Wednesday, May 21, 2025
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ग्लेशियर दिवस मात्र दिवस तक ही सीमित न रहे उसका अर्थ सार्थक होना अत्यन्त आवश्यक : शांति ठाकुर

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देहरादून, हिमालय एवं हिमनदियां बचाओ अभियान दल विगत 26 वर्षा से मां गंगा के अस्तित्व आधार गंगोत्री ग्लेशियर के संरक्षण व संवर्धन की लड़ाई लड़ रहा है, जिसमें दल की मुख्य मांग है कि गंगोत्री से आगे के सम्पूर्ण क्षेत्रों को जै० तपोवन, गौमुख, चौखम्बा, नन्दनवन आदि में मानवीय आवाजाही हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित कर दिया जाय। यह मांग आज स्थानीय प्रेस क्लब में ग्लेशियर लेड़ी शांति ठाकुर ने पत्रकारों के समक्ष रखी, उनका कहना था कि मेरे द्वारा गत वर्षों से मां गंगा के साथ ही मां यमुना एवं समस्त हिमनदियों व हिमालय के सरंक्षण हेतु आन्दोलन किया जा रहा है।
पत्रकारों से रूबरू होते हुये शांति ठाकुर ने कहा कि सम्पूर्ण भारतवर्ष के हिमालय में लगभग 9,575 ग्लेशियर है, इनमें से 267 ग्लेशियर 10 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र में फैले हुऐ है, उनमें भी उत्तराखण्ड में ही करीब 3,600 ग्लेशियर है, भारत का सबसे बड़ा ग्लेशियर सियाचिन है और उत्तराखण्ड का सबसे बडा ग्लेशियर मां गंगा का आधार गंगोत्री ग्लेशियर है और दूसरा बडा ग्लेशियर मिलम ग्लेशियर है (जो पिथौरागढ जिले में स्थित) है। लेकिन पर्यावरण, हिमालय और ग्लेशियरों की स्थिती आज से 35-40 वर्ष पूर्व जैसी थी आज उनके विपरीत हमारा पर्यावरण, हिमालय और ग्लेशियर हो गये है, ग्लेशियर लेड़ी ने कहा कि यह कहना गलत न होगा कि भारत की आधे से ज्यादा की आबादी का जीवन उत्तराखण्ड़ के ग्लेशियरो पर ही निर्भर है, जिनकी स्थिति दिन प्रतिदिन समाप्ति की ओर है।उत्तराखण्ड के सबसे बडे ग्लेशियर गंगोत्री ग्लेशियर की बात करें तो सन् 1984 की वैज्ञानिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार गंगोत्री ग्लेशियर की लंम्बाई 32 कि०मी० व चौडाई 4 कि०मी० थी वही सन् 2004 की वैज्ञानिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार गंगोत्री ग्लेशियर की लं0 28 कि०मी० व चौ० 2.5 कि०मी० ही रह गई है। जिससे स्पष्ट रूप से गंगोत्री ग्लेशियर के लगातार कम होने का अन्तर देखा जा रहा है। अगर गंगोत्री ग्लेशियर का पुनः से सर्वे करवाया जाय निश्चित ही आंकड़े भयावह होंगे परन्तु गंगोत्री ग्लेशियर के अस्तित्व का सत्य भी सामने आयेगा क्योंकि जिस प्रकार से गंगोत्री ग्लेशियर के पिघलने की रफ्तार प्रति वर्ष बढ़ रही है उससे यह आंकलन लगाना कठिन नहीं कि गंगोत्री ग्लेशियर का अस्तित्व 40-50 वर्षों तक का ही होना माना जा सकता है।
शांति ठाकुर ने कहा कि हिमालय व समस्त हिमनदियों के संरक्षण के लिए आन्दोलन किया जा रहा है जिसमें मेरे द्वारा सन् 2007 में उत्तराखण्ड़ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका भी लगाई गई जहां मेरी अनेक मांगों में बहुत मांगो को उच्चन्यायालय द्वारा स्वीकृत भी किया गया, जैसे गंगोत्री से आगे के क्षेत्रों में प्रतिदिन मात्र 150 लोगों को ही जाने दिया जायेगा (जिससे पूर्व गौमुख, तपोवन आदि क्षेत्रो मे अनियंत्रित संख्या में लोग जाते थे) जो की दल की बहुत बड़ी कामयाबी रही। परन्तु अभी भी अनेक अकुश लगने अत्यन्त आवश्यक है l जो कि पर्यावरण हिमालय के संरक्षण व संवर्धन हेतु अत्यन्त महत्वपूर्ण है, परन्तु मेरी आवाज पर न ही राज्य सरकार ने ध्यान दिया परन्तु मेरी आवाज निश्चित रूप से विश्व स्तर पर पंहुची और संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 मार्च 2025 को विश्व ग्लेशियर दिवस घोषित किया गया।
ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर ने कहा कि विगत 18 वर्षों से मेरे द्वारा 13 जून को ग्लेशियर संरक्षण दिवस मनाया जाता आ रहा है जिसे राज्य व भारत सरकार के माध्यम से घोषित करवाने हेतु मैंने बहुत प्रयास किये, कई पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे और भेंट कर ग्लेशियर संरक्षण दिवस मनाये जाने की विनती भी परन्तु किसी ने न सुनी, निश्चित ही मैं यह मानती थी कि ग्लेशियर संरक्षण दिवस घोषित करने का श्रेय मेरे राज्य एवं भारत सरकार को मिले परन्तु मेरा प्रयास सार्थक न हो पाया और आज संयुक्त राष्ट्र द्वारा यह कार्य किया जा रहा है।
शांति ठाकुर का कहना है कि ग्लेशियर दिवस मात्र दिवस के रूप तक ही सीमित न रहे उसका अर्थ सार्थक होना अत्यन्त आवश्यक है जिसके लिए हमारी सरकारों को निश्चित ही पहल करनी होगी।
पत्रकार वार्ता में कल्पना ठाकुर गुलेरिया, प्रमोद राणा, अनुराधा चौहान एवं रुद्रराणा आदि मौजूद रहे |

आवश्यक सुझाव एवं मांगे :

-उत्तराखण्ड सहित समस्त हिमालय के ग्लेशियरो का सर्वे शीघ्र कर प्रत्येक वर्ष उनके आंकडे एकत्रित करते रहने होगे जिससे उनके पिघलने की रफ्तार का अनुमान लगता रहेगा।

-ग्लेशियरों के संरक्षण व संवर्धन हेतु मुख्य ग्लेशियरों में मानवीय आवाजाही हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगाना अत्यन्त आवश्यक है कम से कम 15 वर्षों के लिए। (जै० गंगोत्री ग्लेशियर मिलभ ग्लेशियर, खतलिग, कालाबलंद हिमनद, मंओला) आदि ।

-राज्य स्तर व केन्द्र स्तर पर हिमालय ग्लेशियर संरक्षण की समितियां गठित की जाय, जिनमें प्रत्ये वर्ग जै०-अधिकारी, वैज्ञानिक, सेना अधिकारी एवं हिमालय ग्लेशियरों पर कार्य करने वाले मुख्य लोगों को आवश्यक रूप से सम्मलित किया जाय।

-बच्चों के पाठ्यक्रम में कक्षा प्रथम से ही हिमालय ग्लेशियरों का विषय होना आवश्यक किया जाना चाहिए। जिससे हमारी आने वाली पिढि हिमालय, ग्लेशियरो व पवित्र नदियों के महत्व को समझ सके।

-धामों में रात्री विश्राम किसी भी यात्रियों के लिए प्रतिबन्धित हो, जिसमें ट्राली के माध्यम से यात्रीगण दर्शन कर वापिस आये।

-हेलिकाप्टरों से हिमालय दर्शन पर पूर्ण प्रतिबन्धित किया जाय।

-पहाडों में जहाँ-जहाँ भविष्य के लिए रेल की स्वीकृति की गई है वह शीघ्रातीशीघ्र निरस्त की जानी आवश्यक है, जिससे पहाड़ो की सतह खोखली होने से बचेगी और हिमालय पहाड सुरक्षित रहेगे।

-पहाडों में डबल लाईन सडके जिनका कार्य गतिमान है उनके अतिरिक्त अन्य सडके स्वीकृत न की जाय जिससे पेडों का कटान न हो और पर्यावरण संतुलित रहे।

-पर्यटन व तीर्थाटन में अन्तर रखा जाय। पर्यटन हेतु उत्तराखण्ड, हिमाचल आदि अन्य राज्यों के उन स्थानों को विकसित किया जाय जो अभी तक पर्यटन से दूर है जिससे स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा और तीर्थाटन में भी मात्र श्रद्वालुगण ही आयेगे और धामो की पवित्रता भी बनी रहेगी।-पर्वतारोहियों हेतु कृत्रिम ग्लेशियर व पहाडों में साहसिक कार्य करवाया जाना आवश्यक है, जिससे ग्लेशियर, हिमालय सुरक्षित रहेगें।

क्षत्रिय चेतना मंच ने हर्षोल्लास से मनाई महाराणा प्रताप जयंती

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देहरादून, क्षत्रिय चेतना मंच ने महाराणा प्रताप भवन ननूर खेड़ा में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 486वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई, इस अवसर पर मुख्य अतिथि रायपुर विधायक उमेश शर्मा, विशिष्ट अतिथि देहरादून के मेयर गौरव थपलियाल तथा सभा के अध्यक्ष तथा मंच के संरक्षक राजेंद्र खत्री ने महाराणा प्रताप के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर तथा माल्यार्पण कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया, इस अवसर पर मंच के सभी पदाधिकारी व सदस्यों सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र वासियों ने भी महाराणा प्रताप को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक उमेश शर्मा ने कहा कि हमें धर्म एवं जाति से उठकर समाज सेवा में अपने आप को समर्पित करना चाहिए तथा वीर शिरोमणि से देश प्रेम व वीरता की प्रेरणा लेनी चाहिए।
इस अवसर पर संकल्प समिति की महासचिव श्रीमती अनीता नेगी के सहयोग से विभिन्न सरकारी स्कूलों के बच्चों हेतु चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया तथा बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जिसमें आलिया तोमर द्वारा जौनसारी नृत्य तथा आराध्या तोमर द्वारा महाराणा प्रताप के संक्षिप्त जीवनी प्रस्तुतीकरण मुख्य रहे। इस मौके पर प्रतयोगिता के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
मंच द्वारा 12वीं कक्षा में उत्तराखंड बोर्ड की टॉपर कुमारी अनुष्का राणा तथा समाजसेवी नवीन रावत को सामाजिक क्षेत्र में योगदान हेतु सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन मंच के प्रवक्ता शशिकांत शाही एडवोकेट तथा महेश रौथान ने किया ।
वरिष्ठ समाजसेवी एवं मंच के केंद्रीय महामंत्री रवि सिंह नेगी एडवोकेट ने कहा कि महाराणा प्रताप के देश प्रेम से सीख लेकर हमें अपने हक के लिए लड़ना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा युवाओं को समाज सेवा में जुड़कर अपने देश व समाज की सुरक्षा व उत्थान हेतु कार्य करना चाहिए। उन्होंने समस्त समाज से महाराणा प्रताप के आदर्शों का अनुकरण करने की अपील की,
अन्य लोगों के अलावा कार्यक्रम में देवेंद्र पुंडीर , श्याम यादव, अशोक वर्धन सिंह, सुरेंद्र सिंह तोमर, महेश रौथान , बुध सिंह रावत, राजीव पंवार , सोहन सिंह पंवार , बलवीर सिंह रावत, अंकित रौथान, राजेश राणा, धीरज सिंह नेगी, राम अवतार सिंह, दिगंबर सिंह नेगी, डॉ. अर्जुन सेनगर, डॉ. सुशील राणा, मनोज राणा, श्रीमती अनीता नेगी, श्रीमती रंजना रावत, श्रीमती सुषमा शाही, श्रीमती पुष्पा छेत्री, श्रीमती मीना मल, श्रीमती अनीता राणावत, श्रीमती कुसुम पंवार, कुमारी प्रियंका भंडारी, श्रीमती रीता कपूर, श्रीमती सरोज चौहान, कुमारी मनीष तोमर, श्रीमती कौशल्या राणा आदि उपस्थित थे।

16वें वित्त आयोग की टीम पहुंची देहरादून

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 – आज को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में होगी अहम बैठक
 – त्रिस्तरीय पंचायत, नगर निकाय प्रतिनिधियों और राजनैतिक दलों के साथ भी होगी बैठक
देहरादून(आरएनएस)।   16वें वित्त आयोग की टीम, आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में रविवार को देहरादून पहुंच गई है। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में राज्य सरकार की ओर से आयोग के सामने अपना प्रस्ताव रखा जाएगा। टीम दोपहर बाद नगर निकाय, पंचायत प्रतिनिधियों और राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेगी।
आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व वाले इस दल में आयोग सदस्य श्रीमति एनी जॉर्ज मैथ्यू, मनोज पांडा, सौम्या कांतिघोष आयोग के सचिव ऋत्विक पांडे, संयुक्त सचिव केके मिश्रा, संयुक्त निदेशक सुश्री पी अमरूथावर्षिनी शामिल हैं। रविवार को ओल्ड मसूरी रोड स्थित होटल हयात रीजेंसी
पहुंचने पर टीम का ढोल दमाऊ की थाप पर पारम्परिक तरीके से स्वागत किया गया। टीम सोमवार को विभिन्न स्तर पर राज्य के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से विचार विमर्श करेगी।
इसी क्रम में आयोग की टीम सोमवार सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक करेगी। जिसमें राज्य सरकार द्वारा अपनी तैयारियों को रखा जाएगा। इसके बाद आयोग की टीम मसूरी रोड स्थित होटल में नगर निकाय, त्रिस्तरीय पंचायतों के जनप्रतिनिधियों के साथ ही विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेगी। इससे पूर्व कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने भी अध्यक्ष वित्त आयोग और सदस्यों का जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने पर स्वागत किया।

कार्तिक स्वामी मंदिर में भव्य 108 बालमपुरी शंख पूजा का आयोजन, दक्षिण भारत से आए शिवाचार्यों ने बढ़ाई शोभा

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रुद्रप्रयाग- उत्तराखंड के प्रतिष्ठित एवं प्राचीन मंदिरों में शामिल, क्रौंच पर्वत पर स्थित भगवान कार्तिकेय मंदिर में विगत वर्षों की भाँति आज दक्षिण भारत से आये शिवाचार्यों की उपस्थिति में 108 बालमपुरी शंखों की विशेष पूजा एवं हवन का आयोजन विधिपूर्वक किया गया। इस अवसर पर केदार नाथ विधायक आशा नौटियाल, सचिव कौशल विकास सी रविशंकर भी उपस्थित रहे।
कार्तिकेय धाम में आयोजित इस विशेष, अद्वितीय और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत धार्मिक आयोजन ने
न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य आध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया, बल्कि देश की सांस्कृतिक एकता का भी प्रेरणादायक प्रतीक प्रस्तुत किया।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद, जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग एवं कार्तिक स्वामी मंदिर समिति के संयुक्त प्रयासों से सम्पन्न हुये इस कार्यक्रम में उत्तराखंड सहित देश के विभिन्न राज्यों से हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि इसमें तमिलनाडु राज्य के छह प्रमुख मंदिरों के प्रतिष्ठित शिवाचार्य विशेष रूप से सम्मिलित हुए। इन प्रमुख मठों में माईलम एथेनम, कूनमपट्टी एथेनम, कौमारा मुथ्त एथेनम, श्रृंगेरी मठ जैसे मंदिर शामिल थे। इन शिवाचार्यों ने उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक विरासत को एक सूत्र में पिरोते हुए न केवल शंख पूजा व वैदिक हवन अनुष्ठान सम्पन्न कराए, बल्कि स्थानीय परंपराओं के साथ भी आत्मीय संवाद स्थापित किया।
इस अवसर पर केदारनाथ विधायक श्रीमती आशा नौटियाल, उत्तराखंड सरकार में सचिव कौशल विकास रवि शंकर, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे सहित राज्य सरकार, प्रशासन एवं धार्मिक संगठनों के अनेक गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित रहे।जनसमूह को संबोधित करते हुए विधायक श्रीमती आशा नौटियाल ने कहा कि कार्तिक स्वामी मंदिर को धार्मिक पर्यटन के दृष्टिकोण से एक मॉडल स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने मंदिर तक पहुँच मार्ग, पार्किंग, धर्मशाला, शौचालय एवं पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं के शीघ्र निर्माण की घोषणा की। साथ ही मंदिर को राष्ट्रीय धार्मिक धरोहर के रूप में विकसित करने की आवश्यकता भी बताई।कौशल विकास सचिव रवि शंकर ने कहा कि यह भव्य आयोजन लगातार तीसरे वर्ष आयोजित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर दक्षिण भारत के कार्तिक स्वामी मंदिरों एवं क्रौंच पर्वत स्थित मंदिर के वस्त्रों का पारंपरिक आदान-प्रदान हुआ। 108 बालमपुरी शंख पूजा के आयोजन से यहां का धार्मिक पर्यटन तीन गुना बढ़ा है। भविष्य में मंदिर को रोपवे योजना से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, साथ ही तीन किलोमीटर लंबे पैदल मार्ग पर सुविधाओं का विस्तार भी किया जा रहा है।
इस आयोजन में जिला पर्यटन अधिकारी श्री राहुल चौबे, मंदिर समिति अध्यक्ष विक्रम सिंह नेगी, मंडल अध्यक्ष विनोद राणा, उत्तम सिंह नेगी, मगन सिंह, अर्जुन नेगी सहित अनेक स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने श्रद्धालुओं की सेवा और व्यवस्थाओं में सराहनीय योगदान दिया।

डीएम की दो टूकः युद्धस्तर करना ही है पेयजल समस्या का निस्तारण यह जान लें अधिकारी

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जन मन तक शुद्ध पेयजल आपूर्ति को जिला प्रशासन प्रतिबद्धः 

 

कंट्रोलरूम में 24×7 तैनात हैं कार्मिक अब तक मिली 68 शिकायतें, 55 निस्तारित

 

देहरादून  जिला प्रशासन जनमानस को निर्बाध शुद्ध पेयजल आपूर्ति को लिए प्रतिबद्ध जिलाधिकारी सविन बंसल के स्पष्ट निर्देश हैं कि विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने वाली पेयजल सम्बन्धी समस्या का हरहाल में निस्तारण होना है, यदि समस्या के पूर्ण समाधान में समय लग रहा है तो टैंकर, घोड़े खच्चर या जो भी व्यवस्था है विभाग को हरहाल में जनमानस शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है। पेयजल सम्बन्धी समस्याओं के निस्तारण को जिलाधिकारी द्वारा समिति का गठन किया गया है। वहीं आपदा कन्ट्रोलरूम को प्राप्त होने वाली पेयजल सम्बन्धी प्रत्येक शिकायत पेेयजल निमग, जलसंस्थान की सम्बन्धित डिविजन को हस्तांरित करते हुए शिकायतों के निस्तारण की मॉनिटिरिंग की जा रही है। जिले में संचालित कंट्रोल को विभिन्न माध्यमों से अब तक पेयजलापूर्ति बाधित होने की 68 शिकायतें मिली, जिसमें से 55 शिकायतों का समाधान कर पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। जबकि आज अभी तक 06 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें से 01 का निस्तारण कर लिया गया है, शेष पर कार्यवाही गतिमान है।

सुभाषनगर में पेयजल आपूर्ति बाधित होने की शिकायत पर बताया गया कि नलकूप में तकनीकि समस्या आने के कारण पेयजल आपूर्ति बाधित हुई है, जिसमंें जल संस्थान एवं स्मार्ट सिटी द्वारा सुधार कार्य कर दिया गया हैं, प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों से माध्यम से जलापूर्ति की गयी, वर्तमान में जलापूर्ति सुचारू है। इन्दिरापुरम में पेयजल लीकेज की शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करते हुए वर्तमान में पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। हरिद्वार बाईपास रोड पर संत निरंकारी भवन के सामने पानी का पाईप क्षतिग्रस्त शिकायत पर पेयजल लाईन मरम्मत कर सुचारू कर दी गई है। टर्नर रोड पेयजल शिकायत एडीबी, यूपीसीएल के कार्य के दौरान पेयजल लाईन क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसे ठीक कर दिया गया है वर्तमान में टर्नर रोड पर पेयजल आपूर्ति सुचारू है।

जिलाधिकारी के निर्देशों पर पेयजल संकट वाले क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की नियमित निगरानी करते हुए सभी ट्यूबवेल व नलकूपों पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। जल संस्थान एवं जल निगम के सभी डिविजनों को समस्याओं के निस्तारण के लिए टोल फ्री नंबर भी प्रचारित किए गए है। इसके अलावा कंट्रोल रूम के टोल फ्री नंबर 0135-2726066 व 1077 पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है।

 

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कार्यालय जिला सूचना अधिकारी देहरादून

जल संवाद के माध्यम से छात्रों को ‘जाड़ी’ सिखा रहा जलस्रोतों का महत्व

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टिहरी, जल वर्ष 2025 के अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज गालुड़धार टिहरी गढ़वाल के छात्रों के साथ विद्यालय द्वारा गोद लिए गए प्राकृतिक जल स्रोत ‘पथियाना’ में हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी के द्वारा जल संवाद आयोजित किया गया। जाड़ी संस्थान के द्वारा वर्ष 2025 को जल संकट के समाधान के लिए जल वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। संस्थान के द्वारा विद्यालयों में जल संवाद आयोजित किया जा रहा है।

जाड़ी संस्थान के सचिव एवं कल के लिए जल अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि जल संकट की चुनौती के समाधान के लिए छात्रों को प्रेरित करने के लिए विद्यालयों में जल संवाद आयोजित किया जा रहा है। वर्षा जल को संजोने एवं मिट्टी को बहने से रोकने के लिए छात्रों को प्रियजनों की याद में एवं अपने जन्मदिन पर कच्चे जल कुंड, कच्चे तालाब बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है।

कल के लिए जल अभियान से जुड़े विद्यालय के शिक्षक श्री नरेश बिजलवान ने कहा कि अभियान से प्रेरित होकर हमने विद्यालय के समीप पथियाना जल स्रोत को पुनर्जीवित एवं संरक्षित करने के लिए गोद लिया गया। छात्रों को जल स्रोत का डिसचार्ज लेना, सिखाया गया, धारे का हर महीने डिशचार्ज लिया जा रहा है, मासिक सफाई के साथ धारे के कैचमेंट एरिया में जिन लोगों के बंजर जमीन है उनसे उन पर जल कुंड बनाने के लिए बातचीत की जा रही है, जैसे उनसे सहमति बनती है फिर जल कुंड एवं कच्चे तालाब का निर्माण किया जाएगा।

स्कूल के प्रधानाचार्य श्री रमाकांत शर्मा ने कहा कि यह एक बेहतरीन कार्यक्रम है, इसके सुखद परिणाम भविष्य में देखने को मिलेगा।

इस अवसर पर श्री दीपक कुमार (प्रवक्ता रसायन विज्ञान), श्री महावीर नेगी (प्रवक्ता जीव विज्ञान) , व्यायाम शिक्षक जेपी जुयाल आदि शिक्षक के साथ-साथ छात्र-छात्रा जिसमें तनिषा ,दिव्यांशी, सुमित, आदेश,सूरज, लक्ष्य आदि मौजूद रहे l

लोक से कला को छीन बनाया गया शास्त्रीय : रणेंद्र

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-दून लाइब्रेरी में प्रो. लाल बहादुर वर्मा स्मृति व्याख्यान

 

-लोक-शास्त्र का द्वंद्व और वर्चस्ववादी संस्कृति विषय पर व्याख्यान

 

देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), लोक से कलारूपों को छीन शास्त्रीय बना दिया गया । फिर उसे लोगों से दूर कर दिया गया। रविवार को दून लाइब्रेरी एवं रिसर्च सेंटर में आयोजित प्रो. लाल बहादुर वर्मा स्मृति व्याख्यान की तीसरी श्रृखंला के तहत मुख्य वक्ता कथाकार व उपन्यासकार रणेंद्र ने ‘लोक-शास्त्र का द्वंद्व और वर्चस्ववादी संस्कृति’ विषय पर व्याख्यान दिया।

रणेंद्र ने कहा कि शास्त्रीय शब्दावली को खारिज करने की जरूरत है क्योंकि यह द्वैध पैदा करती है। कुलीन व आम का विभाजन पैदा करती है। श्रमजीवियों की लोक कलाओं पर ही अभिजात कब्जा कर उन्हें शास्त्रीय रूप देता है और लोक से अलग कर देता है। शास्त्रीयता को आधुनिकता से चिढ़ है ऐसे में वह नाट्यशास्र्् या फिर वेद में अपना मूल खोजती है जबकि उसका मूल लोक जीवन है। वह यह भी नहीं मानती कि उसमें बदलाव हो रहा है जैसे अलाउद्दीन खिलजी गोपाल राय को लाया अमीर खुसरो से मुलाकात कराई तो पारसी प्रभाव से ध्रुपद से खय़ाल पैदा हुआ। लोक को दरबार पहुंचाकर शास्त्रीय बना दिया जाता है। हमें कला के आम जन के बीच ही मूल स्रोतों को पहचानने की जरूरत है।

इतिहास बोध की ओर से आयोजित इस कार्य़क्रम में प्रो. लाल बहादुर वर्मा के डॉ. चंद्र भूषण अंकुर द्वारा संपादित गोरखपुर के समय के संस्मरणों के संकलन का लोकार्पण भी किया गया। प्रवाह सांस्कृतिक टीम के सदस्यों ने शैलेंद्र का जनगीत कवि किसका है कविता किसकी और दिनेश कुमार शुक्ल का गीत जाग मेरे मन मछंदर की संगीतमय प्रस्तुति की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व प्रोफेसर सदानंद शाही ने प्रोफेसर लाल बहादुर वर्मा से जुड़े अपने संस्मरण सुनाए और कहा कि वह इतिहास बोध ही नहीं इतिहास विवेक को जागृत करने वाले व्यक्ति थे।

विषमता के प्रति आलोचनात्मक रवैया ही इतिहास का विवेक जगाता है। कार्यक्रम का संचालन दिगंबर और कैलाश नौडियाल ने किया। इसके पहले कथाकार अरुण असफल ने मुख्य वक्ता उपन्यासकार रणेंद्र व कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. सदानंद शाही का विस्तृत परिचय दिया। कायर्क्रम मेंहाल में दिवंगत साहित्यकार सुभाष पंत, विजय गौड़ और विज्ञान कार्यकर्ता गजेंद्र बहुगुणा को भी श्रद्धांजलि दी गई।

इस मौके कवि राजेश सकलानी, कथाकार नवीन नैथानी, डॉ. जितेंद्र भारती, आशु वर्मा डॉ. आरपी सिंह, नरेश नौडियाल, प्रवीन समेत अनेक लोग मौजूद रहे।

यूनेस्को क्लब दून वैली ने 51 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रदान की छात्रवृत्ति

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देहरादून, यूनेस्को क्लब दून वैली ईस्ट ने रविवार को होटल एमजे रेजीडेंसी में अपना वार्षिक समारोह 2025 मनाया। वन मंत्री सुबोध उनियाल समारोह के मुख्य अतिथि थे। देहरादून कैंट की विधायक श्रीमती सविता कपूर और स्वतंत्र राज्य मंत्री श्री देवेन्द्र भसीन विशिष्ट अतिथि थे।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण, मुख्य अतिथि द्वारा 51 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करना था। छात्रवृत्ति के साथ-साथ सभी छात्रवृत्ति धारकों को स्कूल बैग, स्टेशनरी और भोजन पैकेट भी दिए गए।

बैठक की अध्यक्षता, अध्यक्ष श्री राहुल अग्रवाल, संस्थापक अध्यक्ष डॉ. सुरेश गोयल एवं सचिव श्री अंकित अग्रवाल ने की। अध्यक्ष ने पिछले वर्ष के बारे में विस्तृत जानकारी दी, जिसमें सभी परियोजनाओं को पूरा किया गया। डॉ. सुरेश गोयल ने हमारे क्लब के इतिहास और की गई गतिविधियों के बारे में बताया। कार्यक्रम में 80 से अधिक सदस्य एवं अतिथि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री के हाथों ई-रूपी प्रणाली एवं चार नई कृषि नीतियों का शुभारंभ

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– जल्द तैयार होगी प्रदेश की फ्लावर और हनी पॉलिसी
देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में आधुनिक तकनीक पर आधारित “ई-रूपी” प्रणाली का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने राज्य की कृषि व्यवस्था को नई दिशा देने के लिए चार महत्वाकांक्षी कृषि नीतियों (कीवी नीति, ड्रैगन फ्रूट, सेब तुड़ाई उपरांत तुड़ाई योजना और मिलट मिशन) का शुभारंभ करते हुए कहा कि सरकार जल्द ही प्रदेश में फ्लावर और हनी पॉलिसी भी तैयार करेगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-रूपी प्रणाली राज्य के अन्नदाताओं के लिए एक नई पहल है। “ई-रूपी प्रणाली” किसानों के लिए पारदर्शी, तेज और बिचौलिया-मुक्त डिजिटल भुगतान का नया माध्यम बनेगी। इस प्रणाली के अंतर्गत पायलट परियोजनाओं में किसानों को मिलने वाली अनुदान राशि ई-वाउचर (SMS या QR code) के माध्यम से सीधे उनके मोबाइल पर भेजी जाएगी, जिसे वे अधिकृत केंद्रों या विक्रेताओं से खाद, बीज, दवाएं आदि खरीदने में उपयोग कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने ई-रूपी प्रणाली के सफल क्रियान्वयन हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव-गांव में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को जागरूक किया जाए, ताकि वे इस तकनीक का समुचित लाभ उठा सकें। इन सभी पहलों का उद्देश्य राज्य के पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में कृषि एवं रोजगार को सुदृढ़ करना है, जिससे पलायन जैसी समस्या पर भी प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके। ये योजनाएं उत्तराखंड को आत्मनिर्भर, सशक्त एवं अग्रणी कृषि राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।

मुख्यमंत्री ने चार नई कृषि नीतियों का शुभारंभ करते हुए कहा कि ये सभी योजनाएं राज्य की कृषि विविधता को बढ़ावा देंगी और कृषकों की आय में वृद्धि का आधार बनेंगी।

इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सेब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 2030-31 तक 5,000 हैक्टेयर में अति सघन बागवानी का लक्ष्य तय किया गया है। सेब भंडारण व ग्रेडिंग हेतु ₹144.55 करोड़ की योजना लॉन्च की गई है, जिसमें सी.ए. स्टोरेज व सोर्टिंग-ग्रेडिंग इकाइयों को 50-70% तक राजसहायता दी जाएगी। कृषि मंत्री जोशी ने कहा कि मिलेट नीति के अंतर्गत 2030-31 तक 70,000 हैक्टेयर क्षेत्र आच्छादित करने के लिए ₹134.893 करोड़ का लॉन्च की गई है। इसमें किसानों को बीज बोआई और उपज खरीद पर प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। साथ ही ये नीतियाँ राज्य के कृषकों की आर्थिकी को सशक्त बनाएंगी और उत्तराखंड के उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएंगी।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष चाय विकास सलाहकार परिषद महेश्वर सिंह मेहरा, उपाध्यक्ष उत्तराखंड जैविक कृषि भूपेश उपाध्याय, जड़ी बूटी सलाहकार समिति के उपाध्याक्ष बलबीर धुनियाल, राज्य औषधीय पादप बोर्ड के उपाध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार, जड़ी बूटी समिति के उपाध्यक्ष भुवन विक्रम डबराल, सचिव डॉ. एसएन पांडेय, महानिदेशक कृषि रणवीर सिंह चौहान, निदेशक आईटीडीए गौरव कुमार सहित विभिन्न जिलों के काश्तकार मौजूद रहे।

कीवी नीति की खास बातें
कुल लागत 894 करोड़ रुपये
6 वर्षों में 3500 हेक्टेयर भूमि पर कीवी उत्पादन का लक्ष्य
लगभग 14 हजार मीट्रिक टन वार्षिक कीवी उत्पादन का लक्ष्य
9 हजार किसानों को होगा प्रत्यक्ष लाभ

ड्रैगन फ्रूट नीति की खास बातें
कुल लागत 15 करोड़ रुपये
228 एकड़ भूमि पर ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन
350 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य
छोटे और मध्यम किसानों को लाभ

सेब तुड़ाई उपरांत प्रबंधन योजना
144.55 करोड़ रुपये की लागत
5,000 हेक्टेयर क्षेत्र को अति सघन बागवानी से आच्छादित करना
22 सी ए स्टोरेज इकाइयों एवं सॉर्टिंग-ग्रेडिंग इकाइयों की स्थापना
व्यक्तिगत कृषकों को 50 प्रतिशत और कृषक समूहों को 70 प्रतिशत तक अनुदान।
मिलेट नीति
135 करोड़ रुपये की लागत
दो चरणों में 68 विकासखंडों में 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को मिलेट उत्पादन के अंतर्गत लाना निवेश पर 80 प्रतिशत तक अनुदान।
प्रति हेक्टेयर पंक्ति बुआई पर 4000 रुपये और अन्य विधियों पर 2000 रुपये प्रोत्साहन।
किसानों को खरीद पर 300 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त प्रोत्साहन।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में “तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा” का  किया गया भव्य आयोजन

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को  हल्द्वानी में आयोजित भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा सफलतापूर्वक चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की ऐतिहासिक विजय को समर्पित रही तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा में प्रतिभाग किया।
तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा मिनी स्टेडियम, हल्द्वानी से शहीद पार्क तक आयोजित की गई । जिसमें हजारों की संख्या में स्थानीय नागरिकों, पूर्व सैनिकों सहित युवाओं एवं मातृशक्ति ने तिरंगे के साथ पद यात्रा में भाग लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने शहीद स्थल में पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि भी दी।
मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर में भाग लेने वाले वीर सैनिकों को नमन करते हुए कहा कि भारत ने फिर से यह सिद्ध किया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में पूरी तरह सक्षम है। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने अपने वीर सपूतों की बहादुरी का प्रदर्शन किया। भारत ने आतंकवाद और उसके समर्थकों को यह स्पष्ट संदेश भी दिया है कि नया भारत अब हर आतंकी कार्रवाई का जवाब उसी की भाषा में देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड वीर भूमि है, जहाँ का लगभग हर परिवार देश सेवा से जुड़ा है। उन्होंने प्रदेश के युवाओं से आह्वान किया कि वे सेना और सुरक्षा बलों के अनुशासन, शौर्य और राष्ट्रसेवा की प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि आज भारत किसी भी आतंकी चुनौती का मुँहतोड़ जवाब देने में सक्षम है और अब देश की सीमाओं की रक्षा अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक से की जा रही है। आज भारत की सेना गोली का जवाब गोलों से दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के वीर जवानों ने  दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के मुख्य सेवक के रूप में, वो सभी वीर जवानों का अभिनंदन करते हैं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने पहले ही कहा था कि भारत के खिलाफ उठी दुश्मनों की आंख को हम मिट्टी में मिला देंगे। और यही हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने आतंकियों को ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया है कि कोई भी दुश्मन भारत की तरफ आंख उठाकर देखने की हिम्मत भी नहीं करेगा। प्रधानमंत्री की स्पष्ट नीति और मजबूत नेतृत्व के कारण आज आतंकवाद के खिलाफ हम निर्णायक वार करने में सफल रहे हैं। उन्होंने शौर्य सम्मान यात्रा को भारतीय सेना के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम को नमन करने, उनको प्रोत्साहित करने की यात्रा बताया। उन्होंने कहा तिरंगा यात्रा इस बात का प्रतीक है कि आज हमारा देश प्रधानमंत्री के नेतृत्व में गोली का जवाब गोलों से देना जानता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत अब सीधा एक्शन लेता है। भारत के सैनिकों की गोलियां अब आतंक, आतंकवाद और उनके आकाओं को नष्ट करने का कार्य करती है। हमारी सेनाएं किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए हरदम तैयार रहती हैं। उन्होंने कहा जिस तरह से भारत के नागरिग जन-गण-मन यात्रा में शामिल हो रहे हैं वह  इस बात का प्रतीक है कि पूरा भारत एकता के साथ आतंकवाद को जवाब देने के लिए हर समय तैयार है। उन्होंने कहा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद देश में जो गुस्सा आतंकियों को लेकर था उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महसूस किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि  प्रधानमंत्री ने सीधे आतंक की जड़ पर वार करने का फैसला लिया। जिसके लिए भारत की सेना को खुली छूट दी गई। भारतीय सेना ने बिना पाकिस्तान की सीमा में घुसे ही पाकिस्तान परस्त आतंकवाद को ऐसा सबक सिखाया जिसे देख पाकिस्तान भी सहम गया। भारत की सेना ने पाकिस्तान में पल रहे आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के साथ ही, आतंकियों को पालने-पोसने वाली पाकिस्तान सेना के सैन्य ठिकानों को भी भारत के ड्रोन और मिसाइलों ने सीधा निशाना बनाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश मजबूत हाथों में है। साल 2014 के बाद से  भारतीय सेना को और मजबूत किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने सेना की मजबूती के लिए जो मेड इन इंडिया हथियार बनाने पर जोर दिया है उसी का परिणाम आज दुनिया देख रही है। आतंकियों पर मेड इन इंडिया हथियारों ने जो कहर बरपाया है उससे दुनिया भारत की सैन्य ताकत को समझ चुकी है। भारत के सैन्य अभियान ने साबित कर दिया कि रक्षा के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि  भारत में निर्मित नवीनतम तकनीकी से युक्त स्वदेशी हथियार और अन्य संसाधन अन्य किसी भी देश के हथियारों और संसाधनों से कई हजार गुना अधिक कारगर है। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विश्व को यह बताया कि हम किसी से कम नहीं है। भारतीय सेना ने मात्र चार दिनों के अंदर ऐसा पराक्रम दिखाया कि पाकिस्तान को घुटनों के बल आकर संघर्ष विराम के लिए झुकना पड़ा। पाकिस्तान के डीजीएमओ को भारत से विनती करनी पड़ी।
तिरंगा सम्मान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बेहद भावुक नज़र आए। उन्होंने देवभूमि के वीर शहीदों और सैनिकों को याद करते हुए कहा कि सीमाओं पर देश की रक्षा कर रहे जवानों में हर पांचवे जवान का संबंध वीरभूमि उत्तराखंड से है। हमारे वीर सैनिकों ने देश की आन-बान-शान के लिए खुद को न्यौछावर किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका संबंध भी सैन्य परिवार से है। उन्होंने कहा वो एक सैनिक पुत्र होने पर गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने कहा जब भी वो शहीदों के बारे में सोचते हैं तो उनकी आंखें नम हो जाती हैं।
इस दौरान सांसद अजय भट्ट, विधायक  बंशीधर भगत, दिवान सिंह बिष्ट,  सरिता आर्या, राम सिंह कैड़ा, मोहन सिंह बिष्ट, मेयर गजराज बिष्ट, जिला पंचायत की प्रशासक बेला तोलिया, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, रुद्रपुर के मेयर विकास शर्मा, दर्जाधारी अनिल कपूर डब्बू, दीपक मेहरा, दिनेश आर्या,  शंकर कोरंगा,  रेनू अधिकारी, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी वंदना,  वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा एवं अन्य लोग मौजूद रहे।