Monday, June 9, 2025
Home Blog Page 200

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पीसीएएफ़ पर हस्ताक्षर करने वाला प्रथम प्रमुख भारतीय बैंक

0

देहरादून-यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा पार्टनर्शिप फॉर कार्बन अकाउंटिंग फाइनेंशियल्स (पीसीएएफ़) पर हस्ताक्षरकर्ता बनने का निर्णय लिया गया है. यह निर्णय वैश्विक स्तर पर जलवायु जोखिम प्रबंधन पर बढ़ती जागरूकता और हाल ही में जलवायु जोखिम प्रकटीकरण पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी मसौदा दिशानिर्देश के साथ संरेखित है.

पीसीएएफ़ वित्तीय संस्थानों की एक वैश्विक साझेदारी है जो ऋण और निवेश से जुड़े ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का आकलन और प्रकटीकरण करने के लिए एक सामंजस्यपूर्ण दृष्टिकोण विकसित करने और लागू करने के लिए काम कर रही है. पीसीएएफ़ में शामिल होकर, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया अपने वित्तपोषित उत्सर्जन को मापने और प्रबंधित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है, जो बैंकों के लिए जलवायु जोखिम प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण पहलू है.

वित्तपोषित उत्सर्जन, जिसे स्कोप 3 उत्सर्जन के रूप में संदर्भित किया जाता है, अप्रत्यक्ष उत्सर्जन का प्रतिनिधित्व करता है जो बैंक की ऋण देने और निवेश गतिविधियों के परिणामस्वरूप होता है. ऐसे उत्सर्जन बैंक के परिचालन उत्सर्जन से काफी अधिक हो सकते हैं और जलवायु परिवर्तन और बदलते नियमों के साथ इसके पोर्टफोलियो के लिए पर्याप्त जोखिम बन सकते हैं.

वित्तपोषित उत्सर्जन को ट्रैक करने के महत्व को आरबीआई के हाल ही में 28 फरवरी, 2024 को जारी ‘जलवायु-संबंधी वित्तीय जोखिमों पर प्रकटीकरण रूपरेखा, 2024’ पर मसौदा दिशानिर्देशों द्वारा रेखांकित किया गया है. रूपरेखा विनियमित संस्थाओं को चार प्रमुख क्षेत्रों पर जानकारी का प्रकटीकरण करने के लिए बाध्य करती है: गवर्नेंस, कार्यनीति, जोखिम प्रबंधन और मेट्रिक तथा लक्ष्य. आरबीआई के मसौदा दिशा-निर्देश भारतीय बैंकों के लिए अधिक कठोर जलवायु जोखिम रिपोर्टिंग की ओर बदलाव के सांकेतिक हैं. पीसीएएफ हस्ताक्षरकर्ता बनने में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की सक्रिय भूमिका इन आगामी विनियामक आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाएगी.

उद्योग पर्यवेक्षकों का मानना ​​है कि यह निर्णय भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में जलवायु जोखिम प्रबंधन के मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया अग्रणी है. बैंक द्वारा पीसीएएफ की कार्यप्रणाली को अपनाने से वैश्विक जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित करने और कार्यनीति विकसित करने की इसकी क्षमता में वृद्धि होगी.

हेल्पेज इण्डिया द्वारा सतेराखाल में आयोजित किया गया स्वास्थ्य शिविर

0

रुद्रप्रयाग, हेल्पेज इंडिया अस्पताल गिंवाला गांव द्वारा पहली बार सतेराखाल क्षेत्र में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 123 लोगों का परीक्षण किया गया।
शिविर में हाथ,पैर, घुटना दर्द संबंधी, लकवा, स्लिक डिस्क, गठिया, सरवाइकल जैसी समस्याओं का सामना कर रहे लोगों का इलाज किया गया और साथ ही दवाईयों का वितरण भी किया गया। साथ ही बीपी और शुगर टेस्ट भी किए गए।
हेल्पेज अस्पताल के डा. रंगलाल यादव ने बताया कि हेल्पेज़ इंडिया अस्पताल 2013 से लगातार मरीजों की सेवा कर रहा है और उनके द्वारा कई लोग जो असहाय थे उनका सफलतापूर्वक इलाज किया गया। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस क्षेत्र में हेल्पेज़ इंडिया मरीजों के लिए विशेष अभियान चलाएगा।

समाजिक कार्यकर्ता गम्भीर सिंह बिष्ट ने हेल्पेज इंडिया का धन्यवाद करते हुए कहा कि सतेराखाल में पहली बार उनके द्वारा शिविर लगाया गया। जिससे शिविर में आए लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों को दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने क्षेत्र के हर व्यक्ति को सही स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके इसके लिए वे सदैव प्रयासरत रहेंगे।

इस दौरान डा. रंगलाल यादव, डा. साहिल ठाकुर, नवीन भट्ट, भाजपा नेता पंकज भट्ट, समाजसेवी कुलदीप रावत, भाजपा जिला मंत्री गम्भीर सिंह बिष्ट, क्षेत्र पंचायत सदस्य गौरव सुपरियाल, त्रिभुवन बर्तवाल, दीपक नेगी, बलदेव टम्टा, जितेंद्र बर्त्वाल, विक्रम पैलड़ा, प्रेम सिंह नेगी, विजेंद्र बुटोला, आनंद नेगी आदि मौजूद थे।

सचिव गृह शैलेश बगोली ने ली प्रदेश के यातायात प्रबंधन को लेकर बैठक

0

देहरादून(आरएनएस)। सचिव गृह शैलेश बगोली ने प्रदेश एवं विशेषकर देहरादून और अन्य बड़े शहरों में यातायात को लेकर पुलिस एवं परिवहन विभाग सहित अन्य सम्बन्धित एजेन्सियों के साथ बैठक की। सचिव गृह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यातायात की समस्या के निराकरण के लिए शीघ्र ही अल्पावधिक एवं दीर्घावधिक  योजनाएं तैयार की जाएं। सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा आपसी सामंजस्य से व्यापक कार्ययोजना तैयार कर क्रियान्वयन किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि यातायात निदेशालय देहरादून सहित सभी जनपदों में यातायात व्यवस्था के सुधार के लिए कार्य करेगा।
सचिव गृह ने यातायात संकुलन को दूर करने के लिए आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यातायात व्यवस्था में सुधार की दिशा में कार्य कर रहे अन्य संस्थानों और एजेंसियों किए गए कार्यों का भी अध्ययन कराते हुए अपनी योजनाओं में शामिल किया जाए। उन्होंने अधिक यातायात संकुलन वाले स्थानों पर नयी पार्किंग चिन्हित करने के साथ ही नए सड़क मार्गों के निर्माण और पक्कीकरण पर फोकस किए जाने के निर्देश दिए। वाणिज्यिक संस्थानों, मॉल, रेस्टोरेंट आदि द्वारा अपनी पार्किंग को प्रयोग में लाने हेतु एन्फोर्समेंट बढ़ाया जाए।
सचिव गृह ने शहर में रेहड़ी ठेली लगाने वालों के लिए मोबाईल वेंडिंग जॉन निर्धारित करने की दिशा पर भी कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने रेड लाईट वायोलेशन डिटेक्शन (लालबत्ती उल्लंघन पहचान प्रणाली) को सुचारू किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि चौराहों पर ऑटोमेटेड रेड लाईट सिग्नल्स को बढ़ाया जाए। साथ ही अधिकतर समय ऑटोमेटेड मोड को चालू रखा जाए ताकि सिस्टम यातायात प्रवाह को सीख कर खुद को अपग्रेड कर सके। उन्होंने स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के साथ लगातार सामंजस्य स्थापित करते हुए यातायात समस्याओं का निस्तारण किया जाए।
इस अवसर पर विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, आईजी एवं निदेशक यातायात अरूण मोहन जोशी, अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल एवं एसएसपी देहरादून अजय सिंह सहित लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग एवं इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) के अधिकारी उपस्थित थे।

 

उत्तराखंड़ की जल व्यवस्था पर हुआ गोलमेज सम्मेलन

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र उत्तराखंड और हिमालय के संदर्भ में महत्वपूर्ण मुद्दों पर समय-समय पर गोलमेज चर्चा का आयोजन करता रहा है। पूर्व में अब तक केदारनाथ आपदा के आलोक में प्राकृतिक आपदा और उसके बाद वनाग्नि पर ऐसे दो गोलमेज सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं। आज इसी क्रम में तीसरा उत्तराखंड की जल व्यवस्था पर तीसरा गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया। इस गोलमेज सम्मेलन में विभिन्न पृष्ठभूमि के विशेषज्ञों ने भाग लिया और राज्य में घटते भूजल भंडार और समग्र रूप से जल संसाधनों के कुप्रबंधन पर अपनी सार्थक चिंताएँ व्यक्त कीं।
दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के संस्थापक निदेशक रहे प्रोफेसर बीके जोशी ने चर्चा शुरू करने से पहले अपने प्रारंभिक भाषण में राज्य के घटते जल संसाधनों पर एक सिंहावलोकन प्रदान किया। श्री ए.आर .सिन्हा (सेवानिवृत्त पीसीसीएफ) ने जलागम विकास और नदी के प्रवाह को बनाए रखने में जल स्रोतों और धाराओं की भूमिका पर अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने जल विज्ञान, जल को नियंत्रित करने में वृक्ष प्रजातियों और वनस्पति आवरण की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया।
यटाटा ट्रस्ट के डॉ विनोद कोठारी ने स्प्रिंगशेड प्रबंधन के बारे में ज्ञान और सीख साझा की और राज्य में जलस्रोत सूची तैयार करने के कार्य पर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि राज्य में 90% से अधिक ग्रामीण आबादी पीने के पानी और अन्य जरूरतों के लिए जलस्रोतों पर निर्भर है। जलस्रोत को आजीविका के अवसरों से जोड़ना जलस्रोत संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। श्री एच.पी. उनियाल, जो पूर्व में उत्तराखंड सरकार और राज्य योजना आयोग से भी जुड़े थे श्री उनियाल ने जलस्रोत प्रबंधन पर भी अपने विचार साझा किए, उन्होंने बताया कि स्प्रिंग्स के हाइड्रोजियोलॉजी को समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है और स्प्रिंगशेड प्रबंधन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्ट्रेट जैकेट दृष्टिकोण उत्तराखंड के विभिन्न स्प्रिंग टाइपोलॉजी और भूवैज्ञानिक विविधता में काम नहीं कर सकते हैं। उन्होंने उत्तराखंड में चाल (प्राकृतिक जल भंडारण), खाल (तालाब) की पहचान करने की आवश्यकता पर जोर दिया क्योंकि वे उच्च जल विज्ञान संबंधी कार्य करते हैं और जलस्रोतों को रिचार्ज करते हैं।

प्रख्यात जलविज्ञानी डॉ. एस.के.भरतरी ने सूखते जलस्रोतों सतही जल अपवाह और पुनर्भरण क्षेत्रों की पहचान में आइसोटोप पद्धति के उपयोग के तकनीकी वाले पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने अल्मोड़ा के कोसी बेसिन पर तीन दशक से भी पहले किए गए अध्ययनों से महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
प्रसिद्ध पुरातत्वविद् प्रो. एम.पी. जोशी ने अतीत में प्रचलित जल प्रबंधन तकनीकों को प्रदर्शित किया और बताया कि किस तरह पारंपरिक जल प्रबंधन के बारे में समाज से ज्ञान लुप्त हो रहा है। आज के इस गोलमेज सम्मेलन में शामिल कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं में यह बात उभर कर आयी कि उत्तराखंड राज्य के गठन के 24 साल बाद भी राज्य में ककरगर जल नीति नहीं है, इसी तरह भूजल निकासी के नियम भी मनमाने हैं। सड़क व अन्य विकास निर्माण की तकनीक भी बेतरतीब है और इससे भूजल स्रोतों पर असर पड़ सकता है। इसी तरह पुनर्भरण क्षेत्रों के संरक्षण पर भी बहुत कम ध्यान दिया जाता है। चरागाहों के महत्व को समझ कर उनके संरक्षण की दिशा में कार्य करना होगा क्योंकि वे भूजल पुनर्भरण में मदद करते हैं साथ ही भारी मात्रा में कार्बन और जैव विविधता का संरक्षण भी करते हैं। विशेषज्ञ समूह ने राज्य में जल प्रबंधन और शासन को बेहतर बनाने के लिए एक प्रेशर ग्रुप विकसित करने पर जोर दिया। हिमालयी क्षेत्र व उत्तराखंड में भविष्य में जनसंख्या और पर्यटन का दबाव बढ़ने वाला है, इसलिए राज्य में जल प्रबंधन के संबंध में कुछ कदम तत्काल उठाए जाने चाहिए।
इस सम्मेलन के संयोजक व सिडार के मुख्य कार्यकारी डॉ.विशाल सिंह ने भी उत्तराखण्ड के जल प्रवाह व उनके सरंक्षण पर अपनी बात रखी। इस अवसर पर दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट, चंद्रशेखर तिवारी और सामाजिक इतिहासकार डॉ.योगेश धस्माना व सुंदर सिंह बिष्ट उपस्थित रहे।

 

चिनाब घाटी में पौधारोपण और फ्लोरा फौना के अध्ययन के साथ मनाया गया हिमालय दिवस

चमोली, पीपलकोटी में तैलाघाम तोक के भूस्खलन क्षेत्र में पौधरोपण और सुरक्षा के संकल्प के साथ सामाजिक संस्था के सदस्यों ने हिमालय दिवस मनाया, हिमालय दिवस के अवसर पर ‘आगाज’ के कार्यक्रम समन्वयक जयदीप किशोर के नेतृत्व में बाड़ेपानी और तैलाघाम भूस्खलन पर 50 – टिमरू और कचनार के पौधे रोप गए, अर्थ समूह के निदेशक सुशील कान्त सती ने कहा कि ये हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम मिल जुलकर प्रकृति का संरक्षण करें और लगाये गए पौधों की सुरक्षा करें ।
कैनाबिस कैफे के संचालक कुलदीप नेगी ने कहा की, हिमालय दिवस सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है बल्कि हिमालय के संरक्षण और जैव विविधता को बचने के लिए हम सभी को आगे आना होगा ।
आगाज के एक अध्ययन दल ने इस दौरान – जोशीमठ के पास के ट्रेकिंग रूट और पर्यटक स्थल चैनाब घाटी की अनाम फूलों की घाटी का अनुज नम्बूदरी के नेतृत्व में भ्रमण किया और चैनाब घाटी के पुष्प प्रजातियों , मशरूम, फ्लोरा फौना का अध्ययन किया, अब अध्ययन दल एक रिपोर्ट तैयार करेगा । इस अध्ययन दल में शामिल आशीष उनियाल, धीरज भुजवान और विकास डिमरी सहित टीम लीडर ने थैंग गांव के ऊपर स्थित चिनाब घाटी के ट्रेक से 7 किलो प्लास्टिक पॉलिथीन कचरा भी एकत्र किया ।
दूसरी ओर पीपलकोटी में आयोजित आज के इस कार्यक्रम में सुश्री चंदा पंवार , श्रीमती रेवती देवी , श्रीमती शशि देवी, श्रीमती अनीता देवी , कुमारी आयशा , आगाज के सहायक समन्वयक श्री भूपेंद्र कुमार, कैनाबिस कैफे के संचालक कुलदीप नेगी ने भाग लिया।

 

मौन पालन पर साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

देहरादून, उत्तराखण्ड़ विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) देहरादून द्वारा हिमालय दिवस के अवसर पर सोमवार को उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत मौन पालन विषय पर साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ खादी और ग्रामोद्योग आयोग के सहयोग से आयोग के सभागार में किया गया।

यकार्यक्रम में यूसर्क की निदेशक प्रो (डा.) अनीता रावत द्वारा हिमालय दिवस की शुभकामनायें देते हुये कहा कि हिमालय संरक्षण के लिये हमको Bottom up approach के साथ मिलकर कार्य करना होगा। प्रो. रावत ने कहा कि यूसर्क द्वारा विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को आत्मनिर्भर बनाने एवं हिमालय की जैवविविधता के संरक्षण में मौन पालन प्रशिक्षण को महत्वपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी एग्रोईकोलोजी को मजबूत बनाना होगा तथा परम्परागत ज्ञान के साथ हिमालय संरक्षण संबंधी कार्यो को आगे बढाना होगा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मधुमखियां न केवल मनुष्यों के लिये अपितु पूरे पर्यावरण में सन्तुलन बनाये रखने के लिये अत्यन्त आवश्यक है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की समन्वयक डाॅ. मंजू सुन्दरियाल, वैज्ञानिक यूसर्क द्वारा हिमालय के संरक्षण एवं मानव जीवन को सुरक्षित रखने में मौन पालन के प्रशिक्षण कार्यक्रम के उदे्दश्य एवं महत्व पर भूमिका प्रस्तुत की। उन्होने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में उततराखण्ड राज्य के 8 जिलो से 12 संस्थानों के 42 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि खादी ग्रामोद्योग विभाग देहरादून के निदेशक डा. संजीव राय ने अपने सम्बोधन में लघु उद्यम स्थापित करने के लिये भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की। सम्पूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम में मधुमक्खियों की प्रजातियां, उपयोगिता, संरक्षण, एवं मौन पालन हेतु प्रायोगिक ज्ञान के साथ शहद के प्रसंन्सकरण उत्पाद वर्धन, विपणन एवं लघु उद्यम स्थापित करने की जानकारी प्रदान की जायेगी।
कार्यक्रम में हिमालय दिवस के संरक्षण के लिये समस्त प्रतिभागियों द्वारा हिमालय प्रतिज्ञा ली गयी एवं फलदार वृक्षों का रोपण किया गया। कार्यक्रम के अन्त में यूसर्क वैज्ञानिक डाॅ ओम प्रकाश नौटियाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया तथा वैज्ञानिक डा. राजेन्द्र सिंह राणा एवं इं. उमेश जोशी द्वारा विशेष सक्रिय योगदान दिया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कुल 75 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

कांग्रेस ने किया क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में प्रदर्शन, दिया चार सूत्री ज्ञापन

0

देहरादून, उत्तराखण्ड़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री विनोद सिंह चौहान के नेतृत्व में सोमवार को कांग्रेसजनों द्वारा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन करते हुए उन्हें ज्ञापन प्रेषित किया। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को सौंपे ज्ञापन में विनोद चौहान ने कहा कि जनपद के कई मुख्य मार्गों जैसे चकराता रोड़, शिमला बाईपास रोड, हरिद्वार रोड़ पर संचालित माल वाहक गाडियां (डम्पर, ट्रक आदि) जिनमें निर्माण सामग्री इंट, बजरी, रेता आदि ढोया जा रहा है न केवल मानकों के विपरीत ओवर लोडिंग कर चल रहे हैं अपितु नो एन्ट्री समय में भी तेज गति से चलाये जा रहे हैं जिससे ओवर स्पीड के कारण आये दिन दुर्घटनायें घटित हो रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि दून शहर में कई बसें जिनकी अनुमति की समय सीमा समाप्त हो चुकी है, बिना परमिशन के चल रहे हैं जिससे शहर में प्रदूषण फैल रहा है। इन बसों में कई बसें अन्य प्रदेशों की भी शामिल हैं। इन डग्गामार बसों में सवारियों को ठूस-तूस कर भरा जा रहा है जो किसी बडी दुघटना का सबब बन सकते हैं। साथ ही स्मार्ट सिटी के नाम पर चल रही इलक्ट्रिक बसों के स्टॉप निर्धारित न होने से आम जनता को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
कांग्रेस महामंत्री विनोद चौहान ने यह भी आरोप लगाते हुए कहा कि आरटीओ कार्यालय में कार्यरत कर्मियों की कार्यप्रणाली के चलते कर्मियों की मिलीभगत से लाइसेंस बनाने से लेकर गाडियों के अन्य काम कराने के लिए आम आदमी को दलालों का सहारा लेना पड़ रहा है तथा आरटीओ कार्यालय दलालों का अड्‌डा बनता जा रहा है।

कांग्रेसजनों ने की क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी से यह मांग :

-रेत, बजरी, ईट आदि निर्माण सामग्री ढोने वाले वाहनों की स्पीड निर्धारित की जाय तथा नो इन्द्री समय में इन वाहनों को पूरी तरह से प्रतिबन्धित किया जाय। साथ ही रेत, बजरी इन्ट्री लेजाने वाले वाहनों के ऊपर त्रिपाल आवश्यक रूप से डाला जाय जिससे अन्य यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
-समय सीमा समाप्त हो चुकी सिटी बसों के खिलाफ अभियान चलाकर उन्हें तुरंत हटाया जाय।
-स्मार्ट सिटी के तहत चल रही इलेक्ट्रिक बसों के स्टॉपेज निर्धारित करते हुए आदेशित किया जाय कि निर्धारित स्टॉपेज पर ही बसों का ठहराव किया जाय।
-आरटीओ कार्यालय की कार्यप्रणाली में सुधार किया जाय तथा दलालों के प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगाया जाय।

 

कांग्रेसियों का डीएम कार्यालय कूच, बैरिकेडिंग को तोड़ी, पुलिस के और कांग्रेसी नेताओं के बीच हुई जमकर नोकझोंक

रुद्रपुर: कांग्रेसियों का डीएम कार्यालय कूच, तोड़ डाली बैरिकेडिंग - Amrit  Vichar
रुद्रपुर(यूएसनगर), प्रदेश की धामी सरकार के खिलाफ कांग्रेसियों की दहाड़ रैली के बाद डीएम कार्यालय कूच के दौरान पुलिस और कांग्रेस नेताओं में जमकर नोकझोंक हुई। कांग्रेस नेताओं ने बैरिकेडिंग को तोड़ डाली और इस पर चढ़कर सरकार के खिलाफ भड़ास निकाली।
उन्होंने सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा। उन्होंने ऐलान किया कि यदि महिला उत्पीड़न, भ्रष्टाचार बंद नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन होगा। सोमवार को डीएम कार्यालय मार्ग पर सुबह से ही एक बड़ा पंडाल लगा हुआ था। इसमें धामी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ डीएम कार्यालय कूच व धरना प्रदर्शन का ऐलान किया गया था।
सुबह 11 बजे से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, विधायक तिलकराज बेहड़, विधायक आदेश चौहान, विधायक भुवन कापड़ी, विधायक गोपाल सिंह राणा, विधायक सुमित हृदयेश सहित पूर्व विधायक एवं सांसद धरना प्रदर्शन में मौजूद रहे। दिग्गज नेताओं ने संबोधन के दौरान धामी सरकार पर जमकर भड़ास निकाली और दो घंटे के बाद डीएम कार्यालय कूच किया।
जहां पहले से ही मौजूद भारी पुलिस बल ने डीएम कार्यालय के मुख्य गेट पर बैरिकेडिंग कर दिग्गज नेताओं व कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया। इसके बाद कांग्रेसियों का पारा चढ़ गया और प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला, यशपाल आर्य भी बैरिकेडिंग पर चढ़ने लगे, जिसे देख पुलिस और नेताओं के बीच धक्की-मुक्की और कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग को तोड़ना शुरू कर दिया।
मौका देख कर ज्योति रौतेला ने बैरिकेडिंग पर चढ़कर छलांग भी लगाने की कोशिश की, लेकिन महिला पुलिसकर्मी ने हाथ पकड़ लिया। आखिरकार पुलिस ने हार मानते हुए मुख्य गेट पर ही राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन डीएम को प्रेषित करवाया जिसके बाद मामला शांत हुआ।

अब 17 सितम्बर को होगी पंचायती राज मंत्री से उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन की वार्ता

0

“उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने किया पंचायती राज मंत्री के आवास का घेराव”

देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन द्वारा सोमवार को पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज के आवास का घेराव के लिये परेड़ मैदान से कूच किया, भारी पुलिस बल के साथ आंदोलन कर रहे पंचायत संगठन को पुलिस ने कनक चौक पर रोक दिया, इस दौरान पुलिस और संगठन के नेताओं के बीच हल्की नोंकझोक भी हुयी, जिसके बाद सभी सड़क पर ही बैठकर सरकार और पंचायत मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते रहे |
इस दौरान उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के संयोजक जगत मर्तोलिया ने कहा कि राजधानी में जो आंदोलन किया गया। वह इतिहास का हिस्सा बन गया है। संगठन ने पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज के घमंड को तोड़ दिया। महाराज के बुलाने के बाद भी संगठन का डेलिगेशन आज मिलने नहीं गया। संगठन ने कहा कि हम बाद में मिलेंगे। महाराज को अंत में संगठन को 17 सितंबर का समय देना पड़ा। उन्होंने कहा कि पंचायती राज मंत्री ने ना नुकूर करने के बाद भी संगठन को 17 सितंबर को बातचीत करने के लिए आमंत्रण दिया है।
संगठन का कहना है की कोई भी ताकत इस संगठन को कमजोर ना समझे। त्रिस्तरीय पंचायत के 70 हजार सदस्य इस आंदोलन के साथ जुड़े हुए है।
अपने एक सूत्रीय मांग को लेकर त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के लोग आज परेड ग्राउंड में जमा हुए। जैसे ही आगे को बड़े पुलिस ने मंत्री आवास आने से पहले ही आंदोलनकारी को रोक दिया। आन्दोलन सदस्य शांत तरीके से अपनी बात रख रहे थे। तभी एक पुलिस के अधिकारी ने आंदोलनरत सदस्यों को उठाकर वाहनों में ठूसना शुरू कर दिया। इस बात से नाराज संगठन के पदाधिकारी ने बेरीटेक तोड़कर मंत्री आवास की ओर बढ़ने लगे, लेकिन पुलिस ने अनुरोध के बाद आगे बढने से रूक गए। कुछ मंत्री आवास तक पहुंच गए। जिनको खींच कर पुलिस को बाहर पडा़, इस दौरान महिलाओं के साथ बदसलू की भी की गई।धक्का मुक्की में आंदोलनकारी को मामूली चोटे भी आई है। इस बीच आंदोलनकारी सड़कों में बैठकर अपनी बात को बोल रहे थे कि एक पुलिस के अधिकारी ने ऊंची आवाज में बात की उसने आंदोलन के स्वरूप को उग्र कर दिया।
इस बीच मंत्री सतपाल महाराज की ओर से जवाब आया की पांच लोगों को वार्ता के लिए बुलाया गया, लेकिन संगठन ने साफ शब्दों में मना कर दिया, संगठन ने कहा कि आज हम कोई वार्ता नहीं करेंगे। हमको डेट चाहिए। वहीं भारी बारिश के बाद भी आंदोलनकारी सड़कों में जम रहे भीगते रहे और जन गीत गाए और नारे लगाते रहे। इस बीच सिटी मजिस्ट्रेट तथा सीओ ने एक पन्ने का लिखित पत्र में संगठन को दिया कि 17 सितंबर को महाराज ने वार्ता के लिए बुलाया है।यउसके बाद संगठन वहां से उठा और संगठन ने नारा लगाया की घमंड हार गया और संगठन जीत गया। आगे की रणनीति के लिये संगठन की शाम को बैठक होगी और उसे बैठक में आज के आंदोलन की समीक्षा की जाएगी। उसके बाद प्रेस को आगामी सूचना बताई जाएगी।
संगठन के नेताओं ने कहा है कि आज उत्तराखंड़ की जनता ने जिस आंदोलन को देखा है। उसे जनता को हम न्याय दिलाएंगे और जनता के आंदोलन को और मजबूत करेंगे। इस दौरान उत्तराखण्ड़ के विभिन्न जनपदों से आये पंचायत प्रतिनिधि, ग्राम प्रधान, पंचायत सदस्य, महिला पंचायत प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद थे |

CM धामी सख्त देवभूमि में कानून व्यवस्था बिगाड़ी तो नहीं किया जाएगा बर्दाश्त

0

देहरादून।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने वाले आपराधिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। देवभूमि उत्तराखंड के लोग शान्तिप्रिय हैं। यदि आपराधिक प्रवृत्ति के लोग यहाँ आकर यहाँ की शांत वादियों में अशांति फैलायेंगे और क़ानून व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास करेंगे तो देवभूमि में इसको बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे आपराधिक तत्वों को चिन्हित करने के लिए वृहद् सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। क़ानून अपना काम करेगा। अपराधियों के साथ हम सख़्ती सी निपटेंगे।

हिमालय संरक्षण के लिए गठित होगी विशेष कमेटी – सीएम धामी

0

देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हिमालय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय के सरोकारों से जुड़े विषयों के लिए महानिदेशक यूकॉस्ट श्री दुर्गेश पंत के संयोजन में एक कमेटी बनाई जायेगी। इस अवसर पर उन्होंने यूकॉस्ट द्वारा आयोजित की जाने वाली राज्य स्तरीय पांचवें देहरादून, अन्तरराष्ट्रीय साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी फैस्टिवल के पोस्टर का विमोचन किया। यह महोत्सव 06 जनपदों देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, बागेश्वर और पिथौरागढ स्थित इंजिनियरिंग कॉलेजों में किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान सभी को हिमालय दिवस की शुभकामनाएं दी और हिमालय के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रहे लोगों का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य में हर वर्ष 02 सितम्बर को बुग्याल संरक्षण दिवस मनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है। देहरादून में भी इस वर्ष तापमान में काफी वृद्धि हुई। अगर तापमान इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले समय के लिए चिंताजनक है। हमें हिमालय, जल और जंगल के संरक्षण की दिशा में मिलकर प्रयास करने हैं, सोचना होगा कि अपनी आने वाली पीढ़ी को विरासत में क्या देकर जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने तमाम आपदाएं देश-दुनिया मे देखी हैं। इस बार भी हमारे प्रदेश में कई जगह आपदा आई। पिछले साल हमने आपदाओं पर वर्ल्ड कांग्रेस का आयोजन भी किया। 29 नवंबर 2023 को यह आयोजन हुआ था और उसी दिन सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। उन्होंने कहा कि जब 17 दिन तक रेस्क्यू चल रहा था तो बहुत बार लगता था कि आज ब्रेक थ्रू होगा लेकिन कुछ न कुछ अड़चन आती रही। दुनिया भर की तकनीक उस समय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सहयोग से हमें मिली और आखिरकार हम सभी को सकुशल बाहर निकालने में सफल रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय दिवस का यह आयोजन केवल एक सप्ताह का कार्य नहीं होना चाहिए बल्कि प्रत्येक दिन हमें प्रकृति को बचाने का कार्य करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय के महत्व को हमें नई तरह से समझने की जरूरत है। जल स्रोतों और नदियों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में सरकार द्वारा निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। इसके लिए स्प्रिंग एण्ड रिवर रिज्यूवनेशन अथॉरिटी का गठन किया गया है। हिमालय के संरक्षण के लिए अनेक कार्य किये जा सकते हैं। हिमालय हमारी अमूल्य धरोहर है, जिसे बचाने की आवश्यकता है। उत्तराखंड पहला राज्य है जहाँ जी.ई.पी की शुरूआत की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इकोलॉजी व इकॉनमी में संतुलन बनाकर विकास के कार्य किये जा रहे हैं। सरकार पौधरोपण, जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रही है, लेकिन इन सब में जनसहभागिता की जरूरत है, तभी हम इन प्रयासों में सफल हो पाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में भी उन्होंने हिमालय के लिए अलग से योजना बनाये जाने की बात उठायी है। उत्तराखंड की जनसंख्या सवा करोड़ है और व्यवस्था हर साल लगभग 10 करोड़ लोगों के लिए करनी पड़ती है। उत्तराखण्ड के लिए योजना बनाते समय राज्य में आने वाली फ्लोटिंग पोपुलेशन को ध्यान में रखकर योजना बनाने के लिए नीति आयोग की बैठक में अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने कहा हमने सस्टेनेबल टूरिज्म की बात की है, जिसे लेकर योजनाएं बनाई जा रही हैं।

हेस्को के संस्थापक और पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरी गंभीरता से हिमालय एवं इसके संरक्षण के लिए कई नई पहल की हैं। नीति आयोग की बैठक में भी मुख्यमंत्री ने संपूर्ण हिमालय की समस्या को गंभीरता से उठाया। हिमालय से जुड़े मुद्दों को राजनीतिक क्षेत्र में भी ले जाना होगा। देश के कई बड़े संस्थान हिमालय के संरक्षण एवं इस क्षेत्र में अध्ययन का कार्य कर रहे हैं। इन सभी संस्थाओं को एक मंच पर लाकर हिमालय विकास पत्र पर कार्य होना चाहिए। हिमालय की भूमिका संपूर्ण देश के लिए महत्त्वपूर्ण है। हिमालय के संरक्षण के लिए विकास वैज्ञानिकों के अनुसंधान के अनुरूप होना चाहिए।

विधायक श्री किशोर उपाध्याय ने कहा कि मध्य हिमालय के लिए विकास का मॉडल बनना जरूरी है। आज जिस तेजी से ग्लेशियर पिघल रहे हैं, यह चिंता का विषय है। हिमालय के संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पूर्व में हमने हिमालयन यूनिटी नाम से एक संस्था बनाई। तब यह तय हुआ कि 9 सितंबर को हिमालय दिवस मनायेंगे।

महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो दुर्गेश पंत ने कहा कि 02 सितम्बर से 09 सितम्बर तक हिमालय सप्ताह के रूप प्रदेशभर में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रीय संस्थानों और प्रदेश के अनेक संस्थानों में कार्यक्रमों के आयोजन कर हिमालय के संरक्षण और संवर्द्धन संबंधी अनेक विषयों पर विचार विमर्श किया गया।

इस अवसर पर विधायक श्रीमती सविता कपूर, विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, पद्मश्री श्री कल्याण सिंह रावत, प्रमुख वन संरक्षक डा. धनंजय मोहन, इसरो देहरादून के निदेशक आर.पी. सिंह, आई.आई.पी के निदेशक हरेन्द्र बिष्ट एवं विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र पहुंचे केदारनाथ धाम, यात्रा व्यवस्थाओं का लिया जायजा

0

देहरादून, श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय सोमवार को केदारनाथ धाम पहुंचे। धाम पहुंच कर उन्होंने यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया और बीकेटीसी के निर्माणाधीन भवन व यात्री सुविधाओं के लिए बनाए जा रहे रैन शेल्टर का निरीक्षण किया। अजेंद्र ने सोमवार सुबह केदारनाथ पहुंच कर सबसे पहले हैली पैड के निकट बन रहे रैन शेल्टर का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग को रैन शेल्टर का निमार्ण कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रैन शेल्टर बनने से यात्रियों को बारिश से बचाव में मदद मिलेगी। रैन शेल्टर में ठंड से बचाव के लिए अलाव इत्यादि की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके साथ ही यहां पर बीकेटीसी एक सूचना केंद्र भी स्थापित करेगी, जहां पर यात्रियों को विभिन्न सूचनाएं प्रदान की जाएगी।

अजेंद्र ने केदारनाथ धाम में मंदिर के समीप बीकेटीसी के निर्माणाधीन भवन का भी निरीक्षण किया। इस भवन में बीकेटीसी के कार्यालय से लेकर कार्मिकों के निवास की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कार्यदायी संस्था को जल्द से जल्द इस भवन का निर्माण कार्य पूरा करा कर एक सप्ताह के भीतर इसे मंदिर समिति को हस्तांतरित करने के निर्देश दिए।

बीकेटीसी अध्यक्ष ने मंदिर में दर्शन व्यवस्था का जायजा भी लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए की वर्तमान में यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि होने लगी है। आगामी कुछ दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या में और भी वृद्धि के आसार हैं। लिहाजा, श्रद्धालुओं को सुगम व सरल दर्शन हो सकें, इसके लिए प्रयास जरूरी हैं।

युवती से छेड़छाड़ में मुस्लिम युवक की पिटाई के बाद आये दोनों पक्ष आमने, दुकानें बंद रख किया विरोध प्रदर्शन

0

देहरादून, युवती से छेडछाड के आरोप में मुस्लिम युवक की पिटाई के मामले में दोनों पक्ष आमने सामने आ गये। दुकानें बंद रखकर विरोध प्रदर्शन कर एक दूसरे के खिलाफ तहरीर दी।
गौरतलब है कि गत दिवस एक दुकान पर सैंडल खरीदने गयी युवती के साथ छेडछाड के आरोप में हिन्दूवादी संगठनों ने मुस्लिम युवक की पिटाई कर पुलिस को सौंप दिया था। उनका आरोप था कि मुस्लिम युवक ने सैंडल पहनाने के बहाने युवती के साथ छेडछाड की थी जिससे युवती घबराकर ऊपर से नीचे आयी और सारी घटना आसपास के लोगों को बतायी।
सोमवार प्रातः काफी संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने इनामुल्ला बिल्डिंग में अपनी दुकानें बंद कर विरोध प्रदर्शन किया और सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पहुंचे जहां पर उन्होंने प्रदर्शन कर मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। इस दौरान वहां पर शहर कोतवाल चन्द्रभान सिंह अधिकारी भी पहुंच गये। मुस्लिम समुदाय के लोगों का आरोप था कि अपने आपको बजरंग दल का नेता बताने वाले व्यक्ति के द्वारा आये दिन दुकानों में घुसकर मुस्लिम युवकों के साथ मारपीट की जाती है जिससे बाजार में काम कर रहे मुस्लिम युवक दहशत में हैं। उसके खिलाफ कार्यवाही की जाये। जिसके बाद उन्होंने शहर कोतवाल को अपना प्रार्थना पत्र सौंपा।
वहीं हिन्दू व्यापारियों ने भी अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि यहां पर बाहरी राज्यों से आकर मुस्लिम समाज के लोग दुकानें किराये पर लेकर अपनी मनमर्जी करते हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर बाहरी राज्यों से आकर दुकाने लेने वालों से दुकानें खाली करायी जाये। दोनों समुदायों के आमने सामने आने पर पुलिस ने पल्टन बाजार सहित अन्य बाजारों में चौकसी बढा दी।

प्रेम प्रसंग से नाराज भाई ने की बड़ी बहन की गला रेतकर हत्या

0

हरिद्वार, जनपद के मंगलौर में एक भाई ने अपनी बड़ी बहन की प्रेम प्रसंग के शक में हत्या कर दी, वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ने खुद ही परिजनों और पुलिस को पूरी बात बताई। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है।
जानकारी के अनुसार घटना देर रात की है जब मंगलौर के मोहल्ला मलानपुरा स्थित एक घर में 24 वर्षीय युवती का गला रेतकर उसके भाई अमन पुत्र इमरान ने हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि मृतका की दो और बहने हैं जिसमें से एक विवाहित है और अपनी ससुराल में है, दूसरी बहन और मां परिवार के साथ रहती है। परिजनों ने उसके युवक से बातचीत करने पर पाबंदी लगा दी थी। बताया जा रहा है कि रविवार की शाम युवती की मां किसी काम से अपनी रिश्तेदारी में गई थी। जबकि घर पर उसके दो भाई और एक बहन थी। रात में वह चोरी छिपे अपने प्रेमी से मोबाइल पर बात कर रही थी। जिसे उसके छोटे भाई अमन ने पकड़ लिया था। प्रेमी से बात करने से नाराज अमन ने अपनी बहन की चाकू से गला काटकर हत्या कर दी। साथ ही घर में मौजूद अपने भाई और बहनों से घटना के बारे में किसी को भी नहीं बताने की बात कही। युवक ने मोबाइल पर घटना जानकारी अपनी मां को दी।
इस पर सोमवार की सुबह मां घर पहुंची तो बेटी के शव को देखकर शोर मचा दिया। शोर सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे तो उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया। बताया जा रहा है कि पड़ोसियों ने करीब एक बजे अनहोनी होने का शक होने पर सूचना पुलिस को दी। सूचना पर कोतवाली प्रभारी शांति कुमार मौके पर पहुंचे तो हत्या का पता चला। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जबकि आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। प्राथमिक जानकारी मिली है कि युवक बड़ी बहन के प्रेम प्रसंग से नाराज था, इसके अलावा भी तमाम पहलुओं पर जांच की जा रही है।