Saturday, May 10, 2025
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पशुपालन मंत्री ने सोनप्रयाग पहुंच कर पशु प्रबंधन व्यवस्थाओं एवं यात्रा व्यवस्थाओं का किया धरातलीय निरीक्षण

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रुद्रप्रयाग- उत्तराखंड सरकार में पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बृहस्पतिवार को सोनप्रयाग पहुंचकर चारधाम यात्रा से जुड़ी पशु प्रबंधन व्यवस्थाओं एवं यात्रियों की सुविधाओं का धरातलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में फैले इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस की रोकथाम और घोड़े-खच्चरों के स्वास्थ्य प्रबंधन की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ गहन समीक्षा बैठक की।
रामपुर स्थित जीएमवीएन अतिथि गृह में आयोजित बैठक में पशुपालन मंत्री बहुगुणा ने संबंधित विभागीय अधिकारियों से वायरस की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग पर तैनात सभी घोड़े-खच्चरों की नियमित जांच सुनिश्चित की जाए और संक्रमण के किसी भी संकेत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
इस महत्वपूर्ण बैठक में
केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल, भारत सरकार के एनिमल हसबैंड्री कमिश्नर डॉ. अभिजीत मित्रा, सचिव पशुपालन डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम, पशुपालन निदेशक डॉ. नीरज सिंघल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री बहुगुणा ने विशेषज्ञों से बीमारी की रोकथाम के उपायों पर सुझाव लेकर उन्हें अमल में लाने के निर्देश दिए।निरीक्षण के दौरान मंत्री बहुगुणा ने यात्री शेड, फुटपाथ, शौचालय, पेयजल व्यवस्था और घोड़े-खच्चरों के लिए की गई व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। उन्होंने तीर्थयात्रियों, व्यापारियों और खच्चर मालिकों से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और यात्रा को और अधिक सुगम एवं सुरक्षित बनाने हेतु सुझाव आमंत्रित किए।

मंत्री सौरभ बहुगुणा ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यात्रा से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह दुरुस्त रखी जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वायरस की स्क्रीनिंग में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और संबंधित अधिकारी व कर्मचारी इसके लिए जिम्मेदार होंगे। उन्होंने बताया कि गौरीकुंड से बाबा केदारनाथ तक चार पशु चिकित्सा केंद्र खोले जाएंगे, जिनमें प्रत्येक केंद्र पर एक एमआरपी के अंतर्गत 15 सदस्यीय टीम तैनात की जाएगी। इस टीम में डॉक्टर, पुलिसकर्मी और अन्य कर्मचारी शामिल होंगे, जो यात्रा मार्ग पर मूवमेंट कर रहे घोड़े-खच्चरों की सतत जांच करेंगे। यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ जिला पुलिस अधीक्षक को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। समीक्षा के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि क्वारंटीन सेंटर में उपचाराधीन घोड़े-खच्चरों का इलाज पशुपालन विभाग द्वारा नि:शुल्क किया जाएगा। साथ ही, जो पशुपालक अपने पशुओं को घर ले जाना चाहते हैं, उनके लिए भी मुफ्त इलाज एवं चारे आदि की व्यवस्था विभाग द्वारा 50 प्रतिशत सब्सिडी पर की जाएगी।
मंत्री सौरभ बहुगुणा ने यह भी घोषणा की कि यात्रा के दौरान यदि किसी घोड़े या खच्चर की मृत्यु होती है, तो उसके स्वामी को सरकार की ओर से 32 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यात्रा में सम्मिलित होने वाले सभी घोड़े-खच्चरों का बीमा भी सरकार द्वारा किया जाएगा।यह भी निर्णय लिया गया कि गौरीकुंड में स्वस्थ घोषित किए गए घोड़े-खच्चरों का पूर्ण परीक्षण करने के उपरांत आगामी शुक्रवार से रसद सामग्री को खच्चरों के माध्यम से केदारनाथ पहुंचाने का कार्य शुरू किया जाएगा। यदि ट्रायल के दौरान सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई जाती हैं, तो सीतापुर, रामपुर और त्रिजुगीनारायण से भी खच्चरों को यात्रा में सम्मिलित किया जाएगा। स्थिति के पूर्ण रूप से सामान्य होने पर घोड़े-खच्चरों को डॉक्टरों की निगरानी में यात्रा की अनुमति दी जाएगी। मंत्री बहुगुणा ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता पशुधन की सुरक्षा, यात्रा की निरंतरता एवं यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि हिसार और पंतनगर से विशेषज्ञ टीमें लगातार घोड़े-खच्चरों के इलाज में जुटी हैं और अब तक लगभग 16,000 घोड़े-खच्चरों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य की सीमाओं से आने वाले किसी भी घोड़े-खच्चर को बिना स्वास्थ्य परीक्षण के यात्रा मार्ग पर न भेजा जाए। सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाए तथा दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता और स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधाएं हर पड़ाव पर सुलभ हों।
समीक्षा के दौरान मंत्री बहुगुणा ने सचिव पशुपालन डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम को इस संबंध में एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तत्काल जारी करने के निर्देश भी दिए।इस अवसर पर पंतनगर विश्वविद्यालय के वेटरनरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. जे.एल. सिंह ने सलाह दी कि घोड़ों को यात्रा पर भेजने से पहले उन्हें पर्याप्त आराम, समय पर दवा, गर्म पानी एवं डॉक्टर की सलाह के अनुसार 15 दिन का क्वारंटीन अवश्य दिया जाए।
वहीं जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने मंत्री बहुगुणा को यात्रा की व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए बताया कि यात्रियों के लिए सभी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं और व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद है।
इस दौरान बैठक में एडीएम श्याम सिंह राणा, मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती, व्यापार संघ के अध्यक्ष अंकित गर्ग, घोड़ा खच्चर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं अन्य स्थानीय लोग मौजूद रहे।

विकल्प संस्था ने किया दिव्यांग बच्चों की शिक्षा विषय पर संभाषण प्रतियोगिता का आयोजन

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देहरादून, निःशक्तजन प्रशिक्षण एवं पुनर्वास केन्द्र (विकल्प)द्वारा 17वां स्थापना दिवस पर आयोजित संभाषण प्रतियोगिता का आयोजन दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में हुआ, कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुश्री मीनाक्षी गण्डोत्रा, सविता मोहन, संस्था की संरक्षक डॉ. कमला पंत व विशिष्ट अतिथि गिरीश चंद्र पाण्डेय, भारती पाण्डे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया l
अध्यक्ष भारती पाण्डे ने केंद्र के विषय में जानकारी दी. प्रति वर्ष 10से 15-स्कूल प्रतिभाग करते हैं, इस बार संभाषण में दस स्कूलों की बीस छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया, यह स्कूल एस जी आर आर बसंत विहार,जी जीआई सी राजपुर रोड, हिल फाउंडेशन स्कूल, पौंधा गुरुकुल, एम के पी,जसवंत मार्डन स्कूल, आई टी चिल्ड्रन एकेडमी, यूपीएस जाखन,श्री गोवर्धन सरस्वती विद्या मंदिर, सर सीनियर स्कूल, एसजीआरआर नेहरू ग्राम व यूपीएस स्कूल थे l
संभाषण प्रतियोगिता का विषय था, मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण दिव्यांगों के विकास हेतु क्या, और कैसे तथा कितना पाठ्यक्रम हो l सभी प्रतिभागियों ने बढ़चढ़ अपने महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किये, संभाषण प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में चंद्रशेखर तिवारी, किरन जोशी, अनामिका चौधरी की भूमिका रही l
मुख्य अतिथि सुश्री मीनक्षी गंडोत्रा ने कहा कि चुनौती पूर्ण बच्चों के लिये शाब्दिक शिक्षा के साथ सद्भावना की महती आवश्यकता है, शिक्षा नीति में कौशल का समावेश इन बच्चों के स्तरानुसार हो l कार्यक्रम अध्यक्ष सविता मोहन ने बच्चों की रुचि अनुसार पाठ्यक्रम में विषय रखने की आवश्यकता पर जोर देकर इसके लिये गहन शोध करने की जरूरत बतायी, संरक्षक कमला पंत ने चुनौती पूर्ण बच्चों के अभिभावकों के श्रम को सराहा. वहीं विशिष्ट अतिथि गिरीश चन्द्र पाण्डेय ने बच्चों की भावना को समझने की बात पर जोर दिया l
इस संभाषण में प्रथम स्थान पर जसवंत मार्डन स्कूल के अदिति सिंह, ऋषभ कुमार रहे l द्वितीय स्थान पर जीजी आईसी कीशाफिया और तमन्ना बिन्नी और तृतीय स्थान पर एसजीआर आर, बसंत विहार की सौम्या चौधरी, अवनि रहीं. चलवैजंती जसवंत मार्डन स्कूल के नाम पर रही, कार्यक्रम का संचालन अनिल वर्मा ने किया वहीं आभार संयोजक सुभाषिणी डिमरी ने दिया l
कार्यक्रम में सचिव मीनाक्षी लोहानी,महेश पाण्डे, आर के बहुगुणा, विजय लक्ष्मी अग्रवाल,सरिता बोरा, सुन्दर बिष्ट, जगदीश,राजश्री कपूर, प्रेमलता वर्मा, प्रकाश बिष्ट, जामवंती पुष्पवान,शोभा पाण्डेय, भारती पाण्डे, अवतार सिंह, राकेश कुमार आदि उपस्थित रहे l

पूरन चंद नेलवाल पहुंचे काशीपुर, स्थानीय लोगों ने किया स्वागत

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काशीपुर, सरकार की योजनाओं को जनजन तक पहुँचाने के उद्देश्य को लेकर उपाध्यक्ष प्रवासी परिषद् उत्तराखंड़ राज्य मंत्री एवं पूर्व प्रमुख जनसम्पर्क अधिकारी मुख्यमंत्री उत्तराखंड पूरन चंद नेलवाल ने गुरूवार को पर्वतीय क्षेत्रों के क्रम में काशीपुर में स्थानीय लोगों द्वारा भव्य स्वागत किया गया, इसके पश्चात कुंडेश्वरी क्षेत्र में भ्रमण किया गया, इसी क्रम में धनौरी पट्टी प्रतापपुर में पर्वतीय कॉलोनी में वहां के निवासियों ने उनका पुष्प गुच्छ से स्वागत किया l इस मौके पर स्थानीय निवासियों का कहना था कि ऐसा सरल व्यक्तित्व और जनता के हर एक सुख दुःख में साथ देने वालों के साथ जनता हमेशा खड़ी रहेगी, सरल स्वाभाव के कारण पुनः दूसरी बार उत्तराखंड शासन में जगह मिली जिसका लोगों द्वारा की भूरी भूरी प्रशंशा की गयी l इस मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे l

गंगनानी के पास हैलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त, पांच की मौत

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उत्तरकाशी, जनपद से गुरुवार की सुबह एक हैलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर है। यह दुर्घटना सुबह नौ बजे के करीब गंगनानी के पास हुई। इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई है जबकि दो गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। उधर उत्तराखंड पुलिस ने ‘एक्स’ पर छह की मौत की पुष्टि की है।

गढ़वाल के डिविजनल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने हादसे की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रशासन और बचाव टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। सेना, पुलिस, आपदा प्रबंधन टीम, एंबुलेंस और रेवेन्यू टीमें मौके पर पहुंच रही हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि उत्तरकाशी के गंगनानी के समीप हेलीकॉप्टर क्रैश में कुछ लोगों के हताहत होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। राहत एवं बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें तत्काल घटनास्थल पर पहुंच गई हैं।

प्रशासन को घायलों को हर संभव सहायता पहुंचाने एवं हादसे की जांच के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन लगातार वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क है और हर स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।

प्रथम नरेन्द्र जुनेजा मेमोरियल इंटर स्कूल जीके क्विज़ का आयोजन

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देहरादून,  देहरादून स्थित ‘ एंड्रॉइट प्रोग्रेसिव स्कूल ‘ में प्रथम नरेन्द्र जुनेजा मेमोरियल इंटर स्कूल जीके क्विज़ का आयोजन किया गया । इस प्रतियोगिता में १९ ( 19 ) विद्यालयों के छात्र छात्राओं ने भाग लिया और अपने ज्ञान का आदान – प्रदान किया ।
प्रतियोगिता में सभी विद्यालयों ने अपनी प्रतिभा का सुंदर प्रदर्शन किया ।
प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के रूप में ‘ डॉ . अनुज एस. सिंह को आमंत्रित किया गया । उन्होंने प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन किया ।
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यालय का नाम है – ‘ समर वैली स्कूल ” ध टॉन्स ब्रीज स्कूल, ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया और ‘एड्रॉइट प्रोग्रेसिव स्कूल ‘ ने तृतीय स्थान प्राप्त किया ।
विजेताओं को पुरस्कृत किया गया और उनकी उपलब्धियो की सराहना की गई । स्कूल ने सभी प्रतिभागियों एवम आयोजकों को धन्यवाद दिया।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मॉक ड्रिल की निगरानी

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-सचिव गृह शैलेश बगौली, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन पहुंचे एसईओसी
-मॉक ड्रिल के संचालन को लेकर विस्तारपूर्वक ली जानकारी, जरूरी निर्देश दिए
देहरादून(आरएनएस)।  गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर बुधवार को देहरादून जनपद में नागरिकों की सुरक्षा के दृष्टिगत आयोजित सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की निगरानी यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र तथा जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से की गई। सचिव गृह शैलेश बगौली, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ तथा सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मॉक ड्रिल की मॉनीटरिंग की। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से जिलाधिकारी सविन बंसल और आईआरएस तंत्र के तहत उनकी पूरी टीम राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से वर्चुअली जुड़ी रही।

बुधवार को सायरन बजने के निर्धारित समय से पूर्व सचिव गृह शैलेश बगौली तथा पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे। इस दौरान राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से घटनास्थलों, स्टेजिंग एरिया, इंसीडेंट कमांड पोस्ट तथा रिलीफ सेंटरों को भी जोड़ा गया। सचिव शैलेश बगौली ने मॉक ड्रिल के दौरान विभिन्न घटनाओं के बारे में जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में उपस्थित जिलाधिकारी सविन बंसल से विस्तारपूर्वक जानकारी ली। उन्होंने पूछा कि किस प्रकार घटना की सूचना प्राप्त होने पर फोर्सेज को रवाना किया गया, किन-किन टीमों को भेजा गया, शेल्टर कहां बनाए गए तथा उनकी क्षमता क्या है, स्टेजिंग एरिया में क्या-क्या व्यवस्थाएं हैं तथा कौन-कौन से संसाधन हैं, आईआरएस को कैसे एक्टिवेट किया गया।

इंसिडेंट कमाण्ड पोस्ट की व्यवस्थाओं के बारे में भी उन्होंने विस्तार से पूछा। इस दौरान उन्होंने आईआरएस यानी घटना प्रतिक्रिया प्रणाली के तहत किस अधिकारी की तथा किस विभाग की क्या जिम्मेदारी है, इसके बारे में भी संबंधित अधिकारियों से ही जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आईआरएस एक सशक्त प्रणाली है, जिसके माध्यम से आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना किया जा सकता है, इसलिए यह आवश्यक है कि राज्य स्तर से लेकर जनपद स्तर तथा तहसील स्तर तक आईआरएस के तहत किस विभाग की तथा किस अधिकारी की क्या भूमिका है, इसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए।

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने इस दौरान फील्ड पर मौजूद अधिकारियों से रिजर्व संसाधनों तथा उपकरणों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि जब भी एंबुलेंस तथा राहत और बचाव दलों के वाहनों का मूवमेंट हो, उस समय ट्रैफिक की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने निर्देश दिए कि मॉक अभ्यास के दौरान जो भी गैप्स तथा लूपहोल्स रहे हैं, उनको चिन्हित किया जाए तथा डीब्रीफिंग कर उनके बारे में चर्चा कर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि यह कोशिश की जाएगी कि भविष्य में होने वाले मॉक अभ्यासों में इन्हें दूर किया जा सके।

इस दौरान राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से यह भी लगातार सुनिश्चित किया जाता रहा कि घटनास्थल के लिए जिन भी संसाधनों, उपकरणों अथवा सहायता की मांग की जा रही है, वह समय पर पहुंच रही हैं अथवा नहीं। बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, यूएलएमएमसी के निदेशक शांतनु सरकार, मनीष कुमार भगत, रोहित कुमार, डॉ. वेदिका पन्त, डॉ. पूजा राणा, हेमंत बिष्ट, सुश्री तंद्रिला सरकार आदि मौजूद थे।

निःशुल्क चिकित्सा शिविर में की गयी बालिकाओं एवं बाह्य रोगियों की जांच

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देहरादून, स्वामी विवेकानंद फाउंडेशन एवं पीएम श्री विद्यालय राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, राजपुर रोड द्वारा विशाल निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का शुभारंभ राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।
इस शिविर में वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. स्तुति त्यागी (एमबीबीएस, एमएस, एमसीएच) ने लगभग 1000 बालिकाओं एवं बाह्य रोगियों की निःशुल्क जांच की। डॉ. त्यागी ने कहा कि बढ़ती उम्र में बालिकाओं के हार्मोन निरंतर रूप से बदलते हैं, इसलिए यदि मासिक धर्म के दौरान कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो बालिकाओं को तुरंत अपने नजदीकी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। साथ ही, शिविर में निःशुल्क रक्त जांच भी की गई।
विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी सचिन गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “स्वस्थ शरीर के बिना शिक्षा असंभव है, इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यह आयोजन स्वास्थ्य एवं जनसेवा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल रहा, जिसमें छात्राओं के साथ-साथ समाज के अन्य लोगों को भी लाभ प्राप्त हुआ।
इस मौके पर प्रधानाचार्या श्रीमती प्रेमलता बौड़ाई, संदीप पठानी, सागर, दीपक जोशी, एवं अभय शिवहरे सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

अर्पित फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री धामी को किया सम्मानित

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देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सीएम कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में अर्पित फाउंडेशन द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में शामिल हुए।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह सम्मान उनका व्यक्तिगत नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता के सहयोग और समर्थन का प्रतीक है, जिन्होंने हर ऐतिहासिक निर्णय में सरकार का साथ दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहले नकल और पेपर लीक जैसी समस्याओं से युवाओं के सपने टूटते थे, राज्य में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद पारदर्शिता से परीक्षाएं हो रही हैं और पिछले साढ़े तीन वर्षों में 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं को सशक्त करने के लिए अनेक योजनाएं लागू की गई हैं। संसद में एक तिहाही आरक्षण, उज्ज्वला योजना, लखपति दीदी योजना जैसी अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसी दिशा में उत्तराखंड सरकार ने भी मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, महालक्ष्मी योजना, वात्सल्य योजना, आंचल अमृत योजना और पोषण अभियान जैसे कई प्रभावी कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड पहला राज्य है जहाँ समान नागरिक संहिता को लागू किया गया है, जिससे समाज में समरसता और महिलाओं को समान अधिकार मिले हैं। लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य कर महिलाओं और बच्चों को कानूनी संरक्षण देने का कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में धर्मांतरण, लव जिहाद, लैंड जिहाद जैसी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। दंगारोधी कानून और सख्त भू-कानून लागू कर राज्य को सुरक्षित और संरक्षित बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। ये सभी निर्णय उत्तराखंड को एक आदर्श और सुरक्षित राज्य बनाने की दिशा में मजबूत नींव हैं। राज्य सरकार प्रदेश को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।
इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द मुनी महाराज, स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरी, स्वामी कृष्ण गिरी, स्वामी भरत गिरी, वरिष्ठ भाजपा नेता श्री श्याम जाजू, विधायक श्री दुर्गेश्वर लाल, अर्पित फाउण्डेशन की अध्यक्ष श्रीमती हनी पाठक और सामाजिक और सैनिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

यात्रा शुरू होने तक 16 हज़ार घोड़े- खच्चरों की सैंपलिंग की गयी : सचिव पशुपालन

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-22 से अधिक डॉक्टरों की टीम को यात्रा मार्ग में किया गया तैनात

देहरादून, सचिव पशुपालन डॉ. बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम ने बुधवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में केदारनाथ मार्ग में संचालित घोड़े खच्चरों में एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के बारे में पशुपालन विभाग द्वारा किए जा रहे प्रभावी कदम के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वायरस की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी एवं पशुपालन मंत्री श्री सौरव बहुगुणा के निर्देश पर पशुपालन विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं।
सचिव पशुपालन ने बताया कि राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान ने बीते 26 मार्च 2025 को रूद्रप्रयाग जिले के दो गांव में घोड़े खच्चरों की सैंपलिंग की थी, जिसमें एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित घोड़े होने की सूचना मिली थी। उसके बाद पशुपालन विभाग ने कई तैयारियां की, 4 अप्रैल से यात्रा शुरू होने तक उत्तराखंड में 16 हज़ार घोड़े- खच्चरों की सैंपलिंग की गई हैं, सैंपलिंग में जो घोड़े नेगेटिव आए हैं, उन्हीं घोड़ों को यात्रा में ले जाने की अनुमति दी गई। 16 हज़ार घोड़ों की सैंपलिंग में 152 सैंपल पॉजिटिव आए हैं , एवं इन 152 सैंपल का पुनः आर.टी.पी.सी.आर टेस्ट भी कराया गया। जिसमें किसी भी घोड़े खच्चर की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं पाई गई।
सचिव पशुपालन ने बताया कि 2 दिन की यात्रा में 13 घोड़े खच्चरो की मृत्यु होने की सूचना प्राप्त हुई है। जिसमें 8 घोड़ों की मृत्यु “डायरिया” एवं 5 घोड़ों की मृत्यु “एक्यूट कोलिक“ से हुई है, इसके साथ ही विस्तृत रिपोर्ट के लिए इनके सैंपल आई.वी.आर.आई.बरेली भेजे गए हैं। उन्होंने बताया मामले की गंभीरता को देखते हुए 22 से अधिक डॉक्टरों की टीम को यात्रा मार्ग में तैनात किया गया है।
सचिव पशुपालन ने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा इस स्थिति से निपटने के लिए जनपद में एक मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, दो उप मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, 22 पशु चिकित्सक, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र के दो वैज्ञानिकों की टीम तैनात की गई है। सचिव पशुपालन ने बताया इसके अतिरिक्त पंतनगर विश्वविद्यालय के दो विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती भी की हा रही है। दोनों विशेषज्ञ डॉक्टर वर्ष 2009 में भी इस बीमारी के रोकथाम में सक्रिय रूप के कार्य कर चुके हैं।
सचिव पशुपालन ने बताया कि यात्रा को सुचारू करने के लिए स्वस्थ एवं अस्वस्थ घोड़े खच्चरों को चिन्हित किया जा रहा है। अस्वस्थ घोड़े को यात्रा मार्ग में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही स्वस्थ घोड़ों की सैंपलिंग कर रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही उन्हें यात्रा मार्ग में ले जाने की अनुमति होगी। उन्होंने बताया कि हर वर्ष यात्रा मार्ग पर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से 2-3 हजार घोड़े खच्चर आते हैं। एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाव के चलते यूपी से आने वाले घोड़ों- खच्चरों पर वर्तमान समय तक पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया है। सचिव पशुपालन ने बताया कि एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस में जानवरों से मनुष्यों में संक्रमण नहीं फैलाता है, परंतु यह घोड़े- खच्चरों में इसका संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। सचिव पशुपालन ने बताया कि केदार घाटी में घोड़े- खच्चरों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्थानीय लोगों एवं घोड़े-खच्चर व्यवसायियों व अन्य संगठनों द्वारा भी यात्रा मार्ग पर घोड़े खच्चरों पर लगी रोक को आगे बढाने का अनुरोध किया गया है।
ताकि यात्रा मार्ग पर घोड़े खच्चरों में और संक्रमण बढ़ने की स्थिति उत्पन्न ना हो। उन्होंने बताया कि घोड़े खच्चरों के पुनः संचालन के लिए जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय स्तर पर निर्णय लिया जाएगा।

नन्हें फरिश्तों को मिला आशियाना, 174 मासूमों ने पाया नया परिवार

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देहरादून, प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बिना माता-पिता के रह रहे 174 बच्चों को नया परिवार मिला है। इनमें से 23 बच्चों को विदेशी दंपतियों ने गोद लिया, जिनमें तीन दिव्यांग बच्चे भी शामिल हैं। शेष 151 बच्चों को भारत के विभिन्न राज्यों के परिवारों द्वारा गोद लिया गया है। यह प्रक्रिया केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण के माध्यम से पूरी की गई, जो भारत सरकार की संस्था है और देश में गोद लेने की प्रक्रियाओं को नियंत्रित करती है। यह पहल बच्चों को बेहतर जीवन, शिक्षा और संरक्षण देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विशेष रूप से यह देखना प्रेरणादायक है कि दिव्यांग बच्चों को भी अपनाया जा रहा है।
मौजूदा समय में भी राज्य के देहरादून, हरिद्वार और अल्मोड़ा स्थित विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी (एसएए) के केंद्रों पर 22 बच्चे दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया में हैं। महिला एवं बाल कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में 170 के आसपास दत्तक ग्रहण के आवेदन लंबित हैं। प्रतीक्षा में करीब दो साल का वक्त लग रहा है। सामान्य प्रक्रिया के तहत पांच साल तक के उन बच्चों को गोद दिया जाता है, जिनके माता-पिता नहीं है या संतान को त्याग चुके हैं। जिन 23 बच्चों को विदेशों में गोद लिया गया है, उनमें ज्यादातर कनाडा, स्पेन, इटली, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड व फ्रांस में गोद लिए गए हैं।