्रपुर स्थित अस्पताल में काम करने वाली 33 वर्षीय नर्स की रेप के बाद हुई हत्या के मामले ने सभी को झकझोर दिया है। पुलिस ने मामले में एक आरोपी को कड़ी मशक्कत के बाद राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। जिसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद उधम सिंह नगर के रूद्रपुर स्थित निजी अस्पताल में काम करने वाली 33 वर्षीय महिला नर्स की गुमशुदगी की सूचना बिलासपुर, डिबडिबा, यूपी निवासी नर्स की बहन ने 30 जुलाई को ऊधम सिंह नगर पुलिस को दी। तहरीर के आधार पर छानबीन में जुटी पुलिस को सीसीटीवी तलाशने पर नर्स उत्तराखंड के रुद्रपुर स्थित अस्पताल से ड्यूटी खत्म होने के बाद बार्डर से सटे उत्तर प्रदेश के बिलासपुर डिबडिबा स्थित अपने घर की तरफ जाती हुई दिखाई दी।
मामले की जांच कर रही ऊधम सिंह नगर पुलिस को 8 अगस्त को सूचना प्राप्त हुई की बिलासपुर की झाड़ियां में एक महिला का शव पड़ा हुआ है। महिला की शिनाख्त 33 वर्षीय नर्स के रूप में हुई, जो 30 जुलाई से अपने घर लौटते वक्त लापता हो गई थी। महिला का फोन, गहने और पर्स से कुछ रूपए भी गायब थे। जिस पर पुलिस ने हत्यारे की तलाश शुरू कर दी गयी। महिला के फोन की लोकेशन ट्रेस करने पर राजस्थान दिखाई दी। जांच में पता चला कि हत्या का आरोपी धर्मेंद्र कुमार पुत्र पूर्ण लाल निवासी दुरसा पटृी, शाही साही, बरेली का है। जो जगह—जगह ठिकाने बदल रहा है और वह वर्तमान में रुद्रपुर तथा बिलासपुर क्षेत्र में भूसा एवं लकड़ी के काम में मजदूरी करता है। जिसे कड़ी मशक्कत के बाद सीसीटीवी वी टेक्निकल टीम की मदद के आधार पर राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया गया।
एसएसपी ने मीडिया को बताया कि सड़क पर अकेली जाती महिला को देखकर हत्यारोपी धर्मेंद्र ने महिला का पीछा किया और सुनसान जगह देखकर झाड़ियों में ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया तथा उसके स्कार्फ से ही उसकी गला दबाकर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि हत्यारोपी का महिला से कोई भी संबंध या पूर्व में कोई जान पहचान नहीं थी और वह नशे का आदी था। सड़क पर अकेली जाती महिला को देखकर उसने उसे हवस का शिकार बनाया और नशे की आदत पूरी करने के लिए हत्या के बाद किमती सामान लेकर वहां से फरार हो गया।

शहीद हुए कैप्टन दीपक सिंह का पार्थिव शरीर दून पहुंचा, राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने अर्पित किया पुष्प चक्र

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देहरादून, जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए 48 राष्ट्रीय राइफल के कैप्टन दीपक सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट देहरादून पहुंचा, जहां राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किए। उन्होंने ईश्वर से पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने की कामना की।
जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद के पिता महेश सिंह से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया एवं राज्य सरकार के स्तर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
राज्यपाल ने कहा कि शहीद कैप्टन दीपक सिंह, वीरभूमि उत्तराखण्ड के गौरव हैं। माँ भारती की सेवा में उनका यह बलिदान युवाओं में राष्ट्रभक्ति का संचार करता रहेगा। देश की रक्षा करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध हमारे वीर जांबाज का यह सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इस दुख की घड़ी में संपूर्ण देश व प्रदेश शहीद के परिजनों के साथ खड़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद कैप्टन दीपक सिंह का देश के खातिर दिया गया सर्वोच्च बलिदान एवं उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। वीर जवानों की शहादत एवं उनके शौर्य से ही हमारा देश सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश शहीद के परिजनों के साथ खड़ा है। राज्य सरकार द्वारा शहीद के परिजनों को हर संभव मदद की जाएगी।
इस अवसर पर विधायक बृजभूषण गैरोला, लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन, कमान्डेंट, भारतीय सैन्य अकादमी, मेजर जनरल आर प्रेम राज, जीओसी उत्तराखंड सब एरिया एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

स्वतंत्रता दिवस पर एसपी यदुवंशी “मुख्यमन्त्री सराहनीय सेवा पदक” से सम्मानित

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देहरादून, स्वतंत्रता दिवस 78वीं वर्षगांठ पर पुलिस लाईन में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी, अर्पण यदुवंशी को विशिष्ट कार्य के लिये ” मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक” से सम्मानित किया ।
यह पुरस्कार उनको उत्कृष्ट एवं विशिष्ट कार्यों के लिये प्रदान किया गया है। एसपी यदुवंशी ने माह नवम्बर-2023 में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन टनल सिलक्यारा हादसे के दौरान टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित रेस्क्यू में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के साथ चारधाम यात्रा-2024 के शुरुआती दिनों में श्री यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम पर श्रृद्धालुओं की बढ़ी अप्रत्याशित भीड व यातायात दबाव को सूझबूझ व दक्षतापूर्ण तरीके से नियन्त्रित करने तथा यात्रा के बेहतर क्रियान्वयन के लिये उनको ” मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक” से सम्मानित किया गया है।
पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी बेहद ईमानदार क्षवि एवं कर्तव्यनिष्ठ युवा पुलिस अधिकारी हैं। नवम्बर 2023 में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर उत्तरकाशी जनपद के यमुना घाटी एवं गंगा घाटी को जोडने वाली सिलक्यारा-पॉलगांव निर्माणाधीन टनल का एक भाग टूटने से 41 श्रमिक टनल के अंदर फंस गये थे, उक्त हादसे के दौरान एसपी यदुवंशी ने दिन-रात जीतोड मेहनत करते हुये 41 श्रमिकों को सुरक्षित रेस्क्यू करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी, यह रेस्क्यू ऑपरेशन 17 दिन तक चला था।
इसके साथ ही चारधाम यात्रा-2024 के शुरुआती दिनों में इस बार श्री यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम पर श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड बढ़ गयी थी, यात्रा भीड़ की बिगडती स्थिति को देखते हुये भीड एवं यातायात नियन्त्रण हेतु दोनों धामों की विपरीत भौगोलिक परिस्थिति के बीच एसपी उत्तरकाशी द्वारा स्वयं मोर्चा संभाला गया। रात-रातभर रोड पर उतकर उनके द्वारा श्रृद्धालुओं की भीड़ तथा यातायात को सुझबुझ व सुरक्षित तरीके से नियन्त्रित कर यात्रा का बेहतर संचालन एवं क्रियान्वन किया गया।

“स्वतंत्रता का अर्थ स्वच्छंदता नहीं है ” “मूलभूत अधिकार व मूलभूत कर्तव्य एक सिक्के के दो पहलुओं के समान हैं – अनिल वर्मा

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देहरादून, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत कार्यरत संस्थान “लर्नेट स्किल्स” के स्टेट एडवाइजर अनिल वर्मा ने कहा स्वतंत्रता कि प्रत्येक नागरिक को अपने मूलभूत अधिकारों के साथ ही मूलभूत कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए।ये वास्तव में एक सिक्के के दो पहलुओं के समान हैं।
श्री वर्मा स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर “लर्नेट स्किल्स” के ओल्ड सर्वे रोड स्थित कार्यालय में बतौर मुख्य अतिथि झंडारोहण के उपरांत छात्र -छात्राओं, प्रशिक्षकों , कर्मचारियों एवं अभिभावकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें स्वतंत्रता बड़ी कुर्बानियों के बाद प्राप्त हुई है।आज भी उस स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सीमाओं पर हमारे नौजवान सैनिकों को बलिदान होना पड़ता है। लोकतंत्र में स्वतंत्रता का अर्थ स्वच्छंदता नहीं है। परन्तु कुछ लोग स्वतन्त्रता को स्वच्छंदता समझ कर समाज और देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हो जाते हैं। चाहे वह बोलने की आजादी ही क्यों न हो हमें देश की सुरक्षा और साम्प्रदायिक सद्भावना को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए। और सरकार को भी ऐसे देश विरोधी तत्वों से सख्ती से निपटना चाहिए। उन्होंने देशभक्तिपूर्ण भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले कलाकारों की सराहना करते हुए उन्हें पुरस्कृत किया।
समारोह की विशिष्ट अतिथि व डीएवी (पीजी) कॉलेज विधि विभागाध्यक्ष डॉ० पारूल दीक्षित ने कहा कि महिलाएं राष्ट्रीय प्रगति के हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। शिक्षा , राजनीति, व्यवसाय , प्रशासन या सैन्य सभी क्षेत्रों में उन्होंने कीर्तिमान स्थापित किए हैं। राष्ट्रीय स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाए रखना हम सबको नैतिक जिम्मेदारी है। महिलाएं उस सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देती हैं ,जो पुरुष नहीं कर सकते, वह है मातृत्व। अतः महिलाओं को संतान का प्रथम गुरु माना जाता है। उनका कर्तव्य है कि वे हमारे पूर्वजों की परंपरानुसार प्रारम्भ से ही अपने बच्चों को सर्वप्रथम राष्ट्रप्रेम एवं नैतिकता का पाठ पढ़ाएं।
इस अवसर पर छात्र- छात्राओं द्वारा देशभक्ति से प्रेरित इंद्रधनुषी भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ वन्दे मातरम् तथा “हो शुभारंभ – है शुभारंभ” के मधुर गायन से हुआ। तत्पश्चात् आकर्षक परिधान में सजे-धजे छात्र – छात्राओं द्वारा राजस्थानी, गुजराती, नेपाली , हरियाणवी , हिमाचली , जौनसारी , गढ़वाली , कुमाऊंनी , पंजाबी , मराठी व हिंदी भाषाओं में राष्ट्रप्रेम व लोकगीतों पर आधारित प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। दर्शकों की करतल ध्वनि से सभागार गूंज उठा।
संस्थान के नेशनल हैड रमेश पेटवाल के निर्देशन तथा एवं आशीशा ढुंगाना, गुंजन बोरा, नयन पंवार, मोहित वैश, संजीव बिंजोला , पूजा सलेरा, योगेंद्र कुमार,अमन सिंह , मधुकर शर्मा के संयोजन में कु०, स्नेहा, पायल, दिया, रूचि, रंजीता, परविंदर कौर, आदि प्रशिक्षकों एवं छात्राओं का विशेष योगदान रहा।
धन्यवाद ज्ञापन केंद्र प्रबंधक अविनाश देव तथा कार्यक्रम का कुशल संचालन कु० शिवानी सकलानी ने किया। समारोह का समापन मिष्ठान वितरण से हुआ।

भारतीय व्यापार मंडल के उत्तराखंड इकाई ने स्वतंत्रता दिवस मनाया

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देहरादून-  भारतीय व्यापार मंडल के उत्तराखंड इकाई द्वारा आज दून वन शॉपिंग कंपलेक्स, न्यू कैंट रोड, सालावाला मुख्यालय में स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया। भारतीय व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष माननीय सतीश अग्रवाल जी द्वारा ध्वजारोहण किया गया। साथ ही 101 किलो बूंदी के लड्डुओं का वितरण भी लोगों में किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष सतीश अग्रवाल जी ने कहा कि आगामी 2025 के स्वतंत्रता दिवस तक भारतीय व्यापार मंडल से उत्तराखंड में 1 लाख सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। हमारा उद्देश्य है सभी व्यापारी वर्गों को एक साथ लेकर आगे बढ़ाना एवं व्यापारियों के हितों से जुड़े हर समस्याओं का समाधान करना। सतीश अग्रवाल जी ने अपने संबोधन में सभी व्यापारी वर्गों के साथ-साथ देश के सभी नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव भार्गव, महिला प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती सुशीला खत्री प्रदेश सचिव अनिल कुमार, करण सिंह चौधरी, सत्यम अग्रवाल श्याम मोहन अग्रवाल, नरेंद्र जी, संदीप सकलानी, आशीष सेमवाल, आजाद विशाल पंकज तिवारी मनोज कुमार अतुल सैनी ललित सेमवाल अर्जुन ठाकुर मोनू सिंह कविता थापा उषा नेगी प्रेम राठौर कविता पाल लक्ष्मी देवी समेत सभी सदस्य मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालक प्रदेश महामंत्री संजीव शर्मा किया।

सुप्रयास कल्याण समिति की बैठक में शैक्षिक वर्ष 2024-25 के लिए आर्थिक रूप से अशक्त किन्तु प्रतिभावान चयनित छात्रों की घोषणा

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हरिद्वार ( कुलभूषण) सुप्रयास कल्याण समिति की बैठक आज दिनांक 15 अगस्त 2024 को शिवविश्राम गृह अपर रोड़ ,निकट गङ्गा टॉकीज, हरिद्वार में मार्गदर्शक मण्डल के अध्यक्ष सेठ सुनील  श्रोत्रिय की अध्यक्षता में प्रारंभ हुई।
बैठक में शैक्षिक वर्ष 2024-25 के लिए आर्थिक रूप से अशक्त किन्तु प्रतिभावान चयनित छात्रों की घोषणा की गई। चयनित छात्रों में  किशोरी लाल प्रसाद ,  सौरभ पाण्डेय, कु. छवि , कु.सुहानी शर्मा, कु. वैष्णवी गिरी, कु.उन्नति सैनी,  सौरभ सेमवाल,  आरुष, कु.गुड़िया,  अभिनव कुमार, कु.आरुषि पाण्डे,कु.रेहा बाली, कु.ऋद्धि गम्भीर, मा. चिरंजीव, कु.एकता कोरी, कु.इशिका धीमान, मा. आशु, कु.शानवी गिरी, कु.भव्या अग्रवाल, कु.वैष्णवी अग्रवाल, कु.रितिका मा. अभिषेक सिंह, कु.जान्हवी ।।
बैठक में  पारेश्वर जोशी ,  रत्नमणि डोभाल ,  रमेश चन्द्र वर्मा ,  भुवनेश  पाठक, डॉ. शिवम नारायण शर्मा ,  संदीप कुमार,  स्पर्श लखेड़ा,  हर्षित रतूड़ी ,  सोमित डे , श्रीमती भगवती रतूड़ी , श्रीमती रश्मि कौशिक, श्रीमती बिन्दु बलूनी जी, श्री रमेश रतूड़ी  , कौशल किशोर  मित्तल,  राजेन्द्र नाथ गोस्वामी ,  चंद्रशेखर कौशिक ,  राकेश अग्रवाल  धीरवाली, धीरज जी पचभैया,  मुकेश जी वार्ष्णेय , श्रीमती यशोदा अग्रवाल ,  सूर्यकान्त भट्ट  आदि गणमान्य जन उपस्थित रहे।

उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले युवाओं की होती है राष्ट्र निर्माण में अहम भूूमिका : श्रीमहन्त राम रतन गिरि

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हरिद्वार ( कुलभूषण)  एस.एम.जे.एन. (पी.जी.) काॅलेज में आज 78 वां स्वतंत्रता दिवस पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया। सर्वप्रथम इस अवसर पर काॅलेज प्रबन्ध समिति के सचिव श्रीमहन्त राम रतन गिरि महाराज,एवं प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा द्वारा ध्वजारोहण किया गया। ध्वजारोहण के पश्चात् शहीदों को नमन करते हुए पुष्प अर्पित कर राष्ट्रगान गाया गया तथा काॅलेज में बनायी गयी शौर्य दीवार पर देश के अमर शहीदों को पुष्पाजंली अर्पित की।
इस अवसर पर काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री महन्त राम रतन गिरि महाराज ने अपने संदेश में सभी राष्ट्रवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें देते हुए कहा कि हमें भारतवर्ष को आजाद कराने में हुए शहीदों के सपनों का भारत बनाने का प्रण लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले युवाओं की राष्ट्र निर्माण में अहम भूूमिका होती है। उन्होंने युवाओं को नशा मुक्ति का सन्देश भी दिया।
काॅलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने स्वतंत्रता दिवस की अपनी शुभकामनायें प्रेषित करते हुए कहा कि आज हमारी राष्ट्रीय एकता का परिणाम तिरंगा अपने सर्वोच्च स्थान पर गर्व के साथ फहरा रहा है। हमें अपने देश की एकता व अखण्डता पर गर्व करना चाहिए। डाॅ. बत्रा ने निदेशक, उच्च शिक्षा हल्द्वानी प्रोफेसर डॉ अन्जु अग्रवाल का शुभकामना संदेश भी पढ़कर सुनाया, जिसमें निदेशक ने अपने बधाई संदेश में कहा कि स्वतंत्रता के इस अवसर पर राष्ट्र के विकास एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में हम सबका व्यक्तिगत उत्तरदायित्व है कि एक सुदृढ़ एवं मजबूत राष्ट्र निर्माण में निष्काम भाव से कर्मशील रहकर अपनी श्रेष्ठतम कार्यक्षमता का प्रदर्शन कर अपना सर्वोत्तम योगदान दें।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. संजय माहेश्वरी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से डाॅ. मन मोहन गुप्ता,प्रोफेसर डाॅ. तेजवीर सिंह तोमर, प्रोफेसर डाॅ. जगदीश चन्द्र आर्य, डॉ नलनी जैन, विनय थपलियाल, डाॅ. सुषमा नयाल, डाॅ. आशा शर्मा, श्रीमती रिंकल गोयल, डाॅ. विजय शर्मा, डाॅ. विनीता चौहान, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. यादवेन्द्र सिहं, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, डाॅ. पदमावती तनेजा, विनीत सक्सेना, प्रियंका, डाॅ. मनोज सोही, प्रिंस श्रेात्रिय, डाॅ. सरोज शर्मा, डाॅ. मिनाक्षी शर्मा, मोहन चन्द्र पाण्डेय, डॉ एस के चौहान, वैभव बत्रा, राजकुमार, श्रीमती हेमवती, संजीत कुमार, होशियार सिंह, सुशील राठौर, गौरव बन्सल, अर्शिका ,अपराजिता, मोनिका, अंशिका , विशाखा, सहित काॅलेज के अनेकों छात्र-छात्राऐ उपस्थित रहें।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना

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देहरादून|(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, अमर शहीदों, राज्य आंदोलनकारियों सहित राष्ट्र निर्माण के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ एवं अग्रणी राज्य बनाने का हमारा संकल्प है। समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने के लिए हमारे प्रयास निरन्तर जारी है। अनुकूल औद्योगिक नीति, शांत औद्योगिक वातावरण, दक्ष मानव संसाधन और उदार कर लाभों तथा पूंजी निवेश में वृद्धि के कारण उत्तराखंड भारत में तेजी से विकास करने वाले राज्यों में से एक बन गया है। नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा जारी 2023-24 की एसडीजी रिपोर्ट में उत्तराखण्ड ने सतत विकास लक्ष्यों की कसौटी पर खरा उतरते हुए पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 के दौरान राज्य सरकार के साथ कुल 3.5 लाख करोड़ रूपये के निवेश समझौते हुए हैं, जिसमें 81 हजार करोड़ के समझौते की ग्राउण्डिंग की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में लगभग 02 लाख करोड़ की योजनाओं पर तेजी से कार्य हो रहे हैं। राज्य सरकार के प्रयासों से उत्तराखण्ड पर्यटन हब, ऐडवेंचर टूरिज्म हब, फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी तेजी से उभर रहा है। इसके लिये उद्योग तथा पर्यटन को बढावा देने के लिये नई नीतियां तैयार की गई है। दिल्ली देहरादून एलिवेटेड रोड तैयार होने तथा वंदे भारत एक्सप्रेस से देहरादून जल्द ही दिल्ली एनसीआर का हिस्सा बन जाएगा, जिससे यहां निवेश, उद्योगों के विकास, रोजगार के नए-नए अवसर उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समावेशी विकास के मूलमंत्र के साथ प्रदेश के सभी क्षेत्रों के संतुलित एवं समान विकास के साथ कार्य कर रही है। केदारनाथ व बदरीनाथ की तर्ज पर कुमायूं के पौराणिक मंदिरों को भव्य बनाने के लिये मानसखण्ड मंदिर माला मिशन की कार्ययोजना पर कार्य हो रहा है। चार धामों की कनेक्टिविटी के लिए ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है जबकि टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन सर्वे का कार्य गतिमान है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट एवं पंतनगर एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने का कार्य भी गतिमान है। पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे नेटवर्क निर्माण के लिए पर्वत माला परियोजना को भी मंजूरी मिली है। केदारनाथ, हेमकुंड साहिब एवं पूर्णागिरी मंदिर रोपवे के निर्माण का शिलान्यास किया जा चुका है। उधमसिंहनगर के किच्छा क्षेत्र में एम्स के सैटेलाइट सेंटर का निर्माण कार्य गतिमान है साथ ही वाइब्रेंट विलेज योजना के अन्तर्गत राज्य के सीमांत गाँवों के चहुँमुखी विकास पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति का सम्मान हमारी परम्परा रही है। राज्य निर्माण आन्दोलन तथा इसके बाद प्रदेश के विकास व प्रगति में राज्य की महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज भी राज्य की मातृ शक्ति ग्रामीण जनजीवन, आर्थिकी, सामाजिक व सांस्कृतिक ताने बाने की रीढ़ हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु लखपति दीदी योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। 2025 तक 1.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है। आंगनबाड़ी बहनों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। अन्त्योदय निःशुल्क गैस रिफिल योजना के तहत वर्ष में 3 गैस सिलैण्डर रिफिल मुफ्त दिये जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की इस स्वर्णिम यात्रा में उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। हमें अपनी सैनिक परम्परा और देशभक्ति की विरासत पर गर्व हैं। सैनिक परम्परा वाले वीरभूमि उत्तराखण्ड में पीढ़ियों से लगभग हर परिवार से वीर व वीरांगनाएं देश की रक्षा में अपना योगदान दे रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों के सम्मान में देहरादून में शौर्य स्थल का निर्माण किया गया है। राज्य में शहीद सैनिकों को मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये की गई है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य का सरकारी नौकरी में समायोजन किया जा रहा है।
बिजली से वंचित सभी गांवों का शत प्रतिशत विद्युतीकरण किया जा चुका है। उत्तराखण्ड में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है। सोलर प्रोजेक्ट लगाने के लिये 70 फीसदी तक सब्सिडी दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं के व्यापक हित में राज्य सरकार द्वारा अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं। देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून सीमित समय में लागू कर प्रदेश के लाखों युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया गया है। पिछले तीन वर्षों में 15 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए शिकायत दर्ज करने के लिए जनता के लिए 1064 वेब एप लॉन्च किया गया है। अपणि सरकार पोर्टल, ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम डैशबोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाइन 1905, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था अपनाकर राज्य में भ्रष्टाचार को मिटाने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में हम आगे बढ़े हैं। इससे हमने देश और दुनिया को समानता और न्याय का एक प्रभावी संदेश देने का प्रयास किया है। बिना किसी भेदभाव के सभी को समान अधिकार मिलने चाहिए, इस सोच को मजबूत करना ही यूसीसी उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिये एक सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया। अब प्रदेश में जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने या करने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। राज्य में दंगा रोधी कानून को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। अब दंगाइयों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही दंगे में होने वाली सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई भी दंगाइयों से ही की जाएगी। इसके लिए क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन कर दिया गया है। हमने लैंड जेहाद पर कार्यवाही करके देवभूमि उत्तराखंड में सुख, शांति और अमन-चैन सुनिश्चित किया है। लैंड जिहाद के तहत की गई कार्यवाही के दौरान प्रदेश में करीब 5 हजार एकड़ सरकारी भूमि को कब्जामुक्त कराया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड को विश्व की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित करने का सपना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वेड-इन-उत्तराखण्ड का मंत्र दिया है। जिसके तहत राज्य सरकार नए वेडिंग डेस्टिनेशन की पहचान कर रही है। भविष्य में पूरी दुनिया से लोग यहाँ आत्मिक शांति के लिए आंएगे। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा। यह हम हर उत्तराखण्डवासी के लिए हर्ष और गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों से अपने कर्तव्य एवं दायित्वों का पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करने के साथ एक उन्नत, श्रेष्ठ और प्रगतिशील उत्तराखण्ड बनाने में मददगार बनने की भी अपेक्षा की है।

देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता:  मुख्यमंत्री

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देहरादून|(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सुभाष रोड स्थित होटल में आयोजित ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के अवसर पर देश के विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों को नमन करते हुए विभाजन की विभीषिका का दर्द सहने वाले तमाम सेनानियों के परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होने कहा कि देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को जब हम आजादी का जश्न मना रहे थे वहीं दूसरी ओर देश के विभाजन का भी हमने दुःख सहा है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के कारण सामने आई परिस्थितियों को देखते हुए भारत दो टुकड़ों में विभक्त हुआ। लाखों लोग इधर से उधर हुए उनका घर-बार छूटा, परिवार छूटा, लाखों की जानें गईं। भारत के लिए यह घटना किसी विभीषिका से कम नहीं थी। वर्ष 2021 में इसी दर्द को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त को ’’विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’’ मनाने का निर्णय लिया। तब से यह दिन मनाया जा रहा है, जिससे हम अपने उन लाखों सेनानियों व परिवारजनों से बिछड़े लोगों के बलिदान को याद कर सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन उन सभी सेनानियों की याद दिलाता है जिन्होंने भारत माँ के लिए बलिदान दिया। भारत के बंटवारे ने सामाजिक एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाओं को तार-तार कर दिया था। उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम देश को स्वतंत्र कराने वाले और देश के विभाजन की यातनाएं झेलने वाले मां भारती के प्रत्येक सपूत के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाजन विभीषिका की पीड़ा सह चुके लोग प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के विकास में सहयोगी बने हैं। देश विभाजन के समय हुई दर्दनाक हिंसक घटनाओं ने मानवता को ही शर्मसार नहीं किया बल्कि हिंसा का वह अमानवीय तांडव कभी न भरने वाला घाव दे गया, जिसकी टीस आज भी हमें महसूस होती है। यह दिवस हमारी भावी पीढ़ी को इतिहास की उस विभीषिका से परिचित कराता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा पिछले वर्ष रुद्रपुर में आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर उन्होंने विभाजन का दंश झेलने वालों की स्मृति भी विभाजन विभीषिका स्मृति स्मारक बनाये जाने की घोषणा की थी जिस पर कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने विभाजन की विभीषिका को इतिहास का काला अध्याय तथा दुनिया का सबसे बडा विभाजन बताते हुए कहा कि लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाकर विभाजन के साथ विस्थापना का दर्द झेला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947, 1971 के बाद आज फिर बांग्लादेश की घटना लोगों के लिये पलायन के लिये मजबूर कर रही है। आज हम सबको बांगलादेश के हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यक समुदाय की चिंता करनी है। किन्तु देश में छोटी छोटी घटनाओं पर विरोध करने तथा मानवाधिकार का रोना रोने वाले न जाने कहां खो गये हैं, वे सीन से ही गायब हो गये हैं। यह अवसर सजग और सतर्क रहने के साथ ऐसे ढोंगियों से सतर्क रहने का भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाजन की पीड़ा झेलने वालों ने अपनी प्रबल इच्छा शक्ति तथा कौशल के बल पर देश व प्रदेश के विकास में अहम योगदान दिया है। उनका यह योगदान अविस्मरणीय है। उन्होने दिखाया है कि प्रबल इच्छा शक्ति के बल पर क्या कुछ नहीं किया जा सकता है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर विभाजन विभीषिका से संबंधित फोटो प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
कार्यक्रम में उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ देवेन्द्र भसीन, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति विश्रवास डाबर, भाजपा महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, उद्यमी राकेश ओबेराय तथा अपने बचपन में विभाजन की विभीषिका का सामना करने वाले डॉ कुलदीप दत्त, तथा किशन लाल बिज ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर विधायक खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, श्रीमती सविता कपूर, पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, अनिल गोयल, संतोष नागपाल, डी.एस.मान, नीरज कोहली सहित बडी संख्या में विभिन्न संस्थाओं से जुड़े लोग तथा सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।