Wednesday, May 7, 2025
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प्रधानमंत्री की नीतियों से तीस करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले : मुख्यमंत्री

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–  देहरादून में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार का दो दिवसीय चिंतन शिविर शुरु
  –  केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही कई प्रदेशों के समाज कल्याण मंत्री और अधिकारी हो रहे हैं शामिल
  –  केंद्रीय मंत्री बोले, नशा की समस्या से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर करें काम
देहरादून(आरएनएस)।    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार की नीतियों से बीते एक दशक में देश भर में करीब 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल चुके हैं। सोमवार को देहरादून में आयोजित केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दो दिवसीय चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने यह बात कही।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे राज्य के लिए गौरव का विषय है कि यहां सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण विषय पर राष्ट्रीय स्तर का चिंतन शिविर आयजित किया जा रहा है। ये चिंतन शिविर बाबा साहब अंबेडकर तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे मनीषियों के चिन्तन का विस्तार भी है। इस शिविर में आय़ोजित होने वाले संवाद से भविष्य में अपनायी जाने वाली सामाजिक सशक्तिकरण की नीतियों का रोडमैप तैयार होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में आज देश में “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मूलमंत्र के साथ कार्य किया जा रहा है। पहले कई दशकों तक देश में समाज कल्याण विभाग कुछ गिने-चुने कार्यों तक ही सीमित माना जाता था। परंतु नरेंद्र मोदी के प्रधान सेवक बनने के बाद अपनाई गई नीतियों और योजनाओं से बीते एक दशक में देश के करीब 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा एक ओर देश में बुजुर्गों, विधवाओं एवं दिव्यांगजनों को विशेष पेंशन देकर उनका जीवन स्तर सुधारा जा रहा है, वहीं छात्रों को छात्रृवत्ति देकर उन्हें अपना भविष्य उज्जवल बनाने का अवसर भी दिया जा रहा है। इसी तरह विभिन्न योजनाओं एवं नीतियों के माध्यम से स्वरोजगार और उद्यमिता को प्रोत्साहित कर अति पिछड़े वर्ग को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। नशे की लत से पीड़ित लोगों के लिए जागरूकता कार्यक्रम और पुनर्वास केंद्रों का संचालन भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से राज्य सरकार भी प्रदेश में सामाजिक न्याय की अवधारणा को धरातल पर उतारने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने के साथ ही पति-पत्नी दोनों को पेंशन प्रदान कर रही है, पेंशन योजनाओं का भुगतान मासिक आधार पर किया जा रहा है, पेंशन योजनाओं को ऑनलाइन किए जाने के साथ ही अन्त्योदय परिवारों को प्रतिवर्ष तीन गैस सिलेंडर निशुल्क प्रदान किए जा रहे हैं।

इसी तरह अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के बच्चों को कक्षा 1 से लेकर बारहवीं तक छात्रवृत्ति देने के साथ ही उनके लिए निशुल्क 15 छात्रावास, 5 आवासीय विद्यालय तथा 3 आईटीआई भी संचालित की जा रही हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग और प्रतिमाह छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्तियों की बेटियों की शादी के लिए 50 हजार रूपए का अनुदान भी दिया जा रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास करने के साथ ही जनजातीय शोध संस्थान के लिये 1 करोड़ रुपए के कार्पस फण्ड की भी व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार अटल आवास योजना के तहत अनुसूचित वर्ग के आवासहीन परिवारों को पक्का घर बनाने के लिए एक लाख 20 हजार रुपए की राशि प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड के 128 जनजातीय गांवों का चयन किया गया है। उत्तराखण्ड में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से वृद्धजनों के आंखों का उपचार तथा जेरियाट्रिक केयर यानि वृद्धजनों को विशेष देखभाल की सुविधा देने के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजनों को 04 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार प्रदेश में नशामुक्त देवभूमि अभियान को मिशन मोड पर संचालित कर रही है। सरकार प्रदेश के प्रत्येक जनपद में नशा मुक्ति केंद्र संचालित करने की योजना पर भी कार्य कर रही है, जनपद नैनीताल के हल्द्वानी में नशा मुक्ति केंद्र का संचालन प्रारंभ भी किया जा चुका है।

राज्य में जहां एक ओर, भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों को रेस्क्यू कर उन्हें स्कूल जाने के हेतु प्रेरित किया जा रहा है, वहीं युवा एवं प्रौढ़ वर्ग के लोगों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने का प्रय़ास भी किया जा रहा है। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को और अधिक मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार की SMILE योजना के अंतर्गत प्रदेश के चार शहरों को चयनित किया गया है। मुख्यमंत्री ने अंत में सभी प्रतिभागियों को आगामी चारधाम यात्रा पर आने का निमंत्रण देते हुए कहा कि इस साल से प्रदेश सरकार ने शीतकालीन यात्रा भी प्रारंभ की है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर्षिल में पहुंच कर प्रोत्साहित किया है।

राज्यों और केंद्र के बीच तालमेल बहुत जरूरी
इससे पूर्व, चिंतन शिविर में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ वंचित समुदाय तक पहुंचाने में राज्यों की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है। चिंतन शिविर का उद्देश्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल बनाना ही है। उन्होंने बताया कि जब आगरा से चिंतन शिविर का सफर शुरू किया गया था, तब उस कार्यक्रम में सिर्फ आठ राज्यों का प्रतिनिधित्व रहा था। मात्र 12 राज्यों के अधिकारी उस कार्यक्रम में पहुंचे थे। ये शुभ संकेत है कि देहरादून के चिंतन शिविर में 15 राज्यों का प्रतिनिधित्व हो रहा है। उन्होंने नशामुक्त भारत अभियान का खास तौर पर जिक्र करते हुए कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि छात्र, युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं। केंद्र और राज्यों को इस चुनौती से मिलकर निपटना है।

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति के तुरन्त बाद चिंतन शिविर के आयोजन की खास वजह रही है। हमारा ये मानना है कि योजनाओं के ठोस क्रियान्वयन के लिए केंद्र और राज्यों के बीच शुरू में ही जानकारी साझा होने से बेहतर परिणाम निकल पाएंगे।

इस मौके पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि हमारे पास एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हम वंचित तबके को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभा सकते है। प्रधानमंत्री जी ने भी सबका साथ, सबका विकास का मूल मंत्र इसीलिए दिया है। इस मौके पर कई राज्यों के मंत्री और विभागीय अधिकारी शामिल हुए।

पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने अपने जन्मदिन पर बनाया ‘जलकुंड’

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देहरादून, हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी के द्वारा जल संरक्षण के लिए चलाए जा रहे कल के लिए जल अभियान के अंतर्गत आज अपने जन्मदिन पर पद्म भूषण डा. अनिल प्रकाश जोशी ने जल कुंड बना कर मुहिम आगे बढ़ाया। अभियान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जन्मदिन जैसे अवसर को जल संरक्षण से जोड़ने की यह मुहिम अपने आप में यूनिक है। सभी लोगों को अपने अपने हिस्से का पानी बचाने का संकल्प अपने जन्मदिन पर लेना चाहिए।
कल के लिए जल अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि वर्ष 2022 से जल संरक्षण की मुहिम से आम एवं खास लोगो को भावनात्मक रूप से जोड़ने के लिए लोगों को जन्मदिन एवं प्रियजनों की याद में जल कुंड बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, अभियान से धीरे धीरे लोग जुड़ रहे है। अभियान के अंतर्गत अभी तक 5 हजार से अधिक जल कुंड बनाए जा चुके है।
इस अवसर पर विनोद खाती, डॉ. हिमानी पुरोहित, दिनेश, डॉ. किरण नेगी, अनु कुकरेती, मालती आदि मौजूद रहे l

राजधानी में 11 अप्रैल से प्रदर्शित होगी गढ़वाली फिल्म ‘मेरी प्यारी बोई’

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देहरादून ( के एस बिष्ट), राजधानी में उत्तरा कम्युनिकेशंस एवं सृष्टि आर्ट एवं कम्युनिकेशन के बैनर तले बनी उत्तराखंड की पहली डिजिटल गढ़वाली फिल्म मेरी प्यारी बोई को एक बार फिर से 11 अप्रैल से राजपुर रोड़ स्थित एक पीवीआर में दर्शकों के लिए प्रदर्शित किया जायेगा और यह फिल्म पहाड़ो के संघर्ष एवं पलायन को चित्रित करती है और एक मां के संघर्ष को बखूबी दिखाया गया है। फिल्म के निर्देशक मुकेश धस्माना ने इसे री लांच कर नया सेंसर का सर्टिफिकेट हासिल किया है। इस दौरान फिल्म के पोस्टर को भी लांच किया गया।
यहां राजपुर रोड स्थित एक होटल में फिल्म के निर्देशक मुकेश धस्माना ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा है कि उत्तराखंड की पहली डिजिटल गढ़वाली फिल्म मेरी प्यारी बोई को फिल्म को री लॉन्च किया गया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2004 में उत्तरा कम्युनिकेशंस और सृष्टि आर्ट एंड कम्युनिकेशन द्वारा बनाई गई थी और उस समय भी प्रदर्शित किया गया था लेकिन उस समय डिजिटल न होने के कारण यह फिल्म कुछ ही दिन चली थी।
उन्होंने बताया कि इस गढ़वाली फिल्म मेरी प्यारी बोई के निर्माता जितेंद्र जोशी, निर्देशक मुकेश धस्माना व सुरेंद्र भंडारी और गीतकार व संवाद लेखक जीत सिंह नेगी के हैं। उन्होंने बताया कि इस फिल्म के संगीतकार संतोष खेतवाल है। उन्होंने बताया कि जबकि उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों और विभिन्न नयनाभिराम लोकेशनों को कैमरे से कैमरामैन विमल विश्वास ने बखूबी कैद किया है।
उन्होंने बताया कि पहाड़ी इलाके में रहने वाली एक महिला के संघर्षमय जीवन की कहानी पर बनाई गई इस फिल्म मेरी प्यारी बोई में बोई यानी मां की शीर्षक भूमिका को बड़ी संजीदगी और कुशलता से जिया है उत्तराखंड की रहने वाली कुशल अभिनेत्री निवेदिता बौंठियाल ने निभाया है और जिन्होंने नवयुवती से लेकर प्रौढ़ विधवा की भूमिका में जान डाल दी है।
उन्होंने कहा कि जिनकी अभिनय क्षमता से प्रभावित होकर तत्कालीन राजनेता एवं मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय पंडित नारायण दत्त तिवारी ने बहुत प्रभावित हुए थे। इस फिल्म के निर्देशक मुकेश धस्माना ने वर्ष 2004 में बनाई अपनी इस फिल्म को अब पहली डिजिटल गढ़वाली फिल्म के रूप में री लॉन्च कर रहे हैं।
इस अवसर पर फिल्म के बारे में वह जानकारी देते हुए मुकेश धस्माना ने कहा कि मेरी इस फिल्म मेरी प्यारी बोई शत प्रतिशत विशुद्ध गढ़वाली फिल्म है, जिसमें वहां पहाड़ के गांव, लोग और उनका जीवन और कल्चर, समस्याओं के बीच जीवन जीने का संघर्ष देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि मां अपने जीवन में संघर्ष कर बेटे को पढ़ाने के लिए शहर भेज देती है।
उन्होंने कहा कि बेटा पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बन जाता है लेकिन वह गांव वापस नहीं जाता है और पलायन के इस दर्द को भी फिल्म में बखूबी दिखाया गया है।
इस अवसर पर पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना, धीरज रावत, मनीष यादव आदि उपस्थित रहे।

दर्दनाक सड़क हादसा:   शिमला बाईपास पर बस पलटने से 1 छात्र समेत 2 की दर्दनाक मौत

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विकासनगर(आरएनएस)।  उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है। शिमला बाईपास पर एक बस पलट गई। सड़क हादसे में एक स्कूल छात्र समेत दो लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई है।  रोड एक्सीडेंट के वक्त बस डाकपत्थर से देहरादून की ओर जा रही थी। हादसे के वक्त बस में करीब 40 यात्री सहित इंटर कॉलेज के छात्र सवार थे। बस पलटने की वजह से एक छात्र की मौत हुई है, जबकि करीब एक दर्जन छात्र घायल हुए है।  रोड एक्सीडेंट की सूचना मिलते ही पुलिसबल मौके पर पहुंच कर राहत व बचाव कार्य में जुट गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, थाना सहसपुर के अतर्गत सिघंनीवाल क्षेत्र में एक बस सड़क में पलटकर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी। पुलिस द्वारा स्थानीय लोगों की सहायता से बस में फंसे घायलों को बाहर निकालकर तत्काल इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहाँ डॉक्टर द्वारा बस सवार 01 व्यक्ति तथा एक छात्र को मृत घोषित किया गया। उक्त दुर्घटना मे 14 लोग घायल हुए है, जिनका अस्पताल में उपचार चल रहा है। दुर्घटनाग्रस्त बस विकासनगर से देहरादून की ओर आ रही थी, जो सिहनीवाला के पास सामने से आ रहे एक लोडर वाहन से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
घटना की सूचनापर  एसएसपी देहरादून अजय सिंह तत्काल घटनास्थल को रवाना हुए। पुलिस की ओर से सड़क हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।

घायलों की पहचान:

01: जगमोहन सिंह पुत्र सुरवीर सिंह, निवासी सरु खेत बड़कोट, उम्र 30 वर्ष
02: पिंटू कुमार पुत्र राम आसरे निवासी सेलकुई, उम्र 35 वर्ष
03: मानसी गुप्ता पुत्री पवन कुमार गुप्ता निवासी डांडा पुर, उम्र 15 वर्ष (छात्रा)
04: गुरमीत पुत्र धर्म पाल निवासी ढकरानी (बस परिचालक), उम्र 21 वर्ष
05: कनीजा खातून पत्नी नसीबुद्दीन निवासी गांधीग्राम, लक्ष्मण चौक, देहरादून, उम्र 60 वर्ष
06: नसीबुद्दीन पुत्र जैनुद्दीन निवासी गांधीग्राम, लक्ष्मण चौक, देहरादून, उम्र 62 वर्ष
07: आवेश पुत्र हसन दीन निवासी ग्राम हसनपुर सहसपुर, उम्र 15 वर्ष (छात्र)
08: मारिया पुत्री मसूद आलम निवासी हसनपुर, उम्र 15 वर्ष (छात्रा)
09: हुमा पुत्री नवाब निवासी शेरपुर, सहसपुर, उम्र 16 वर्ष (छात्रा)
10: मुसीदा पुत्री वाज़िद निवासी हसनपुर, उम्र 15 वर्ष (छात्रा)
11: हर्ष पुत्र सागर निवासी बद्रीपुर 02 वर्ष
12: विनोद वर्मा पुत्र प्रताप सिंह कटा पत्थर विकास नगर देहरादून उम्र 35 वर्ष
13: शोएब पुत्र वाज़िद निवासी मलूकचद उम्र 18 वर्ष (छात्र)
14: शिल्पा पुत्री अरविन्द कुमार निवासी बद्रीपुर उम्र 24 वर्ष

विवरण मृतक:-

01: मृतक कादिल पुत्र साजिद निवासी ग्राम हसनपुर, सहसपुर, उम्र 16 वर्ष (छात्र)
02: पवन पुत्र जयपाल निवासी शेखोवाला, सहसपुर, उम्र- 22 वर्ष

“विश्व स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य पर इंडियन रेडक्रॉस द्वारा (सी०पी०आर०) प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण एवं चिकित्सा शिविर आयोजित

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हरिद्वार(कुलभूषण) । इंडियन रेडक्रॉस के तत्वाधान में विश्व स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य पर जिलाधिकारी/अध्यक्ष इंडियन रेडक्रॉस कर्मेंद्र सिंह के निर्देशन, मुख्य चिकित्साधिकारी/उपाध्यक्ष इंडियन रेडक्रॉस डॉ० राजेश कुमार सिंह के मुख्य संयोजन एवं इंडियन रेडक्रॉस सचिव प्रोफेसर (डॉ०) नरेश चौधरी के नेतृत्व में प्राथमिक उपचार (सी०पी०आर०) प्रशिक्षण एवं चिकित्सा शिविर का आयोजन श्रीराम विद्या मंदिर, श्यामपुर में किया गया। शिविर का शुभारंभ जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने दीप प्रवज्जलित कर किया। जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य दिवस के दिन जनपद हरिद्वार रेडक्रॉस ने सी०पी०आर०(कार्डियो पल्मोनरी रिसियेशन) दिल की धमनी को पुन: चालू करना” के प्रति जो प्रशिक्षण देकर जागरूकता अभियान की अनूठी पहल की है, इससे संपूर्ण जनपद में रेडक्रॉस के तत्वाधान में ही सर्वोच्च प्राथमिकता से जोर-शोर से चलाया जाएगा। जिससे सभी सी०पी०आर० देना सीख जायें। और आवश्यकता पड़ने पर किसी जरूरतबंद की, बहुमूल्य जीवन की रक्षा कर सकेंगे। जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने कहा कि हमें वर्तमान परिपेक्ष्य की व्यस्ता को समझते हुए कुछ समय अपने शरीर के लिए देना है। जिससे हम समय से स्वास्थ्य परीक्षण कराते रहें। और अपने दैनिक दिनचर्या और आहार-विहार पर विशेष केंद्रित होकर अपने स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से जागरूक रहें। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ० राजेश कुमार सिंह ने कहा की विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाने का सही उद्देश्य यही है कि हम जन समाज को मिलकर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करें। साथ ही साथ ऐसी वस्तुओं के खाने से परहेज करें जिससे हमारे स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इंडियन रेडक्रॉस सचिव डॉ० नरेश चौधरी ने लगभग 700 प्रतिभागियों को प्राथमिक उपचार देकर प्रशिक्षित किया। तथा सी०पी०आर० का विशेष प्रायोगिक डिमोंसट्रेशन कराया। चिकित्सा शिविर एवं प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण का आयोजन श्रीराम विद्या मंदिर श्यामपुर, हरिद्वार में करने के लिए मैनेजिंग ट्रस्टी राजीव भल्ला ने इंडियन रेडक्रॉस के अध्यक्ष जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह एवं सचिव डॉ० नरेश चौधरी का विशेष धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि वास्तव में इस प्रकार के शिविर समय-समय पर होते रहने चाहिए। और इसका लाभ छात्र-छात्राओं के साथ उनके अभिभावकों को मिला है। शिविर में 760 छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। शिविर के संयोजक डॉ० नरेश चौधरी ने अवगत कराया की चिकित्सा टीम में नेत्ररोग विशेषज्ञ प्रोफेसर (डॉ०) गुंजन, प्रस्तुति एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञ प्रोफेसर (डॉ०) प्रवेश तोमर, डॉ० अंजली, जनरल फिजिशियन डॉ० विनय, डॉ० गरिमा मिश्रा एवं ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के शरीर रचना, प्रसूति, शालाक्य, कायचिकित्सा विभाग के एमडी स्कॉलरस एवं श्री हंस फाउंडेशन से साजिद के नेतृत्व मोबाइल वैन टीम, जिसमें खून की जांच एवं निशुल्क दवाई की व्यवस्था के साथ सहभागिता रही। आयोजन का संपूर्ण संचालन श्रीराम विद्या मंदिर की प्रधानाचार्या श्रीमती बबीता श्रीनिवास ने उत्कृष्ट रूप से किया। शिविर में स्कूल की कोऑर्डिनेटर श्रीमती पूनम, बलविंद्र सिंह, दीप्ति रावत, पल्लवी शर्मा, पूनम शर्मा, श्रीमती रीमा भल्ला ने सक्रिय सहभागिता की। शिविर में एस०डी०एम० अजयवीर सिंह भी उपस्थित रहे।

अब और तेजी से हो सकेगी अवैध निर्माणों की सुनवाई

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मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण में संयुक्त सचिव के पद पर पीसीएस अधिकारी गौरव चटवाल की हुई तैनाती

–सेक्टर 1 से लेकर 12 तक में व्यावसायिक भवनों की सुनवाई के सौंपा गया है दायित्व

देहरादून, पीसीएस अधिकारी  गौरव चटवाल ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण में रिक्त चल रहे संयुक्त सचिव के पद पर पदभार ग्रहण कर लिया है। उपाध्यक्ष ने उन्हें सेक्टर एक से लेकर 12 तक में व्यावसायिक वादों की सुनवाई का दायित्व सौंपा है।
गौरतलब है कि प्राधिकरण में विगत कुछ समय से संयुक्त सचिव पद पर किसी अधिकारी की तैनाती नहीं होने के कारण संबंधित सेक्टर्स के अधिशासी अभियंताओं द्वारा वादों की सुनवाई की जा रही थी परंतु अब इस पद पर  गौरव चटवाल की नियुक्ति के उपरांत अब यह कार्य सक्षम अधिकारी द्वारा क्रियान्वित किया जाने लगा है जिससे आमजन को काफी राहत मिलने लगी है।
उपाध्यक्ष   वंशीधर तिवारी ने कहा कि प्राधिकरण में संयुक्त सचिव की तैनाती होने से अब वादों की सुनवाई का कार्य और भी अधिक प्रभावी रूप से हो सकेगा। सचिव  ने कहा कि उक्त पद पर  चटवाल की नियुक्ति होने के उपरांत वादों की सुनवाई को गति मिलेगी।
संयुक्त सचिव गौरव चटवाल ने बताया कि उपाध्यक्ष एवं सचिव के दिशा-निर्देशों के अनुसार उनके द्वारा सेक्टर 1 से 12 के व्यावसायिक भवनों की सुनवाई के कार्य सुबह दस से शाम पांच बजे तक नियमित रूप से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आमजन की शिकायतों की सुनवाई के लिए वे हर समय उपलब्ध हैं।
उन्होंने आमजन से अपील की है कि वे मानचित्र स्वीकृति के बाद ही निर्माण कार्य करें। उन्होंने कहा कि किसी प्रकरण में मानचित्र से विचलन कर निर्माण कर लिया गया है तो गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार उसको शमन किया जाएगा। ताकि आमजन को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि शहर में अवैध निर्माणों की रोकथाम हेतु प्राधिकरण पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं।

पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे पहुँचे कार्तिक स्वामी मंदिर, 12 मई को होने वाले भब्य धार्मिक आयोजन तैयारियो का लिया जायजा

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“भगवान कार्तिक स्वामी मंदिर में 12 मई को होगा भव्य पूजा समारोह, तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे पर्यटन सचिव ,कार्तिक स्वामी मंदिर, उत्तर भारत का एकमात्र मंदिर जहाँ भगवान कार्तिकेय बालक रूप में विराजमान”

रुद्रप्रयाग(देवेंन्द्र चमोली) – जनपद के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल क्रौंच पर्वत पर स्थित भगवान कार्तिक स्वामी मंदिर में इस वर्ष भी एक विशेष धार्मिक आयोजन होने जा रहा है। 12 मई को मंदिर परिसर में 108 बालमपुरी शंख पूजा और हवन का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस भक्ति और आस्था से परिपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन पर्यटन विकास परिषद उत्तराखंड, जिला प्रशासन और मंदिर समिति के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है।कार्यक्रम की विशेष बात यह है कि इसमें तमिलनाडु के प्रमुख मंदिरों, माईलम एथेनम, कूनमपट्टी एथेनम, कौमारा मुत्त एथेनम और श्रृंगेरी मुत्तू आदि के शिवाचार्य शामिल होंगे। सभी शिवाचार्यगण विशेष पूजा-अर्चना, शंख पूजन और हवन अनुष्ठान संपन्न कराएंगे।
कार्तिक स्वामी मंदिर, उत्तर भारत का एकमात्र मंदिर है जहाँ भगवान कार्तिकेय बालक रूप में विराजमान हैं।

आयोजन से पहले रविवार को पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने स्वयं कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने मंदिर परिसर और आसपास की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और पर्यटन विभाग के अधिकारियों तथा मंदिर समिति के सदस्यों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। सचिव पर्यटन ने स्पष्ट किया कि आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी तैयारियां समयबद्ध तरीके से पूर्ण की जाएं।उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष भी आयोजन को विशेष स्वरूप में किया जा रहा है, ताकि देशभर से आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सकें। सचिव सचिन कुर्वे ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और मूलभूत आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखा जाए।

इस अवसर पर जिला पर्यटन विकास अधिकारी राहुल चौबे, तहसीलदार रुद्रप्रयाग राम किशोर ध्यानी एवं मंदिर समिति से रमेश सिंह नेगी आदि उपस्थित रहे।

सीएम धामी ने रामनवमी और दुर्गा नवमी के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में सपरिवार पूजा-अर्चना की

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामनवमी और दुर्गा नवमी के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में सपरिवार पूजा – अर्चना की। उन्होंने नौ दुर्गा की प्रतीक नौ कन्याओं का पूजन भी किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को रामनवमी की शुभकामना दी और प्रदेश की खुशहाली व प्रदेशवासियों की सुख – समृद्धि की कामना की।

कान्हा खुद आओ या बुलालो मुझे, फाग सूना पड़ा है तुम्हारे बिना : अंबिका रूही

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अनेकता में एकता भारत की सबसे बड़ी ताकत, हिंदी और उर्दू मौसेरी बहनें : सूर्यकांत

देहरादून, ओल्ड मसूरी रोड में आयोजित मुशायरे व काव्य गोष्ठी में जब परवाज़ ए अमन की अध्यक्ष सुश्री अंबिका रूही ने अपनी नज़्म कान्हा के नाम खत पढ़ा तो श्रोताओं की आंखें नम हो गई। ‘कान्हा खुद आओ या बुलालो मुझे, फाग सूना पड़ा है तुम्हारे बिना,दिल की गलियों की रौनक है रूठी हुई, राग सूना पड़ा है तुम्हारे बिना, आज मथुरा की रंगत पे छाया धुंआ, देखते क्यों तमाशा छुपकर वहां, उस तरफ है ज़ुलेखां सिसकती हुई, इस तरफ कोई मीरा सौदाई हुई, देवता प्यार के आ भी जा, छोड़ ज़िद इश्क तन्हा पड़ा है तुम्हारे बिना …
युवा कवित्री मोनिका मुंतशिर ने अपनी नज़्म ‘याद की हिचकी हमारे दिल को ऐसी आई है, शहर ए जॉ का मौसम भीना भीना हो गया , गा कर खूब तालियां बटोरी।
उर्दू के शायर सुनील साहिल ने
उफ्फ़ ! ये दिल पे कैसी आफत आ गयी, रूह तक दिल की अज़ीयत आ गयी, तुमने तितली को पकड़ कर क्या किया उसके रंगों पर मुसीबत आ गयी, खूब वाह वाही लूटी।
युवा शायर आरिफ अतीब की नज़्म तौबा कर ली इश्क़ पुराना छोड़ दिया। उसकी गली में आना जाना छोड़ दिया।। देखो इश्क़ क़फ़स से भी हो सकता है। पंछी ने अब सर टकराना छोड़ दिया। खूब पसंद की गई।
उर्दू के शायर बदरुद्दीन ज़िया की शायरी ने भी खूब तालियां बटोरी, जब उन्होंने अपनी गजल
फिर संवारे कहाँ संवरती है । कोइ तस्वीर जब बिगड़ती है।।
मेरे चेहरे की सलवटें देखो। ज़िंदगी किस तरह मसलती है।। पड़ा तो उनको खूब वाह वाही मिली। इसके अलावा दर्द गढ़वाली , अमज़द खान अमज़द ने भी अपनी रचनाओं से रंग जमाया। मौका था ओल्ड मसूरी रोड में एक शाम परवाज़े अमन के नाम मुशायरा व कवि गोष्ठी का ।
देहरादून के मशहूर शायर इकबाल की सदारत में संपन्न हुई इस खूबसूरत शाम में बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना व विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षाविद् सरदार डी एस मान पूरे समय शायरों व कवियों की रचनाओं पर उनकी हौसला अफ़जाई करते रहे।
धस्माना ने बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में परवाज़े अमन की अध्यक्ष सुश्री अंबिका रूही को बधाई देते हुए कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत अनेकता में एकता का सिद्धांत है और सर्वधर्म संभाव व आपसी प्रेम हमारे देश की रग रग में बसा हुआ है इसीलिए देश भर में अमन के दुश्मनों के लाख चाहने के बाद भी बीते दिनों होली और जुम्मे की नमाज शांति पूर्ण तरीके से संपन्न हो गई। श्री धस्माना ने कहा कि हिंदी और उर्दू मौसेरी बहनें हैं व अन्य सभी भारतीय भाषाएं इनकी छोटी बहने हैं इसलिए जो बहनों को आपस में लड़ाने भिड़ाने की बात करते हैं वे देश के और अमन के दुश्मन हैं। श्री धस्माना ने कहा कि हमें आने वाली पीढ़ियों को इस अनेकता में एकता के मंत्र को समझाना और उस पर अम्ल करना सिखाना होगा तभी देश तरक्की करेगा।
शिक्षाविद् व दून इंटरनेशनल स्कूल के संस्थापक अध्यक्ष सरदार डी एस मान ने परवाज़ ए अमन की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि देहरादून व पूरे उत्तराखंड में इस प्रकार के आयोजन होने चाहिए।

अब प्रतिनियुक्ति पर पांच साल से ज्यादा नहीं रह पाएंगे कर्मचारी, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

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देहरादून, उत्तराखंड़ सरकार ने प्रतिनियुक्ति पर तैनात सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी घोषणा की है। अब कोई भी कार्मिक अधिकतम पांच साल से अधिक समय तक डेपुटेशन पर नहीं रह सकेगा। राज्य के वित्त विभाग ने पहली बार इसको लेकर स्पष्ट और सख्त गाइडलाइन जारी की है।
अब तक उत्तराखंड में डेपुटेशन या सेवा स्थानांतरण के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं थी। सालों से कर्मचारी उत्तर प्रदेश के 1999 के शासनादेश के आधार पर ही दूसरे विभागों में काम कर रहे थे। कई अधिकारी और कर्मचारी अपने मूल विभाग को छोड़कर वर्षों से मनपसंद जगहों पर तैनात थे।
सीएम धामी ने इस विषय पर गंभीर रुख अपनाते हुए सभी लंबे समय से जारी डेपुटेशन को समाप्त करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद वित्त विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है, जो तुरंत प्रभाव से लागू कर दी गई है।

क्या है नए शासनादेश के प्रमुख बिंदु :
-कर्मचारी केवल तभी डेपुटेशन पर जा सकेगा जब उसने अपने मूल विभाग में 5 साल की सेवा पूरी की हो।
-डेपुटेशन की प्रारंभिक अवधि 3 साल तय की गई है।
-इसके बाद 2 साल का विस्तार केवल वित्त विभाग की अनुमति से मिलेगा।
-सेवा विस्तार के लिए प्रस्ताव 1 माह पहले भेजना होगा।
-मूल विभाग की अनापत्ति, डेपुटेशन विभाग की मांग और कारण शामिल करना होगा l

इसके बाद कर्मचारी को 5 साल तक अपने मूल विभाग में रहना होगा। किसी भी कार्मिक को पूरे सेवा काल में अधिकतम दो बार ही डेपुटेशन पर भेजा जा सकेगा, जिन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति में 5 साल से कम समय बचा है, उन्हें डेपुटेशन नहीं दिया जाएगा।
वहीं वित्त विभाग के इस आदेश के बाद उन कर्मचारियों और अधिकारियों में खलबली मच गई है, जो वर्षों से डेपुटेशन पर मनचाहे विभागों में तैनात थे। अब उन्हें अपने मूल विभागों में लौटना ही होगा।
जारी नई गाइड लाइन के बाद उत्तराखंड सरकार का यह कदम प्रशासनिक पारदर्शिता और समान अवसर की दिशा में एक बड़ा निर्णय माना जा रहा है।