“सामाजिक संगठनों ने नफरत के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने की रणनीति तैयार की”
देहरादून, उत्तराखंड में लगातार नफरत फैलाने के प्रयासों के बीच विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इस राज्य को शांति की प्रयोगशाला बनाने और पुराना भाईचारा वापस लौटाने का संकल्प लिया है। एक दर्जने से ज्यादा सामाजिक संगठनों और कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों की शनिवार को हुई चार घंटे लंबी मैराथन बैठक में आने वाले दिनों के लिए कई कार्यक्रम तय किये गये। इनमें सद्भावना रैली, शांति मार्च, जन संपर्क और महापुरुषों की प्रतिमा के पास भजन सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आयोजन शामिल है। हालांकि ये कार्यक्रम कब और किस रूप में होंगे, इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई।
शहीद स्मारक में हुई बैठक में लिये गये फैसलों की जानकारी देते हुए उत्तराखंड इंसानियत मंच के डॉ. रवि चोपड़ा ने कहा कि उत्तराखंड में शांति चाहने वाले बहुत बड़ी संख्या में हैं, लेकिन मौजूदा माहौल में वे डरे हुए हैं। ऐसे सभी लोगों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जाएगा। नफरत के खिलाफ चरणबद्ध अभियान चलाया जाएगा। उत्तराखंड महिला मंच कीे कमला पंत ने कहा कि एसएसपी से मिलकर नफरत फैलाने और मारपीट के लिए उकसाने वाले जिस व्यक्ति के खिलाफ पिछले दिनों केस दर्ज करवाया गया था, वह इस वक्त में सोशल मीडिया पर लाइव आकर मुकदमा दर्ज करवाने वालों को धमकियां दे रहा है। उन्हांेने कहा कि ऐसा सरकार की शह पर ही संभव है।
सीपीआई एमएल के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि बैठक में आने वाले दिनों के लिए कई कार्यक्रम तय किये गये हैं। दिन तय होने के बाद इन कार्यक्रमों की विधिवत जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक वैमनस्य फैलाने वालों के खिलाफ हर तरह की कार्रवाई करने का बैठक में फैसला किया गया। इसमें पुलिस में मुकदमें लिखवाने, कोर्ट में याचिकाएं दायर करने और विभिन्न आयोगों में शिकायत दर्ज करने जैसे कदम शामिल हैं।
सीपीआई के समर भंडारी ने कहा कि राज्य में नफरत फैलाने वालों की संख्या अंगुलियों में गिनी जाने लायक है। इन लोगों की सूची और नफरत फैलाने की गतिविधियों को संकलित किया जाएगा, ताकि कोर्ट में मजबूती के साथ याचिका दायर की जा सके। सीपीआई एम के सुरेन्द्र सिंह सजवाण ने कहा कि उत्तराखंड में जो नफरत फैलाई जा रही है, वह सरकार की शह पर है। इससे निपटने के लिए जनता के बीच जाएंगे। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कही। मसीह समाज के एसएस चौहान ने कहा कि ईसाई समुदाय के लोगों को भी निशाने पर लिया जा रहा है। चकराता में चर्च का रास्ता तक बंद कर दिया गया है। सपा के डॉ. एसएन सचान और जनता दल एस के हरजिन्दर सिंह ने नफरत के खिलाफ मुहिम में पूरी ताकत के साथ जुटने की बात कही।
बैठक में अनंत आकाश, नन्दनंदन पांडेय, स्मृति नेगी, त्रिलोचन भट्ट, विमला कोहली, निर्मला बिष्ट, इंद्रजीत कौर, लताफत हुसैन, हिमांशु चौहान, कविता कृष्णपल्लवी, आरिफ खान, आशीष विश्वकर्मा, भोपाल सिंह, राघवेन्द्र सिंह, अलमासुद्दीन सिद्धिकी, विजय भट्ट, रिजवान अली, यशवीर आर्य, विजयपाल सिंह रावत, चंद्रकला, रजिया बेग आदि ने नफरत के खिलाफ अभियान को लेकर सुझाव दिये। नैनीताल में नफरती हिंसा के बीच अमन की बात कहने वाली शैला नेगी को दी जा रही धमकियों पर गंभीर चिन्ता व्यक्त करते हुए धमकी देने वालों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की गई। सोशल मीडिया पर लगातार नफरती पोस्ट करने वाले भूपेश जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बावजूद उसे गिरफ्तार न किये जाने पर भी नाराजगी जताई गई।