हल्द्वानी, राज्य सरकार अब अतिक्रमण के खिलाफ सख्त रूख अपना रही है, दून में दो नदी बिन्दाल और रिस्पना से अतिक्रमण की जद में आये मकानों पर निशान लगाने और अब जल्द ही इन मकानों को हटाने की तैयारी में जिला प्रशासन कर रहा है, वहीं हल्द्वानी के करकसिया और देवखड़ी नाले पर बसे 500 से अधिक अतिक्रमण पर जिला प्रशासन बुलडोजर चलाने जा रहा है, जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की नोटिस जारी करने के बाद से वहां के लोगों में दहशत का माहौल है. आशियाना टूटने का डर लोगों को सताने लगा है,
इस संबन्ध में जिला प्रशासन के निर्देश पर गठित समिति ने जांच के बाद कब्जाधारकों को 15 दिन में खुद अतिक्रमण हटाने संबंधी नोटिस जारी किया गया है. ऐसे में नाराज लोगों हल्द्वानी एसडीएम कोर्ट पहुंचकर जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नोटिस वापस लेने की मांग की, मंगलवार को स्थानीय लोगों ने उपजिला अधिकारी कार्यालय में जबरदस्त प्रदर्शन कर कहा कि इस कार्रवाई से सीधे तौर पर 20 हजार से अधिक नागरिक प्रभावित हो रहे हैं और ज्यादातर परिवार निम्न आयवर्ग और मध्यम वर्ग भी परिवार हैं, जिनके सामने अब बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है, लोगों का कहना था कि वह पिछले कई सालों से वहां पर काबिज है और उनको सभी तरह की मूलभूत सुविधाएं दी गई है, लेकिन आज प्रशासन अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी कर उनका उत्पीड़न कर रहा है l
राज्य आंदोलनकारी ललित जोशी के नेतृत्व में एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देते हुए लोगों ने तत्काल कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की. उन्होंने इस पूरे मामले के स्थाई समाधान की मांग की गई है,
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि रकसिया और देवखड़ी नालो में बार-बार तोड़फोड़ की कार्रवाई केवल गरीबों पर की जा रही है, जबकि कई बिल्डर नालों को कब्जा कर बैठे हैं, लेकिन जिला प्रशासन उनको नहीं हटा रहा है. लोगों ने कहा कि स्थाई समाधान होना चाहिए ना कि लोगों को उजाड़ने का काम किया जाए l
वहीं स्थानीय लोगों ने कहा कि जिला प्रशासन ने उनका आशियाना उजाड़ने का काम किया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा. वहीं, एसडीम राहुल शाह ने बताया कि रकसिया नाले पर 286 और देवखड़ी नाले पर बसे 206 लोगों ने अतिक्रमण किया है, अतिक्रमण के चलते नाला संकरा हो गया है, जिसके चलते बरसात का पानी सड़कों पर आ जाता है. ऐसे में नाले की चौड़ाई पूर्व की भांति की जानी है जिसको लेकर अब अतिक्रमणकारियो को 15 दिन का समय दिया गया है उसके बाद प्रशासन अतिक्रमण हटाया शुरू कर देगा l